*यूपी ट्रेड शो स्वदेशी मेले का MLA ने किया उद्घाटन,न दिखी भीड़,तो स्वादेशी से क्यों परहेज,नेता न अधिकारी न किए कोई खरीदारी,कौन लेगा जिम्मेदारी*
*मेले में सभी फोटो खिंचवा कर खाली हाथ लौटे,नेता न अधिकारी ने की कोई खरीददारी,तो मोदी और योगी का कैसे होगा सपना पूरा*
सुल्तानपुर शहर स्थित पं.राम नरेश त्रिपाठी सभागार में स्वदेशी मेले का गुरुवार को आयोजन किया गया। जो लंभुआ से बीजेपी विधायक सीताराम वर्मा और भाजपा जिलाध्यक्ष सुशील त्रिपाठी ने संयुक्त रूप से इसका उद्घाटन किया। मुख्य बात ये रही कि इन सभी नेताओं ने फीता काटा और काट कर उद्घाटन कर चलते बने,यह सभी ने फोटो शूट करके खाली हाथ ही लौटे गए न किसी एक ने मेले में लगे स्टॉल से कुछ ख़रीदा और न खरीदना ही मुनासिब समझा। ऐसे में क्या समझा जाय कि सरकार कि योजनाओं को ये सब आगे बढ़ा रहे है या फिर उसे गड्ढे में गिरा रहे है। जिससे सरकार कि बदनामी करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे है अधिकारी और नेता।
आज उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले के मेले में जिला उद्योग केंद्र की लापरवाह अधिकारी की लापरवाही साफ देखने को मिली। आप देख सकते हैं कि यहां भीड़ आई ही नहीं। आती भी तो कैसे,जब बीजेपी के जिला महामंत्री विजय त्रिपाठी ने अक्टूबर में सितंबर का प्रचार प्रसार कर रहे हैं। हालांकि मेले का उद्देश्य जनपद के स्थानीय उत्पादों, हस्तशिल्प,लघु उद्यमी और स्वदेशी वस्तुओं को बढ़ावा देना है।
साथ ही आमजन को भारत सरकार एवं राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी देना था। यहां पर उद्योग केंद्र की उप आयुक्त की हीला-हवाली ऐसी रही। कि यहां पर उद्योग केंद्र के कर्मचारी ही नदारद रहे। प्रचार प्रसार के नाम पर शहर में मात्र एक दो होर्डिंग लगाकर औपचारिकता पूरी की गई है।
स्वदेशी जागरण मंच के विभाग संयोजक धर्मेंद्र द्विवेदी ने बताया कि प्रधानमंत्री ने लाल किले पर 15 अगस्त पर 45 मिनट स्वदेशी पर अपना भाषण दिया और दिमाग़ खर्च किया और देश के नाम बहुत बड़ा संदेश दिया। उसके बाद भी हर मीटिंग में अपने सभी अधिकारियों को इस संदर्भ में लगाए हुए हैं।
आज प्रदेश के हर जिलों में यह ट्रेड शो हो रहा है, उसी हिसाब से इस मेले में शाम 4:30 बजे तक कोई जनता नहीं दिखी। ये प्रचार प्रसार का अभाव होगा या फिर अधिकारियो और कर्मचारियों कि लापरवाही। यह मैं नहीं कह रहा हूँ यह तों आप के स्टॉल लगाने वाले ही कह रहे है। यही नहीं हम दुकानों पर भी गए,हमारी टीम भी गई,स्वदेशी जागरण मंच की टीम भी गई। उनसे पूछा गया तो पता चला ₹100 का अभी बेचे हैं इसमें क्या कहा जाए। यह बड़ी चिंता की बात है।
जहां भारत की अर्थव्यवस्था चौथे स्थान पर और भारत को विकसित बनाना चाहते हैं उसमें यह विजन अगर इस तरह काम की रफ्तार रही,तो नुकसान होगा। मैं डीएम साहब को भी थोड़ा सा कहना चाहूंगा कि वह अपने पूरे जिले भर के अधिकारी कर्मचारियों को निर्देशित करें या कहे यहां जो भी आए हैं चाहे ₹500 का ही है एक स्टॉल से सामान ले। या ₹500 खर्च करे मेले में तो जनता जागरूक होगी। ज़ब वही सब कुछ नहीं लेंगें,तों आम जनता क्या लेगी।
क्षेत्रीय उपाध्यक्ष सतीश चंद्र उपाध्याय ने बताया मुख्य अतिथि में जो सीताराम वर्मा विधायक थे वही आए थे अभी उन्होंने कुछ लिया नहीं है। मंच पे भाषण दिए और जो भी अधिकारी कर्मचारी थे उन्होंने भी कुछ नहीं लिया आज की बिक्री जो है जो यहां की जनता आई थी देखने के तौर पर उनके द्वारा हमारे विक्री 500 रुपए की हुई है। लोगों से अनुरोध है,अधिकारी कर्मचारी लगे हैं,जो हमारे नेता विधायक उनसे भी कहें भाई कुछ ले लीजिए। स्वदेशी कपड़ा है अपने हाथ से बुनकर लगाए हुए हैं,उनका भी रोजगार चल रहा,तो इसमें लोगों के द्वारा कुछ हो जाएगा,तो हम लोगों का आना यहां सफल हो जाएगा।
प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन पर हम लोग यह चला रहे हैं और पहले भी महात्मा गांधी की बनाई हुई संस्था द्वारा कपड़े बेचते रहे है। राहीलपारा गांव से आई सोनी बताती हैं कि यहां से 25 किलोमीटर दूर से आए हैं। यह दुकान सुबह 9:00 बजे से रात 8:00 बजे तक लग रही है। जितने अधिकारी या नेता गण आए थे वह सिर्फ देखें और पूछे कहां से आए हो,यही बताए लिए नहीं कुछ,न खरीदे ही कुछ,केवल फोटो खिचवाये और वे चले गए। केवल ₹400 की सिर्फ कुर्सी बिकी है।
ग्रामीण विकास सेवा संस्थान मजहरा धनपतगंज के राजेंद्र प्रसाद पांडे बताते हैं कि कोई खरीदारी नहीं की है किसी ने। आज पहले दिन बिक्री कम होगी यही उम्मीद है कि 8 दिन में कम से कम 1 लाख की बिक्री हो,तो मेहनत सफल होंगी,लेकिन यहां अधिकारी और नेता किसी ने सामान नहीं लिया। शहर के मुरारीदास की गली सुनीता सिंह बताती हैं प्रदर्शनी का टाइम 11 से 7 है लेकिन कोई बिक्री नहीं हुई है। बेचने का तो नहीं है कम से कम जानेंगे समझेंगे हम, प्रचार प्रसार ही हो रहा है। हम पहली बार आए हैं इतनी जानकारी नहीं थी,यहां पर बिक्री भी होगी,तो अच्छी बात है क्योंकि मेरी दुकान मुरारी दास की गली में है हम बंद करके आए हैं। जितने अधिकारी और नेता आए थे देख कर चले गए।
ग्रामीण विकास सेवा संस्थान के शिवम पांडे बताते हैं यह खादी का स्टाल है। मेरी स्टॉल पर विधायक सीताराम वर्मा और सुशील त्रिपाठी आए थे कुछ नहीं खरीदे। उन्होंने मंच से बोला जब मैं 25 से 30 साल का था तब से खादी का कुर्ता पहनता हूं। यह भी बोले आप लोग स्वदेशी के कपड़े खरीदिए और पहनिये। लेकिन न उन्होंने खरीदा और न ही किसी और अधिकारी ने खरीदा।
उप आयुक्त उद्योग विभाग नेहा सिंह ने बताया कि मेले का प्रमुख उद्देश्य स्वदेशी को बढ़ावा देना है। मेला 9 अक्टूबर से 18 अक्टूबर तक चलेगा। यह मेला 10 दिवसीय स्वदेशी मेला सुबह 11 से रात्रि 8:00 बजे तक चलेगा। आम जनमानस से अपील है कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में आकर लोग स्वदेशी सामानो की खीरदारी करे,जिससे हम लोग स्वदेशी को बढ़ावा दे सकें। जो हमारे स्टाल लगे हुए हैं। जो हमारे उद्यमी या वित्त पोषित इकाइयां हैं उनके स्टॉल यहां लगाए गए हैं।Report/LalJi
Oct 12 2025, 06:09