हम किसी का विरोध नहीं करते लेकिन जहां मेरे समाज की बात होगी खड़ी मिलेगी : कविता तिवारी


लखनऊ । राष्ट्रीय सवर्ण आर्मी भारत के राष्ट्रीय प्रवक्ता महिला कविता तिवारी ने मुखर होकर कहा कि सामाजिक सौहार्द समरसता बिगाड़ने का काम भीम आर्मी के कथित गुंडे कर रहे हैं बाबा साहेब का सब कुछ अच्छा चल रहा था,राइट लोग सारी आलोचना गांधी_नेहरू की किया करते थे।राइट विंग भी  बस अच्छी अच्छी बाते चुन चुन कर बताया करता था ,फिर बाबा साहेब के अनुयायियों ने हर किसी को गाली देना शुरू कर दिया । भगवान तक की नहीं छोड़ा तो लोगो का इंटरेस्ट जाग गया बाबा साहेब की जानने का रही सही कसर अब हाईकोर्ट बार एसोशिएशन के पूर्व चेयरमैन से पंगा ले कर पूरी कर ली। जिला बार के अध्यक्ष से शासन प्रशासन पंगा नहीं लेता । इन्होंने हाईकोर्ट बार से ले लिया है।मामला इन पर बुरा तरह बैंक फायर हो गया ।

अपराध सिद्ध करने के लिए कोर्ट में साबित करना पड़ेगा कि बाबा साहेब तो अंग्रेजों के विरोधी थे। बार अध्यक्ष कोर्ट में पूरा ऐतिहासिक रिकॉर्ड रखेंगे। बाबा साहेब जहा होगे इन मूर्खों को श्राप दे रहे होगे । अगर संविधान पढ़ लेते संविधान छोड़ो कम से कम अम्बेडकर के बारे में पढ़ लेते अकल आ जाती लेकिन इनको भगवान को गाली देनी है ब्राह्मणों को यूरेशिया भगाएंगे भले ही खुद के पास घर जाने का भाड़ा न हो। एड अनिल मिश्रा को सवर्ण समाज का पूरा समर्थन मिल रहा है, फिर भी ये नीले कबूतर फड़फड़ा रहे हैं तुच्छ मानसिकता से ग्रसित हो कर समाज में जहर फैला रहे हैं अपशब्द बोल रहे हैं ये अराजकता फैला रहे हैं,इनको मुंह तोड़ जवाब दिया जाएगा , राष्ट्रीय सवर्ण आर्मी भारत मजबूती के साथ धरातल पर अनिल मिश्रा जी के साथ खड़ी है ,कष्ट की बात है कि मध्य प्रदेश के शासन प्रशासन में बैठे सवर्ण चुप हैं,जबकि अन्य वर्ग के लोग खुल कर अपने वर्ग का साथ दे रहे हैं, हम सभी से आग्रह करती हु कि इस अस्तित्व के लड़ाई में आप सभी साथ आए एड अनिल मिश्रा की आवाज कमजोर नहीं होनी चाहिए।
ग्राम पंचायत भरतपुर का जैव उर्वरक संयंत्र बना आय का साधन, अब तक ₹1.50 लाख की हुई आय


*मुख्यमंत्री योगी की “आत्मनिर्भर ग्राम” परिकल्पना को साकार करता अलीगढ़ जनपद की भरतपुर ग्राम पंचायत का बायोफर्टिलाइज़र प्लांट*


लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आत्मनिर्भर ग्राम और स्वच्छ व समृद्ध पंचायत  के विज़न को साकार करते हुए ग्राम पंचायत भरतपुर,अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश) ने एक अनूठी पहल की है। यहां नवंबर 2024 से संचालित जैव उर्वरक संयंत्र (Biofertilizer Plant) अब राज्य का मॉडल प्लांट बन गया है। इस संयंत्र से ग्राम पंचायत को अब तक ₹1.50 लाख की आय हुई है, जिससे पंचायत की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है और स्थानीय विकास कार्यों को नई दिशा मिली है।

पंचायती राज मंत्री ओम प्रकाश राजभर एवं विभागीय अधिकारियों के मार्गदर्शन में शुरू की गई इस परियोजना में, पंचायत क्षेत्र से एकत्रित कचरे और पारंपरिक खाद्य अवशेषों का उपयोग कर पर्यावरण-अनुकूल जैविक खाद तैयार की जा रही है। यह न केवल स्वच्छता और हरित विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी सशक्त बना रहा है।

इस परियोजना की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें स्वयं सहायता समूह (SHG) से जुड़ी लगभग 30 महिलाओं को प्रत्यक्ष रोजगार प्राप्त हुआ है। इस पहल ने ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक स्वावलंबन का अवसर दिया है और  *“महिला सशक्तिकरण के माध्यम से ग्राम विकास”* के मॉडल को वास्तविकता में बदला है।

ग्राम प्रधान *नीलम चौहान* की सक्रिय भूमिका, दूरदर्शी नेतृत्व और सतत प्रयासों से यह परियोजना सफलतापूर्वक धरातल पर उतरी। पंचायती राज विभाग की तकनीकी सहायता और निगरानी से यह संयंत्र सुचारू रूप से संचालित हो रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पंचायती राज मंत्री द्वारा समय-समय पर ग्रामीण नवाचारों को प्रोत्साहन देने की नीति के तहत, भरतपुर पंचायत का यह मॉडल अब राज्यभर की अन्य पंचायतों के लिए प्रेरणादायक उदाहरण बन गया है।
महिला आयोग ने बंदी महिलाओं को लौटाया करवा चौथ का उजाला : डॉ बबिता
*बंदीगृहों में भी सजेगा प्रेम और विश्वास का पर्व - महिला आयोग की पहल पर अपने पतियों संग करवा चौथ मनाएंगी महिला बंदियाँ*


लखनऊ। महिलाओं के अधिकारों एवं उनके सम्मान की भावना को सशक्त बनाने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग ने एक अभूतपूर्व और संवेदनशील पहल की है। आयोग द्वारा निर्णय लिया गया है कि प्रदेश के विभिन्न जनपदों में स्थित महिला बंदीगृहों में आवासित महिलाएँ आगामी 10 अक्टूबर 2025 को करवा चौथ का पर्व अपने पतियों की उपस्थिति में पारम्परिक रूप से मनाएँगी।

यह निर्णय उ.प्र. राज्य महिला आयोग (संशोधन) अधिनियम 2013 की धारा 9 के अंतर्गत आयोग के निर्धारित कार्यों के क्रम में लिया गया है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि महिला बंदियों को भी अपने भावनात्मक और पारिवारिक अधिकारों से वंचित न रहना पड़े। आयोग की अध्यक्ष डॉ. बबीता सिंह चौहान ने बताया कि करवा चौथ केवल एक व्रत नहीं बल्कि प्रेम, निष्ठा और विश्वास का प्रतीक पर्व है। महिला आयोग का यह प्रयास बंदीगृहों की दीवारों के भीतर भी स्नेह, सम्मान और आत्मिक जुड़ाव की भावना को पुनर्जीवित करेगा। उन्होंने कहा कि महिलाओं के अधिकार केवल कानूनी नहीं, बल्कि भावनात्मक और सामाजिक भी हैं — और आयोग इन सभी पहलुओं की समान रूप से संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है।

डॉ. बबिता सिंह ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र जारी कर  अनुरोध किया है कि अपने-अपने जनपदों में महिला बंदीगृहों की पात्र महिलाओं के पतियों को तथा बंदीगृह में निरूद्ध पुरुष बंदियों की पत्नियों को कारागार में आमंत्रित कर करवा चौथ का पर्व पारंपरिक विधि-विधान के साथ मनाए जाने हेतु आवश्यक निर्देश जारी करें।
डॉ बबिता सिंह चौहान ने बताया कि यह आयोजन महिला आयोग की उस सोच का प्रतीक है जो "हर परिस्थिति में महिला के सम्मान और संवेदना की रक्षा" के प्रति राज्य की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
*नेतृत्व संभालती बेटियाँ: एक दिन की जिलाधिकारी बनकर रचा नया इतिहास*


*कन्या जन्मोत्सव से गूंजे अस्पताल-  मिशन शक्ति ने बेटियों के स्वागत को बनाया जन-आंदोलन*

  *अपर मुख्य सचिव लीना जौहरी ने कहा, आज का दिन बहुत ही खास रहा*


लखनऊ। महिला एवं बाल विकास विभाग, उत्तर प्रदेश द्वारा मिशन शक्ति 5.0 के अत्तर्गत अतरराष्ट्रीय बालिका सप्ताह (3 से 11 अक्टूबर) थीम के तहत आज पूरे प्रदेश में 2 अनूठे कार्यक्रम आयोजित किये गये। इन विशेष आयोजन में एक तरफ तो विभिन्न जनपदों की प्रतिभाशाली और इच्छाशक्ति से परिपूर्ण बालिकाओं तथा महिलाओं को ' *एक दिन की जिलाधिकारी*" की जिम्मेदारी सौंपी गई। इस पहल का उद्देश्य था कि बालिकाएँ न केवल नेतृत्व क्षमता को प्रत्यक्ष रूप से अनुभव करे, बल्कि उन्हें प्रशासनिक व सामाजिक उत्तरदायित्वों की गहरी समझ भी प्राप्त हो।
दूसरी तरफ आज पूरे प्रदेश में हर्षोल्लास के साथ "कन्या जन्मोत्सव मनाया गया। इस विशेष अवसर पर प्रत्येक जनपद के सरकारी अस्पतालों, सीएचसी, पीएचसी और ब्लॉक स्तर पर उन बालिकाओं का सामूहिक उत्सवपूर्वक स्वागत किया गया जिन बालिकाओं ने आज जन्म लिया। कार्यक्रम का उद्देश्य यह संदेश देना था कि बेटियों का जन्म न केवल परिवार के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए हर्ष और गर्व का विषय है।

आज के कार्यक्रम में प्रत्येक जिले से चयनित बालिकाओं को जिला प्रशासन के कार्यों का वास्तविक अनुभव कराया गया। सुबह औपचारिक रूप से उन्हें एक दिन की जिलाधिकारी के रूप में पदभार ग्रहण कराया गया, जिसके बाद उन्होंने विभागीय बैठको में भाग लिया, विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की और अधिकारियों को दिशा-निर्देश भी दिए। कई जिलों में बालिकाओं ने महिला सुरक्षा, बाल संरक्षण, शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वच्छता जैसे मुद्दों पर अधिकारियों से संवाद कर अपनी राय रखी और सुझाव प्रस्तुत किए। यह अनुभव बालिकाओं के लिए केवल औपचारिक दायित्वों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि उन्हें यह आत्मविश्वास भी मिला कि वे भविष्य में उच्चतम पदों पर पहुंचकर निर्णयकारी भूमिका निभा सकती है।

इस आयोजन से बालिकाओं ने प्रशासनिक कार्यशैली का गहन अनुभव प्राप्त किया। उन्हें यह समझने का अवसर मिला कि किस प्रकार से जिला स्तर पर विभिन्न योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाता है, जनता की समस्याओं को सुना जाता है और उनके समाधान के लिए प्रभावी कदम उठाए जाते हैं। बालिकाओं ने महसूस किया कि वे अपने अधिकारों और दायित्वों के प्रति सजग रहते हुए समाज को नई दिशा देने की क्षमता रखती है।

प्रदेश भर में आयोजित इस कार्यक्रम ने अभिभावको और समाज को यह सोचने के लिए प्रेरित किया कि बालिकाओ को केवल घर और परिवार की सीमाओ तक न देखा जाए, बल्कि उन्हे प्रशासन, राजनीति, विज्ञान, शिक्षा और अन्य सभी क्षेत्रो में योगदान देने का अवसर मिले। जहाँ-जहाँ बालिकाओं ने जिलाधिकारी का पद संभाला, वहाँ उनकी गंभीरता, परिपक्वता और नेतृत्व क्षमता देखकर सभी अधिकारी और कर्मचारी भी प्रभावित हुए।

दूसरी ओर आज जन्म लेने वाली बालिकाओं और उनकी माताओं का सम्मान किया गया। अस्पतालों में नवजात बालिकाओं का विधिवत पूजन कर उन्हें उपहार स्वरूप वस्त्र, फल, पौष्टिक आहार सामग्री और शुभकामना कार्ड भेट किए गए। माताओं और बालिकाओं के इस सम्मान समारोह ने वातावरण को उल्लास और सकारात्मकता से भर दिया। परिवारों को यह संकल्प दिलाया गया कि वे बालिका को शिक्षा, स्वास्थ्य और समान अवसर प्रदान करने के लिए सदैव तत्पर रहेंगे।

कन्या जन्मोत्सव का सबसे अनूठा पहलू यह रहा कि इस आयोजन को सीधे तौर पर उतर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना "मुख्यमन्त्री कन्या सुमंगला योजना से जोड़ा गया। कार्यक्रम के दौरान माताओं को योजना की पात्रता, लाभ और प्रक्रिया की जानकारी दी गई, ताकि प्रत्येक नवजात बालिका को जन्म के साथ ही सुरक्षित भविष्य की गारंटी मिल सके। विभागीय अधिकारियों ने उपस्थित परिवारों को बताया कि इस योजना के अंतर्गत जन्म से लेकर उच्च शिक्षा तक बालिकाओं को 6 अलग-अलग चरणों में आर्थिक सहयोग उपलब्ध कराया जाता है। मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना को कन्या जन्मोत्सव से जोडने का संदेश यह रहा कि सरकार हर बेटी के साथ खड़ी है और उसके सपूर्ण विकास और आत्मनिर्भरता के लिए ठोस कदम उठा रही है।

जिलाधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों ने स्वयं अस्पतालों में पहुँचकर माताओं का सम्मान किया और नवजात बालिकाओं का स्वागत किया। कई जिलों में परिवारों को पौधारोपण के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि बेटियों का जन्म धरती को हरियाली और समाज को नई ऊर्जा प्रदान करता है। नवजात के जन्म की संख्या के अनुसार वृक्षारोपण किया गया, जिससे पर्यावरण संरक्षण और बेटी बचाओ के संकल्प को एक साथ आगे बढाया जा सके।

इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास विभाग, उत्तर प्रदेश की *अपर मुख्य सचिव लीना जोहरी* ने कहा, "आज का दिन ऐतिहासिक है, जब हमारी बेटियों ने एक दिन के लिए जिलाधिकारी बनकर नेतृत्व का साहसिक उदाहरण प्रस्तुत किया। मिशन शक्ति का यही उद्देश्य है कि हर बेटी को यह विश्वास मिले कि वह केवल अपने सपनों तक सीमित न रहे, बल्कि उन्हे साकार करने की शक्ति भी उसके भीतर है। यह अनुभव उनके जीवन में प्रेरणा का स्रोत बनेगा और आने वाले समय में उन्हें समाज की दिशा बदलने की ताकत प्रदान करेगा।"

एक दिन की जिलाधिकारी कार्यक्रम के अंतर्गत प्रदेश भार में 350 से अधिक बालिकाओं को जिलाधिकारी, उप जिलाधिकारी, मुख्य चिकित्सा धिकारी, पुलिस अधीक्षक सहित विभिन्न प्रशासनिक पदों का दायित्व सौंपा गया। साथा ही कन्या जन्मोत्सव के अंतर्गत 1 ही दिन में जन्म लेने वाली 500 से अधिक बालिकाओं का स्वागत उनके जन्मोत्सव के माध्यम से किया गया।
*भारत पशुधन ऐप विषयक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया*

*ऐप के माध्यम से विभिन्न गतिविधियों के रियल टाइम आंकड़ें भी उपलब्ध होंगे : धर्मपाल सिंह*


लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह की अध्यक्षता में आज यहां उप्र पशुधन विकास परिषद और पशुपालन विभाग द्वारा नेशनल डिजिटल लाइव स्टॉक मिशन अन्तर्गत विकसित किए गए भारत पशुधन ऐप के समुचित उपयोग विषयक एक दिवसीय व्यवहारिक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन राज्य ग्राम्य विकास संस्थान, बख्शी का तालाब, लखनऊ में किया गया।
इस अवसर पर पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि भारत पशुधन ऐप पर पशु एवं पशुपालक पंजीकरण के साथ ही पशुओं के समस्त प्रजनन एवं स्वास्थ्य आकड़ों का डिजिटल अभिलेखन किया जा रहा है, जिनके एआई एवं मशीन लर्निंग के उपयोग द्वारा अध्ययन/विश्लेषण से समुचित योजना निर्माण/निर्धारण में सहायता मिलती है। उन्होंने कहा कि ऐप के माध्यम से पशुओं का चिन्हांकन भी होगा, जिससे उच्च क्षमता युक्त जर्म प्लाज्म वाले पशुओं की उपलब्धता के सम्बन्ध में जानकारी मिल सकेगी। साथ ही पशु रोग, टीकाकरण, कृत्रिम गर्भाधान आदि महत्वपूर्ण गतिविधियांे के सम्बन्ध में रियल टाइम आंकड़ें भी उपलब्ध होंगे। उन्होंने इस अवसर पर सभी प्रतिभागियों को भारत पशुधन ऐप पर अंकन सम्बन्धी महत्तवपूर्ण कार्य पर विशेष ध्यान दिये जाने हेतु आह्वान किया।

कार्यक्रम में महानिदेशक पं. दीनदयाल उपाध्याय राज्य ग्राम विकास संस्थान उप्र एल वेंकटेश्वर लू ने पशुपालन के क्षेत्र में प्रगति हेतु सुदृढ़ डिजिटल डाटा बेस की महत्ता समझाते हुए ऐप पर आंकड़ों के समुचित अंकन सुनिश्चित करने हेतु पूर्ण मनोयोग से प्रशिक्षण प्राप्त करने का आह्वान किया।
कार्यक्रम में प्रमुख सचिव पशुधन मुकेश कुमार मेश्राम, द्वारा सभी प्रशिक्षणार्थियों को भारत पशुधन एवं और डाटाबेस के महत्व के सम्बन्ध में अवगत कराते हुए ऐप पर सम्बन्धित आंकड़ों का अधिक से अधिक अंकन करने और कराने हेतु प्रोत्साहित किया गया।
कार्यक्रम में एन.डी.एल.एम. ग्रुप, एन.डी.डी.बी. से आये प्रशिक्षक नवीन सिंह एवं डॉ. जिगर रावल द्वारा भारत पशुधन ऐप के एडमिन मॉडयूल, एनिमल ब्रीडिंग मॉडयूल, एनिमल हेल्थ माडयूल के बारे में विस्तार से अवगत कराया गया। कार्यक्रम में देवेन्द्र पाण्डेय, विशेष सचिव पशुधन ने भी प्रशिक्षणार्थियों को डिजिटल अभिलेखन के बारे में विस्तार से बताया।
विभाग के निदेशक, प्रशासन एवं विकास, डॉ. योगेन्द्र सिंह पवार तथा मुख्य कार्यकारी, उप्र पशुधन विकास परिषद डॉ. प्रमोद कुमार सिंह द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम में उपस्थित समस्त प्रतिभागियों से भारत पशुधन ऐप पर सूचनाएं समयबद्ध रूप से अंकित करने की अपेक्षा की गई। प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रदेश के समस्त जनपदों से नामित नोडल अधिकारियों, कम्प्यूटर ऑपरेटर्स, पशुचिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय, मिल्क प्रोडयूसर कम्पनियों, एन.जी.ओ. आदि के प्रतिनिधियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. वीनू पाण्डे, उपनिदेशक परिषद द्वारा किया गया।
पर्यटन मंत्री ने अयोध्या पहुँच कर दीपोत्सव- 2025 की तैयारियों का लिया जायज़ा

*इस वर्ष राम की पैड़ी सहित 56 घाटों पर जलाए जाएंगे 26 लाख से अधिक दीप - जयवीर सिंह*

                                                                           लखनऊ। दीपोत्सव -2025 के लिए होने वाले मॉक ड्रिल से दस दिन पूर्व उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने आज अयोध्या पहुंचकर दीपोत्सव तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने विभागीय उच्चाधिकारियों, अयोध्या प्रशासन तथा जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक की। पर्यटन मंत्री ने कहा, इस दीपोत्सव का विशेष आकर्षण करीब 100 बच्चों की वानर सेना होगी, जो प्रभु श्रीराम की रथ यात्रा के दौरान उपस्थित रहेंगे। उन्होंने कार्यक्रम स्थलों की व्यवस्था, सजावट, प्रकाश, तथा सांस्कृतिक आयोजनों की रूपरेखा की विस्तृत जानकारी ली। इस दौरान अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय की गई।

   पर्यटन मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि 'यह आयोजन न केवल भव्य और यादगार हो, बल्कि सुरक्षा, स्वच्छता और आगंतुक सुविधाओं के मामले में भी मिसाल पेश करें। उन्होंने कहा कि दीपोत्सव के दौरान महिला सुरक्षा, सफाई, साइनेज, पेयजल, प्रसाधन तथा सूचना-सुविधाओं की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, ताकि देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को सर्वाेत्तम अनुभव मिल सके।' उन्होंने कहा, 'दीपोत्सव आयोजन में आगंतुकों की संख्या की जानकारी के लिए एआई आधारित कैमरों से निगरानी प्रणाली हेतु समुचित व्यवस्था की जाएगी। साथ ही, शोभा यात्रा के दौरान पर्यटकों और दर्शनार्थियों को सड़क के दोनों ओर सुव्यवस्थित तरीके से अवलोकन की उचित व्यवस्था रहेगी। हेलीपोर्ट से राम रथ तक रास्ते के दोनों ओर ढोल नगाड़ों, पुष्प, अबीर, गुलाल व राम दरबार आदि सुनिश्चित की जाएगी।'
मंत्री ने कहा कि इस वर्ष दीपोत्सव की झांकियों में बच्चों की सक्रिय भागीदारी विशेष आकर्षण का केंद्र होगी। पहली बार 100 बच्चों की वानर सेना नगाड़ों की गूंज के बीच भगवान श्रीराम की रथयात्रा में शामिल होकर अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करेगी। इसके अलावा, अयोध्या के प्रमुख मंदिर, मठों एवं धार्मिक स्थलों की प्रबंधन समिति से समन्वय स्थापित करते हुए दीप प्रज्ज्वलन एवं साज-सज्जा संबंधी व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। बैठक में दीपोत्सव के सजीव प्रसारण हेतु 35 एल.ई.डी. स्क्रीन की व्यवस्था के साथ ही केबल प्रसारण में दिक्कत ना आए, उसके निर्देश दिए गए।'
श्री सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के मार्गदर्शन में दीपोत्सव-2025 में एक बार फिर इतिहास रचा जाएगा। सरयू तट स्थित राम की पैड़ी सहित 56 घाटों पर 26 लाख से अधिक दीयों को एक साथ प्रज्वलित कर नया गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड दर्ज कराने की तैयारी है। अंतरराष्ट्रीय मानकों और पर्यावरण अनुकूल आयोजन हमारी प्राथमिकता है। अयोध्या की सड़कों, घाटों और धरोहर स्थलों को रामायण की थीम पर सजाया-संवारा जाएगा, ताकि हर आगंतुक को लगे मानो वे स्वयं श्री राम की कथा का हिस्सा हों।
इस दौरान महानिदेशक पर्यटन राजेश कुमार, प्रमुख सचिव पर्यटन, संस्कृति एवं धर्मार्थ कार्य अमृत अभिजात, विशेष सचिव पर्यटन ईशा प्रिया, अयोध्या के नगर आयुक्त, मेयर गिरीशपति त्रिपाठी, सदर विधायक वेद प्रकाश गुप्ता, सीतापुर के विधायक तथा पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के अधिकारियों की उपस्थिति रही।
*सीएम योगी की दूरदर्शी पहल से मुजफ्फरनगर में तकनीकी शिक्षा का नया अध्याय शुरू*

*सेंटर ऑफ इन्वेंशन, इनोवेशन, इनक्यूबेशन एंड ट्रेनिंग का हुआ भूमि पूजन एवं शिलान्यास*

*युवाओं को मिलेंगे रोजगार के अवसर: मंत्री कपिलदेव*

लखनऊ/ मुजफ्फरनगर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दूरदर्शी सोच और विशेष प्रेरणा से बुधवार को जनपद मुजफ्फरनगर में तकनीकी शिक्षा और कौशल विकास के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक शुरुआत हुई। इस पहल के तहत जनपद में सेंटर ऑफ इन्वेंशन, इनोवेशन, इनक्यूबेशन एंड ट्रेनिंग (CIIIT) का भूमि पूजन एवं शिलान्यास किया गया। इस पहल ने प्रदेश में रोजगारपरक शिक्षा को नई गति दी है और युवाओं के लिए आत्मनिर्भरता का नया मार्ग प्रशस्त किया है।

व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता विभाग के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल ने “सेंटर ऑफ इन्वेंशन, इनोवेशन, इनक्यूबेशन एंड ट्रेनिंग (CIIIT)” का भूमि पूजन एवं शिलान्यास किया। गायत्री मंत्र के उच्चारण के साथ हुए इस धार्मिक और औपचारिक समारोह ने पूरे क्षेत्र में उत्साह का माहौल बना दिया। शिलान्यास कार्यक्रम शारदेन स्कूल, मेरठ रोड, मुजफ्फरनगर में आयोजित हुआ। भूमि पूजन के बाद  मंत्री और मंच पर उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों ने वृक्षारोपण करते हुए पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया।

मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का उद्देश्य केवल डिग्री देना नहीं, बल्कि रोजगारपरक शिक्षा के माध्यम से युवाओं को तकनीकी और आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में यह संस्थान उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी तकनीकी शिक्षा और रोजगार शक्ति के रूप में स्थापित होगा।

कार्यक्रम में टाटा टेक्नोलॉजी लिमिटेड, पुणे के विशेषज्ञ अधिकारियों ने सीआईआईआईटी परियोजना का विस्तृत प्रस्तुतीकरण किया। उन्होंने बताया कि यह संस्थान युवाओं को ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिक व्हीकल, ड्रोन टेक्नोलॉजी, रोबोटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे विषयों में प्रशिक्षण देगा।
226.52 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला यह संस्थान राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) मुजफ्फरनगर के पास 10,000 वर्ग मीटर भूमि पर स्थापित होगा। जिलाधिकारी की देखरेख में भूमि निःशुल्क उपलब्ध कराई गई है और निर्माण कार्य फरवरी 2026 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है।
मंत्री, प्रमुख सचिव, मण्डलायुक्त और निदेशक ने प्रदेश के 21 आईटीआई संस्थानों के श्रेष्ठ प्रशिक्षार्थियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। युवाओं के कौशल और परिश्रम की सराहना की गई और उनके उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी गईं।
समारोह में प्रमुख सचिव डॉ. हरिओम, मण्डलायुक्त अटल कुमार राय, निदेशक अभिषेक सिंह, जिलाधिकारी उमेश मिश्रा, मुख्य विकास अधिकारी कंडारकर कमल किशोर देशभूषण  तथा टाटा टेक्नोलॉजी लिमिटेड, पुणे से यतेन्द्र कुमार और  रजनीकांत उपाध्याय सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
महर्षि वाल्मीकि जयन्ती के अवसर पर व्याख्यान गोष्ठी व संस्कृत कवि सम्मेलन आयोजित*

लखनऊ। उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान लखनऊ द्वारा संस्थान परिसर में आज महर्षि वाल्मीकि जयन्ती समारोह के अवसर पर "वाल्मीकिरामायणानुगुणं सामाजिकसमरसता" विषय पर व्याख्यान गोष्ठी व संस्कृत कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यकम का शुभारम्भ सर्वप्रथम दीप प्रज्वलन, माल्यार्पण के पश्चात् मुख्य अतिथियों का वाचिक स्वागत कर किया गया।

कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत करते हुए संस्थान के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी दिनेश कुमार मिश्र ने अपने उद्बोधन में कहा कि हम सब आज उन महान ऋषि को नमन करने के लिए एकत्र हुए हैं, जिन्होंने मानवता को ज्ञान, साहित्य और आदर्श जीवन का अमूल्य उपहार दिया, वे हैं आदिकवि महर्षि वाल्मीकि जी। महर्षि वाल्मीकि को आदिकवि इसलिए कहा जाता है क्योंकि उन्होंने संसार का पहला महाकाव्य "रामायण" की रचना की थी। रामायण न केवल एक कथा है, बल्कि यह जीवन का मार्गदर्शन है, इसमें श्रीराम के आदर्श जीवन, मर्यादा, कर्तव्य और सत्य के मार्ग का गहन वर्णन मिलता है। महर्षि वाल्मीकि का जीवन हमें सिर्फ ज्ञान ही नहीं, बल्कि एक बहुत बड़ी प्रेरणा भी देता है कि मनुष्य जन्म से महान नहीं होता, बल्कि अपने कर्मों से महान बनता है। हर व्यक्ति के अंदर बदलाव की शक्ति होती है, बस आवश्यकता है सच्चे प्रयास और सही दिशा की।

संस्कृत कवि सम्मेलन में प्रो. अभिराज राजेन्द्र मिश्र ने अपने काव्य पाठ में बताया कि "राम को विश्वपुरूष के रूप में दर्शाया। पाश्चात्य कथाओं से तुलना एवं रामायण की सार्वभौमिकता को बताया। विश्व के अनेक लेखकों के लिए आदर्शभूत राम के चरित्र को बताया एवं राम को विकृत न करने की अपील की।" प्रो. ओम प्रकाश पाण्डेय ने "महर्षि वाल्मीकि के प्रथम काव्य कलाधर के रूप में वर्ण करते हुए काव्य पाठ प्रस्तुत किया।" डॉ. अरविन्द कुमार तिवारी ने "वाल्मीकी रामायण में सामंजस्य राम के महत्व एवं उदार चरित्र को प्रकाशित किया।" डॉ. शशिकान्त तिवारी 'शशिधर' ने अपने काव्य पाठ में बताया कि "जिस श्लोक के द्वारा व्याधा शापित होता है वह श्लोक इस संसार का पहला लौकिक पद्य है। वहाँ से वाल्मीकि रामायण प्रारम्भ होती है।" डॉ. हर्षित मिश्र ने बताया कि "कौंच पक्षी का विलाप सुनकर हृदय में स्फूर्ति जागृत हुयी रस रूप में श्लोक प्रस्फुटित हआ।" डॉ. सिंहासन पाण्डेय, ने बताया कि "आज भी जब हम रामायण पढ़ते हैं, तो हमें यह महसूस होता है कि उनके शब्दों में सत्य की वह शक्ति है जो मनुष्य को भीतर से बदल देती है। अंधकार चाहे कितना भी गहरा हो, ज्ञान और सत्य का प्रकाश उसे मिटा सकता है। डॉ. राजेन्द्र त्रिपाठी 'रसराज' ने बताया कि "हम महर्षि वाल्मीकि जी के आदर्शों को अपने जीवन में उतारेंगे। हम दूसरों के प्रति प्रेम, करुणा और समानता की भावना रखेंगे। हम सत्य के मार्ग पर चलेंगे और समाज में अच्छाई फैलाएँगे।" डॉ. दीपक मिश्र द्वारा महर्षि वाल्मीकि पर स्वरचित कविता "जयति जयति रघुकुलवरराम प्रेयसि कथमं नागता" का पाठ किया गया। उपर्युक्त कार्यक्रम में संस्थान के समस्त अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ-साथ श्रोता उपस्थित रहे।
नन्दबाबा दुग्ध मिशन पोर्टल तैयार करने एवं संचालन के लिए नन्दबाबा दुग्ध मिशन एवं इण्डियन बैंक के मध्य एमओयू सम्पादित


लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पशुधन, दुग्ध विकास एवं राजनैतिक पेंशन विभाग के कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह की गरिमामयी उपस्थिति में नन्दबाबा दुग्ध मिशन पोर्टल तैयार करने एवं उसके संचालन के लिए नन्दबाबा दुग्ध मिशन एवं इण्डियन बैंक के मध्य एमओयू सम्पादित किया गया। यह द्विपक्षीय समझौता ज्ञापन का आदान प्रदान श्री राकेश कुमार मिश्र, दुग्ध आयुक्त, दुग्धशाला विकास विभाग एवं मिशन निदेशक, नन्दबाबा दुग्ध मिशन तथा इण्डियन बैंक के जोनल मैनेजर पंकज कुमार सिंह के मध्य सम्पादित किया गया।
इस अवसर पर दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि नन्दबाबा दुग्ध मिशन का पोर्टल तैयार होने से मिशन की विभिन्न लाभार्थी परक योजनाओं में ऑनलाइन आवेदन प्राप्त करने, प्राप्त आवेदन पत्रों से प्रत्येक जनपद में निर्धारित लक्ष्य के अनुसार ई-लाटरी के माध्यम से लाभार्थियों के चयन तथा लाभार्थियों को अनुदान पोर्टल से डीबीटी के माध्यम से का भुगतान सम्भव होगा। पोर्टल से पारदर्शी व्यवस्था कि अन्तर्गत आवेदन, चयन तथा की अनुदान की धनराशि त्वारित गति से अवमुक्त करने में सहायता मिलेगी तथा डिजीटल इण्डिया का सपना साकार होगा।

श्री सिंह ने कहा कि वर्तमान वित्तीय वर्ष 2025-26 में नन्दबाबा दुग्ध मिशन की योजनाओं यथा नन्दिनी कृषक समृद्धि योजना, मिनी नन्दिनी कृषक समृद्धि योजना, मुख्यमंत्री स्वदेशी गौ-संवर्धन योजना एवं मुख्यमंत्री प्रगतिशील पशुपालक योजना के अन्तर्गत लाभार्थियों से आवेदन पत्र नन्दबाबा दुग्ध मिशन के माध्यम से ऑनलाइन प्राप्त किया गया है तथा प्राप्त आवेदन पत्रों की स्क्रूटनी के पश्चात ई-लाटरी के माध्यम से पोर्टल पर ही लाभार्थियों के चयन की कार्यवाही की जा रही है। लाभार्थियों को अनुमन्य अनुदान भी पोर्टल के माध्यम से डीबीटी द्वारा पारदर्शी एवं त्वरित गति से किया जा सकेगा।

नन्दबाबा दुग्ध मिशन पोर्टल का निर्माण इण्डियन बैंक, शाखा हजरतगंज, लखनऊ के द्वारा निःशुल्क किया गया है तथा इस पोर्टल के संचालन में तकनीकी सहायता एवं रख-रखाव इण्डियन बैंक द्वारा आगामी तीन वर्षों तक निःशुल्क किया जायेगा। इण्डियन बैंक की ओर से मुख्य महाप्रबंधक, सुधीर कुमार गुप्ता, जोनल मैनेजर, ब्रान्च मैनेजर, हजरतगंज शाखा, प्रबन्धक सागर गुप्ता, प्रबन्धक आईटी पूजा वर्मा उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में शासन एवं दुग्ध विकास विभाग की ओर से मुकेश कुमार मेश्राम, प्रमुख सचिव, पशुधन, दुग्ध विकास एवं मत्स्य विभाग, उ०प्र० शासन, वैभव श्रीवास्तव, प्रबन्ध निदेशक, पीसीडीएफ लि०, देवेन्द्र पाण्डेय, विशेष सचिव, पशुधन विभाग, राम सहाय यादव, विशेष सचिव, दुग्ध विकास विभाग, उप्र शासन, रामआसरे राम, संयुक्त सचिव, दुग्ध विकास विभाग, उप्र शासन तथा नन्दबाबा दुग्ध मिशन से संजय कुमार सिन्हा, मुख्य दुग्धशाला विकास अधिकारी एवं संयुक्त निदेशक, शैलेन्द्र कुमार वर्मा, उप दुग्धशाला विकास अधिकारी एवं सहायक निदेशक एवं श्री विजय बहादुर, अपर सांख्यिकीय अधिकारी एवं सहायक निदेशक (प्रशासन) उपस्थित रहे।
सहारनपुर: आतंक का पर्याय बना एक लाख का इनामी इमरान पुलिस मुठभेड़ में ढेर, संगीन धाराओं में दर्ज थे मुकदमे
लखनऊ/सहारनपुर। उत्तर प्रदेश के पश्चिमी जिलों में काफी समय से आतंक का पर्याय बने कुख्यात बदमाश एक लाख का इनामी इमरान को पुलिस ने रविवार देर रात में सहारनपुर जिले में मुठभेड़ के दौरान ढ़ेर कर दिया।
लूट, डकैती व हत्या समेत कई घटनाओं को अंजाम देकर फरार चल रहा बदमाश पुलिस के लिए चुनौती बन चुका था।
पुलिस का दावा है कि कुख्यात बदमाश मोटरसाइकिल लूटकर भाग रहा था। मुठभेड़ में ढेर हुए बदमाश के खिलाफ पूर्व में मेरठ, मुजफ्फरनगर, शामली सहित अन्य जिलों के थानों में एक दर्जन से अधिक संगीन धाराओं में मुकदमे दर्ज थे।

मुठभेड़ के दौरान इंस्पेक्टर गागलहेड़ी के हाथ में गोली लगने से घायल हुए हैं। डीआईजी अभिषेक सिंह, एसएसपी आशीष तिवारी, एसपी ग्रामीण सागर जैन समेत आला अफसरों ने मौके पर पहुंच कर जानकारी ली। मूल रूप से शामली जिले के थाना भवन क्षेत्र स्थित रसूलपुर गांव निवासी बदमाश इमरान पर डकैती व लूट की कई वारदातों में मुकदमे दर्ज थे।
पुलिस को काफी समय से उसकी तलाश कर रही थी। बताया जा रहा है कि रविवार देर रात पुलिस को सूचना मिली कि इमरान सहारनपुर जिले में एक मोटरसाइकिल लूटकर भाग रहा है। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और घेराबंदी कर उसे दबोचने की कोशिश की, लेकिन उसने पुलिस टीम पर फायरिंग शुरू कर दी।

पुलिस की जवाबी कार्रवाई में वह ढेर हो गया। पुलिस के आलाधिकारियों ने इसकी गिरफ्तारी के लिए एक लाख रुपए का इनाम घोषित कर रखा था।
डीआईजी अभिषेक सिंह के के मुताबिक इनामी बदमाश इमरान की तलाश पुलिस के लिए तीन टीमों का गठन किया गया था।

उन्होंने बताया कि उनके नेतृत्व में लगाई गई पुलिस की टीमें रविवार देर रात  क्षेत्र में चेकिंग कर रही थी कि उसी समय कुख्यात बदमाश इमरान और पुलिस का आमना-सामना हो गया। पुलिस ने उसको रोकने की कोशिश की तो उसने पुलिस टीम पर फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस ने अपने बचाव में जवाबी फायरिंग की, जिसमें वह वहीं पर ढेर हो गया।
पुलिस और बदमाश के बीच हो रही मुठभेड़ की सूचना मिलते ही डीआईजी अभिषेक सिंह, एसएसपी आशीष तिवारी, एसपी ग्रामीण सागर जैन सहित कई पुलिस के अफसर मौके पर पहुंचे और मामले की गहनता से छानबीन शुरू कर दी।