*भारत पशुधन ऐप विषयक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया*

*ऐप के माध्यम से विभिन्न गतिविधियों के रियल टाइम आंकड़ें भी उपलब्ध होंगे : धर्मपाल सिंह*


लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह की अध्यक्षता में आज यहां उप्र पशुधन विकास परिषद और पशुपालन विभाग द्वारा नेशनल डिजिटल लाइव स्टॉक मिशन अन्तर्गत विकसित किए गए भारत पशुधन ऐप के समुचित उपयोग विषयक एक दिवसीय व्यवहारिक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन राज्य ग्राम्य विकास संस्थान, बख्शी का तालाब, लखनऊ में किया गया।
इस अवसर पर पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि भारत पशुधन ऐप पर पशु एवं पशुपालक पंजीकरण के साथ ही पशुओं के समस्त प्रजनन एवं स्वास्थ्य आकड़ों का डिजिटल अभिलेखन किया जा रहा है, जिनके एआई एवं मशीन लर्निंग के उपयोग द्वारा अध्ययन/विश्लेषण से समुचित योजना निर्माण/निर्धारण में सहायता मिलती है। उन्होंने कहा कि ऐप के माध्यम से पशुओं का चिन्हांकन भी होगा, जिससे उच्च क्षमता युक्त जर्म प्लाज्म वाले पशुओं की उपलब्धता के सम्बन्ध में जानकारी मिल सकेगी। साथ ही पशु रोग, टीकाकरण, कृत्रिम गर्भाधान आदि महत्वपूर्ण गतिविधियांे के सम्बन्ध में रियल टाइम आंकड़ें भी उपलब्ध होंगे। उन्होंने इस अवसर पर सभी प्रतिभागियों को भारत पशुधन ऐप पर अंकन सम्बन्धी महत्तवपूर्ण कार्य पर विशेष ध्यान दिये जाने हेतु आह्वान किया।

कार्यक्रम में महानिदेशक पं. दीनदयाल उपाध्याय राज्य ग्राम विकास संस्थान उप्र एल वेंकटेश्वर लू ने पशुपालन के क्षेत्र में प्रगति हेतु सुदृढ़ डिजिटल डाटा बेस की महत्ता समझाते हुए ऐप पर आंकड़ों के समुचित अंकन सुनिश्चित करने हेतु पूर्ण मनोयोग से प्रशिक्षण प्राप्त करने का आह्वान किया।
कार्यक्रम में प्रमुख सचिव पशुधन मुकेश कुमार मेश्राम, द्वारा सभी प्रशिक्षणार्थियों को भारत पशुधन एवं और डाटाबेस के महत्व के सम्बन्ध में अवगत कराते हुए ऐप पर सम्बन्धित आंकड़ों का अधिक से अधिक अंकन करने और कराने हेतु प्रोत्साहित किया गया।
कार्यक्रम में एन.डी.एल.एम. ग्रुप, एन.डी.डी.बी. से आये प्रशिक्षक नवीन सिंह एवं डॉ. जिगर रावल द्वारा भारत पशुधन ऐप के एडमिन मॉडयूल, एनिमल ब्रीडिंग मॉडयूल, एनिमल हेल्थ माडयूल के बारे में विस्तार से अवगत कराया गया। कार्यक्रम में देवेन्द्र पाण्डेय, विशेष सचिव पशुधन ने भी प्रशिक्षणार्थियों को डिजिटल अभिलेखन के बारे में विस्तार से बताया।
विभाग के निदेशक, प्रशासन एवं विकास, डॉ. योगेन्द्र सिंह पवार तथा मुख्य कार्यकारी, उप्र पशुधन विकास परिषद डॉ. प्रमोद कुमार सिंह द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम में उपस्थित समस्त प्रतिभागियों से भारत पशुधन ऐप पर सूचनाएं समयबद्ध रूप से अंकित करने की अपेक्षा की गई। प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रदेश के समस्त जनपदों से नामित नोडल अधिकारियों, कम्प्यूटर ऑपरेटर्स, पशुचिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय, मिल्क प्रोडयूसर कम्पनियों, एन.जी.ओ. आदि के प्रतिनिधियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. वीनू पाण्डे, उपनिदेशक परिषद द्वारा किया गया।
पर्यटन मंत्री ने अयोध्या पहुँच कर दीपोत्सव- 2025 की तैयारियों का लिया जायज़ा

*इस वर्ष राम की पैड़ी सहित 56 घाटों पर जलाए जाएंगे 26 लाख से अधिक दीप - जयवीर सिंह*

                                                                           लखनऊ। दीपोत्सव -2025 के लिए होने वाले मॉक ड्रिल से दस दिन पूर्व उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने आज अयोध्या पहुंचकर दीपोत्सव तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने विभागीय उच्चाधिकारियों, अयोध्या प्रशासन तथा जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक की। पर्यटन मंत्री ने कहा, इस दीपोत्सव का विशेष आकर्षण करीब 100 बच्चों की वानर सेना होगी, जो प्रभु श्रीराम की रथ यात्रा के दौरान उपस्थित रहेंगे। उन्होंने कार्यक्रम स्थलों की व्यवस्था, सजावट, प्रकाश, तथा सांस्कृतिक आयोजनों की रूपरेखा की विस्तृत जानकारी ली। इस दौरान अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय की गई।

   पर्यटन मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि 'यह आयोजन न केवल भव्य और यादगार हो, बल्कि सुरक्षा, स्वच्छता और आगंतुक सुविधाओं के मामले में भी मिसाल पेश करें। उन्होंने कहा कि दीपोत्सव के दौरान महिला सुरक्षा, सफाई, साइनेज, पेयजल, प्रसाधन तथा सूचना-सुविधाओं की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, ताकि देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को सर्वाेत्तम अनुभव मिल सके।' उन्होंने कहा, 'दीपोत्सव आयोजन में आगंतुकों की संख्या की जानकारी के लिए एआई आधारित कैमरों से निगरानी प्रणाली हेतु समुचित व्यवस्था की जाएगी। साथ ही, शोभा यात्रा के दौरान पर्यटकों और दर्शनार्थियों को सड़क के दोनों ओर सुव्यवस्थित तरीके से अवलोकन की उचित व्यवस्था रहेगी। हेलीपोर्ट से राम रथ तक रास्ते के दोनों ओर ढोल नगाड़ों, पुष्प, अबीर, गुलाल व राम दरबार आदि सुनिश्चित की जाएगी।'
मंत्री ने कहा कि इस वर्ष दीपोत्सव की झांकियों में बच्चों की सक्रिय भागीदारी विशेष आकर्षण का केंद्र होगी। पहली बार 100 बच्चों की वानर सेना नगाड़ों की गूंज के बीच भगवान श्रीराम की रथयात्रा में शामिल होकर अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करेगी। इसके अलावा, अयोध्या के प्रमुख मंदिर, मठों एवं धार्मिक स्थलों की प्रबंधन समिति से समन्वय स्थापित करते हुए दीप प्रज्ज्वलन एवं साज-सज्जा संबंधी व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। बैठक में दीपोत्सव के सजीव प्रसारण हेतु 35 एल.ई.डी. स्क्रीन की व्यवस्था के साथ ही केबल प्रसारण में दिक्कत ना आए, उसके निर्देश दिए गए।'
श्री सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के मार्गदर्शन में दीपोत्सव-2025 में एक बार फिर इतिहास रचा जाएगा। सरयू तट स्थित राम की पैड़ी सहित 56 घाटों पर 26 लाख से अधिक दीयों को एक साथ प्रज्वलित कर नया गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड दर्ज कराने की तैयारी है। अंतरराष्ट्रीय मानकों और पर्यावरण अनुकूल आयोजन हमारी प्राथमिकता है। अयोध्या की सड़कों, घाटों और धरोहर स्थलों को रामायण की थीम पर सजाया-संवारा जाएगा, ताकि हर आगंतुक को लगे मानो वे स्वयं श्री राम की कथा का हिस्सा हों।
इस दौरान महानिदेशक पर्यटन राजेश कुमार, प्रमुख सचिव पर्यटन, संस्कृति एवं धर्मार्थ कार्य अमृत अभिजात, विशेष सचिव पर्यटन ईशा प्रिया, अयोध्या के नगर आयुक्त, मेयर गिरीशपति त्रिपाठी, सदर विधायक वेद प्रकाश गुप्ता, सीतापुर के विधायक तथा पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के अधिकारियों की उपस्थिति रही।
*सीएम योगी की दूरदर्शी पहल से मुजफ्फरनगर में तकनीकी शिक्षा का नया अध्याय शुरू*

*सेंटर ऑफ इन्वेंशन, इनोवेशन, इनक्यूबेशन एंड ट्रेनिंग का हुआ भूमि पूजन एवं शिलान्यास*

*युवाओं को मिलेंगे रोजगार के अवसर: मंत्री कपिलदेव*

लखनऊ/ मुजफ्फरनगर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दूरदर्शी सोच और विशेष प्रेरणा से बुधवार को जनपद मुजफ्फरनगर में तकनीकी शिक्षा और कौशल विकास के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक शुरुआत हुई। इस पहल के तहत जनपद में सेंटर ऑफ इन्वेंशन, इनोवेशन, इनक्यूबेशन एंड ट्रेनिंग (CIIIT) का भूमि पूजन एवं शिलान्यास किया गया। इस पहल ने प्रदेश में रोजगारपरक शिक्षा को नई गति दी है और युवाओं के लिए आत्मनिर्भरता का नया मार्ग प्रशस्त किया है।

व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता विभाग के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल ने “सेंटर ऑफ इन्वेंशन, इनोवेशन, इनक्यूबेशन एंड ट्रेनिंग (CIIIT)” का भूमि पूजन एवं शिलान्यास किया। गायत्री मंत्र के उच्चारण के साथ हुए इस धार्मिक और औपचारिक समारोह ने पूरे क्षेत्र में उत्साह का माहौल बना दिया। शिलान्यास कार्यक्रम शारदेन स्कूल, मेरठ रोड, मुजफ्फरनगर में आयोजित हुआ। भूमि पूजन के बाद  मंत्री और मंच पर उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों ने वृक्षारोपण करते हुए पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया।

मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का उद्देश्य केवल डिग्री देना नहीं, बल्कि रोजगारपरक शिक्षा के माध्यम से युवाओं को तकनीकी और आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में यह संस्थान उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी तकनीकी शिक्षा और रोजगार शक्ति के रूप में स्थापित होगा।

कार्यक्रम में टाटा टेक्नोलॉजी लिमिटेड, पुणे के विशेषज्ञ अधिकारियों ने सीआईआईआईटी परियोजना का विस्तृत प्रस्तुतीकरण किया। उन्होंने बताया कि यह संस्थान युवाओं को ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिक व्हीकल, ड्रोन टेक्नोलॉजी, रोबोटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे विषयों में प्रशिक्षण देगा।
226.52 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला यह संस्थान राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) मुजफ्फरनगर के पास 10,000 वर्ग मीटर भूमि पर स्थापित होगा। जिलाधिकारी की देखरेख में भूमि निःशुल्क उपलब्ध कराई गई है और निर्माण कार्य फरवरी 2026 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है।
मंत्री, प्रमुख सचिव, मण्डलायुक्त और निदेशक ने प्रदेश के 21 आईटीआई संस्थानों के श्रेष्ठ प्रशिक्षार्थियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। युवाओं के कौशल और परिश्रम की सराहना की गई और उनके उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी गईं।
समारोह में प्रमुख सचिव डॉ. हरिओम, मण्डलायुक्त अटल कुमार राय, निदेशक अभिषेक सिंह, जिलाधिकारी उमेश मिश्रा, मुख्य विकास अधिकारी कंडारकर कमल किशोर देशभूषण  तथा टाटा टेक्नोलॉजी लिमिटेड, पुणे से यतेन्द्र कुमार और  रजनीकांत उपाध्याय सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
महर्षि वाल्मीकि जयन्ती के अवसर पर व्याख्यान गोष्ठी व संस्कृत कवि सम्मेलन आयोजित*

लखनऊ। उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान लखनऊ द्वारा संस्थान परिसर में आज महर्षि वाल्मीकि जयन्ती समारोह के अवसर पर "वाल्मीकिरामायणानुगुणं सामाजिकसमरसता" विषय पर व्याख्यान गोष्ठी व संस्कृत कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यकम का शुभारम्भ सर्वप्रथम दीप प्रज्वलन, माल्यार्पण के पश्चात् मुख्य अतिथियों का वाचिक स्वागत कर किया गया।

कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत करते हुए संस्थान के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी दिनेश कुमार मिश्र ने अपने उद्बोधन में कहा कि हम सब आज उन महान ऋषि को नमन करने के लिए एकत्र हुए हैं, जिन्होंने मानवता को ज्ञान, साहित्य और आदर्श जीवन का अमूल्य उपहार दिया, वे हैं आदिकवि महर्षि वाल्मीकि जी। महर्षि वाल्मीकि को आदिकवि इसलिए कहा जाता है क्योंकि उन्होंने संसार का पहला महाकाव्य "रामायण" की रचना की थी। रामायण न केवल एक कथा है, बल्कि यह जीवन का मार्गदर्शन है, इसमें श्रीराम के आदर्श जीवन, मर्यादा, कर्तव्य और सत्य के मार्ग का गहन वर्णन मिलता है। महर्षि वाल्मीकि का जीवन हमें सिर्फ ज्ञान ही नहीं, बल्कि एक बहुत बड़ी प्रेरणा भी देता है कि मनुष्य जन्म से महान नहीं होता, बल्कि अपने कर्मों से महान बनता है। हर व्यक्ति के अंदर बदलाव की शक्ति होती है, बस आवश्यकता है सच्चे प्रयास और सही दिशा की।

संस्कृत कवि सम्मेलन में प्रो. अभिराज राजेन्द्र मिश्र ने अपने काव्य पाठ में बताया कि "राम को विश्वपुरूष के रूप में दर्शाया। पाश्चात्य कथाओं से तुलना एवं रामायण की सार्वभौमिकता को बताया। विश्व के अनेक लेखकों के लिए आदर्शभूत राम के चरित्र को बताया एवं राम को विकृत न करने की अपील की।" प्रो. ओम प्रकाश पाण्डेय ने "महर्षि वाल्मीकि के प्रथम काव्य कलाधर के रूप में वर्ण करते हुए काव्य पाठ प्रस्तुत किया।" डॉ. अरविन्द कुमार तिवारी ने "वाल्मीकी रामायण में सामंजस्य राम के महत्व एवं उदार चरित्र को प्रकाशित किया।" डॉ. शशिकान्त तिवारी 'शशिधर' ने अपने काव्य पाठ में बताया कि "जिस श्लोक के द्वारा व्याधा शापित होता है वह श्लोक इस संसार का पहला लौकिक पद्य है। वहाँ से वाल्मीकि रामायण प्रारम्भ होती है।" डॉ. हर्षित मिश्र ने बताया कि "कौंच पक्षी का विलाप सुनकर हृदय में स्फूर्ति जागृत हुयी रस रूप में श्लोक प्रस्फुटित हआ।" डॉ. सिंहासन पाण्डेय, ने बताया कि "आज भी जब हम रामायण पढ़ते हैं, तो हमें यह महसूस होता है कि उनके शब्दों में सत्य की वह शक्ति है जो मनुष्य को भीतर से बदल देती है। अंधकार चाहे कितना भी गहरा हो, ज्ञान और सत्य का प्रकाश उसे मिटा सकता है। डॉ. राजेन्द्र त्रिपाठी 'रसराज' ने बताया कि "हम महर्षि वाल्मीकि जी के आदर्शों को अपने जीवन में उतारेंगे। हम दूसरों के प्रति प्रेम, करुणा और समानता की भावना रखेंगे। हम सत्य के मार्ग पर चलेंगे और समाज में अच्छाई फैलाएँगे।" डॉ. दीपक मिश्र द्वारा महर्षि वाल्मीकि पर स्वरचित कविता "जयति जयति रघुकुलवरराम प्रेयसि कथमं नागता" का पाठ किया गया। उपर्युक्त कार्यक्रम में संस्थान के समस्त अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ-साथ श्रोता उपस्थित रहे।
नन्दबाबा दुग्ध मिशन पोर्टल तैयार करने एवं संचालन के लिए नन्दबाबा दुग्ध मिशन एवं इण्डियन बैंक के मध्य एमओयू सम्पादित


लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पशुधन, दुग्ध विकास एवं राजनैतिक पेंशन विभाग के कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह की गरिमामयी उपस्थिति में नन्दबाबा दुग्ध मिशन पोर्टल तैयार करने एवं उसके संचालन के लिए नन्दबाबा दुग्ध मिशन एवं इण्डियन बैंक के मध्य एमओयू सम्पादित किया गया। यह द्विपक्षीय समझौता ज्ञापन का आदान प्रदान श्री राकेश कुमार मिश्र, दुग्ध आयुक्त, दुग्धशाला विकास विभाग एवं मिशन निदेशक, नन्दबाबा दुग्ध मिशन तथा इण्डियन बैंक के जोनल मैनेजर पंकज कुमार सिंह के मध्य सम्पादित किया गया।
इस अवसर पर दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि नन्दबाबा दुग्ध मिशन का पोर्टल तैयार होने से मिशन की विभिन्न लाभार्थी परक योजनाओं में ऑनलाइन आवेदन प्राप्त करने, प्राप्त आवेदन पत्रों से प्रत्येक जनपद में निर्धारित लक्ष्य के अनुसार ई-लाटरी के माध्यम से लाभार्थियों के चयन तथा लाभार्थियों को अनुदान पोर्टल से डीबीटी के माध्यम से का भुगतान सम्भव होगा। पोर्टल से पारदर्शी व्यवस्था कि अन्तर्गत आवेदन, चयन तथा की अनुदान की धनराशि त्वारित गति से अवमुक्त करने में सहायता मिलेगी तथा डिजीटल इण्डिया का सपना साकार होगा।

श्री सिंह ने कहा कि वर्तमान वित्तीय वर्ष 2025-26 में नन्दबाबा दुग्ध मिशन की योजनाओं यथा नन्दिनी कृषक समृद्धि योजना, मिनी नन्दिनी कृषक समृद्धि योजना, मुख्यमंत्री स्वदेशी गौ-संवर्धन योजना एवं मुख्यमंत्री प्रगतिशील पशुपालक योजना के अन्तर्गत लाभार्थियों से आवेदन पत्र नन्दबाबा दुग्ध मिशन के माध्यम से ऑनलाइन प्राप्त किया गया है तथा प्राप्त आवेदन पत्रों की स्क्रूटनी के पश्चात ई-लाटरी के माध्यम से पोर्टल पर ही लाभार्थियों के चयन की कार्यवाही की जा रही है। लाभार्थियों को अनुमन्य अनुदान भी पोर्टल के माध्यम से डीबीटी द्वारा पारदर्शी एवं त्वरित गति से किया जा सकेगा।

नन्दबाबा दुग्ध मिशन पोर्टल का निर्माण इण्डियन बैंक, शाखा हजरतगंज, लखनऊ के द्वारा निःशुल्क किया गया है तथा इस पोर्टल के संचालन में तकनीकी सहायता एवं रख-रखाव इण्डियन बैंक द्वारा आगामी तीन वर्षों तक निःशुल्क किया जायेगा। इण्डियन बैंक की ओर से मुख्य महाप्रबंधक, सुधीर कुमार गुप्ता, जोनल मैनेजर, ब्रान्च मैनेजर, हजरतगंज शाखा, प्रबन्धक सागर गुप्ता, प्रबन्धक आईटी पूजा वर्मा उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में शासन एवं दुग्ध विकास विभाग की ओर से मुकेश कुमार मेश्राम, प्रमुख सचिव, पशुधन, दुग्ध विकास एवं मत्स्य विभाग, उ०प्र० शासन, वैभव श्रीवास्तव, प्रबन्ध निदेशक, पीसीडीएफ लि०, देवेन्द्र पाण्डेय, विशेष सचिव, पशुधन विभाग, राम सहाय यादव, विशेष सचिव, दुग्ध विकास विभाग, उप्र शासन, रामआसरे राम, संयुक्त सचिव, दुग्ध विकास विभाग, उप्र शासन तथा नन्दबाबा दुग्ध मिशन से संजय कुमार सिन्हा, मुख्य दुग्धशाला विकास अधिकारी एवं संयुक्त निदेशक, शैलेन्द्र कुमार वर्मा, उप दुग्धशाला विकास अधिकारी एवं सहायक निदेशक एवं श्री विजय बहादुर, अपर सांख्यिकीय अधिकारी एवं सहायक निदेशक (प्रशासन) उपस्थित रहे।
सहारनपुर: आतंक का पर्याय बना एक लाख का इनामी इमरान पुलिस मुठभेड़ में ढेर, संगीन धाराओं में दर्ज थे मुकदमे
लखनऊ/सहारनपुर। उत्तर प्रदेश के पश्चिमी जिलों में काफी समय से आतंक का पर्याय बने कुख्यात बदमाश एक लाख का इनामी इमरान को पुलिस ने रविवार देर रात में सहारनपुर जिले में मुठभेड़ के दौरान ढ़ेर कर दिया।
लूट, डकैती व हत्या समेत कई घटनाओं को अंजाम देकर फरार चल रहा बदमाश पुलिस के लिए चुनौती बन चुका था।
पुलिस का दावा है कि कुख्यात बदमाश मोटरसाइकिल लूटकर भाग रहा था। मुठभेड़ में ढेर हुए बदमाश के खिलाफ पूर्व में मेरठ, मुजफ्फरनगर, शामली सहित अन्य जिलों के थानों में एक दर्जन से अधिक संगीन धाराओं में मुकदमे दर्ज थे।

मुठभेड़ के दौरान इंस्पेक्टर गागलहेड़ी के हाथ में गोली लगने से घायल हुए हैं। डीआईजी अभिषेक सिंह, एसएसपी आशीष तिवारी, एसपी ग्रामीण सागर जैन समेत आला अफसरों ने मौके पर पहुंच कर जानकारी ली। मूल रूप से शामली जिले के थाना भवन क्षेत्र स्थित रसूलपुर गांव निवासी बदमाश इमरान पर डकैती व लूट की कई वारदातों में मुकदमे दर्ज थे।
पुलिस को काफी समय से उसकी तलाश कर रही थी। बताया जा रहा है कि रविवार देर रात पुलिस को सूचना मिली कि इमरान सहारनपुर जिले में एक मोटरसाइकिल लूटकर भाग रहा है। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और घेराबंदी कर उसे दबोचने की कोशिश की, लेकिन उसने पुलिस टीम पर फायरिंग शुरू कर दी।

पुलिस की जवाबी कार्रवाई में वह ढेर हो गया। पुलिस के आलाधिकारियों ने इसकी गिरफ्तारी के लिए एक लाख रुपए का इनाम घोषित कर रखा था।
डीआईजी अभिषेक सिंह के के मुताबिक इनामी बदमाश इमरान की तलाश पुलिस के लिए तीन टीमों का गठन किया गया था।

उन्होंने बताया कि उनके नेतृत्व में लगाई गई पुलिस की टीमें रविवार देर रात  क्षेत्र में चेकिंग कर रही थी कि उसी समय कुख्यात बदमाश इमरान और पुलिस का आमना-सामना हो गया। पुलिस ने उसको रोकने की कोशिश की तो उसने पुलिस टीम पर फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस ने अपने बचाव में जवाबी फायरिंग की, जिसमें वह वहीं पर ढेर हो गया।
पुलिस और बदमाश के बीच हो रही मुठभेड़ की सूचना मिलते ही डीआईजी अभिषेक सिंह, एसएसपी आशीष तिवारी, एसपी ग्रामीण सागर जैन सहित कई पुलिस के अफसर मौके पर पहुंचे और मामले की गहनता से छानबीन शुरू कर दी।
*पत्रकारों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को सुप्रीम कोर्ट का संरक्षण: सरकार की आलोचना अपराध नहीं*

*पत्रकारों पर आपराधिक मामला दर्ज करना अब आसान नहीं*

लखनऊ/ नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक अहम फैसले में यह स्पष्ट कर दिया है कि केवल सरकार की आलोचना करने के आधार पर किसी पत्रकार के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज नहीं किया जा सकता। यह निर्णय वरिष्ठ पत्रकार अभिषेक उपाध्याय की गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए दिया गया है, जिससे देश में प्रेस की स्वतंत्रता को लेकर एक सकारात्मक संदेश गया है।

इस मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस ने अभिषेक उपाध्याय के खिलाफ कार्रवाई की थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए यूपी पुलिस को नोटिस जारी किया है और उनसे जवाब मांगा है। कोर्ट ने कहा कि पत्रकारों को विचार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता संविधान के अनुच्छेद 19(1)(a) के तहत प्राप्त है और यह किसी भी लोकतंत्र की मूल आत्मा है।

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि कोई पत्रकार शांतिपूर्ण और तथ्यपरक तरीके से सरकार की आलोचना करता है, तो वह अपराध नहीं माना जा सकता। यह संविधान के मूल सिद्धांतों और लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ होगा।

इस निर्णय को प्रेस की आज़ादी और पत्रकारों के अधिकारों की सुरक्षा की दिशा में एक मील का पत्थर माना जा रहा है। देशभर के पत्रकार संगठनों और स्वतंत्र विचारकों ने कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया है और उम्मीद जताई है कि इससे सत्ता के दबाव में की जाने वाली मनमानी कार्रवाइयों पर लगाम लगेगी।

सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला स्पष्ट संकेत देता है कि लोकतंत्र में सत्ता की आलोचना एक अधिकार है, न कि अपराध।
*बेटियों में आत्मविश्वास और साहस का संचार, सेल्फ डिफेंस कार्यशालाओं से बढ़ी सुरक्षा की शक्ति: अपर मुख्य सचिव*

लखनऊ। महिला एवं बाल विकास विभाग, उत्तर प्रदेश द्वारा मिशन शक्ति 5.0 के अंतर्गत अंतरराष्ट्रीय बालिका सप्ताह (3 से 11 अक्टूबर) थीम के तहत आज प्रदेश की सभी बाल देखरेख संस्थाओं में विशेष सेल्फ डिफेंस कार्यशालाओं का आयोजन किया गया। इस पहल का उद्देश्य संस्थाओं में रह रही बालिकाओं को आत्मरक्षा के व्यावहारिक कौशल सिखाना और उनमें आत्मविश्वास तथा सुरक्षा की भावना को मजबूत करना रहा।

कार्यशालाओं के दौरान प्रशिक्षकों ने बालिकाओं को विभिन्न प्रकार की सरल और प्रभावी आत्मरक्षा तकनीकें सिखाईं। इनमें ऐसे उपायों पर विशेष बल दिया गया जिन्हें किसी भी संकटपूर्ण स्थिति में तुरंत अपनाकर स्वयं की रक्षा की जा सके। इसके साथ ही मानसिक साहस, सजगता और त्वरित प्रतिक्रिया की क्षमता विकसित करने पर भी ध्यान केंद्रित किया गया। बालिकाओं ने सक्रिय भागीदारी करते हुए सीखा कि कठिन परिस्थितियों में घबराने के बजाय साहस और आत्मविश्वास के साथ कैसे प्रतिक्रिया देनी चाहिए।

इन कार्यशालाओं का महत्व केवल शारीरिक सुरक्षा तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह आत्मसम्मान, आत्मनिर्भरता और आत्मविश्वास को बढाने का माध्यम भी बना। बालिकाओं को यह संदेश दिया गया कि वे स्वयं को कमजोर न समझें और अपनी क्षमताओं पर विश्वास रखते हुए जीवन में आगे बढ़ें।

महिला एवं बाल विकास विभाग, उत्तर प्रदेश की अपर मुख्य सचिव लीना जोहरी ने कहा, "बाल देखरेख संस्थाओं में आवासित बालिकाएँ पूर्व में ही विपरीत परिस्थितियों का सामना कर चुकी हैं, उन्हें आत्मरक्षा का प्रशिक्षण देना केवल सुरक्षा का कवच प्रदान करना नहीं है, बल्कि उनके मनोबल और आत्मविश्वास को वापस बढाना भी है। मिशन शक्ति का यही लक्ष्य है कि हर बालिका निर्भय होकर अपने सपनों की ओर बढ़ सके।"

आज आयोजित इन कार्यशालाओं ने यह स्पष्ट किया कि आत्मरक्षा की कला बालिकाओं के जीवन में सुरक्षा कवच की तरह कार्य करती है। मिशन शक्ति के इस प्रयास से बाल देखरेख संस्थाओं की बालिकाओं में आत्मबल और साहस का विकास होगा तथा उनकी सुरक्षा को और अधिक सशक्त आधार मिलेगा।

उल्लेखनीय है कि विभाग द्वारा उक्त कार्यक्रमों के माध्यम से मिशन शक्ति के 5वें चरण में दिनांक 22 सितम्बर - 05 अक्टूबर, 2025 के मध्य कुल 13.58 लाख व्यक्तियों को जागरूक किया गया है जिसमें महिलायें पुरूष, बालक और बालिकायें सभी शामिल हैं।
*थानेदार ही बना प्रेम कहानी का किरदार: महिला सिपाही संग हुआ फरार , पत्नी ने दर्ज कराई शिकायत*


लखनऊ/नोएडा। ग्रेटर नोएडा के बिसरख थाना क्षेत्र से एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है, जहां थाने में तैनात दरोगा नीरज सिंह अपनी ही महिला सिपाही के साथ संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गए हैं। इस पूरे मामले ने पुलिस विभाग में हड़कंप मचा दिया है और जांच शुरू कर दी गई है।

जानकारी के अनुसार, दरोगा नीरज सिंह और महिला सिपाही दोनों बीते कुछ दिनों से ड्यूटी पर अनुपस्थित हैं। दोनों के फोन भी बंद आ रहे हैं, जिससे मामला और ज्यादा संदिग्ध बन गया है। इस बीच, दरोगा की पत्नी ने खुद थाने पहुंचकर अपने पति के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने बताया कि दरोगा का अपनी ही महिला सिपाही के साथ अवैध संबंध है और इसी वजह से वह अकसर घर देर से आता था, शराब पीकर झगड़ा करता था और जान से मारने की धमकी भी देता था।

पत्नी की शिकायत पर पुलिस ने दरोगा नीरज सिंह के खिलाफ घरेलू हिंसा, मारपीट और धमकी देने की धाराओं में केस दर्ज कर लिया है। साथ ही दोनों कर्मचारियों की लोकेशन ट्रेस करने की कोशिश की जा रही है।

थाने के दो जिम्मेदार पुलिसकर्मियों के इस तरह से गायब हो जाने और उनके संबंधों को लेकर उठ रहे सवालों ने पूरे विभाग की छवि को धूमिल कर दिया है। विभागीय स्तर पर भी इस मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं।
वहीं, स्थानीय लोग और पुलिसकर्मी भी इस मामले को लेकर हैरान हैं कि कानून का रक्षक ही इस तरह की हरकत करेगा तो आम जनता का भरोसा कैसे कायम रहेगा।

पुलिस प्रशासन इस मामले की तह तक जाने की कोशिश कर रहा है। उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही दोनों की लोकेशन का पता चल जाएगा और उचित कार्रवाई की जाएगी।
महर्षि वाल्मीकि जयंती पर प्रदेशभर के मंदिरों में होंगे विविध आयोजन -जयवीर सिंह


लखनऊ। महर्षि वाल्मीकि जयंती के पावन अवसर पर कल 07 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पूरे प्रदेश में भक्ति और संस्कृति के संगम के रूप में विविध कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। प्रदेशभर के देव मंदिरों और महर्षि वाल्मीकि से संबंधित स्थलों पर रामचरित मानस पाठ, अखण्ड रामायण पाठ, वाल्मीकि रामायण पाठ, सुन्दरकाण्ड, भजन-कीर्तन, दीप प्रज्ज्वलन और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

यह जानकारी उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश सरकार भारतीय  संस्कृति, परंपरा और अध्यात्म के संवर्धन के लिए निरंतर कार्यरत है। इसी क्रम में कल 07 अक्टूबर को सभी 75 जनपदों में एक साथ यह आयोजन किया जाएगा। प्रत्येक जनपद को एक लाख की दर से कुल 75 लाख रूपये की धनराशि जिला पर्यटन एवं सांस्कृतिक विरासत परिषद के खाते में उपलब्ध कराई जाएगी। यह राशि कलाकारों के मानदेय और कार्यक्रम के आयोजन हेतु खर्च की जाएगी।

जयवीर सिंह ने बताया कि महर्षि वाल्मीकि जी ने हमें यह सिखाया कि जीवन का सबसे बड़ा धर्म है, मानवता की सेवा और सत्य के मार्ग पर चलना। सरकार उनके आदर्शों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए मंदिरों और महर्षि वाल्मीकि से संबंधित स्थलों पर रामचरित मानस, वाल्मीकि रामायण और भजन-कीर्तन जैसे कार्यक्रम आयोजित कर रही है। यह आयोजन हमारी आस्था को संस्कारों से जोड़ने और संस्कृति के माध्यम से समाज को सशक्त बनाने का संकल्प है। यह पहल न केवल श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक है, बल्कि संस्कृति से समाज सशक्तिकरण की दिशा में सरकार के संकल्प को भी दर्शाती है।

महर्षि वाल्मीकि की तपोस्थली लालापुर, चित्रकूट में भी वृहद कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इसके अलावा तुलसीदास आश्रम, राजापुर चित्रकूट, वाल्मीकि आश्रम बिठूर (कानपुर), वाल्मीकि आश्रम श्रावस्ती, अयोध्या और प्रयागराज सहित पूरे प्रदेश के देव मंदिरों में रामायण पाठ और भक्ति कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। प्रत्येक जनपद में आयोजन के लिए नोडल अधिकारी नामित किए गए हैं और कार्यक्रमों में स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति के साथ जनसहभागिता पर विशेष जोर दिया गया है।

हर आयोजन स्थल पर साफ-सफाई, पेयजल, ध्वनि, प्रकाश और सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की गई है। यह सुनिश्चित किया गया है कि श्रद्धालुओं और दर्शकों को सुरक्षित और व्यवस्थित वातावरण में कार्यक्रम का अनुभव मिले। महर्षि वाल्मीकि जयंती के अवसर पर पूरे प्रदेश में आयोजित रामचरित मानस, वाल्मीकि रामायण, सुन्दरकाण्ड और भजन-कीर्तन के कार्यक्रम न केवल श्रद्धा और भक्ति को प्रकट करेंगे, बल्कि भारतीय संस्कृति और परंपराओं के संवर्धन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। यह पहल समाज को संस्कारों और भक्ति के माध्यम से सशक्त बनाने के साथ-साथ कलाकारों को प्रोत्साहन देने का अवसर भी प्रदान करती है। यह हमारी सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने और इसे आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचाने का प्रेरक प्रयास है।