आजमगढ़: डॉ. श्वेता राय बनीं दिल्ली विश्वविद्यालय की असिस्टेंट प्रोफेसर , जश्न का माहौल
![]()
आजमगढ़। तहबरपुुुुर ब्लाक स्थित मधसिया ग्राम के मूल निवासी शिक्षाविद बैजनाथ राय की पौत्री एवं डॉ. ओम प्रकाश राय चिकित्सा विज्ञान संस्थान काशी हिंदू विश्वविद्यालय वाराणसी की सुपुत्री डॉ. श्वेता राय को दिल्ली विश्वविद्यालय के भूविज्ञान विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर कार्य भार ग्रहण करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। डॉ. श्वेता की प्रारम्भिक शिक्षा आजमगढ़ के ग्रामीण अंचल के तहबरपुर ब्लाक में स्थित मधसिया ग्राम के ग्रामोदय बालिका विद्यालय से, अपने पूज्य दादा जी व दादी जी के संरक्षण व मार्गदर्शन से प्रारंभ होकर, सेंट्रल पब्लिक स्कूल आजमगढ़, सनबीम एकेडमी सामने घाट वाराणसी से इंटरमीडिएट के उपरांत B. Sc. भूविज्ञान, M.Sc. जियो टेक्नोलॉजी तथा Ph.D. भूविज्ञान, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी से भूविज्ञान के सीनियर प्रोफेसर पी के सिंह जी व वनस्पति विज्ञान विभाग की प्रोफेसर आशा लता जी के मार्गदर्शन में पूरा किया। इस प्रतिभावान बच्ची ने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के B.Sc. UG प्रवेश परीक्षा के दौरान, सामान्य वर्ग में 5वां स्थान हासिल करके अपने क्षेत्र हेतु कीर्तिमान स्थापित किया। Ph.D. में प्रवेश हेतु होने वाली परीओं BHU RET, CSIR NET व IIT संस्थानों द्वारा Ph.D. प्रवेश हेतु आयोजित GATE परीक्षा भी पास करने के साथ इनके अनेकों पेपर राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय जर्नलों में प्रकाशित हुए हैं। भारत में भू-विज्ञान हेतु सर्वप्रथम स्थापित व सर्वोत्तम प्रयोगशाला गुजरात की पीआरएल लैब, भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला (Physical Research Laboratory) है और यह अहमदाबाद, गुजरात में स्थित है, इसका मुख्य परिसर अहमदाबाद के नवरंगपुरा क्षेत्र में है, जिसकी स्थापना डॉ. विक्रम साराभाई ने 1947 में की थी, जिन्हें भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम का जनक भी माना जाता है, यह खगोल विज्ञान, सौर भौतिकी, ग्रह विज्ञान, अंतरिक्ष और वायुमंडलीय विज्ञान, भूविज्ञान और सैद्धांतिक भौतिकी जैसे क्षेत्रों में बुनियादी अनुसंधान करता है, पीआरएल इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) से जुड़ी एक इकाई है और यह भारत के अंतरिक्ष विभाग द्वारा समर्थित है, में अन्तर्राष्ट्रीय वैज्ञानिकों के साथ काम किया तथा वहां भी अपने कार्यों से वरिष्ठों का मन मोहा। देखा जाए तो डॉ. श्वेता राय को शिक्षा के क्षेत्र में परिवार की अनुवांशिक विरासत को आगे बढ़ाने का सौभाग्य प्रभु से प्राप्त हुआ है। इनके दादा जी शिक्षाविद व समाजसेवी पूर्व प्रधानाचार्य बाबू बैजनाथ राय जी, इनके बड़े दादा जी पूर्व विभागाध्यक्ष शिक्षा संकाय आगरा विश्वविद्यालय प्रोफेसर पारस नाथ राय जी, छोटे दादा जी पूर्व प्रधानाचार्य राष्ट्रीय इंटर कालेज तहबरपुर श्री शेषनाथ राय जी, डॉ. रूद्र नाथ राय जी पूर्व मुख्य चिकित्सा अधिकारी, बड़े चाचा जी आगरा विश्वविद्यालय के पूर्व विजिटिंग प्रोफेसर डॉ. सीपी राय जी, श्री सत्य प्रकाश राय जी पूर्व डीन फोरेंसिक विश्वविद्यालय लखनऊ, डॉ. आनंद राय जी पूर्व वैज्ञानिक NASA अमेरिका, श्री वेद प्रकाश राय जी पुलिस उपाधीक्षक, डॉ. श्री प्रकाश राय प्रधानाध्यापक पूर्व माध्यमिक विद्यालय, चाची जी डॉ. प्रतिभा राय प्रवक्ता इंटर कालेज चंडेश्वर आजमगढ़, परिवार के सबसे छोटे चाचा जी प्रोफेसर जे पी राय जी सीनियर प्रोफेसर विधि विभाग काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, नानाजी डॉ चन्द्र केश राय जी पूर्व प्रधानाचार्य इंटर कालेज व संस्थापक श्रमजीवी बालिका विद्यालय सौहौली मार्टीनगंज आजमगढ़, नानी जी पूर्व अध्यापिका स्व. इत्रबास देवी जी, रौनापार क्षेत्र के बरडीहा ग्राम की, उस पूरे क्षेत्र में गुरूजी के नाम से प्रसिद्ध अध्यापिका जिनकी प्रेरणा से आजादी के उपरांत उस क्षेत्र की सैकड़ों बच्चियां पढ़ने के लिए घर से बाहर निकलीं व अध्यापक बन कर समाज को संवारने का काम किया, ऐसी प्रतिभावान परम पूज्य गुरु जी इनकी परनानी जी रहीं। इनकी माता जी श्री मती सुधा राय पूर्व माध्यमिक विद्यालय टिकरी, वाराणसी में वरिष्ठ सहायक अध्यापिका, पिता जी डॉ.ओ पी राय चिकित्सा विज्ञान संस्थान काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में तथा इनके पति डॉ. ऋषभ राय IIT खड्गपुर, पश्चिम बंगाल में असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर कार्यरत हैं। डॉ श्वेता राय ने अपने लगन व परीश्रम, परिवार के वरिष्ठ जनों, गुरु जनों के मार्गदर्शन व शुभाशीष से यह स्थान हासिल करके परिवार, समाज के साथ क्षेत्र वासियों का भी मान ऊंचा किया है। इनके इस अभूतपूर्व उपलब्धि से परिवार सहित क्षेत्र वासियों में हर्ष की लहर दौड़ रही है। इनकी यह उपलब्धि निश्चित ही ग्रामीण अंचलों से आने वाली युवा पीढ़ीयों हेतु प्रेरणा स्वरूप होगा, क्षेत्र वासी इनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं।
Oct 06 2025, 19:53