*दुर्गापूजा महोत्सव में जगह-जगह भंडारे का आयोजन*
सुल्तानपुर में दुर्गापूजा महोत्सव के दौरान जगह-जगह भंडारे का आयोजन किया जा रहा है,जिसमें दूर दराज से आए हुए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। यह आयोजन दशहरा से पूर्णिमा तक चलता है। भंडारे का आयोजन बल्कि दो से तीन दिन और बिसर्जन तक चलता रहता है। जिसमें विभिन्न पंडालों में देवी दुर्गा की पूजा-अर्चना की जाती है और भक्तों को प्रसाद वितरित किया जाता है।
जनपद में दुर्गापूजा महोत्सव की कुछ खास होती है यहाँ की ऐतिहासिक है परंपरायें जो सुल्तानपुर का दुर्गापूजा महोत्सव 1959 से मनाया जा रहा है,जो अपनी अनूठी परंपरा और सांस्कृतिक विरासत के लिए प्रसिद्ध है। महोत्सव में विभिन्न पंडालों का निर्माण किया जाता है,जिनमें देवी दुर्गा की विशाल मूर्तियां और अन्य देवी भी स्थापित की जाती हैं जो भक्तों को आकर्षित करती हैं।
इस महोत्सव में हिंदू और मुस्लिम समुदाय के लोग मिलकर भाग लेते हैं और इसे सफल बनाने में पूरा योगदान करते हैं। इस महोत्सव के दौरान जगह-जगह भंडारे का आयोजन किया जाता है,जैसे शाहगंज चौराहे पास, चौक,पंचरास्ता,गभड़िया,बस स्टेशन, तिकोनिया पार्क समेत अन्य जगहों पर होता है। जिसमें श्रद्धालुओं को रोजाना विभिन्न प्रकार के व्यंजन परोसे जाते हैं।
यह महोत्सव सुल्तानपुर की सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है और यहां की जनता की एकता और सौहार्द को दर्शाता है। दुर्गा पूजा महोत्सव का धार्मिक महत्व बहुत अधिक है।
जिसमें देवी दुर्गा की पूजा-अर्चना कर भक्त यहाँ अपनी इच्छाऐं,मनोकामनाएं पूरी होने की कामना करते हैं।
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