फील्ड में तैनाती का आधार केवल ‘परफॉर्मेंस’: योगी*

*मुख्यमंत्री ने राज्य कर विभाग की राजस्व प्राप्तियों की समीक्षा की* *जीएसटी के ‘नेक्स्ट जेनरेशन रिफॉर्म’ से बाजार में तेजी, आने वाले महीनों में दिखेगा सकारात्मक असर: मुख्यमंत्री* *मुख्यमंत्री का निर्देश, धनतेरस व दीपावली पर अनावश्यक छापेमारी या जांच से बचें* लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि राज्य कर विभाग में तैनाती का आधार केवल ‘परफॉर्मेंस’ होगा। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि फील्ड में वही अधिकारी तैनात किए जाएं जो लक्ष्य प्राप्ति के प्रति प्रतिबद्ध हों और जिनकी छवि पूरी तरह साफ हो। मुख्यमंत्री रविवार को राज्य कर विभाग की राजस्व प्राप्तियों की अद्यतन स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जोनल अधिकारियों से सीधा संवाद किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि जीएसटी के ‘नेक्स्ट जेनरेशन रिफॉर्म’ के बाद बाजार में तेजी देखी जा रही है और आने वाले महीनों में इसके सकारात्मक परिणाम निश्चित रूप से दिखाई देंगे। उन्होंने निर्देश दिए कि धनतेरस और दीपावली के अवसरों पर अनावश्यक जांच अथवा छापेमारी की कार्रवाई से बचा जाए। व्यापारियों और उद्यमियों के उत्पीड़न की शिकायत कहीं से भी नहीं आनी चाहिए। बैठक के दौरान जोनवार समीक्षा में अवगत कराया गया कि बरेली (64.2%), सहारनपुर (63.7%), मेरठ (63.0%), गोरखपुर (62.5%) और झांसी (62.1%) जैसे जोनों का प्रदर्शन अपेक्षाकृत बेहतर रहा है। वहीं कुछ जोनों में लक्ष्य पूर्ति 55 से 58 प्रतिशत के बीच रही, जहां सुधार की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने वाराणसी प्रथम व द्वितीय, गोरखपुर, प्रयागराज, अयोध्या, लखनऊ प्रथम व द्वितीय, कानपुर प्रथम व द्वितीय, इटावा, झांसी, आगरा, अलीगढ़, मुरादाबाद, मेरठ, गाजियाबाद प्रथम व द्वितीय, गौतमबुद्ध नगर और सहारनपुर सहित सभी जोनों की संभागवार और खंडवार समीक्षा की। उन्होंने सभी जोनल अधिकारियों से कहा कि 50 प्रतिशत से कम राजस्व संग्रह वाले खंडों की स्थिति का कारण स्पष्ट करें और सुधार की कार्ययोजना तत्काल तैयार करें। मुख्यमंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि बरेली, झांसी और कानपुर प्रथम जोन में कोई भी खंड 50 प्रतिशत से कम संग्रह वाला नहीं है, जो संतोषजनक है। वहीं, असंतोषजनक प्रदर्शन करने वालों की जवाबदेही तय करने के निर्देश दिए गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्व वृद्धि राज्य की आर्थिक प्रगति का प्रमुख आधार है। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्धारित लक्ष्यों की शत-प्रतिशत प्राप्ति का संकल्प लेकर कार्य करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ अधिकारी स्वयं मार्केट मैपिंग करें, सामान्य रूप से बाजार में जाएं, व्यापारियों से मिलें और उनकी अपेक्षाओं को समझें। मुख्यमंत्री ने उदाहरण देते हुए कहा कि मंडी शुल्क में कमी से किसानों को राहत और राजस्व में वृद्धि दोनों हुई हैं। यह इस बात का प्रमाण है कि पारदर्शी और सरल कर प्रणाली हमेशा लाभकारी होती है। उन्होंने व्यापारियों से संवाद बनाए रखने पर बल देते हुए कहा कि जीएसटी पंजीकरण बढ़ाने और समय से रिटर्न फाइल कराने के लिए ठोस प्रयास किए जाएं। मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में सितम्बर माह तक राज्य कर विभाग को कुल ₹55,000 करोड़ की प्राप्ति हुई है। इसमें ₹40,000 करोड़ जीएसटी तथा ₹15,000 करोड़ वैट/नॉन-जीएसटी से प्राप्त हुए हैं। गत वित्तीय वर्ष की समान अवधि में ₹55,136.29 करोड़ की प्राप्ति हुई थी। चालू वित्तीय वर्ष के लिए राज्य कर विभाग को ₹1.75 लाख करोड़ का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जो पिछले वर्ष के ₹1,56,982 करोड़ की तुलना में लगभग ₹18,700 करोड़ अधिक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश को राष्ट्रीय जीएसटी संग्रह में अग्रणी योगदान देना चाहिए और इसके लिए नियोजित प्रयास किए जाएं। बैठक में बोगस फर्मों और फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) के मामलों पर विशेष चर्चा हुई। विभाग द्वारा अब तक 104 फर्मों में ₹873.48 करोड़ के फर्जी आईटीसी की पहचान की गई है, जिन पर जांच एवं कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्व संग्रह में पारदर्शिता, उत्तरदायित्व और ईमानदारी सर्वोपरि है। जहां कमी दिखाई दे, वहां कारणों की समीक्षा कर तुरंत सुधारात्मक कदम उठाए जाएं। उन्होंने बकाया वसूली, फर्जी आईटीसी की रोकथाम और लंबित जीएसटी/वैट मामलों के त्वरित निस्तारण पर विशेष बल दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि करदाताओं की सुविधा और विश्वास अर्जन ही स्थायी राजस्व वृद्धि का आधार है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि करदाता-मित्रवत वातावरण तैयार करते हुए ई-गवर्नेंस प्रणाली को और सुदृढ़ किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि “राजस्व वृद्धि राज्य की अर्थव्यवस्था को गति देने का आधार है। विकसित उत्तर प्रदेश और विकसित भारत 2047 के लक्ष्य की दिशा में राज्य कर विभाग की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। हर अधिकारी यह सुनिश्चित करे कि कर संग्रह का प्रत्येक रुपया प्रदेश के विकास में योगदान दे।” उन्होंने विभागीय अधिकारियों को राजस्व सृजन की गति और पारदर्शिता, दोनों पर समान ध्यान देने तथा करदाता जनसहजता बढ़ाने के निर्देश दिए।
*लंच विद लाडली- किशोरियों को सशक्त बनाने व नेतृत्व प्रदान करने का एक महत्वपूर्ण मंच*

* प्रेरक संवाद और साझा अनुभवों से बढ़ रहा किशोरियों का आत्मविश्वास : लीना जौहरी लखनऊ। अपर मुख्य सचिव महिला कल्याण एवं बाल विकास सेवा पुष्टाहार लीना जौहरी ने बताया कि समाज के सर्वांगीण विकास के लिए आवश्यक है कि हमारी किशोरियों आत्मनिर्भर आत्मविश्वासी और नेतृत्व क्षमता से संपन्न हों। लंच विद लाडली एक ऐसा प्रयास है जो किशोरियों को प्रेरित करने, उनकी समस्याओं को सुनने उन्हें समाधान की दिशा में मार्गदर्शन देने हेतु आयोजित किया गया । मिशन शक्ति के अंतर्गत बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के तत्वाधान में आज प्रदेश के जनपदों में लंच विद लाडली का आयोजन किया गया जिसका उद्देश्य किशोरियों को सशक्त बनाकर उन्हें आत्मविश्वास , नेतृत्व, कौशल विकसित करना जीवन कौशल ,शिक्षा स्वास्थ्य और सुरक्षा से जुड़ी जानकारी देना निर्णय लेने की क्षमता और संवाद कौशल को प्रोत्साहित करना तथा उन्हें समाज में सकारात्मक बदलाव के लिए प्रेरित करना था ।जनपदों में एक अनौपचारिक लंच सेशन आयोजित किया गया जिसमें महत्वपूर्ण पदों पर आसीन समाज की विभिन्न महिलाएं जो किसी न किसी रूप में संघर्षों को पार कर महत्वपूर्ण पदों पर पहुंची हैं और समाज को नेतृत्व प्रदान कर रही हैं जिस में शिक्षाविद सामाजिक कार्यकर्ता महिला नेतृत्व कर्ता द्वारा कार्यक्रम में अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित किशोरियों से रोल मॉडल के रूप में उपस्थित महिलाओं के साथ उनका परिचय कराया गया। प्रेरक संवाद के माध्यम से उपस्थित सम्मानित महिला अधिकारियों के द्वारा व सामाजिक कार्यकर्ताओं के द्वारा अपने अनुभव साझा किए गए इस अवसर पर सामूहिक चर्चा एवं प्रश्नोत्तर सत्र का आयोजन किया गया जिससे किशोरियों में आत्मविश्वास भविष्य की महिला नेतृत्व कर्ता को तैयार करने की एक पहल की गई । इस अवसर पर किशोरियों ने खुलकर अपने विचार रखें यहां उन्हें जीवन कौशल शिक्षा स्वास्थ्य में सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण टिप्स दिए गए लंच विद लाडली किशोरियों को आत्मनिर्भरता में सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम इसलिए भी है कि इसके माध्यम से किशोरियों को यह संदेश मिलता है कि समान अवसर दिए जाने पर और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए छोटे-छोटे मंच भी बड़े बदलाव ला सकते हैं जब किशोरी अपने विचार व्यक्त करने और नेतृत्व करने का अवसर पाएंगे तभी समाज में सकारात्मक बदलाव संभव है भारत में लगभग 40% किशोरी आज भी पूर्ण रूप से शिक्षा के अवसरों से वंचित हैं लगभग 15% किशोरियों अभी भी माध्यमिक शिक्षा तक पहुंचने से वंचित है किशोरियों में एनीमिया की दर लगभग 40% है जो उनके शारीरिक और मानसिक विकास को प्रभावित करती है यदि देश का लिंगानुपात देखा जाए तो जीरो से 6 वर्ष में 927 लड़कियां प्रति 1000 लड़का है जो आज भी चिंता का विषय है किशोरियों में अपने भविष्य को लेकर चिंता व असुरक्षा तेजी से बढ़ रही है। लंच विद लाडली जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से किशोरियों में निर्णय लेने की क्षमता आत्मविश्वास तथा नेतृत्व कौशल को बढ़ावा मिलेगा जिससे वह भविष्य में समाज और स्कूल कॉलेज स्तर पर सक्रिय भूमिका निभा सकेंगे। इस अवसर पर मुरादाबाद मंडल के जनपदों में किशोरियों के साथ अलग-अलग स्थान पर किशोरी भोज का आयोजन किया गया जिसमें जनपद रामपुर में राज्य महिला आयोग की सदस्य सुनीता सैनी द्वारा बालिकाओं के साथ भोज करते हुए उनके माता-पिता को शिक्षा व स्वास्थ्य की महत्वपूर्ण जानकारी दी गई जनपद संभल में ब्लॉक प्रमुख संतोष देवी महिला ग्राम प्रधानों ग्राम प्रधान अचौड़ा भावना शर्मा असमोली द्वारा किशोरियों के साथ भोज करते हुए अपने जीवन के संघर्षों से जुड़े हुए अनुभव साझा करते हुए सफलता तक पहुंचाने का मार्ग प्रशस्त किया । इस अवसर पर जिला कार्यक्रम अधिकारी संभल बाल विकास परियोजना अधिकारी में नवनियुक्त मुख्य सेविकाओं ने प्रतिभा किया जनपद अमरोहा में जनप्रतिनिधि बाल ब्लॉक प्रमुख मीनाक्षी सिंह महिला ग्राम प्रधानों महिला कोतवाल महिला अध्यापकों खंड शिक्षा अधिकारियों द्वारा कार्यक्रम में प्रतिभा करते हुए किशोरियों को संबोधित किया गया जनपद मुरादाबाद में सामूहिक भोज के साथ-साथ किशोरियों में एनीमिया की जांच भी कराई गई तथा उन्हें मन्सूरल हाइजीन व आयरन की गोलियां भी वितरित की गई। आयोजकों का कहना है कि यह कार्यक्रम किशोरियों को न केवल सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है बल्कि उन्हें नेतृत्व के नए आयाम सीखने और समाज में बदलाव लाने की प्रेरणा भी देगा भविष्य में इस मिशन शक्ति के तहत नियमित रूप से आयोजित किया जाएगा।
*130 न्यायिक अधिकारियों के तबादले, कई जिलों में नए जिला जज नियुक्त – इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा कदम*
*मलखान सिंह लखनऊ जिला जज बने*

*सत्येंद्र कुमार सहारनपुर के जिला जज बने*

*अजय कुमार सिंह हापुड़ जिला जज बनाए गए*

*बीरेंद्र कुमार सिंह मुजफ्फरनगर जिला जज बने*

लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य की न्यायिक व्यवस्था को और अधिक प्रभावी व सुचारु बनाने के उद्देश्य से बड़ा प्रशासनिक निर्णय लेते हुए शनिवार को 130 न्यायिक अधिकारियों के तबादले किए। यह आदेश इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टीटी अरुण भंसाली के निर्देश पर जारी किया गया, जिसकी अधिसूचना हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल मंजीत सिंह श्योराण द्वारा जारी की गई।

इस व्यापक स्थानांतरण सूची में नोएडा, गाजियाबाद, प्रयागराज, लखनऊ, वाराणसी, कानपुर नगर, बरेली, मुरादाबाद, सहारनपुर, सुल्तानपुर, चंदौली, पीलीभीत, बुलंदशहर, देवरिया, जालौन, फतेहपुर, महोबा, ललितपुर, कन्नौज, हरदोई, महाराजगंज, संभल सहित प्रदेश के अनेक जिलों को शामिल किया गया है। इन जिलों में नए जिला न्यायाधीशों की नियुक्ति की गई है।

गौरतलब है कि हाल ही में बड़ी संख्या में HJS (हायर जुडिशियल सर्विस) के न्यायिक अधिकारियों को प्रयागराज हाईकोर्ट में न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था। इसके फलस्वरूप राज्य के विभिन्न जिलों में रिक्त पदों को भरने हेतु यह तबादला प्रक्रिया आवश्यक हो गई थी।
*आधार कार्ड अपडेट अब महंगा, UIDAI ने बढ़ाए शुल्क, कुछ उम्र वर्गों को राहत*

1 अक्टूबर 2025 से आधार कार्ड में नाम, जन्म तिथि, लिंग और पता बदलवाना अब महंगा हो गया है। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने इन सेवाओं के लिए शुल्क बढ़ा दिए हैं। पहले इन संशोधनों के लिए ₹50 का भुगतान करना होता था, लेकिन अब यह बढ़ाकर ₹75 कर दिया गया है। इसी तरह, कुछ अन्य अपडेट्स के लिए जहां पहले ₹100 लगते थे, अब वहां ₹125 देने होंगे।

UIDAI के इस फैसले का असर उन लाखों लोगों पर पड़ेगा जो अपने आधार डिटेल्स में बदलाव या सुधार करवाते हैं। हालांकि, प्राधिकरण ने कुछ आयु वर्ग के बच्चों के लिए राहत भी दी है।

*किसे मिली राहत?*
– 5 से 7 साल और 15 से 17 साल की उम्र के बच्चों और किशोरों का बायोमेट्रिक अपडेट एक बार निःशुल्क किया जाएगा।
– 7 से 15 साल की उम्र वाले बच्चों के लिए 2026 तक बायोमेट्रिक अपडेट पर कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।

UIDAI का कहना है कि शुल्क बढ़ाने का उद्देश्य सेवा लागत और तकनीकी संसाधनों को संतुलित करना है, जिससे बेहतर और सुरक्षित सेवाएं उपलब्ध कराई जा सकें।
*समर्थ उत्तर प्रदेश - विकसित उत्तर प्रदेश @2047 अभियान को मिल रहे रिकॉर्ड सुझाव*


*युवाओं ने दिखाई विकास की दिशा*

लखनऊ। उत्तर प्रदेश को वर्ष 2047 तक विकसित राज्य बनाने के लिए चलाया जा रहा "समर्थ उत्तर प्रदेश - विकसित उत्तर प्रदेश अभियान तेजी से जनआंदोलन का रूप लेता जा रहा है। इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत अब तक 24.5 लाख से अधिक सुझाव प्रदेश की जनता से प्राप्त हो चुके हैं। इनमें सबसे ज्यादा फीडबैक ग्रामीण क्षेत्रों से आया है, जो आम जनमानस की गहरी भागीदारी को दर्शाता है।

अभियान में शिक्षा और कृषि क्षेत्र को लेकर सबसे अधिक सुझाव साझा किए गए हैं। युवाओं ने विकास के प्रति अपनी गंभीरता और नई सोच के साथ नए विजन पेश किए हैं। खासकर हरदोई, सीतापुर, संभल, महाराजगंज और जौनपुर जैसे जिलों से उल्लेखनीय योगदान देखने को मिला है।

हरदोई के सौरभ ने खेल और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार पर बल देते हुए ग्रामीण युवाओं के लिए खेल सुविधाओं के विस्तार की बात कही। वहीं सीतापुर के योगेश ने सुझाव दिया कि हर गांव तक शिक्षा, इंटरनेट और डिजिटल संसाधनों की पहुंच सुनिश्चित की जानी चाहिए, जिससे ग्रामीण छात्र भी प्रतिस्पर्धा में पीछे न रहें।

प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, इन सुझावों का विश्लेषण कर उन्हें विकसित यूपी के ब्लूप्रिंट में शामिल किया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं जनता से अपील की थी कि वे इस योजना में बढ़-चढ़कर भाग लें और प्रदेश को विकसित राज्यों की श्रेणी में पहुंचाने में योगदान दें। यह अभियान न सिर्फ जनभागीदारी का बेहतरीन उदाहरण बन रहा है, बल्कि प्रदेश के भविष्य की दिशा भी तय कर रहा है।
*मिशन शक्ति के अंतर्गत बालिकाओं को मिली आत्मनिर्भरता की नई दिशा*

*ड्राइविंग मॉय ड्रीम्स*का किया गया सफल आयोजन*


लखनऊ । उत्तर प्रदेश सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा मिशन शक्ति 5.0 के अंतर्गत आज पूरे प्रदेश में अंर्तराष्ट्रीय बालिका सप्ताह थीम पर "ड्राइविंग माय ड्रीम्स' कार्यक्रम का सफल आयोजन किया गया। इस अभिनव पहल का उद्देश्य बालिकाओं और महिलाओं को कौशल विकास के साथ-साथ आत्मनिर्भरता और आत्मविश्वास की ओर अग्रसर करना है। इस कार्यक्रम की विशेषता यह रही कि प्रत्येक जनपद के दूरस्थ क्षेत्रों से 100-100 बालिकाओं और महिलाओं का चयन कर उनके लिये 'निशुल्क ड्राइविंग का प्रशिक्षण प्रदान करने की मुहीम शुरू की गई। प्रत्येक जनपद में यह प्रशिक्षण न्यूनतम 1 माह हेतु आयोजित किया जायेगा।

विद्यालयों और महाविद्यालयों की वयस्क छात्राओं के साथ-साथ ग्रामीण अंचलों से आई बालिकाओं एवं महिलाओं ने भी इस कार्यक्रम में उत्साहपूर्वक भाग लिया। चयनित प्रतिभागियों को प्रशिक्षकों द्वारा ड्राइविंग से जुडे बुनियादी नियम, सडक सुरक्षा, ट्रैफिक संकेत, आपातकालीन परिस्थितियों में वाहन नियंत्रण और महिला सुरक्षा उपायों के बारे में विस्तृत जानकारी दी जा रही है।

"ड्राइविंग माय ड्रीम्स' केवल वाहन चलाने तक सीमित कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह बालिकाओं को उनके सपनों की उडान देने का एक सशक्त माध्यम है। इससे वे न केवल रोजगार और स्वरोजगार के नए अवसर तलाश सकेंगी, बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर होकर समाज की मुख्यधारा से भी जुडेंगी। सरकार का लक्ष्य है कि प्रशिक्षण उपरांत इन बालिकाओं को औपचारिक ड्राइविंग लाइसेंस दिलवाया जाए, जिससे वे व्यावसायिक स्तर पर भी आगे बढ़ सके अथवा अपने दैनिक कार्यों हेतु किसी और पर निर्भर न रहें।

प्रदेश के विभिन्न जनपदों से प्रेरक झलकियाँ भी सामने आई। कहीं ग्रामीण पृष्ठभूमि की बेटियों ने पहली बार हैंडल / स्टीयरिंग संभालकर आत्मविश्वास की नई अनुभूति की, तो कहीं महाविद्यालयों की छात्राओं ने इसे अपनी शिक्षा और करियर में नया आयाम जोडने वाला कदम बताया। कार्यक्रम में शामिल प्रशिक्षको ने बताया कि बालिकाओं में सीखने की ललक और उत्साह देखकर यह स्पष्ट होता है कि वे इस पहल से अपने जीवन में बडा परिवर्तन लाएँगी।

महिला एवं बाल विकास विभाग, उत्तर प्रदेश की अपर मुख्य सचिव सचिव लीना जोहरी ने कहा, "ड्राइविंग माय ड्रीम्स' केवल ड्राइविंग का प्रशिक्षण देने वाला कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह बेटियों और महिलाओं के सपनों को दिशा देने का अभियान है। मिशन शक्ति की भावना है कि हर बेटी आत्मनिर्भर बने और जीवन के हर क्षेत्र में अपनी पहचान बनाए।"

विभाग की निदेशक संदीप कौर ने बताया कि "आज पूरे प्रदेश में जिस तरह बालिकाओं ने उत्साहपूर्वक इस कार्यक्रम में भाग लिया, उससे यह संदेश गया है कि उत्तर प्रदेश में अब बेटियाँ हर राह पर आत्मविश्वास से आगे बढ़ेंगी।"

इस कार्यक्रम के माध्यम से मिशन शक्ति ने एक बार फिर यह साबित किया है कि जब समाज और सरकार मिलकर बेटियों को अवसर प्रदान करते हैं, तो वे हर क्षेत्र में अपनी सफलता की मिसाल कायम कर सकती है। 'ड्राइविंग माय ड्रीम्स बालिकाओं की इसी नई उडान का प्रतीक है, जो न केवल उनकी व्यक्तिगत प्रगति बल्कि पूरे प्रदेश की सामाजिक और आर्थिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त करेगा।

उल्लेखनीय है कि विभाग द्वारा उक्त कार्यक्रमों के माध्यम से मिशन शक्ति के 5वें चरण में दिनाक 22 सितम्बर 02 अक्टूबर, 2025 के मध्य कुल 13,12,997 व्यक्तियों को जागरूक किया गया है जिसमें महिलायें पुरुष, बालक और बालिकायें सभी शामिल हैं।
महात्मा गांधी एवं लाल बहादुर शास्त्री जयंती पर कौशल विकास मिशन मुख्यालय में श्रद्धांजलि कार्यक्रम

लखनऊ। उत्तर  प्रदेश कौशल विकास मिशन निदेशक पुलकित खरे के मार्गदर्शन में गुरुवार को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न लाल बहादुर शास्त्री की जयंती के पावन अवसर पर मिशन मुख्यालय में  कार्यक्रम आयोजित किया गया।

कार्यक्रम की शुरुआत मुख्यालय परिसर में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के साथ हुई। इसके पश्चात उपस्थित अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने दोनों महान विभूतियों के चित्रों पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर "रघुपति राघव राजा राम" की सामूहिक प्रस्तुति ने वातावरण को आध्यात्मिक और राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत कर दिया।

मिशन के सहायक निदेशक डॉ. एम.के. सिंह एवं सहायक निदेशक आशीष कुमार ने महात्मा गांधी के सत्य और अहिंसा के सिद्धांतों, जीवन मूल्यों तथा शास्त्री जी की सादगी, कर्तव्यनिष्ठा और "जय जवान, जय किसान" जैसे प्रेरक नारों पर प्रकाश डाला।
पीएसी मुख्यालय में महात्मा गांधी और लालबहादुर शास्त्री को श्रद्धांजलि
लखनऊ । राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 156वीं जयंती एवं भारत रत्न, पूर्व प्रधानमंत्री  लालबहादुर शास्त्री की 121वीं जयंती के उपलक्ष्य में पीएसी मुख्यालय, लखनऊ में श्रद्धांजलि एवं संकल्प समारोह आयोजित किया गया। इस अवसर पर डा. रामकृष्ण स्वर्णकार, अपर पुलिस महानिदेशक, पीएसी उत्तर प्रदेश लखनऊ ने दोनों महान विभूतियों के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किए।अपने उद्बोधन में अपर पुलिस महानिदेशक  ने कहा कि महात्मा गांधी ने सत्य, अहिंसा, त्याग एवं नैतिकता के बल पर सम्पूर्ण विश्व को एक नई दिशा प्रदान की। 

पीएसी मुख्यालय  में गांधी एवं शास्त्री जयंती पर श्रद्धांजलि समारोह

लालबहादुर शास्त्री  का "जय जवान, जय किसान" का उद्घोष राष्ट्र के लिए प्रेरणाप्रद है। उनका जीवन अनुशासन, सादगी एवं निष्ठा का अनुपम उदाहरण है। कार्यक्रम में अनीश अहमद, पुलिस उपमहानिरीक्षक, सुनीता सिंह, पुलिस उपमहानिरीक्षक,  विजय शंकर मिश्रा, अपर पुलिस अधीक्षक, शीतांशु कुमार, अपर पुलिस अधीक्षक, कृष्णकांत शुक्ल, स्टाफ ऑफिसर  सहित पीएसी मुख्यालय के अन्य अधिकारी-कर्मचारी  भी उपस्थित रहे।

सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी एवं भारत रत्न  लालबहादुर शास्त्री  के उच्च आदर्शों को आत्मसात करने तथा पुलिस सेवा में सदैव कर्तव्यपरायण एवं निष्ठावान बने रहने का संकल्प लिया। उक्त जानकारी मीडिया सेल प्रभारी पीएसी मुख्यालय चेतराम मीणा ने दी।
सुरक्षित महिला, सशक्त प्रदेशः चन्दौली पुलिस ने मिशन शक्ति 5.0 के तहत आयोजित किया ‘‘Wall of Dreams’’ कार्यक्रम
लखनऊ । महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन को और सुदृढ़ बनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेशभर में चलाए जा रहे मिशन शक्ति 5.0 अभियान के तहत चन्दौली पुलिस ने एक अनोखी पहल की।

पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्ण के निर्देशानुसार अपराधियों पर सख्त कार्रवाई, बच्चियों/महिलाओं की सुरक्षा, आत्मरक्षा प्रशिक्षण, हेल्पलाइन सेवाओं के प्रचार-प्रसार और ऑपरेशन कन्विक्शन के अंतर्गत अपराधियों को कड़ी सजा दिलाने के साथ-साथ व्यापक जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इसी क्रम में पुलिस अधीक्षक चन्दौली के नेतृत्व में जिले के सभी थानों पर ‘Wall of Dreams’ कार्यक्रम आयोजित किया गया।

कार्यक्रम का उद्देश्य
छात्राओं को अपने सपनों, आकांक्षाओं और भविष्य की योजनाओं को सार्वजनिक रूप से व्यक्त करने का अवसर प्रदान करना, ताकि उनकी आवाज़ समाज में और अधिक सशक्त हो सके।
कार्यक्रम की झलक
थानों में विशेष रूप से एक सफेद रंग से पेंट की गई दीवार तैयार की गई।
छात्राओं ने अपने हाथों की रंग-बिरंगी छाप (पंजों के निशान) उस दीवार पर लगाई।
यह छाप उनके सपनों, इच्छाओं और आत्मविश्वास का प्रतीक बनी।
‘‘Wall of Dreams’’ पर लगे रंग-बिरंगे पंजों के निशान महिलाओं के उज्ज्वल भविष्य, सुरक्षा और सम्मान का संदेश देते नजर आए।
चन्दौली पुलिस की यह पहल मिशन शक्ति अभियान के उद्देश्यों को और मजबूत करती है तथा महिलाओं को सशक्त, सुरक्षित और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही है।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों में संदिग्ध प्रवेश पर अब होगी कठोरतम कार्रवाई : डा. बबीता सिंह
पहचान छुपाकर प्रवेश करने वालों को नहीं मिलेगी कोई छूट, होगी सख्त कार्रवाई

गरबा-डान्डिया सहित सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुचिता भंग करने वालों पर होगी कानूनी कार्रवाई

नवरात्रि आयोजनों की सुरक्षा में सेंध लगाने वालों के विरुद्ध होगी सख्त कार्रवाई

लखनऊ । उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. बबीता सिंह चौहान ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों, पुलिस आयुक्तों, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों एवं पुलिस अधीक्षकों को निर्देशित किया है कि वर्तमान समय में नवरात्रि, दुर्गा पूजा, दशहरा एवं दीपावली जैसे बड़े पर्व पूरे प्रदेश में धूमधाम एवं श्रद्धा के साथ मनाए जा रहे हैं। इन अवसरों पर गरबा, डान्डिया, रासलीला जैसे विविध सांस्कृतिक एवं धार्मिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं, जिनमें बड़ी संख्या में महिलाएँ, बालिकाएँ एवं परिवार सम्मिलित होकर सामाजिक और सांस्कृतिक परंपराओं को जीवंत करते हैं। आयोग को संतों एवं प्रबुद्धजनों से यह जानकारी प्राप्त हुई है कि इन कार्यक्रमों में कुछ असामाजिक एवं संदिग्ध तत्व अपनी वास्तविक पहचान छिपाकर प्रवेश कर जाते हैं, जिससे आयोजनों की पवित्रता, सुरक्षा एवं गरिमा प्रभावित होती है।अतः ऐसे संदिग्ध की पहचान कर कार्यवाही की जाए।

इस संदर्भ में महिला आयोग ने सभी प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि ऐसे सभी कार्यक्रमों में प्रतिभागियों व उपस्थित लोगों को प्रवेश केवल वैध पहचान पत्र दिखाने के उपरांत ही दिया जाए। साथ ही, यदि कोई व्यक्ति अपनी पहचान छुपाकर प्रवेश करता पाया जाए तो उसके विरुद्ध कठोर विधिक कार्यवाही की जाए, ताकि सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुचिता और सामाजिक सद्भाव किसी भी प्रकार से बाधित न हो। आयोग ने यह भी अपेक्षा की है कि कार्यक्रम आयोजकों, प्रशासन एवं पुलिस विभाग के बीच समन्वय स्थापित कर सुरक्षा प्रबंधों को और अधिक सुदृढ़ किया जाए, ताकि महिलाएँ एवं परिवार निश्चिंत होकर पर्वों की उल्लासपूर्ण परंपरा में भाग ले सकें।

डॉ. बबीता सिंह चौहान ने कहा है कि सांस्कृतिक और धार्मिक आयोजनों की गरिमा एवं पवित्रता बनाए रखना समाज की सामूहिक जिम्मेदारी है। महिला आयोग इस दिशा में निरंतर प्रयासरत है कि प्रदेश की बेटियों, महिलाओं एवं परिवारों को एक सुरक्षित, सम्मानजनक और स्वस्थ वातावरण उपलब्ध कराया जा सके।