*आधार कार्ड अपडेट अब महंगा, UIDAI ने बढ़ाए शुल्क, कुछ उम्र वर्गों को राहत*

1 अक्टूबर 2025 से आधार कार्ड में नाम, जन्म तिथि, लिंग और पता बदलवाना अब महंगा हो गया है। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने इन सेवाओं के लिए शुल्क बढ़ा दिए हैं। पहले इन संशोधनों के लिए ₹50 का भुगतान करना होता था, लेकिन अब यह बढ़ाकर ₹75 कर दिया गया है। इसी तरह, कुछ अन्य अपडेट्स के लिए जहां पहले ₹100 लगते थे, अब वहां ₹125 देने होंगे।

UIDAI के इस फैसले का असर उन लाखों लोगों पर पड़ेगा जो अपने आधार डिटेल्स में बदलाव या सुधार करवाते हैं। हालांकि, प्राधिकरण ने कुछ आयु वर्ग के बच्चों के लिए राहत भी दी है।

*किसे मिली राहत?*
– 5 से 7 साल और 15 से 17 साल की उम्र के बच्चों और किशोरों का बायोमेट्रिक अपडेट एक बार निःशुल्क किया जाएगा।
– 7 से 15 साल की उम्र वाले बच्चों के लिए 2026 तक बायोमेट्रिक अपडेट पर कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।

UIDAI का कहना है कि शुल्क बढ़ाने का उद्देश्य सेवा लागत और तकनीकी संसाधनों को संतुलित करना है, जिससे बेहतर और सुरक्षित सेवाएं उपलब्ध कराई जा सकें।
*समर्थ उत्तर प्रदेश - विकसित उत्तर प्रदेश @2047 अभियान को मिल रहे रिकॉर्ड सुझाव*


*युवाओं ने दिखाई विकास की दिशा*

लखनऊ। उत्तर प्रदेश को वर्ष 2047 तक विकसित राज्य बनाने के लिए चलाया जा रहा "समर्थ उत्तर प्रदेश - विकसित उत्तर प्रदेश अभियान तेजी से जनआंदोलन का रूप लेता जा रहा है। इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत अब तक 24.5 लाख से अधिक सुझाव प्रदेश की जनता से प्राप्त हो चुके हैं। इनमें सबसे ज्यादा फीडबैक ग्रामीण क्षेत्रों से आया है, जो आम जनमानस की गहरी भागीदारी को दर्शाता है।

अभियान में शिक्षा और कृषि क्षेत्र को लेकर सबसे अधिक सुझाव साझा किए गए हैं। युवाओं ने विकास के प्रति अपनी गंभीरता और नई सोच के साथ नए विजन पेश किए हैं। खासकर हरदोई, सीतापुर, संभल, महाराजगंज और जौनपुर जैसे जिलों से उल्लेखनीय योगदान देखने को मिला है।

हरदोई के सौरभ ने खेल और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार पर बल देते हुए ग्रामीण युवाओं के लिए खेल सुविधाओं के विस्तार की बात कही। वहीं सीतापुर के योगेश ने सुझाव दिया कि हर गांव तक शिक्षा, इंटरनेट और डिजिटल संसाधनों की पहुंच सुनिश्चित की जानी चाहिए, जिससे ग्रामीण छात्र भी प्रतिस्पर्धा में पीछे न रहें।

प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, इन सुझावों का विश्लेषण कर उन्हें विकसित यूपी के ब्लूप्रिंट में शामिल किया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं जनता से अपील की थी कि वे इस योजना में बढ़-चढ़कर भाग लें और प्रदेश को विकसित राज्यों की श्रेणी में पहुंचाने में योगदान दें। यह अभियान न सिर्फ जनभागीदारी का बेहतरीन उदाहरण बन रहा है, बल्कि प्रदेश के भविष्य की दिशा भी तय कर रहा है।
*मिशन शक्ति के अंतर्गत बालिकाओं को मिली आत्मनिर्भरता की नई दिशा*

*ड्राइविंग मॉय ड्रीम्स*का किया गया सफल आयोजन*


लखनऊ । उत्तर प्रदेश सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा मिशन शक्ति 5.0 के अंतर्गत आज पूरे प्रदेश में अंर्तराष्ट्रीय बालिका सप्ताह थीम पर "ड्राइविंग माय ड्रीम्स' कार्यक्रम का सफल आयोजन किया गया। इस अभिनव पहल का उद्देश्य बालिकाओं और महिलाओं को कौशल विकास के साथ-साथ आत्मनिर्भरता और आत्मविश्वास की ओर अग्रसर करना है। इस कार्यक्रम की विशेषता यह रही कि प्रत्येक जनपद के दूरस्थ क्षेत्रों से 100-100 बालिकाओं और महिलाओं का चयन कर उनके लिये 'निशुल्क ड्राइविंग का प्रशिक्षण प्रदान करने की मुहीम शुरू की गई। प्रत्येक जनपद में यह प्रशिक्षण न्यूनतम 1 माह हेतु आयोजित किया जायेगा।

विद्यालयों और महाविद्यालयों की वयस्क छात्राओं के साथ-साथ ग्रामीण अंचलों से आई बालिकाओं एवं महिलाओं ने भी इस कार्यक्रम में उत्साहपूर्वक भाग लिया। चयनित प्रतिभागियों को प्रशिक्षकों द्वारा ड्राइविंग से जुडे बुनियादी नियम, सडक सुरक्षा, ट्रैफिक संकेत, आपातकालीन परिस्थितियों में वाहन नियंत्रण और महिला सुरक्षा उपायों के बारे में विस्तृत जानकारी दी जा रही है।

"ड्राइविंग माय ड्रीम्स' केवल वाहन चलाने तक सीमित कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह बालिकाओं को उनके सपनों की उडान देने का एक सशक्त माध्यम है। इससे वे न केवल रोजगार और स्वरोजगार के नए अवसर तलाश सकेंगी, बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर होकर समाज की मुख्यधारा से भी जुडेंगी। सरकार का लक्ष्य है कि प्रशिक्षण उपरांत इन बालिकाओं को औपचारिक ड्राइविंग लाइसेंस दिलवाया जाए, जिससे वे व्यावसायिक स्तर पर भी आगे बढ़ सके अथवा अपने दैनिक कार्यों हेतु किसी और पर निर्भर न रहें।

प्रदेश के विभिन्न जनपदों से प्रेरक झलकियाँ भी सामने आई। कहीं ग्रामीण पृष्ठभूमि की बेटियों ने पहली बार हैंडल / स्टीयरिंग संभालकर आत्मविश्वास की नई अनुभूति की, तो कहीं महाविद्यालयों की छात्राओं ने इसे अपनी शिक्षा और करियर में नया आयाम जोडने वाला कदम बताया। कार्यक्रम में शामिल प्रशिक्षको ने बताया कि बालिकाओं में सीखने की ललक और उत्साह देखकर यह स्पष्ट होता है कि वे इस पहल से अपने जीवन में बडा परिवर्तन लाएँगी।

महिला एवं बाल विकास विभाग, उत्तर प्रदेश की अपर मुख्य सचिव सचिव लीना जोहरी ने कहा, "ड्राइविंग माय ड्रीम्स' केवल ड्राइविंग का प्रशिक्षण देने वाला कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह बेटियों और महिलाओं के सपनों को दिशा देने का अभियान है। मिशन शक्ति की भावना है कि हर बेटी आत्मनिर्भर बने और जीवन के हर क्षेत्र में अपनी पहचान बनाए।"

विभाग की निदेशक संदीप कौर ने बताया कि "आज पूरे प्रदेश में जिस तरह बालिकाओं ने उत्साहपूर्वक इस कार्यक्रम में भाग लिया, उससे यह संदेश गया है कि उत्तर प्रदेश में अब बेटियाँ हर राह पर आत्मविश्वास से आगे बढ़ेंगी।"

इस कार्यक्रम के माध्यम से मिशन शक्ति ने एक बार फिर यह साबित किया है कि जब समाज और सरकार मिलकर बेटियों को अवसर प्रदान करते हैं, तो वे हर क्षेत्र में अपनी सफलता की मिसाल कायम कर सकती है। 'ड्राइविंग माय ड्रीम्स बालिकाओं की इसी नई उडान का प्रतीक है, जो न केवल उनकी व्यक्तिगत प्रगति बल्कि पूरे प्रदेश की सामाजिक और आर्थिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त करेगा।

उल्लेखनीय है कि विभाग द्वारा उक्त कार्यक्रमों के माध्यम से मिशन शक्ति के 5वें चरण में दिनाक 22 सितम्बर 02 अक्टूबर, 2025 के मध्य कुल 13,12,997 व्यक्तियों को जागरूक किया गया है जिसमें महिलायें पुरुष, बालक और बालिकायें सभी शामिल हैं।
महात्मा गांधी एवं लाल बहादुर शास्त्री जयंती पर कौशल विकास मिशन मुख्यालय में श्रद्धांजलि कार्यक्रम

लखनऊ। उत्तर  प्रदेश कौशल विकास मिशन निदेशक पुलकित खरे के मार्गदर्शन में गुरुवार को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न लाल बहादुर शास्त्री की जयंती के पावन अवसर पर मिशन मुख्यालय में  कार्यक्रम आयोजित किया गया।

कार्यक्रम की शुरुआत मुख्यालय परिसर में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के साथ हुई। इसके पश्चात उपस्थित अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने दोनों महान विभूतियों के चित्रों पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर "रघुपति राघव राजा राम" की सामूहिक प्रस्तुति ने वातावरण को आध्यात्मिक और राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत कर दिया।

मिशन के सहायक निदेशक डॉ. एम.के. सिंह एवं सहायक निदेशक आशीष कुमार ने महात्मा गांधी के सत्य और अहिंसा के सिद्धांतों, जीवन मूल्यों तथा शास्त्री जी की सादगी, कर्तव्यनिष्ठा और "जय जवान, जय किसान" जैसे प्रेरक नारों पर प्रकाश डाला।
पीएसी मुख्यालय में महात्मा गांधी और लालबहादुर शास्त्री को श्रद्धांजलि
लखनऊ । राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 156वीं जयंती एवं भारत रत्न, पूर्व प्रधानमंत्री  लालबहादुर शास्त्री की 121वीं जयंती के उपलक्ष्य में पीएसी मुख्यालय, लखनऊ में श्रद्धांजलि एवं संकल्प समारोह आयोजित किया गया। इस अवसर पर डा. रामकृष्ण स्वर्णकार, अपर पुलिस महानिदेशक, पीएसी उत्तर प्रदेश लखनऊ ने दोनों महान विभूतियों के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किए।अपने उद्बोधन में अपर पुलिस महानिदेशक  ने कहा कि महात्मा गांधी ने सत्य, अहिंसा, त्याग एवं नैतिकता के बल पर सम्पूर्ण विश्व को एक नई दिशा प्रदान की। 

पीएसी मुख्यालय  में गांधी एवं शास्त्री जयंती पर श्रद्धांजलि समारोह

लालबहादुर शास्त्री  का "जय जवान, जय किसान" का उद्घोष राष्ट्र के लिए प्रेरणाप्रद है। उनका जीवन अनुशासन, सादगी एवं निष्ठा का अनुपम उदाहरण है। कार्यक्रम में अनीश अहमद, पुलिस उपमहानिरीक्षक, सुनीता सिंह, पुलिस उपमहानिरीक्षक,  विजय शंकर मिश्रा, अपर पुलिस अधीक्षक, शीतांशु कुमार, अपर पुलिस अधीक्षक, कृष्णकांत शुक्ल, स्टाफ ऑफिसर  सहित पीएसी मुख्यालय के अन्य अधिकारी-कर्मचारी  भी उपस्थित रहे।

सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी एवं भारत रत्न  लालबहादुर शास्त्री  के उच्च आदर्शों को आत्मसात करने तथा पुलिस सेवा में सदैव कर्तव्यपरायण एवं निष्ठावान बने रहने का संकल्प लिया। उक्त जानकारी मीडिया सेल प्रभारी पीएसी मुख्यालय चेतराम मीणा ने दी।
सुरक्षित महिला, सशक्त प्रदेशः चन्दौली पुलिस ने मिशन शक्ति 5.0 के तहत आयोजित किया ‘‘Wall of Dreams’’ कार्यक्रम
लखनऊ । महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन को और सुदृढ़ बनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेशभर में चलाए जा रहे मिशन शक्ति 5.0 अभियान के तहत चन्दौली पुलिस ने एक अनोखी पहल की।

पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्ण के निर्देशानुसार अपराधियों पर सख्त कार्रवाई, बच्चियों/महिलाओं की सुरक्षा, आत्मरक्षा प्रशिक्षण, हेल्पलाइन सेवाओं के प्रचार-प्रसार और ऑपरेशन कन्विक्शन के अंतर्गत अपराधियों को कड़ी सजा दिलाने के साथ-साथ व्यापक जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इसी क्रम में पुलिस अधीक्षक चन्दौली के नेतृत्व में जिले के सभी थानों पर ‘Wall of Dreams’ कार्यक्रम आयोजित किया गया।

कार्यक्रम का उद्देश्य
छात्राओं को अपने सपनों, आकांक्षाओं और भविष्य की योजनाओं को सार्वजनिक रूप से व्यक्त करने का अवसर प्रदान करना, ताकि उनकी आवाज़ समाज में और अधिक सशक्त हो सके।
कार्यक्रम की झलक
थानों में विशेष रूप से एक सफेद रंग से पेंट की गई दीवार तैयार की गई।
छात्राओं ने अपने हाथों की रंग-बिरंगी छाप (पंजों के निशान) उस दीवार पर लगाई।
यह छाप उनके सपनों, इच्छाओं और आत्मविश्वास का प्रतीक बनी।
‘‘Wall of Dreams’’ पर लगे रंग-बिरंगे पंजों के निशान महिलाओं के उज्ज्वल भविष्य, सुरक्षा और सम्मान का संदेश देते नजर आए।
चन्दौली पुलिस की यह पहल मिशन शक्ति अभियान के उद्देश्यों को और मजबूत करती है तथा महिलाओं को सशक्त, सुरक्षित और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही है।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों में संदिग्ध प्रवेश पर अब होगी कठोरतम कार्रवाई : डा. बबीता सिंह
पहचान छुपाकर प्रवेश करने वालों को नहीं मिलेगी कोई छूट, होगी सख्त कार्रवाई

गरबा-डान्डिया सहित सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुचिता भंग करने वालों पर होगी कानूनी कार्रवाई

नवरात्रि आयोजनों की सुरक्षा में सेंध लगाने वालों के विरुद्ध होगी सख्त कार्रवाई

लखनऊ । उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. बबीता सिंह चौहान ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों, पुलिस आयुक्तों, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों एवं पुलिस अधीक्षकों को निर्देशित किया है कि वर्तमान समय में नवरात्रि, दुर्गा पूजा, दशहरा एवं दीपावली जैसे बड़े पर्व पूरे प्रदेश में धूमधाम एवं श्रद्धा के साथ मनाए जा रहे हैं। इन अवसरों पर गरबा, डान्डिया, रासलीला जैसे विविध सांस्कृतिक एवं धार्मिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं, जिनमें बड़ी संख्या में महिलाएँ, बालिकाएँ एवं परिवार सम्मिलित होकर सामाजिक और सांस्कृतिक परंपराओं को जीवंत करते हैं। आयोग को संतों एवं प्रबुद्धजनों से यह जानकारी प्राप्त हुई है कि इन कार्यक्रमों में कुछ असामाजिक एवं संदिग्ध तत्व अपनी वास्तविक पहचान छिपाकर प्रवेश कर जाते हैं, जिससे आयोजनों की पवित्रता, सुरक्षा एवं गरिमा प्रभावित होती है।अतः ऐसे संदिग्ध की पहचान कर कार्यवाही की जाए।

इस संदर्भ में महिला आयोग ने सभी प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि ऐसे सभी कार्यक्रमों में प्रतिभागियों व उपस्थित लोगों को प्रवेश केवल वैध पहचान पत्र दिखाने के उपरांत ही दिया जाए। साथ ही, यदि कोई व्यक्ति अपनी पहचान छुपाकर प्रवेश करता पाया जाए तो उसके विरुद्ध कठोर विधिक कार्यवाही की जाए, ताकि सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुचिता और सामाजिक सद्भाव किसी भी प्रकार से बाधित न हो। आयोग ने यह भी अपेक्षा की है कि कार्यक्रम आयोजकों, प्रशासन एवं पुलिस विभाग के बीच समन्वय स्थापित कर सुरक्षा प्रबंधों को और अधिक सुदृढ़ किया जाए, ताकि महिलाएँ एवं परिवार निश्चिंत होकर पर्वों की उल्लासपूर्ण परंपरा में भाग ले सकें।

डॉ. बबीता सिंह चौहान ने कहा है कि सांस्कृतिक और धार्मिक आयोजनों की गरिमा एवं पवित्रता बनाए रखना समाज की सामूहिक जिम्मेदारी है। महिला आयोग इस दिशा में निरंतर प्रयासरत है कि प्रदेश की बेटियों, महिलाओं एवं परिवारों को एक सुरक्षित, सम्मानजनक और स्वस्थ वातावरण उपलब्ध कराया जा सके।
संवैधानिक सवर्ण आयोग की मांग: सवर्ण समाज का हक – कविता तिवारी, राष्ट्रीय प्रवक्ता

लखनऊ। राष्ट्रीय सवर्ण आर्मी भारत की राष्ट्रीय प्रवक्ता कविता तिवारी ने कहा कि सवर्ण समाज के पास आज कोई संवैधानिक संस्था नहीं है, जहां वे अपने साथ हुए अन्याय के खिलाफ आवाज उठा सकें। उन्होंने कहा कि संवैधानिक सवर्ण आयोग की स्थापना होना चाहिए, यह सवर्ण समाज का हक है।
कविता तिवारी ने कहा, “सवर्ण समाज दिन-प्रतिदिन पतन की ओर जा रहा है। न जाने किस अहंकार और वर्चस्व में खोया हुआ है, अपनी लड़ाई पर ध्यान नहीं दे पा रहा। यह अत्यंत दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है। हम मेहनत करते हैं, लेकिन हमें समाज का सहयोग भी मिलना चाहिए।”
उन्होंने आगे कहा, “हम सोशल मीडिया पर अपनी बात तथ्यपूर्ण और तर्कसंगत ढंग से रखते हैं। मेरे नाम के पीछे ‘तिवारी’ लगा होने के कारण दलित वर्ग के कुछ लोग अभद्र भाषा बोल देते हैं, लेकिन मैं जातिवादी नहीं हूं। मैं समाज के लिए तथ्य और तर्क के साथ आवाज उठाती हूं। परिस्थितियां मुझे हरा नहीं सकतीं, क्योंकि जो व्यक्ति ईमानदारी से समाज का काम करता है, उसका साथ भगवान देता है।”
कविता तिवारी ने स्पष्ट किया कि आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को बचाने के लिए सवर्ण समाज को जागरूक और संगठित करना होगा। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय सवर्ण आर्मी भारत शीघ्र ही इस विषय पर बृहद स्तर पर जनजागरण अभियान शुरू करेगी।
समाज कल्याण विभाग ने बच्चों को दिया तोहफ़ा, विधायक ने किए विकास कार्यों की घोषणाएँ

लखनऊ। समाज कल्याण विभाग द्वारा अनुदानित प्रा० पाठशाला लक्ष्मणपुर गोलकड्यापुर, मानधाता में बच्चों के लिए फर्नीचर वितरण कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम  विधायक  जीतलाल पटेल की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ।

कार्यक्रम का आयोजन प्रभारी अध्यापक  कृष्णपाल, समाज कल्याण अधिकारी (स०क०)  प्रकाश चन्द्र पटेल,  संजय सिंह पटेल व  सचिन पटेल के सहयोग से किया गया। कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ० अमर बहादुर सिंह ने किया।

इस अवसर पर डॉ० आकांक्षा दीक्षित, जिला समाज कल्याण अधिकारी (विकास) तथा  मुन्नीलाल, लेखाकार (शासन) प्रतापगढ़ के मार्गदर्शन में पूरे कार्यक्रम को सफलतापूर्वक सम्पन्न किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में विधायक जीतलाल पटेल ने विद्यालय के विकास हेतु दो नए कमरे, पुस्तकालय, कम्प्यूटर व सोलर लाइट की व्यवस्था करने की घोषणा की।

कार्यक्रम में विवेक श्रीवास्तव (सहायक लेखाकार), अजीत कुमार सिंह (छात्रावास अधीक्षक, पट्टी), विकास खण्ड मानधाता के ए०डी०ओ० (सांख्यिकीय),  सुनील सिंह (सहायक अध्यापक),  हामिद अली (पूर्व प्रधानाध्यापक) सहित स्थानीय गणमान्य लोग व बड़ी संख्या में महिलाएँ तथा बच्चे उपस्थित रहे।

अपने उद्घाटन उद्बोधन में डॉ० आकांक्षा दीक्षित ने आश्वासन दिया कि समाज कल्याण विभाग द्वारा सहायता प्राप्त अन्य विद्यालयों में भी बच्चों के लिए फर्नीचर और आवश्यक सुविधाएँ शीघ्र उपलब्ध कराई जाएँगी।इस अनूठी पहल की स्थानीय जनमानस में व्यापक सराहना की गई
समाधि पर फूल चढ़ाने से अच्छा है संघर्ष के दिनों  में साथ दे :सूरज प्रसाद चौबे राष्ट्रीय अध्यक्ष

लखनऊ ।राष्ट्रीय सवर्ण आर्मी भारत के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरज प्रसाद चौबे मां कुण्डवासिनि कुंडरी में दर्जन करने के बाद पंडित सुरेंद्र कुमार तिवारी जी के आवास पर उपस्थित सवर्ण समाज के लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि जो सवर्ण समाज है वह दिन प्रतिदिन पतन की तरफ जा रहा है पता नहीं किस इगो में सोए हुए हैं पता नहीं किस वर्चस्व में खोए हुए हैं हम लोग पर अपने लिए ध्यान नहीं दे पा रहे हैं बहुत ही दुखद दुर्भाग्य पूर्ण है,हम लोग बहुत मेहनत करते हैं हम लोग दिन रात मेहनत कर रहे हैं हमे भी समाज का सपोर्ट भी मिलना चाहिए आप लोगों से निवेदन करते हैं कि हमे सपोर्ट करे सहयोग करे और हम सवर्ण समाज को लड़ाई को आगे बढ़ा सके,आज सोशल मीडिया पर दहाड़ कर बोलते हैं और जितनी भी बाते बोलते हैं तर्क संगत होती है,मेरे पीछे टाइटल चौबे लगा है मै सवर्ण समाज से आता हूं ।

इसलिए कोई भी दलित वर्ग का व्यक्ति अभद्र टिप्पणी कर सकता है,अभद्र भाषा बोलेगा मेरे कार्य का विरोध कर सकता है अगर वह स्वतंत्र चिंतन करेगा तो जो उसे लगेगा को चौबे जातिवादी नहीं हु चौबे तथ्य पूर्ण तर्क संगत बात करते हैं कभी आवेश में बात नहीं करते है मुझे परिस्थितियां हरा नहीं सकती भगवान हमे हरा सकते हैं जो व्यक्ति ईमानदारी से समाज का काम करता है उसका साथ भगवान देता है हम सवर्ण को जोड़ने जगाने का काम कर रहे हैं, आने वाली पीढ़ी के भविष्य को बचाना होगा, सवर्ण बच्चे बेरोजगारी के कारण कुंठा से ग्रसित हो रहे हैं नशे की प्रवित्र बढ़ रही है, बच्चियां लव जिहाद का शिकार हो रही हैं इन सभी का मुख्य कारण जातिगत आरक्षण,जाती के नाम पर दी जा रही सुविधाएं है ।

एससीएसटी एक्ट एक ऐसा कानून फर्जी बेगुनाह लोग जेल जा रहे हैं हजारों सवर्ण लोक लाज के कारण या समझौते के नाम पर धन उगाही के वजह से आत्महत्या कर रहे हैं,सवर्ण समाज के लिए समर्पित भाव से निस्वार्थ हो कर संघर्ष कर रहे हैं आप सभी लोग समाधि पर फूल चढ़ाने से अच्छा है संघर्ष के दिनों में साथ दे ,आरक्षण जाती को नहीं व्यक्ति को मिलना चाहिए  जिस तरह से योग्यता का हनन होकर जाती के नाम पर आरक्षण दिया जा रहा है विकसित भारत की कल्पना नहीं की जा सकती है।