स्वस्थ नारी–सशक्त परिवार अभियान में उठे सवाल: एनीमिया पर क्यों नहीं थम रही जकड़
अमर बहादुर सिंह बलिया शहर बलिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिवस 17 सितम्बर से लेकर महात्मा गांधी की जयंती 2 अक्टूबर तक पूरे देश में “स्वस्थ नारी–सशक्त परिवार अभियान एवं पोषण अभियान” धूमधाम से संपन्न हुआ। इस अभियान के दौरान स्वास्थ्य विभाग की ओर से हाइपरटेंशन, मधुमेह, कैंसर, टी.बी., टीकाकरण, हीमोग्लोबिन, ब्लड डोनेशन, आभा कार्ड, आयुष्मान कार्ड, माइनर सर्जरी, किशोर-किशोरी परामर्श सेवा और सीकल सेल जैसी गंभीर बीमारियों की जांच एवं उपचार संबंधी कार्य किए गए। हालांकि, अभियान की सफलता के बीच एक बड़ा सवाल भी खड़ा हो गया है। सर्वे रिपोर्ट बताती है कि भारत में 15% पुरुष और 15 से 49 वर्ष की आयु वर्ग की 57% महिलाएं एनीमिया (अति रक्त अल्पता) से पीड़ित हैं। यह आंकड़ा न केवल चिंताजनक है, बल्कि स्वास्थ्य विभाग और बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग की कार्यशैली पर भी सवाल खड़ा करता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि स्वास्थ्य विभाग गर्भवती महिलाओं और बच्चों को समय से आयरन व फोलिक एसिड की गोली उपलब्ध कराता और बाल विकास विभाग पौष्टिक आहार का शत-प्रतिशत वितरण सुनिश्चित करता तो एनीमिया की स्थिति इस स्तर तक भयावह न होती। एनीमिया का सीधा असर देश की कार्यक्षमता और आने वाली पीढ़ी के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। यदि समय रहते इस पर रोक नहीं लगी तो भारत में समय से पहले बुढ़ापा दस्तक दे देगा और राष्ट्र की ताकत कमजोर हो जाएगी, जिसका सीधा असर राष्ट्रीय विकास यात्रा पर पड़ेगा। जनस्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सरकार को चेतावनी दी है कि यह केवल अभियान चलाने से नहीं, बल्कि विभागीय जवाबदेही और वास्तविक क्रियान्वयन से ही बदलेगा। इसके लिए आवश्यक है कि स्वास्थ्य और पुष्टाहार विभाग के सचिव स्तर से लेकर जिला स्तर तक अधिकारियों और कर्मचारियों की सेवा, सत्यापन, मूल्यांकन एवं मासिक अन्वेषण अनिवार्य किया जाए। अभियान के माध्यम से जागरूकता और चिकित्सा सुविधाएं भले ही जनता तक पहुंचीं हों, लेकिन एनीमिया जैसे मूलभूत स्वास्थ्य संकट की वास्तविक तस्वीर सामने आने से अब सरकार को विभागीय कार्यप्रणाली पर सख्त निगरानी रखनी होगी। अन्यथा "स्वस्थ नारी–सशक्त परिवार" का सपना अधूरा ही रह जाएगा।
नगरा में निकला लाग जुलूस, युवाओं ने छेदे गलफड़ शारदीय नवरात्रि की नवमी पर हजारों की उमड़ी भीड़
आचार्य ओमप्रकाश वर्मा नगरा(बलिया)! स्थानीय नगर में शारदीय नवरात्र की नवमी तिथि पर बुधवार को ऐतिहासिक लाग जुलूस निकाला गया. पूर्वांचल आदर्श दुर्गा पूजन समारोह समिति पूरब मोहल्ला के तत्वावधान में काली मंदिर से शुरू हुए इस जुलूस में युवाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. इस लाग जुलूस की मुख्य विशेषता यह है कि इसमें शामिल युवक नुकीले छड़ो से अपने गलफड़ को छेड़ते हैं. वे एक दूसरों के गलफडों में घुसे छड़ो को पकड़े हुए पूरे बाजार का भ्रमण करते हैं. जुलूस से पहले काली मंदिर पर शक्ति की आराधना की गई. लाग में पांच दर्जन से अधिक बालिकाएं और यूवतिया सर पर कलश लेकर चल रही थी. पूजन समिति के सदस्यों के अनुसार यह माना जाता है कि यह सब देवी की कृपा से ही संभव होता है. युवा मां दुर्गा से मन्नतें मांगते हैं और मन्नत पूरी होने पर शारदीय नवरात्रि के लाग का हिस्सा बनते हैं. इस अनोखे जुलूस को देखने के लिए दूर दराज के गांव से हजारों की संख्या में महिला और पुरुष उमड पड़े. लाग में धर्मेंद्र चौहान, अध्यक्ष प्रतिनिधि उमाशंकर राम, डॉ. डीएन प्रसाद, प्रो. समरजीत सिंह, राजीव सिंह चंदेल, सभासद कृष्ण कुमार कुशवाहा और जयप्रकाश जायसवाल सहित कई गणमान्य उपस्थित रहे. इस दौरान पुलिस सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए मुस्तैदी से डटी रही.
भव्य शुभारंभ : नगरा, बलिया में “श्री आर.सी.एम. वंडर वर्ल्ड क्विक” ने बढ़ाया स्वावलंबन और सशक्तिकरण का संदेश
संजीव सिंह बलिया। नगरा क्षेत्र में 2 अक्टूबर 2025, गुरुवार को गाँधी जयंती एवं लाल बहादुर शास्त्री जयंती के अवसर पर सरायचावट, आरा मशीन के सामने, रसड़ा रोड पर “श्री आर.सी.एम. वंडर वर्ल्ड क्विक” का भव्य शुभारंभ धूमधाम के साथ सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर क्षेत्रवासियों में उल्लास का वातावरण देखने को मिला। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रसड़ा विधायक उमाशंकर सिंह के अनुज छात्र शक्ति इन्फ्रास्ट्रक्चर के निर्देशक व वरिष्ठ समाजसेवी रमेश सिंह ने फीता काटकर प्रतिष्ठान का उद्घाटन किया। इस दौरान मंच पर विशिष्ट अतिथि के रूप में सुरेश यादव (रूबी), संतोष पाठक (स्टार एमराल्ड), रमेश प्रजापति (स्टार पर्ल), महेन्द्र यादव (एमराल्ड), रामबचन यादव (एमराल्ड), राममिलन विश्वकर्मा (स्टार गोल्ड), श्री प्रमोद यादव (प्लेटिनम) सहित अनेक गणमान्यजन उपस्थित रहे।
प्राथमिक विद्यालय मुसहर बस्ती उरैनी में हर्षोल्लास से मनी गांधी जयंती
संजीव सिंह बलिया!प्राथमिक विद्यालय मुसहर बस्ती उरैनी में हर्षोल्लास से मनी गांधी व शास्त्री जयंती विकास खंड नगरा के प्राथमिक विद्यालय मुसहर बस्ती उरैनी में 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती श्रद्धापूर्वक मनाई गई। प्रधानाध्यापक राजीव नयन पांडेय ने ध्वजारोहण किया। राष्ट्रगान के बाद शिक्षकों व छात्र-छात्राओं ने महापुरुषों की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर नमन किया। विद्यार्थियों ने देशभक्ति गीत प्रस्तुत किए।इस अवसर पर प्रधानाध्यापक राजीव नयन पांडेय ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा—
“बच्चों, हमें गांधी जी के ‘खुद वो बदलाव बनो, जो तुम दुनिया में देखना चाहते हो’ विचार को जीवन में अपनाना चाहिए और शास्त्री जी के ‘जय जवान, जय किसान’ के नारे की प्रेरणा से देश सेवा के प्रति पूर्ण निष्ठा रखनी चाहिए। सच्ची श्रद्धांजलि उन्हीं के बताए रास्तों पर चलकर ही दी जा सकती है। बच्चों को गांधीजी व शास्त्री जी के जीवन एवं उनके योगदान के बारे में जानकारी दी गई और उनके आदर्शों को अनुसरण करने का आह्वान किया गया। समारोह में सभी ने देशप्रेम, सत्य, अहिंसा और सादगी अपनाने का संकल्प लिया।
रघुनाथपुर के प्राथमिक विद्यालय में गांधी व शास्त्री जयंती पर ध्वजारोहण, बच्चों ने राष्ट्रप्रेम व सत्य-अहिंसा का दिया संदेश
संजीव सिंह बलिया!2अक्टूबर को शिक्षा क्षेत्र नगरा के रघुनाथपुर के प्राथमिक विद्यालय में गांधी जयंती एवं लाल बहादुर शास्त्री जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। इस अवसर पर प्रधानाध्यापक बृजेश कुमार सिंह ने ध्वजारोहण किया। ध्वज फहराने के बाद महात्मा गांधी के जीवन, उनके सिद्धांतों तथा सत्य और अहिंसा के मार्ग पर विस्तार से चर्चा की गई।कार्यक्रम के दौरान विद्यालय के छात्रों ने गांधीजी के जीवन पर भावपूर्ण भाषण प्रस्तुत किए और राष्ट्रगान गाकर वातावरण को देशभक्ति से ओत-प्रोत कर दिया। बच्चों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रमों में सत्य, अहिंसा और राष्ट्रप्रेम के संदेशों को प्रमुखता से दर्शाया गया।इसके अतिरिक्त, कार्यक्रम में राष्ट्रप्रेम और बलिदान की प्रेरक कहानियां भी साझा की गईं, जिससे उपस्थित छात्र-छात्राओं में देशभक्ति की भावना और मजबूत हुई। यह आयोजन विद्यार्थियों को महापुरुषों के विचारों से जोड़ने और उनके आदर्शों को जीवन में अपनाने का प्रेरणादायी संदेश बनकर सामने आया। इस मौके पर विद्यालय के सभी  स्टाफ उपस्थित होकर कार्यक्रम को सफल बनाया!
प्रसंग: राम-सुग्रीव मित्रता एवं बाली वध का सजीव मंचन देख दर्शक भावविभोर
आचार्य ओमप्रकाश वर्मा नगरा बलिया !सार्वजनिक रामलीला समिति नगर के तत्वाधान में जनता इंटर कॉलेज के प्रांगण में मंगलवार की रात राम सुग्रीव मित्रता एवं बाली वध का जीवंत मंचन हुआ. श्रीराम सीता की खोज में वन-वन भटक रहे थे, तभी उनकी भेंट सुग्रीव से हुई। सुग्रीव उस समय किष्किंधा पर्वत पर अपने भाई बाली से भयभीत होकर निर्वासित जीवन बिता रहा था। बाली ने किसी गलतफहमी के कारण सुग्रीव को राज्य से निकाल दिया था और उसकी पत्नी को भी अपने अधीन कर लिया था। सुग्रीव की व्यथा सुनकर श्रीराम को दया आई। सुग्रीव ने भी राम की दुखभरी कथा सुनी कि किस प्रकार रावण सीता का हरण कर ले गया। दोनों के हृदय में एक-दूसरे के प्रति सहानुभूति और मित्रता का भाव जाग उठा। फिर दोनों ने अग्नि को साक्षी मानकर मित्रता की "राम-सुग्रीव बंधु भए, परस्पर प्रीति बढ़ाई। बिनु स्वार्थ सनेहु करि, हरि हरषि मन लाई॥" राम ने सुग्रीव से वचन दियाकि वे उसका राज्य लौटाने में सहायता करेंगे, और सुग्रीव ने भी वचन दिया कि वे सीता जी की खोज में राम की सहायता करेंगे। राम ने बाली के अत्याचार से सुग्रीव को मुक्त करने के लिए बाली वध का निश्चय किया। जब बाली और सुग्रीव में युद्ध हुआ, तो बाली अत्यंत बलशाली था। सुग्रीव बार-बार पराजित हुआ। तब श्रीराम ने वृक्षों के पीछे से एक बाण चलाकर बाली का वध किया। बाली ने मरणासन्न अवस्था में राम से प्रश्न किया कि आपने छिपकर मुझ पर बाण क्यों चलाया? तब श्रीराम ने समझाया “हे बाली! तूने अपने छोटे भाई की पत्नी को बलपूर्वक छीनकर अधर्म किया है। राजा का कर्तव्य है कि वह धर्म की रक्षा करे, चाहे वह किसी भी रूप में दंड देना पड़े।” बाली को तब अपनी भूल का एहसास हुआ और उसने क्षमा माँगी। अपने पुत्र अंगद को सुग्रीव के अधीन कर दिया और स्वर्ग को प्राप्त हुआ। कार्यक्रम के दौरान अतिथियों का सेवक रूप में सम्मान किया गया. भगवान श्री राम की आरती के उपरांत पूर्व ब्लॉक प्रमुख अनिल सिंह एवं कमलेश सिंह व चेयरमैन प्रतिनिधि उमाशंकर राम, अभिषेक यादव, डॉक्टर विद्यासागर उपाध्याय एवं राम दर्शन यादव क्रांति को समिति की ओर से अंग वस्त्रम एवं स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया. इस अवसर पर राजेश गुप्ता, रामायण ठाकुर, गणपति, शशि प्रकाश कुशवाहा, सुनील गुप्ता, राजकुमार यादव, पप्पू कुरैशी, अमरेंद्र सोनी, जयप्रकाश जयसवाल सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु गण मान्य मौजूद रहे!
बृजमोहन प्रसाद अवस्थी सारस्वत समारोह महोबा में सम्मानित हुए जिले के विद्वान डॉ विद्यासागर उपाध्याय
संजीव सिंह बलिया! बुन्देलखण्ड के लब्धप्रतिष्ठित साहित्यकार पण्डित बृजमोहन अवस्थी के 89 वें जन्म दिवस के अवसर पर आज महोबा में पण्डित बृजमोहन अवस्थी सुस्मृति संस्थान द्वारा आयोजित पंद्रहवां सारस्वत समारोह में ख्यातिलब्ध शिक्षाविद व प्रबुद्ध दर्शन शास्त्री डॉ विद्यासागर उपाध्याय द्वारा भारतीय संस्कृति के संरक्षणार्थ किए जा रहे असाधारण कार्यों, बौद्धिक व्याख्यान,प्रबोधन, शास्त्रार्थ, राष्ट्रीय - अंतर्राष्ट्रीय ख्याति और निष्ठा पूर्वक सम्यक कर्तव्य निर्वहन के दृष्टिगत आयोजन समिति ने महान स्वतंत्रता सेनानी 'पण्डित महादेव प्रसाद अवस्थी कर्तव्यनिष्ठा सम्मान 2025' से विभूषित किया। कार्यक्रम के अध्यक्ष पूर्व सांसद विजय बहादुर सिंह, मुख्य अतिथि सदस्य विधान परिषद जितेन्द्र सिंह सेंगर, विशिष्ट अतिथि शिक्षाविद राधेलाल यादव, कुलपहाड़ नगर पंचायत के चेयरमैन वैभव अरजरिया के हाथों डॉ उपाध्याय को सम्मान पत्र, पुष्पहार, अंगवस्त्र इत्यादि से अलंकृत किया गया। डॉ विद्यासागर ने बताया कि आल्हा ऊदल सहित असंख्य सूरमाओं की वीर भूमि बुन्देलखण्ड साहित्यिक क्षेत्र में भी उर्वरा शक्ति संपन्न रही है। पण्डित बृजमोहन अवस्थी ने शासकीय सेवा में रहते हुए अनेक पुस्तकों की रचना की और उनके देहावसान के बाद उनकी पुस्तक हिन्दी सिनेमा के बहुत बड़े निर्देशक संजयलीला भंसाली के लिए प्रेरणा बनी जो फिल्म बाजीराव मस्तानी के निर्माण में सहायक हुई। उन्होंने केवल कहानी संग्रह और उपन्यास ही नहीं बल्कि अष्टावक्र गीता दर्शन और कुलपहाड़ दर्शन जैसे चिंतन योग्य गंभीर विषय पर भी पुस्तक रचना की है। उसी परिवार में पण्डित महादेव प्रसाद अवस्थी राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए मात्र 21 वर्ष की आयु में बलिदान हुए, जिनका सम्मान बुन्देलखण्ड के कण - कण में है।पंद्रह वर्षों से लगातार सारस्वत समारोह का आयोजन होता है और देश भर से 12 विभिन्न क्षेत्रों के ख्यातिलब्ध विभूतियों को सम्मानित किया जाता है। इस वर्ष ' पण्डित महादेव प्रसाद अवस्थी कर्तव्य निष्ठा सम्मान ' डॉ विद्यासागर उपाध्याय को प्राप्त होने से जनपद बलिया के बुद्धिजीवी वर्ग में हर्ष व्याप्त है और डॉ गणेश पाठक, डॉ जैनेन्द्र पाण्डेय, डॉ जनार्दन राय, डॉ अभय नाथ सिंह, डॉ मदन राम, डॉ संजय यादव, रामदरश यादव क्रान्ति, बच्चा सिंह, अनुराग गुप्ता, इंदू देवी, संजय जायसवाल, आलोक शुक्ला, संजय सिंह, राधेश्याम यादव, रामकृष्ण मौर्य, अंकुश कुमार सिंह, राणा प्रताप सिंह,राधेश्याम वर्मा आदि ने बधाई दिया है।
बलिया के नगरा ब्लॉक में फूला-फला अवैध स्वास्थ्य कारोबार, जिम्मेदारों की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल
अमर बहादुर सिंह बलिया शहर बलिया जनपद के नगरा ब्लॉक में अपंजीकृत नर्सिंग होम, झोलाछाप क्लीनिक, अपंजीकृत पैथोलॉजी और अवैध मेडिकल स्टोर का कारोबार तेजी से पनप रहा है। इन अवैध धंधों के चलते गरीब और असहाय लोग दवाओं, जांच और इलाज के नाम पर लगातार आर्थिक शोषण का शिकार हो रहे हैं। स्थिति इतनी भयावह हो चुकी है कि स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर प्रश्नचिह्न लग रहे हैं। शासन, प्रशासन और यहां तक कि माननीय हाईकोर्ट के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद झोलाछाप डॉक्टरों और अपंजीकृत पैथोलॉजी सेंटरों की बाढ़ सी आ गई है। वहीं, पीसीपीएनडीटी एक्ट का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है। कई पैथोलॉजी संचालक ऊंची रकम लेकर कन्या भ्रूण की जांच कर रहे हैं, जिससे कन्या भ्रूण हत्या जैसी सामाजिक बुराई को बढ़ावा मिल रहा है। परिणामस्वरूप लिंगानुपात और जननांकी असंतुलन की समस्या गहराती जा रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी नियमित रूप से अभियान चलाकर औचक निरीक्षण करें और अवैध केन्द्रों पर एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई सुनिश्चित करें, तो इस तरह के अवैध कारोबार पर रोक लगाई जा सकती है। साथ ही, अपंजीकृत नर्सिंग होम और क्लीनिकों को सीएमओ कार्यालय से पंजीकृत कराना आवश्यक है ताकि नियम और कानून का पालन हो सके। माननीय मुख्यमंत्री द्वारा बार-बार दिशा-निर्देश दिए जाने के बावजूद जिम्मेदार अधिकारी अपनी भूमिका का निर्वहन सही ढंग से नहीं कर पा रहे हैं। नतीजतन अवैध स्वास्थ्य धंधा फल-फूल रहा है और आम जनता की जान से खिलवाड़ हो रहा है।
साधारण हवन और चण्डी पाठ की पूर्ति के बाद के हवन में अंतर
संजीव सिंह बलिया! सर्वाबाधा विनिर्मुक्तो, धन धान्यः सुतान्वितः। मनुष्यो मत्प्रसादेन , भविष्यति न संशय: ॥  साधारण हवन और चण्डी पाठ की पूर्ति के बाद के हवन में बहुत अंतर होता है।इस अंतर को समझ कर जो हवन करता है वह उत्तम फल को प्राप्त करता है।चण्डी पाठ में जिस अग्निदेव की स्थापना की जाती है उनका नाम है शतमंगल अग्नि। इस अग्निदेव की विशेषता है कि ये सौ प्रकार से कल्याण करते हैं। आयु, आरोग्य,ऐश्वर्य के साथ शत्रुनाश,रोग नाश और भय नाश होता है। जैसे शताक्षी देवी देख कर सौ प्रकार से कल्याण करती हैं वैसे ही शतमंगल अग्निदेव देवी की आज्ञा से सौ प्रकार का कल्याण करते हैं। साधारण हवन में हवन कुंड में अग्निबीज रं लिखा जाता है। चण्डी हवन में ह्रीं लिखा जाता है। देवी पूजन में ह्रीं का सर्वोच्च स्थान है।साधारण पूजन में तीन बार आचमन किया जाता है। देवीपूजन में चार बार आचमन किया जाता है। व्यवहार में ॐ केशवाय नमः, ॐ नारायणाय नमः, ॐ माधवाय नमः सामान्य पूजन का आचमनीय मन्त्र है जबकि देवी पूजा में ॐ ऐंआत्मतत्त्वं शोधयामि नमः, ॐ ह्रींविद्यातत्त्वं शोधयामि नम:,ॐ क्लीं शिवतत्त्वं शोधयामि नम, ॐ ऐं ह्रीं क्लीं सर्व- तत्त्वं शोधयामि नमः से चार बार आचमन किया जाता है। साधारण हवन में जो चार आहुतियाँ दी जाती हैं वे ॐ भू: स्वाहा, ॐ भुवः स्वाहा,ॐ स्वः स्वाहा ॐप्रजापतये स्वाहा होती हैं। देवी हवन में जो चार आहुतियाँ दी जाती हैं वे हैं- ह्रीं महाकाल्यै स्वाहा, ह्रीं महालक्ष्म्यै स्वाहा, ह्रींमहासरस्वत्यै स्वाहा, ह्रीं प्रजापतये स्वाहा। ध्येय है देवी के पूजन में सभी शाक्त ॐ की जगह ह्रीं का प्रयोग करते हैं। इस परम्परा को खिलमार्कण्डेय में बहुत महत्त्व दिया गया है। देव प्रणव की जगह देवी प्रणव ह्रीं का सर्वत्र महत्त्व प्रतिपादित है।सप्तशती के तेरह अध्याय के हवन से व्यक्ति रोग,शत्रु से मुक्त होकर सुख पूर्वक जीवन व्यतीत करता है। सम्पत्ति और ऐश्वर्य भरा रहता है। अतः एकमेव सप्तशती का हवनात्मक पाठ ऐसा होता है जो विविध हवनीय द्रव्य से युक्त होता है।मेरे पास परम्परा से अनेक हवनीय पदार्थों की सूची विद्यमान है पर मैं प्रमाणिक हवनीय द्रव्यों(सामग्री)की चर्चा करना चाहूँगा। १- पायस आहुति से समृद्धि प्राप्ति। २- सुगंधित पेय आहुति से देवी कृपा ३- मधु आहुति से रोग,शत्रु नाश ४- पीली सरसों से आहुति से शत्रु भय नाश ५- क्षीर,गोघृत,मधु मिश्रित आहुति से विपुल सम्पदा ६- कमल पुष्प आहुति से देवी कृपा ७- मालती और जाती पुष्प से विद्या प्राप्ति ८- पीली सरसों और गुग्गल से शत्रु नाश ९- काली मिर्च(गोल)से शत्रु उच्चाटन १०-अनार (दाड़िम) आहुति से ऐश्वर्य, यश ११- शाक आहुति से भोज्यपदार्थ की वृद्धि १२- अंगूर,इलायची,केसर से आहुति से सौंदर्य और सम्पदा लाभ १३- भोजपत्र से हवन से विजय प्राप्ति १४- कमलगट्टा से आहुति से लक्ष्मी प्राप्ति १५-रक्तचंदन से हवन से रोग-शत्रु नाश इसी तरह से किस मन्त्र में किस हवनीय पदार्थ से हवन करना चाहिए यह भी वर्णित है। जिसे सम्पत्ति चाहिए वह पायस,बेल फल और कमल से अवश्य हवन करे। जिसे शत्रु नाश अभीष्ट हो वह पीली सरसों, कालीमिर्च और बेर की लकड़ी से अवश्य हवन करें। व्यक्तिगत शत्रु और राष्ट्र शत्रुओं के नाश के लिए चण्डी पाठ हवन बेजोड़ है। ऐसे प्रयोगों में प्रक्रिया, मन्त्र, वस्तु और चित्त की शुद्धि अनिवार्य होती है। पाठ और हवन करने वाला व्यक्ति बहुत जल्दबाजी न दिखाये अन्यथा विपरीत प्रभाव भी होता है। केवल कल्याण हेतु किया पाठ हवन कभी भी विपरीत फल नहीं देता। पान के दो पत्ते , नारियल और नैवेद्य माता को हवन में अति प्रिय है।इन हवनीय पदार्थों को दुर्गार्चनसृति, नागेश भट्ट और सप्तशती सर्वस्व में से चयनित किया गया है। देहि सौभाग्यमारोग्यं देहि मे परमं सुखम्। रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि॥

*डॉ विद्यासागर उपाध्याय* समरसता प्रमुख - मौनतीर्थ पीठ महाकालेश्वर उज्जैन
शांभवी धाम कसेसर में भव्य श्रीमद्भागवत कथा सम्पन्नभारतीय संस्कृति की अक्षुण्ण धारा एवं श्रीकृष्ण बाल लीलाओं से बच्चों को संस्कार मिले — वागीश जी
संजीव सिंह बलिया। शांभवी धाम कसेसर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के छठवें दिन अंतर्राष्ट्रीय कथा व्यास वागीश जी महाराज ने कहा कि भारत की सांस्कृतिक परंपरा समुद्र की तरंगों जैसी है, जिसमें उत्थान और पतन दोनों निरंतर चलते रहते हैं। उन्होंने कहा कि भारत वर्ष ने कभी विश्व गुरु के रूप में संसार का मार्गदर्शन किया, तो कभी दासता का भी दंश झेला। लेकिन हर कठिनाई के समय देश ने प्रभु श्रीराम एवं श्रीकृष्ण के धर्म, मर्यादा व जीवन मूल्यों से प्रेरणा पाकर उन्नयन का मार्ग खोजा।महाराज श्री ने वर्तमान समय में बच्चों को ‘डोरेमॉन’ और ‘पेपा पिग’ जैसे विदेशी कार्टून के स्थान पर भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाएं दिखाने को आवश्यक बताया। उन्होंने कहा कि जब नन्द बाबा के घर उत्सव हो रहा था, तो दूसरी ओर पापी कंस की सेना नवजात शिशुओं का संहार कर रही थी। इस क्रम में मायावी पूतना श्रीकृष्ण को विषपान कराने आई, किंतु बालकृष्ण ने न सिर्फ विषपान कर लिया बल्कि पूतना को भी मोक्ष प्रदान कर दिया।कथा व्यास ने बकासुर और कागासुर वध प्रसंग का भावपूर्ण वर्णन किया। उन्होंने बताया कि जब माता यशोदा भगवान श्रीकृष्ण की चंचलता से परेशान होकर उन्हें ओखल से बांध देती हैं, तब बालकृष्ण यमलार्जुन वृक्षों को उखाड़कर दो शापित आत्माओं का उद्धार कर देते हैं।कार्यक्रम में आयोजक शांभवी पीठाधीश्वर स्वामी आनन्द स्वरूप ने अतिथियों का स्वागत किया। प्रमुख अतिथियों में पूर्व मंत्री छट्ठू राम, भाजपा के जिला महामंत्री आलोक शुक्ला, आचार्य विकास उपाध्याय, आदर्श तिवारी ने भी अपने विचार रखे व आयोजन की सराहना की। सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे और भगवान की भव्य झांकी एवं आरती में सहभागी बने।अंत में ठाकुर जी की आरती के उपरान्त कथा का विश्राम हुआ। आयोजकों ने समस्त श्रद्धालुओं का आभार ज्ञापित किया और कहा कि ऐसे आयोजन समाज में सद्गुण, नैतिकता और धर्म की चेतना जगाते हैं।