कुटुंबा में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम के खिलाफ की नारेबाजी लगा मुर्दाबाद के नारे

औरंगाबाद में कुटुंबा विधानसभा के ग्रामीणों ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सह कुटुंबा विधानसभा के विधायक राजेश कुमार के खिलाफ जमकर नारेबाजी किया।

वे शनिवार की शाम कुटुंबा विधानसभा अंतर्गत देव प्रखंड के पथरा गांव में डॉ भीमराव अंबेडकर आवासीय विद्यालय का शिलान्यास करने पहुंचे थे। जहां पहले से मौजूद कुछ नाराज युवाओं ने उनके विरोध में नारेबाजी करना शुरू कर दिया। इससे संबंधित वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में हाथ में राजेश कुमार मुर्दाबाद, राजेश कुमार गो बैक के नारे लगाते देखे जा रहे हैं। प्रदेश अध्यक्ष के सुरक्षा कर्मियों व वहां मौजूद स्थानीय थाना की पुलिस ने विरोध में नारेबाजी कर रहे लोगों को शांत करने की कोशिश की। लेकिन उन्होंने पुलिस कर्मियों की भी नहीं सुनी और लगातार नारेबाजी करते रहे।

लड़ाई एनडीए के खिलाफ है

हालांकि इस दौरान विरोध के बावजूद भी विधायक ने स्कूल भवन का शिलान्यास किया और कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि विरोध करने वाले मेरे छोटे भाई हैं। लेकिन इस बार हमारी लड़ाई वोट चोरों से है। हमारी लड़ाई एनडीए के खिलाफ है और हम लोग मिलजुल कर एनडीए को सत्ता से उखाड़ फेंकने के लिए मेहनत कर रहे हैं। लेकिन विरोध करने वाले लोगों ने उनकी एक नहीं सुनी और जब तक वे वहां मौजूद रहे तब तक नारेबाजी करते रहे। बताते चलें कि राजेश कुमार कुटुंबा (सुरक्षित) विधानसभा से दूसरी बार विधायक हैं। इस बार तीसरी बार मैदान में है।

कुछ दिन पहले ही उन्होंने कुटुंबा विधानसभा से चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि कुटुंबा मेरे दिल में बसता है। मेरे पिताजी यहां से दो-दो बार विधायक रह चुके हैं। स्वास्थ्य मंत्री रहते हुए उन्होंने स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई काम किया है। कुटुंबा से मेरी यादें जुड़ी हुई है। इसलिए मैं फिर से कुटुंबा विधानसभा से ही चुनाव लडूंगा।

क्षेत्र में काम नहीं करने पर जनता ने विरोध जताया था

विधायक की ओर से चुनाव लड़ने की घोषणा किए जाने के बाद ग्रामीणों ने कहा कि हमलोग आपको दो बार विधायक बनाया लेकिन कुटुंबा विधानसभा क्षेत्र में आपने कुछ काम नहीं किया ऐसा विधायक हमलोगो को नहीं चाहिए।बता दें कि राजद के वरीय नेता डॉ सुरेश पासवान के नेतृत्व में राजद कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन किया गया था। जिसमें राजद के अलावा सभी घटक दल के कार्यकर्ता शामिल हुए थे। कार्यकर्ताओं ने खुले मंच से राजेश कुमार को हटाकर सुरेश पासवान को प्रत्याशी बनाए जाने की मांग की थी।राजद समर्थकों का आरोप है कि विधायक बनने के बाद राजेश कुमार राजद कार्यकर्ताओं को तरजीह नहीं देते हैं। पांच सालों तक उन्होंने राजद-महागठबंधन के अन्य दलों के कार्यकर्ताओं की अनदेखी की। यही नहीं कांग्रेस में भी कुछ गिने चुने कार्यकर्ताओं को ही विधायक ने तरजीह दिया।

अब देखना होगा राजेश कुमार कैसे राजद कार्यकर्ताओं को मनाएंगे। लोगों का मानना है कि राजद कार्यकर्ताओं के अनदेखी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष को भारी पड़ सकती है।

औरंगाबाद बिहार से धीरेन्द्र पाण्डेय

रफीगंज विधानसभा के सम्मानित नागरिकों के प्रति प्रमोद सिंह ने व्यक्त किया आभार

औरंगाबाद रफीगंज विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी एवं वर्ष 2025 विधानसभा चुनाव के भावी प्रत्याशी लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के प्रदेश महासचिव प्रमोद सिंह ने एक विज्ञप्ति जारी कर मंगलवार को रफीगंज में आयोजित एनडीए कार्यकर्ता सम्मेलन की सफलता के लिए सभी एनडीए कार्यकर्ताओं एवं रफीगंज विधानसभा के सम्मानित नागरिकों के प्रति आभार व्यक्त किया है।

विज्ञप्ति के माध्यम से उन्होंने कहा कि यह कार्यकर्ता सम्मेलन न सिर्फ ऐतिहासिक रहा बल्कि जिले के सभी कार्यकर्ता सम्मेलन का रिकॉर्ड तोड़ दिया।जिस तरह से यहां की जनता ने भारी बारिश के बाद भी कार्यक्रम स्थल पर मौजूद रहे वह इस बात की ओर इशारा कर रहा है कि यहां की जनता रफीगंज में बदलाव की ओर अग्रसर हो चुकी है। उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्ष में यहां की जनता खुद को ठगा हुआ महसूस कर रही है। क्योंकि वर्तमान विधायक के द्वारा एक भी ऐसा काम नहीं किया गया जो जनता के हित में हो। जो भी काम दिख रहा है वह एनडीए की देन है।

हर जगह विधायक का विरोध इस बात की तस्दीक कर रही है कि जनता काफी आक्रोशित है। उन्होंने बताया कि आयुष्मान भारत योजना के तहत पिछले सात वर्षों में 9 करोड़ लोगों का इलाज हुआ,जो कि देश ही नहीं विश्व में भी एक मिशाल है। बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में हर क्षेत्र में व्यापक कार्य हुए। सभी बसावटों को मुख्य सड़क से जोड़ा गया। सात निश्चय योजना के तहत गांव एवं शहरों का विकास हुआ। स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना से आर्थिक रूप से असमर्थ परिवार के बच्चे शिक्षा ग्रहण कर पारिवारिक स्थिति सुदृढ़ कर रहे है।

अब तो इस योजना को ब्याज रहित कर सरकार ने बिहार के छात्रों को बड़ी राहत दी हैं।उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर व्यापक परिवर्तन हुए। जिस राज्य में 2005 से पहले 52 नरसंहार हुए थे। उसी बिहार की कानून व्यवस्था अब सुशासन की सरकार में तब्दील हो गई हैं। बिहारवासी भयमुक्त वातावरण में जी रहे हैं। उन्होंने एक बार फिर कार्यक्रम की सफलता को लेकर एनडीए घटक दल के सभी नेताओं के प्रति भी आभार व्यक्त किया है।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र पाण्डेय

औरंगाबाद में जन सुराज पार्टी का नीतीश सरकार पर हमला: 'मंत्री भ्रष्टाचार में लिप्त हैं'

औरंगाबाद: बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले, जन सुराज पार्टी ने नीतीश सरकार के मंत्रियों और औरंगाबाद के स्थानीय विधायक पर तीखा हमला बोला है। सोमवार को एक प्रेस वार्ता में, पार्टी के चुनावी टिकट दावेदार प्रो.(डॉ.) अनिल कुमार सिंह, डॉ. उमेश सिंह, रमेश सिंह, मनोज सिंह और उमा देवी ने आरोप लगाया कि सरकार के मंत्री भ्रष्टाचार में लिप्त हैं।

'प्रशांत किशोर के खुलासे सबूतों पर आधारित'

नेताओं ने कहा कि उनके नेता प्रशांत किशोर बिहार सरकार के मंत्रियों के "काला चिट्ठा" खोल रहे हैं। उन्होंने हाल ही में दिलीप जायसवाल, सम्राट चौधरी और अशोक चौधरी पर हुए खुलासों का जिक्र करते हुए कहा कि ये आरोप निराधार नहीं हैं, बल्कि इनके पास पक्के सबूत हैं। उन्होंने मंत्रियों को चुनौती देते हुए कहा कि अगर उन्हें ये आरोप झूठे लगते हैं तो वे मुकदमा दर्ज कराएं, जिस पर जन सुराज पार्टी उन्हें "नंगा" कर देगी।

स्थानीय विधायक पर भी निशाना

जन सुराज पार्टी के नेताओं ने औरंगाबाद के वर्तमान विधायक आनंद शंकर सिंह पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि दो बार विधायक रहने के बाद भी वह जनता की उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि विकास के नाम पर वह सिर्फ "गाल बजा रहे हैं", जबकि औरंगाबाद विधानसभा क्षेत्र विकास के मामले में काफी पीछे है।

एकजुटता का संकल्प

भले ही औरंगाबाद सीट से पांच नेता टिकट के दावेदार हैं, लेकिन उन्होंने एकजुटता का संकल्प लेते हुए कहा कि पार्टी जिसे भी टिकट देगी, वे सब मिलकर उसे जिताएंगे। नेताओं ने विश्वास जताया कि इस बार जनता आनंद शंकर सिंह को सबक सिखाएगी और जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार को विजयी बनाएगी।

औरंगाबाद में स्कूली बस दुर्घटनाग्रस्त: 4 बच्चे गंभीर रूप से घायल

औरंगाबाद: बिहार के औरंगाबाद में एक स्कूली बस और ट्रक के बीच भीषण टक्कर हो गई। इस हादसे में बस में सवार 40 बच्चों में से 4 बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए। यह घटना स्कूल से महज 1 किलोमीटर की दूरी पर जसोईया स्थित महाराणा प्रताप चौक पर हुई।

कैसे हुआ हादसा?

स्कूली बस जब महाराणा प्रताप चौक पहुंची, तो आगे चल रहे एक पिकअप-ट्रक ने अचानक ब्रेक लगा दिया। इससे बस पिकअप से टकरा गई और इसी दौरान पीछे से आ रहे एक ट्रक ने बस में जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी तेज थी कि बस का अगला हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया।

घायल बच्चों की पहचान

हादसे के तुरंत बाद स्थानीय लोग बचाव के लिए पहुंचे और बच्चों को बस से बाहर निकाला। सभी घायल बच्चों को तुरंत सदर अस्पताल ले जाया गया, जहां से उन्हें एसएनसीयू में भेज दिया गया। घायलों में तीन की पहचान प्रकाश वर्मा, ज्ञान प्रकाश और यश कुमार के रूप में हुई है।

घायल बच्चों को लेकर अस्पताल पहुंचे अभिभावकों को वहां कोई डॉक्टर नहीं मिला, जिसके बाद उन्हें निजी अस्पताल में ले जाकर इलाज कराना पड़ा। फिलहाल सभी बच्चों की हालत खतरे से बाहर है। स्थानीय लोगों ने इस हादसे के लिए वाहन चालकों की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया है। घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू कर दी है।

नशा के खिलाफ खिलाड़ियों को किया गया जागरूक दिलाई गई शपथ

औरंगाबाद- जिला खेल पदाधिकारी के निर्देशन में इंडोर स्टेडियम में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे खिलाड़ियों को नशा के खिलाफ शपथ दिलाई गई।

जिला खेल पदाधिकारी कुमार पप्पू राज ने बताया कि समाज को नशा से दूर रहना चाहिए. नशा मनुष्य को अंदर से खोखला कर देता है. खिलाड़ियों को खुद भी नशा से दूर रहना चाहिए और समाज में नशा के खिलाफ जागरूकता फैलाना चाहिए.

इस दौरान कुश्ती,फुटबाल और कबड्डी संघ के अध्यक्ष कान्हा सिंह, इंडोर स्टेडियम कोच अजय कुमार, राजीव कुमार रंजन, अजय कुमार फुटबाल कोच, आर के क्लासेस के राजेश कुमार सिंह, आदित्य राज, फुटबॉल खिलाड़ी तेजस्वी प्रकाश और अन्य खिलाडी मौजूद रहे।

बिहार चुनाव 2025: जदयू पुराने विधायकों का टिकट काट सकती है, नई रणनीति पर काम शुरू

औरंगाबाद: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) ने अपने विधायकों और संभावित उम्मीदवारों की कड़ी समीक्षा शुरू कर दी है। पार्टी ने इस बार 'सही उम्मीदवारों' को ही टिकट देने के लिए एक खास रणनीति बनाई है, जिसमें वर्तमान विधायकों के प्रदर्शन और जमीनी प्रभाव का गहन विश्लेषण किया जाएगा।

क्यों बनी यह रणनीति?

पार्टी सूत्रों के अनुसार, 2020 के विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों के गलत चयन के कारण जदयू को उम्मीद के मुताबिक परिणाम नहीं मिले थे। पिछले चुनाव में जदयू ने 115 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन केवल 43 पर ही जीत मिली। बाद में कुछ विधायकों के पार्टी में शामिल होने से यह संख्या 45 हो गई। 2015 के मुकाबले पार्टी को 28 सीटों और डेढ़ प्रतिशत वोटों का नुकसान हुआ था। इन गलतियों को न दोहराने के लिए, पार्टी अब एक-एक विधायक के रिपोर्ट कार्ड की जांच कर रही है।

क्या होगा आगे?

प्रदर्शन का मूल्यांकन: वर्तमान विधायकों के कार्यों, उनकी जमीनी पकड़ और पिछले चुनाव में उनके प्रदर्शन की समीक्षा की जाएगी।

संभावित उम्मीदवारों की स्क्रीनिंग: पार्टी कई सीटों पर नए चेहरों को भी मौका देने पर विचार कर रही है।

उद्देश्य: इस बार केवल उन्हीं उम्मीदवारों को टिकट दिया जाएगा, जिनकी जीत की संभावना अधिक हो।

जदयू की यह रणनीति साफ दर्शाती है कि पार्टी इस बार कोई जोखिम नहीं लेना चाहती और जीत की संभावनाओं को अधिकतम करने के लिए हर संभव कदम उठा रही है।

आंदोलनकारियों के भय से विधायक ने नहीं किया पुलिया का उद्घाटन

हसपुरा / औरंगाबाद

प्रखंड में इन दिनों चल रहे महाआंदोलन रोड नहीं तो वोट नहीं,( चुनाव बहिष्कार ) का शिकार गोह विधायक भीम सिंह यादव को भी होना पड़ा। युवा आंदोलनकारियों का गुस्सा देख उन्हें अपना कार्यक्रम बदल कर बैरंग वापस लौटना पड़ा।

बुधवार को उन्हें अमझरशरीफ में एक पुलिया का उद्घाटन करने जाना था। लेकिन कार्यक्रम स्थल से पहले हीं सैंकड़ों आंदोलनकारी युवा काले झंडे लेकर विरोध में नारे लगाते हुए बरैलीचक मोड़ पर खड़े हो गये। स्थिति को बिगड़ता देख विधायक ने अपने कुछ समर्थकों को वहां भेजा।

विधायक के समर्थक आंदोलनकारियों से उलझ गये और धमकी देने लगे। इससे युवाओं का गुस्सा और बढ़ता चला गया। आलम यह हुआ कि आखिरकार विधायक भीम सिंह यादव को पुलिया का उद्घाटन किये बगैर वापस लौटना पड़ा।

- क्या है विरोध का मामला

आंदोलन का कारण है हसपुरा-देवकुंड रोड का बेहद हीं जर्जर होना। आंदोलन का नेतृत्व कर रहे सुधीर सिंह ने कहा कि यह सड़क हसपुरा और देवकुंड के दर्जनों गांवों के लिए जीवनरेखा की तरह है। बाबा दूधेश्वर नाथ की नगरी देवकुंड और पाक सैय्यदना का मजार अमझर शरीफ जैसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थल हैं,जहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। इसके बावजूद कई दशकों से सड़क की हालत ऐसी है कि पैदल चलना भी मुश्किल है। एंबुलेंस वाले इस रोड में आने से इन्कार कर देते हैं। लोग इस रोड पर सफर से बचने के लिए दुगनी दूरी तय कर पीरु रघुनाथपुर वाले रोड से जाते-आते हैं। उन्होंने कहा कि लोगों की सहनशक्ति अब जवाब दे चुकी है और दर्जन भर गांवों ने चुनाव बहिष्कार का ऐलान कर दिया है। साथ ही,यह भी तय किया है कि उन गांवों में किसी भी नेता को घुसने नहीं देंगे। दर्जन भर गांवों में चुनाव बहिष्कार के बैनर-पोस्टर ग्रामीणों ने लगा रखा है।

नारेबाजी करते रहे आंदोलनकारी

हसपुरा और अमझरशरीफ के बीच बरैलीचक मोड़ पर आंदोलनकारी बुधवार को दिन भर रोड नहीं तो वोट नहीं और नालायक नेता मुर्दाबाद के नारे लगाते रहें। साथ हीं वे विरोध के रूप में काले झंडे भी लहरा रहे थें। इससे पहले आंदोलन के समर्थन में युवाओं ने रविवार को हसपुरा बाजार में रैली निकाली थी। आंदोलनकारियों ने चुनाव बहिष्कार के समर्थन में आगामी 22 सितम्बर दिन सोमवार को सम्पूर्ण हसपुरा बंद का भी आह्वान किया है।

आंदोलन में विकास कुमार, शाहबाज मिन्हाज,किशोर कुमार, बिजेंत मौर्या,राहुल कुमार, दिलशाद अंसारी,आदिल अंसारी,अंकित पटेल,अफजल, इश्तेयाक,नैयर,आसिफ,शहीद, भोलू,जावेद,अभय कुमार,रितेश सहित अन्य सैंकड़ों की संख्या में युवा शामिल थें।

- धमकी का हो सकता है साइड इफेक्ट

आम मतदाताओं को विधायक के समर्थकों द्वारा जेल भेजवाने और झूठे मुकदमें में फंसाने की धमकी आरजेडी के लिए भारी पड़ सकता है। अब तक इस आंदोलन के निशाने पर सभी नेता और राजनीतिक दल रहे हैं। परंतु,बुधवार को विधायक के समर्थकों ने युवाओं के साथ जिस धमकी भरे लहजे में बातचीत की,उससे लोगों में आरजेडी के लिए नाराजगी बढ़ गई है। इसका खामियाजा आगामी विधानसभा चुनाव में आरजेडी को भुगतना पड़ सकता है।

अधिक मूल्य पर खाद बेचने वाले दुकान को किया गया सील,लाइसेंस किया गया निरस्त..

मीडिया दर्शन ,औरंगाबाद जिले में किसानों को यूरिया खाद के लिए दर दर भटकना पड़ रहा है, वहीं खाद दुकानदारों द्वारा अधिक मूल्य पर खाद बेचने की शिकायत आ रही है. आज देव के बालूगंज में स्थित विष्णु खाद भंडार पर आज एक बड़ी कार्रवाई की गई। गुप्त सूचना के आधार पर जिला प्रशासन की एक टीम ने इस प्रतिष्ठान पर छापा मारा, जहां उन्हें कई अनियमितताएं मिलीं।

छापेमारी के दौरान यह पाया गया कि दुकानदार निर्धारित मूल्य से अधिक कीमत पर किसानों को उर्वरक बेच रहा था। इसके अलावा, प्रतिष्ठान में मौजूद उर्वरक के स्टॉक और रजिस्टर में दर्ज स्टॉक की मात्रा में भी भारी अंतर पाया गया।

कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यह कार्रवाई उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 के प्रावधानों के तहत की गई है। इन गंभीर उल्लंघनों के मद्देनजर, विष्णु खाद भंडार का उर्वरक वितरण लाइसेंस तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया गया है

और प्रतिष्ठान को पूरी तरह से सील कर दिया गया है। इस कार्रवाई को किसानों के हितों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। जिला प्रशासन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि उर्वरकों की कालाबाजारी और मुनाफाखोरी को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और भविष्य में भी ऐसी शिकायतें मिलने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

औरंगाबाद में यूरिया के लिए आपस में भिड़े किसान, कृषि विभाग पर उठे सवाल

औरंगाबाद - मंगलवार को औरंगाबाद मुख्यालय स्थित बिस्कोमान केंद्र पर यूरिया लेने पहुंचे किसान आपस में ही भिड़ गए, जिसका एक वीडियो भी सामने आया है। किसानों का आरोप है कि महीनों से खाद के लिए चक्कर लगाने के बाद जब आज यूरिया मिलने की जानकारी मिली, तो पहले खाद लेने की होड़ में उनके बीच मारपीट हो गई।

कृषि पदाधिकारी बोले - जल्द दूर होगी यूरिया की कमी

इस घटना पर, जिला कृषि पदाधिकारी संदीप राज ने बताया कि जिले में उर्वरक की कमी को जल्द ही दूर किया जाएगा। उन्होंने बताया कि बिस्कोमान केंद्र पर 1,000 बोरी यूरिया भेजी गई थी, लेकिन किसानों की जल्दबाजी के कारण यह घटना हुई। उन्होंने यह भी कहा कि जिले के विभिन्न प्रखंडों में 10,912 बैग यूरिया भेजा गया है और आज भी यूरिया की रैक आने की उम्मीद है, जिसे प्रखंडों में वितरित किया जाएगा।

सरकारी आंकड़े और जमीनी हकीकत में अंतर

हालांकि, कृषि विभाग के दावों के बावजूद जमीनी हकीकत कुछ और ही है। किसानों का कहना है कि जिन दुकानों पर यूरिया भेजा गया है, वहां ताला लगा हुआ है या दुकानदार स्टॉक खत्म होने की बात कहकर उन्हें लौटा रहे हैं। किसानों की शिकायत है कि कई जगहों पर यूरिया प्रति बैग 500 रुपये तक में बेचा जा रहा है, और दुकानदार जान-पहचान वालों को ही खाद दे रहे हैं।

शिकायतों पर भी नहीं हो रही कार्रवाई

यूरिया की कालाबाजारी और अनियमित बिक्री की लगातार शिकायतें मिल रही हैं, लेकिन कृषि विभाग की ओर से कोई कार्रवाई नहीं हो रही। कुटुंबा प्रखंड में एक मुखिया द्वारा ट्रक पर 900 बैग यूरिया लाकर बेचे जाने का मामला सामने आया है। नियमों के अनुसार, खाद की बिक्री पॉश मशीन के जरिए होनी चाहिए, लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं हुआ। सवाल यह है कि जब लाइसेंसी दुकानदारों को खाद नहीं मिल पा रहा, तो मुखिया को इतनी बड़ी मात्रा में यूरिया कैसे उपलब्ध हुआ? इस पर कृषि विभाग ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया, जिससे किसानों में नाराजगी है।

जितिया पर्व पर सोन नदी में डूबे दोनों युवतियों के परिजनों को डीएम ने दिया चार चार लाख का मुआवजा

औरंगाबाद, संतान की लम्बी उम्र के लिए मनाये जाने वाली जीउतिया पर्व के अवसर पर सोन नदी में स्नान के दौरान दो युवतियों की डूबने से मौत हो गई थी। मौत के बाद गांव में मातमी सन्नाटा पसर गया था। यह घटना नबीनगर अंचल अंतर्गत एनटीपीसी थाना क्षेत्र के केरका पंचायत के ग्राम धुंधुआ में घटी थी।

गाँव में कुल 5 बच्चे डूब गए थे, जिनमें से 3 को स्थानीय ग्रामीणों की तत्परता एवं साहसिक प्रयास से सुरक्षित बचा लिया गया था। लेकिन इस दौरान 2 युवतियों संगीता कुमारी एवं मुनी कुमारी, उम्र लगभग 18 वर्ष डूबने से असामयिक मृत्यु हो गई थी।

घटना की सूचना मिलते ही औरंगाबाद जिला पदाधिकारी, श्रीकांत शास्त्री के निर्देश पर अंचलाधिकारी, नबीनगर के द्वारा त्वरित कार्रवाई की गई। आपदा प्रबंधन विभाग, बिहार सरकार के प्रावधानों के अंतर्गत मृतक बच्चियों के आश्रित परिवार को चार-चार लाख रुपये का अनुग्रह अनुदान चेक घटना के 24 घंटे के भीतर प्रदान किया गया। जिला प्रशासन इस हृदयविदारक घटना से शोकाकुल परिवार के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करता है तथा हर संभव सहयोग एवं सहायता प्रदान करने का आश्वासन देता है।