राम टेक पर मंचन के साथ शुरू हुई पुरानी दशमी पंचायती की रामलीला, पांच सौ बरस से हो रहा है परंपरा का पालन
भव्य, आकर्षक व सुरक्षित होगा विजयादशमी उत्सव : अशोक सिंह
मीरजापुर। श्री रामलीला पुरानी दशमी पंचायती के तत्वाधान में पिछले पांच सौ वर्षों से भगवान श्री राम के जीवनी पर आधारित रामलीला का मंचन शुरू हो गया नगर के पुरानी दशमी स्थित राम टेक पर श्री राम दरबार में राम लखन व सीता मईया के रूप में विराजमान कलाकारों ने रामायण की चौपाई और भाव प्रस्तुति से लोगों का मन मोह लिया। इस दौरान कई कलाकारों ने विभिन्न स्वरूपों में अपनी प्रस्तुति पेश की।
नगर के विभिन्न मोहल्लों में राम वन गमन मार्ग जो प्राचीन समय से ही विकसित है वहाँ प्रभु श्री राम के चरण आज भी घर घर पड़ते हैं। रोजाना शाम को नगर के पुरानी दशमी, अनगढ़, तेलियागंज, डंकीनगंज, चौबेटोला, टटहाई रोड, रानीबाग, पेहटी चौराहा, चिनिहवां इनारा, तुलसी चौक, गुडहट्टी, पुरानी अंजही मोहल्लो में लोग भगवान को निहारने के लिए घरों से बाहर नज़रे बिछाये निहारते रहते हैं। मार्ग पर लोक गीत व रामायण की चौपाई गाते बजाते कलाकारों का झुण्ड साथ साथ चलता है। कभी रथ पर सवार तो कभी पैदल ही भगवान घरों में पहुंचते हैं लोग उनकी आरती करते हैं। आधुनिक युग में युवाओं को भगवान राम के चरित्र व मर्यादा से बहुत कुछ सीखते हैं।
रामलीला समिति के पदाधिकारी नियमित स्थल का भ्रमण कर जरुरी दिशा निर्देश देते रहते हैं। इस दौरान समिति के अध्यक्ष व वरिष्ठ अधिवक्ता श्री अशोक सिंह के नेतृत्व में पदाधिकारियों ने राम टेक, सीता वाटिका, राम रावण युद्धस्थल सहित श्री राम दरबार की तैयारियों का जायजा भी लिया। उन्होंने पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को निर्देशित किया कि विजयादशमी उत्सव भव्य व आकर्षक हो। इसके लिए सभी प्रयास जल्द से जल्द पूरे कर लिए जायें जिससे श्रद्धालुओं को आकर्षक मेला देखने को मिले। फिर अध्यक्ष श्री सिंह ने प्रभु राम, लक्ष्मण व सीता मईया को माला पहना कर, आरती पूजन करके, रथ पर सवार करा नगर भ्रमण व आमजन को दर्शन कराने के लिए ले गये।
गौरतलब है कि इस मेले व भारत मिलाप को देखने कभी काशी नरेश खुद हाथी पर सवार हो कर आते थे।
समिति के वरिष्ठ सदस्य श्यामा प्रसाद जायसवाल ने बताया कि समिति को हैदराबाद के निज़ाम द्वारा उपहार स्वरुप एक कड़ाबीन भी दिया गया था उन्होंने बताया कि जिसकी आवाज़ पहले तीस किलोमीटर तक सुनाई पड़ती थी जिसका उपयोग पुराने समय में लोगों को यह सन्देश देने के लिए होता था कि मेला शुरू हो चुका है। अब यह एक प्राचीन धरोहर के रूप में समिति के पास है। पुराने समय में नगर के सेठों ने समिति को कई अमूल्य आभूषण व आकर्षक वस्तुएं दान दी थीं जिससे भगवान का पारम्परिक श्रंगार होता रहा है।
इस दौरान समिति के मंत्री अतिन गुप्ता, अशुकांत चुनाहे, सुभाष चंद, राजेंद्र प्रसाद गुप्ता, शैलेन्द्र अग्रहरि, विनोद सेठ, भोला नाथ साहू, ओम प्रकाश, विनोद केशरवानी, अनिल यादव, जीतेन्द्र अग्रवाल, नयन कुमार, मुकेश वर्मा, हेमंत गुप्ता,बृजेश गुप्ता, शशिकांत बरनवाल, कन्हैय्या त्रिपाठी, कमलेश केशरवानी, मयंक, हिमांशु सहित दर्जनों सदस्य उपस्थित रहे।
Sep 26 2025, 19:00