सोनम वांगचुक को बड़ा झटका, रद्द हुआ NGO का लाइसेंस, विदेशी फंडिंग पर लग गई रोक
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केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के लिए पूर्ण राज्य के दर्जे और छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर चल रहा आंदोलन बुधवार को हिंसक हो गया। इस हिंसा में चार लोगों की जान चली गई। उपद्रवियों ने लेह स्थित भाजपा कार्यालय को आग लगा दी। हालात पर काबू पाने के लिए अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगाना पड़ा। सरकार ने इस हिंसा के लिए जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को जिम्मेदार ठहराया। अगले दिन उनके एनजीओ का एफसीआरए लाइसेंस भी रद्द कर दिया गया।
सोनम वांगचुक की स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (SECMOL) का एफसीआरए (Foreign Contribution Regulation Act) रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया। उनके एनजीओ पर विदेशी फंडिंग से जुड़े कानून का बार-बार उल्लंघन करने का आरोप है। सीबीआई ने सोनम वांगचुक के एक संस्थान के खिलाफ विदेशी फंडिंग को लेकर जांच शुरू कर दी है।
क्यों हुआ पंजीकरण रद्द?
सरकार की ओर से यह भी कहा गया कि संस्था के कामकाज में गंभीर वित्तीय अनियमितताएं पाई गई हैं। सरकारी जांच में सामने आया कि संस्था को स्वीडन के एक दाता से करीब 4.93 लाख रुपये मिले थे, जो युवा जागरूकता कार्यक्रमों पर खर्च होने थे। इन कार्यक्रमों में जलवायु परिवर्तन, प्रवासन और खाद्य सुरक्षा जैसे विषय शामिल थे। लेकिन सरकार ने इस दान को ‘राष्ट्रीय हित के खिलाफ’ बताया। इसके अलावा 19,600 रुपये और 79,200 रुपये जैसी छोटी रकमों के गलत तरीके से एफसीआरए खाते में दाखिल होने की बात भी नोटिस में दर्ज की गई। इन सब बिंदुओं के आधार पर मंत्रालय ने 10 सितंबर को नोटिस जारी किया था, और जवाब असंतोषजनक पाए जाने पर संस्था का पंजीकरण रद्द कर दिया।
क्या बोले वांगचुक?
वांगचुक ने इसे बदले की कार्रवाई बताते हुए कहा, प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा का दोष उन पर मढ़ा गया है। सोनम वांगचुक ने कहा, लद्दाख में दो महीने बाद चुनाव आने वाले हैं, जिसमें लोग पूछ रहे हैं कि पहले जो वादा किया था उसे पूरा करें। इसमें बड़ी आवाज मेरी थी इसलिए उन्होंने मुझे टारगेट किया और डेढ़ महीना पहले मुझे बताया गया कि आपके ऊपर देशद्रोह का एक एफआईआर है। इसके बाद सीबीआई की जांच की बात हुई।
विदेशों से पैसे लेने का हमारा कोई इरादा नहीं- वांगचुक
वांगचुक ने कहा, सीबीआई के नोटिस में ये लिखा है कि 2022-24 में आपकी संस्था को विदेशों से फंड मिला, जिसकी अनुमति आपको नहीं है। आपके पास एफसीआरए नहीं है। हमने एफसीआरए नहीं लिया क्योंकि विदेशों से पैसे लेने का हमारा कोई इरादा नहीं था। संयुक्त राष्ट्र की टीम हमारी पैसिव सोलर हीटेड बिल्डिंग को अफगानिस्तान ले जाना चाहती थी और इसके लिए उन्होंने हमें फीस अदा की। इसी तरह हमारे आर्टिफिशियल ग्लेशियर को स्विट्जरलैंड की एक यूनिवर्सिटी और इटली की एक संस्था से पैसे मिले।
क्या करता है हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव्स, लद्दाख?
सोनम वांगचुक ने 1994 में स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (SECMOL) की स्थापना की. इसका मकसद लद्दाख के युवाओं को स्थानीय जरूरतों और संस्कृति से जोड़ते हुए प्रासंगिक और व्यावहारिक शिक्षा देना था. बाद में इसी सोच के विस्तार के रूप में उन्होंने हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव्स, लद्दाख (HIAL) की नींव रखी. SECMOL की नींव 1994 में रखी गई ताकि बच्चे केवल कागजी डिग्री के बोझ तले न दबें बल्कि वास्तविक जीवन कौशल भी सीखें.
HIAL लगभग 2017-18 में आकार लेता है, जिसके पीछे विचार था लद्दाख और हिमालयी क्षेत्र के लिए ऐसे समाधान खोजना जो पर्यावरण-संवेदनशील हों. इसका स्पष्ट उद्देश्य जलवायु परिवर्तन, पारिस्थितिकी और शिक्षा सुधार जैसे मुद्दों का स्थानीय अनुभवों के आधार पर हल निकालना तय किया गया था
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