मिग-21 का आज आखिरी विदाईः 62 साल बाद अब इतिहास के पन्नों में हो जाएगा दर्ज
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देश में एयरफोर्स की पहचान रहे फाइटर प्लेन मिग-21 की आज अंतिम विदाई दी जा रही है। छह दशकों से भी अधिक समय से भारतीय वायुसेना के लड़ाकू बेड़े की ताकत रहे प्रसिद्ध रूसी लड़ाकू विमान मिग-21 आज सेवामुक्त हो जाएंगे। मिग-21 विमानों के संचालन का आधिकारिक समापन आज चंडीगढ़ में एक औपचारिक फ्लाईपास्ट और विदाई समारोह के साथ होगा। जहां रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मुख्य अतिथि होंगे। इस अवसर पर प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल अनिल चौहान, सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, एयर चीफ मार्शल ए पी सिंह और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी समेत कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहेंगे।
आज आखिरी बार उड़ान भरेगा मिग-21
चंडीगढ़ एयरफोर्स स्टेशन 12 विंग का एयरबेस से मिग 21 को विदाई देने की तैयारी की गई। लड़ाकू विमान मिग-21 फाइटर प्लेन को आखिरी बार आसमान में बादल और पैंथर फॉर्मेशन में उड़ेगा। एयर फोर्स चीफ एयर मार्शल एपी सिंह 'बादल 3' नाम से स्क्वाड्रन का नेतृत्व करेंगे। आखिरी सलामी के बाद मिग-21 एयरफोर्स के बेड़े से बाहर हो जाएगा।इस फाइटर प्लेन को अलविदा कहने से पहले एयफोर्स की स्क्वाड्रन लीडर प्रिया शर्मा एयर फोर्स चीफ एयर मार्शल एपी सिंह के साथ उड़ान भरेंगी। प्रिया शर्मा देश की 7वीं महिला वीमन फाइटर पायलट हैं।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह होंगे चीफ गेस्ट
मिग-21 फाइटर प्लेन के फेयरवेल सरेमनी के चीफ गेस्ट रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह होंगे। सेरेमनी में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, तीनों सेनाओं के प्रमुख, वायुसेना के छह पूर्व प्रमुख भी शिरकत करेंगे।अंतिम फ्लाईपास्ट के बाद छह मिग-21 विमानों को उतरते ही वाटर कैनन से सलामी देकर अलविदा कहा जाएगा। मिग-21 लड़ाकू जेट विमानों ने 18-19 अगस्त को राजस्थान के बीकानेर में नाल वायु सेना स्टेशन पर अपनी आखिरी उड़ानी भरी थी। आज के बाद मिग आसमान में नजर नहीं आएगा।
देश का पहला सुपरसोनिक लड़ाकू विमान
मिग-21 को भारत का पहला सुपरसोनिक लड़ाकू विमान माना जाता है। साउंड की स्पीड से तेज उड़ने वाले इस विमान की खासियत रही है कि यह पलक झपकते ही मैक-2 की स्पीड पर पहुंच जाता है। 6 दशकों तक सेवा के बाद जब यह रिटायर होगा, तब इसकी जगह तेजस मार्क 1ए को तैनात किया जाएगा। मिग 21 ने पाकिस्तान के खिलाफ दो युद्ध, बांग्लादेश मुक्सित संग्राम और करगिल में दुश्मनों के दांत खट्टे कर चुका है।
65 के भारत-पाक युद्ध से हुई थी शुरुआत
सबसे पहले इस विमान ने साल 1965 के भारत-पाक युद्ध में हिस्सा लिया था। उसके बाद साल 1971 के युद्ध में भी यह विमान गेमचेंजर बना। वर्ष 1999 में ऑपरेशन सफेद सागर के दौरान कारगिल में भी इस विमान ने कौशल दिखाया। इस दौरान मिग-21 ने भारतीय इलाके में घुसपैठ कर रहे पाकिस्तान नेवल एयर आर्म के अटलांटिक विमान को मार गिराया था।
ऑपरेशन सिंदूर में भी था अलर्ट मोड पर
साल 1965 से लेकर बालाकोट एयर स्ट्राइक तक विभिन्न अभियानों के तहत इस लड़ाकू विमान ने अहम भूमिका निभाई। ऑपरेशन सिंदूर में भी यह विमान पूरी तरह अलर्ट मोड में था और इसकी लड़ाकू रैकी जारी थी। 26 सितंबर को यह विमान 62 साल के सफर के बाद इतिहास के पन्नों में दर्ज हो जाएगा। इसकी विदाई इसके सबसे पहले घर चंडीगढ़ एयरफोर्स स्टेशन से ही होगी। यह विमान एयरफोर्स के सबसे शक्तिशाली लड़ाकू विमानों में से एक रहा है।
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