भ्रष्टाचार: गांव में बिना कार्य कराए हुआ लाखों का भुगतान, ग्रामीणों ने की जांच की मांग
मीरजापुर। एक तरफ़ राज्य की योगी आदित्यनाथ की सरकार गांव के तालाब, कुओं का कायाकल्प करते हुए उनके जीर्णोद्धार का कार्य करते हुए उन्हें संरक्षित कर रही है। इसके लिए सरकार द्वारा भारी भरकम धन भी खर्च करती आईं हैं, लेकिन आश्चर्य की बात है कि सरकार की मंशा पर पानी फेरते हुए ग्राम प्रधान और सचिव ने जमकर सरकारी धन का बंदरबांट करते हुए कागजों में लाखों का खर्च दिखाकर सरकारी धन को हज़म कर लिया है, जबकि मौके पर हकीकत देख ग्रामीणों की आंखें फटी की फटी रह जा रही है।
घोर आश्चर्य की बात तो यह है कि कि तमाम शिकायतों और कार्रवाई की गुहार के बाद भी गांव में जाकर किसी भी अधिकारी और कर्मचारी ने मौके की हक़ीक़त को देखने की जहमत नहीं उठाई है, अलबत्ता शिकायत होने और ग्रामीणों को मुखर होता देख एकाध ग्रामीण को खड़ा कराकर फोटो खींच फर्जीवाड़े को दबाने का कुचक्र शुरू कर दिया गया है।
दरअसल, जिले के हलिया ब्लाक के मनिगढ़ा गांव में प्रधान और सचिव की मिलीभगत से बिना कार्य कराए लाखों रुपये का भुगतान करा लिया गया।
इतना ही नहीं प्रधान ने बिना कार्य किए अपने चहेतों को मनरेगा का भुगतान भी कर दिया। यह आरोप लगाते हुए ग्रामीणों ने सम्पूर्ण मामले की जांच कराने की मांग की है, ताकि सरकारी धन का गबन करने और गांव के विकास के नाम आने वाले धन का बंदरबांट करने वालों पर कार्रवाई हो सकें।
जिलाधिकारी सहित अन्य अधिकारियों को सौंपे गए
पत्रक में ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि प्रधान द्वारा कागज पर विकास कार्य किए गया हैं और लाखों का भुगतान करा लिया गया है। गांव में पेयजल के लिए पानी से लेकर सड़क, बिजली तथा तालाब कुएं से लेकर अन्य के नाम पर लंबा गबन किया गया है, हैंडपंप मरम्मत तथा टैंकर से पानी आपूर्ति करने के नाम पर भी जबरदस्त गड़बड़झाला किया गया है।
हलिया विकास खंड क्षेत्र के मनिगढ़ा गांव में विकास कार्य के नाम पर हुए भ्रष्टाचार की परत दर परत खुलने पर ग्रामीणों में भी इस बात को लेकर चर्चा तेज़ हो चली है कि आखिरकार विकास कार्यों के नाम पर खर्च होते आए भारी भरकम धनराशि को किसके सह पर हजम किया जाता रहा है। क्यों नहीं अधिकारियों ने जांच करने की जहमत उठाई है।
गांव में बिना कार्य कराए हुआ लाखों के भुगतान की जांच की मांग अब तेज़ होने लगी है। ग्रामीण बताते हैं कि जमीन पर कुओं के कायाकल्प के नाम पर कागज़ों में लाखों खर्च दिखा दिया गया है, लेकिन जमीन पर कुओं की दशा देख सरकार की व्यवस्था पर सवाल खड़े होने लगे हैं। गांव निवासी अब्दुल, अवधनारायण, दीपक तिवारी इत्यादि ग्रामीण बताते हैं कि मनिगढ़ा गांव में विकास कार्य के नाम पर जबरदस्त गड़बड़झाला किया गया है।जिसकी जांच करने के बजाए शिकायतों को दबाने में संबंधित अधिकारी कर्मचारी जुटे हुए हैं। इस संदर्भ में जब मनिगढ़ा गांव के सचिव से संपर्क करना चाहा गया तो उनके मोबाइल से संपर्क नहीं हो पाया।
ग़ौरतलब हो कि उत्तर प्रदेश में हुए मनरेगा घोटाले में मीरजापुर का हलिया विकास खंड भी फंसा हुआ है। मनरेगा में हुए व्यापक पैमाने पर घोटाले की जांच में कईयों को सीबीआई ने मुकदमा दर्ज कराने के बाद जांच बिठाई थी। तत्कालीन सरकार में इसको लेकर खूब किरकिरी भी हुई थी।
Sep 25 2025, 17:17