भारत-नेपाल सीमा पर ठप व्यापार को फिर से पटरी पर लाने की उम्मीद
बलरामपुर। भारत नेपाल की सीमा पर स्थित जरवा तथा मित्र राष्ट्र नेपाल के कोयलावास से अंतरराष्ट्रीय व्यापार होता रहा है किंतु कतिपय कारणो से लगभग तीन दशकों से इस सीमा पर व्यापार रुक सा गया, बताते चले की करीब 2006 साल में नेपाल में हुई मुक्कमल क्रांति जिसमें माओवादियों ने तमाम जगह को ध्वस्त कर दिया कोयलाबास का भी पुलिस चौकी बम से उड़ा दिया गया डर से वहां का व्यापार पूरी तरह से ठप पड़ गया, कोयलाबास में बने तमाम कार्यालय बैंक ऑफिस समेत सरकारी संस्थान बंद हो गए तमाम वहां के व्यापारी भारत के तुलसीपुर बलरामपुर बढ़नी आदि में आकर बस गए और वहां का बाजार लगभग बंद हो गया साथ ही भारत के जरवा कस्टम आदि भी काम ना रहनें के बराबर रह गया जिससे कस्टम ऑफिस खंडहर में बदल गया बताते चलें कि भारतीय बाजार में जनपद बलरामपुर के सीमा के निकट जरवा में पत्थर सहित कई अन्य प्राकृतिक संसाधनों का यहां से बहुत बड़ा व्यापार होता रहा है।
जरवा तक भारतीय रेल की सेवा इसका जीता जागता उदाहरण रहा है जो अब भारतीय रेलवे ने उक्त स्टेशन बंद कर इधर की लाइन बंद कर दी जबकि यहां से तमाम सवारी के साथ-साथ माल की आवा जाही तथा भारत व नेपाल के हजारों सवारियां इधर-उधर आती जाती थी जो सीमा की बंद स्थिति को देखते हुए लगभग समाप्त हो गई मित्र राष्ट्र नेपाल के लमही के राधेश्याम गुप्ता पत्रकार ,(व्यापारी) बताते हैं कि मैं कोयलावास में बचपन से रहा और मैं यहां की स्थित अपने आंखों से अच्छी है यहां से प्रतिदिन करोड़ों का व्यापार होता था तमाम फैक्ट्रियां लगी थी बैंक सटही काउंटर कस्टम सहित सैकड़ो ऑफिस हुआ करते थे किंतु माओवादी क्रांति के बाद सब कुछ तहस हो गया और यहां का व्यापार खत्म हो गया। उद्योग वाणिज्य संघ लमही के मीडिया प्रभारी राधेश्याम गुप्ता का कहना है कि यदि भारत और नेपाल के बड़े अधिकारी एक साथ बैठकर वार्ता करें तो तमाम मुश्किलें हल की जा सकती है जिससे दोनों देशों के व्यापार की संभावना बलवती होगी सीमा पर आने जाने वालों की कठिनाइयां दूर कर इसे सुलभ किया जा सकता है, भारत के सीमा से सटे जरवा बाजार निवासी हीरालाल यादव सत्यनारायण गिरी, राम जी, राघव राम आदि बताते हैं कि यहां से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापार होता था तथा भारत और नेपाल के हजारों लोग यहां से प्रतिदिन करोड़ों का व्यापार किया करते थे।
सत्यनारायण गिरी बताते हैं कि यहां जारवा में नेपाल के अलावा इंडोनेशिया तक के लोग व्यापार के लिए आते थे। नेपाल के लमही,घोराही व गढ़वा उद्योग वाणिज्य संघ तथा भारत के जनपद बलरामपुर के तुलसीपुर उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल के अध्यक्ष श्याम बिहारी अग्रहरि ने बताया कि इन जगहों पर विगत माह में हुए व्यापारिक सम्मेलन में कोयलाबास बार्डर से व्यापारिक गतिविधियों में आ रही बाधाओं का मुद्दा प्रमुखता से उठाया गया था। दोनों देशों के सीमावर्ती क्षेत्रों के निवासियों के लिए यह तरक्की का दरवाजा साबित होगा।महामंत्री रूप चन्द्र गुप्ता ने बताया कि सम्मेलन में मौजूद लुम्बिनी प्रान्त के उद्योग व पर्यटन मंत्री प्रचंड विक्रम न्योपानी से भारतीय पर्यटकों से नेपाली पुलिस द्वारा दुर्व्यवहार किए जाने मुद्दा उठाया गया जिस पर बताया गया कि अब ऐसा नहीं होगा और भारतीय गाड़ियों के परमिट को भी कम किया जाएगा।मंत्री रामगोपाल गुप्ता, मीडिया प्रभारी जय सिंह कोषाध्यक्ष राधेश्याम चौरसिया तथा नेपाल वाणिज्य संघ लमही के अध्यक्ष कमल जंग सिंह ठकुरी,राधेश्याम गुप्ता अनिल गुप्ता व शिवु खनाल घोराही उद्योग वाणिज्य संघ के अध्यक्ष बसन्त जोशी,नरेश श्रेष्ठ व गढ़वा के अध्यक्ष ओम प्रकाश बैसाल ने शासन प्रशासन से मांग की है कि इन समस्याओं को दूर करने के लिए शासन स्तर के अधिकारी आपसी सहमति के आधार पर व्यापार में आ रही अड़चनों को दूर कर सीमा पर सहूलियतें देकर जो इस उपेक्षित सीमावर्ती क्षेत्रों के लिए विकास में सहायक हो सकेगा।
Sep 25 2025, 16:37