बिहार चुनाव से शुरू होगी मोदी शासन की उल्टी गिनती… CWC में वोट चोरी से लेकर ट्रंप तक पर क्या-क्या बोले खरगे?

बिहार के पटना में 85 साल बाद हुई कांग्रेस की ऐतिहासिक कार्यसमिति बैठक (CWC) में कई नेताओं ने शिरकत की. सदाकत आश्रम में हुई इस बैठक के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री मोदी और बिहार सीएम नीतीश कुमार ही नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर भी निशाना साधा. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि NDA गठबंधन में आंतरिक कलह खुलकर सामने आ गई है. नीतीश कुमार को बीजेपी ने मानसिक रूप से सेवानिवृत्त कर दिया है और बीजेपी अब उन्हें बोझ मानने लगी है.

मल्लिकार्जुन खरगे ने सदाकत आश्रम के बारे में बताते हुए कहा कि यह स्वाधीनता आंदोलन का केंद्र बिंदु था. उन्होंने कहा कि 1921 में स्थापित कांग्रेस का यह ऐतिहासिक दफ्तर कांग्रेस पार्टी के अनेक महान नेताओं की कर्मस्थली रहा है. मैं आज उन्हें भी विशेष श्रद्धांजली अर्पित करता हूं.

बीजेपी पर साधा निशाना

खरगे ने कहा कि आज हम ऐसे समय पर मिल रहे हैं जब देश अंतर्राष्ट्रीय चिंता से गुजर रहा हैं. उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हमारी मुसीबतें नरेन्द्र मोदी और उनकी सरकार की नाकामी और कूटनीतिक विफलता का नतीजा हैं. ट्रंप पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी, जिनको ‘मेरे दोस्त’ बताकर ढिंढोरा पीटते हैं, वही दोस्त आज भारत को संकट में डाल रहे हैं.

उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी का 100 साल पुराना दिया गया स्वदेशी का मंत्र, जिसे कांग्रेस ने अंग्रेजों को परास्त करने के लिए इस्तेमाल किया, मोदी जी को आज याद रहा है. दूसरी तरफ चीन के लिए रेड कार्पेट सरेआम बिछाए जाते हैं. पिछले 5 वर्षों में चीन से हमारे आयात दो गुना बढ़ गए हैं.

वोटर लिस्ट और EC पर उठाए सवाल

खरगे ने कहा कि आज जब हमारे वोटर लिस्ट से आधिकारिक रूप से छेड़छाड़ किया जा रहा है, इसलिए जरूरी है कि हम लोकतंत्र की जननी बिहार में अपनी Extended CWC की मीटिंग आयोजित करके इस देश के लोकतंत्र और संविधान को बचाए रखने की अपनी प्रतिज्ञा को फिर से दोहराएं. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र का आधार निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव है. परन्तु आज चुनाव आयोग की निष्पक्षता और पारदर्शिता पर ही भयंकर सवाल उठ रहे हैं. विभिन्न राज्यों में खुलासे हुए हैं. EC उन सवालों के जवाब देने के बजाय हम लोगों से एफिडेविट मांग रहा है.

उन्होंने कहा कि बिहार की ही तर्ज पर अब देश भर में लाखों लोगों के वोट काटने की साजिश रची जा रही है. वोट चोरी का मतलब दलित, आदिवासी, पिछड़ा, अति-पिछड़ा, अल्पसंख्यक, कमजोर और गरीब के राशन की चोरी, पेंशन चोरी, दवाई चोरी, बच्चों की स्कॉलरशिप और परीक्षा की चोरी है. वोटर अधिकार यात्रा की वजह से बिहार की जनता में इसके बारे में जागरूकता फैली और वो खुलकर राहुल गांधी जी के समर्थन में आए.

देश में कई तरह की समस्या

खरगे ने बैठक में दिए गए अपने बयान में कहा कि आज हमारा देश कई समस्याओं से जूझ रहा है, जिसमें आर्थिक मंदी, बेरोजगारी, सामाजिक ध्रुवीकरण और स्वायत्त संवैधानिक संस्थाएं शामिल हैं. इसके जरिए देश को कमजोर किया जा रहा है. सरकार द्वारा किए गए 2 करोड़ नौकरियों का वादा अधूरा रहा. युवा रोजगार के बिना भटक रहे हैं. नोटबंदी और गलत GST ने अर्थव्यवस्था को पटरी से उतार दिया. 8 सालों बाद प्रधानमंत्री को अपनी गलती का एहसास हुआ. अब GST में वही सुधार लाए गए जिनकी मांग कांग्रेस पार्टी पहले दिन से कर रही थी.

डबल इंजन सरकार का वादा खोखला

खरगे ने कहा कि मोदी का मानना है कि देशवासियों को और अधिक खर्च करना चाहिए, परंतु जब पिछले 10 सालों में आमदनी नहीं बढ़ी, सिर्फ महंगाई बढ़ी है, तो लोग अधिक खर्च कैसे करेंगे? किसानों की आय भी दोगुनी नहीं कर पाए. 2020 में तीन काले कानूनों की वसे 750 से अधिक किसान शहीद गए.

उन्होंने कहा कि जनवरी 2024 में नीतीश कुमार को फिर से समर्थन देकर बिहार में एनडीए सरकार बनाई. नीतीश सरकार ने विकास का वादा किया, लेकिन बिहार की अर्थव्यवस्था पिछड़ रही है. “डबल इंजन” का दावा खोखला साबित हुआ, केंद्र से कोई विशेष सुविधा नहीं मिल रही है. खरगे ने कहा कि बिहार में हर साल लाखों की संख्या में युवा पलायन कर रहे हैं, अगर कोई युवा फर्जी भर्ती को लेकर आंदोलन करता है तो वह पुलिस की लाठी खाता है.

नीतीश कुमार मानसिक रुप से हो गए है सेवानिवृत्ति

खरगे ने कहा कि NDA गठबंधन में आंतरिक कलह खुलकर सामने है. नीतीश कुमार को बीजेपी ने मानसिक रूप से सेवानिवृत्त कर दिया है. बीजेपी अब उन्हें बोझ मानने लगी है. उन्होंने कहा कि बिहार की 80% आबादी OBC, EBC और SC/ST वर्गों से है. वह जनता जाति जनगणना और आरक्षण नीतियों में पारदर्शिता चाहती है. खरगे ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री जी से पूछना चाहता हूँ कि क्या मजबूरी है कि बिहार की जनता को सरकार द्वारा पारित 65% आरक्षण को संवैधानिक सुरक्षा नहीं दिलवा पाये?

सीएम योगी पर साधा निशाना

इतना ही नहीं उन्होंने यूपी के सीएम योगी पर निशाना साधते हुए कहा कि UP के मुख्यमंत्री अपने आप को प्रधानमंत्री का उत्तराधिकारी समझते हैं. उन्होंने पहले आरक्षण के विरोध में लेख भी लिखा था. अब उन्होंने जातियों के नाम पर होने वाली रैलियों पर रोक लगा दी है. क्या प्रधानमंत्री देश को बताएंगे कि एक तरफ हम सब जाति जनगणना करने की बात कर रहे हैं, और दूसरी तरफ ऐसे लोग जो अपने ऊपर हो रहे अन्याय और अत्याचार के खिलाफ सड़क पर उतरते हैं, उनको आपके मुख्यमंत्री जेल में डालने की बात कर रहे हैं. क्या ये सही है? आपको जनता को बताना चाहिए.

कोलकाता: दुर्गा पूजा में 10 लाख अखबारों से बनाया जा रहा है पंडाल, 'नवीनीकरण' की थीम पर आधारित

दुर्गा पूजा महोत्सव 2025 से पहले, कोलकाता के लेकटाउन श्रीपल्ली वेलफेयर एसोसिएशन ने एक अभूतपूर्व और पर्यावरण-अनुकूल पंडाल का निर्माण किया है। इस वर्ष, पंडाल का निर्माण 10 लाख से अधिक पुराने अखबारों का उपयोग करके किया गया है, जो 'नवीनीकरण' की थीम पर आधारित है।

यह पंडाल न केवल कला का एक अद्भुत नमूना है, बल्कि यह एक गहरा सामाजिक संदेश भी देता है। "नवीनीकरण" की थीम आधुनिक जीवनशैली और पुरानी, समृद्ध परंपराओं के बीच एक पुल का काम करती है। यह पंडाल इस बात का प्रतीक है कि कैसे हम अपने अतीत को संरक्षित करते हुए और पुरानी चीज़ों को नया जीवन देते हुए आगे बढ़ सकते हैं।

दुर्गा पूजा, जो पश्चिम बंगाल का सबसे बड़ा त्योहार है, हर साल अपने रचनात्मक और अभिनव पंडालों के लिए जाना जाता है। लेकटाउन श्रीपल्ली वेलफेयर एसोसिएशन ने अपनी 58वीं वर्षगांठ पर इस अनूठी पहल के माध्यम से कलात्मकता और सामाजिक जागरूकता का एक उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया है।

इस साल की दुर्गा पूजा 28 सितंबर से शुरू होकर 2 अक्टूबर 2025 तक चलेगी। लेकटाउन का यह अनोखा पंडाल निश्चित रूप से पूजा प्रेमियों और पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र बनेगा। यह पंडाल न केवल दुर्गा मां की महिमा को दर्शाता है, बल्कि यह इस बात का भी प्रमाण है कि कला और पर्यावरण जागरूकता एक साथ मिलकर एक शक्तिशाली और सुंदर संदेश दे सकते हैं।

20 रुपये की 6 पानीपुरी की जगह सिर्फ 4 मिली, महिला ने बीच सड़क पर दिया धरना, पुलिस को करना पड़ा हस्तक्षेप

वडोदरा: गुजरात के वडोदरा में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है, जहाँ सिर्फ दो पानीपुरी कम मिलने पर एक महिला ने हंगामा खड़ा कर दिया। यह घटना सूरसागर झील के पास हुई, जहाँ महिला 20 रुपये में 6 पानीपुरी की जगह सिर्फ 4 पानीपुरी मिलने से नाराज हो गई।

महिला ने पानीपुरी वाले से बाकी की दो पानीपुरी मांगी, लेकिन जब उसने देने से इनकार कर दिया, तो महिला सड़क पर ही धरने पर बैठ गई। उसके इस प्रदर्शन के कारण सड़क पर लंबा जाम लग गया, जिससे आने-जाने वालों को काफी परेशानी हुई।

पुलिस मौके पर पहुंची और महिला को समझाने की कोशिश की। महिला ने रोते हुए पुलिस से शिकायत की, "यह पानीपुरी वाला सबको 6 देता है, मुझे दो कम दी हैं। या तो मुझे दो और पूरियां दिलाओ या फिर उसकी दुकान यहाँ से हटवाओ।"

काफी समझाने-बुझाने के बाद पुलिस महिला को शिकायत दर्ज कराने के लिए राजी कर पाई। इसके बाद पुलिस ने पानीपुरी वाले को एक दिन के भीतर ठेला हटाने का आदेश दिया, जिसके बाद सड़क पर लगा जाम खुल सका।

बरेली में चलती ट्रेन से हुई नोटों की बारिश, ट्रैक पर उमड़ी भीड़

उत्तर प्रदेश के बरेली से एक अजीब और चौंकाने वाली घटना सामने आई. मंगलवार देर रात लखनऊ से बरेली जा रही ट्रेन से अचानक 500 और 100 रुपये के नोट बरसने लगे. जैसे ही लोगों ने ये होते देखा वहां भीड़ एकत्रित हो गई. रात होने की वजह से लोग मोबाइल फोन की टॉर्च जलाकर नोट तलाशते रहे. थोड़ी ही देर में रेलवे ट्रैक पर भारी भीड़ जुट गई. यह नजारा किसी फिल्मी सीन जैसा लग रहा था.

दावा किया जा रहा है कि ट्रेन में बैठे एक शख्स ने खिड़की के जरिए बड़े से थैले में भरे नोटों को हवा में उड़ाना शुरू कर दिया. फरीदपुर स्टेशन के पास रहने वाले लोगों का दावा है कि अचानक आसमान से जैसे पैसों की बारिश होने लगी. शुरू में लोग कुछ समझ नहीं पाए, लेकिन जब करीब से देखा तो नोट सौ और पांच सौ के थे. यह देखते ही हर कोई उन्हें उठाने के लिए रेलवे ट्रैक की ओर भागा.

रात का वक्त होने के कारण माहौल और भी अजीब हो गया. अंधेरे में मोबाइल की रोशनी से नोट खोजे जाने लगे. यही नहीं, कुछ लोग तो घरों से टॉर्च तक लेकर आ पहुंचे. लोग कह रहे थे कि नोट असली हैं. हालांकि, अब तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है कि ये नोट असली थे या नकली.

वीडियो हुआ वायरल, प्रशासन भी हैरान

घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि लोग रेलवे ट्रैक पर फैले नोट उठाने के लिए भाग-दौड़ कर रहे हैं. वायरल वीडियो के बाद पूरे इलाके में चर्चा का माहौल बन गया है. फरीदपुर इंस्पेक्टर राधेश्याम ने बताया कि उन्हें इस घटना की कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है. हालांकि, लोगों के फोन लगातार आ रहे हैं और वे इसकी सच्चाई जानने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जैसे ही सही जानकारी सामने आएगी, कार्रवाई की जाएगी.

कई सवाल खड़े कर गया मामला

इस पूरी घटना ने इलाके में कई सवाल खड़े कर दिए हैं. आखिर ट्रेन से नोट फेंकने वाला व्यक्ति कौन था? उसके पास इतनी बड़ी रकम कहां से आई? क्या वह पैसे को छिपाना चाहता था या फिर किसी और वजह से ऐसा किया गया? फिलहाल इसका कोई जवाब नहीं मिल सका है.

लोगों का कहना है कि उन्होंने पहली बार ऐसा नजारा देखा है. जहां नोटों को लेकर लोगों में होड़ मची और रेलवे ट्रैक पर भीड़ जमा हो गई. इस दौरान किसी तरह की अनहोनी नहीं हुई, वरना हादसा भी हो सकता था.

भीलवाड़ा में 'असली बेटे' का फर्ज: मुस्लिम युवक ने हिंदू 'मां' की चिता को दी मुखाग्नि

भीलवाड़ा, राजस्थान: आस्था और इंसानियत की एक ऐसी मिसाल सामने आई है, जिसने हर किसी की आंखें नम कर दी हैं. राजस्थान के भीलवाड़ा में 67 साल की एक हिंदू महिला की मौत पर उनके 42 वर्षीय मुस्लिम 'बेटे' ने हिंदू रीति-रिवाजों से चिता को मुखाग्नि दी. यह घटना दिखाती है कि रिश्ते धर्म या मजहब से परे होते हैं, और इंसानियत सबसे बड़ा धर्म है.

यह कहानी है 67 वर्षीय शांति देवी और 42 वर्षीय असगर अली की. जंगी मोहल्ले में छोटी सी दुकान चलाने वाले असगर अली ने शांति देवी के लिए वह सब किया, जो शायद एक सगा बेटा भी नहीं कर पाता. दोनों परिवारों का रिश्ता 30 साल पुराना था, जो समय के साथ गहराता गया. असगर अली ने बताया कि उनके माता-पिता और शांति देवी के माता-पिता मेलों में छोटी-मोटी दुकानें लगाते थे, जिससे वे एक-दूसरे को अच्छी तरह से जानते थे.

एक परिवार की तरह रहे असगर और शांति देवी

2010 में पति के देहांत के बाद शांति देवी अपने बेटे के साथ असगर अली के पड़ोस में आकर रहने लगीं. दोनों परिवार एक ही मकान में किराए पर रहते थे. 2017 में असगर के पिता की मौत के बाद शांति देवी ने उनकी मां का एक बहन की तरह साथ दिया. लेकिन, 2018 में एक दर्दनाक हादसे ने शांति देवी से उनके बेटे को छीन लिया. एक जंगली जानवर के हमले में उनके बेटे की मौत हो गई. इस दुख की घड़ी में असगर का परिवार उनका सहारा बना.

असगर अली ने बताया, "2018 के बाद से शांति मां हमारे ही साथ रहने लगीं. वो मुझे अपने बेटे की तरह प्यार करती थीं." असगर भी उन्हें 'मासी मां' कहकर बुलाते थे. दो साल पहले जब असगर की अपनी मां का निधन हुआ, तो शांति देवी ने उन्हें अकेला महसूस नहीं होने दिया. वह हर वक्त असगर की चिंता करतीं, उनके खाने-पीने और कपड़े धोने तक का ध्यान रखती थीं. असगर कहते हैं कि शायद उनकी अपनी मां ने भी उनका इतना ख्याल नहीं रखा, जितना शांति मां ने रखा.

"हर जन्म में मुझे ऐसी ही मां मिले"

असगर बताते हैं कि शांति मां के सम्मान में उन्होंने अपने घर में मांसाहार खाना और बनाना बंद कर दिया था. ईद और दिवाली भी दोनों परिवार साथ-साथ मनाते थे. कुछ समय से शांति देवी बीमार चल रही थीं, और हाल ही में उनका निधन हो गया. असगर ने बिना किसी हिचकिचाहट के हिंदू रीति-रिवाजों से उनकी चिता को मुखाग्नि दी. अब वह उनकी इच्छा के अनुसार उनकी अस्थियां प्रयागराज के त्रिवेणी संगम या चित्तौड़गढ़ के मातृकुंडिया में विसर्जित करेंगे.

आंखों में आंसू लिए असगर अली ने कहा, "मां के बिना अब मैं लावारिस और बिल्कुल अकेला हो गया हूं." उन्होंने भावुक होकर कहा, "दुआ है मुझे हर जन्म में ऐसी ही मां मिले."

यह कहानी भीलवाड़ा के लोगों और सोशल मीडिया पर खूब सराहना बटोर रही है, जो दिखाती है कि धर्म से बढ़कर इंसानियत और रिश्तों की भावना है.

भोपाल: लव जिहाद और रेप के आरोपियों के घरों पर बुलडोजर एक्शन, साद और साहिल ने छात्राओं से की थी दरिंदगी

मध्य प्रदेश के भोपाल में दुष्कर्म और लव जिहाद के आरोपियों के घरों पर बुलडोजर एक्शन लिया गया. उनके अवैध निर्माण को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया गया. आरोपी साद और साहिल के घर पर ये बुलडोजर एक्शन हुआ. साहिल और साद पर आरोप है कि दोनों ने भोपाल में टीआईटी कॉलेज की छात्राओं के साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया था. इसके साथ ही उन छात्राओं का धर्म परिवर्तन करने का भी दबाव बनाया था.

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग को मिली शिकायत के मुताबिक भोपाल के एक कॉलेज में कुछ छात्राओं को पहले दोस्ती के जाल में फंसाया गया. फिर उनके साथ रेप किया गया. इसके बाद उनके अश्लील वीडियो बनाकर वीडियो के जरिए उन्हें ब्लैकमेल किया गया. यही नहीं छात्राओं पर धर्म परिवर्तन करने और निकाह करने के लिए भी दबाव बनाने का आरोप है.

पीड़ित छात्राओं ने यह भी आरोप लगाया है कि आरोपी लड़कों ने अपनी असली पहचान छिपाकर उनसे दोस्ती की थी. इसके बाद उन्होंने इस वारदात को अंजाम दिया. इस मामले को लेकर राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग का कहना है कि यह एक सुनियोजित और संगठित अपराध है, जिसमें आरोपियों के दूसरे राज्यों तक भी नेटवर्क हो सकते हैं. इस मामले में आयोग की टीम भोपाल पहुंची.

500 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया

प्रशासन की ओर से कहा गया कि आरोपियों के घर सरकारी जमीन पर बने हैं. ऐसे में बुलडोजर एक्शन से पहले मकान और दुकान को चारों ओर से पुलिस ने बैरिकेड कर दिया. मौके पर 500 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है. प्रशासन की ओर से ये एक्शन कोर्ट से स्टे न मिलने के बाद किया गया. मौके पर एसडीएम भी पहुंचे, जहां अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलाया गया. बताया जा रहा है कि दोनों आरोपियों का एक गिरोह है, जो और भी लड़कियों को अपने जाल में फंसाने वाला था. अब आरोपियों के साथ-साथ उनके घर वाले को भी उनकी गलती का खामियाजा भुगतना पड़ेगा.

तबाही के बाद कल से शुरू होगी चारधाम यात्रा, यमुनोत्री जाने वाली सड़क भी खुलेगी

उत्तराखंड में 13 सितंबर यानी शनिवार से एक बार फिर चार धाम की यात्रा शुरू होने जा रही है. उत्तरकाशी के धराली में आई आपदा के बाद से गंगोत्री और यमुनोत्री धाम जाने वाला हाईवे बुरी तरह छतिग्रस्त हुआ था, जिसके चलते यात्रा प्रभावित हुई थी. अब गंगोत्री धाम तक सड़क ठीक हो गई है, जिससे गंगोत्री धाम की यात्रा 9 सितंबर से शुरू हो चुकी है.

अब यमुनोत्री धाम यात्रा को भी 13 सितंबर से शुरू करने की कवायद की जा रही है. यमुनोत्री धाम हाईवे को यातायात के लिए खोले जाने का काम लगभग पूरा हो चुका है. केदारनाथ और बद्रीनाथ तक भी सड़क लगभग सभी जगह पर खुल गई है. ऐसे में अब श्रद्धालु चारधाम यात्रा पर आ सकेंगे.

13 सितंबर से यमुनोत्री यात्रा शुरू

इसको लेकर उत्तरकाशी के जिलाधिकारी ने बताया कि यमुनोत्री में जंगलचट्टी के पास करीब 150 मीटर सड़क टूटी थी. इसे ठीक करने का काम अंतिम चरण में है. यमुनोत्री धाम की यात्रा 13 सितंबर से शुरू कराने का निर्णय लिया गया है. इसको लेकर ऋषिकेश और हरिद्वार में बनाए गए ऑफलाइन यात्रा पंजीकरण काउंटर भी खोल दिया गया है.

उन्होंने कहा कि मौसम और सड़क मार्ग की स्थिति को देखते हुए यात्रियों को सीमित संख्या में गंगोत्री धाम भेजा जा रहा है. वर्तमान में गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग धरासू, नालूपानी, हेलगुगाड़, डबरानी संवेदनशील स्थान हैं, जहां रुक-रुक के भूस्खलन हो रहा है.

रखें इन बातों का ध्यान

सुरक्षा के मद्देनजर और सड़क मार्ग को सुचारू करने के लिए पर्याप्त मशीनरी एवं टीमें तैनात की गई है. उन्होंने कहा श्रद्धालु घर से निकलने से पहले मौसम की जानकारी जरुर लें, ताकि सड़क बंद होने की स्थिति मे उन्हें परेशानियों का सामना ना करना पड़े.

चारधाम यात्रा खत्म होने में अब सिर्फ दो महीने से कम का समय बाकी है. विजयादशमी 2 अक्टूबर को बद्रीनाथ धाम का कपाट बंद होने का मुहूर्त और दिन निकाला जाएगा. इसके बाद 23 अक्टूबर भाईदूज के मौके पर कपाट को बंद कर दिया जाएगा

बिहार कांग्रेस का AI वीडियो विवाद: भाजपा का तीखा हमला

बिहार कांग्रेस द्वारा सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक AI-जनरेटेड वीडियो को लेकर राजनीतिक घमासान मच गया है। इस वीडियो में कथित तौर पर प्रधानमंत्री मोदी और उनकी दिवंगत मां जैसे किरदार दिखाई दे रहे हैं। वीडियो में पीएम मोदी को सोते हुए दिखाया गया है और उनकी मां उन्हें डांट रही हैं।

भाजपा ने इस वीडियो पर कड़ी आपत्ति जताई है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सैयद शाहनवाज हुसैन ने कांग्रेस पर "बेशर्मी" और "ओछे आचरण" का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह वीडियो प्रधानमंत्री मोदी, उनकी मां और पूरे देश की महिलाओं का अपमान है। हुसैन ने कहा कि कांग्रेस को इसका जवाब मिलेगा और बिहार समेत पूरा देश उनके इस आचरण से आक्रोशित है।

यह विवाद ऐसे समय में सामने आया है, जब कुछ दिन पहले ही बिहार में एक कांग्रेस की रैली में पीएम मोदी की मां के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया गया था, जिस पर पीएम मोदी ने भी दुख जताया था। भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस इस तरह के वीडियो जारी करके अपने "गालीवादी" चरित्र को दर्शा रही है।

नेपाल में हिंसा कांग्रेस की भूल… बिहार के डिप्टी CM सम्राट चौधरी का बड़ा बयान

नेपाल के मौजूदा हालात पर बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि यह सब कांग्रेस की भूल है. उन्होंने कहा कि वहां अराजकता इसलिए हो रही है क्योंकि कांग्रेस ने इन देशों को अलग-थलग रखा है. चौधरी ने कहा कि अगर नेपाल आज भारत का हिस्सा होता तो नेपाल में शांति और खुशहाली होती.

डिप्टी सीएम ने कहा कि वहां लोगों में असंतोष है, लेकिन अराजकता नहीं होनी चाहिए. मैंने फिर कह रहा हूं कि अगर आज नेपाल भारत का हिस्सा होता, तो नेपाल भी समृद्ध होता. अगर पाकिस्तान भारत का हिस्सा होता, तो आज वह भी भारत के साथ समृद्ध होता. मैं स्पष्ट कर रहा हूं कि यह कांग्रेस की गलती है, जिसकी वजह से हमें यह सब झेलना पड़ रहा है.

नेपाल में भड़की हिंसा में अब तक 24 की मौत

सोशल मीडिया बैन के खिलाफ भड़की हिंसा में अब तक करीब 24 लोगों की मौत हो गई है जबकि सैंकड़ों लोग घायल हुए हैं. नेपाल की सरकार गिर गई है. प्रधानमंत्री केपी शर्मी ओली समेत कई मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है. फिलहाल नेपाल में सैन्य शासन लगा हुआ है.

हिंसा की वजह से नेपाल में अरबों का नुकसान हुआ है. प्रदर्शनकारियों ने कई मंत्रियों के घर फूंक दिए. संसद तक में आग लगा दी गई. सैंकड़ों घर जलकर खाक हो गए. उपद्रवियों ने पूर्व पीएम की पत्नी को भी आग के हवाले कर दिया. उनकी मौत हो गई. इतना ही नहीं, कई एयरपोर्ट पर आगजनी और तोड़फोड़ की गई. हिंसा को देखते हुए राष्ट्रपति तक ने इस्तीफा दे दिया.

वहीं, सोशल मीडिया पर बैन हटने के बाद भी हिंसा जारी है. इस बीच राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने प्रदर्शनकारियों को बातचीत के लिए बुलाया है. सरकार गिरने के बाद काठमांडू के मेयर को अंतरिम पीएम बनाने की मांग होने लगी.

आंध्र प्रदेश के इस गांव में फैली रहस्यमय बीमारी, 2 महीने में 20 लोगों की मौत; लगाई गई हेल्थ इमरजेंसी

आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले के तुराकापालेम गांव में इस समय लोग डरे-सहमे हैं. वजह यहां दो महीनों में एक रहस्यमय बीमारी से अब तक 20 लोगों की मौत हो चुकी है. गांव के लोग समझ नहीं पा रहे हैं कि आखिर किस वजह से अचानक ये मौतें हो रही हैं. वहीं मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने गांव में हेल्थ इमरजेंसी लगा दी है. साथ ही डॉक्टरों की एक टीम को गांव में जांच के लिए भेजा है.

स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि चिकित्सा शिक्षा निदेशक डॉ. रघुनंदन के नेतृत्व में एक टीम तुराकापालेम गांव गई और वहां से ग्रामीणों के ब्लड सैंपल लिए गए. ब्लड सैंपल को जांच के लिए भेजा गया है. हम लोगों को ‘मेलियोइडोसिस’ नामक एक जीवाणु संक्रमण का संदेह है. यह संदेह प्रारंभिक प्रयोगशाला रिपोर्टों पर आधारित है, जिनमें ग्रामीणों में इस संक्रमण के दो मामलों की पुष्टि हुई है

बता दें कि ‘मेलियोइडोसिस’ एक गंभीर जीवाणु संक्रमण है, जो बर्कहोल्डेरिया स्यूडोमैली नामक जीवाणु के कारण होता है, जो आमतौर पर मिट्टी और रुके हुए पानी में पाया जाता है. खासकर मानसून और बाढ़ के मौसम में ये फैलता है. हालांकि इसका इलाज एंटीबायोटिक दवाओं के लंबे कोर्स से संभव है, लेकिन समय पर इलाज होना बेहद जरूरी है.

क्या बोले तुराकापालेम गांव के लोग?

वहीं तुराकापालेम गांव के लोगों को शक है कि इन मौतों की वजह दूषित पेयजल है. इसलिए अधिकारी बाहर से खाना और पीने का पानी लाकर गांव के सभी लोगों को बांट रहे हैं. 2,500 की आबादी वाले तुराकापालेम गांव में 9 शिविर लगाए गए हैं. ये शिविर घर-घर जाकर स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूकता कर रहे हैं.

वहीं सभी ग्रामीणों के ब्लड सैंपल गुंटूर, तेनाली और विजयवाड़ा के अस्पतालों में जांच के लिए भेजे जा रहे हैं. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत तुराकापालेम गांव में मेडिकल टीम के 50 सदस्य जांच कर रहे हैं. बीते दो दिनों में चार लोगों को बेहतर इलाज के लिए गुंटूर जीजीएच में ट्रांसफर किया गया है.

फेफड़ों तक पहुंच रहा इंफेक्शन


स्वास्थ्य अधिकारियों ने मौतों में एक पैटर्न देखा है, जिसमें ज्यादातर पीड़ित लगभग 55 वर्ष की आयु के पुरुष थे, जिन्हें अन्य स्वास्थ्य समस्याएं भी थीं. लक्षण बुखार और खांसी से शुरू होकर फेफड़ों तक पहुंच रहे हैं. फेफड़ों को गंभीर नुकसान पहुंचा रहे हैं.

मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि, “तुराकापालम गांव में लगातार हो रही मौतों को गंभीरता से लेते हुए गांव में हेल्थ इमरजेंसी की घोषणा की है. बीमारी से पीड़ित सभी लोगों को अस्पताल पहुंचाया गया है. उन्होंने अधिकारियों को गांव में स्वास्थ्य शिविर आयोजित करने, सभी ग्रामीणों की जांच और एक व्यापक हेल्थ प्रोफाइल तैयार करने का निर्देश दिया है.