*बेटा माँ को बोला_अम्मा आधे घंटे में आ रहे है.., फिर आई मौत की सूचना,भाई को लाने गया और मिली मौत, पहली बार गांव से उठेगी 3 आर्थिया*
सुल्तानपुर,हिमांशु 22 वर्षीय बेटा का फोन मां शकुंतला के पास आया है, अम्मा काम में देर हो गया है। आधे घंटे में घर पहुंच रहा हूं। मां दरवाज़े पर टकटकी लगाकर बैठ गई और रात गहराती गई और घड़ी की सुई बढ़ती गई। सब्र का बांध टूटता, तभी यही कोई एक घंटे बाद कोहराम मच गया। अर्जुनपुर के रहने वाले सगे भाई आनंद और विक्रम समेत हिमांशु अब इस दुनिया में नहीं रहे। बस फिर क्या था गांव में मातम मच गया गया।
लंभुआ तहसील से यही कोई आठ किमी दूर लंभुआ-गरये मार्ग पर अर्जुनपुर गांव है। मेन रोड से दाहिने हाथ पर कंकरीट की 300 मीटर सड़क,उसके बाद इंटर लॉकिंग रोड। कुछएक पक्के मकान के अलावा अधिकतर छप्पर नुमा या कच्चे मकान हैं। इससे स्पष्ट था यह दलित बस्ती है,जिनका कोई वजूद नहीं है। कुछ कदम चलने पर महिलाओं की आवाजाही से स्थिति साफ हो गई कि तीन जवानो की मौत ने सब को हिलाकर रख दिया है।
आगे बढ़ने पर बाईं ओर गिरी हुई चहारदीवारी के अंदर आगे की ओर छप्पर पड़ा हुआ था जहां पर आनंद और विक्रम की मां चीख चीख कर रो रही थी। उसकी आंखे पथरा गई थी। गांव की महिलाएं उसे ढाढस बंधा रही थी। अंदर दूसरी ओर ओसारे में मृतक दोनों भाइयों के पिता गिरिजा प्रसाद सरोज बिस्तर पर पड़े थे। जो गंभीर बीमारियों से ग्रस्त हैं। बड़ा भाई अनुपम व सबसे छोटा भाई करण हमें यहां मिले। जिन्हें भाइयों के जाने का सदमा था जो चेहरे से स्पष्ट झलक रहा था। वही दूसरी ओर चारपाई पड़ी थी जिस पर कुछ रिश्तेदार बैठे कुछ लेटे हुए थे। कुछ लोग खडे चर्चा कर रहे थे कैसे अंतिम संस्कार की तैयारियां करनी है। वही हमें अधेड़ व्यक्ति साधू मिले।
कहा दोनों बहुत सीधे थे। कभी किसी से कोई लड़ाई झगड़ा नहीं करते थे। साधू बताते हैं मृतक आनंद बड़े भाई अनुपम के साथ मुंबई में रहकर मजदूरी कर रहा था। 22 दिन पहले ही मुंबई से दोनों आए हैं। आनंद के छोटे भाई करण ने हमें बताया विक्रम भईया सोमवार को सुबह 6:30 बजे ही मजदूरी के लिए निकले। क्योंकि स्लैब पड़ना था। वो हिमांशु के साथ काम पर गए थे। खाना भी उन्होंने सुबह नहीं खाया था और साथ में भी भोजन लेकर नहीं गए थे। पता नहीं क्या खाए क्या नहीं खाए। शाम को अंधेरा हो गया और विक्रम नहीं आया तो बड़े भईया आनंद उन्हें बाइक से लेने के लिए गए। वहां वो पहुंचे और जहां स्लैब पड़ी थी उसके नीचे दब गए।
अब किसे क्या पता था कि उनकी मौत उन्हें वहां बुलाकर ले गई है। चारो भाइयों में से अभी किसी की शादी नहीं हुई है। परिवार में 5 बिस्वा जमीन है जिसका वाद कोर्ट में चल रहा है। हमने यहां लोगों से पूछा हिमांशु का घर कहा है तो लोगों ने बताया यही कोई 20 कदम के फासले पर है। हम इंटर लाकिंग मार्ग से आगे बढ़े,दाईं ओर यहां पर भी एक सकरी गली के पास टूटी ही बाउंड्री वाल के अंदर कच्चा सा हिमांशु का मकान था। जहां उसकी मां रो-रो कर बेहोश हुई जा रही थी। बड़ी बहन हिमांशी जिसकी डेढ़ वर्ष पूर्व प्रतापगढ़ में शादी हुई है वो भी इकलौते भाई के छोड़ जाने से तड़प रही थी। हिमांशी की कुछ माह की एक बेटी है। जिसे उसका पति गोद में लेकर एक कुर्सी पर गुमसुम सा बैठा है। यहां पर हमें राम शिरोमणि मिले,वे बुज़ुर्ग थे हमने उनसे बात किया।
उन्होंने कहा हमारी इतनी उम्र हो गई है,गांव में यह पहला मौका है जब एक साथ तीन आर्थिया उठेगी। उन्होंने यह भी बताया कि हिमांशु एक होनहार लड़का था। बचपन में ही पिता ने उसकी मां को छोड़ दिया और गाजियाबाद जाकर दूसरी शादी कर लिया। 5 बिस्वा जमीन है। जिसका पिता से केस चल रहा है,मां ने बचपन में जैसे तैसे मजदूरी करके पाला। हनुमानगंज में ननिहाल में रहकर हिमांशु ने हाईस्कूल तक पढ़ाई की। फिर पारिवारिक बोझ के तले खुद को दबा हुआ देखकर वो मजदूरी करने लगा। पांच दिन पहले ही वो लखनऊ से लौटा था। सोमवार को हिमांशु का शव सबसे अंत में निकाला गया था, जेसीबी से रेस्क्यू के समय उसके सिर में गंभीर चोटे आई थी। गौरतलब है कि इतने बड़े हादसे में पेपर वर्क में लापरवाही बरती गई। जिसके चलते तीनों शवों के पोस्टमार्टम के बाद मंगलवार की शाम 7 बजे शव गांव पहुंचा तो आनंद व विक्रम की मां के साथ हिमांशु की मां ने अपने लाल का चेहरा देख तो वे अपना चेहरा पीटने लगी। इस दृश्य को देख वहां मौजूद लोगों की आंखे छलक उठी।
एसडीएम लंभुआ गामिनी सिंगला, प्रभारी सीओ व नायब तहसीलदार यहां पहुंचे। पीड़ित परिवारो से मिलकर शोक संवेदना प्रकट किया। इस बाबत तहसीलदार लंभुआ प्रांजल त्रिपाठी ने बताया कि लेखपाल से दोनों परिवारों की रिपोर्ट मंगाया गया है। मुख्यमंत्री राहत कोष से शासन से मदद दिलाने का प्रयास किया जा रहा है। बता दें कि समय अधिक हो जाने के कारण शव का अंतिम संस्कार नहीं हो सका है। आज शव का अंतिम संस्कार किया जाएगा।
Riport : LalJi

सुल्तानपुर,हिमांशु 22 वर्षीय बेटा का फोन मां शकुंतला के पास आया है, अम्मा काम में देर हो गया है। आधे घंटे में घर पहुंच रहा हूं। मां दरवाज़े पर टकटकी लगाकर बैठ गई और रात गहराती गई और घड़ी की सुई बढ़ती गई। सब्र का बांध टूटता, तभी यही कोई एक घंटे बाद कोहराम मच गया। अर्जुनपुर के रहने वाले सगे भाई आनंद और विक्रम समेत हिमांशु अब इस दुनिया में नहीं रहे। बस फिर क्या था गांव में मातम मच गया गया।
लंभुआ तहसील से यही कोई आठ किमी दूर लंभुआ-गरये मार्ग पर अर्जुनपुर गांव है। मेन रोड से दाहिने हाथ पर कंकरीट की 300 मीटर सड़क,उसके बाद इंटर लॉकिंग रोड। कुछएक पक्के मकान के अलावा अधिकतर छप्पर नुमा या कच्चे मकान हैं। इससे स्पष्ट था यह दलित बस्ती है,जिनका कोई वजूद नहीं है। कुछ कदम चलने पर महिलाओं की आवाजाही से स्थिति साफ हो गई कि तीन जवानो की मौत ने सब को हिलाकर रख दिया है।
आगे बढ़ने पर बाईं ओर गिरी हुई चहारदीवारी के अंदर आगे की ओर छप्पर पड़ा हुआ था जहां पर आनंद और विक्रम की मां चीख चीख कर रो रही थी। उसकी आंखे पथरा गई थी। गांव की महिलाएं उसे ढाढस बंधा रही थी। अंदर दूसरी ओर ओसारे में मृतक दोनों भाइयों के पिता गिरिजा प्रसाद सरोज बिस्तर पर पड़े थे। जो गंभीर बीमारियों से ग्रस्त हैं। बड़ा भाई अनुपम व सबसे छोटा भाई करण हमें यहां मिले। जिन्हें भाइयों के जाने का सदमा था जो चेहरे से स्पष्ट झलक रहा था। वही दूसरी ओर चारपाई पड़ी थी जिस पर कुछ रिश्तेदार बैठे कुछ लेटे हुए थे। कुछ लोग खडे चर्चा कर रहे थे कैसे अंतिम संस्कार की तैयारियां करनी है। वही हमें अधेड़ व्यक्ति साधू मिले।
कहा दोनों बहुत सीधे थे। कभी किसी से कोई लड़ाई झगड़ा नहीं करते थे। साधू बताते हैं मृतक आनंद बड़े भाई अनुपम के साथ मुंबई में रहकर मजदूरी कर रहा था। 22 दिन पहले ही मुंबई से दोनों आए हैं। आनंद के छोटे भाई करण ने हमें बताया विक्रम भईया सोमवार को सुबह 6:30 बजे ही मजदूरी के लिए निकले। क्योंकि स्लैब पड़ना था। वो हिमांशु के साथ काम पर गए थे। खाना भी उन्होंने सुबह नहीं खाया था और साथ में भी भोजन लेकर नहीं गए थे। पता नहीं क्या खाए क्या नहीं खाए। शाम को अंधेरा हो गया और विक्रम नहीं आया तो बड़े भईया आनंद उन्हें बाइक से लेने के लिए गए। वहां वो पहुंचे और जहां स्लैब पड़ी थी उसके नीचे दब गए।
अब किसे क्या पता था कि उनकी मौत उन्हें वहां बुलाकर ले गई है। चारो भाइयों में से अभी किसी की शादी नहीं हुई है। परिवार में 5 बिस्वा जमीन है जिसका वाद कोर्ट में चल रहा है। हमने यहां लोगों से पूछा हिमांशु का घर कहा है तो लोगों ने बताया यही कोई 20 कदम के फासले पर है। हम इंटर लाकिंग मार्ग से आगे बढ़े,दाईं ओर यहां पर भी एक सकरी गली के पास टूटी ही बाउंड्री वाल के अंदर कच्चा सा हिमांशु का मकान था। जहां उसकी मां रो-रो कर बेहोश हुई जा रही थी। बड़ी बहन हिमांशी जिसकी डेढ़ वर्ष पूर्व प्रतापगढ़ में शादी हुई है वो भी इकलौते भाई के छोड़ जाने से तड़प रही थी। हिमांशी की कुछ माह की एक बेटी है। जिसे उसका पति गोद में लेकर एक कुर्सी पर गुमसुम सा बैठा है। यहां पर हमें राम शिरोमणि मिले,वे बुज़ुर्ग थे हमने उनसे बात किया।
उन्होंने कहा हमारी इतनी उम्र हो गई है,गांव में यह पहला मौका है जब एक साथ तीन आर्थिया उठेगी। उन्होंने यह भी बताया कि हिमांशु एक होनहार लड़का था। बचपन में ही पिता ने उसकी मां को छोड़ दिया और गाजियाबाद जाकर दूसरी शादी कर लिया। 5 बिस्वा जमीन है। जिसका पिता से केस चल रहा है,मां ने बचपन में जैसे तैसे मजदूरी करके पाला। हनुमानगंज में ननिहाल में रहकर हिमांशु ने हाईस्कूल तक पढ़ाई की। फिर पारिवारिक बोझ के तले खुद को दबा हुआ देखकर वो मजदूरी करने लगा। पांच दिन पहले ही वो लखनऊ से लौटा था। सोमवार को हिमांशु का शव सबसे अंत में निकाला गया था, जेसीबी से रेस्क्यू के समय उसके सिर में गंभीर चोटे आई थी। गौरतलब है कि इतने बड़े हादसे में पेपर वर्क में लापरवाही बरती गई। जिसके चलते तीनों शवों के पोस्टमार्टम के बाद मंगलवार की शाम 7 बजे शव गांव पहुंचा तो आनंद व विक्रम की मां के साथ हिमांशु की मां ने अपने लाल का चेहरा देख तो वे अपना चेहरा पीटने लगी। इस दृश्य को देख वहां मौजूद लोगों की आंखे छलक उठी।
एसडीएम लंभुआ गामिनी सिंगला, प्रभारी सीओ व नायब तहसीलदार यहां पहुंचे। पीड़ित परिवारो से मिलकर शोक संवेदना प्रकट किया। इस बाबत तहसीलदार लंभुआ प्रांजल त्रिपाठी ने बताया कि लेखपाल से दोनों परिवारों की रिपोर्ट मंगाया गया है। मुख्यमंत्री राहत कोष से शासन से मदद दिलाने का प्रयास किया जा रहा है। बता दें कि समय अधिक हो जाने के कारण शव का अंतिम संस्कार नहीं हो सका है। आज शव का अंतिम संस्कार किया जाएगा।

सुल्तानपुर,25 सितंबर को यूथ कांग्रेस क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं को लेकर ब्लॉक मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन करेगी। यूथ कांग्रेस जिला उपाध्यक्ष मानस तिवारी ने जानकारी देते हुए बताया कि क्षेत्र की जर्जर सड़के, जल निकासी, बिजली सहित अन्य मुद्दों को लेकर यूथ कांग्रेस कूरेभार ब्लाक मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपेगा। वहीं उन्होंने बताया कि क्षेत्र की समस्याओं को ब्लॉक मुख्यालय पर अधिकारियों को अवगत कराया जाएगा समय पर समस्याओं का निदान नहीं किया गया तो यह संघर्ष जिला मुख्यालय तक जाएगा। वहीं उन्होंने प्रदर्शन को लेकर बताया कि सारी रणनीति तैयार कर ली गई है 25 सितंबर को यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ता व क्षेत्र के आमजन मानस के साथ ब्लॉक मुख्यालय पर पहुंचकर सारी समस्याओं को अवगत कराया जाएगा और समस्याओं को त्वरित निस्तारण की मांग की जाएगी।
सुलतानपुर जिला कारागार में एक विचाराधीन कैदी ने मंगलवार शाम सुसाइड कर लिया। मृतक की पहचान कादीपुर कोतवाली अंतर्गत अल्देमऊ नूरपुर निवासी मोहम्मद सुभान पुत्र मुर्तज़ा के रूप में हुई है। जेल प्रशासन ने पुलिस को सूचना दी है। जिस पर कोतवाली नगर पुलिस ने शव को मर्चयुरी में रखवाया है।...................
सुल्तानपुर में आज नॉर्दर्न रेलवे मेंस यूनियन सुल्तानपुर शाखा का त्रय वार्षिक अधिवेशन उतरेटिया स्टेशन पर संपन्न हुआ, जिसमें शाखा का चुनाव भी संपन्न हुआ। जिसमें श्री ज्योति स्वरूप श्रीवास्तव शाखा अध्यक्ष एवं श्री असीम सज्जाद शाखा मंत्री चुने गए। श्री काली प्रसाद यादव को कोषाध्यक्ष चुना गया। शाखा उपाध्यक्ष के पद पर श्रीमती आश्मीन बानो, श्री बी एस मीणा, श्री अनिल कुमार पांडे, श्री अरविंद यादव, श्री कैलाश मीणा, श्री राकेश मणि यादव,श्री यशवंत सिंह एवं सहायक शाखा मंत्री के पद पर श्री हिमांशु चौबे, श्री रविंद्र कुमार यादव, श्री केशव गुप्ता, श्री अजय दुबे, श्री संदीप कुमार यादव, श्री कपिल देव तिवारी, श्री भूपेंद्र सिंह चुने गए।
अधिवेशन में आए हुए मंडल मंत्री कामरेड आर के पांडे ने कहा आठवें वेतन आयोग के गठन हेतु हर संभव संघर्ष किया जाएगा। बोनस का भुगतान सरकार दुर्गा पूजा के पूर्व करें। अन्यथा संघर्ष को तेज किया जाएगा ।
शाखा अध्यक्ष कामरेड विभूति मिश्रा ने कहा लोको पायलट के 25 परसेंट बढ़े हुए किलोमीटर अलाउंस के भुगतान का रास्ता साफ हो गया है, वित्त मंत्रालय द्वारा सहमति मिल गई है ।जल्दी ही उसका भी आदेश निकलवा दिया जाएगा।
पॉइंटमेंन की समस्या, ट्रैकमैन के इंटेक का कोटा, कैडर रिस्ट्रक्चरिंग पर भी चर्चा की गई है । आसिम सज्जाद शाखा मंत्री एनआरएमयू सुल्तानपुर
सुल्तानपुर,अमित शाह पर टिप्पणी मामले में राहुल गांधी की सुनवाई एक गवाह से जिरह पूरी,6 अक्टूबर को अगली सुनवाई पर पेश होगा दूसरा गवाह गृह मंत्री अमित शाह के विरुद्ध अभद्र टिप्पणी करने के मामले में राहुल गांधी के खिलाफ MP/MLA कोर्ट में केस चल रहा है। मंगलवार को राहुल गांधी के अधिवक्ता काशी शुक्ला ने गवाह से जिराह किया, जो प्रकिया पूरी हो गई। कोर्ट ने अब 6 अक्टूबर की तारीख सुनवाई के लिए नियत की है। कोतवाली देहात के हनुमानगंज निवासी भाजपा नेता विजय मिश्रा ने 2018 में राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था। मिश्रा का आरोप था कि कर्नाटक चुनाव के दौरान राहुल गांधी ने की गई अभद्र टिप्पणी से वे आहत हुए थे। पांच साल तक कोर्ट में चली कार्यवाही के दौरान राहुल गांधी की गैरहाजिरी पर दिसंबर 2023 में कोर्ट ने वारंट जारी किया। 20 फरवरी 2024 में राहुल ने कोर्ट में सरेंडर किया और 25-25 हजार रुपये के दो मुचलकों पर उन्हें जमानत मिली। बीते वर्ष 2024 में 26 जुलाई को राहुल गांधी ने कोर्ट में अपना बयान दर्ज कराया। उन्होंने खुद को निर्दोष बताते हुए कहा कि उनके खिलाफ राजनीतिक साजिश हो रही है। इसके बाद से लगातार कोर्ट में तारीख पड़ रही है। राहुल गांधी के अधिवक्ता काशी प्रसाद शुक्ला ने बताया कि मंगलवार को गवाह पिछली पेशी पर अनिल मिश्रा का साक्षय हुआ था। आंशिक जिराह हुई थी शेष जिराह आज पूरी कर ली गई। दूसरे गवाह राम चंद्र दुबे हैं, जिनकी गवाही 6 अक्टूबर को पेश की जाएगी।
सुल्तानपुर में बीती रात निर्माणाधीन मकान का लिंटर गिरने से तीन मजदूरों की डबकर मौत हो गई,वहीं चार घायल मजदूरों का अभी भी अस्पताल में इलाज चल रहा है।
दरअसल ये मामला लंभुआ कोतवाली थानाक्षेत्र के धरियामऊ गांव का है। इसी गांव के रहने वाले राम तीर्थ गुप्ता के मकान का निर्माण कार्य चल रहा था। बीती रात छत पर लिंटर पड़ रहा था। कुछ मजदूर छत के ऊपर और नीचे खड़े थे। इसी दौरान अचानक 8.30 बजे लिंटर भरभरा कर गिर पड़ा, जिसके चलते करीब आधा दर्जन मजदूर उसमें दब गए।
आनन फानन में पुलिस बुलाई गई,डीएम एसपी समेत तमाम आलाधिकारी मौके पर पहुंचे। ग्रामीणों के सहयोग से चार मजदूरों को निकाला गया। उन्हें इलाज के लिए अस्पताल भिजवाया गए। सूचना पर वहीं एसडीआरएफ अयोध्या को तत्काल रेस्क्यू के लिए बुलाया गया।
लगभग 10 बजे एसडीआरएफ ने रेस्क्यू शुरू किया, जहां दो मजदूरों को निकाला और अस्पताल भिजवाया गया, जहां डॉक्टरों ने उनको मृत घोषित कर दिया।
फिलहाल जिलाधिकारी सुल्तानपुर कुमार हर्ष के अनुसार 7 में 3 की मौत हुई है और 4 घायल है जिनका इलाज चल रहा है। रेस्क्यू लगभग रात 2.30 बजे तक चला।
सुल्तानपुर में पत्नी और प्रेमी ने मिलकर पहले तो साजिश रची उसके बाद प्रेमी ने पति की हत्या कर शव को नहर में फेंक दिया। फिलहाल पड़ताल के दौरान पुलिस ने आरोपी पत्नी और प्रेमी दोनों को गिरफ्तार कर लिया और जेल भेज विधिक कार्यवाही में जुट गई है।
दरअसल बीते बुधवार को धम्मौर थानाक्षेत्र में जैतापुर नहर में एक अज्ञात युवक का शव बरामद हुआ था। पुलिस ने मामले की पड़ताल शुरू की तो मृतक कि शिनाख्त अमेठी जिले के पीपरपुर थानाक्षेत्र के टिकावर गांव के रहने वाले विनोद कुमार के रूप में हुई थी। मृतक के भाई सूरज की तहरीर पर पुलिस ने गांव के ही सोनू नट के खिलाफ नामजद एफआईआर कर मामले की पड़ताल शुरू की। छानबीन के दौरान पता चला कि मृतक विनोद की पत्नी रामरती का सोनू नट से प्रेम प्रसंग चल रहा था। जिसके बाद पुलिस ने मृतक विनोद की पत्नी से पूंछताछ शुरू की, कड़ाई करने पर रामरती टूट गई और उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया।
पुलिस की माने तो सोनू ने पहले तो उसे बहला फुसला कर अपने साथ जैतापुर नहर के पास ले गया। मौका पाकर पहले तो उसपर ईंट से प्रहार की, लेकिन मौत हुई तो चाकुओं से हमला बोल दिया। मौत के बाद विनोद का शव नहर में फेंक सोनू नट मौके से फरार हो गया। फिलहाल पुलिस ने सोनू नट राजवादा मोड के पास से गिरफ्तार कर लिया, साथ ही उसकी निशानदेही पर ईंट और चाकू भी बरामद कर किया। फिलहाल पुलिस दोनों को जेल भेज रही है।
उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में बीती देर शाम हड़कंप मच गया,जब एक निर्माणाधीन मकान का लिंटर भर भरा कर गिर पड़ा। इस घटना में वहां कार्य कर रहे करीब आधा दर्जन से ज्यादा मजदूर दब गए। बात की जानकारी लगते ही वहां हड़कंप मच गया।स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी। आनन फानन में मौके पर पहुंची पुलिस और स्थानीय लोगों की मदद से तीन चार मजदूरों को बाहर निकाला गया,जबकि अन्य मजदूरों को बाहर निकालने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं घटना की जानकारी लगते ही पुलिस प्रशासन के साथ SDRF और कई अधिकारी मौके पर पहुंच गए।
दरअसल यह मामला है लंभुआ कोतवाली क्षेत्र के धरियामऊ गांव का। जहां इसी गांव के रहने वाले मनोज का मकान बन रहा था। आज देर शाम उनके घर पर छत का लिंटर पड़ चुका था। कुछ मजदूर निर्माणाधीन छत के ऊपर थे,जबकि कुछ सटरिंग वाले मजदूर नीचे काम कर रहे थे कि इसी दौरान अचानक सटरिंग खिसक गई और लिंटर भरभरा का गिर पड़ा,देखते ही देखते वहां शोर मचने लगा। गांव वाले मौके पर दौर कर पहुंचे और नीचे दबे मजदूरों को बाहर निकालने के प्रयास किया गया।
वहीं पुलिस और प्रशासन को सूचना दी गई। जिसके बाद कई पुलिस और प्रशासन के अधिकारी कर्मचारी मौके पर पहुंचे। बताया जा रहा है कि करीब आधा दर्जन मजदूर लिंटर के नीचे दबे हैं जिसमें से तीन चार लोगों को बाहर निकाला गया।
जबकि अन्य को निकालने का प्रयास किया जा रहा है। घायल मजदूरों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है। जहां सभी का ईलाज चल रहा है। Riport : LalJi Sultanpur
Sep 24 2025, 12:22
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