ZEE5 की आने वाली क्राइम थ्रिलर “जनावर – द बीस्ट विदइन” का प्रचार करने के लिए भुवन अरोड़ा और निर्देशक शचिंद्र वत्स लखनऊ पहुँचे

लखनऊ। 2025: अभिनेता भुवन अरोड़ा और निर्देशक शचिंद्र वत्स अपनी आने वाली ZEE5 ओरिजिनल सीरीज़ "जनावर – द बीस्ट विदइन" का प्रचार करने के लिए नवाबों के शहर लखनऊ पहुँचे। वहां जाकर सबसे पहले उन्होंने लखनऊ के पुलिस उप आयुक्त शशांक सिंह से मुलाकात की और साथ ही अन्य पुलिस हीरोज़ से मुलाकात कर फोटो खिंचवाई। भुवन अरोड़ा, जो सीरीज़ में एक ईमानदार पुलिस अफसर का किरदार निभा रहे हैं, उन्होंने इस दौरान उनके ऑन-स्क्रीन किरदार और असली ज़िंदगी के पुलिस वालों के बीच समानता के बारे में बताया। इसके बाद दोनों ने शहर के फिल्म फेस्टिवल में हिस्सा लिया।

यहाँ उन्होंने शो से जुड़ी खास बातें बताईं और दर्शकों से मज़ेदार बातचीत की। यह क्राइम थ्रिलर सीरीज़ सिर्फ़ ZEE5 पर 26 सितम्बर 2025 को रिलीज़ होगी।

"जनावर – द बीस्ट विदइन" की कहानी छंद नाम के कस्बे से शुरू होती है। यहाँ हेमंत कुमार (भुवन अरोड़ा), जो एक ईमानदार पुलिस अफसर है, अपराधों के खतरनाक चंगुल में फँस जाता है।

कस्बे में एक बिना सिर की लाश, गायब हुआ सोना और लापता आदमी, सब मिलकर वहां का सुकून छीन लेते हैं। हेमंत को न सिर्फ़ इस मुश्किल केस से जूझना पड़ता है, बल्कि समाज की पक्षपात भरी सोच और अपनी निजी परेशानियों से भी लड़ना पड़ता है। जैसे-जैसे राज़ खुलते जाते हैं, ग्राम देवता की विरासत सामने आती है, जो बताती है कि असली पहचान जन्म से नहीं, बल्कि हिम्मत से बनती है। छंद कस्बा अपने अंदर और भी कई राज़ छुपाए हुए है।

अपने लखनऊ आने और प्रीमियर के बारे में भुवन अरोड़ा ने बताया कि, “लखनऊ हमेशा से मेरे दिल के करीब रहा है। यहाँ आकर जनावर – द बीस्ट विदइन का प्रचार करना इसे और भी खास बना देता है। यहाँ के लोगों का जोश, प्यार और अपनापन बेमिसाल है। यह शो मेरे लिए बहुत खास है क्योंकि इसमें एक ऐसे इंसान की ताकत और कमजोरियाँ दिखाई गई हैं, जो मुश्किल हालात में सच के लिए लड़ता है। मैं उम्मीद करता हूँ कि यहाँ के साथ - साथ पूरे देश के दर्शक हेमंत की कहानी से वैसे ही जुड़ेंगे, जैसे मैं जुड़ा हूँ।”

निर्देशक शचिंद्र वत्स ने कहा कि –“जनावर – द बीस्ट विदइन के प्रचार के लिए लखनऊ आना बहुत मायने रखता है, क्योंकि इस शहर का कहानी कहने और सिनेमा से गहरा रिश्ता है। यह शो सिर्फ़ अपराध और रहस्य की कहानी नहीं कहता, बल्कि असली पहचान, हिम्मत और हमारे फैसलों के बारे में भी बताता है, जो हमारी शख्शियत तय करता है। यहाँ के दर्शकों से हमें बहुत प्यार मिला और हम चाहेगे की ZEE5 पर उनका साथ यू ही बरकरार रहे।

राजधानी लखनऊ में अवध मुद्राशास्त्रीय समिति "अवध सिक्का प्रदर्शनी - 2025" का हो रहा आयोजन

लखनऊ। भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था। इसका सबसे बड़ा उदाहरण आज राजधानी लखनऊ में आयोजित अवध प्रदर्शनी में देखने को मिला जहाँ उस समय के चलने वाले सोने के सिक्के लोगों के लिए चर्चा का विषय बने रहे।

इस प्रदर्शनी में नवाब वाजिद अली शाह के समय 1852 का सिक्का बना चर्चा का विषय बना रहा साथ साथ

हिंदुस्तान का सबसे पहला सिक्का भी इस प्रदर्शनी में दिखाई दिया प्रदर्शनी के पहले दिन ही दुर्लभ सिक्को में दिलचस्पी रखने वालो की भीड़ जुटी रही 19 से 21 सितंबर तक इस प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा नहीं है।

यह आयोजन इतिहास, सिक्कों और विरासत में रुचि रखने वालों के लिए बेहतरीन अवसर है इस प्रदर्शनी में सिक्कों, बैंकनोटों और पदकों की दुर्लभ प्रदर्शनी का आयोजन हो रहा है। कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि इंटैक के अध्यक्ष श्री अशोक सिंह ठाकुर और विशिष्ट अतिथि सेवानिवृत्त पुलिस महानिदेशक श्री विजय कुमार ने किया सोसायटी के नेतृत्व में अध्यक्ष: रण विजय सिंह,सभापति: वी. वी. सिंह,उपाध्यक्ष: कपिल अग्रवाल,सचिव: मोहम्मद सुल्तान,कोषाध्यक्ष: लव भालोटिया शामिल रहे।

उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग की विशेष पहल, फिट इंडिया अभियान के तहत होगा साइकिल राइड

उप्र पर्यटन विभाग ‘संडे ऑन साइकिल' का कर रहा आयोजन

लखनऊ स्थित पर्यटन भवन से साइकिल राइड होगी शुरू

लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फिट इंडिया अभियान को आगे बढ़ाते हुए उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ‘संडे ऑन साइकिल’ कार्यक्रम शुरू करने जा रहा है। यह पहल फिटनेस को बढ़ावा देने के साथ-साथ सक्रिय जीवनशैली, पर्यावरण संरक्षण और राज्य के पर्यटन स्थलों के प्रति जागरूकता बढ़ाने पर केंद्रित है। राजधानी लखनऊ स्थित पर्यटन भवन से 21 सितंबर (रविवार) को ‘संडे ऑन साइकिल’ की शुरुआत होगी। 

  

उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने आमजन और स्वास्थ्य के प्रति सजग लोगों को अभियान में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है। 21 सितंबर 2025 के प्रातः 06:30 बजे पर्यटन भवन, गोमती नगर (लखनऊ) से 'संडे ऑन साइकिल' अभियान की शुरुआत होगी। 

पर्यटन विभाग ने सभी नागरिकों, अधिकारियों और कर्मचारियों से अनुरोध किया है कि वे अपनी-अपनी साइकिल लेकर समय से कार्यक्रम स्थल पर पहुंचें और इस फिटनेस और पर्यावरण जागरूकता अभियान में सक्रिय भागीदारी निभाएं। 

उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि 'सरकार नागरिकों की सेहत और सक्रिय जीवन शैली को बढ़ावा देने को अपनी प्राथमिकताओं में शामिल कर रही है। 'संडे ऑन साइकिल' अभियान के माध्यम से न केवल फिटनेस को प्रोत्साहन दिया जा रहा है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और पर्यटन जागरूकता का संदेश भी दे रहा है। उन्होंने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे अपनी साइकिल के साथ इस अभियान का हिस्सा बनें और फिट इंडिया अभियान को सफल बनाने में सहयोग दें।'

विशेष सचिव पर्यटन ईशा प्रिया ने कहा कि 'पर्यटन विभाग की ओर से आयोजित संडे ऑन साइकिल कार्यक्रम लखनऊवासियों के लिए एक अनूठा अवसर है। इस कार्यक्रम के माध्यम से नागरिक साइकिल चलाकर स्वास्थ्य और पर्यावरण के साथ पर्यटन से भी जुड़ सकते हैं। उन्होंने सभी नागरिकों, अधिकारियों और कर्मचारियों से आग्रह किया है कि वे समय पर कार्यक्रम स्थल पर पहुंचें और इस जन-जागरूकता पहल का सक्रिय हिस्सा बनें। उन्होंने कहा कि नागरिकों का सहयोग ही इस कार्यक्रम को सफल बनाएगा।'

पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगा महाभारतकालीन लाक्षागृह : जयवीर


बागपत स्थित महाभारत सर्किट अंतर्गत लाक्षागृह के विकास को मिली मंजूरी, 01 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत

लखनऊ। उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने महाभारत सर्किट के अंतर्गत बागपत जिले में स्थित महाभारतकालीन स्थल लाक्षागृह के समेकित पर्यटन विकास की महत्वाकांक्षी योजना को मंजूरी दी है। बड़ौत तहसील के बरनावा (वारणावत) गांव में हिंडन और कृष्णा नदी के संगम पर स्थित यह स्थल महाभारत काल का ऐतिहासिक गवाह माना जाता है। पर्यटन विभाग की ओर से 01 करोड़ रुपए की धनराशि इस परियोजना के लिए स्वीकृत की गई है।
यह जानकारी उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि विभाग लाक्षागृह जैसे महाभारत कालीन ऐतिहासिक स्थल को धार्मिक पर्यटन के मानचित्र पर प्रमुखता से स्थापित करने के लिए प्रयासरत है। लाक्षागृह महाभारत काल के महत्वपूर्ण स्थलों में से एक है, जहां कौरवों ने पांडवों को जिंदा जलाने के लिए लाख का घर बनवाया था। उन्होंने कहा कि इस ऐतिहासिक स्थल के संरक्षण और विकास से बागपत धार्मिक पर्यटन के मानचित्र पर और सशक्त होगा। बागपत को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर विशिष्ट पहचान दिलाने के लिए पर्यटन विभाग ने लाक्षागृह के समेकित विकास की दिशा में महत्वपूर्ण पहल की है। इस परियोजना के तहत पर्यटन स्थल पर सौंदर्यीकरण, आधुनिक प्रकाश व्यवस्था, स्वच्छ शौचालय, सूचना केंद्र और पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाएं विकसित की जाएंगी। इन सुविधाओं के विकसित होने से न केवल स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि जनपद की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर को भी नई पहचान मिलेगी।

जयवीर सिंह ने बताया कि बागपत जिला मुख्यालय से लगभग 35 किलोमीटर दूर बरनावा (वारणावत) स्थित पांडवकालीन लाक्षागृह ऐतिहासिक धरोहर के रूप में लोगों का ध्यान आकर्षित कर रहा है। बागपत-मेरठ हाईवे के पास बने एक प्रवेश द्वार से होकर मुख्य स्थल तक पहुंचा जाता है। इसी द्वार से लाक्षागृह की पुरानी इमारत साफ दिखाई देती है। मान्यता है कि महाभारत काल में पांडव यहां निवास करते थे। टीले पर सीढ़ियों के माध्यम से ऊपर चढ़ते ही भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) का बोर्ड नजर आता है। यह स्थल एएसआई के अधीन है। बागपत पर्यटन के लिहाज से तेजी से उभरता हुआ स्थल बन रहा है। वर्ष 2024 में यहां 16,73,555 पर्यटक पहुंचे और पर्यटन विभाग का अनुमान है कि साल के अंत तक यह आंकड़ा 20 लाख तक पहुंच सकता है। मेरठ से सटा होने और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के निकट होने के कारण पर्यटक यहां आसानी से पहुंच पा रहे हैं। आगंतुकों की बढ़ती संख्या से स्थानीय अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है और रोजगार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं।

पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश धार्मिक पर्यटन के क्षेत्र में निरंतर प्रगति कर रहा है। उन्होंने बताया कि बागपत महाभारत कालीन और पौराणिक स्थलों के लिए विख्यात है। जिले में लाक्षागृह, पुरा महादेव, जैन धर्मावलंबियों का त्रिलोक तीर्थ धाम सहित कई पवित्र स्थल हैं। सरकार का प्रयास है कि इन स्थलों को विश्व पर्यटन गंतव्य को और अधिक सशक्त तरीके से स्थापित किया जाए, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्तर प्रदेश की पहचान एक प्रमुख पर्यटन गंतव्य के रूप में और मजबूत हो सके।
नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ने की जनसुनवाई, समस्याओं के त्वरित निस्तारण के दिए निर्देश

अधिकारियों को निर्देश, बिना सहमति के न लगे तार और पोल: एके शर्मा

लखनऊ। नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने राजधानी स्थित अपने आवास पर जनसुनवाई की। इस दौरान विभिन्न जनपदों से आए नागरिकों ने सीवर लाइन, सड़क निर्माण, विद्युत बिल सुधार, पोल शिफ्टिंग एवं अन्य स्थानीय समस्याओं से अवगत कराया।
जनसुनवाई में उपस्थित शिकायतकर्ताओं की बात ध्यानपूर्वक सुनने के बाद मंत्री श्री शर्मा ने संबंधित विभागीय अधिकारियों को सभी समस्याओं का त्वरित निस्तारण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जनता की समस्याओं का समाधान करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
विद्युत विभाग से संबंधित शिकायतों पर विशेष रूप से निर्देश देते हुए मंत्री श्री शर्मा ने अधिकारियों को कहा कि तार एवं पोल लगाने अथवा शिफ्टिंग से पूर्व आस-पास के जमीन मालिकों की सहमति लेना अनिवार्य है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि पहले से सहमति ली जाए तो इस प्रकार की विवादित समस्याओं से बचा जा सकता है। उन्होंने  अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि जनता को अनावश्यक परेशान न होने दें तथा उनकी समस्याओं का समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण समाधान सुनिश्चित करें।
लेखपाल डैशबोर्ड का हुआ शुभारंभ
लेखपालों द्वारा किए जाने वाले समस्त कार्य अब एक ही प्लेटफार्म पर दिखाई देंगे

सिंगल लॉग-इन के माध्यम से सभी कार्यों का किया जा सकेगा निस्तारण: अनिल कुमार

लखनऊ। उत्तर प्रदेश राजस्व परिषद के अध्यक्ष अनिल कुमार ने गुरुवार को सरोजनी नगर तहसील में लेखपाल डैशबोर्ड का शुभारंभ करते हुए कहा कि लेखपालों द्वारा किए जाने वाले समस्त कार्य अब एक ही प्लेटफार्म पर दिखाई देंगे। लेखपालों द्वारा सिंगल लॉगइन के माध्यम से समस्त कार्यों का सुचारू निस्तारण किया जा सकेगा एवं कार्यों की उच्च स्तर से सतत मॉनिटरिंग भी की जा सकेगी।
इस अवसर पर अध्यक्ष, राजस्व परिषद ने कहा कि प्रदेश के 22,000 से अधिक लेखपाल प्रतिदिन नागरिकों के सबसे निकट रहकर भूमि अभिलेख अद्यतन, प्रमाणपत्र सत्यापन और राजस्व संबंधी कार्यों का दायित्व निभाते हैं। अब “लेखपाल डैशबोर्ड” इन सभी कार्यों को ऑनलाइन और अधिक सुव्यवस्थित बनाएगा।

अध्यक्ष श्री कुमार ने विस्तार से बताया कि इस डैशबोर्ड के माध्यम से भूमि अभिलेख संशोधन, आय-जाति-निवास प्रमाणपत्रों की स्थिति, धारा 34, 80, 89 एवं 98 की कार्यवाहियाँ, हल्का मैपिंग और अवकाश स्वीकृति की प्रक्रियाएँ एकल लाग-इन पर उपलब्ध होंगी। उच्चाधिकारी अपने अधीनस्थ कर्मचारियों के कार्यों की प्रगति और गुणवत्ता को वास्तविक समय में देख सकेंगे।
अध्यक्ष, राजस्व परिषद इस परियोजना को साकार करने में योगदान देने वाली एनआईसी की तकनीकी टीम, परिषद से सम्बद्ध सभी तहसीलदारों और लेखपालों की मेहनत और समर्पण की सराहना करते हुए कहा कि “यह पहल केवल तकनीकी विकास नहीं, बल्कि राजस्व परिवार के हजारों कर्मचारियों के सामूहिक प्रयास और महीनों की कठिन मेहनत का परिणाम है।
उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री के दिशा-निर्देशों के अनुरूप राजस्व परिषद प्रदेश की राजस्व संबंधी सभी सेवाओं को डिजिटल माध्यम से सरल और पारदर्शी बनाने की दिशा में पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। भविष्य की योजनाओं पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने बताया कि शीघ्र ही “राजस्व निरीक्षक डैशबोर्ड”, “तहसीलदार डैशबोर्ड” तथा “उपजिलाधिकारी डैशबोर्ड” भी विकसित किए जाएंगे। इनके माध्यम से राजस्व प्रशासन के प्रत्येक स्तर पर कार्य की निगरानी और दक्षता को और अधिक मजबूत किया जाएगा तथा पारदर्शिता और जवाबदेही को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया जाएगा।
इस अवसर पर जिलाधिकारी लखनऊ विशाख जी, उप जिलाधिकारी (सरोजनी नगर) अंकित, वरिष्ठ आईएएस अधिकारी गंगाराव एवं अनिल यादव तहसीलदार सुखबीर सहित जनपद लखनऊ के विभिन्न तहसीलों के अधिकारीगण उपस्थित रहे।
तबादलों का दौर जारी, शासन ने 16 आईपीएस अधिकारियों को किया इधर से उधर

लखनऊ । उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग में तबादलों का दौर लगातार जारी है। अपराध नियंत्रण में लापरवाही बरतने वाले पुलिस कप्तानों को मुख्यालय से सम्बद्ध कर दिया जा रहा है, वहीं बेहतर कार्य करने वाले अधिकारियों को महत्वपूर्ण जिलों की जिम्मेदारी सौंपी जा रही है। शासन के ताज़ा आदेश में कुल 16 आईपीएस अधिकारियों का स्थानांतरण किया गया है, जिनमें कई जिलों के कप्तानों की अदला-बदली भी शामिल है।

आईपीएस अधिकारियों के तबादलों की सूची

हेमराज मीना (RR-2012) – वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, आजमगढ़ से पुलिस अधीक्षक, सम्बद्ध, मुख्यालय डीजीपी, उ.प्र.
संतोष कुमार मिश्रा (RR-2012) – पुलिस अधीक्षक, कुशीनगर से  पुलिस अधीक्षक, सम्बद्ध, मुख्यालय डीजीपी, उ.प्र.
जय प्रकाश सिंह (SPS-2013) – पुलिस अधीक्षक, सुरक्षा लखनऊ से पुलिस अधीक्षक, उन्नाव
संजीव सुमन (RR-2014) – वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, अलीगढ़ से पुलिस अधीक्षक, देवरिया
विक्रान्त चीर (RR-2014) – पुलिस अधीक्षक, देवरिया से  पुलिस अधीक्षक, सम्बद्ध, मुख्यालय डीजीपी, उ.प्र.
नीरज कुमार जादौन (RR-2015) – पुलिस अधीक्षक, हरदोई से वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, अलीगढ़
अशोक कुमार मीना (RR-2015) – पुलिस अधीक्षक, सोनभद्र से पुलिस अधीक्षक, हरदोई
अभिषेक वर्मा (RR-2016) – पुलिस अधीक्षक, रेलवे आगरा से पुलिस अधीक्षक, सोनभद्र
दीपक भूकर (RR-2016) – पुलिस अधीक्षक, उन्नाव से पुलिस अधीक्षक, प्रतापगढ़
अनिल कुमार-II (RR-2016) – पुलिस अधीक्षक, प्रतापगढ़ से वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, आजमगढ़
केशव कुमार (RR-2017) – पुलिस अधीक्षक, अम्बेडकरनगर से पुलिस अधीक्षक, कुशीनगर
अभिजीत आर. शंकर (RR-2018) – पुलिस अधीक्षक, औरैया से पुलिस अधीक्षक, अम्बेडकरनगर
अभिषेक भारती (RR-2018) – पुलिस उपायुक्त, पुलिस कमिश्नरेट प्रयागराज से पुलिस अधीक्षक, औरैया
मनीष कुमार शांडिल्य (RR-2018) – पुलिस उपायुक्त, पुलिस कमिश्नरेट प्रयागराज से सेनानायक, 04 वाहिनी पीएसी
अनिल कुमार झा (SPS) – प्रयागराज से पुलिस अधीक्षक/अपर पुलिस अधीक्षक, बलिया
सर्वेश कुमार मिश्रा (SPS) – उप सेनानायक, 27वीं वाहिनी पीएसी सीतापुर से सेनानायक, 04 वाहिनी पीएसी प्रयागराज
एडीजी पीएसी ने पुलिस मॉडर्न स्कूलों में सुधार के लिए दिए निर्देश

लखनऊ । एडीजी पीएसी डॉ. रामकृष्ण स्वर्णकार ने प्रदेश की सभी 31 पुलिस मॉडर्न स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था को नई शिक्षा नीति के अनुरूप सुदृढ़ करने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की। इसमें संबंधित आईजी/डीआईजी परिक्षेत्र, अनुभाग तथा स्कूलों के प्रधानाचार्यों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए।

पढ़ाई की गुणवत्ता में सुधार किया जाए

बैठक में उन्होंने कहा कि पुलिस मॉडर्न स्कूलों का उद्देश्य पुलिसकर्मियों के बच्चों सहित अन्य विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा देना है। इसके लिए आवश्यक है कि कक्षाओं की पढ़ाई की गुणवत्ता में सुधार किया जाए और नई शिक्षा नीति के अनुरूप आधुनिक तकनीक को अपनाया जाए। एडीजी ने कंप्यूटर प्रशिक्षण को और प्रभावी बनाने तथा विद्यालयों में संसाधनों की वृद्धि करने पर जोर दिया।

साफ- सफाई व्यवस्था पर विशेष दिया जोर

उन्होंने सभी विद्यालयों में समय-समय पर ऑडिट कराने और बजट का पारदर्शी व समुचित उपयोग सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। साथ ही साफ-सफाई की व्यवस्था को और मजबूत करने तथा भवन निर्माण व मरम्मत संबंधी कार्यों की नियमित निगरानी करने पर भी बल दिया।

मॉडर्न स्कूलों में सुधार से शिक्षा का स्तर बेहतर होगा

एडीजी ने कहा कि पुलिस मॉडर्न स्कूलों में सुधार से शिक्षा का स्तर बेहतर होगा और विद्यार्थियों को प्रतिस्पर्धी माहौल मिलेगा। बैठक में भाग लेने वाले अधिकारियों और प्रधानाचार्यों से अपेक्षा की गई कि वे निर्धारित समय सीमा के भीतर सुधारात्मक कदम उठाकर प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करें।

ई-ऑटो सवार बदमाशों का तांडव, किसान के घर डाली डकैती, ग्रामीणों ने सात पकड़े
लखनऊ । राजधानी के काकोरी क्षेत्र के सकरा गांव में मंगलवार रात ई-ऑटो सवार बदमाशों ने आतंक मचाया। आधी रात को हथियारबंद बदमाश किसान केशन गौतम के घर में घुसे और विरोध करने पर उनके बेटे सूरज पर धारदार हथियार से हमला कर दिया। हमले में सूरज गंभीर रूप से घायल हो गया, जबकि बदमाश किसान की पत्नी और बेटी के साथ भी मारपीट कर मोबाइल फोन लूटकर भाग निकले।

ग्रामीणों ने साहस दिखाते हुए बदमाशों को घेर लिया

वारदात के बाद जब ग्रामीणों ने शोर सुना तो बदमाश भागते हुए आसपास के तीन और घरों में चोरी की घटनाओं को अंजाम देकर निकलने लगे। ग्रामीणों ने साहस दिखाते हुए बदमाशों को घेर लिया और सातों को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। ई-ऑटो की तलाशी में चाकू, लोहे की रॉड, धारदार हथियार, टॉर्च और लूटे गए मोबाइल बरामद हुए। ग्रामीणों के मुताबिक, बदमाशों ने किसान के घर से निकलते समय मंदिर का दान पात्र भी उठा लिया और अन्य घरों से नकदी, मोबाइल फोन व एटीएम कार्ड चुरा लिए। घटना से पूरे गांव में दहशत फैल गई।

गिरफ्तार अभियुक्त सीतापुर और बराबंकी के रहने वाले

गिरफ्तार अभियुक्तों का नाम विनोद वर्मा पुत्र श्रीराम निवासी समरदहा थाना रामपुर मथुरा जनपद सीतापुर, इन्दल पुत्र हरिहर निवासी पासिनपुरवा  मजरा दहला थाना रामपुर मथुरा जनपद सीतापुर, रामखेलावन पुत्र पैरूलाल निवासी मगदापुर थाना थानगांव जनपद सीतापुर, धनेश पासी पुत्र  हरिहर निवासी पासिनपुरवा  मजरा दहला थाना रामपुर मथुरा जनपद सीतापुर, मनोहर उर्फ दिनेश पुत्र दीनबन्धु निवासी अहिबरनपुर थाना सदरपुर जनपद सीतापुर, नरेश पुत्र शम्भू निवासी अहिबरनपुर थाना सदरपुर जनपद सीतापुर, विमल पुत्र राममनोरथ निवासी खदरा थाना फतेहपुर जनपद बाराबंकी है।

ऑटो से घूम घूमकर चोरी की घटनाओं को देते है अंजाम

काकोरी पुलिस ने पकड़े गए बदमाशों के खिलाफ हत्या के प्रयास, मारपीट और चोरी की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इंस्पेक्टर काकोरी सतीष चंद्र राठौर ने बताया कि मामले में सभी पहलुओं की छानबीन की जा रही है । पूछने पर सभी अभियुक्तगणों द्वारा कल ग्राम सकरा में की गयी  चोरियों को स्वीकार किया गया तथा बरामद मोबाइल उन्ही चारो चोरियों के होना बताया तथा पूछने पर बताया कि एक संगठित गैंग बनाकर इसी आटो से चोरी करने निकलते है । हम लोगों लखनऊ व अन्य जनपदों में चोरियां की है ।
गाजियाबाद में मुठभेड़, दिशा पाटनी के घर पर फायरिंग करने वाले दो शूटर ढेर

लखनऊ । अभिनेत्री दिशा पाटनी और उनके पिता, सेवानिवृत्त पुलिस उपाधीक्षक जगदीश सिंह पाटनी पर बरेली में की गई फायरिंग के मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। बुधवार देर शाम गाजियाबाद के ट्रोनिका सिटी क्षेत्र में हुई मुठभेड़ में गोल्डी बरार और रोहित गोदारा गैंग से जुड़े दो बदमाश रविन्द्र उर्फ बिंदर (रोहतक निवासी) और अरुण (सोनीपत निवासी) पुलिस की गोली से घायल हो गए। दोनों को अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। पुलिस को देखते ही बदमाशों ने शुरू कर दी फायरिंग एडीजी कानून एवं व्यवस्था अमिताभ यश ने बताया कि बुधवार की शाम करीब 7:15 बजे पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि बरेली की वारदात में शामिल बदमाश सफेद रंग की अपाचे मोटरसाइकिल से गाजियाबाद आ रहे हैं। इस सूचना पर उत्तर प्रदेश एसटीएफ, दिल्ली स्पेशल सेल, हरियाणा एसटीएफ और गाजियाबाद पुलिस ने संयुक्त रूप से घेराबंदी की। पुलिस को देखते ही बदमाशों ने गोलियां चलानी शुरू कर दीं। जवाबी कार्रवाई में दोनों अपराधी गोली लगने से घायल हो गए। मुठभेड़ में चार पुलिसकर्मी भी घायल इस मुठभेड़ में चार पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं और पुलिस की गाड़ियों पर भी गोलियां चलीं। घायल पुलिसकर्मियों का इलाज चल रहा है। बदमाशों के कब्जे से एक पिस्टल जिगाना (9 एमएम), एक पिस्टल ग्लाक (9 एमएम), 12 जिंदा कारतूस, 11 खोखा कारतूस तथा अपाचे मोटरसाइकिल, जो बरेली की फायरिंग में भी इस्तेमाल हुई थी। दोनों बदमाशों के खिलाफ यूपी व हरियाणा में कई मुकदमे दर्ज अमिताभ यश ने बताया कि पुलिस जांच में पता चला कि मारे गए दोनों बदमाश हरियाणा के कुख्यात रोहित गोदारा और गोल्डी बरार गैंग से जुड़े थे।रविन्द्र उर्फ बिंदर साल 2020 से अपराध की दुनिया में सक्रिय था और हत्या, लूट व पुलिस पर हमला जैसी वारदातों में शामिल रहा है।बरेली में 11 और 12 सितंबर को हुई फायरिंग की घटनाओं में रविन्द्र मुख्य शूटर था।दोनों बदमाशों के खिलाफ हरियाणा, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में कई संगीन मुकदमे दर्ज थे। गोल्डी बरार और रोहित गोदारा गैंग से जुड़े थे दोनों बदमाश गोल्डी बरार और रोहित गोदारा विदेश में बैठकर भारत में अपने गैंग के जरिए रंगदारी, हत्या और धमकाने जैसी वारदातों को अंजाम देते रहे हैं। हाल ही में दिशा पाटनी की बहन, सेवानिवृत्त मेजर खुशबू पाटनी को सोशल मीडिया पर धमकी दी गई थी। इसी वजह से मामला और गंभीर हो गया था। दोनों बेहद खतरनाक अपराधी थे एडीजी कानून एवं व्यवस्था अमिताभ यश ने बताया कि ने बताया कि दोनों बदमाश बेहद खतरनाक अपराधी थे और लंबे समय से वांछित थे। मुठभेड़ के बाद अब इनके बाकी साथियों की तलाश की जा रही है। गाजियाबाद के ट्रोनिका सिटी थाना पुलिस ने घटना के संबंध में वैधानिक कार्रवाई शुरू कर दी है।