नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ने की जनसुनवाई, समस्याओं के त्वरित निस्तारण के दिए निर्देश

अधिकारियों को निर्देश, बिना सहमति के न लगे तार और पोल: एके शर्मा

लखनऊ। नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने राजधानी स्थित अपने आवास पर जनसुनवाई की। इस दौरान विभिन्न जनपदों से आए नागरिकों ने सीवर लाइन, सड़क निर्माण, विद्युत बिल सुधार, पोल शिफ्टिंग एवं अन्य स्थानीय समस्याओं से अवगत कराया।
जनसुनवाई में उपस्थित शिकायतकर्ताओं की बात ध्यानपूर्वक सुनने के बाद मंत्री श्री शर्मा ने संबंधित विभागीय अधिकारियों को सभी समस्याओं का त्वरित निस्तारण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जनता की समस्याओं का समाधान करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
विद्युत विभाग से संबंधित शिकायतों पर विशेष रूप से निर्देश देते हुए मंत्री श्री शर्मा ने अधिकारियों को कहा कि तार एवं पोल लगाने अथवा शिफ्टिंग से पूर्व आस-पास के जमीन मालिकों की सहमति लेना अनिवार्य है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि पहले से सहमति ली जाए तो इस प्रकार की विवादित समस्याओं से बचा जा सकता है। उन्होंने  अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि जनता को अनावश्यक परेशान न होने दें तथा उनकी समस्याओं का समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण समाधान सुनिश्चित करें।
लेखपाल डैशबोर्ड का हुआ शुभारंभ
लेखपालों द्वारा किए जाने वाले समस्त कार्य अब एक ही प्लेटफार्म पर दिखाई देंगे

सिंगल लॉग-इन के माध्यम से सभी कार्यों का किया जा सकेगा निस्तारण: अनिल कुमार

लखनऊ। उत्तर प्रदेश राजस्व परिषद के अध्यक्ष अनिल कुमार ने गुरुवार को सरोजनी नगर तहसील में लेखपाल डैशबोर्ड का शुभारंभ करते हुए कहा कि लेखपालों द्वारा किए जाने वाले समस्त कार्य अब एक ही प्लेटफार्म पर दिखाई देंगे। लेखपालों द्वारा सिंगल लॉगइन के माध्यम से समस्त कार्यों का सुचारू निस्तारण किया जा सकेगा एवं कार्यों की उच्च स्तर से सतत मॉनिटरिंग भी की जा सकेगी।
इस अवसर पर अध्यक्ष, राजस्व परिषद ने कहा कि प्रदेश के 22,000 से अधिक लेखपाल प्रतिदिन नागरिकों के सबसे निकट रहकर भूमि अभिलेख अद्यतन, प्रमाणपत्र सत्यापन और राजस्व संबंधी कार्यों का दायित्व निभाते हैं। अब “लेखपाल डैशबोर्ड” इन सभी कार्यों को ऑनलाइन और अधिक सुव्यवस्थित बनाएगा।

अध्यक्ष श्री कुमार ने विस्तार से बताया कि इस डैशबोर्ड के माध्यम से भूमि अभिलेख संशोधन, आय-जाति-निवास प्रमाणपत्रों की स्थिति, धारा 34, 80, 89 एवं 98 की कार्यवाहियाँ, हल्का मैपिंग और अवकाश स्वीकृति की प्रक्रियाएँ एकल लाग-इन पर उपलब्ध होंगी। उच्चाधिकारी अपने अधीनस्थ कर्मचारियों के कार्यों की प्रगति और गुणवत्ता को वास्तविक समय में देख सकेंगे।
अध्यक्ष, राजस्व परिषद इस परियोजना को साकार करने में योगदान देने वाली एनआईसी की तकनीकी टीम, परिषद से सम्बद्ध सभी तहसीलदारों और लेखपालों की मेहनत और समर्पण की सराहना करते हुए कहा कि “यह पहल केवल तकनीकी विकास नहीं, बल्कि राजस्व परिवार के हजारों कर्मचारियों के सामूहिक प्रयास और महीनों की कठिन मेहनत का परिणाम है।
उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री के दिशा-निर्देशों के अनुरूप राजस्व परिषद प्रदेश की राजस्व संबंधी सभी सेवाओं को डिजिटल माध्यम से सरल और पारदर्शी बनाने की दिशा में पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। भविष्य की योजनाओं पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने बताया कि शीघ्र ही “राजस्व निरीक्षक डैशबोर्ड”, “तहसीलदार डैशबोर्ड” तथा “उपजिलाधिकारी डैशबोर्ड” भी विकसित किए जाएंगे। इनके माध्यम से राजस्व प्रशासन के प्रत्येक स्तर पर कार्य की निगरानी और दक्षता को और अधिक मजबूत किया जाएगा तथा पारदर्शिता और जवाबदेही को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया जाएगा।
इस अवसर पर जिलाधिकारी लखनऊ विशाख जी, उप जिलाधिकारी (सरोजनी नगर) अंकित, वरिष्ठ आईएएस अधिकारी गंगाराव एवं अनिल यादव तहसीलदार सुखबीर सहित जनपद लखनऊ के विभिन्न तहसीलों के अधिकारीगण उपस्थित रहे।
तबादलों का दौर जारी, शासन ने 16 आईपीएस अधिकारियों को किया इधर से उधर

लखनऊ । उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग में तबादलों का दौर लगातार जारी है। अपराध नियंत्रण में लापरवाही बरतने वाले पुलिस कप्तानों को मुख्यालय से सम्बद्ध कर दिया जा रहा है, वहीं बेहतर कार्य करने वाले अधिकारियों को महत्वपूर्ण जिलों की जिम्मेदारी सौंपी जा रही है। शासन के ताज़ा आदेश में कुल 16 आईपीएस अधिकारियों का स्थानांतरण किया गया है, जिनमें कई जिलों के कप्तानों की अदला-बदली भी शामिल है।

आईपीएस अधिकारियों के तबादलों की सूची

हेमराज मीना (RR-2012) – वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, आजमगढ़ से पुलिस अधीक्षक, सम्बद्ध, मुख्यालय डीजीपी, उ.प्र.
संतोष कुमार मिश्रा (RR-2012) – पुलिस अधीक्षक, कुशीनगर से  पुलिस अधीक्षक, सम्बद्ध, मुख्यालय डीजीपी, उ.प्र.
जय प्रकाश सिंह (SPS-2013) – पुलिस अधीक्षक, सुरक्षा लखनऊ से पुलिस अधीक्षक, उन्नाव
संजीव सुमन (RR-2014) – वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, अलीगढ़ से पुलिस अधीक्षक, देवरिया
विक्रान्त चीर (RR-2014) – पुलिस अधीक्षक, देवरिया से  पुलिस अधीक्षक, सम्बद्ध, मुख्यालय डीजीपी, उ.प्र.
नीरज कुमार जादौन (RR-2015) – पुलिस अधीक्षक, हरदोई से वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, अलीगढ़
अशोक कुमार मीना (RR-2015) – पुलिस अधीक्षक, सोनभद्र से पुलिस अधीक्षक, हरदोई
अभिषेक वर्मा (RR-2016) – पुलिस अधीक्षक, रेलवे आगरा से पुलिस अधीक्षक, सोनभद्र
दीपक भूकर (RR-2016) – पुलिस अधीक्षक, उन्नाव से पुलिस अधीक्षक, प्रतापगढ़
अनिल कुमार-II (RR-2016) – पुलिस अधीक्षक, प्रतापगढ़ से वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, आजमगढ़
केशव कुमार (RR-2017) – पुलिस अधीक्षक, अम्बेडकरनगर से पुलिस अधीक्षक, कुशीनगर
अभिजीत आर. शंकर (RR-2018) – पुलिस अधीक्षक, औरैया से पुलिस अधीक्षक, अम्बेडकरनगर
अभिषेक भारती (RR-2018) – पुलिस उपायुक्त, पुलिस कमिश्नरेट प्रयागराज से पुलिस अधीक्षक, औरैया
मनीष कुमार शांडिल्य (RR-2018) – पुलिस उपायुक्त, पुलिस कमिश्नरेट प्रयागराज से सेनानायक, 04 वाहिनी पीएसी
अनिल कुमार झा (SPS) – प्रयागराज से पुलिस अधीक्षक/अपर पुलिस अधीक्षक, बलिया
सर्वेश कुमार मिश्रा (SPS) – उप सेनानायक, 27वीं वाहिनी पीएसी सीतापुर से सेनानायक, 04 वाहिनी पीएसी प्रयागराज
एडीजी पीएसी ने पुलिस मॉडर्न स्कूलों में सुधार के लिए दिए निर्देश

लखनऊ । एडीजी पीएसी डॉ. रामकृष्ण स्वर्णकार ने प्रदेश की सभी 31 पुलिस मॉडर्न स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था को नई शिक्षा नीति के अनुरूप सुदृढ़ करने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की। इसमें संबंधित आईजी/डीआईजी परिक्षेत्र, अनुभाग तथा स्कूलों के प्रधानाचार्यों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए।

पढ़ाई की गुणवत्ता में सुधार किया जाए

बैठक में उन्होंने कहा कि पुलिस मॉडर्न स्कूलों का उद्देश्य पुलिसकर्मियों के बच्चों सहित अन्य विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा देना है। इसके लिए आवश्यक है कि कक्षाओं की पढ़ाई की गुणवत्ता में सुधार किया जाए और नई शिक्षा नीति के अनुरूप आधुनिक तकनीक को अपनाया जाए। एडीजी ने कंप्यूटर प्रशिक्षण को और प्रभावी बनाने तथा विद्यालयों में संसाधनों की वृद्धि करने पर जोर दिया।

साफ- सफाई व्यवस्था पर विशेष दिया जोर

उन्होंने सभी विद्यालयों में समय-समय पर ऑडिट कराने और बजट का पारदर्शी व समुचित उपयोग सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। साथ ही साफ-सफाई की व्यवस्था को और मजबूत करने तथा भवन निर्माण व मरम्मत संबंधी कार्यों की नियमित निगरानी करने पर भी बल दिया।

मॉडर्न स्कूलों में सुधार से शिक्षा का स्तर बेहतर होगा

एडीजी ने कहा कि पुलिस मॉडर्न स्कूलों में सुधार से शिक्षा का स्तर बेहतर होगा और विद्यार्थियों को प्रतिस्पर्धी माहौल मिलेगा। बैठक में भाग लेने वाले अधिकारियों और प्रधानाचार्यों से अपेक्षा की गई कि वे निर्धारित समय सीमा के भीतर सुधारात्मक कदम उठाकर प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करें।

ई-ऑटो सवार बदमाशों का तांडव, किसान के घर डाली डकैती, ग्रामीणों ने सात पकड़े
लखनऊ । राजधानी के काकोरी क्षेत्र के सकरा गांव में मंगलवार रात ई-ऑटो सवार बदमाशों ने आतंक मचाया। आधी रात को हथियारबंद बदमाश किसान केशन गौतम के घर में घुसे और विरोध करने पर उनके बेटे सूरज पर धारदार हथियार से हमला कर दिया। हमले में सूरज गंभीर रूप से घायल हो गया, जबकि बदमाश किसान की पत्नी और बेटी के साथ भी मारपीट कर मोबाइल फोन लूटकर भाग निकले।

ग्रामीणों ने साहस दिखाते हुए बदमाशों को घेर लिया

वारदात के बाद जब ग्रामीणों ने शोर सुना तो बदमाश भागते हुए आसपास के तीन और घरों में चोरी की घटनाओं को अंजाम देकर निकलने लगे। ग्रामीणों ने साहस दिखाते हुए बदमाशों को घेर लिया और सातों को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। ई-ऑटो की तलाशी में चाकू, लोहे की रॉड, धारदार हथियार, टॉर्च और लूटे गए मोबाइल बरामद हुए। ग्रामीणों के मुताबिक, बदमाशों ने किसान के घर से निकलते समय मंदिर का दान पात्र भी उठा लिया और अन्य घरों से नकदी, मोबाइल फोन व एटीएम कार्ड चुरा लिए। घटना से पूरे गांव में दहशत फैल गई।

गिरफ्तार अभियुक्त सीतापुर और बराबंकी के रहने वाले

गिरफ्तार अभियुक्तों का नाम विनोद वर्मा पुत्र श्रीराम निवासी समरदहा थाना रामपुर मथुरा जनपद सीतापुर, इन्दल पुत्र हरिहर निवासी पासिनपुरवा  मजरा दहला थाना रामपुर मथुरा जनपद सीतापुर, रामखेलावन पुत्र पैरूलाल निवासी मगदापुर थाना थानगांव जनपद सीतापुर, धनेश पासी पुत्र  हरिहर निवासी पासिनपुरवा  मजरा दहला थाना रामपुर मथुरा जनपद सीतापुर, मनोहर उर्फ दिनेश पुत्र दीनबन्धु निवासी अहिबरनपुर थाना सदरपुर जनपद सीतापुर, नरेश पुत्र शम्भू निवासी अहिबरनपुर थाना सदरपुर जनपद सीतापुर, विमल पुत्र राममनोरथ निवासी खदरा थाना फतेहपुर जनपद बाराबंकी है।

ऑटो से घूम घूमकर चोरी की घटनाओं को देते है अंजाम

काकोरी पुलिस ने पकड़े गए बदमाशों के खिलाफ हत्या के प्रयास, मारपीट और चोरी की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इंस्पेक्टर काकोरी सतीष चंद्र राठौर ने बताया कि मामले में सभी पहलुओं की छानबीन की जा रही है । पूछने पर सभी अभियुक्तगणों द्वारा कल ग्राम सकरा में की गयी  चोरियों को स्वीकार किया गया तथा बरामद मोबाइल उन्ही चारो चोरियों के होना बताया तथा पूछने पर बताया कि एक संगठित गैंग बनाकर इसी आटो से चोरी करने निकलते है । हम लोगों लखनऊ व अन्य जनपदों में चोरियां की है ।
गाजियाबाद में मुठभेड़, दिशा पाटनी के घर पर फायरिंग करने वाले दो शूटर ढेर

लखनऊ । अभिनेत्री दिशा पाटनी और उनके पिता, सेवानिवृत्त पुलिस उपाधीक्षक जगदीश सिंह पाटनी पर बरेली में की गई फायरिंग के मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। बुधवार देर शाम गाजियाबाद के ट्रोनिका सिटी क्षेत्र में हुई मुठभेड़ में गोल्डी बरार और रोहित गोदारा गैंग से जुड़े दो बदमाश रविन्द्र उर्फ बिंदर (रोहतक निवासी) और अरुण (सोनीपत निवासी) पुलिस की गोली से घायल हो गए। दोनों को अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। पुलिस को देखते ही बदमाशों ने शुरू कर दी फायरिंग एडीजी कानून एवं व्यवस्था अमिताभ यश ने बताया कि बुधवार की शाम करीब 7:15 बजे पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि बरेली की वारदात में शामिल बदमाश सफेद रंग की अपाचे मोटरसाइकिल से गाजियाबाद आ रहे हैं। इस सूचना पर उत्तर प्रदेश एसटीएफ, दिल्ली स्पेशल सेल, हरियाणा एसटीएफ और गाजियाबाद पुलिस ने संयुक्त रूप से घेराबंदी की। पुलिस को देखते ही बदमाशों ने गोलियां चलानी शुरू कर दीं। जवाबी कार्रवाई में दोनों अपराधी गोली लगने से घायल हो गए। मुठभेड़ में चार पुलिसकर्मी भी घायल इस मुठभेड़ में चार पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं और पुलिस की गाड़ियों पर भी गोलियां चलीं। घायल पुलिसकर्मियों का इलाज चल रहा है। बदमाशों के कब्जे से एक पिस्टल जिगाना (9 एमएम), एक पिस्टल ग्लाक (9 एमएम), 12 जिंदा कारतूस, 11 खोखा कारतूस तथा अपाचे मोटरसाइकिल, जो बरेली की फायरिंग में भी इस्तेमाल हुई थी। दोनों बदमाशों के खिलाफ यूपी व हरियाणा में कई मुकदमे दर्ज अमिताभ यश ने बताया कि पुलिस जांच में पता चला कि मारे गए दोनों बदमाश हरियाणा के कुख्यात रोहित गोदारा और गोल्डी बरार गैंग से जुड़े थे।रविन्द्र उर्फ बिंदर साल 2020 से अपराध की दुनिया में सक्रिय था और हत्या, लूट व पुलिस पर हमला जैसी वारदातों में शामिल रहा है।बरेली में 11 और 12 सितंबर को हुई फायरिंग की घटनाओं में रविन्द्र मुख्य शूटर था।दोनों बदमाशों के खिलाफ हरियाणा, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में कई संगीन मुकदमे दर्ज थे। गोल्डी बरार और रोहित गोदारा गैंग से जुड़े थे दोनों बदमाश गोल्डी बरार और रोहित गोदारा विदेश में बैठकर भारत में अपने गैंग के जरिए रंगदारी, हत्या और धमकाने जैसी वारदातों को अंजाम देते रहे हैं। हाल ही में दिशा पाटनी की बहन, सेवानिवृत्त मेजर खुशबू पाटनी को सोशल मीडिया पर धमकी दी गई थी। इसी वजह से मामला और गंभीर हो गया था। दोनों बेहद खतरनाक अपराधी थे एडीजी कानून एवं व्यवस्था अमिताभ यश ने बताया कि ने बताया कि दोनों बदमाश बेहद खतरनाक अपराधी थे और लंबे समय से वांछित थे। मुठभेड़ के बाद अब इनके बाकी साथियों की तलाश की जा रही है। गाजियाबाद के ट्रोनिका सिटी थाना पुलिस ने घटना के संबंध में वैधानिक कार्रवाई शुरू कर दी है।
मुख्य सचिव ने रोजगार मिशन की कार्ययोजना की समीक्षा की
युवाओं को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोजगार दिलाने के निर्देश


लखनऊ। उत्तर प्रदेश रोजगार मिशन के अंतर्गत गठित राज्य संचालन समिति की बैठक आज मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन, दीपक कुमार की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में समिति के सदस्यों एवं विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रतिभाग किया।
बैठक में प्रमुख सचिव श्रम एवं सेवायोजन तथा सचिव राज्य संचालन समिति एम.के. शन्मुगा सुन्दरम् ने अवगत कराया कि प्रदेश सरकार ने युवाओं को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से रोजगार मिशन का गठन किया है। पिछले वर्ष मिशन के माध्यम से 5978 निर्माण श्रमिकों को इज़राइल भेजा गया, जिससे प्रदेश को लगभग 1400 करोड़ रुपये का रेमिटेंस प्राप्त हुआ। इस वर्ष 25,000 युवाओं को विदेशों में रोजगार दिलाने, देश के निजी क्षेत्र में 3,00,000 अभ्यर्थियों को रोजगार उपलब्ध कराने तथा 4,00,000 अभ्यर्थियों की कैरियर काउंसलिंग करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
निदेशक सेवायोजन नेहा प्रकाश ने रोजगार मिशन के मुख्य उद्देश्यों और वार्षिक कार्ययोजना का प्रस्तुतिकरण किया। बैठक में प्रमुख सचिव नियोजन आलोक कुमार, प्रमुख सचिव व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता डॉ. हरिओम और प्रमुख सचिव कृषि रविन्द्र ने कार्ययोजना के क्रियान्वयन हेतु सुझाव दिये।
मुख्य सचिव ने निर्देश दिये कि राष्ट्रीय स्तर पर रोजगार के अवसरों की पहचान करने हेतु फिक्की, एसोचैम और सीआईआई जैसे उद्योग संघों के साथ बैठक की जाये और उद्योगों में आगामी वर्षों में उत्पन्न होने वाले रोजगार की जानकारी के लिए दीर्घकालिक रणनीति तैयार की जाये। विदेशों में रोजगार मांग के सर्वेक्षण के लिए एम्बेसी के सहयोग से रोड शो, इंडस्ट्रीज के साथ कोलेबोरेशन तथा डेलीगेशन विजिट पर सहमति दी गयी।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि अभ्यर्थियों को विदेश भेजने से पूर्व भाषा प्रशिक्षण, प्री-डिपार्चर ओरिएंटेशन प्रोग्राम, स्किल गैप की पूर्ति, विभिन्न संस्थाओं के माध्यम से जॉबीनार एवं वेबीनार का आयोजन, प्लेसमेंट इवेंट एवं नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम कराये जायेंगे। इसके साथ ही पोस्ट प्लेसमेंट सपोर्ट के अंतर्गत एम्बेसी की मदद से स्थानीय संरक्षक (लोकल गार्जियन) की व्यवस्था तथा 24×7 इंटीग्रेटेड कॉल सेंटर संचालित किया जायेगा।
कबीर के नाम पर उत्तर प्रदेश में स्थापित होंगे वस्त्र एवं परिधान पार्क: मुख्यमंत्री
* प्रत्येक पार्क न्यूनतम 50 एकड़ भूमि पर विकसित होगा, सहायक इकाइयों व सीईटीपी की होगी अनिवार्यता

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग क्षेत्र में निजी निवेशकों की बढ़ती रुचि को देखते हुए विभिन्न जिलों में वस्त्र एवं परिधान पार्क स्थापित करने का निर्णय लिया है। मंगलवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश पारंपरिक हथकरघा और वस्त्र उत्पादों की समृद्ध धरोहर वाला राज्य है, जिसकी क्षमता का सही उपयोग होने पर प्रदेश को राष्ट्रीय ही नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी नई पहचान दिलाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वस्त्र एवं परिधान का वैश्विक बाजार वर्ष 2030 तक 2.3 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँचने का अनुमान है और भारत इसमें 8 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर के साथ सबसे तेज़ी से बढ़ते देशों में है। ऐसे परिदृश्य में उत्तर प्रदेश की भागीदारी इस क्षेत्र में निर्णायक सिद्ध हो सकती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रस्तावित योजना को महान संत कबीर के नाम पर समर्पित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि संत कबीर ने अपने जीवन दर्शन में श्रम, सादगी और आत्मनिर्भरता को सर्वोपरि माना और यही भाव इस योजना का आधार बनेगा। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि इस योजना के माध्यम से निवेश, उत्पादन और रोजगार के नए अवसरों के साथ-साथ परंपरा और आधुनिकता का संतुलन स्थापित होगा।

बैठक में प्रस्तुत विवरण के अनुसार, वर्तमान में उत्तर प्रदेश देश के शीर्ष वस्त्र एवं परिधान निर्यातक राज्यों में शामिल है। वित्त वर्ष 2023-24 में प्रदेश से लगभग 3.5 अरब अमेरिकी डॉलर का निर्यात हुआ, जो देश के कुल वस्त्र एवं परिधान निर्यात का लगभग 9.6 प्रतिशत है। इस क्षेत्र का प्रदेश की जीडीपी में 1.5 प्रतिशत योगदान है, जबकि राज्य में प्रत्यक्ष रोजगार पाने वाले लगभग 22 लाख लोग इससे जुड़े हैं। वाराणसी, मऊ, भदोही, मिर्जापुर, सीतापुर, बाराबंकी, गोरखपुर और मेरठ जैसे पारंपरिक क्लस्टरों ने उत्तर प्रदेश को राष्ट्रीय परिधान मानचित्र पर महत्वपूर्ण स्थान दिलाया है। अधिकारियों ने बताया कि निवेश सारथी पोर्टल पर अब तक वस्त्र एवं परिधान क्षेत्र से जुड़े 659 प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इन प्रस्तावों के लिए लगभग 1,642 एकड़ भूमि की आवश्यकता है। कुल निवेश मूल्य 15,431 करोड़ रुपये आंका गया है और इसके फलस्वरूप लगभग 1,01,768 रोजगार अवसर सृजित होने का अनुमान है। प्रत्येक पार्क न्यूनतम 50 एकड़ भूमि पर विकसित किया जाएगा और इनमें प्रसंस्करण उद्योगों के लिए कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना अनिवार्य होगी। साथ ही बटन, ज़िपर, लेबल, पैकेजिंग और वेयरहाउस जैसी सहायक इकाइयों के विकास की भी व्यवस्था की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि निवेश प्रस्तावों को शीघ्र गति से क्रियान्वित करने हेतु भूमि की पहचान और विकास कार्य को तेज़ किया जाए। उन्होंने कहा कि योजना का क्रियान्वयन सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल अथवा नोडल एजेंसी के माध्यम से किया जाएगा, ताकि निवेशकों को समयबद्ध और सुगम सुविधाएं प्राप्त हों। सरकार की ओर से पार्कों तक सड़क, विद्युत और जलापूर्ति जैसी आधारभूत सुविधाएं प्राथमिकता पर उपलब्ध कराई जाएंगी। मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से युवाओं के लिए कौशल विकास और रोजगार सृजन को इस योजना का मुख्य लक्ष्य बताया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि संत कबीर वस्त्र एवं परिधान पार्क योजना न केवल निवेश और रोजगार के नए द्वार खोलेगी बल्कि उत्तर प्रदेश को वैश्विक वस्त्र एवं परिधान मानचित्र पर एक विशिष्ट पहचान भी दिलाएगी।

बैठक में एक अन्य महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए मुख्यमंत्री ने पॉवरलूम बुनकरों की उत्पादन लागत कम करने, आय बढ़ाने और परंपरागत वस्त्र उद्योग को नई मजबूती देने के उद्देश्य से बुनकरों के साथ संवाद करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बुनकर, परिश्रम और परंपरा के प्रतीक हैं। उनके हाथों से बना कपड़ा पूरे विश्व में पहचान रखता है। सरकार बुनकरों की मेहनत का सम्मान करते हुए उन्हें सस्ती बिजली उपलब्ध करा रही है। बुनकरों से संवाद बनाकर उनकी अपेक्षाओं को जानने और समझने की आवश्यकता है। इस संबंध में जनप्रतिनिधियों के सहयोग से विभाग द्वारा प्रक्रिया प्रारंभ की जाए। मुख्यमंत्री ने पॉवरलूम को सौर ऊर्जा से जोड़ने के लिए आवश्यक कार्यवाही के भी निर्देश दिए।
सपा शासनकाल भ्रष्टाचार और माफियागिरी का प्रतीक : स्वतंत्र देव सिंह

लखनऊ। समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के आरोपों पर कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने जमकर पलटवार किया। स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि सपा शासनकाल की यादें भ्रष्टाचार, अराजकता और माफियागिरी से जुड़ी हैं, जबकि योगी सरकार ने कारीगरों से लेकर किसानों तक सबको राहत और सम्मान दिया है।

उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव विश्वकर्मा दिवस पर अवकाश की राजनीति करते हैं, लेकिन योगी सरकार ने पीएम विश्वकर्मा योजना के जरिए करोड़ों कारीगरों को 15,000 रुपये तक का लोन, आधुनिक टूलकिट और बीमा सुविधा दी है। यह असली सम्मान है, जो कागजों पर नहीं, बल्कि जमीन पर दिखाई देता है। स्वतंत्र देव ने रिवर फ्रंट को ‘भ्रष्टाचार का प्रतीक’ बताते हुए कहा कि हजारों करोड़ रुपये जनता की गाढ़ी कमाई को डुबाने वाले आज सुंदरता की मिसाल देते हैं। योगी सरकार ने प्रदेश की करीब 100 नदियों के किनारे सवा दो करोड़ से अधिक पौधे लगवाए और नदियों को गाद और अतिक्रमण से मुक्त कर उन्हें जीवन दिया।

स्मार्ट सिटी का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि लखनऊ आज  स्वच्छ सर्वेक्षण में टॉप-10 में जगह बनाई है, जबकि सपा सरकार के समय यूपी के शहर कचरे के ढेर थे। उन्होंने कहा कि सपा शासनकाल में गोरखपुर बाढ़ का केंद्र था। योगी सरकार की समयबद्ध व्यवस्थाओं से अब न सिर्फ गोरखपुर, बल्कि पूरे प्रदेश में बाढ़ पर नियंत्रण पाया गया है। आज बारिश का पानी नालियों से निकल जाता है और शहरों में जनजीवन सामान्य रहता है।
स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि सपा शासनकाल में आउटसोर्स कर्मी बिना वेतन भटकते थे। योगी सरकार ने आउटसोर्स सेवा निगम बनाया है, जिसमें कम से कम वेतन 20 हजार रुपये तय किया गया है और आरक्षण भी लागू है। अब तक 8.5 लाख युवाओं को पारदर्शी भर्ती के जरिए सरकारी नौकरी दी जा चुकी है। स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि अखिलेश को ODOP की सफलता पच नहीं रही। एक जिला एक उत्पाद योजना से 96 लाख MSME यूनिट खड़ी हुईं और करोड़ों युवाओं को रोजगार मिला। सपा शासनकाल में जहां उद्योग यूपी से पलायन करते थे, आज यूपी निवेशकों का हब बन गया है।

उन्होंने कहा कि सपा के समय मुख्यमंत्री खुद माफियाओं से समझौते करते थे, जबकि योगी सरकार ने प्रदेश से माफियाओं को जड़ से उखाड़ फेंका है। आज बेटी, व्यापारी और किसान सुरक्षित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव की भ्रामक बातें उनकी असफलताओं को छिपाने का हथकंडा भर हैं। सपा सरकार वादों पर चलती थी, जबकि योगी सरकार तथ्यों पर काम करती है। 2027 में जनता इसका फैसला करेगी।
समाज, शिक्षा और राष्ट्र निर्माण में योगदान के लिए डॉ. अतुल कृष्ण को मुख्यमंत्री योगी ने किया सम्मानित

लखनऊ। शिक्षा, स्वास्थ्य, संस्कार और भारतीयता को अपने जीवन का मूल ध्येय बनाने वाले, तथा इन क्षेत्रों में निरंतर सेवा देने वाले सुभारती समूह के संस्थापक डॉ. अतुल कृष्ण को उत्तर प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाज एवं राष्ट्र की प्रगति में उनके अप्रतिम योगदान के लिए सम्मानित किया।

इस भेंट के दौरान डॉ. अतुल कृष्ण ने अपनी स्व-लिखित पुस्तकों की प्रतियां मुख्यमंत्री को भेंट कीं, जिनमें 'आधारशीला' तथा 'जीवन तरंगनी' के भाग 2 और 3 प्रमुख हैं। यह पुस्तकें राष्ट्र के प्रति समर्पण, भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों और जीवन-दर्शन को उजागर करती हैं।

डॉ. अतुल कृष्ण केवल एक शिक्षाविद् नहीं, बल्कि एक विचारक, लेखक और समाजसेवी भी हैं। उन्होंने शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुभारती समूह के माध्यम से उल्लेखनीय कार्य किए हैं, जिसे आज एक विश्वसनीय और प्रेरणादायक संस्था के रूप में देखा जाता है। सिर्फ संस्थान निर्माण ही नहीं, डॉ. कृष्ण ने लेखन के माध्यम से भी समाज को जागरूक करने और राष्ट्र निर्माण में योगदान देने का कार्य किया है। उनकी चर्चित पुस्तकों में —

आधारशीला,

जीवन तरंगनी (भाग 2 और 3),

पलायन,

उन्नति के पथ पर,

उत्तराखंड के बलिदानी,

तथा राष्ट्रीयता से प्रेरित ‘राष्ट्र-अनुभूति’ शामिल हैं।

इन रचनाओं के माध्यम से उन्होंने सामाजिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रीय विषयों पर गहराई से प्रकाश डाला है। उनकी नवीनतम कृति ‘जीवन तरंगनी – भाग 3’ हाल ही में प्रकाशित हुई है, जबकि इस शृंखला के दो और भागों पर कार्य प्रगति पर है।

मुख्यमंत्री से यह भेंट न केवल एक लेखक व विचारक को मान्यता देने का प्रतीक है, बल्कि यह दर्शाता है कि उत्तर प्रदेश सरकार ऐसे व्यक्तित्वों के योगदान को आदर के साथ स्वीकार करती है, जो "राष्ट्र प्रथम" के भाव को जीवन में धारण करते हुए समाज को सकारात्मक दिशा देने का कार्य कर रहे हैं।