शिक्षा में बदलाव सिर्फ अच्छा नहीं, बल्कि बहुत जरूरी है" – राजनाथ सिंह

लखनऊ। 2025:- ग्लोबल एजुकेशन एंड ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (GETI) ने 15 सितंबर 2025 को Ed Leadership International Roundtable के पहले दिन PATH मूवमेंट के शुभारंभ की घोषणा की। ‘PATH’ एक अभिनव ढांचा है, जिसका उद्देश्य भारतीय कक्षाओं में बदलाव लाना और देशभर के शिक्षकों, ख़ासकर जमीनी स्तर पर काम कर रहे सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को सशक्त बनाना है। GETI द्वारा आयोजित इस राउंडटेबल में शिक्षक, स्कूल लीडर और शिक्षा क्षेत्र के नवप्रवर्तक एक तीन-दिवसीय अनुभव का हिस्सा बनेंगे।
यह कार्यक्रम 15 से 17 सितम्बर तक सिटी मॉन्टेसरी स्कूल, एलडीए कॉलोनी स्थित वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में होगा। इस तीन दिवसीय आयोजन में उत्तर प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली से हज़ार से अधिक शिक्षकों के भाग लेने की संभावना है।भारत सरकार के केंद्रीय रक्षा मंत्री, राजनाथ सिंह ने एक वीडियो संदेश में PATH आंदोलन के शुभारंभ का समर्थन किया। उन्होंने कहा, "शिक्षा में बदलाव सिर्फ जरूरी नहीं, बल्कि बहुत जरूरी है। हमें ऐसी प्रणाली चाहिए, जो छोटे-छोटे सुधारों से आगे बढ़कर असली बदलाव लाए।
हमारी शिक्षा प्रणाली को खुद को बेहतर बनाना होगा। बच्चों को सफल होने और खुशी से सीखने के अच्छे मौके मिलने चाहिए। GETI द्वारा PATH आंदोलन शुरू करने से यह सभी शिक्षकों, स्कूल के नेताओं और समाज को एक साथ मिलकर हमारे बच्चों के लिए बेहतर भविष्य बनाने की प्रेरणा देगा।"आज शुभारंभ किया गया PATH का अर्थ है।
Purposeful Learning (सार्थक सीख), Active Classrooms (सक्रिय कक्षाएँ), Tranformative Outcomes (परिवर्तनकारी परिणाम) और Holistic Growth (समग्र विकास)। PATH का उद्देश्य स्कूलों और शिक्षकों को, विशेषकर जमीनी स्तर पर काम करने वाले सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को, ऐसी छात्र-नेतृत्व वाली कक्षाएँ बनाने में मदद करना है, जहाँ आत्मविश्वास, आलोचनात्मक सोच और किसी विषय को सिर्फ़ सतही तौर पर नहीं, बल्कि उसकी गहराई में जाकर पूरी समझ विकसित करना, को बढ़ावा मिले। PATH एक बहु-विषयी दृष्टिकोण अपनाता है, जिसके तहत केजी से ग्रेड 8 तक के छात्र के लिए अंग्रेज़ी, गणित, हिंदी और अन्य क्षेत्रीय भाषाएँ शामिल की गई हैं।
Roundtable Conference की इस श्रृंखला में कई अहम विषयों पर चर्चा होगी, जैसे क्यों ‘PATH’, क्यों अभी; साक्षरता : दुनिया का सबसे अच्छा निवेश; वैकल्पिक प्रणालियों से सीखना; प्रारंभिक नींव और स्थायी लाभ और अन्य।
तीन दिवसीय इस आयोजन में कक्षा का सजीव अनुभव, व्यावहारिक प्रशिक्षण और सहभागी चर्चाएँ भी शामिल होंगी, जिससे प्रतिभागियों को उन शिक्षकों से सीधे सीखने का अवसर मिलेगा जो पहले से ही ‘PATH’ लागू कर रहे हैं। कार्यक्रम में हाई ‘PATH’ ऐप का भी शुभारंभ किया जाएगा, जो तुरंत topic-wise फ़ीडबैक और performance report उपलब्ध कराता है। इसके ज़रिए छात्र, शिक्षक और अभिभावक वास्तविक समय में प्रगति का आकलन कर पाएंगे और कमियों को दूर करने के उपाय कर सकेंगे।
मुख्य अतिथि ललिता प्रदीप, पूर्व अतिरिक्त निदेशक, स्कूल शिक्षा, उत्तर प्रदेश ने आगे कहा, “उत्तर प्रदेश में हम ALfA कार्यक्रम को 4 जिलों में लागू कर चुके हैं, जो एक बड़ी उपलब्धि है। परख 2024 में, उत्तर प्रदेश ने ग्रेड 3 रैंक हासिल की है। यह राज्य के लिए बहुत बड़ी प्रगति है, जो खासकर निचले स्तर की शिक्षा में पहले चुनौतियों का सामना कर रहा था। मेरा मानना है कि शिक्षकों को इस कार्यक्रम की जिम्मेदारी उठानी चाहिए और उस पर भरोसा करना चाहिए, क्योंकि यह पूरे राज्य और देश के कुछ हिस्सों में लोकप्रिय होता जा रहा है। ALfA शिक्षकों के लिए एक बेहतरीन उपकरण है, जो सीखने की प्रक्रिया को तेज और प्रभावी बनाने में मदद करेगा। PATH मूवमेंट की शुरुआत हमारे देश के लिए एक सही दिशा में कदम है, जिससे भारत 2041 तक एक विकसित और दक्ष राष्ट्र बनने की ओर तेजी से अग्रसर हो सकेगा।”GETI की संस्थापक डॉ. सुनीता गांधी ने कहा, “यह एक पूरी तरह से छात्र-केन्द्रित कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य छात्रों के पहले से मौजूद ज्ञान को आधार बनाकर उन्हें और बेहतर तरीके से सीखने में मदद करना है।
इस कार्यक्रम के माध्यम से हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि छात्र अधिक सक्रिय रूप से हिस्सा लें, याद रखने की क्षमता बढ़े और असली समझ विकसित हो। छात्रों को समूहों या जोड़ों में मिलकर सीखने का अवसर मिलेगा, जिससे उनकी सीखने की प्रक्रिया और तेज होगी और वे अपने ज्ञान को गहराई से आत्मसात कर सकेंगे।
हमारा उद्देश्य यह है कि यह कार्यक्रम केवल एक औपचारिक प्रक्रिया न बनकर, छात्रों के लिए एक व्यावहारिक और रोचक अनुभव बनकर उभरे।”
डॉ. सुनीता गांधी, PhD (कैम्ब्रिज), एक शिक्षाविद, शोधकर्ता और नवप्रवर्तक हैं, जिन्हें शिक्षा सुधार के क्षेत्र में 30 से अधिक वर्षों का अनुभव है। वह GETI और डिग्निटी एजुकेशन विज़न इंटरनेशनल (देवी) की संस्थापक हैं और लखनऊ स्थित विश्व के सबसे बड़े स्कूल सिटी मॉन्टेसरी स्कूल की चीफ़ अकैडमिक एडवाइज़र हैं।देशभर के शिक्षकों की भागीदारी के साथ यह राउंडटेबल GETI के उस मिशन को मज़बूती देता है, जिसका उद्देश्य भारत की शिक्षण समुदाय को सशक्त बनाना है।
यह मिशन साक्ष्य-आधारित और बड़े पैमाने पर लागू की जा सकने वाली प्रथाओं पर आधारित है, जो NEP 2020 और राष्ट्रीय शिक्षा सुधार के लक्ष्यों के अनुरूप हैं।GETI, जिसकी स्थापना डॉ. सुनीता गांधी ने की है, शिक्षक प्रशिक्षण और स्कूल परिवर्तन के लिए राष्ट्रीय केंद्र है। यह शोध-आधारित कार्यक्रमों के ज़रिए शिक्षकों को सशक्त बनाता है, जैसे ALfA शिक्षण शास्त्र, जिसमें छात्र एक-दूसरे को सिखाकर सीखते हैं और इससे बुनियादी कुशलताएं में तेज़ी से प्रगति होती है।GETI का दायरा हज़ारों स्कूलों तक फैला है, जिनमें सिटी मॉन्टेसरी स्कूल भी शामिल है। यहाँ प्री-सर्विस और इन-सर्विस टीचर ट्रेनिंग, लीडरशिप प्रोग्राम और फ़ेलोशिप्स की सुविधा दी जाती है। इसका काम NEP2020 के अनुरूप है और हार्वर्ड जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के द्वारा समर्थित है। GETI छात्रों और शिक्षकों को अपनी सीखने की प्रक्रिया को दिशा देने और आगे बढ़ाने के लिए सशक्त बनाता है।
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