शिक्षा में बदलाव सिर्फ अच्छा नहीं, बल्कि बहुत जरूरी है" – राजनाथ सिंह

लखनऊ। 2025:- ग्लोबल एजुकेशन एंड ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (GETI) ने 15 सितंबर 2025 को Ed Leadership International Roundtable के पहले दिन PATH मूवमेंट के शुभारंभ की घोषणा की। ‘PATH’ एक अभिनव ढांचा है, जिसका उद्देश्य भारतीय कक्षाओं में बदलाव लाना और देशभर के शिक्षकों, ख़ासकर जमीनी स्तर पर काम कर रहे सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को सशक्त बनाना है। GETI द्वारा आयोजित इस राउंडटेबल में शिक्षक, स्कूल लीडर और शिक्षा क्षेत्र के नवप्रवर्तक एक तीन-दिवसीय अनुभव का हिस्सा बनेंगे।

यह कार्यक्रम 15 से 17 सितम्बर तक सिटी मॉन्टेसरी स्कूल, एलडीए कॉलोनी स्थित वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में होगा। इस तीन दिवसीय आयोजन में उत्तर प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली से हज़ार से अधिक शिक्षकों के भाग लेने की संभावना है।भारत सरकार के केंद्रीय रक्षा मंत्री, राजनाथ सिंह ने एक वीडियो संदेश में PATH आंदोलन के शुभारंभ का समर्थन किया। उन्होंने कहा, "शिक्षा में बदलाव सिर्फ जरूरी नहीं, बल्कि बहुत जरूरी है। हमें ऐसी प्रणाली चाहिए, जो छोटे-छोटे सुधारों से आगे बढ़कर असली बदलाव लाए।

हमारी शिक्षा प्रणाली को खुद को बेहतर बनाना होगा। बच्चों को सफल होने और खुशी से सीखने के अच्छे मौके मिलने चाहिए। GETI द्वारा PATH आंदोलन शुरू करने से यह सभी शिक्षकों, स्कूल के नेताओं और समाज को एक साथ मिलकर हमारे बच्चों के लिए बेहतर भविष्य बनाने की प्रेरणा देगा।"आज शुभारंभ किया गया PATH का अर्थ है।

Purposeful Learning (सार्थक सीख), Active Classrooms (सक्रिय कक्षाएँ), Tranformative Outcomes (परिवर्तनकारी परिणाम) और Holistic Growth (समग्र विकास)। PATH का उद्देश्य स्कूलों और शिक्षकों को, विशेषकर जमीनी स्तर पर काम करने वाले सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को, ऐसी छात्र-नेतृत्व वाली कक्षाएँ बनाने में मदद करना है, जहाँ आत्मविश्वास, आलोचनात्मक सोच और किसी विषय को सिर्फ़ सतही तौर पर नहीं, बल्कि उसकी गहराई में जाकर पूरी समझ विकसित करना, को बढ़ावा मिले। PATH एक बहु-विषयी दृष्टिकोण अपनाता है, जिसके तहत केजी से ग्रेड 8 तक के छात्र के लिए अंग्रेज़ी, गणित, हिंदी और अन्य क्षेत्रीय भाषाएँ शामिल की गई हैं।

Roundtable Conference की इस श्रृंखला में कई अहम विषयों पर चर्चा होगी, जैसे क्यों ‘PATH’, क्यों अभी; साक्षरता : दुनिया का सबसे अच्छा निवेश; वैकल्पिक प्रणालियों से सीखना; प्रारंभिक नींव और स्थायी लाभ और अन्य।

तीन दिवसीय इस आयोजन में कक्षा का सजीव अनुभव, व्यावहारिक प्रशिक्षण और सहभागी चर्चाएँ भी शामिल होंगी, जिससे प्रतिभागियों को उन शिक्षकों से सीधे सीखने का अवसर मिलेगा जो पहले से ही ‘PATH’ लागू कर रहे हैं। कार्यक्रम में हाई ‘PATH’ ऐप का भी शुभारंभ किया जाएगा, जो तुरंत topic-wise फ़ीडबैक और performance report उपलब्ध कराता है। इसके ज़रिए छात्र, शिक्षक और अभिभावक वास्तविक समय में प्रगति का आकलन कर पाएंगे और कमियों को दूर करने के उपाय कर सकेंगे।

मुख्य अतिथि ललिता प्रदीप, पूर्व अतिरिक्त निदेशक, स्कूल शिक्षा, उत्तर प्रदेश ने आगे कहा, “उत्तर प्रदेश में हम ALfA कार्यक्रम को 4 जिलों में लागू कर चुके हैं, जो एक बड़ी उपलब्धि है। परख 2024 में, उत्तर प्रदेश ने ग्रेड 3 रैंक हासिल की है। यह राज्य के लिए बहुत बड़ी प्रगति है, जो खासकर निचले स्तर की शिक्षा में पहले चुनौतियों का सामना कर रहा था। मेरा मानना है कि शिक्षकों को इस कार्यक्रम की जिम्मेदारी उठानी चाहिए और उस पर भरोसा करना चाहिए, क्योंकि यह पूरे राज्य और देश के कुछ हिस्सों में लोकप्रिय होता जा रहा है। ALfA शिक्षकों के लिए एक बेहतरीन उपकरण है, जो सीखने की प्रक्रिया को तेज और प्रभावी बनाने में मदद करेगा। PATH मूवमेंट की शुरुआत हमारे देश के लिए एक सही दिशा में कदम है, जिससे भारत 2041 तक एक विकसित और दक्ष राष्ट्र बनने की ओर तेजी से अग्रसर हो सकेगा।”GETI की संस्थापक डॉ. सुनीता गांधी ने कहा, “यह एक पूरी तरह से छात्र-केन्द्रित कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य छात्रों के पहले से मौजूद ज्ञान को आधार बनाकर उन्हें और बेहतर तरीके से सीखने में मदद करना है।

इस कार्यक्रम के माध्यम से हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि छात्र अधिक सक्रिय रूप से हिस्सा लें, याद रखने की क्षमता बढ़े और असली समझ विकसित हो। छात्रों को समूहों या जोड़ों में मिलकर सीखने का अवसर मिलेगा, जिससे उनकी सीखने की प्रक्रिया और तेज होगी और वे अपने ज्ञान को गहराई से आत्मसात कर सकेंगे।

हमारा उद्देश्य यह है कि यह कार्यक्रम केवल एक औपचारिक प्रक्रिया न बनकर, छात्रों के लिए एक व्यावहारिक और रोचक अनुभव बनकर उभरे।”

डॉ. सुनीता गांधी, PhD (कैम्ब्रिज), एक शिक्षाविद, शोधकर्ता और नवप्रवर्तक हैं, जिन्हें शिक्षा सुधार के क्षेत्र में 30 से अधिक वर्षों का अनुभव है। वह GETI और डिग्निटी एजुकेशन विज़न इंटरनेशनल (देवी) की संस्थापक हैं और लखनऊ स्थित विश्व के सबसे बड़े स्कूल सिटी मॉन्टेसरी स्कूल की चीफ़ अकैडमिक एडवाइज़र हैं।देशभर के शिक्षकों की भागीदारी के साथ यह राउंडटेबल GETI के उस मिशन को मज़बूती देता है, जिसका उद्देश्य भारत की शिक्षण समुदाय को सशक्त बनाना है।

यह मिशन साक्ष्य-आधारित और बड़े पैमाने पर लागू की जा सकने वाली प्रथाओं पर आधारित है, जो NEP 2020 और राष्ट्रीय शिक्षा सुधार के लक्ष्यों के अनुरूप हैं।GETI, जिसकी स्थापना डॉ. सुनीता गांधी ने की है, शिक्षक प्रशिक्षण और स्कूल परिवर्तन के लिए राष्ट्रीय केंद्र है। यह शोध-आधारित कार्यक्रमों के ज़रिए शिक्षकों को सशक्त बनाता है, जैसे ALfA शिक्षण शास्त्र, जिसमें छात्र एक-दूसरे को सिखाकर सीखते हैं और इससे बुनियादी कुशलताएं में तेज़ी से प्रगति होती है।GETI का दायरा हज़ारों स्कूलों तक फैला है, जिनमें सिटी मॉन्टेसरी स्कूल भी शामिल है। यहाँ प्री-सर्विस और इन-सर्विस टीचर ट्रेनिंग, लीडरशिप प्रोग्राम और फ़ेलोशिप्स की सुविधा दी जाती है। इसका काम NEP2020 के अनुरूप है और हार्वर्ड जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के द्वारा समर्थित है। GETI छात्रों और शिक्षकों को अपनी सीखने की प्रक्रिया को दिशा देने और आगे बढ़ाने के लिए सशक्त बनाता है।

प्रशिक्षण के बाद सीधे ग्रामों से जुड़े अधिकारियों को सफलतापूर्वक दायित्व निभाने में होगी आसानी -ओम प्रकाश राजभर
लखनऊ। उत्तर प्रदेश पंचायती राज विभाग और भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) लखनऊ के बीच आज एक महत्वपूर्ण MoU पर हस्ताक्षर किए गए। इस MoU का उद्देश्य पंचायतों के जनप्रतिनिधियों को प्रशासनिक एवं वित्तीय रूप से और अधिक सक्षम बनाना है। साथ ही, उन्हें आधुनिक तकनीक, विशेषकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से जुड़ी जानकारी भी प्रदान की जाएगी। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम अलग-अलग बैचों में 5 दिवसीय होगा।

कार्यक्रम के दौरान पंचायती राज मंत्री श्री ओम प्रकाश राजभर, प्रमुख सचिव पंचायती राज अनिल कुमार जी, निदेशक पंचायती राज श्री अमित कुमार सिंह जी तथा IIM लखनऊ की ओर से प्रो. मधुमिता चक्रवर्ती (चेयरपर्सन, मैनेजमेंट डेवलपमेंट प्रोग्राम) उपस्थित रहीं।

मंत्री ओम प्रकाश राजभर जी ने कहा कि यह पहल बहुत ही शानदार है। पंचायती राज विभाग इस तरह से IIM जैसे शीर्ष संस्थान के साथ MoU कर रहा है। इसके लिए मैं विभाग के प्रमुख सचिव अनिल कुमार जी और निदेशक अमित कुमार सिंह को बधाई देता हूँ कि उन्होंने यह पहल की। मुझे विश्वास है कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम से पंचायतों में व्यापक बदलाव आएगा।
प्रमुख सचिव अनिल कुमार ने कहा कि इस MoU के माध्यम से पंचायत प्रतिनिधियों को बेहतर नेतृत्व, पारदर्शिता और वित्तीय प्रबंधन की ट्रेनिंग दी जाएगी। हमारा उद्देश्य है कि पंचायत स्तर पर योजनाओं का क्रियान्वयन और भी प्रभावी और पारदर्शी बने। IIM लखनऊ जैसे प्रतिष्ठित संस्थान के सहयोग से यह संभव होगा और इसका लाभ पूरे प्रदेश को मिलेगा। प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले जनप्रतिनिधियों के अनुभव भी भविष्य के लिए महत्वपूर्ण होंगे।
निदेशक अमित कुमार सिंह ने कहा कि पंचायतें लोकतंत्र की सबसे मजबूत इकाई हैं। यह MoU उन्हें नई तकनीकों और आधुनिक प्रबंधन पद्धतियों से जोड़ने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इस पहल से पंचायत प्रतिनिधियों को निर्णय लेने की क्षमता, संसाधन प्रबंधन और AI जैसी तकनीक के इस्तेमाल में नई समझ विकसित होगी। हमें विश्वास है कि इस सहयोग से उत्तर प्रदेश की पंचायतें देश में रोल मॉडल के रूप में उभरेंगी।

IIM लखनऊ की प्रो. मधुमिता चक्रवर्ती ने कहा कि हमारे लिए यह MoU एक महत्वपूर्ण अवसर है। IIM लखनऊ का उद्देश्य हमेशा से समाज और प्रशासन में सकारात्मक बदलाव लाना रहा है। पंचायत प्रतिनिधियों को प्रशिक्षित कर हम जमीनी स्तर पर सुशासन और नवाचार को आगे बढ़ाने का कार्य करेंगे।
यह MoU पंचायतों को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करेगा और उन्हें प्रशासनिक, वित्तीय एवं तकनीकी रूप से सशक्त बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने मोदी सरकार के साफ नियत पर मुहर लगाई है : दानिश अंसारी

लखनऊ ।उत्तर प्रदेश सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री  दानिश आजाद अंसारी ने आज सुप्रीम कोर्ट के वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 पर महत्वपूर्ण फैसला आने पर कहा की सुप्रीम कोर्ट के फैसले से मोदी सरकार की मुसलमान के प्रति साफ नियत पर मोहर लगी है। इस फैसले के बाद मोदी सरकार की जो मंशा है कि वह संपत्तियों के माध्यम से पिछड़े पसमांदा मुसलमान और मुस्लिम महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए काम हो इस भावना को और बल मिलेगा। वह संशोधन अधिनियम के माध्यम से वक्त की संपत्तियां पारदर्शी होगी।
वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही लाना है। इस अधिनियम के माध्यम से, सरकार वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग को रोकने और उन संपत्तियों का इस्तेमाल गरीब मुसलमान के विकास के लिए करना सुनिश्चित होगा। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद, यह स्पष्ट हो गया है कि वक्फ संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन के लिए सरकार संजीदगी से काम करना चाहती है।
मोदी सरकार वक्फ संपत्तियों के बेहतर रखरखाव व संपत्तियों पर हुए अवैध कब्जों को मुक्त करना तथा वक्फ बोर्ड की कमेटी में पिछड़े मुसलमान तथा मुस्लिम महिलाओं की सहभागिता को बढ़ावा देने की नीयत से वक्फ संशोधन अधिनियम को लेकर आई है। माननीय सुप्रीम कोर्ट के फैसले की रोशनी में जो भी चीज मुसलमान के विकास के लिए जरूरी होगी केंद्र की मोदी सरकार उन तमाम चीजों को जरूर करेगी।
मोदी सरकार का यह मानना है कि अगर सही तरीके से वक्फ की संपत्तियों का सदुपयोग किया जाए तो इससे भारत के मुसलमानो को विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। वक्फ संशोधन अधिनियम का बहुत साफ और स्पष्ट मकसद है कि वक्फ प्रबंधन में हो रही गड़बड़ियों तथा भ्रष्टाचार को सुधारा जाए। वक्फ कमेटी में आम मुसलमान का पार्टिसिपेशन बढ़े जिससे वक्फ संपत्ति का जो मूल मकसद है मुसलमान का विकास उसे मूल मकसद को सुरक्षित किया जा सके।
लखनऊ: पीडब्ल्यूडी की नई व्यवस्था से इंजीनियर परेशान, विकास कार्यों पर पड़ रहा असर


* अब 40 लाख तक के कार्यों की मंजूरी प्रमुख सचिव से, डिप्लोमा इंजीनियर संघ ने जताई आपत्ति

लखनऊ। उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) में लागू की गई नई व्यवस्था ने विभागीय इंजीनियरों की चिंता बढ़ा दी है। अब 40 लाख रुपये तक के विकास कार्यों को स्वीकृति देने का अधिकार प्रमुख अभियंता या विभागाध्यक्ष के बजाय सीधे प्रमुख सचिव को दे दिया गया है। इससे विकास कार्यों की रफ्तार पर असर पड़ने लगा है ।
पहले तक विभाग में 40 लाख रुपये तक के कार्यों की स्वीकृति प्रमुख अभियंता एवं विभागाध्यक्ष के स्तर से दी जाती थी, जिससे योजनाएं त्वरित गति से आगे बढ़ती थीं। लेकिन नई व्यवस्था के तहत अब हर छोटे-बड़े कार्य के लिए प्रमुख सचिव की मंजूरी जरूरी होगी, जिससे फाइलें लंबित होने लगी हैं और जमीनी कार्यों में देरी हो रही है।
इस बदलाव का विरोध करते हुए पीडब्ल्यूडी डिप्लोमा इंजीनियर संघ ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र सौंपकर तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। संघ का कहना है कि यह नई प्रणाली न केवल काम की रफ्तार धीमी कर रही है, बल्कि अधिकारियों और इंजीनियरों को अनावश्यक दवाब में ला रही है।
संघ ने यह भी आरोप लगाया है कि इतनी बड़ी संरचनात्मक बदलाव को लागू करने से पहले कैबिनेट की मंजूरी नहीं ली गई, जो कि प्रक्रिया के खिलाफ है। पत्र में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि इससे विभागीय स्वायत्तता प्रभावित हो रही है और ग्राउंड लेवल पर विकास परियोजनाएं बाधित हो रही हैं।
इंजीनियरों का मानना है कि जब तक प्रमुख सचिव हर फाइल पर स्वयं हस्ताक्षर नहीं करेंगे, तब तक कोई भी कार्य आगे नहीं बढ़ पाएगा। इससे न सिर्फ देरी होगी, बल्कि भ्रष्टाचार की संभावना भी बढ़ेगी।
अब देखना यह होगा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस मामले में क्या रुख अपनाते हैं और क्या विभाग में पहले जैसी स्वीकृति व्यवस्था बहाल की जाती है या नहीं।
जालसाजी कर हासिल किए 40 लोन, बनाई करोड़ों की संपत्ति, एसटीएफ कर रही बैंक खातों की जांच


लोगों के दस्तावेजों पर फर्जीवाड़ा कर कार और मुद्रा लोन लिया, बैंक मैनेजरों से मिलीभगत भी उजागर



लखनऊ। एसटीएफ ने एक बड़े जालसाजी गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो लोगों के दस्तावेजों का दुरुपयोग कर फर्जी तरीके से बैंकों से 20 कार लोन और 20 मुद्रा लोन हासिल कर चुका था। इस ठगी के जरिये गिरोह ने करोड़ों रुपये की संपत्ति अर्जित कर ली थी। अब एसटीएफ आरोपियों के बैंक खातों और डिजिटल वॉलेट की जांच में जुट गई है ताकि ठगी के पैसों का पता लगाया जा सके।

गिरफ्तार मुख्य आरोपी नावेद हसन ने पूछताछ में खुलासा किया कि उसने वर्ष 2011 में ‘हिंद ट्रांसपोर्ट’ नामक एक फर्जी कंपनी बनाई थी। इस कंपनी का पंजीकरण भी फर्जी आधार कार्ड से कराया गया था। इस कंपनी के नाम पर ही विभिन्न बैंकों से लोन लिए गए। गिरोह ने कई आम लोगों के दस्तावेज जुटाकर उनका इस्तेमाल लोन के लिए किया।

एसटीएफ के अधिकारियों के अनुसार, गिरोह ने न केवल आम लोगों को झांसे में लेकर उनके दस्तावेज प्राप्त किए, बल्कि कुछ बैंक मैनेजरों से सांठगांठ भी की थी। नावेद हसन ने पूछताछ में बताया कि गिरफ्तार बैंक मैनेजर गौरव के अलावा अन्य बैंकों के मैनेजर भी इस फर्जीवाड़े में शामिल थे।

अब तक की जांच में यह भी सामने आया है कि गिरोह ने प्राप्त लोन की राशि से महंगी गाड़ियां खरीदीं, प्रॉपर्टी में निवेश किया और फर्जी कंपनियों के नाम पर कारोबार दिखाया। एसटीएफ ने आरोपियों के कब्जे से कंप्यूटर और मोबाइल फोन भी जब्त किए हैं, जिन्हें अब फोरेंसिक लैब भेजा गया है।

एसटीएफ की टीम अब इस गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की तलाश कर रही है। अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही इस नेटवर्क के और भी सदस्य गिरफ्त में आएंगे। एजेंसी की प्राथमिकता यह भी है कि जिन लोगों के दस्तावेजों का दुरुपयोग हुआ है, उन्हें न्याय दिलाया जा सके।
यूपी पुलिस: मुख्य आरक्षी मोटर परिवहन पद पर पदोन्नति अब सीनियरिटी के आधार पर

लखनऊ । उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग में मुख्य आरक्षी (मोटर परिवहन) के पदों पर पदोन्नति की प्रक्रिया को लेकर बड़ा बदलाव किया जा सकता है। अब इन पदों पर चयन लिखित परीक्षा के बजाय ज्येष्ठता (सीनियरिटी) के आधार पर किए जाने की संभावना है।

भर्ती बोर्ड ने जताई आपत्ति

डीजीपी मुख्यालय की लॉजिस्टिक शाखा ने नियमावली के प्रावधानों के अनुसार रिक्त पदों को विभागीय परीक्षा के माध्यम से भरने का प्रस्ताव पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड को भेजा था। हालांकि, बोर्ड ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि मोटर परिवहन शाखा में अब तक सभी पदों मुख्य आरक्षी चालक, उप निरीक्षक (मोटर परिवहन) और निरीक्षक (मोटर परिवहन) पर पदोन्नति सीनियरिटी के आधार पर की जाती रही है। ऐसे में मुख्य आरक्षी (मोटर परिवहन) के लिए भी समान मानक अपनाना उचित होगा।

नियमावली में संशोधन का सुझाव

भर्ती बोर्ड की ओर से एडीजी लॉजिस्टिक को भेजे गए पत्र में स्पष्ट किया गया है कि उत्तर प्रदेश पुलिस मोटर परिवहन शाखा अधीनस्थ अधिकारी सेवा नियमावली-2015 में वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नति का प्रावधान मौजूद है। लिहाजा, मुख्य आरक्षी (मोटर परिवहन) के पदों को भी इसी आधार पर भरा जाना समीचीन प्रतीत होता है। बोर्ड ने इस संबंध में नियमावली में आवश्यक संशोधन करने की अनुशंसा की है।

176 रिक्त पदों पर होगी पदोन्नति

गौरतलब है कि वर्ष 2020 से 2026 तक मुख्य आरक्षी (मोटर परिवहन) के कुल 176 पद रिक्त चल रहे हैं। नियमावली में संशोधन होने के बाद इन पदों पर पदोन्नति की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।

परीक्षा व्यवस्था खत्म, सीनियरिटी को प्राथमिकता

विशेषज्ञों का मानना है कि यह बदलाव विभागीय कर्मचारियों के लिए राहत की खबर है, क्योंकि उन्हें अब लिखित परीक्षा की कठिन प्रक्रिया से नहीं गुजरना होगा। योग्य और वरिष्ठ कर्मचारियों को पदोन्नति का सीधा लाभ मिलेगा।
दयानंद यादव डिग्री कॉलेज अर्जुनगंज लखनऊ में फेयरवेल और फ्रेशर पार्टी का आयोजन किया गया
लखनऊ।  दयानंद यादव डिग्री कॉलेज अर्जुनगंज में फेयरवेल और फ्रेशर पार्टी का आयोजन किया गया । जिसमें मुख्य अतिथि सीनियर कमांडेंट एम के वर्मा , अरविंद सोनी , शहजाद सिद्दीकी एवं महाविद्यालय के प्रबंधक  अजीत सिंह यादव अधिवक्ता उच्च न्यायालय प्राचार्य डॉ संदीप पटेल एवं शिक्षक डॉ बबीता शुक्ला , सुमन वर्मा ,  मीनाक्षी शुक्ला,  अंशुल मिश्रा , प्रतिज्ञा, डॉक्टर मोहम्मद अकबर, सौरभ वर्मा , अरविंद वर्मा , दीपक यादव , अविनाश यादव , भूपेंद्र सिंह वर्मा , देव अमर , सुभाष वर्मा मौजूद थे।

सत्र 2025 - 26 के बीए , बीकॉम एवं एलएलबी के प्रथम वर्ष के छात्रों का स्वागत किया गया । विभिन्न रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें बच्चों ने बढ़ चढ़कर प्रतिभाग किया जिसमें बच्चों ने नृत्य प्रतियोगिता कैटवॉक रैंप वॉक म्यूजिकल चेयर गीत आदि कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम के अंत में मिस फेयरवेल वैष्णवी शुक्ला तथा मिस्टर फेयरवेल विकास यादव तथा मिस्टर फ्रेशर हिमांशु  मिस फ्रेशर मुस्कान प्रतियोगिता में ऋतिक एवं वंदन को बेस्ट डांसर के लिए सम्मानित किया गया कार्यक्रम का समापन महाविद्यालय के प्राचार्य द्वारा किया गया जिसमें उन्होंने बच्चों के उचित भविष्य की कामना की और कार्यक्रम को और कार्यक्रम को आयोजित करने वाले छात्र-छात्राओं रिया वैश्य मीनाक्षी शुक्ला शालिनी प्रिया सत्यम आर्यन,लालजीत यादव, सचिन, तुषार, निशु विवेक सौम्या कश्यप  आदि को सफलतापूर्वक कार्यक्रम संपन्न करने के लिए उनका उत्साह वर्धन किया।
विद्यार्थी श्रमदान से अपने विद्यालयों और छात्रावासों को संवारेंगे-असीम अरुण

*प्रत्येक रविवार परिसर की होगी साफ सफाई, विद्यार्थियों में अनुशासन और सहयोग की भावना होगी विकसित*

लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर शुरू किए गए स्वच्छ भारत मिशन को नई गति देने के लिए समाज कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने अनूठी पहल की है।

उनके निर्देश पर प्रदेश के सभी जयप्रकाश नारायण सर्वाेदय विद्यालयों और राजकीय छात्रावासों में रविवार से श्रमदान कार्यक्रम शुरू हो गया है। इस पहल का उद्देश्य विद्यार्थियों को अनुशासन, सहयोग और श्रम के प्रति सम्मान की भावना से जोड़ते हुए उन्हें जिम्मेदार व कर्मठ नागरिक बनाना है।

*श्रमदान कार्यक्रम की मुख्य रूपरेखा*

श्रमदान कार्यक्रम के तहत प्रत्येक रविवार को कक्षाओं, छात्रावासों और गलियारों की सफाई की जाएगी। साथ ही टूटी हुई कुर्सियों, मेजों या अन्य फर्नीचर की मरम्मत का कार्य भी होगा। पूरे परिसर को सुव्यवस्थित करने के साथ पानी की टंकियों और नालियों की सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। कचरा निस्तारण पर भी ध्यान दिया जाएगा। इसके लिए आवश्यक उपकरण जैसे झाड़ू, फावड़े, बाल्टी, तसला और कूड़ेदान आदि की व्यवस्था पहले से की गई है ताकि कार्य सुचारु रूप से संपन्न हो सके।

*बागवानी की दिशा में पहल*

बागवानी पर विशेष ध्यान देते हुए पेड़-पौधों की निराई-गुड़ाई तथा नए पौधों के रोपण की योजना भी बनाई गई है। इसके साथ ही सूखे पत्तों और टहनियों को हटाकर खाद बनाने का कार्य भी किया जा सकता है।
सदनवार जिम्मेदारी होगी तय विद्यालय परिसरों को अलग-अलग सदनों में विभाजित कर प्रत्येक सदन को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी, जिससे विद्यार्थी न केवल प्रतिस्पर्धा की भावना से प्रेरित होंगे, बल्कि अपने क्षेत्र को स्वच्छ और सुंदर बनाने की दिशा में भी योगदान देंगे। श्रमदान कार्य के पहले और बाद की तस्वीरें निर्धारित प्रारूप में संलग्न फत् कोड के माध्यम से अपलोड की जाएंगी।
दुर्गा स्वरूपा सम्मान समारोह 2025 का भव्य आयोजन उर्दू अकादमी में किया गया
लखनऊ। दुर्गा स्वरूपा सम्मान समारोह 2025 का भव्य आयोजन 14 सितम्बर 2025 को उर्दू अकादमी, गोमती नगर, लखनऊ में दुर्गा स्वरूपा फाउंडेशन द्वारा सचिव श्रीमती रागिनी श्रीवास्तव के नेतृत्व में किया गया।

इस गरिमामयी समारोह में 13 विशिष्ट व्यक्तित्वों को उनके क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया। समारोह में बतौर मुख्य अतिथि मौजूद उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, विशिष्ठ अतिथि नम्रता पाठक, बिन्दु बोरा ने दीप प्रज्वलित कर समारोह का शुभारंभ किया। साथ ही उन्होंने सभी विभूतियों को स्मृति चिन्ह, अंगवस्त्र और पुष्पगुच्छ भेंटकर सम्मानित किया। इस दौरान भाजपा लखनऊ महानगर अध्यक्ष आनंद द्विवेदी, सेलिब्रिटी गेस्ट रोनी शाह भी मौजूद रहे।

डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने कहा कि दुर्गा स्वरूपा फाउंडेशन उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को सम्मानित कर उन्हें प्लेटफार्म उपलब्ध करा रहा है। उन्होंने सम्मानित होने वाली विभूतियों को बधाई देते हुए कहा कि इन विभूतियों ने अपने दम पर मुकाम हासिल कर समाज में अपनी अलग पहचान बनाई है।
सम्मानित होने वालो में साहित्य क्षेत्र से विद्या बिंदु सिंह, प्रो. सुरेंद्र विक्रम, नवल कांत सिन्हा, अंबरीन जै़दी (सैन्य लेखिका), खेल क्षेत्र से सैयद अली (हॉकी खिलाड़ी), उमेश प्रसाद (तैराक), सुनील चंद्र जोशी (टेबल टेनिस खिलाड़ी), रचना गोविल (एथलीट), कला व संस्कृति से सुनीता झिंगरान (गायिका), फरहाना फातिमा (अभिनेत्री एवं नृत्यांगना), संजोली पांडे (लोकगायिका), पद्मश्री नसीम बानो (चिकनकारी कलाकार), सामाजिक कार्य से अमित अग्रवाल शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, दुर्गा स्वरूपा बिजनेस एक्सीलेंस अवार्ड से 9 युवा उद्यमियों को सम्मानित किया गया। 5 गरीब व जरूरतमंद व्यक्तियों को आर्थिक सहायता भी प्रदान की गई।दुर्गा स्वरूपा गुरु सम्मान समर्पित शिक्षकों को और दुर्गा स्वरूपा छात्र शौर्य सम्मान दसवीं कक्षा के उन छात्रों को दिया गया जिन्होंने उल्लेखनीय प्रदर्शन किया।इस भव्य आयोजन को सफलतापूर्वक सम्पन्न करने में सचिव रागिनी श्रीवास्तव एवं उनकी टीम का विशेष योगदान रहा। जिसमें प्रशांत सिंह, विजय लक्ष्मी श्रीवास्तव, शताक्षी, विवेक बदलानी, राजेश कुमार तिवारी, अक्षय अग्रवाल, दीप्ति अग्रवाल, प्रतिमा सोनकर, पदम् दीक्षित और तुषार श्रीवास्तव शामिल थे।

यह समारोह प्रेरणा, उत्कृष्टता और समाज सेवा की भावना का प्रतीक बनकर सभी उपस्थित लोगों के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव रहा। फाउंडेशन की सचिव ने बताया कि दुर्गा स्वरूपा फाउंडेशन की स्थापना का एक उद्देश्य यह भी रहा है कि हम समाज में उत्कृष्ट कार्य करने वाले प्रतिभाशाली व्यक्तित्वों को पहचान दें, उन्हें सम्मानित करें और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्वरूप प्रस्तुत करें। आज का यह कार्यक्रम हमें उस भारतीय परंपरा की याद दिलाता है, जहाँ समाज अपने नायकों का सम्मान करता है। यह सम्मान केवल व्यक्तियों का नहीं, बल्कि उस विचारधारा, उस परिश्रम और उस समर्पण का है जो उन्होंने समाज के हित में किया। दुर्गा स्वरूपा फाउंडेशन सतत रूप से समाज की सेवा , प्रकृति का संरक्षण तथा समाज के Under Privileged लोगो की सेवा में लगा रहता है तथा ब्लड डोनेशन कैंप एवं eye camps को लगाता रहता है I
रूफ टॉप गार्डेनिंग से संवरेगी शहरी बागवानी: प्रदेश सरकार शुरू करेगी पायलट प्रोजेक्ट


लखनऊ। प्रदेश के उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार एवं कृषि निर्यात राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह ने शहरी क्षेत्रों में हरियाली बढ़ाने और जैविक खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से रूफ टॉप गार्डेनिंग योजना लागू करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने शुक्रवार को उद्यान निदेशालय, लखनऊ में समीक्षा बैठक के दौरान इस योजना की रूपरेखा तैयार करने को कहा।

मंत्री ने बताया कि छतों पर सब्जियों, फलों, औषधीय पौधों और मसालों की खेती एक आधुनिक एवं पर्यावरण हितैषी उपाय है, जो शहरी जीवनशैली में हरियाली और स्वास्थ्य लाभ दोनों प्रदान करता है। यह न केवल सीमित स्थान में खेती को संभव बनाता है, बल्कि नागरिकों को ताज़ा, जैविक और रसायन मुक्त उत्पाद उपलब्ध कराता है।

इस योजना को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लखनऊ, वाराणसी और गोरखपुर जैसे प्रमुख शहरों में लागू किया जाएगा। योजना का विस्तृत तकनीकी प्रस्ताव आईआईवीआर (भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान), वाराणसी के सहयोग से तैयार कर भारत सरकार से अनुमोदन प्राप्त किया जाएगा।

बैठक में मौजूद अपर मुख्य सचिव, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण बी.एल. मीणा ने बताया कि योजना की सफलता के लिए जनसामान्य के बीच जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। इसके अंतर्गत निःशुल्क किट वितरण और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, ताकि अधिक से अधिक लोग इस योजना से जुड़ सकें।

बैठक में निदेशक उद्यान डॉ. बी.पी. राम, वित्त नियंत्रक अनिल कुमार सिंह, संयुक्त निदेशक सर्वेश कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। अधिकारियों ने योजना को प्रभावी बनाने के लिए आवश्यक तैयारियों और संभावित चुनौतियों पर चर्चा की।

रूफ टॉप गार्डेनिंग योजना से न केवल शहरी क्षेत्रों में बागवानी को नया आयाम मिलेगा, बल्कि यह हरित पर्यावरण, स्वच्छ हवा और आत्मनिर्भर जीवनशैली की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।