विद्यार्थी श्रमदान से अपने विद्यालयों और छात्रावासों को संवारेंगे-असीम अरुण

*प्रत्येक रविवार परिसर की होगी साफ सफाई, विद्यार्थियों में अनुशासन और सहयोग की भावना होगी विकसित*

लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर शुरू किए गए स्वच्छ भारत मिशन को नई गति देने के लिए समाज कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने अनूठी पहल की है।

उनके निर्देश पर प्रदेश के सभी जयप्रकाश नारायण सर्वाेदय विद्यालयों और राजकीय छात्रावासों में रविवार से श्रमदान कार्यक्रम शुरू हो गया है। इस पहल का उद्देश्य विद्यार्थियों को अनुशासन, सहयोग और श्रम के प्रति सम्मान की भावना से जोड़ते हुए उन्हें जिम्मेदार व कर्मठ नागरिक बनाना है।

*श्रमदान कार्यक्रम की मुख्य रूपरेखा*

श्रमदान कार्यक्रम के तहत प्रत्येक रविवार को कक्षाओं, छात्रावासों और गलियारों की सफाई की जाएगी। साथ ही टूटी हुई कुर्सियों, मेजों या अन्य फर्नीचर की मरम्मत का कार्य भी होगा। पूरे परिसर को सुव्यवस्थित करने के साथ पानी की टंकियों और नालियों की सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। कचरा निस्तारण पर भी ध्यान दिया जाएगा। इसके लिए आवश्यक उपकरण जैसे झाड़ू, फावड़े, बाल्टी, तसला और कूड़ेदान आदि की व्यवस्था पहले से की गई है ताकि कार्य सुचारु रूप से संपन्न हो सके।

*बागवानी की दिशा में पहल*

बागवानी पर विशेष ध्यान देते हुए पेड़-पौधों की निराई-गुड़ाई तथा नए पौधों के रोपण की योजना भी बनाई गई है। इसके साथ ही सूखे पत्तों और टहनियों को हटाकर खाद बनाने का कार्य भी किया जा सकता है।
सदनवार जिम्मेदारी होगी तय विद्यालय परिसरों को अलग-अलग सदनों में विभाजित कर प्रत्येक सदन को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी, जिससे विद्यार्थी न केवल प्रतिस्पर्धा की भावना से प्रेरित होंगे, बल्कि अपने क्षेत्र को स्वच्छ और सुंदर बनाने की दिशा में भी योगदान देंगे। श्रमदान कार्य के पहले और बाद की तस्वीरें निर्धारित प्रारूप में संलग्न फत् कोड के माध्यम से अपलोड की जाएंगी।
दुर्गा स्वरूपा सम्मान समारोह 2025 का भव्य आयोजन उर्दू अकादमी में किया गया
लखनऊ। दुर्गा स्वरूपा सम्मान समारोह 2025 का भव्य आयोजन 14 सितम्बर 2025 को उर्दू अकादमी, गोमती नगर, लखनऊ में दुर्गा स्वरूपा फाउंडेशन द्वारा सचिव श्रीमती रागिनी श्रीवास्तव के नेतृत्व में किया गया।

इस गरिमामयी समारोह में 13 विशिष्ट व्यक्तित्वों को उनके क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया। समारोह में बतौर मुख्य अतिथि मौजूद उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, विशिष्ठ अतिथि नम्रता पाठक, बिन्दु बोरा ने दीप प्रज्वलित कर समारोह का शुभारंभ किया। साथ ही उन्होंने सभी विभूतियों को स्मृति चिन्ह, अंगवस्त्र और पुष्पगुच्छ भेंटकर सम्मानित किया। इस दौरान भाजपा लखनऊ महानगर अध्यक्ष आनंद द्विवेदी, सेलिब्रिटी गेस्ट रोनी शाह भी मौजूद रहे।

डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने कहा कि दुर्गा स्वरूपा फाउंडेशन उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को सम्मानित कर उन्हें प्लेटफार्म उपलब्ध करा रहा है। उन्होंने सम्मानित होने वाली विभूतियों को बधाई देते हुए कहा कि इन विभूतियों ने अपने दम पर मुकाम हासिल कर समाज में अपनी अलग पहचान बनाई है।
सम्मानित होने वालो में साहित्य क्षेत्र से विद्या बिंदु सिंह, प्रो. सुरेंद्र विक्रम, नवल कांत सिन्हा, अंबरीन जै़दी (सैन्य लेखिका), खेल क्षेत्र से सैयद अली (हॉकी खिलाड़ी), उमेश प्रसाद (तैराक), सुनील चंद्र जोशी (टेबल टेनिस खिलाड़ी), रचना गोविल (एथलीट), कला व संस्कृति से सुनीता झिंगरान (गायिका), फरहाना फातिमा (अभिनेत्री एवं नृत्यांगना), संजोली पांडे (लोकगायिका), पद्मश्री नसीम बानो (चिकनकारी कलाकार), सामाजिक कार्य से अमित अग्रवाल शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, दुर्गा स्वरूपा बिजनेस एक्सीलेंस अवार्ड से 9 युवा उद्यमियों को सम्मानित किया गया। 5 गरीब व जरूरतमंद व्यक्तियों को आर्थिक सहायता भी प्रदान की गई।दुर्गा स्वरूपा गुरु सम्मान समर्पित शिक्षकों को और दुर्गा स्वरूपा छात्र शौर्य सम्मान दसवीं कक्षा के उन छात्रों को दिया गया जिन्होंने उल्लेखनीय प्रदर्शन किया।इस भव्य आयोजन को सफलतापूर्वक सम्पन्न करने में सचिव रागिनी श्रीवास्तव एवं उनकी टीम का विशेष योगदान रहा। जिसमें प्रशांत सिंह, विजय लक्ष्मी श्रीवास्तव, शताक्षी, विवेक बदलानी, राजेश कुमार तिवारी, अक्षय अग्रवाल, दीप्ति अग्रवाल, प्रतिमा सोनकर, पदम् दीक्षित और तुषार श्रीवास्तव शामिल थे।

यह समारोह प्रेरणा, उत्कृष्टता और समाज सेवा की भावना का प्रतीक बनकर सभी उपस्थित लोगों के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव रहा। फाउंडेशन की सचिव ने बताया कि दुर्गा स्वरूपा फाउंडेशन की स्थापना का एक उद्देश्य यह भी रहा है कि हम समाज में उत्कृष्ट कार्य करने वाले प्रतिभाशाली व्यक्तित्वों को पहचान दें, उन्हें सम्मानित करें और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्वरूप प्रस्तुत करें। आज का यह कार्यक्रम हमें उस भारतीय परंपरा की याद दिलाता है, जहाँ समाज अपने नायकों का सम्मान करता है। यह सम्मान केवल व्यक्तियों का नहीं, बल्कि उस विचारधारा, उस परिश्रम और उस समर्पण का है जो उन्होंने समाज के हित में किया। दुर्गा स्वरूपा फाउंडेशन सतत रूप से समाज की सेवा , प्रकृति का संरक्षण तथा समाज के Under Privileged लोगो की सेवा में लगा रहता है तथा ब्लड डोनेशन कैंप एवं eye camps को लगाता रहता है I
रूफ टॉप गार्डेनिंग से संवरेगी शहरी बागवानी: प्रदेश सरकार शुरू करेगी पायलट प्रोजेक्ट


लखनऊ। प्रदेश के उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार एवं कृषि निर्यात राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह ने शहरी क्षेत्रों में हरियाली बढ़ाने और जैविक खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से रूफ टॉप गार्डेनिंग योजना लागू करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने शुक्रवार को उद्यान निदेशालय, लखनऊ में समीक्षा बैठक के दौरान इस योजना की रूपरेखा तैयार करने को कहा।

मंत्री ने बताया कि छतों पर सब्जियों, फलों, औषधीय पौधों और मसालों की खेती एक आधुनिक एवं पर्यावरण हितैषी उपाय है, जो शहरी जीवनशैली में हरियाली और स्वास्थ्य लाभ दोनों प्रदान करता है। यह न केवल सीमित स्थान में खेती को संभव बनाता है, बल्कि नागरिकों को ताज़ा, जैविक और रसायन मुक्त उत्पाद उपलब्ध कराता है।

इस योजना को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लखनऊ, वाराणसी और गोरखपुर जैसे प्रमुख शहरों में लागू किया जाएगा। योजना का विस्तृत तकनीकी प्रस्ताव आईआईवीआर (भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान), वाराणसी के सहयोग से तैयार कर भारत सरकार से अनुमोदन प्राप्त किया जाएगा।

बैठक में मौजूद अपर मुख्य सचिव, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण बी.एल. मीणा ने बताया कि योजना की सफलता के लिए जनसामान्य के बीच जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। इसके अंतर्गत निःशुल्क किट वितरण और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, ताकि अधिक से अधिक लोग इस योजना से जुड़ सकें।

बैठक में निदेशक उद्यान डॉ. बी.पी. राम, वित्त नियंत्रक अनिल कुमार सिंह, संयुक्त निदेशक सर्वेश कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। अधिकारियों ने योजना को प्रभावी बनाने के लिए आवश्यक तैयारियों और संभावित चुनौतियों पर चर्चा की।

रूफ टॉप गार्डेनिंग योजना से न केवल शहरी क्षेत्रों में बागवानी को नया आयाम मिलेगा, बल्कि यह हरित पर्यावरण, स्वच्छ हवा और आत्मनिर्भर जीवनशैली की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
UP: 2027 विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी सपा
*  आगरा उत्तरी से दलित उम्मीदवार नितिन कोहली की घोषणा

लखनऊ।
समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 2027 में होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की तैयारियों का बिगुल फूंक दिया है। पार्टी ने उन सीटों पर खास फोकस करना शुरू किया है जहां पिछली बार प्रदर्शन कमजोर रहा था। इसी रणनीति के तहत सपा ने उत्तर प्रदेश की 89-आगरा उत्तरी (सामान्य) सीट से दलित प्रत्याशी नितिन कोहली को मैदान में उतारने की औपचारिक घोषणा कर दी है। इसकी जानकारी स्वयं नितिन कोहली ने एक सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से दी।

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, अखिलेश यादव बीते कुछ समय से राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में पार्टी पदाधिकारियों और स्थानीय नेताओं के साथ गहन मंथन कर रहे हैं। इन बैठकों का मकसद आगामी चुनाव के लिए जमीनी रणनीति तैयार करना और मजबूत उम्मीदवारों की पहचान करना है। जानकारी के अनुसार, कुछ अन्य सीटों पर भी संभावित प्रत्याशियों को तैयारी शुरू करने का संकेत दे दिया गया है।

सपा इस बार अपने पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) फॉर्मूले को और व्यापक बनाकर दलित वोट बैंक को साधने की दिशा में गंभीर प्रयास कर रही है। पार्टी नेतृत्व का मानना है कि दलितों को सशक्त प्रतिनिधित्व देने से प्रदेश में मजबूत सामाजिक समीकरण तैयार किया जा सकता है। इसी उद्देश्य से पार्टी ने 2027 के चुनाव में 120 दलित उम्मीदवारों को उतारने का लक्ष्य तय किया है।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा की कुल 86 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं, लेकिन समाजवादी पार्टी की रणनीति इन सीटों से आगे जाकर सामान्य सीटों पर भी दलित चेहरों को आगे लाने की है। आगरा उत्तरी सीट से नितिन कोहली की उम्मीदवारी इसी सोच की शुरुआत मानी जा रही है।

सपा की इस सक्रियता से यह स्पष्ट हो गया है कि पार्टी इस बार समय से पहले चुनावी मोर्चे पर उतरकर पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतरना चाहती है। अब देखना यह होगा कि सपा की यह रणनीति 2027 में कितना असर दिखा पाती है।
शानो ओ शौकत से शुरू होगा दादा मियां का 118 वां उर्स मुबारक

लखनऊ।हजरत ख्वाजा मोहम्मद नबी रजा शाह अलमारूफ दादा मियाँ र० अ० के 118वें सालाना उर्स का आगाज निहायत ही शानो ओ शौकत के साथ आज से आधिकारिक तौर पर शुरू हो गया है। इस दरगाह की सबसे बड़ी बात ये है कि यहाँ दुनिया भर से हर मजहब और हर कौम के लोग बेशुमार तादात में अपनी अकीदत का इजहार करने के लिए इकटठा होते हैं और दादा मियों के फैजान और कमालात से मालामाल होते हैं। सज्जादा नशीन व मुतावल्ली हजरत ख्वाजा मोहम्मद सबाहत हसन शाह ने बताया कि दादा मियाँ २०अ० ने अपनी जिन्दगी के जरीये से अपने अख्लाक ओ किरदार की ऐसी मिसाल पेश की जिसकी है जिसकी रौशनी में चलकर हजारों लोग मन्जिले मकसूद से हम किनार हुये और अपनी जिन्दगियों का मकसद हासिल किये। आपने अपनी बहुत छोटी सी जिन्दगी में इतना काम कर दिखाया जिसकी मिसाल आज के जमाने में मिलना मुश्किल ही नहीं ना मुमकिन है। इसकी जीती जागती निसाल मुल्क व बैरूने मुल्क में लाखों की संख्या में फैले हुये आपके मुरीद और अकीदत मन्द है। उन्होंने बताया कि आपका सिलसिला सिलसिला-ए-जहाँगीरीया है। जो सिलसिला-ए-कादिरीया, चितिया, सोहरवर्दीया, फिरदौसिया, नक्शबन्दीया, अबुलउलाईया के मजमूआ का नाम है। हजरत ख्वाजा मोहम्मद नबी रजा शाह दादा मियाँ का हर साल पाँच रोजा उर्स बड़ी शानों शौकत के साथ हुआ करता है।इस साल ये उर्स पाक 15 से 19 सितम्बर 2025 बरोज पीर से जुमा आस्ताना दादा मियां मॉल ऐवेन्यू में होगा, जिसमें जिक्र, कुर्जान ख्वानी, मीलाद शरीफ तरही मुशायरा, चादरपोशी, हल्का ए ज़िक्र महफिले समा, आलमी सेमिनार रंगे महफिल, गुस्ल व संदल शरीफ का प्रोग्राम होगा, जिसमें शरीक होने के लिए मुल्क भर से लाखों लोग तशरीफ लायेंगे, और अपनी मुरादें हासिल करेंगे। उर्स में आये हुये लोगों की तालीम का भी खास ख्याल रखा जाता है। इसी के उपलक्ष्य में 17 सितम्बर 2025 दिन बुध को 11 वीं आलमी सेमिनार का प्रोग्राम भी होगा, जिसका उनवान अदाबे तरीकत और शाहे रज़ा होगा, जिसके जरिये दादा मियां की तालीम को लोंगों के सामने लाया जाएगा।इसी उपलक्ष्य में इस प्रोग्राम में शिरकत के लिए मुल्क के नामवर स्कालर तशरीफ लायेंगें जिनमें खुसूसी तौर से जामिया मिलिया इस्लामिया नई दिल्ली से जनाब डॉ वाहिद नजीर साहब तशरीफ ला रहे नहै। इसके अलावा लखनऊ व आस पास के जिले के उलमाए किराम भी तशरीफ ला रहें हैं। सेमिनार के जरीये दादा मियां की तरह जिन्दगी गुजारने का तरीका बताया व सिखाया जायेगा। दौरे हाजिर में अगर फिरका परस्ती और ना इत्तेफाकी को दूर करना और इन्सानियत को जिन्दा रखना है तो हमें खानकाही रवादारी व सभ्यता को अपनाना पडेगा, जिससे हमारी आनेवाली नस्लों को दुश्वारियों का सामना न करना पड़े, और सच पूछिये तो खानकाहें ही वक्त की अहम जरूरत है। जिला महकमा इन्तेजामिया ने इस बार भी माकूल इन्तेजाम किये हैं। बल्कि पिछले साल से बेतहर इंतजामात किये गये हैं। जिनका हम तहे दिल से अभार व्यक्त करते हैं।प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्वामी लक्ष्मी शंकराचार्य,समाजसेवी मुर्तुजा अली,कुदरत उल्ला, अब्दुल वहीद,जुबैर अहमद आदि मौजूद थे।
नगर निगम मुख्यालय पर दूसरे दिन जारी रहा किसानों का धरना

लखनऊ। अपनी मांगों को लेकर भारतीय किसान यूनियन का धरना दूसरे दिन भी नगर निगम मुख्यालय हजरतगंज लालबाग में जारी रहा। सैकड़ो की संख्या मैं किसान अपनी मांगों को लेकर अड़े रहे और वहीं पर भट्टी चढ़ाकर खाना बनाया और सभी ने भोजन किया। किसानों की प्रमुख मांग है कि नगर निगम के द्वारा जो पशुओं को पकड़ते समय गोवंश की पिटाई की गई थी उसकी मौके पर मृत्यु हो गई थी। उसमें दोषी लोगों पर मुकदमा दर्ज किया जाए और जिन पांच किसानों के पशु जप्त किए गए हैं, उनको बिना जुर्माने के छोड़ा जाए। आज के कार्यक्रम में सोमवार को होने वाली बड़ी पंचायत को लेकर रणनीति तय की गई। आज की बैठक में प्रमुख रूप से जिला अध्यक्ष लखनऊ आलोक वर्मा, प्रदेश महासचिव गणेश शंकर वर्मा, जिला महासचिव आशीष यादव , नगर अध्यक्ष मोहम्मद इमरान ,महिला जिला अध्यक्ष उर्मिला मौर्य, जिला उपाध्यक्ष तौकीर फरहत, काकोरी के ब्लॉक अध्यक्ष श्याम बिहारी राठौर , नगर महामंत्री शाह आलम, जिला उपाध्यक्ष राजकुमार यादव, जिला प्रवक्ता अजय अनमोल ,तहसील अध्यक्ष बख्शी तालाब अमरेंद्र पवार सहित सैकड़ो किसान उपस्थित रहे।
इत्र नगरी में इतिहास की खुशबू – कन्नौज के आनंद भवन पैलेस में शुरू हुआ यूपी का पहला लग्जरी हेरिटेज होमस्टे
अमा स्टेज एंड ट्रेल्स के अंतर्गत कन्नौज के आनंद भवन पैलेस का अनावरण, हेरिटेज आधारित पर्यटन की दिशा में अहम पहल लखनऊ/कन्नौज। उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने इत्र नगरी कन्नौज के तिर्वा स्थित ऐतिहासिक आनंद भवन पैलेस को राज्य के पहले लक्ज़री हेरिटेज होमस्टे के रूप में लॉन्च कर इतिहास रच दिया है। यह अनोखी पहल इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड (IHCL) के अमा स्टेज एंड ट्रेल्स ब्रांड के सहयोग से साकार हुई है। खास बात यह है कि आनंद भवन पैलेस अब अमा के राष्ट्रीय पोर्टफोलियो में शामिल 150वां विरासत बंगला बन गया है। इस लॉन्च से कन्नौज को न केवल अनुभवात्मक पर्यटन की नई पहचान मिलेगी, बल्कि पर्यटक यहां विरासत, इत्र और आतिथ्य का अद्वितीय संगम अनुभव कर पाएंगे। सन 1929 में निर्मित और पांच एकड़ में फैला आनंद भवन पैलेस ज़मींदारी युग की यादें ताजा करता है। दिग्विजय नारायण सिंह के स्वामित्व वाला यह पैलेस कन्नौज रेलवे स्टेशन से मात्र चार किलोमीटर तथा लखनऊ अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से 136 किलोमीटर दूर स्थित है। वर्ष 2024 में कन्नौज ने 13,04,754 पर्यटकों का स्वागत किया था। ऐसे में यह नया होमस्टे क्षेत्र में पर्यटन को और गति देने की उम्मीद जगाता है।   आनंद भवन पैलेस में कन्नौज के इत्रों से प्रेरित छह हेरिटेज सुइट बनाए गए हैं- जैस्मिन, पैचौली, ऊद, नेरोली, गुलाब और बख़ूर। यह लग्जरी हेरिटेज होम स्टे मेहमानों को फार्म-टू-टेबल स्थानीय भोजन, नेपाली स्वादों के साथ डिनर और खुले आसमान के नीचे बारबेक्यू नाइट जैसे विशेष पाक अनुभव प्रदान करता है। इसके अलावा पर्यटकों के लिए स्विमिंग पूल पर विश्राम, विंटेज गेम्स रूम में बिलियर्ड्स, लाख बहोसी बर्ड सैंक्चुअरी में बर्ड वॉचिंग और कन्नौज की अत्तर परंपरा को समझने के लिए गाइडेड टूर जैसी गतिविधियां भी उपलब्ध हैं।' उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि 'प्रदेश सरकार हेरिटेज आधारित पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयासरत है। कन्नौज का आनंद भवन पैलेस इसका जीता-जागता उदाहरण है कि किस तरह राज्य की धरोहर संपत्तियों को संरक्षित कर सांस्कृतिक एवं आर्थिक विकास के केंद्र के रूप में विकसित किया जा सकता है।' प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम ने कहा कि 'कन्नौज इत्र नगरी के रूप में विश्व विख्यात है। पिछले वर्ष यहां 13 लाख से अधिक पर्यटक आए। आनंद भवन पैलेस के हेरिटेज होम स्टे बनने से पर्यटन को नया आयाम मिलेगा। प्रदेश के हेरिटेज संपत्ति मालिकों से अपील है कि वे सरकार के साथ मिलकर विरासत को सहेजने में योगदान दें। ऐसे प्रयास न केवल रोजगार के अवसर बढ़ाते हैं, बल्कि पर्यटकों को अविस्मरणीय अनुभव भी प्रदान करते हैं।' निदेशक इको-टूरिज्म प्रखर मिश्रा ने कहा, 'उत्तर प्रदेश में अनेक ज़मींदारी घर, हवेलियां और महल हैं जिन्हें व्यावसायिक होटल में नहीं बदला जा सकता, लेकिन वे हेरिटेज स्पेस के रूप में अपार संभावनाएं रखते हैं। आनंद भवन पैलेस इसका उदाहरण है, जहां इन ऐतिहासिक संपत्तियों को लग्जरी होमस्टे में बदलकर उनकी आत्मा को बनाए रखते हुए यात्रियों को इतिहास और संस्कृति का असली अनुभव दिया जा सकता है।' कन्नौज में आयोजित उद्घाटन समारोह में प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम ने फीता काटा। इस अवसर पर जिलाधिकारी कन्नौज अशुतोष अग्निहोत्री, यूपी टूरिज़्म (इको) के निदेशक प्रखर मिश्रा, अमा होमस्टे के वाइस प्रेसिडेंट सुमित बजाज तथा आईएचसीएल के क्लस्टर जनरल मैनेजर विनोद पांडे भी मौजूद रहे। उद्घाटन समारोह में प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम द्वारा फीता काटा गया। इस अवसर पर जिलाधिकारी कन्नौज आशुतोष मोहन अग्निहोत्री, यूपी टूरिज्म (इको) के निदेशक प्रखर मिश्रा, अमा होमस्टे के वाइस प्रेसिडेंट सुमित बजाज और आईएचसीएल के क्लस्टर जनरल मैनेजर विनोद पांडे भी मौजूद रहे। इस शुरुआत के साथ उत्तर प्रदेश ने हेरिटेज होम स्टे नेटवर्क विकसित करने की दिशा में अनोखी पहल की है। उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने निजी हेरिटेज संपत्तियों के मालिकों और निवेशकों को भी आमंत्रित किया है। सरकार का उद्देश्य महल, हवेलियां और ज़मींदारी घरों को पुनर्जीवित कर उन्हें अनुभवात्मक पर्यटन स्थलों के रूप में विकसित करना है। इस कदम से राज्य में पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ-साथ स्थानीय रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
दीपोत्सव-2025: सरयू तट पर 26 लाख दीपों की रोशनी में नहाएगी अयोध्या, ग्रीन आतिशबाजी बनेगी मुख्य आकर्षण

लखनऊ । उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा आगामी 19 अक्टूबर को अयोध्या में आयोजित होने जा रहे दीपोत्सव-2025 की तैयारियाँ जोरों पर हैं। इस वर्ष का आयोजन पहले से कहीं अधिक भव्य, दिव्य और पर्यावरण-संवेदनशील होने जा रहा है। प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि इस बार सरयू नदी के तट पर 26 लाख से अधिक दीये प्रज्वलित किए जाएंगे, जो एक नया कीर्तिमान स्थापित करेंगे। दीपोत्सव की थीम "पर्यावरण संरक्षण एवं सांस्कृतिक विरासत" को ध्यान में रखते हुए ग्रीन एरियल फायर क्रैकर्स का विशेष शो आयोजित किया जाएगा। राम की पैड़ी पर होने वाला यह दीपोत्सव प्रभु श्रीराम के वनवास के बाद अयोध्या आगमन की स्मृति में मनाया जाता है। मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि पूरे शहर को विशेष रूप से सजाया जाएगा, जिससे आगंतुकों को भगवान श्रीराम के स्वागत की दिव्यता का अनुभव हो। दीपोत्सव में सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ, प्रदूषणमुक्त आतिशबाजी, और आधुनिक तकनीक से युक्त संगीतबद्ध फायर शो प्रमुख आकर्षण होंगे। ग्रीन आतिशबाजी शो को इस बार अंतरराष्ट्रीय मानकों पर तैयार किया जा रहा है। इसे कंप्यूटर नियंत्रित तकनीक से संचालित किया जाएगा और संगीत की धुनों पर आधारित कोरियोग्राफी के साथ प्रस्तुत किया जाएगा। यह शो 10 मिनट का होगा और इसकी आतिशबाजी 200 मीटर की ऊँचाई तक जाएगी। इसे कई किलोमीटर दूर से भी देखा जा सकेगा। आतिशबाजी का डिज़ाइन रियो डी जेनेरियो (ब्राज़ील), फ्रांस के बैस्टिल डे और ब्रिटेन की गाई फॉक्स नाइट जैसे प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय आयोजनों की तर्ज पर किया गया है। प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम ने बताया कि दीपोत्सव-2025 हमारी आध्यात्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का अनुपम प्रदर्शन होगा। इस आयोजन के माध्यम से अयोध्या को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर एक नई पहचान मिलेगी। दीपों की जगमगाहट और ग्रीन आतिशबाजी से सजी अयोध्या की यह शाम देशी-विदेशी पर्यटकों के लिए अविस्मरणीय अनुभव बनेगी।
उत्तर प्रदेश का पहला लक्ज़री हेरिटेज होमस्टे बना कन्नौज का आनंद भवन पैलेस

इत्र, विरासत और अतिथि सत्कार का मिलेगा अनूठा अनुभव: जयवीर सिंह

लखनऊ । उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने कन्नौज स्थित ऐतिहासिक आनंद भवन पैलेस को प्रदेश के पहले हेरिटेज होमस्टे के रूप में लॉन्च किया है। यह पहल इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड (IHCL) के Ama Stays & Trails ब्रांड के सहयोग से साकार हुई है। इस ऐतिहासिक धरोहर के लॉन्च से उत्तर प्रदेश ने अनुभवात्मक और सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है।

सन 1929 में निर्मित यह पैलेस अब Ama के राष्ट्रीय पोर्टफोलियो में 150वें हेरिटेज होमस्टे के रूप में शामिल हो गया है। 5 एकड़ में फैले इस भवन को खासतौर पर पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनाया गया है, जहां वे इत्र नगरी की खुशबू, संस्कृति और पारंपरिक आतिथ्य का संगम एक साथ अनुभव कर सकेंगे।

उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि आनंद भवन पैलेस राज्य में हेरिटेज आधारित पर्यटन की दिशा में मील का पत्थर है। उन्होंने कहा, "ऐसे प्रयास हमारी सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करते हुए आर्थिक और रोजगार के अवसर भी बढ़ाते हैं।"

प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम ने बताया कि कन्नौज, जो विश्वभर में अपनी इत्र परंपरा के लिए प्रसिद्ध है, अब एक नए पर्यटन अनुभव के रूप में उभरेगा। 2024 में यहां 13 लाख से अधिक पर्यटक आए थे। उन्होंने हेरिटेज संपत्ति मालिकों से अपील की कि वे पर्यटन विभाग के साथ साझेदारी कर ऐसी विरासतों को संरक्षित करें।

आनंद भवन पैलेस में कन्नौज के प्रसिद्ध इत्रों के नाम पर आधारित छह हेरिटेज सुइट्स – जैस्मिन, पैचौली, ऊद, नेरोली, गुलाब और बख़ूर – तैयार की गई हैं। पर्यटक यहां फार्म-टू-टेबल भोजन, नेपाली स्वाद, बारबेक्यू नाइट, बर्ड वॉचिंग, अत्तर निर्माण का गाइडेड टूर और स्विमिंग पूल जैसे अनुभव ले सकेंगे।

निदेशक इको-टूरिज्म प्रखर मिश्रा ने कहा कि उत्तर प्रदेश की कई हेरिटेज संपत्तियों में व्यावसायिक संभावनाएं हैं। आनंद भवन पैलेस इसका जीवंत उदाहरण है।

ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय में कंप्यूटर विज्ञान विभाग का ओरिएंटेशन कार्यक्रम आयोजित

लखनऊ । ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय के कंप्यूटर विज्ञान और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा नवप्रवेशित छात्रों के लिए ओरिएंटेशन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य नए विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय की शैक्षणिक संस्कृति, नीतियों और तकनीकी प्रगति से अवगत कराना था।

कार्यक्रम की शुरुआत विभाग प्रभारी डॉ. मजहर खालिक के स्वागत भाषण से हुई। उन्होंने विद्यार्थियों को कंप्यूटर विज्ञान और सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में व्यावसायिकता, टीम वर्क और नैतिक मूल्यों के महत्व को समझाया। उन्होंने विशेष रूप से इस बात पर जोर दिया कि छात्रों को निरंतर सीखने की भावना के साथ उभरती प्रौद्योगिकियों जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा साइंस, और साइबर सुरक्षा में दक्षता हासिल करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बदलते तकनीकी परिदृश्य में प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए कौशल विकास अत्यंत आवश्यक है।

डॉ. खालिक ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 की प्रमुख अवधारणाओं पर भी विस्तार से चर्चा की और बताया कि यह नीति छात्रों को लचीलापन, बहु-विषयक शिक्षा और कौशल उन्मुखता की दिशा में प्रेरित करती है। इसके माध्यम से छात्र अपनी पढ़ाई को अधिक व्यावहारिक और परिणामोन्मुख बना सकते हैं।

इसके पश्चात, डॉ. रज़ा अब्बास हैदरी, सहायक आचार्य, ने छात्रों को विश्वविद्यालय की वेबसाइट, पाठ्यक्रम की संरचना, शैक्षणिक नीतियाँ, ग्रेडिंग प्रणाली तथा अनुशासन की आवश्यकताओं के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने विद्यार्थियों को सफलता प्राप्त करने हेतु सही रणनीतियों और लक्ष्यों को निर्धारित करने की सलाह दी।

डॉ. हैदरी ने विद्यार्थियों को National Academic Depository (NAD)-Digilocker, Academic Bank of Credits (ABC) और ABC-ID की प्रक्रिया व महत्त्व के बारे में भी समझाया। उन्होंने बताया कि ये सभी डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म छात्रों की शैक्षणिक यात्रा को अधिक पारदर्शी और संगठित बनाते हैं।

कार्यक्रम में विभाग के सभी शिक्षकगण एवं नवप्रवेशित छात्र-छात्राएँ उत्साहपूर्वक उपस्थित रहे। आयोजन के अंत में छात्रों द्वारा विभिन्न प्रश्न पूछे गए, जिनका शिक्षकों ने समाधानपरक उत्तर दिया। कार्यक्रम ने विद्यार्थियों के शैक्षणिक जीवन की मजबूत नींव रखने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।