झारखंड का नेतरहाट आवासीय विद्यालय: एक ऐसी संस्था जो शिक्षा के बल पर 'IAS-IPS की फैक्ट्री' बन गई, 3000 से अधिक पूर्व छात्र देश की सेवा में

रांची: झारखंड के लातेहार जिले में स्थित नेतरहाट आवासीय विद्यालय सिर्फ एक स्कूल नहीं, बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में एक क्रांति है। 1954 में स्थापित इस स्कूल को आज 'IAS-IPS की फैक्ट्री' के रूप में जाना जाता है, क्योंकि यहां से 3,000 से भी ज़्यादा छात्र निकलकर देश की प्रतिष्ठित सेवाओं में योगदान दे चुके हैं।

अकादमिक उत्कृष्टता और राष्ट्रव्यापी पहचान

नेतरहाट आवासीय विद्यालय की शिक्षा केवल किताबी ज्ञान तक सीमित नहीं है। यहां के छात्र लगातार झारखंड राज्य शिक्षा बोर्ड की टॉप-10 रैंकिंग में जगह बनाते हैं। इसके अलावा, ओलंपियाड और राष्ट्रीय प्रतिभा खोज जैसी कठिन परीक्षाओं में भी यह स्कूल देशभर में नंबर-1 की रैंकिंग पर रहा है।

स्कूल की स्थापना चार्ल्स नेपियर ने 15 नवंबर 1954 को की थी, जब पहले बैच में सिर्फ 60 छात्र थे। आज, इसकी मजबूत शैक्षणिक नींव और प्रेरणादायक माहौल के कारण यह देश के सबसे प्रतिष्ठित आवासीय विद्यालयों में से एक बन गया है।

प्रवेश प्रक्रिया और उल्लेखनीय पूर्व छात्र

नेतरहाट में छठी कक्षा में प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा देना अनिवार्य है। आवेदन जुलाई में ऑनलाइन भरे जाते हैं और परीक्षा सितंबर में होती है। हर साल केवल 100 छात्रों का चयन किया जाता है। आवेदन फॉर्म स्कूल की आधिकारिक वेबसाइट www.netarhatvidyalaya.com से मुफ्त में डाउनलोड किया जा सकता है।

इस स्कूल ने कई महान हस्तियां दी हैं, जिनमें महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह, सीबीआई के पूर्व निदेशक डॉ. त्रिनाथ मिश्र और डॉ. राकेश अस्थाना, आईपीएस अजय कुमार, और चीफ सेक्रेटरी शीतल चौधरी शामिल हैं। शिक्षा के साथ-साथ, छात्रों को खेलकूद, धातुकला, कृषि प्रशिक्षण और कंप्यूटर शिक्षा में भी प्रशिक्षित किया जाता है।

नेतरहाट का यह सफर साबित करता है कि अगर शिक्षा का आधार मजबूत हो और छात्रों को सही मार्गदर्शन मिले, तो छोटे शहरों के बच्चे भी बड़े मुकाम हासिल कर सकते हैं।

झारखंड: पलामू में मुठभेड़, 5 लाख का इनामी नक्सली कमांडर ढेर

झारखंड: झारखंड के पलामू जिले में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली है। मनातू जंगल में आज सुबह सुरक्षाबलों और प्रतिबंधित नक्सली संगठन टीएसपीसी (TSPC) के बीच हुई भीषण मुठभेड़ में 5 लाख का इनामी नक्सली कमांडर मुखदेव यादव मारा गया। सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ स्थल से नक्सली का शव और एक इंसास राइफल भी बरामद किया है।

मुठभेड़ की अहम बातें:

सर्च अभियान के दौरान हुई मुठभेड़: यह मुठभेड़ तीन सितंबर को हुई घटना के बाद शुरू किए गए बड़े सर्च अभियान का हिस्सा थी। उस मुठभेड़ में पुलिस के दो जवान शहीद हो गए थे।

नक्सलियों ने की थी फायरिंग: पुलिस को देखते ही नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी, जिसके बाद सुरक्षाबलों ने जवाबी कार्रवाई की।

शशिकांत गंझू की तलाश जारी: पुलिस फिलहाल 10 लाख के इनामी टीएसपीसी कमांडर शशिकांत गंझू और उसके दस्ते की तलाश में बड़ा सर्च ऑपरेशन चला रही है। इस ऑपरेशन में कोबरा, जगुआर और जिला पुलिस की संयुक्त टीम शामिल है।

सुरक्षाबलों की बड़ी कामयाबी: मुखदेव यादव की मौत को सुरक्षाबलों की एक बड़ी कामयाबी माना जा रहा है। पुलिस ने कहा है कि यह अभियान आगे भी जारी रहेगा।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद डीजीपी मुद्दे पर बाबूलाल मरांडी का बोलना बेकार: झामुमो

रांची: झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के महासचिव विनोद पांडेय ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी को डीजीपी की नियुक्ति पर सवाल उठाने का कोई अधिकार नहीं है।

अदालत ने मरांडी की याचिका को महत्वहीन बताया

विनोद पांडेय ने याद दिलाया कि सुप्रीम कोर्ट ने मरांडी की अवमानना याचिका को खारिज करते हुए कहा था कि राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के लिए अदालतों का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं के मुताबिक, इस टिप्पणी के बाद मरांडी ने खुद ही अपनी याचिका वापस ले ली थी।

संवैधानिक संस्थाओं का सम्मान करें मरांडी

झामुमो नेता ने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को दो अधिकारियों के बीच की प्रतिद्वंद्विता बताया है, तो मरांडी प्रेस के जरिए सरकार और पुलिस पर आरोप लगाकर क्या साबित करना चाहते हैं?

उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन की सरकार हमेशा संवैधानिक संस्थाओं और न्यायिक प्रक्रियाओं का सम्मान करती है। डीजीपी नियुक्ति का मामला अभी भी अदालत में है और सरकार उसी के अनुसार आगे बढ़ रही है।

विनोद पांडेय ने मरांडी को चेतावनी दी कि विपक्ष को आलोचना करते समय अपनी भाषा की मर्यादा बनाए रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में विपक्ष का मतलब अनियंत्रित बयानबाजी नहीं होता। जनता सब कुछ देख रही है, और अगर मरांडी को वास्तव में पुलिस व्यवस्था की चिंता है, तो उन्हें अदालत के फैसलों और संवैधानिक संस्थाओं का सम्मान करना चाहिए।

सेवा पखवाड़ा' को सफल बनाने के लिए भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा ने बनाई रणनीति

रांची: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व विधायक श्री किशन कुमार दास के नेतृत्व में आज रांची स्थित भाजपा प्रदेश कार्यालय में दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में 17 सितंबर से 2 अक्टूबर 2025 तक चलने वाले 'सेवा पखवाड़ा' को सफल बनाने पर गहन चर्चा हुई।

सेवा ही संगठन: 'सेवा पखवाड़ा' का संकल्प

श्री दास ने अपने संबोधन में कहा कि यह 'सेवा पखवाड़ा' सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं है, बल्कि समाज के सबसे कमजोर वर्ग तक पार्टी की सेवा भावना को पहुँचाने का संकल्प है। उन्होंने कहा कि भाजपा का मूल मंत्र 'सेवा ही संगठन' हमें हमेशा समाज और जनसेवा के रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित करता है।

सेवा पखवाड़ा में होने वाले प्रमुख कार्यक्रम

बैठक में यह निर्णय लिया गया कि 'सेवा पखवाड़ा' के दौरान भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा विशेष रूप से अनुसूचित जाति के रिहायशी इलाकों में निम्नलिखित गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करेगा:

जागरूकता अभियान

पर्यावरण संरक्षण

स्वच्छता अभियान

स्वास्थ्य शिविर

रक्तदान

पौधारोपण

इन कार्यक्रमों के माध्यम से संगठन का उद्देश्य समाजोपयोगी गतिविधियों को जन-जन तक पहुँचाना है।

बैठक में पूर्व विधायक श्री रामचंद्र नायक, प्रदेश महामंत्री रंजन पासवान, प्रदेश उपाध्यक्ष कमलेश राम समेत कई वरिष्ठ पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया और जनसेवा के निरंतर प्रयासों पर जोर दिया।

रिम्स को देश का सर्वश्रेष्ठ संस्थान बनाने की तैयारी, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने दिए कड़े निर्देश

रांची: झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने शनिवार को राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स (राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान) की व्यवस्था में सुधार लाने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए। रिम्स शासी परिषद की बैठक में उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य रिम्स को देश के बेहतरीन संस्थानों में शामिल करना है।

प्रमुख निर्देश और फैसले

निजी प्रैक्टिस पर होगी कार्रवाई: स्वास्थ्य मंत्री ने सरकारी ड्यूटी के दौरान बाहर निजी प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टरों को चिह्नित कर उन पर कड़ी कार्रवाई करने का आदेश दिया।

मशीनों की खरीद: उन्होंने रिम्स निदेशक को एमआरआई मशीन की खरीद प्रक्रिया को तुरंत शुरू करने का निर्देश दिया। साथ ही, ट्रॉमा सेंटर में खराब पड़े वेंटीलेटरों को बदलने या मरम्मत करने पर भी जोर दिया।

सफाई और रखरखाव: उन्होंने बिल्डिंग की मरम्मत और साफ-सफाई को प्राथमिकता देने के लिए भी कहा।

अगली बैठक: बैठक में तय किया गया कि शेष प्रस्तावों पर विस्तृत चर्चा के लिए अगली बैठक 9 अक्टूबर 2025 को होगी।

मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में बदलाव की बयार

डॉ. अंसारी ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन के मार्गदर्शन में रिम्स में बड़ा बदलाव लाने की तैयारी चल रही है। उन्होंने माना कि इसमें थोड़ा समय लग सकता है, लेकिन सुधार की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं ताकि मरीजों को बेहतर और आधुनिक इलाज मिल सके।

अपर मुख्य सचिव श्री अजय कुमार सिंह ने भी कहा कि निदेशक को कई मुद्दों पर तत्काल कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं, और आने वाले समय में रिम्स की स्थिति में सुधार दिखाई देगा।

बैठक में विधायक श्री सुरेश कुमार बैठा, अपर मुख्य सचिव, वित्त सचिव, रिम्स निदेशक, रांची विश्वविद्यालय के कुलपति और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। इस बैठक में कुल 16 महत्वपूर्ण एजेंडों पर चर्चा की गई।

पुलिस प्रशासन को बंधक बनाकर सत्ता का खेल खेल रही हेमंत सरकार......बाबूलाल मरांडी

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने डीजीपी मामले में राज्य सरकार को फिर आड़े हाथों लिया।

श्री मरांडी ने कहा कि हेमंत सरकार द्वारा झारखंड की पुलिस व्यवस्था और प्रशासन को बंधक बनाकर सत्ता का खेल खेला जा रहा है जिसका दुष्परिणाम यह है कि 17 सीनियर डीएसपी के प्रमोशन की प्रक्रिया महीनों से ठप पड़ी है। पुलिसकर्मी अपने हक़ से वंचित हैं क्योंकि सरकार ने एक अवैध नियुक्ति को ज़बरदस्ती थोप रखा है।

कहा कि संविधान और क़ानून की धज्जियाँ उड़ाकर सिर्फ़ और सिर्फ़ अपने भ्रष्टाचार को बचाने के लिए राज्य सरकार ने पूरी व्यवस्था को पंगु बना दिया है।

कहा कि यूपीएससी ने अनुराग गुप्ता को प्रोन्नति बैठक में शामिल करने से इनकार कर दिया और इस कारण बैठक तक रद्द कर दी गई।

कहा कि फिर भी लेकिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी निर्लज्ज होकर लोकतंत्र का गला घोटने पर उतर आए हैं।

कहा कि राज्य सरकार ने उस अनुराग गुप्ता को डीजीपी बनाकर बैठा रखा है, जिन्हें न तो यूपीएससी मान्यता देता है, न ही भारत सरकार।

कहा कि वे अपनी सेवा अवधि पूरी कर चुके हैं, सेवानिवृत्ति की उम्र पार कर चुके हैं और एजी द्वारा निर्गत सशर्त पे स्लिप पर वेतन पा रहे हैं। जो न्यायलय के अंतिम फैसले से प्रभावित होगा।

कहा कि फिर भी सत्ता की कुर्सी बचाने और अपने गुनाहों को ढकने के लिए हेमंत सोरेन सरकार ने उन्हें डीजीपी की कुर्सी थमा दी है।

कहा कि केवल पुलिस ही नहीं, भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो भी इन्हीं के कहने पर रातोंरात हेमंत सोरेन जी के सभी काले कारनामों का कच्चा चिट्ठा ग़ायब करने को तत्पर है, जिसका उदाहरण हाल ही में हुई घटना है।

कहा कि जब यूपीएससी और गृह मंत्रालय ही अनुराग गुप्ता को डीजीपी मानने से इंकार कर रहे हैं तो झारखंड सरकार किस आधार पर उन्हें इस पद पर बनाए हुए है? मुख्यमंत्री को पता है कि उन्होंने नाजायज एवं ग़ैर क़ानूनी तरीक़े से एक रिटायर्ड व्यक्ति को जबरन डीजीपी की कुर्सी पर बिठा रखा है इसलिये वो बिना डीजीपी के ही बैठक करने के लिये यूपीएससी से अनुरोध कर रहे हैं।

कहा कि अगर पुलिस प्रमोशन जैसी नियमित प्रक्रिया ही रुक जाए तो क्या इसका सीधा असर पूरे राज्य की कानून-व्यवस्था और पुलिस मनोबल पर नहीं पड़ेगा?

कहा कि असलियत यही है कि हेमंत सरकार ने पूरे सिस्टम को अपने भ्रष्ट नेटवर्क और माफ़ियाओं की सेवा में झोंक दिया है।डीजीपी की कुर्सी भी अब उनके लिए एक “सुरक्षा कवच” बन गई है ताकि उनके काले कारनामे बाहर न आ सकें और वे जेल से दूर रह सकें।

कहा कि हेमंत सोरेन जी को समझना होगा कि डीजीपी संवैधानिक पद है, मुख्यमंत्री के हाथ का झुनझुना नहीं है कि जिसे जब मन चाहा थमा दिया। मुख्यमंत्री जी की मनमानी का जवाब जनता के पास भी है और संविधान के पास भी।

झारखंड के बालू घाटों को पूरी तरह माफियाओं,दलालों को सौंपना चाहती है हेमंत सरकार....बाबूलाल मरांडी


भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने आज राज्य सरकार पर फिर एकबार बड़ा निशाना साधा। श्री मरांडी आज प्रदेश कार्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित कर रहे थे।

श्री मरांडी ने राज्य के 500 से अधिक बालू घाटों की नीलामी के संबंध में राज्य सरकार द्वारा बनाए गए नियमावली पर सरकार को घेरा।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार माफियाओं ,बिचौलियों,दलालों के इशारे पर काम कर रही। ऐसा लगता है नियम माफिया, दलाल, बिचौलिए बना रहे और राज्य के मंत्री और वरीय पदाधिकारी उस पर आंख मूंद कर हस्ताक्षर कर रहे।

कहा कि ऐसा अगर नहीं होता तो फिर राज्य सरकार जो स्थानीय युवकों ,बेरोजगारों को निजी संस्थानों में 75% नौकरी दिलाने , 25 लाख तक के ठेका पट्टा स्थानीय युवकों,बेरोजगारों को देने की बात करती है वही सरकार बालू घाटों की नीलामी,बंदोबस्ती केलिए ऐसी नियम बनाती है जिसमें गरीब,बेरोजगार, आदिवासी,दलित पिछड़े वर्ग के लोग भाग ही नहीं ले सकें।

उन्होंने कहा कि आज भले ही उच्च न्यायालय ने पेसा कानून नहीं लागू किए जाने के कारण बालू घाटों की नीलामी पर रोक लगाई है लेकिन हेमंत सरकार की मंशा स्पष्ट हो गई कि यह सरकार ग्राम सभा को अधिकार नहीं देना चाहती। और माफिया,दलालों के माध्यम से राज्य के खनिज संसाधनों को लूटना और लुटवाना चाहती है।

उन्होंने हेमंत की बालू घाट नीलामी नियमावली पर चर्चा करते हुए कहा कि यह सरकार अब लूट का नया तरीका अपना रही। इसके तहत राज्य सरकार ने बालू घाटों को जिला स्तर पर समूह में बांटा है। जैसे गोड्डा जिला में 16घाट ए समूह में हैं,जामताड़ा में 15घाट ए में और 5घाट बी समूह में ,दुमका जिला में 14 घाट ए,12 बी और 5 सी में, सरायकेला के 4ए 7बी, पूर्वी सिंहभूम के 3 ए और 2 बी, उसी प्रकार गिरिडीह जिला में 3 घाट ए, 2 घाट बी,3घाट सी, 6घाट डी और 2घाट ई समूह में शामिल हैं।

कहा कि इसमें भी लूट का बड़ा खेल रचा गया है। पहले तो नीलामी की निविदा में आवेदन केलिए 15 करोड़ रुपए प्रतिवर्ष के टर्न ओवर का शर्त लगाया गया। ठीक उसी प्रकार जैसे कि शराब ठेका केलिए 25 लाख रुपए के नॉन रिफंडेबल शुल्क निर्धारित किया गया था।

उन्होंने कहा कि यह सरकार ऐसे शर्त इसीलिए लगाती है ताकि इसमें आदिवासी,गरीब,बेरोजगार युवक शामिल नहीं हो सकें। सिर्फ वही शामिल हो सकेगा जिसकी सेटिंग और डील पहले ही हो जाती है।

उन्होंने कहा कि इसीलिए सरकार को पहले ही पत्र लिखकर चेताया था लेकिन बात नहीं मानने का परिणाम है कि राज्य के एक वरीय आईएएस अधिकारी,सचिव जेल में हैं।और आगे भी अगर सरकार नहीं सुधरी तो फिर सचिव जेल जाएंगे।

उन्होंने कहा कि वर्तमान लागू नियम के आधार पर राज्य सरकार अवैध बालू उत्खनन को वैध बनाने की कोशिश कर रही। समूह के एक घाट को भी अगर पर्यावरण की अनुमति मिल जाती है तो पूरे समूह के घाटों से बालू को उठाने का उपाय किया गया है। पूरे बालू घाट को माफियाओं के हवाले करने की साजिश है।

उन्होंने सरकार से अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने की बात कही और मांग किया कि हेमंत सरकार ग्राम सभा को बालू घाट का अधिकार दे।

हजरत रिसालदार शाह बाबा के उर्स में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री को मिला न्योता

रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से आज हजरत रिसालदार शाह बाबा दरगाह कमिटी, डोरंडा, रांची के सदस्यों ने शिष्टाचार मुलाकात की। इस दौरान उन्हें बाबा के 218वें सालाना उर्स मुबारक में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया।

चादरपोशी और शोक सभा का कार्यक्रम

कमिटी के सदस्यों ने मुख्यमंत्री को बताया कि 14 सितंबर को आयोजित होने वाले चादरपोशी और कव्वाली मंच के उद्घाटन समारोह में वे मुख्य संरक्षक के तौर पर शामिल हों। साथ ही, उन्होंने यह भी बताया कि इस अवसर पर दिवंगत दिशोम गुरु श्री शिबू सोरेन के लिए एक विशेष शोक सभा भी आयोजित की जाएगी।

यह सालाना उर्स 11 सितंबर से शुरू होकर पाँच दिनों तक चलेगा। मुख्यमंत्री से मिलने वालों में कमिटी के सदर श्री अयूब गद्दी, महासचिव मोहम्मद जावेद अनवर, रिज़वान हुसैन, जुल्फिकार अली भुट्टो, मोहम्मद सादिक, पप्पू गद्दी, शाहिद खान, समीर हेजाजी और मुश्ताक आलम शामिल थे।

झारखंड आईएएस ऑफिसर्स वाइव्स एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री को दिवाली मेले में शामिल होने का न्योता दिया

रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन और विधायक कल्पना सोरेन से आज उनके सरकारी आवास पर झारखंड आईएएस ऑफिसर्स वाइव्स एसोसिएशन (जेसोवा) के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की।

दिवाली मेला में सपरिवार आमंत्रण

प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री और उनके परिवार को 9 से 13 अक्टूबर 2025 तक रांची के मोरहाबादी मैदान में आयोजित होने वाले दिवाली मेले में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। इस पाँच दिवसीय मेले में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिसकी जानकारी प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को दी।

सामाजिक कार्यों की जानकारी दी

मुलाकात के दौरान, जेसोवा के सदस्यों ने संस्था द्वारा किए जा रहे सामाजिक कल्याण के कार्यों और गतिविधियों के बारे में भी मुख्यमंत्री को बताया।

इस प्रतिनिधिमंडल में जेसोवा की अध्यक्ष प्रीति कुमारी, सचिव मनु झा, कोषाध्यक्ष शिवानी सिंह, और कार्यकारिणी समिति के सदस्य रंजना कुमार और ज्योति मंजू शामिल थीं।

स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी को धमकी देने का आरोपी वाराणसी से गिरफ्तार

रांची: झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी को जान से मारने की धमकी देने के आरोपी युवक जयंत कुमार सिंह को कल गुरुवार को उत्तर प्रदेश के वाराणसी से गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने उसे वाराणसी के सारनाथ थाना क्षेत्र में एक रोडवेज बस से पकड़ा। आरोपी जयंत सिंह पेशे से एक डॉक्टर हैं, जिन्होंने नॉर्थ-ईस्ट से एमबीबीएस की पढ़ाई की है और हाल ही में पीजी के लिए नीट (NEET) भी क्वालीफाई किया है।

पुलिस की प्रारंभिक पूछताछ में आरोपी ने स्वास्थ्य मंत्री को जान से मारने की धमकी देने की बात से साफ इनकार किया है। उसने बताया कि उसने सिर्फ यह पूछा था कि मंत्री को रोहिंग्या लोगों से इतनी हमदर्दी क्यों है। आरोपी का एक घर मेघालय के शिलांग में भी है। उसकी गिरफ्तारी के बाद बोकारो पुलिस वाराणसी के लिए रवाना हो गई है।

गौरतलब है कि 7 सितंबर को देर रात मंत्री इरफान अंसारी को फोन पर जान से मारने की धमकी मिली थी। मंत्री के अनुसार, आरोपी युवक ने उनसे कहा था कि "तुम बस इंतजार करो, तुम्हें बहुत जल्द उड़ा देंगे" और "जिस तरह वहां मुसलमानों का सफाया कर दिया, उसी तरह अब झारखंड की बारी है और तुम्हें भी मिटा देंगे।"