एएनटीएफ गाजीपुर की बड़ी सफलता, 55 लाख की हेरोइन संग तस्कर गिरफ्तार, मिर्जापुर रेलवे स्टेशन पर सौदा करने जा रहा था सक्रिय तस्कर
लखनऊ । उत्तर प्रदेश में नशे के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत एएनटीएफ (एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स) गाजीपुर को बड़ी सफलता हाथ लगी है। टीम ने शुक्रवार रात मिर्जापुर रेलवे स्टेशन के बाहर माल गोदाम के पास दबिश देकर एक सक्रिय हेरोइन तस्कर को गिरफ्तार किया। उसके कब्जे से 255 ग्राम हेरोइन बरामद हुई है, जिसकी अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कीमत लगभग 55 लाख रुपये आंकी गई है। इसके अलावा पुलिस ने उसके पास से एक मोबाइल फोन और 120 रुपये नकद भी बरामद किए हैं।
सौदा करने से पहले ही दबोचा गया तस्कर
गिरफ्तार आरोपी की पहचान गौतम कुमार पुत्र राजकुमार उर्फ मटरू (उम्र 25 वर्ष) निवासी ग्राम ड़गहर पथरहिया, थाना कटरा कोतवाली, जनपद मिर्जापुर के रूप में हुई है। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह यह हेरोइन मिर्जापुर रेलवे स्टेशन पर एक लाल शर्ट पहने व्यक्ति को सौंपने वाला था। इसके बदले उसे अच्छी रकम मिलने वाली थी, लेकिन सौदा करने से पहले ही एएनटीएफ की टीम ने उसे रंगेहाथ पकड़ लिया। गिरफ्तारी का समय रात 10:21 बजे दर्ज किया गया।
पुलिस की रणनीति और नेतृत्व
एएनटीएफ की इस कार्रवाई को पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश, एडीजी कानून-व्यवस्था, एडीजी अपराध तथा आईजी एएनटीएफ के मार्गदर्शन में अंजाम दिया गया। इस अभियान में एएनटीएफ गाजीपुर की टीम — उपनिरीक्षक शमी अशरफ शेख, कांस्टेबल जयन्त सिंह, अमित कुमार चौरसिया, अजीत कुमार और देवानन्द ने अहम भूमिका निभाई। वहीं, थाना कटरा कोतवाली, मिर्जापुर की टीम ने भी सहयोग किया।
एनडीपीएस एक्ट में मुकदमा दर्ज
गिरफ्तार आरोपी के खिलाफ थाना कटरा कोतवाली, जनपद मिर्जापुर में मुकदमा संख्या 279/25, धारा 8/21/29 एनडीपीएस एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस ने बताया कि आरोपी से बरामदगी के आधार पर आगे की जांच की जा रही है और उसके नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की तलाश भी शुरू कर दी गई है।
प्रदेश में नशा तस्करी के खिलाफ सख्ती
पुलिस अधिकारियों के अनुसार उत्तर प्रदेश में नशे के कारोबार को पूरी तरह खत्म करने के लिए लगातार अभियान चलाया जा रहा है। बीते कुछ महीनों में एएनटीएफ और अन्य एजेंसियों ने कई बड़े तस्करों को गिरफ्तार कर करोड़ों की कीमत की हेरोइन, चरस और अन्य मादक पदार्थ बरामद किए हैं। एएनटीएफ गाजीपुर की यह कार्रवाई इसी कड़ी का हिस्सा है, जो प्रदेश में सक्रिय नशे के नेटवर्क पर बड़ा प्रहार माना जा रहा है।
राजधानी में सड़क हादसों का कहर: 24 घंटे में दो की मौत, एक घायल
लखनऊ । राजधानी में सड़क हादसों ने फिर दो परिवारों की खुशियां छीन लीं। शुक्रवार को अलग-अलग इलाकों में हुए दो हादसों में दो लोगों की मौत हो गई, जबकि एक युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। दोनों ही घटनाओं में लापरवाही और तेज रफ्तार मुख्य वजह रही। ड्यूटी पर जाते वक्त सड़क हादसे का शिकार हो गए पहली घटना काकोरी क्षेत्र के दुलागंज ओवरब्रिज पर हुई। यहां गौरी गांव निवासी वीरेंद्र यादव (55), जो कान्हा उपवन में सिक्योरिटी गार्ड थे, ड्यूटी पर जाते वक्त सड़क हादसे का शिकार हो गए। ओवरब्रिज पर चार माह से स्ट्रीट लाइटें खराब पड़ी थीं। अंधेरे में खड़े खराब पिकअप वाहन से उनकी बाइक जा टकराई। टक्कर इतनी जोरदार थी कि वीरेंद्र मौके पर ही चल बसे। हादसे के बाद चालक वाहन छोड़कर भाग निकला। पुलिस ने पिकअप जब्त कर लिया और फरार चालक की तलाश शुरू कर दी है। ग्रामीणों का आरोप है कि एनएचएआई की लापरवाही से यह हादसा हुआ। डाले का पहिया सिर पर चढ़ने से चली गई जान दूसरी घटना बख्शी का तालाब के इटौंजा थाना क्षेत्र में हुई। सीतापुर जिले की सरिता यादव (55) अपने बेटे सुभाष के साथ बाइक से रिश्तेदारी में जा रही थीं। इसी दौरान नेवादा गांव के पास तेज रफ्तार पिकअप डाले ने उनकी बाइक को टक्कर मार दी। हादसे में डाले का पहिया सरिता के सिर पर चढ़ गया, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। बेटा सुभाष गंभीर रूप से घायल हो गया। लोगों ने चालक को पकड़कर पुलिस के किया हवाले स्थानीय लोगों ने आरोपी चालक को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया।दोनों घटनाओं ने इलाके में गुस्सा और गम का माहौल पैदा कर दिया है। एक ओर परिवारवालों का रो-रोकर बुरा हाल है, तो दूसरी ओर ग्रामीणों ने आउटर रिंग रोड की खराब लाइटों को लेकर एनएचएआई के खिलाफ प्रदर्शन की चेतावनी दी है।
लखनऊ में दो बच्चों का अपहरण, पुलिस ने 24 घंटे में दिलाई सुरक्षित वापसी
लखनऊ । राजधानी के आलमबाग क्षेत्र में गुरुवार को हुए दो मासूम बच्चों के अपहरण ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी थी। घटना के महज 24 घंटे के भीतर पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल करते हुए दोनों बच्चों को सुरक्षित बरामद कर लिया और अपहरणकर्ता को भी गिरफ्तार कर लिया।आरोपी ने खुलासा किया उसने दोनों बच्चों को एनर्जी ड्रिंक पिलाने और पूरा पीने पर 50 रुपये देने का लालच दिया था। इसी बहाने वह दोनों को अर्जुन की साइकिल पर बैठाकर ले गया था।

अपहरणकर्ता ने मांगी थी दस लाख की फिरौती

जानकारी के मुताबिक, बीजी कॉलोनी से 12 वर्षीय अर्जुन सिंह और 8 वर्षीय प्रद्युम्न यादव को साइकिल सवार एक युवक अपने साथ ले गया था। शुक्रवार सुबह अर्जुन के पिता संजय सिंह के पास व्हाट्सऐप कॉल के जरिए 10 लाख रुपये की फिरौती की मांग की गई और रुपये न देने पर दोनों बच्चों की हत्या की धमकी भी दी गई।

आरोपी को पुलिस लखीमपुर खीरी के गोला गोकरननाथ से किया गिरफ्तार

मामले की गंभीरता को देखते हुए डीसीपी मध्य अशीष श्रीवास्तव के निर्देशन में पुलिस की पांच टीमों का गठन किया गया। मोबाइल लोकेशन ट्रेसिंग के आधार पर पुलिस ने आरोपी को लखीमपुर खीरी के गोला गोकरननाथ क्षेत्र से दबोच लिया। वहीं दोनों अपहृत बच्चों को सकुशल परिजनों के हवाले कर दिया गया।

अपहरण करने वाला निकला हाईस्कूल का छात्र

गिरफ्तार आरोपी की पहचान विजय शर्मा निवासी आलमबाग पटेलनगर के रूप में हुई है, जो कि हाईस्कूल का छात्र है और मूल रूप से सीतापुर के लहरपुर का रहने वाला है। पुलिस का कहना है कि आरोपी ने केवल पैसों के लालच में इस वारदात को अंजाम दिया था।आरोपी मूल रूप से सीतापुर के लहरपुर का रहने वाला है और आलमबाग स्थित गांधी इंटर कॉलेज में हाईस्कूल का छात्र है। आरोपी ने खुलासा किया उसने दोनों बच्चों को एनर्जी ड्रिंक पिलाने और पूरा पीने पर 50 रुपये देने का लालच दिया था। इसी बहाने वह दोनों को अर्जुन की साइकिल पर बैठाकर ले गया था।

दाेनों बच्चों के सुरक्षित वापस लौटने पर परिजनों ने ली राहत की सांस

स्थानीय लोगों के अनुसार, बच्चों के गायब होने की खबर मिलते ही कॉलोनी में हड़कंप मच गया था। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था। हालांकि पुलिस की त्वरित कार्रवाई से दोनों बच्चों की सुरक्षित वापसी से परिवार और क्षेत्रवासियों ने राहत की सांस ली।
निशानची का प्रमोशन करने अनुराग कश्यप, ऐश्वर्य ठाकरे और वेदिका पिंटो पहुंचे लखनऊ
- लखनऊ के प्रतिभा थिएटर में निशानची की टीम ने दर्ज कराई मौजूदगी, अनुराग कश्यप संग लीड कास्ट ऐश्वर्य ठाकरे और वेदिका पिंटो ने किया प्रमोशन

लखनऊ। अपनी दमदार और बोल्ड स्टोरीटेलिंग के लिए मशहूर फिल्ममेकर अनुराग कश्यप अब अपनी सबसे ज्यादा इंतेज़ार की जाने वाली फिल्म निशानची के प्रमोशन में जुट चुके हैं। चेन्नई के बाद अब अनुराग लीड कास्ट ऐश्वर्य ठाकरे और वेदिका पिंटो के साथ नवाबों के शहर लखनऊ पहुँचे हैं। यहाँ टीम ने पोस्टर लॉन्च कर निशानची का प्रमोशन शहर के मशहूर प्रतिभा थिएटर में किया, जिससे फिल्म को लेकर दर्शकों का जोश और भी बढ़ गया है।
फिल्म का ट्रेलर रिलीज़ के बाद से ही चर्चा का विषय बना हुआ है और अब प्रमोशन के सिलसिले में लखनऊ पहुंची टीम ने दर्शकों से सीधा जुड़ाव बनाया। अनुराग कश्यप, ऐश्वर्य ठाकरे और वेदिका पिंटो की मौजूदगी ने थिएटर का माहौल और भी खास बना दिया। निशानची के इस प्रमोशनल टूर ने साबित कर दिया है कि फिल्म अपनी रिलीज़ से पहले ही दर्शकों की उम्मीदों पर खरी उतर रही है।
अमेज़न एमजीएम स्टूडियो द्वारा रिलीज की जा रही इस फिल्म के साथ बेहद टैलेंटेड ऐश्वर्य ठाकरे और वेदिका पिंटो बतौर लीड अपना डेब्यू करने जा रहे हैं। हाल ही में रिलीज हुए ट्रेलर में दोनों एक्टर्स की परफॉर्मेंस बेहद कैची लगी है, साथ ही उनकी केमिस्ट्री दर्शकों को सोचने पर मजबूर कर रही है कि क्या सच में यह उनकी डेब्यू फिल्म है। इसके अलावा निशानची के साथ ऐश्वर्य सिर्फ एक्टिंग ही नहीं बल्कि बतौर सॉन्ग राइटर और कंपोजर भी अपना डेब्यू कर रहे हैं। गाने का हुक लाइन "पिजन कबूतर भइया, उड़न फ्लाई, लुक देखो आसमान इस्काई" पहले से ही लोगों की जुबान पर चढ़ गया है। गाना पिजन कबूतर तेज़ी से एक जबरदस्त ईयरवर्म यानी सभी का पसंदीदा बनता नजर आ रहा है।
निशानची इस 19 सितंबर को सिनेमाघरों में रिलीज होने के लिए तैयार है और इससे पहले ही इंडस्ट्री में इसे लेकर जबरदस्त चर्चा का माहौल बना हुआ है। ट्रेलर को न सिर्फ दर्शकों से सराहना मिल रही है बल्कि अमिताभ बच्चन, आयुष्मान खुराना जैसे कई बड़े नामों ने भी इसकी तारीफ की है। निशानची का देसी तड़का इसे देखने के लिए दर्शकों की बेसब्री को और बढ़ा रहा है। फिल्म की कहानी से लेकर म्यूज़िक हर एक चीज बेजोड़ है। जहां, इसका म्यूज़िक अपनी ताज़गी और अलग अंदाज़ के कारण लोगों के दिल को छू रहा है। वहीं, ऐश्वर्य का डेब्यू फिल्म में उनके डबल रोल के कारण सबसे ज्यादा चर्चित डेब्यूज़ में से एक बन गया है।  इसके साथ ही, फिल्म की एंसेंबल कास्ट इसे और भी दिलचस्प बना देती है, जिसमें वेदिका पिंटो, मोनिका पनवार, मोहम्मद जीशान अय्यूब और कुमुद मिश्रा जैसे कलाकार हैं, जो कहानी में गहराई लाते हैं।
अजय राय और रंजन सिंह के प्रोडक्शन हाउस जार पिक्चर्स के बैनर तले बनी यह फिल्म, फ्लिप फिल्म्स के साथ एसोसिएशन में बनाई गई है। फिल्म को प्रसून मिश्रा, रंजन चंदेल और अनुराग कश्यप ने मिलकर लिखा है। एक्शन, ह्यूमर और ड्रामा से भरपूर यह मसाला एंटरटेनर 19 सितंबर 2025 को पूरे भारत के सिनेमाघरों में रिलीज होने के लिए तैयार है।
भाजपा सरकार हर मोर्चे पर नाकाम: अखिलेश यादव

सपा अध्यक्ष ने कहा -सत्ता में आए तो सिख समाज के मुद्दों पर करेंगे काम

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रदेश की बीजेपी सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार हर क्षेत्र में गिरावट ला रही है और प्रदेश की जनता को न्याय नहीं मिल रहा है। अखिलेश यादव ने कहा कि अगर उनकी सरकार बनी तो सिख समाज द्वारा दिए गए ज्ञापन पर गंभीरता से काम होगा और धार्मिक आयोजनों को पूरा सम्मान मिलेगा। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सिख समाज के लोगों को सरकार में भी उचित स्थान दिया जाएगा।
बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि “डबल इंजन की सरकार कहने वाली भाजपा के राज में विभागों में लूट मची हुई है। हालात यह हैं कि डिप्टी सीएम को डपट खानी पड़ती है और उनकी गाड़ियां तक छीन ली जाती हैं।” उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली का जिक्र करते हुए कहा कि मेडिकल कॉलेज से लेकर पीएचसी और सीएचसी तक की स्थिति बेहद दयनीय है।
सपा अध्यक्ष ने कहा कि बीजेपी नेताओं के पास जनता के लिए कोई काम नहीं है और वे खोखले नारे देकर जनता को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार हिरासत में मौत के मामले बढ़ा रही है और न्याय की तलाश में लोग आत्महत्या करने को मजबूर हैं। हाल ही में हुई वीडियो पिटाई की घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह सब जनता के सामने है और बीजेपी सरकार में कानून व्यवस्था चरमराई हुई है।
अखिलेश यादव ने प्रदेश में बढ़ते किडनैप और डिजिटल अरेस्ट जैसे अपराधों पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार में भी उत्तर प्रदेश लगातार आगे बढ़ रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर इसी तरह वोट की डकैती जारी रही तो हालात इतने बिगड़ जाएंगे कि लोग सड़कों पर उतरने को मजबूर हो जाएंगे और यहां भी हालात पड़ोसी देशों जैसे हो जाएंगे। विदेश नीति पर भी अपनी राय रखते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि पड़ोसी देशों में शांति और सुरक्षित बॉर्डर हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार हर क्षेत्र में विफल साबित हो रही है और जनता अब बदलाव चाहती है।
यूपी में बाढ़ का कहर: गंगा-यमुना समेत कई नदियों का जलस्तर बढ़ा
- कानपुर में गंगा के जलस्तर ने तोड़ा 14 साल का रिकॉर्ड, उन्नाव में लाल निशान किया पार

लखनऊ। यूपी के कई जिलों में गंगा, यमुना और अन्य नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है, जिससे लोगों की जान-माल पर संकट उत्पन्न हो गया है। उन्नाव में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से 23 सेंटीमीटर ऊपर पहुँच गया है। जिले के 80 गांव बाढ़ की चपेट में हैं और सड़क मार्गों पर नावों से आवाजाही की जा रही है। 100 से अधिक परिवार बेघर हो गए हैं और लोग तंबुओं या किराए के घरों में रहने को मजबूर हैं।
कानपुर में गंगा के जलस्तर ने 14 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। 2011 के बाद गंगा बैराज पर जलस्तर 115 मीटर तक पहुँच गया है। जिले के 16 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। करीब 500 परिवार बैराज से बिठूर जाने वाली सड़क पर पालीथीन के तंबुओं में रह रहे हैं। आगरा में 47 साल बाद बाढ़ का भयावह मंजर देखने को मिला। स्थानीय निवासी मुरारीलाल का कहना है कि ऐसा लग रहा है जैसे 1978 की बाढ़ फिर से आ गई हो। उस साल भारी नुकसान हुआ था और इस बार भी वही हालात नजर आ रहे हैं।
इधर, हथिनी कुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद मथुरा के वृंदावन में हालात बिगड़ गए हैं। शहर का लगभग 40 प्रतिशत हिस्सा बाढ़ की चपेट में है। रावल स्थित राधारानी मंदिर को जाने वाला रास्ता पानी में डूब गया है। यमुनापार के तिवारी पुरम में लोग अभी भी ट्रैक्टर से आवाजाही कर रहे हैं। फर्रुखाबाद में बदायूं स्टेट हाईवे पर डेढ़ फीट बाढ़ का पानी बह रहा है। जमापुर डिप में हाईवे पर एक युवक बहने लगा, जिसे वहां मौजूद लोगों ने किसी तरह बचा लिया।
मौसम विभाग ने आज प्रदेश के 21 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। पिछले 24 घंटे में प्रदेश में औसतन 0.8 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो सामान्य औसत 6.4 मिमी से 88 प्रतिशत कम है। इस मानसून सीजन में सबसे कम बारिश एटा जिले में हुई है। बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य तेजी से जारी हैं, लेकिन जलस्तर बढ़ने से लोगों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं।
सुभारती विश्वविद्यालय मेरठ में तीन दिवसीय रंग कबीर महोत्सव का शुभारंभ
मेरठ / लखनऊ। स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय मेरठ में भाषा विभाग, कला एवं सामाजिक विज्ञान संकाय और संत कबीर अकादमी (संस्कृति विभाग, उत्तर प्रदेश) के संयुक्त तत्वावधान में तीन दिवसीय रंग कबीर: संगोष्ठी एवं सांस्कृतिक उत्सव का शुभारंभ हुआ। यह आयोजन 11 से 13 सितंबर तक सुभारतीपुरम परिसर में आयोजित किया जा रहा है।
कार्यक्रम का उद्घाटन उत्तर प्रदेश सरकार के होमगार्ड्स एवं नागरिक सुरक्षा विभाग के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मवीर प्रजापति, श्रम एवं सेवायोजन मंत्री डॉ. रघुराज सिंह, संत कबीर अकादमी के निदेशक अतुल द्विवेदी, कुलाधिपति डॉ. स्तुति नारायण कक्कड़ और कुलपति प्रो.(डॉ.) पी.के. शर्मा ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया।
जनजाति लोक संस्थान के निदेशक अतुल द्विवेदी ने बताया कि पहले दिन वक्ताओं ने कबीर के जीवन एवं शिक्षाओं पर विचार व्यक्त किए। इसी क्रम में राजेश जोशी लिखित और सुषमा शर्मा निर्देशित नाटक ‘कहन कबीर’ की प्रस्तुति ने दर्शकों को कबीर के जीवन दर्शन और विचारों से गहराई से परिचित कराया।
अध्यक्षीय संबोधन में मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने कहा कि “कबीरदास जी आज भी प्रासंगिक हैं। उन्होंने जाति, धर्म, पंथ से ऊपर उठकर सभी को समान दृष्टि से देखा। उनके दोहों और चौपाइयों में जीवन दर्शन और मानवीय मूल्यों की गहरी समझ मिलती है। यदि उनके बताए मार्ग पर चला जाए तो जीवन सरल और सुखी बन सकता है।”
विशिष्ट अतिथि डॉ. रघुराज सिंह ने कहा कि “कबीर सच्चे संत थे। उन्होंने कभी सांसारिक मोह-माया को महत्व नहीं दिया। उनके लिए राजा और रंक समान थे। उनके जीवन से यही शिक्षा मिलती है कि सत्य और अपने विचारों पर निडर होकर अडिग रहना चाहिए।”
कुलपति प्रो.(डॉ.) पी.के. शर्मा ने स्वागत उद्बोधन में कहा कि सुभारती विश्वविद्यालय का ध्येय वाक्य है शिक्षा, सेवा, संस्कार और राष्ट्रीयता। यहां विद्यार्थियों को न केवल आधुनिक शिक्षा दी जाती है बल्कि उनके सर्वांगीण विकास के लिए ऐसे कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है।
इस अवसर पर अरविन्द राय, दीपेन्द्र सिंह, राहुल यादव, अरुण शुक्ला, श्रेत्तिक श्रीवास्तव, अभिषेक शर्मा, प्रज्ञान राय, चंकी बच्चन, वर्षिता श्रीवास्तव, प्रशान्त वर्मा, टोनी सिंह, मो. हमीद, आरती गुप्ता, जगदीश गोंड, डॉ. शारदा कुमारी पाठक, पद्मजा राय, डॉ. ज्योति मिश्रा, डॉ. राजेश जोशी, सुशील कुमार राय और सुषमा शर्मा समेत अनेक कलाकारों ने नाट्य प्रस्तुति दी, जिसने कबीर की वाणी को जीवंत कर दिया।
कार्यक्रम के अंत में अतिथियों को कुलाधिपति और कुलपति ने स्मृतिचिह्न भेंट कर सम्मानित किया।
यूपीपीसीबी पहली बार क्लास-वन अधिकारियों के लिए करेगा मिड-कैरियर प्रशिक्षण

* "एएससीआई हैदराबाद के साथ साझेदारी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के अनुपालन में ऐतिहासिक पहल"

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में प्रशासनिक दक्षता और पर्यावरणीय प्रबंधन को नया आयाम देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल की गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के अनुपालन में उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) अपने इतिहास में पहली बार क्लास-वन अधिकारियों के लिए मिड-कैरियर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने जा रहा है।
बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. आर.पी. सिंह ने बताया कि इस कार्यक्रम के लिए देश के प्रतिष्ठित संस्थान एडमिनिस्ट्रेटिव स्टाफ कॉलेज ऑफ इंडिया (एएससीआई), हैदराबाद के साथ साझेदारी की गई है। यह संस्थान हर वर्ष लगभग 4,500 वरिष्ठ सरकारी और औद्योगिक अधिकारियों को उच्च स्तरीय प्रशिक्षण प्रदान करता है। उन्होंने बताया कि यह कदम मुख्यमंत्री की उस दूरदर्शी सोच के अनुरूप है, जिसमें अधिकारियों और कर्मचारियों के सतत ज्ञान, कौशल और क्षमता विकास को विशेष प्राथमिकता दी गई है।
डॉ. सिंह के अनुसार, इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य अधिकारियों की विशेषज्ञता, नेतृत्व क्षमता, कार्यकुशलता और दृष्टिकोण को सुदृढ़ करना है, जिससे वे आधुनिक पर्यावरणीय चुनौतियों का प्रभावी ढंग से सामना कर सकें। यह पहल न केवल अधिकारियों की सोच और कार्यशैली में सकारात्मक परिवर्तन लाएगी, बल्कि यूपीपीसीबी की संस्थागत क्षमता, पारदर्शिता और उत्तरदायित्व को भी मजबूती प्रदान करेगी।
प्रशिक्षण कार्यक्रम पूरी तरह आवासीय होगा, जिससे अधिकारियों को एक केंद्रित और समर्पित शिक्षण वातावरण उपलब्ध हो सके। यह सुनिश्चित किया गया है कि प्रशिक्षण से बोर्ड के नियमित कार्य प्रभावित न हों, इसीलिए कार्यक्रम को दो बैचों में आयोजित किया जाएगा – प्रथम बैच अक्टूबर-नवंबर 2025 में और द्वितीय बैच फरवरी-मार्च 2026 में।
इस अभूतपूर्व पहल से यूपीपीसीबी के अधिकारी न केवल नवीनतम तकनीकों और वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं से परिचित होंगे, बल्कि पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में अधिक प्रभावी और संवेदनशील भूमिका निभा सकेंगे। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम उत्तर प्रदेश को हरित और स्वच्छ भविष्य की ओर अग्रसर करने में एक मील का पत्थर साबित होगा।
संभल के कल्कि धाम और प्राचीन स्थलों के विकास हेतु 5 करोड़ रुपये स्वीकृत
* बुनियादी सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण से धार्मिक पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा : जयवीर सिंह

लखनऊ। पर्यटन विभाग उत्तर प्रदेश सरकार सम्भल जिले में धार्मिक पर्यटन को नई दिशा देने की महत्वाकांक्षी योजना पर तेजी से काम कर रहा है। जिले के प्राचीन तीर्थ स्थलों और ऐतिहासिक कूपों के पर्यटन विकास एवं सौंदर्यीकरण के लिए 05 करोड़ रुपए की धनराशि स्वीकृत की गई है। मुख्यमंत्री पर्यटन स्थलों के विकास योजना के तहत प्राचीन धार्मिक स्थलों के आसपास सुधार, सौंदर्यीकरण और पर्यटकों के लिए बेहतर सुविधाएं विकसित की जा रही है। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि विभागीय प्रयासों से सम्भल के धार्मिक स्थलों की ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक पहचान को नई ऊंचाई मिलेगी।
उन्होंने बताया कि पौराणिक मान्यता है कि भगवान विष्णु का 10वें अवतार कल्कि रूप में संभल में होगा। कल्कि पुराण में विस्तार से भगवान विष्णु के कल्कि अवतार और संभल के बारे में बताया गया है। धार्मिक मान्यता ये भी है कि कल्कि अवतार के बाद कलयुग का अंत हो जाएगा। जयवीर सिंह ने बताया कि परियोजना के तहत प्राचीन स्थलों पर पर्यटकों के लिए बेहतर सुविधाएं, साफ-सफाई, प्रकाश व्यवस्था, पार्किंग, शौचालय, पेयजल व मार्गदर्शन केंद्र जैसी व्यवस्था विकसित की जाएंगी। इसके अलावा, धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को देखते हुए स्थानीय कला, ओडीओपी उत्पाद आदि को भी बढ़ावा मिलेगा। यह पहल संभल को राज्य के धार्मिक पर्यटन मानचित्र पर प्रमुख स्थान दिलाएगी। पर्यटन विकास योजनाओं से स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे और पर्यटन से जिले की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
सम्भल के ऐंचोड़ा कंबोह स्थित श्री कल्कि धाम मंदिर का निर्माण हो रहा है। श्री कल्कि धाम मंदिर के निर्माण से देश-दुनिया के श्रद्धालुओं का ध्यान संभल की ओर आकर्षित हुआ है। इस मंदिर की सबसे बड़ी खूबी यह है कि मंदिर का निर्माण उसी गुलाबी पत्थर से किया जा रहा है, जो अयोध्या के राम मंदिर और सोमनाथ मंदिर में इस्तेमाल हुआ है। कल्कि धाम को लेकर श्रद्धालुओं में विशेष आकर्षण है। 
पर्यटन मंत्री ने बताया कि क्षेत्रफल की दृष्टि से संभल छोटा जिला है। मगर, पर्यटन आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। वर्ष 2024 में जनपद में जहां 43,58,329 पर्यटक आए, वहीं 2025 के शुरुआती महीने जनवरी से मार्च तक यहां तकरीबन 13,05,970 पर्यटक पहुंचे। पर्यटन विभाग को वर्षांत तक पर्यटकों का आंकड़ा 45 से 50 लाख के बीच रहने का अनुमान है। पर्यटन दृष्टि से सम्भल प्रमुख स्थल के रूप में उभर रहा है। यहां मनोकामना मंदिर, माता कैला देवी मंदिर, ऐतिहासिक घंटाघर, पृथ्वीराज चौहान द्वारा निर्मित तोता-मैना की कब्र सहित कई दर्शनीय स्थल मौजूद हैं। धार्मिक आस्था और पर्यटन के संगम से सम्भल जिले की पहचान और मजबूत हुई है।
किशोर-किशोरियों के पोषण पर निवेश हो सरकार की प्राथमिकता
* बच्चों और किशोर-किशोरियों के लिए स्वस्थ आहार और जीवनशैली पर राज्य स्तरीय परामर्श आयोजित

* शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य हितधारकों के समन्वय से बनेगा बच्चों का तेज़ दिमाग और स्वस्थ शरीर

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार और यूनिसेफ के सहयोग से शुक्रवार को स्कूल जाने वाले बच्चों और किशोर-किशोरियों में स्वस्थ आहार और जीवनशैली को बढ़ावा देने को लेकर एक राज्य स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रमुख सचिव लीना जोहरी, शिक्षा विभाग की महानिदेशक कंचन वर्मा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, मातृ स्वास्स्थ्य की संयुक्त निदेशक डॉ. शालू, यूनिसेफ के कार्यक्रम प्रबंधक अमित मेहरोत्रा, राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉ. अजय गुप्ता, एसजीपीजीआई की बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. पियाली भट्टाचार्य एवं किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी की विभागाध्यक्ष डॉ. मोनिका अग्रवाल ने दीप प्रज्वलित करके किया। कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास, शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, शैक्षणिक संस्थानों के विशेषज्ञ और बच्चों ने एक साथ शामिल होकर प्रदेश के 8 करोड़ स्कूली बच्चों के पोषण एवं बेहतर स्वास्थ्य के लिए मज़बूत वातावरण तैयार करने पर विचार-विमर्श किया।
महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रमुख सचिव लीना जोहरी ने कहा– “सरकार बच्चों और महिलाओं के पोषण को बेहतर करने के लिए प्रतिबद्ध है। पोषण अभियान  और आंगनवाड़ी केन्द्रों के ज़रिये दी जा रही सेवाओं से न केवल स्कूलों में उपस्थिति का स्तर बेहतर हुआ है बल्कि परिवारों के पोषण स्तर में भी सुधार हो रहा है।“ उन्होंने कहा कि बच्चे हमारे देश का भविष्य हैं लेकिन जंक फ़ूड के प्रति उनका बढ़ता आकर्षण एक गंभीर चिंता का विषय है। ऐसे में ज़रूरी है कि उनके पोषण-युक्त आहार और खेलकूद बराबर पर ज़ोर दिया जाए।
शिक्षा महानिदेशक कंचन वर्मा ने कहा– “वर्ष  2047 तक विकसित उत्तर प्रदेश और विकसित भारत बनाने का सरकार का सपना तभी पूरा होगा जब बच्चों की सभी क्षमताएं विकसित हों और इसके लिए उचित पोषण और स्वस्थ जीवनशैली आवश्यक है। उन्होंने कहा कि शिक्षा तथा महिला एवं बाल विकास विभाग मिलकर बच्चों के शुरूआती और किशोरावस्था में पोषण को बेहतर करने के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं। इसके लिए विभाग शिक्षकों को निरंतर प्रशिक्षित करने की ज़रूरत है।
राष्ट्रीय टीकाकरण अधिकारी डॉ. अजय गुप्ता ने बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार के लिए विफ्स और राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत किये जा रहे प्रयासों के बारे में  जानकारी दी। यूनिसेफ के कार्यक्रम प्रबंधक अमित मेहरोत्रा ने कहा कि यूनिसेफ द्वारा उत्तर प्रदेश के कुछ चयनित स्कूलों में बच्चों का पोषण आंकलन किया जाएगा जिसके आधार पर सरकार नीतिगत निर्णय लेने में मदद मिलेगी। एसजीपीजीआई की बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. पियाली भट्टाचार्य ने शुरूआती हज़ार दिनों और किशोरावस्था में बच्चों के पोषण पर विशेष ध्यान रखने अहमियत के बारे में बताया।
कार्यक्रम में आईसीएमआर की वैज्ञानिक प्रियंका बंसल ने एनीमिया और कुपोषण को लेकर की जा रही रिसर्च के बारे में जानकारी दी और बिहार व तेलंगाना से आए प्रतिनिधियों ने अपनी स्कूल आधारित सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा किया।
कार्यक्रम में इंडियन एसोसिएशन ऑफ़ पीडियाट्रिक्स से डॉ. संजय निरंजन, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के महाप्रबंधक बाल स्वास्थ्य, आरबीएसके, आरकेएसके, मानसिक स्वास्थ्य, यूनिसेफ बिहार टीम से डॉ. संदीप, यूनिसेफ हैदराबाद से गौरी, एमडीएम उत्तर प्रदेश से तरुणा, नीलम, समीर, हिफजुर, एमडीएम बिहार से डॉ. प्रियंका, जावेद आदि शामिल रहे।

बच्चों में मोटापे की समस्या बनी चुनौती :
यूनिसेफ़ द्वारा हाल ही में जारी की गई चाइल्ड न्यूट्रिशन ग्लोबल रिपोर्ट 2025, के अनुसार मोटापे ने पहली बार वैश्विक स्तर पर स्कूली स्तर के आयु वर्ग के बच्चों और किशोरों में अल्प वज़न की दर को पीछे छोड़ दिया है। आज दुनिया भर में हर दस में से एक बच्चा, यानी 18.8 करोड़ बच्चों में मोटापा हैं। एक समय में जिस मोटापे को सम्पन्नता की निशानी माना जाता था, वही अब बीमारी बन चुका है। जो, निम्न और मध्यम-आय वाले देशों में भी तेज़ी से फैल रहा है, जिसमें भारत भी शामिल है।