किशोर-किशोरियों के पोषण पर निवेश हो सरकार की प्राथमिकता
* बच्चों और किशोर-किशोरियों के लिए स्वस्थ आहार और जीवनशैली पर राज्य स्तरीय परामर्श आयोजित

* शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य हितधारकों के समन्वय से बनेगा बच्चों का तेज़ दिमाग और स्वस्थ शरीर

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार और यूनिसेफ के सहयोग से शुक्रवार को स्कूल जाने वाले बच्चों और किशोर-किशोरियों में स्वस्थ आहार और जीवनशैली को बढ़ावा देने को लेकर एक राज्य स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रमुख सचिव लीना जोहरी, शिक्षा विभाग की महानिदेशक कंचन वर्मा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, मातृ स्वास्स्थ्य की संयुक्त निदेशक डॉ. शालू, यूनिसेफ के कार्यक्रम प्रबंधक अमित मेहरोत्रा, राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉ. अजय गुप्ता, एसजीपीजीआई की बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. पियाली भट्टाचार्य एवं किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी की विभागाध्यक्ष डॉ. मोनिका अग्रवाल ने दीप प्रज्वलित करके किया। कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास, शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, शैक्षणिक संस्थानों के विशेषज्ञ और बच्चों ने एक साथ शामिल होकर प्रदेश के 8 करोड़ स्कूली बच्चों के पोषण एवं बेहतर स्वास्थ्य के लिए मज़बूत वातावरण तैयार करने पर विचार-विमर्श किया।
महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रमुख सचिव लीना जोहरी ने कहा– “सरकार बच्चों और महिलाओं के पोषण को बेहतर करने के लिए प्रतिबद्ध है। पोषण अभियान  और आंगनवाड़ी केन्द्रों के ज़रिये दी जा रही सेवाओं से न केवल स्कूलों में उपस्थिति का स्तर बेहतर हुआ है बल्कि परिवारों के पोषण स्तर में भी सुधार हो रहा है।“ उन्होंने कहा कि बच्चे हमारे देश का भविष्य हैं लेकिन जंक फ़ूड के प्रति उनका बढ़ता आकर्षण एक गंभीर चिंता का विषय है। ऐसे में ज़रूरी है कि उनके पोषण-युक्त आहार और खेलकूद बराबर पर ज़ोर दिया जाए।
शिक्षा महानिदेशक कंचन वर्मा ने कहा– “वर्ष  2047 तक विकसित उत्तर प्रदेश और विकसित भारत बनाने का सरकार का सपना तभी पूरा होगा जब बच्चों की सभी क्षमताएं विकसित हों और इसके लिए उचित पोषण और स्वस्थ जीवनशैली आवश्यक है। उन्होंने कहा कि शिक्षा तथा महिला एवं बाल विकास विभाग मिलकर बच्चों के शुरूआती और किशोरावस्था में पोषण को बेहतर करने के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं। इसके लिए विभाग शिक्षकों को निरंतर प्रशिक्षित करने की ज़रूरत है।
राष्ट्रीय टीकाकरण अधिकारी डॉ. अजय गुप्ता ने बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार के लिए विफ्स और राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत किये जा रहे प्रयासों के बारे में  जानकारी दी। यूनिसेफ के कार्यक्रम प्रबंधक अमित मेहरोत्रा ने कहा कि यूनिसेफ द्वारा उत्तर प्रदेश के कुछ चयनित स्कूलों में बच्चों का पोषण आंकलन किया जाएगा जिसके आधार पर सरकार नीतिगत निर्णय लेने में मदद मिलेगी। एसजीपीजीआई की बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. पियाली भट्टाचार्य ने शुरूआती हज़ार दिनों और किशोरावस्था में बच्चों के पोषण पर विशेष ध्यान रखने अहमियत के बारे में बताया।
कार्यक्रम में आईसीएमआर की वैज्ञानिक प्रियंका बंसल ने एनीमिया और कुपोषण को लेकर की जा रही रिसर्च के बारे में जानकारी दी और बिहार व तेलंगाना से आए प्रतिनिधियों ने अपनी स्कूल आधारित सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा किया।
कार्यक्रम में इंडियन एसोसिएशन ऑफ़ पीडियाट्रिक्स से डॉ. संजय निरंजन, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के महाप्रबंधक बाल स्वास्थ्य, आरबीएसके, आरकेएसके, मानसिक स्वास्थ्य, यूनिसेफ बिहार टीम से डॉ. संदीप, यूनिसेफ हैदराबाद से गौरी, एमडीएम उत्तर प्रदेश से तरुणा, नीलम, समीर, हिफजुर, एमडीएम बिहार से डॉ. प्रियंका, जावेद आदि शामिल रहे।

बच्चों में मोटापे की समस्या बनी चुनौती :
यूनिसेफ़ द्वारा हाल ही में जारी की गई चाइल्ड न्यूट्रिशन ग्लोबल रिपोर्ट 2025, के अनुसार मोटापे ने पहली बार वैश्विक स्तर पर स्कूली स्तर के आयु वर्ग के बच्चों और किशोरों में अल्प वज़न की दर को पीछे छोड़ दिया है। आज दुनिया भर में हर दस में से एक बच्चा, यानी 18.8 करोड़ बच्चों में मोटापा हैं। एक समय में जिस मोटापे को सम्पन्नता की निशानी माना जाता था, वही अब बीमारी बन चुका है। जो, निम्न और मध्यम-आय वाले देशों में भी तेज़ी से फैल रहा है, जिसमें भारत भी शामिल है।
गोरखपुर का ठग बना निवेशकों का दुश्मन, हजारों पुलिसकर्मी भी फंसे करोड़ों की ठगी में
लखनऊ/ गोरखपुर । सुब्रत राय बनने का सपना देखने वाले एक व्यक्ति ने पुलिसकर्मियों, रिटायर्ड अधिकारियों और आम जनता से करोड़ों रुपये की ठगी कर ली। मामला सामने आने के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है। आरोपी का नाम विश्वजीत श्रीवास्तव है, जिसने गोरखपुर में एक कंपनी खड़ी कर अपने नेटवर्क को यूपी सहित कई राज्यों तक फैला दिया। जमीन, सोना और मोटे मुनाफे का लालच देकर आरोपी ने लोगों से बड़ी-बड़ी रकम निवेश कराई और अब करोड़ों लेकर फरार हो गया।

गोरखपुर से शुरू हुआ करोड़ों का निवेश घोटाला

गोरखपुर निवासी विश्वजीत श्रीवास्तव ने कुछ पुलिसकर्मियों के साथ मिलकर लोगों को विश्वास दिलाया कि उसकी कंपनी सुरक्षित और लाभकारी निवेश कर रही है। कंपनी का डायरेक्टर उसकी पत्नी, साला और कुछ अन्य करीबी लोग बनाए गए। इनके जरिए सेवानिवृत्त पुलिसकर्मी, वर्तमान में कार्यरत पुलिस अधिकारी, उनके परिजन और आम लोग जाल में फंसते चले गए। बताया जा रहा है कि निवेशकों को यह भरोसा दिलाया गया कि उनका पैसा जमीन में लगाया जाएगा, गोल्ड में निवेश होगा और दूसरी सुरक्षित योजनाओं में डाला जाएगा, जिससे उन्हें मोटा मुनाफा मिलेगा।

यूपी के अलावा अन्य राज्यों में भी फैला रखा है ठगी का सम्राज्य

कंपनी संचालक और उसके साथियों ने निवेशकों को इस तरह सपने दिखाए मानो वे रातों-रात करोड़पति बन जाएंगे। लेकिन धीरे-धीरे हकीकत सामने आने लगी। लाखों-करोड़ों रुपये लेने के बाद न तो जमीन दी गई, न ही गोल्ड और न ही वादा किया गया मुनाफा। धीरे-धीरे ठगी का शिकार हुए लोग कंपनी के खिलाफ आवाज उठाने लगे। खास बात यह है कि नेटवर्क सिर्फ गोरखपुर तक सीमित नहीं रहा। यूपी के अलावा कई अन्य राज्यों में भी आरोपी ने ठगी का जाल फैला रखा था।

पुलिस विभाग तक अब लगातार पहुंची रही शिकायतें

जैसे-जैसे ठगी की कहानियां खुलने लगीं, वैसे-वैसे पुलिस विभाग तक शिकायतें पहुंचने लगीं। सेवानिवृत्त और वर्तमान पुलिसकर्मियों ने खुलकर आवाज उठाई। इस मामले पर डीसीपी अपराध कमलेश दीक्षित ने जानकारी देते हुए बताया कि, विश्वजीत श्रीवास्तव नामक व्यक्ति ने कंपनी बनाई थी। इसके डायरेक्टर उसकी पत्नी, साला और कुछ अन्य लोग है। इन्होंने बड़े पैमाने पर लोगों से इन्वेस्ट कराया। जमीन, गोल्ड और अन्य योजनाओं में निवेश का लालच देकर करोड़ों रुपये जमा कराए गए। फिलहाल दो लोगों की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया है और अन्य शिकायतें भी लगातार प्राप्त हो रही हैं।”

शिकायत मिलने के बाद पूरे नेटवर्क का पता लगाने में जुटी पुलिस

पुलिस अब इस ठग और उसके पूरे नेटवर्क पर शिकंजा कसने में जुट गई है। डीसीपी अपराध कमलेश दीक्षित का कहना है कि गिरोह के बारे में गहन जांच की जा रही है। आरोपी की गिरफ्तारी के लिए लगातार प्रयास जारी हैं। जो भी तथ्य सामने आएंगे, उनके आधार पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।

काले खेल का खुलासा होते ही निवेशक परेशान

कंपनी के काले खेल का खुलासा होते ही निवेशकों में भारी आक्रोश है। कई लोग अपनी जिंदगी भर की कमाई गंवा चुके हैं। खासकर पुलिसकर्मी और उनके परिवार इस ठगी से गहरे सदमे में हैं। लोगों का कहना है कि उन्होंने आरोपी पर भरोसा इसलिए किया क्योंकि उसके साथ  इस खेल में कई पुलिसकर्मी भी शामिल रहे।

मुनाफे के चक्कर में गवां बैठे जीवन की पूरी कमाई

यह घटना एक बड़ी सीख भी है कि लालच और अधिक मुनाफे के चक्कर में लोग कैसे अपनी मेहनत की कमाई गंवा बैठते हैं। निवेश करने से पहले पूरी तरह से जांच-पड़ताल जरूरी है। गोरखपुर से निकली यह ठगी की कहानी अब पूरे प्रदेश और देश के लिए चेतावनी बन चुकी है।

जांच शुरू होने से निवेशकों में न्याय की उम्मीद
कुल मिलाकर विश्वजीत श्रीवास्तव का यह कारनामा न सिर्फ गोरखपुर बल्कि पूरे यूपी और अन्य राज्यों में हजारों लोगों को गहरी चोट दे गया है। अब पुलिस की जांच शुरू होने से ठगी के शिकार लोगों को उम्मीद है कि जल्द ही पूरे नेटवर्क का खुलासा होगा और उनकी खोई पूंजी मिल जाएगी। यही सोचकर अब लगाकर एक ठगी के शिकार अपनी शिकायत लेकर डीसीपी अपराध के पास पहुंच रहे है।
काकोरी बस हादसा: तेज रफ्तार, अंधेरा और खड़ा टैंकर बने मौत का कारण, पांच की गई जान


लखनऊ । राजधानी में काकोरी के टिकैतगंज के पास गुरुवार शाम लगभग सात बजे रोडवेज की बस हादसे का शिकार हो गई। कैसरबाग डिपो की यह बस हरदोई की ओर जा रही थी और अचानक सड़क किनारे खड़े टैंकर से टकराकर खाई में पलट गई। हादसे में पांच लोगों की मौत हो गई, जबकि कई यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए।

हादसे की यह वजह निकलकर आयी सामने

प्रत्यक्षदर्शियों और ग्रामीणों ने इस दुर्घटना की तीन प्रमुख वजहें गिनाईं प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि हादसे के समय बस की स्पीड 80–90 किमी प्रति घंटे के बीच थी। इसी कारण चालक बस पर नियंत्रण खो बैठा।जिस स्थान पर बस पलटी, वहां हाईवे पर पर्याप्त रोशनी नहीं थी। ग्रामीणों का कहना है कि अगर वहां स्ट्रीट लाइट लगी होती तो हादसा टल सकता था।टैंकर सड़क किनारे पौधों में पानी डाल रहा था। पास में मजदूर और बाइक सवार भी मौजूद थे। अचानक आई बस ने सबको रौंद दिया और कई बार पलटकर खाई में जा गिरी।

ग्रामीणों ने बताया, ऐसा लगा मानो धमाका हो गया

गांव के राजकुमार रावत, बैजनाथ रावत, कोटेदार चंद्रप्रकाश रावत और प्रधान पति महेंद्र रावत ने बताया कि टक्कर के वक्त ऐसा लगा मानो जोरदार धमाका हुआ हो। वे तुरंत गांव से हाईवे की ओर भागे। वहां टैंकर पलटा पड़ा था, चारों तरफ चीख-पुकार मची थी और खाई में बस गिरी हुई थी।हादसे के तुरंत बाद यात्री खुद और ग्रामीणों की मदद से अस्पताल पहुंचे। कई लोगों को सीएचसी काकोरी ले जाया गया, जहां से गंभीर घायलों को ट्रॉमा सेंटर रेफर किया गया। एक घायल को स्कूटी पर बैठाकर ट्रॉमा तक पहुंचाया गया। डीएम विशाख जी ने पुष्टि की कि हादसे में पांच लोगों की मौत हुई है।

ग्रीन कॉरिडोर से पहुंचे गंभीर घायल

दो घायलों की हालत बिगड़ने पर पुलिस की मदद से ग्रीन कॉरिडोर बनाकर उन्हें ट्रॉमा सेंटर भेजा गया। वहां इलाज शुरू होने के बाद उनकी स्थिति पर नजर रखी जा रही है। पुलिस और प्रशासन की टीम लगातार घटनास्थल, सीएचसी और ट्रॉमा सेंटर पर मौजूद है।हाईवे पर रोशनी का अभाव: जिस स्थान पर हादसा हुआ वहां पर्याप्त स्ट्रीट लाइट नहीं थीं।सड़क किनारे टैंकर खड़ा होना: कामकाज के दौरान ट्रैफिक कंट्रोल या चेतावनी संकेत (वार्निंग लाइट/बोर्ड) नहीं लगाए गए थे।बस की स्पीड पर नियंत्रण नहीं: रोडवेज बसों की रफ्तार नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त निगरानी और मॉनिटरिंग नहीं है।आपातकालीन प्रबंधन में देरी: शुरुआती समय में एंबुलेंस मौके पर देर से पहुंची, जिससे घायलों को निजी साधनों से अस्पताल ले जाना पड़ा।

बाइक सवार भी चपेट में आया, शव फंसा मिला बस के भीतर

काकोरी के टिकैतगंज के पास गुरुवार शाम हुए बस हादसे में स्थिति और भयावह रही। रोडवेज की कैसरबाग डिपो की बस तेज रफ्तार में सड़क किनारे खड़े ट्रैक्टर-टैंकर से टकराई और फिर खाई में पलट गई। हादसे में पांच लोगों की मौत और कई घायल हुए।

दोनों की बाइक बस के नीचे दबकर क्षतिग्रस्त हो गई

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, इस दौरान दो बाइक सवार भी बस की चपेट में आ गए। दोनों की बाइक बस के नीचे दबकर क्षतिग्रस्त हो गई। एक व्यक्ति बस के बाएं हिस्से में फंस गया था। घटना के लगभग 50 मिनट बाद जब जेसीबी की मदद से बस को निकाला गया, तो शव उसी में फंसा मिला। शव की हालत इतनी खराब थी कि चिथड़े उड़ गए थे।

बाइक सवारों को रौंदते हुए गहरे गड्ढे में जा गिरी

प्रत्यक्षदर्शी साहा ने बताया कि वह कार से राजाजीपुरम से लौट रहे थे। उनकी आंखों के सामने बस ने पहले ट्रैक्टर-टैंकर को टक्कर मारी, फिर बाइक सवारों को रौंदते हुए गहरे गड्ढे में जा गिरी। साहा ने तुरंत कार रोकी और स्थानीय लोगों के साथ मिलकर यात्रियों को बस से बाहर निकाला। बाद में घायलों को अस्पताल और ट्रॉमा सेंटर तक पहुंचाने में भी मदद की।

घायल/मृतकों के नाम की सूची

1. इरशाद हुसैन पुत्र इसरार हुसैन निवासी दुबग्गा थाना दुबग्गा लखनऊ उम्र 60 वर्ष।
2. अनुराग पुत्र रामचन्द्र निवासी हुलालखेडा थाना मोहनलालगंज लखनऊ उम्र 28 वर्ष।
3. अरविन्द कुमार अवस्थी पुत्र शिवप्रसाद अवस्थी निवासी आलमनगर थाना आलमबाग लखनऊ उम्र 56 वर्ष।
4. संजय पुत्र गयाप्रसाद निवासी दुगौली थाना काकोरी जनपद लखनऊ उम्र 30 वर्ष।
5. राजेश मौर्या पुत्र सुन्दरलाल निवासी गनेशपुर थाना संधना जनपद सीतापुर उम्र 35 वर्ष।
6. बसन्त देवी पत्नी रामजीत निवासी बालाजी खेतई कोतवाली देहात जनपद हरदोई उम्र 40 वर्ष
7. संजीव प्रकाश श्रीवास्तव पुत्र शिवप्रकाश श्रीवास्तव निवासी न्यूहैदरगंज कैम्पलरोड बालागंज लखनऊ उम्र 50 वर्ष
8. अरूण कुमार पुत्र सुन्दरलाल निवासी 2/220 रश्मीखण्ड लखनऊ
9. भरत कुमार पुत्र हरदीन निवासी त्रिवेणीनगर लखनऊ
10. दिनेश पुत्र नन्द किशोर निवासी कठवारा थाना बीकेटी लखनऊ उम्र 40 वर्ष
11. शुभाजीत मुखर्जी पुत्र एसपी मुखर्जी निवासी रुचिखण्ड शारदानगर थाना आशियाना लखनऊ
12. सुहैल अहमद पुत्र मोइलन अहमद निवासी गढ़ी कनौरा थाना आलमबाग लखनऊ
13. दुर्गेश पुत्र रामलखन निवासी पूरे बैजू थाना गुरबक्सगंज जनपद रायबरेली उम्र 40 वर्ष
14. राकेश पुत्र मिश्रीलाल निवासी इन्दिरानगर जनपद लखनऊ उम्र 40 वर्ष
15. अविरल वर्मा पुत्र ताराचन्द्र वर्मा निवासी प्रगति नगर कोतवाली देहात जनपद हरदोई उम्र 29 वर्ष
16. अनूप कुमार पुत्र स्व0 भाईलाल निवासी 173/212 लैदर मार्केट चिक मण्डी मौलवीगंज थाना अमीनाबाद लखनऊ
17. अनुजराज पुत्र अनूप कुमार निवासी 173/212 लैदर मार्केट चिक मण्डी मौलवीगंज थाना अमीनाबाद लखनऊ
18.    अनिल कुमार पुत्र कृष्ण दयाल निवासी श्रृगांर नगर लखनऊ उम्र 45 वर्ष (चालक)
19.     मोहम्मद रेहान (परिचालक)

मृतकों का विवरण

1. बाबू राम पुत्र दाराचन्द्र निवासी पिपरा थाना सुनगढी जनपद पीलीभीत
2. नरदेव निवासी मथुरा
3. संजीव पुत्र लेखन पाल निवासी रायपुर जगवन थाना इसौली जनपद बदायूँ
4. दिलशाद पुत्र मुस्ताक निवासी बुधडिया थाना काकोरी लखनऊ
5. अज्ञात पुरुष (शिनाख्त के प्रयास किये जा रहे है)
गुरुओं के आदर्शों को आत्मसात करें: उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय

* सी.बी. गुप्ता नेशनल श्री सम्मान और शिक्षक उत्कृष्टता पुरस्कार समारोह में किया सम्मानित शिक्षकों का अभिनंदन

लखनऊ। प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने आज लखनऊ स्थित नेशनल पी.जी. कॉलेज में आयोजित एक गरिमामय समारोह में "सी.बी. गुप्ता नेशनल श्री सम्मान" और "मानद शिक्षक उत्कृष्टता पुरस्कार" प्रदान किए। इस अवसर पर उन्होंने शिक्षकों से डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन और स्वामी विवेकानंद के विचारों से प्रेरणा लेने का आह्वान किया और कहा कि वर्तमान समय में गुरु की संकल्पना को व्यवहार में उतारना अत्यंत आवश्यक है।

मंत्री उपाध्याय ने कहा कि नई शिक्षा नीति (एनईपी-2020) शिक्षा को केवल रोजगार तक सीमित नहीं रखती, बल्कि इसे तकनीकी दक्षता, सांस्कृतिक समृद्धि और नैतिक मूल्यों से जोड़ने की दिशा में कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि शिक्षक वर्ग विद्यार्थियों को व्यावसायिक और कौशल आधारित शिक्षा से भी सशक्त बनाएं।

कार्यक्रम के दौरान जंतु विज्ञान विभाग के डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार को तृतीय सी.बी. गुप्ता नेशनल श्री सम्मान से सम्मानित किया गया। साथ ही, कॉलेज के नौ अन्य शिक्षकों को मानद शिक्षक उत्कृष्टता पुरस्कार प्रदान किए गए। सम्मान पाने वालों में प्रो. रामकृष्ण, प्रो. पी.के. सिंह, प्रो. ज्योति भार्गव, प्रो. राकेश पाठक, डॉ. अपर्णा सिंह, डॉ. भानु प्रताप सिंह, डॉ. इंदुबाला, डॉ. रीना श्रीवास्तव और डॉ. शालिनी लांबा शामिल रहे।

समारोह में मंत्री ने स्वामी विवेकानंद के विचारों को उद्धृत करते हुए कहा, “शिक्षा वह है जो नैतिकता सिखाए, ज्ञान-विज्ञान से परिचित कराए और व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनाए।” उन्होंने कहा कि शिक्षक समाज के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, और ऐसे विचार आज पहले से अधिक प्रासंगिक हो गए हैं।

इस अवसर पर कम्प्यूटर विज्ञान विभाग की शिक्षिकाओं डॉ. शालिनी, डॉ. गौरवी और महेश द्वारा लिखित पुस्तक “कृत्रिम बुद्धिमत्ता की नैतिकता: नवाचार और उत्तरदायित्व का संतुलन” का विमोचन भी उच्च शिक्षा मंत्री ने किया।
परिवहन आयुक्त ने लखनऊ आरटीओ कार्यालय का किया निरीक्षण, सेवाओं को पारदर्शी बनाने पर दिया जोर

* ऑनलाइन सेवाओं के प्रति जागरूकता और जनता की समस्याओं के समाधान के लिए तत्पर दिखे अधिकारी

लखनऊ । उत्तर प्रदेश के परिवहन आयुक्त ने गुरुवार को राजधानी लखनऊ स्थित ट्रांसपोर्ट नगर आरटीओ कार्यालय का औचक निरीक्षण किया। आयुक्त ने सबसे पहले कार्यालय की सफाई व्यवस्था, फाइलों के रख-रखाव और कर्मचारी उपस्थिति की जांच की। व्यवस्था सुदृढ़ और सुव्यवस्थित देखकर उन्होंने संबंधित अधिकारियों की सराहना की।

निरीक्षण के दौरान आयुक्त ने कार्यालय में कार्य कराने आए आमजन से सीधा संवाद किया और उनकी समस्याएं सुनीं। उन्होंने लोगों को विभाग की ऑनलाइन सेवाओं जैसे ड्राइविंग लाइसेंस, वाहन पंजीकरण, टैक्स भुगतान आदि के बारे में जानकारी दी और उन्हें इनका अधिकतम लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया।

इसके बाद आयोजित पत्रकार वार्ता में परिवहन आयुक्त ने मीडिया के विभिन्न सवालों के जवाब सहजता और स्पष्टता से दिए। उन्होंने कहा कि, "परिवहन विभाग की अधिकांश सेवाएं अब ऑनलाइन उपलब्ध हैं और इन्हें और अधिक पारदर्शी व जनोन्मुखी बनाने की दिशा में निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।"

आयुक्त ने विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा करते हुए बताया कि:

पेयजल और होमगार्डो के बैठने की उचित व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है।

गोमती नगर में एक नया एआरटीओ कार्यालय खोलने की योजना पर भी कार्य हो रहा है।

"नो हेलमेट, नो फ्यूल" अभियान को सफल बनाने के लिए आम जनता की सहभागिता जरूरी है।

2016 से 2021 तक के लंबित चालानों के निस्तारण की प्रक्रिया को भी तेज किया गया है।

सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों के इलाज के लिए डेढ़ लाख रुपये तक की सहायता योजना के क्रियान्वयन पर भी विभाग सक्रिय रूप से कार्य कर रहा है।

आयुक्त ने आश्वासन दिया कि विभाग आम नागरिकों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है और फीडबैक के आधार पर लगातार सुधार किए जा रहे हैं।
कौशल विकास मिशन की नौ दिवसीय ओरिएंटेशन वर्कशॉप सम्पन्न
‘सबको हुनर, सबको काम’ लक्ष्य की प्राप्ति की दिशा में उठाए गए  कदम


लखनऊ । उत्तर प्रदेश के व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल के निर्देशन में उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन द्वारा आयोजित नौ दिवसीय ओरिएंटेशन वर्कशॉप गुरुवार को सम्पन्न हुई। यह वर्कशॉप 25 अगस्त से प्रारंभ होकर 11 सितम्बर तक विभिन्न चरणों में उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन मुख्यालय में आयोजित की गई । इस कार्यशाला में 25 इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग पार्टनर तथा 162 निजी प्रशिक्षण प्रदाता सम्मिलित हुए।

उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन निदेशक पुलकित खरे ने बताया कि प्रदेश सरकार की मंशा अनुरूप “सबको हुनर, सबको काम” के लक्ष्य की प्राप्ति हेतु उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन पूरी प्रतिबद्धता से कार्य कर रहा है। प्रशिक्षण संचालन में पारदर्शिता, गुणवत्ता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए पहली बार प्रशिक्षण प्रदाताओं से प्रत्यक्ष संवाद स्थापित करने का यह प्रयास किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक प्रशिक्षण बैच का उद्घाटन स्थानीय विधायक द्वारा किया जाना अनिवार्य होगा, तभी उसे मान्यता प्राप्त होगी। साथ ही, प्रशिक्षणार्थियों के अभिभावकों को भी कौशल प्रशिक्षण की प्रक्रिया और उससे होने वाले संभावित लाभों की जानकारी दी जाएगी। इसके लिए “अभिभावक दिवस” की अवधारणा शामिल की गई है। अभिभावकों से फीडबैक दर्ज करने और पारदर्शिता हेतु अभिभावकों के साथ ली गई सेल्फी मिशन पोर्टल पर अपलोड करना भी सुनिश्चित किया जाएगा। वित्तीय वर्ष 2025-26 में सामाजिक समावेशन को ध्यान में रखते हुए सभी प्रशिक्षण बैचों में दिव्यांगजन हेतु 5 प्रतिशत आरक्षण और महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सहभागिता का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। महिला मोबिलाइजेशन पर विशेष बल दिया जा रहा है।

मिशन निदेशक ने बताया  कि  वर्कशॉप में यह निर्णय लिया गया कि अब सभी प्रशिक्षण बैचों का लाइव टेलीकास्ट मिशन मुख्यालय से किया जाएगा, जिससे प्रशिक्षण की गुणवत्ता का आकलन रीयल-टाइम में हो सके। साथ ही, जिलाधिकारियों से संवाद कर प्रत्येक जिले के शीर्ष 5 औद्योगिक सेक्टर की पहचान कर ली गई है। इन सेक्टरों में युवाओं को प्रशिक्षित कर स्थानीय स्तर पर ही रोजगार उपलब्ध कराने की कार्ययोजना बनाई गई है। वर्कशॉप में प्रशिक्षण प्रदाताओं के पूर्व प्रदर्शन की समीक्षा की गई और भविष्य की रणनीतियाँ तय की गईं। उद्योगों के साथ किए गए समझौता ज्ञापनों की प्रगति की समीक्षा कर इस सप्ताह में ही नए टारगेट सौंपने का निर्णय लिया गया। साथ ही, यह सुनिश्चित किया गया कि केवल सेक्टर स्किल काउंसिल द्वारा प्रमाणित प्रशिक्षक ही प्रशिक्षण देंगे।
तुलसी, दीये और ब्रज का जादू, मथुरा का जैत गांव बना अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मॉडल
लखनऊ। मथुरा जिले का जैत गांव अब ग्रामीण पर्यटन के वैश्विक नक्शे पर अपनी अलग पहचान बना रहा है। एग्री-रूरल और गंगेय ग्राम ग्रामीण पर्यटन परियोजना के तहत बुधवार को श्रीलंका का प्रतिनिधिमंडल तीन दिवसीय फैम ट्रिप (फैमिलियराइजेशन ट्रिप) पर जैत पहुंचा। प्रतिनिधिमंडल ने गांव की पारंपरिक जीवनशैली, लोक कला और संस्कृति को नजदीक से देखा और स्थानीय लोगों के साथ संवाद किया। इस यात्रा के दौरान श्रीलंकाई दल ने जैत से मैनपुरी होते हुए ताजमहल का भी अवलोकन किया। यह फैम ट्रिप उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर को विश्व पटल पर प्रस्तुत करने के साथ-साथ भारत-श्रीलंका के सांस्कृतिक रिश्तों को और मजबूती प्रदान करेगी।

जैत गांव में पहुंचे प्रतिनिधिमंडल का स्वागत ब्रज की रंगीन और पारंपरिक शैली में किया गया। अतिथियों को चंदन का तिलक लगाकर, फूलों की मालाएं पहनाकर और मधुर लोकगीतों के साथ अभिनंदन किया गया। पूरे आयोजन का माहौल ऐसा था मानो हर दृश्य और हर आवाज़ अपनी अलग कहानी कह रही हो। प्रतिनिधिमंडल ने कालिया नाग मंदिर का दौरा किया, जहां उन्हें भगवान कृष्ण और सर्प कालिया की कथा का रोमांचक एवं मंत्रमुग्ध कर देने वाला प्रसंग सुनाया गया।

स्वयं बनाए मिट्टी के दीये और तुलसी मालागांव में पहुंचे प्रतिनिधिमंडल ने स्थानीय कारीगरों के साथ मिलकर पारंपरिक मिट्टी के दीयों का निर्माण किया। यह केवल एक शिल्प अनुभव नहीं, बल्कि भारतीय ग्रामीण कला और परंपरा की जीवंत झलक थी। प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने स्वयं दीये बनाने की प्रक्रिया में भाग लिया। इसके अलावा प्रतिनिधिमंडल ने ऐतिहासिक जय कुंड का भी दौरा किया, जो ब्रज की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत से गहराई से जुड़ा हुआ है।

इसके अलावा, तुलसी माला बनाना, तुलसी की खेती देखना और लड्डू गोपाल के पारंपरिक वस्त्र (पोशाक) बनाने की प्रक्रिया का भी अनुभव किया। भाग्यश्री तुलसी आउटलेट में उन्होंने देखा कि कैसे स्वयं सहायता समूह स्थानीय शिल्प को स्थायी आजीविका में बदल रहे हैं। मेहमानों ने ब्रज व्यंजन का स्वाद भी लिया। मेजबान से बातचीत की और गांव वालों के साथ कृष्ण भजनों में शामिल होकर रात्रिभोज को सांस्कृतिक उत्सव में बदल दिया।

*मैनपुरी और भावंत में देखी ग्रामीण उद्यमिता* 
श्रीलंकाई दल ने मथुरा के इस्कॉन मंदिर का भी भ्रमण किया। इसके बाद प्रतिनिधिमंडल ने ग्रामीण पर्यटन परियोजना के तहत पंजीकृत फार्म स्टे में रात बिताई। तत्पश्चात यह दल मैनपुरी की ओर रवाना हुआ। रास्ते में आगरा के ताजमहल का भी भ्रमण किया। भावंत गांव में अतिथियों ने जखदर महादेव मंदिर का दर्शन किया। पानी-सिंघाड़ा की खेती देखी। सहन गांव में उन्होंने बैल और घोड़ा गाड़ी की सवारी की और पारंपरिक शिल्प जैसे टकासी का अनुभव किया, जिससे ग्रामीण उद्यमिता की जीवनशैली को समझने का अवसर मिला। 12 सितंबर को प्रतिनिधिमंडल दिल्ली लौटेगा। यह तीन दिवसीय यात्रा ग्रामीण अनुभव को भारत के सबसे प्रमुख वैश्विक पर्यटन प्रतीक से जोड़ते हुए समाप्त होगी।

उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा, कि 'ग्रामीण पर्यटन सिर्फ़ यात्रा का साधन नहीं, बल्कि यह ग्रामीण अंचलों के लिए रोजगार सृजन, स्थानीय संस्कृति और परंपराओं के संरक्षण तथा वैश्विक पर्यटकों को आकर्षित करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। उन्होंने बताया कि जैत गांव ने उदाहरण प्रस्तुत किया है कि उत्तर प्रदेश के गांव न केवल अपनी सांस्कृतिक धरोहर को संजोए रख सकते हैं बल्कि वैश्विक पर्यटन आकर्षण के केंद्र भी बन सकते हैं। उन्होंने कहा, यह पहल साबित करती है कि सही योजना और स्थानीय सहभागिता से ग्रामीण पर्यटन गांवों के विकास में मददगार हो सकता है।'

यात्रा पर आए डॉ. निर्मला राणासिंघे, एसोसिएट प्रोफेसर ने कहा, 'जैत गांव ने साबित किया है कि गांव सिर्फ़ घर नहीं, बल्कि दुनिया के लिए एक जीवंत क्लासरूम है, जहां संस्कृति, समुदाय और स्थिरता साथ चलते हैं।'
 
उल्लेखनीय है कि जैत फैम ट्रिप उत्तर प्रदेश में हो रहे बड़े बदलाव का एक उदाहरण है। उत्तर प्रदेश ने 240 गांवों को पर्यटन हब के रूप में चिन्हित किया है। साथ ही 103 फार्म स्टे पंजीकृत किए गए हैं और 750 से अधिक होमस्टे को सुविधा प्रदान की जा रही है। ग्रामीण आतिथ्य को मजबूत बनाने के लिए एमकेआईटीएम में 285 से अधिक युवाओं को आतिथ्य सेवाओं में प्रशिक्षित किया गया है, जिससे स्थानीय कौशल को वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाया जा सके। पिछले वर्ष उत्तर प्रदेश में 65 करोड़ घरेलू पर्यटक पहुंचे। ग्रामीण पर्यटन और अनुभवात्मक यात्राओं में लगभग 10 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। विशेषज्ञों का मानना है कि इन पहलों से राज्य के ग्रामीण इलाकों की अर्थव्यवस्था में नई जान आएगी और स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे।
उत्तर प्रदेश बना सौर ऊर्जा में देश का अग्रणी राज्य

* 5157 मेगावाट की क्षमता वृद्धि, जल्द पहुँचेगा 10,000 मेगावाट के लक्ष्य पर

लखनऊ। उत्तर प्रदेश ने सौर ऊर्जा क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए जुलाई 2025 में 27,771 रूफटॉप सोलर इंस्टालेशन के साथ देश में पहला स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश की कुल सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता में 2017 में मात्र 389 मेगावाट थी, जो अब बढ़कर 5157 मेगावाट हो चुकी है। शीघ्र ही यह क्षमता 10,000 मेगावाट तक पहुंच जाएगी।

यह जानकारी प्रदेश के ऊर्जा एवं नगर विकास मंत्री ए.के. शर्मा ने लखनऊ के सेट्रम होटल में आयोजित "नेट जीरो समिट" में दी। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और राज्य सरकार की सौर ऊर्जा नीति 2022 का प्रतिफल है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश ने समय से अपनी सौर व जैव ऊर्जा नीतियां लागू कर हरित ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाई है।

श्री शर्मा ने कहा कि सोलर एनर्जी के लिए प्रदेश में असीम संभावनाएं हैं। छतों, कम उपयोगी भूमि और राजमार्गों के किनारे सोलर प्लांट लगाए जा सकते हैं। इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार द्वारा सब्सिडी तथा बैंक ऋण की सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है। सौर ऊर्जा न सिर्फ पर्यावरण हितैषी है, बल्कि यह आम जनता के लिए आर्थिक रूप से लाभकारी भी है।

ऊर्जा मंत्री ने बताया कि अयोध्या को प्रदेश की पहली सोलर सिटी के रूप में विकसित किया गया है, जहां की स्ट्रीट लाइट, घरों की बिजली आपूर्ति और यहां तक कि मोटर बोट भी सोलर ऊर्जा से संचालित हो रही हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में पिछले तीन वर्षों में पनकी, ओबरा, जवाहरपुर, घाटमपुर और खुर्जा में 4700 मेगावाट की थर्मल पावर परियोजनाएं शुरू की गई हैं और 6000 मेगावाट की योजनाएं प्रस्तावित हैं।

फिलहाल प्रदेश की कुल विद्युत उत्पादन क्षमता लगभग 21,000 मेगावाट है, जो 2017 की तुलना में लगभग दोगुनी हो चुकी है। इसमें थर्मल, सोलर और हाइड्रोपावर शामिल हैं। श्री शर्मा ने यह भी बताया कि बिजली वितरण में सुधार करते हुए पीएलएफ दर 60 से 80 प्रतिशत तक पहुंच गई है और लाइन लॉस को 50 प्रतिशत तक कम किया गया है। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि हरित ऊर्जा भविष्य की जरूरत है और सरकार पर्यावरण संतुलन के साथ ऊर्जा की उपलब्धता बढ़ाने के लिए कृतसंकल्पित है।
यूपी में नया बिजली कनेक्शन लेना हुआ महंगा, स्मार्ट मीटर के लिए देनी होगी छह गुना ज्यादा फीस"

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में नया बिजली कनेक्शन लेना अब उपभोक्ताओं की जेब पर भारी पड़ेगा। पावर कॉरपोरेशन के एमडी पंकज कुमार द्वारा जारी आदेश के अनुसार, अब प्रदेश भर में नए कनेक्शन पर केवल स्मार्ट प्रीपेड मीटर ही लगाए जाएंगे। इसके चलते उपभोक्ताओं को मीटर की कीमत पहले की तुलना में करीब छह गुना अधिक चुकानी पड़ेगी।

वर्तमान में जहां सिंगल फेज मीटर की फीस 872 रुपये और थ्री फेज मीटर की फीस 2,921 रुपये है, वहीं अब स्मार्ट प्रीपेड मीटर के लिए सिंगल फेज पर 6,016 रुपये और थ्री फेज पर 11,341 रुपये वसूले जाएंगे।

राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने इस आदेश को असंवैधानिक बताया है और सरकार से इसे वापस लेने की मांग की है। हालांकि, जिन उपभोक्ताओं के पुराने मीटर बदले जाएंगे, उन्हें इसके लिए अतिरिक्त शुल्क नहीं देना होगा, लेकिन उनके यहां भी स्मार्ट प्रीपेड मीटर ही लगाए जाएंगे।

भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय का 15वां दीक्षान्त समारोह सम्पन्न, मेधावियों को 40 पदक प्रदान
लखनऊ । उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बुधवार को भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय के 15वें दीक्षान्त समारोह में मेधावी छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया। लखनऊ स्थित कलामण्डपम् प्रेक्षागृह में आयोजित समारोह में कुल 40 पदक वितरित किए गए, जिनमें 25 स्वर्ण, 7 रजत और 8 कांस्य पदक शामिल थे। सर्वाधिक 08 पदक एमपीए कथक की छात्रा अंशिका कटारिया को प्राप्त हुए।

मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि भारत को 2047 तक विकसित बनाने के लक्ष्य में उत्तर प्रदेश की अहम भूमिका है। जब प्रदेश का हर जनपद विकसित होगा, तभी ‘विकसित भारत’ का सपना साकार होगा। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि इस समारोह में पदक विजेताओं में 51 प्रतिशत महिलाएं शामिल रहीं, जो महिला सशक्तिकरण का प्रतीक है।

समारोह में 09 शोधार्थियों को पीएचडी की उपाधि से सम्मानित किया गया, जिनमें रश्मि उपाध्याय, अमिता चौहान, पूजा द्विवेदी, शिवरूचि सिंह, अस्मिता श्रीवास्तव, अर्चना तिवारी, मंजू मलकानी, शैलजा शुक्ला और उपासना दीक्षित शामिल हैं। समारोह का शुभारंभ शोभायात्रा, राष्ट्रगीत और कुलगीत की प्रस्तुति से हुआ।

कुलपति प्रो. मांडवी सिंह ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला और संस्थापक पं. विष्णु नारायण भातखण्डे को श्रद्धांजलि अर्पित की। विशिष्ट अतिथि राज्य मंत्री (उच्च शिक्षा) श्रीमती रजनी तिवारी ने कहा कि बेटियों को अवसर मिले, तो वे हर क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त कर सकती हैं।

इस अवसर पर हरदोई जिले के आंगनबाड़ी केन्द्रों को किट वितरित की गई, तथा सीडीओ हरदोई सान्या छाबड़ा को स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। समारोह में मुख्य अतिथि डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे वर्चुअल रूप से जुड़े और शुभकामनाएं प्रेषित कीं। कार्यक्रम का समापन विश्वविद्यालय की कुलसचिव डॉ. सृष्टि धवन द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।