गुरुओं के आदर्शों को आत्मसात करें: उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय

* सी.बी. गुप्ता नेशनल श्री सम्मान और शिक्षक उत्कृष्टता पुरस्कार समारोह में किया सम्मानित शिक्षकों का अभिनंदन

लखनऊ। प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने आज लखनऊ स्थित नेशनल पी.जी. कॉलेज में आयोजित एक गरिमामय समारोह में "सी.बी. गुप्ता नेशनल श्री सम्मान" और "मानद शिक्षक उत्कृष्टता पुरस्कार" प्रदान किए। इस अवसर पर उन्होंने शिक्षकों से डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन और स्वामी विवेकानंद के विचारों से प्रेरणा लेने का आह्वान किया और कहा कि वर्तमान समय में गुरु की संकल्पना को व्यवहार में उतारना अत्यंत आवश्यक है।

मंत्री उपाध्याय ने कहा कि नई शिक्षा नीति (एनईपी-2020) शिक्षा को केवल रोजगार तक सीमित नहीं रखती, बल्कि इसे तकनीकी दक्षता, सांस्कृतिक समृद्धि और नैतिक मूल्यों से जोड़ने की दिशा में कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि शिक्षक वर्ग विद्यार्थियों को व्यावसायिक और कौशल आधारित शिक्षा से भी सशक्त बनाएं।

कार्यक्रम के दौरान जंतु विज्ञान विभाग के डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार को तृतीय सी.बी. गुप्ता नेशनल श्री सम्मान से सम्मानित किया गया। साथ ही, कॉलेज के नौ अन्य शिक्षकों को मानद शिक्षक उत्कृष्टता पुरस्कार प्रदान किए गए। सम्मान पाने वालों में प्रो. रामकृष्ण, प्रो. पी.के. सिंह, प्रो. ज्योति भार्गव, प्रो. राकेश पाठक, डॉ. अपर्णा सिंह, डॉ. भानु प्रताप सिंह, डॉ. इंदुबाला, डॉ. रीना श्रीवास्तव और डॉ. शालिनी लांबा शामिल रहे।

समारोह में मंत्री ने स्वामी विवेकानंद के विचारों को उद्धृत करते हुए कहा, “शिक्षा वह है जो नैतिकता सिखाए, ज्ञान-विज्ञान से परिचित कराए और व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनाए।” उन्होंने कहा कि शिक्षक समाज के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, और ऐसे विचार आज पहले से अधिक प्रासंगिक हो गए हैं।

इस अवसर पर कम्प्यूटर विज्ञान विभाग की शिक्षिकाओं डॉ. शालिनी, डॉ. गौरवी और महेश द्वारा लिखित पुस्तक “कृत्रिम बुद्धिमत्ता की नैतिकता: नवाचार और उत्तरदायित्व का संतुलन” का विमोचन भी उच्च शिक्षा मंत्री ने किया।
परिवहन आयुक्त ने लखनऊ आरटीओ कार्यालय का किया निरीक्षण, सेवाओं को पारदर्शी बनाने पर दिया जोर

* ऑनलाइन सेवाओं के प्रति जागरूकता और जनता की समस्याओं के समाधान के लिए तत्पर दिखे अधिकारी

लखनऊ । उत्तर प्रदेश के परिवहन आयुक्त ने गुरुवार को राजधानी लखनऊ स्थित ट्रांसपोर्ट नगर आरटीओ कार्यालय का औचक निरीक्षण किया। आयुक्त ने सबसे पहले कार्यालय की सफाई व्यवस्था, फाइलों के रख-रखाव और कर्मचारी उपस्थिति की जांच की। व्यवस्था सुदृढ़ और सुव्यवस्थित देखकर उन्होंने संबंधित अधिकारियों की सराहना की।

निरीक्षण के दौरान आयुक्त ने कार्यालय में कार्य कराने आए आमजन से सीधा संवाद किया और उनकी समस्याएं सुनीं। उन्होंने लोगों को विभाग की ऑनलाइन सेवाओं जैसे ड्राइविंग लाइसेंस, वाहन पंजीकरण, टैक्स भुगतान आदि के बारे में जानकारी दी और उन्हें इनका अधिकतम लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया।

इसके बाद आयोजित पत्रकार वार्ता में परिवहन आयुक्त ने मीडिया के विभिन्न सवालों के जवाब सहजता और स्पष्टता से दिए। उन्होंने कहा कि, "परिवहन विभाग की अधिकांश सेवाएं अब ऑनलाइन उपलब्ध हैं और इन्हें और अधिक पारदर्शी व जनोन्मुखी बनाने की दिशा में निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।"

आयुक्त ने विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा करते हुए बताया कि:

पेयजल और होमगार्डो के बैठने की उचित व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है।

गोमती नगर में एक नया एआरटीओ कार्यालय खोलने की योजना पर भी कार्य हो रहा है।

"नो हेलमेट, नो फ्यूल" अभियान को सफल बनाने के लिए आम जनता की सहभागिता जरूरी है।

2016 से 2021 तक के लंबित चालानों के निस्तारण की प्रक्रिया को भी तेज किया गया है।

सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों के इलाज के लिए डेढ़ लाख रुपये तक की सहायता योजना के क्रियान्वयन पर भी विभाग सक्रिय रूप से कार्य कर रहा है।

आयुक्त ने आश्वासन दिया कि विभाग आम नागरिकों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है और फीडबैक के आधार पर लगातार सुधार किए जा रहे हैं।
कौशल विकास मिशन की नौ दिवसीय ओरिएंटेशन वर्कशॉप सम्पन्न
‘सबको हुनर, सबको काम’ लक्ष्य की प्राप्ति की दिशा में उठाए गए  कदम


लखनऊ । उत्तर प्रदेश के व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल के निर्देशन में उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन द्वारा आयोजित नौ दिवसीय ओरिएंटेशन वर्कशॉप गुरुवार को सम्पन्न हुई। यह वर्कशॉप 25 अगस्त से प्रारंभ होकर 11 सितम्बर तक विभिन्न चरणों में उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन मुख्यालय में आयोजित की गई । इस कार्यशाला में 25 इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग पार्टनर तथा 162 निजी प्रशिक्षण प्रदाता सम्मिलित हुए।

उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन निदेशक पुलकित खरे ने बताया कि प्रदेश सरकार की मंशा अनुरूप “सबको हुनर, सबको काम” के लक्ष्य की प्राप्ति हेतु उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन पूरी प्रतिबद्धता से कार्य कर रहा है। प्रशिक्षण संचालन में पारदर्शिता, गुणवत्ता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए पहली बार प्रशिक्षण प्रदाताओं से प्रत्यक्ष संवाद स्थापित करने का यह प्रयास किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक प्रशिक्षण बैच का उद्घाटन स्थानीय विधायक द्वारा किया जाना अनिवार्य होगा, तभी उसे मान्यता प्राप्त होगी। साथ ही, प्रशिक्षणार्थियों के अभिभावकों को भी कौशल प्रशिक्षण की प्रक्रिया और उससे होने वाले संभावित लाभों की जानकारी दी जाएगी। इसके लिए “अभिभावक दिवस” की अवधारणा शामिल की गई है। अभिभावकों से फीडबैक दर्ज करने और पारदर्शिता हेतु अभिभावकों के साथ ली गई सेल्फी मिशन पोर्टल पर अपलोड करना भी सुनिश्चित किया जाएगा। वित्तीय वर्ष 2025-26 में सामाजिक समावेशन को ध्यान में रखते हुए सभी प्रशिक्षण बैचों में दिव्यांगजन हेतु 5 प्रतिशत आरक्षण और महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सहभागिता का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। महिला मोबिलाइजेशन पर विशेष बल दिया जा रहा है।

मिशन निदेशक ने बताया  कि  वर्कशॉप में यह निर्णय लिया गया कि अब सभी प्रशिक्षण बैचों का लाइव टेलीकास्ट मिशन मुख्यालय से किया जाएगा, जिससे प्रशिक्षण की गुणवत्ता का आकलन रीयल-टाइम में हो सके। साथ ही, जिलाधिकारियों से संवाद कर प्रत्येक जिले के शीर्ष 5 औद्योगिक सेक्टर की पहचान कर ली गई है। इन सेक्टरों में युवाओं को प्रशिक्षित कर स्थानीय स्तर पर ही रोजगार उपलब्ध कराने की कार्ययोजना बनाई गई है। वर्कशॉप में प्रशिक्षण प्रदाताओं के पूर्व प्रदर्शन की समीक्षा की गई और भविष्य की रणनीतियाँ तय की गईं। उद्योगों के साथ किए गए समझौता ज्ञापनों की प्रगति की समीक्षा कर इस सप्ताह में ही नए टारगेट सौंपने का निर्णय लिया गया। साथ ही, यह सुनिश्चित किया गया कि केवल सेक्टर स्किल काउंसिल द्वारा प्रमाणित प्रशिक्षक ही प्रशिक्षण देंगे।
तुलसी, दीये और ब्रज का जादू, मथुरा का जैत गांव बना अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मॉडल
लखनऊ। मथुरा जिले का जैत गांव अब ग्रामीण पर्यटन के वैश्विक नक्शे पर अपनी अलग पहचान बना रहा है। एग्री-रूरल और गंगेय ग्राम ग्रामीण पर्यटन परियोजना के तहत बुधवार को श्रीलंका का प्रतिनिधिमंडल तीन दिवसीय फैम ट्रिप (फैमिलियराइजेशन ट्रिप) पर जैत पहुंचा। प्रतिनिधिमंडल ने गांव की पारंपरिक जीवनशैली, लोक कला और संस्कृति को नजदीक से देखा और स्थानीय लोगों के साथ संवाद किया। इस यात्रा के दौरान श्रीलंकाई दल ने जैत से मैनपुरी होते हुए ताजमहल का भी अवलोकन किया। यह फैम ट्रिप उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर को विश्व पटल पर प्रस्तुत करने के साथ-साथ भारत-श्रीलंका के सांस्कृतिक रिश्तों को और मजबूती प्रदान करेगी।

जैत गांव में पहुंचे प्रतिनिधिमंडल का स्वागत ब्रज की रंगीन और पारंपरिक शैली में किया गया। अतिथियों को चंदन का तिलक लगाकर, फूलों की मालाएं पहनाकर और मधुर लोकगीतों के साथ अभिनंदन किया गया। पूरे आयोजन का माहौल ऐसा था मानो हर दृश्य और हर आवाज़ अपनी अलग कहानी कह रही हो। प्रतिनिधिमंडल ने कालिया नाग मंदिर का दौरा किया, जहां उन्हें भगवान कृष्ण और सर्प कालिया की कथा का रोमांचक एवं मंत्रमुग्ध कर देने वाला प्रसंग सुनाया गया।

स्वयं बनाए मिट्टी के दीये और तुलसी मालागांव में पहुंचे प्रतिनिधिमंडल ने स्थानीय कारीगरों के साथ मिलकर पारंपरिक मिट्टी के दीयों का निर्माण किया। यह केवल एक शिल्प अनुभव नहीं, बल्कि भारतीय ग्रामीण कला और परंपरा की जीवंत झलक थी। प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने स्वयं दीये बनाने की प्रक्रिया में भाग लिया। इसके अलावा प्रतिनिधिमंडल ने ऐतिहासिक जय कुंड का भी दौरा किया, जो ब्रज की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत से गहराई से जुड़ा हुआ है।

इसके अलावा, तुलसी माला बनाना, तुलसी की खेती देखना और लड्डू गोपाल के पारंपरिक वस्त्र (पोशाक) बनाने की प्रक्रिया का भी अनुभव किया। भाग्यश्री तुलसी आउटलेट में उन्होंने देखा कि कैसे स्वयं सहायता समूह स्थानीय शिल्प को स्थायी आजीविका में बदल रहे हैं। मेहमानों ने ब्रज व्यंजन का स्वाद भी लिया। मेजबान से बातचीत की और गांव वालों के साथ कृष्ण भजनों में शामिल होकर रात्रिभोज को सांस्कृतिक उत्सव में बदल दिया।

*मैनपुरी और भावंत में देखी ग्रामीण उद्यमिता* 
श्रीलंकाई दल ने मथुरा के इस्कॉन मंदिर का भी भ्रमण किया। इसके बाद प्रतिनिधिमंडल ने ग्रामीण पर्यटन परियोजना के तहत पंजीकृत फार्म स्टे में रात बिताई। तत्पश्चात यह दल मैनपुरी की ओर रवाना हुआ। रास्ते में आगरा के ताजमहल का भी भ्रमण किया। भावंत गांव में अतिथियों ने जखदर महादेव मंदिर का दर्शन किया। पानी-सिंघाड़ा की खेती देखी। सहन गांव में उन्होंने बैल और घोड़ा गाड़ी की सवारी की और पारंपरिक शिल्प जैसे टकासी का अनुभव किया, जिससे ग्रामीण उद्यमिता की जीवनशैली को समझने का अवसर मिला। 12 सितंबर को प्रतिनिधिमंडल दिल्ली लौटेगा। यह तीन दिवसीय यात्रा ग्रामीण अनुभव को भारत के सबसे प्रमुख वैश्विक पर्यटन प्रतीक से जोड़ते हुए समाप्त होगी।

उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा, कि 'ग्रामीण पर्यटन सिर्फ़ यात्रा का साधन नहीं, बल्कि यह ग्रामीण अंचलों के लिए रोजगार सृजन, स्थानीय संस्कृति और परंपराओं के संरक्षण तथा वैश्विक पर्यटकों को आकर्षित करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। उन्होंने बताया कि जैत गांव ने उदाहरण प्रस्तुत किया है कि उत्तर प्रदेश के गांव न केवल अपनी सांस्कृतिक धरोहर को संजोए रख सकते हैं बल्कि वैश्विक पर्यटन आकर्षण के केंद्र भी बन सकते हैं। उन्होंने कहा, यह पहल साबित करती है कि सही योजना और स्थानीय सहभागिता से ग्रामीण पर्यटन गांवों के विकास में मददगार हो सकता है।'

यात्रा पर आए डॉ. निर्मला राणासिंघे, एसोसिएट प्रोफेसर ने कहा, 'जैत गांव ने साबित किया है कि गांव सिर्फ़ घर नहीं, बल्कि दुनिया के लिए एक जीवंत क्लासरूम है, जहां संस्कृति, समुदाय और स्थिरता साथ चलते हैं।'
 
उल्लेखनीय है कि जैत फैम ट्रिप उत्तर प्रदेश में हो रहे बड़े बदलाव का एक उदाहरण है। उत्तर प्रदेश ने 240 गांवों को पर्यटन हब के रूप में चिन्हित किया है। साथ ही 103 फार्म स्टे पंजीकृत किए गए हैं और 750 से अधिक होमस्टे को सुविधा प्रदान की जा रही है। ग्रामीण आतिथ्य को मजबूत बनाने के लिए एमकेआईटीएम में 285 से अधिक युवाओं को आतिथ्य सेवाओं में प्रशिक्षित किया गया है, जिससे स्थानीय कौशल को वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाया जा सके। पिछले वर्ष उत्तर प्रदेश में 65 करोड़ घरेलू पर्यटक पहुंचे। ग्रामीण पर्यटन और अनुभवात्मक यात्राओं में लगभग 10 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। विशेषज्ञों का मानना है कि इन पहलों से राज्य के ग्रामीण इलाकों की अर्थव्यवस्था में नई जान आएगी और स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे।
उत्तर प्रदेश बना सौर ऊर्जा में देश का अग्रणी राज्य

* 5157 मेगावाट की क्षमता वृद्धि, जल्द पहुँचेगा 10,000 मेगावाट के लक्ष्य पर

लखनऊ। उत्तर प्रदेश ने सौर ऊर्जा क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए जुलाई 2025 में 27,771 रूफटॉप सोलर इंस्टालेशन के साथ देश में पहला स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश की कुल सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता में 2017 में मात्र 389 मेगावाट थी, जो अब बढ़कर 5157 मेगावाट हो चुकी है। शीघ्र ही यह क्षमता 10,000 मेगावाट तक पहुंच जाएगी।

यह जानकारी प्रदेश के ऊर्जा एवं नगर विकास मंत्री ए.के. शर्मा ने लखनऊ के सेट्रम होटल में आयोजित "नेट जीरो समिट" में दी। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और राज्य सरकार की सौर ऊर्जा नीति 2022 का प्रतिफल है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश ने समय से अपनी सौर व जैव ऊर्जा नीतियां लागू कर हरित ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाई है।

श्री शर्मा ने कहा कि सोलर एनर्जी के लिए प्रदेश में असीम संभावनाएं हैं। छतों, कम उपयोगी भूमि और राजमार्गों के किनारे सोलर प्लांट लगाए जा सकते हैं। इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार द्वारा सब्सिडी तथा बैंक ऋण की सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है। सौर ऊर्जा न सिर्फ पर्यावरण हितैषी है, बल्कि यह आम जनता के लिए आर्थिक रूप से लाभकारी भी है।

ऊर्जा मंत्री ने बताया कि अयोध्या को प्रदेश की पहली सोलर सिटी के रूप में विकसित किया गया है, जहां की स्ट्रीट लाइट, घरों की बिजली आपूर्ति और यहां तक कि मोटर बोट भी सोलर ऊर्जा से संचालित हो रही हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में पिछले तीन वर्षों में पनकी, ओबरा, जवाहरपुर, घाटमपुर और खुर्जा में 4700 मेगावाट की थर्मल पावर परियोजनाएं शुरू की गई हैं और 6000 मेगावाट की योजनाएं प्रस्तावित हैं।

फिलहाल प्रदेश की कुल विद्युत उत्पादन क्षमता लगभग 21,000 मेगावाट है, जो 2017 की तुलना में लगभग दोगुनी हो चुकी है। इसमें थर्मल, सोलर और हाइड्रोपावर शामिल हैं। श्री शर्मा ने यह भी बताया कि बिजली वितरण में सुधार करते हुए पीएलएफ दर 60 से 80 प्रतिशत तक पहुंच गई है और लाइन लॉस को 50 प्रतिशत तक कम किया गया है। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि हरित ऊर्जा भविष्य की जरूरत है और सरकार पर्यावरण संतुलन के साथ ऊर्जा की उपलब्धता बढ़ाने के लिए कृतसंकल्पित है।
यूपी में नया बिजली कनेक्शन लेना हुआ महंगा, स्मार्ट मीटर के लिए देनी होगी छह गुना ज्यादा फीस"

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में नया बिजली कनेक्शन लेना अब उपभोक्ताओं की जेब पर भारी पड़ेगा। पावर कॉरपोरेशन के एमडी पंकज कुमार द्वारा जारी आदेश के अनुसार, अब प्रदेश भर में नए कनेक्शन पर केवल स्मार्ट प्रीपेड मीटर ही लगाए जाएंगे। इसके चलते उपभोक्ताओं को मीटर की कीमत पहले की तुलना में करीब छह गुना अधिक चुकानी पड़ेगी।

वर्तमान में जहां सिंगल फेज मीटर की फीस 872 रुपये और थ्री फेज मीटर की फीस 2,921 रुपये है, वहीं अब स्मार्ट प्रीपेड मीटर के लिए सिंगल फेज पर 6,016 रुपये और थ्री फेज पर 11,341 रुपये वसूले जाएंगे।

राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने इस आदेश को असंवैधानिक बताया है और सरकार से इसे वापस लेने की मांग की है। हालांकि, जिन उपभोक्ताओं के पुराने मीटर बदले जाएंगे, उन्हें इसके लिए अतिरिक्त शुल्क नहीं देना होगा, लेकिन उनके यहां भी स्मार्ट प्रीपेड मीटर ही लगाए जाएंगे।

भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय का 15वां दीक्षान्त समारोह सम्पन्न, मेधावियों को 40 पदक प्रदान
लखनऊ । उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बुधवार को भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय के 15वें दीक्षान्त समारोह में मेधावी छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया। लखनऊ स्थित कलामण्डपम् प्रेक्षागृह में आयोजित समारोह में कुल 40 पदक वितरित किए गए, जिनमें 25 स्वर्ण, 7 रजत और 8 कांस्य पदक शामिल थे। सर्वाधिक 08 पदक एमपीए कथक की छात्रा अंशिका कटारिया को प्राप्त हुए।

मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि भारत को 2047 तक विकसित बनाने के लक्ष्य में उत्तर प्रदेश की अहम भूमिका है। जब प्रदेश का हर जनपद विकसित होगा, तभी ‘विकसित भारत’ का सपना साकार होगा। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि इस समारोह में पदक विजेताओं में 51 प्रतिशत महिलाएं शामिल रहीं, जो महिला सशक्तिकरण का प्रतीक है।

समारोह में 09 शोधार्थियों को पीएचडी की उपाधि से सम्मानित किया गया, जिनमें रश्मि उपाध्याय, अमिता चौहान, पूजा द्विवेदी, शिवरूचि सिंह, अस्मिता श्रीवास्तव, अर्चना तिवारी, मंजू मलकानी, शैलजा शुक्ला और उपासना दीक्षित शामिल हैं। समारोह का शुभारंभ शोभायात्रा, राष्ट्रगीत और कुलगीत की प्रस्तुति से हुआ।

कुलपति प्रो. मांडवी सिंह ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला और संस्थापक पं. विष्णु नारायण भातखण्डे को श्रद्धांजलि अर्पित की। विशिष्ट अतिथि राज्य मंत्री (उच्च शिक्षा) श्रीमती रजनी तिवारी ने कहा कि बेटियों को अवसर मिले, तो वे हर क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त कर सकती हैं।

इस अवसर पर हरदोई जिले के आंगनबाड़ी केन्द्रों को किट वितरित की गई, तथा सीडीओ हरदोई सान्या छाबड़ा को स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। समारोह में मुख्य अतिथि डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे वर्चुअल रूप से जुड़े और शुभकामनाएं प्रेषित कीं। कार्यक्रम का समापन विश्वविद्यालय की कुलसचिव डॉ. सृष्टि धवन द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।
किसान हित सर्वोपरि: कृषि मंत्री ने केसीसी, फसल बीमा और उर्वरक आपूर्ति की समीक्षा की

लखनऊ । उत्तर प्रदेश सरकार किसानों की समृद्धि को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। इसी क्रम में प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बुधवार को विधानभवन स्थित सभाकक्ष में किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की प्रगति की गहन समीक्षा की। बैठक में विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ बैंकों और बीमा कंपनियों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।

कृषि मंत्री ने बैठक के दौरान केसीसी ऋण और बीमा से जुड़े लंबित मामलों पर नाराजगी जताई। उन्होंने संबंधित बैंकों और बीमा कंपनियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि 14 सितम्बर, 2025 तक सभी अद्यतन आंकड़े पोर्टल पर अपलोड कर दिए जाएं। उन्होंने कहा कि किसानों के हितों से कोई समझौता नहीं होगा और लंबित मामलों का निस्तारण प्राथमिकता के आधार पर किया जाए।

इस बैठक में प्रमुख सचिव कृषि रवीन्द्र, सचिव कृषि इन्द्र विक्रम सिंह, विशेष सचिव ओ.पी. वर्मा, निदेशक कृषि पंकज कुमार त्रिपाठी, निदेशक उद्यान भानु प्रकाश राम, निदेशक सांख्यिकी श्रीमती सुमिता सिंह समेत संबंधित बैंक और बीमा कंपनियों के प्रतिनिधि मौजूद थे।

इसके बाद कृषि मंत्री ने राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान में खाद निर्माता कंपनियों, उर्वरक आपूर्तिकर्ता कंपनियों, थोक और खुदरा विक्रेताओं के साथ उर्वरक आपूर्ति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि किसानों को खाद की उपलब्धता में किसी प्रकार की समस्या नहीं होनी चाहिए। सभी संबंधित हितधारकों को सुनिश्चित करना होगा कि वितरण प्रणाली पारदर्शी और प्रभावी बनी रहे।

श्री शाही ने यह भी दोहराया कि प्रदेश की योगी सरकार किसानों की समृद्धि के लिए प्रतिबद्ध है और किसानों के हितों की रक्षा के लिए हरसंभव कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि “हम किसानों के साथ खड़े हैं और उनके हितों की अनदेखी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।” इस समीक्षा बैठक में कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारी तथा उर्वरक कंपनियों के प्रतिनिधि, थोक व्यापारी और रिटेलर्स भी उपस्थित रहे।
स्वच्छ वायु सर्वेक्षण 2025 में उत्तर प्रदेश की गूंज
* आगरा तीसरे, झांसी-मुरादाबाद दूसरे स्थान पर, अन्य कई शहरों को राष्ट्रीय रैंकिंग में मिली जगह

लखनऊ। स्वच्छता सर्वेक्षण के बाद उत्तर प्रदेश ने स्वच्छ वायु सर्वेक्षण 2025 में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए देशभर में अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराई है। यह सर्वेक्षण पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP) के अंतर्गत आयोजित किया गया, जिसमें शहरों का मूल्यांकन वायु गुणवत्ता सुधार और प्रदूषण नियंत्रण के प्रयासों के आधार पर किया गया।

* शीर्ष स्थानों पर यूपी के शहर - 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों की श्रेणी

  आगरा – तीसरा स्थान
  कानपुर – पांचवां स्थान
  प्रयागराज – सातवां स्थान
  वाराणसी – 11वां स्थान
  गाज़ियाबाद – 12वां स्थान
  लखनऊ – 15वां स्थान

* 3 से 10 लाख आबादी वाले शहरों की श्रेणी

  झांसी और मुरादाबाद – संयुक्त रूप से दूसरा स्थान
  गोरखपुर और फिरोजाबाद – पांचवां स्थान
  बरेली – सातवां स्थान

* 3 लाख से कम आबादी वाले शहरों की श्रेणी

  अनपरा – पांचवां स्थान
  रायबरेली – सातवां स्थान
  गजरौला – 23वां स्थान
  खुर्जा– 26वां स्थान

* सम्मान और पुरस्कार

इस शानदार उपलब्धि के लिए आगरा, झांसी और मुरादाबाद को भारत सरकार के पर्यावरण मंत्री द्वारा सम्मानित किया गया और प्रत्येक शहर को ₹25 लाख की नकद पुरस्कार राशि प्रदान की गई। नगर विकास मंत्री ए के शर्मा ने पुरस्कृत नगरों को बधाई दिया।

* वायु गुणवत्ता सुधार के लिए उठाए गए कदम

उत्तर प्रदेश के शहरी निकायों ने प्रदूषण नियंत्रण और वायु गुणवत्ता सुधार के लिए कई ठोस कदम उठाए, जिनमें प्रमुख हैं –

* निर्माण स्थलों और मुख्य सड़कों पर *धूल नियंत्रण और नियमित जल छिड़काव

*यांत्रिक सड़क सफाई को दिनचर्या का हिस्सा बनाना
* ई-वाहनों और गैर-मोटर चालित परिवहन को प्रोत्साहन
* बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण, शहरी वन और हरित पट्टियों का विकास
* ठोस अपशिष्ट प्रबंधन का वैज्ञानिक क्रियान्वयन
* खुले में कचरा जलाने पर कड़ी कार्रवाई
* नागरिकों की भागीदारी बढ़ाने हेतु जन-जागरूकता अभियान

नगर विकास मंत्री ए के शर्मा ने कहा:
“स्वच्छ वायु सर्वेक्षण 2025 में आगरा, झांसी, मुरादाबाद सहित हमारे शहरों का बेहतरीन प्रदर्शन राज्य की सामूहिक प्रतिबद्धता का प्रतीक है। यह उपलब्धि न केवल हमारे पिछले प्रयासों की मान्यता है बल्कि आने वाले समय में और अधिक स्वच्छ, हरित और स्वस्थ शहरों के निर्माण के संकल्प को भी मजबूत करती है।”
कल्याण सिंह अतिविशिष्ट कैंसर संस्थान बन रहा कैंसर उपचार का नया केंद्र

* शोध व नवाचार को प्रोत्साहन के लिए महत्वपूर्ण तकनीकी संस्थानों से किये गये हैं अनुबंध

* उ0प्र0 सरकार से बहुत सहयोग मिल रहा है : प्रो. मदन लाल ब्रह्म भट्ट


लखनऊ । लखनऊ स्थित कल्याण सिंह अतिविशिष्ट कैंसर संस्थान आधुनिक तकनीक, अनुभवी चिकित्सकों और उच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधाओं के साथ कैंसर रोगियों के लिए आशा की किरण बनकर उभरा है। संस्थान के निदेशक प्रो. मदन लाल ब्रह्म भट्ट ने प्रेसवार्ता में जानकारी दी कि मरीजों की बढ़ती संख्या इस बात का प्रमाण है कि संस्थान देशभर के रोगियों का भरोसा जीत रहा है।

संस्थान में सप्ताह में छह दिन ओपीडी सेवाएं उपलब्ध हैं, जिससे प्रतिदिन लगभग 400 मरीज लाभान्वित हो रहे हैं। सभी संकाय विभाग सक्रिय रूप से संचालित हो रहे हैं। वर्तमान में संस्थान में 280 इंडोर बेड संचालित हैं, जिन्हें शीघ्र ही 500 तक बढ़ाया जाएगा। ऑपरेशन थियेटर की संख्या आठ है, जहां प्रति सप्ताह 12 से 15 सर्जरी की जा रही हैं।

प्रो. भट्ट ने बताया कि कार्यक्षमता को बढ़ाने के लिए संस्थान में विशेषज्ञ डॉक्टरों और कर्मचारियों की नियुक्तियां की गई हैं। साथ ही आधुनिक चिकित्सा उपकरण जैसे साइबर नाइफ, पेट सीटी, ब्रेकीथेरेपी, डिजिटल रेडियोग्राफी, यूएसजी मशीन और 5.5 करोड़ की लागत से स्थापित डिजिटल मेमोग्राफी यूनिट संस्थान की सेवाओं को नई ऊंचाई दे रहे हैं। निकट भविष्य में टेमोथेरेपी, डिजिटल पैथोलॉजी और न्यूरोसर्जिकल माइक्रोस्कोप की खरीद भी प्रस्तावित है। साथ ही, एक विश्वस्तरीय ब्लड बैंक भी संस्थान में कार्यरत है।

शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में भी संस्थान अग्रसर है। चार नए विभागों को चिकित्सा शिक्षा के लिए मान्यता दी गई है। इसके अलावा, शोध और नवाचार को बढ़ावा देने हेतु आईआईटी जैसे प्रमुख संस्थानों के साथ 11 एमओयू साइन किए गए हैं।

प्रो. भट्ट ने बताया कि प्रधानमंत्री राहत कोष, मुख्यमंत्री राहत कोष, आयुष्मान भारत, असाध्य रोग योजना और पंडित दीनदयाल कैशलेस योजना के अंतर्गत हजारों मरीजों को लाभ मिल रहा है। उन्होंने मीडिया से सहयोग की अपील करते हुए कहा कि वे अधिक से अधिक लोगों को संस्थान की सुविधाओं से अवगत कराएं ताकि जरूरतमंद मरीज सुलभ और सस्ते इलाज का लाभ उठा सकें।

संस्थान सतत रूप से इंफ्रास्ट्रक्चर, मानव संसाधन, पर्यावरण और रोगी कल्याण के क्षेत्र में प्रगति कर रहा है, जिससे यह कैंसर उपचार का एक महत्वपूर्ण केंद्र बनता जा रहा है।