विश्व हिन्दू परिषद् की प्रान्तीय मार्गदर्शक मण्डल बैठक सम्पन्न

मिर्जापुर: विश्व हिन्दू परिषद् (विहिप) का धर्माचार्य सम्पर्क विभाग काशी प्रान्त के वार्षिक प्रान्तीय मार्गदर्शक मण्डल की बैठक का आयोजन रविवार को सुरभि शोध संस्थान रामबाग चुनार में सम्पन्न हुई। बैठक में हिन्दू धर्म की नित्य-नैमित्तिक उपासना और अनुष्ठानों से संबंधित आगामी योजनाओं पर विचार-विमर्श किया गया।
कार्यक्रम के बौद्धिक वक्ता केंद्रीय सहमंत्री व केंद्रीय धर्माचार्य सम्पर्क प्रमुख अशोक तिवारी ने कहा की जहाँ पर धर्मांतरण की संभावना हो वहां संतों का प्रवास हो।जो किसी लोभ लालच की वजह से धर्मांतरित हो गए है वे पुनः अपने हिन्दू धर्मों में आये इस कार्यों के लिए संतो का सहयोग व आर्शीवाद आवश्यक है।
नकारात्मक विचारों को बढ़ाया जा रहा है जिससे समाज में विषमता फैल रही है, जहां संत आए वहां पूज्य संतों का सहयोग व आशीर्वाद मिले, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने व्यापक संपर्क का कार्यक्रम बनाया है जिसमें संपूर्ण विचार परिवार की सहभागिता होगी हिंदू धर्म की गूंज संपूर्ण दुनिया में है, शास्त्रों शास्त्र में निपुण मातृशक्ति ही राष्ट्र को विश्व गुरु बनाने की दिशा में सहायक होंगे। समाज समरस रहे, एकात्मिक अखंड रहे इसके लिए संत समाज का मार्गदर्शन करे।उन्होंने आगे सम्बोधन करते हुए कहा की संघ का शताब्दी वर्ष चल रहा है संघ ने शताब्दी वर्ष में व्यापक रूप से संपर्क करने को कार्य किया है।संघ ने पांच परिवर्तन का सूत्र दिया है कुटुंब प्रबोधन,प्लास्टिक का बहिष्कार,स्व का स्वाभिमान के अंतर्गत अपनी भाषा, अपना वेश,अपना संस्कृति,अपने जीवन मूल्य,अपने मान बिंदु इसके लिए स्व को जागरण करना होगा।इस सबके लिए विदेश की नकल न करके स्व भाव का जागरण करना है। कुटुम्ब प्रबोधन के अंतर्गत परिवार में सभी लोग नियमित अपने त्यौहार मनाए सामूहिक भोजन करे,आपस का संवाद उत्तम करे और कुटुंब भावना जिसका ह्रास होता जा रहा हो वो पोषित हो।
चौथा नागरिक कर्तव्य है जो सरकार की संपति उसका दुरुपयोग नहीं करना कही भी चलते समय नागरिक होने का पालन करना चाहिए हमें अनुशासन में रहना चाहिए जो हमें अच्छे नागरिक होने की प्रेरणा देते है।
समाज अच्छा कैसे बने इसके लिए विचार होना चाहिए जिससे समाज संगठित हो।विहिप केंद्रीय मंत्री अशोक तिवारी ने कहा की संतो के नेतृत्व में राम मंदिर का निर्माण एक महत्वपूर्ण कार्य है।सीता नवमी के दिन अयोध्या राम मंदिर में ध्वजारोहण का कार्यकम होगा।विहिप के द्वारा सप्ताहिक सत्संग के कार्य चलते है।विहिप युवाओं के बीच में बजरंग दल का कार्य चलता है।सेवा विभाग के द्वारा छात्रावास, कला केन्द्र,गौशाला जैसे अनेकों कार्य चल रहा है।विगत रामनवमी पर विभिन्न स्थानों पर 75 हजार जगहों पर आयोजन हुए।
कबीर मठ लहरतारा के महाराज गोविंद दास ने संबोधित करते हुए कहा की हिन्दू समाज संगठित होकर धार्मिक कार्यों में बढ़े।जब हमने इस शरीर को धारण कर लिया तो परेशानियों का आगमन होगा हमें इस समस्याओं से खुद निवारण करना होगा।हम सभी हिन्दू जनमानस को हिन्दू परिवार में कम से कम तीन बच्चों को उत्पन्न करना चाहिए जिससे हिन्दू जनसंख्या में कमी न हो।
साध्वी गीता माँ ने कहा की आज हमारे हिन्दू धर्म की ध्वनि उठ रही है।हमारे घर की बेटियों को संस्कारवान के अलावा शास्त्र के साथ ही साथ शस्त्र की शिक्षा देनी चाहिए।सनातनी शक्ति ने अनेकों बार सत्य की स्थापना हुई है।सनातन धर्म हमें सदा अग्रणी बनाता है।स्वामी शिवधारी महाराज ने कहा की वाणी व कर्म में समानता होनी चाहिए।शब्द ब्रह्म होती है जो एक बार निकलने के उपरांत अपना असर ही करती है।
हमारी कमियों को विधर्मी सदा अपने उपयोग में लाकर द्वेष फैला रहे है।
धर्म कहता है की जो अपराधी हो उसका परित्याग होना चाहिए।धर्म व संविधान का समन्वय होना चाहिए।
स्वामी सुदर्शन महाराज ने कहा की जब अंग्रेजों के शासन चल रहा था तब रामकृष्ण गोखले ने हिन्दू धर्म ध्वजा का उत्थान किया।विहिप का आदर्श है की कोई भी हिन्दू अछूत नहीं है सभी हिन्दू सहोदर आपस में भाई भाई है।
स्वामी बालक दास महाराज ने कहा की सभी हिन्दू परिस्थितियों को देखते हुए धरातल पर आपसी रूप से संगठित हो।बिना एक दूसरे के कोई चल नहीं सकता है इसलिए हम सभी को आपस में एक साथ चलने की परम्परा बनानी चाहिए।
स्वामी कृष्णानंद महाराज कैलाश आश्रम झूसी ने कहा की सभी को आपसी प्रेम भाव से राष्ट्र उत्थान के लिए आगे बढ़ना चाहिए।
साध्वी माँ त्रिकाल भवंता ने कहा की दुख देने से दुख मिलता है सुख देने से सुख मिलता है।हमें समाज को समरसता बनाए रखना चाहिए।जब जब भगवान के ऊपर कष्ट हुआ या धर्म की हानि हुई तो विभिन्न रूपों में प्रकट हुई और सभी का नाश किया।कार्यक्रम की अध्यक्षता स्वामी रामाश्रम शास्त्री महाराज व संचालन प्रान्त धर्माचार्य संपर्क प्रमुख आद्या शंकर ने किया।
इस दौरान संतो में मीरजापुर से आये संत नरसिंह कुटी मीरजापुर से गिरधारी महाराज, बदवरा नाथ आश्रम से महाराज महेन्द्र नाथ गिरी,महाराज शक्तिपुरी,महाराज कमलनयन, विष्णुहरिदास, वीरेन्द्र दास,प्रयाग विभाग से पूज्य स्वामी रमण महाराज,स्वामी प्रमोदानंद महाराज,आचार्य आलोक शुक्ला,आचार्य पंकज शरण,स्वामी रामचंद्र दास,महंत सुदर्शन महाराज,
वाराणसी से स्वामी गोविंद दास,स्वामी प्रहलाद दास,स्वामी यतींदानंद,बाबा शिवानंद महाराज,महाराज भरत रहे।
इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री व केंद्रीय सह धर्माचार्य सम्पर्क प्रमुख हरिशंकर,क्षेत्र धर्माचार्य सम्पर्क प्रमुख जितेंद्र, प्रान्त संगठन मंत्री नितिन भारत, प्रान्त सहमंत्री सत्यप्रकाश,प्रान्त सह धर्माचार्य सम्पर्क आनन्द, प्रान्त धर्मप्रसार प्रमुख नर सिंह,विभाग मंत्री रामचंद्र शुक्ला,विभाग संयोजक प्रवीण,विभाग संगठन मंत्री अमित,जिला मंत्री कृष्ण,जिला सहमंत्री अभय,जिला धर्माचार्य सम्पर्क प्रमुख डॉक्टर संतोष, जिलाध्यक्ष चुनार दिनेश,जिला संगठन मंत्री विवेक,अर्जुन मौर्य,वंशीधर चतुर्वेदी,सुनील गुप्ता व अन्य लोग उपस्थित रहे।
Sep 10 2025, 18:26