कल्याण सिंह अतिविशिष्ट कैंसर संस्थान बन रहा कैंसर उपचार का नया केंद्र

* शोध व नवाचार को प्रोत्साहन के लिए महत्वपूर्ण तकनीकी संस्थानों से किये गये हैं अनुबंध

* उ0प्र0 सरकार से बहुत सहयोग मिल रहा है : प्रो. मदन लाल ब्रह्म भट्ट


लखनऊ । लखनऊ स्थित कल्याण सिंह अतिविशिष्ट कैंसर संस्थान आधुनिक तकनीक, अनुभवी चिकित्सकों और उच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधाओं के साथ कैंसर रोगियों के लिए आशा की किरण बनकर उभरा है। संस्थान के निदेशक प्रो. मदन लाल ब्रह्म भट्ट ने प्रेसवार्ता में जानकारी दी कि मरीजों की बढ़ती संख्या इस बात का प्रमाण है कि संस्थान देशभर के रोगियों का भरोसा जीत रहा है।

संस्थान में सप्ताह में छह दिन ओपीडी सेवाएं उपलब्ध हैं, जिससे प्रतिदिन लगभग 400 मरीज लाभान्वित हो रहे हैं। सभी संकाय विभाग सक्रिय रूप से संचालित हो रहे हैं। वर्तमान में संस्थान में 280 इंडोर बेड संचालित हैं, जिन्हें शीघ्र ही 500 तक बढ़ाया जाएगा। ऑपरेशन थियेटर की संख्या आठ है, जहां प्रति सप्ताह 12 से 15 सर्जरी की जा रही हैं।

प्रो. भट्ट ने बताया कि कार्यक्षमता को बढ़ाने के लिए संस्थान में विशेषज्ञ डॉक्टरों और कर्मचारियों की नियुक्तियां की गई हैं। साथ ही आधुनिक चिकित्सा उपकरण जैसे साइबर नाइफ, पेट सीटी, ब्रेकीथेरेपी, डिजिटल रेडियोग्राफी, यूएसजी मशीन और 5.5 करोड़ की लागत से स्थापित डिजिटल मेमोग्राफी यूनिट संस्थान की सेवाओं को नई ऊंचाई दे रहे हैं। निकट भविष्य में टेमोथेरेपी, डिजिटल पैथोलॉजी और न्यूरोसर्जिकल माइक्रोस्कोप की खरीद भी प्रस्तावित है। साथ ही, एक विश्वस्तरीय ब्लड बैंक भी संस्थान में कार्यरत है।

शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में भी संस्थान अग्रसर है। चार नए विभागों को चिकित्सा शिक्षा के लिए मान्यता दी गई है। इसके अलावा, शोध और नवाचार को बढ़ावा देने हेतु आईआईटी जैसे प्रमुख संस्थानों के साथ 11 एमओयू साइन किए गए हैं।

प्रो. भट्ट ने बताया कि प्रधानमंत्री राहत कोष, मुख्यमंत्री राहत कोष, आयुष्मान भारत, असाध्य रोग योजना और पंडित दीनदयाल कैशलेस योजना के अंतर्गत हजारों मरीजों को लाभ मिल रहा है। उन्होंने मीडिया से सहयोग की अपील करते हुए कहा कि वे अधिक से अधिक लोगों को संस्थान की सुविधाओं से अवगत कराएं ताकि जरूरतमंद मरीज सुलभ और सस्ते इलाज का लाभ उठा सकें।

संस्थान सतत रूप से इंफ्रास्ट्रक्चर, मानव संसाधन, पर्यावरण और रोगी कल्याण के क्षेत्र में प्रगति कर रहा है, जिससे यह कैंसर उपचार का एक महत्वपूर्ण केंद्र बनता जा रहा है।
उत्तर प्रदेश में पहली बार फार्म-स्टे योजना शुरू, निवेशकों से प्रस्ताव आमंत्रित

ग्रामीण पर्यटन और रोजगार सृजन को मिलेगा नया आयाम: पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और रोजगार के नए अवसर सृजित करने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने पहली बार फार्म-स्टे योजना शुरू करने की घोषणा की है। इस योजना के तहत राज्य के पर्यटन विभाग ने निवेशकों से प्रस्ताव आमंत्रित किए हैं। यह योजना पर्यटन और कृषि को एक-दूसरे से जोड़ते हुए ग्रामीण क्षेत्रों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।

पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि फार्म-स्टे एक ऐसा पर्यटक आवास होगा जो खेत या उसके समीप स्थित होगा और ग्रामीण जीवनशैली का वास्तविक अनुभव प्रदान करेगा। प्रत्येक फार्म-स्टे में कम से कम दो किराये के कमरे और एक रिसेप्शन क्षेत्र अनिवार्य होगा। साथ ही, पर्यटकों के लिए कृषि कार्य, बागवानी, पशुपालन, मत्स्य पालन, डेयरी फार्मिंग आदि ग्रामीण गतिविधियों का अनुभव भी उपलब्ध कराया जाएगा।

उन्होंने बताया कि इससे न केवल राज्य में पर्यटन को नया आयाम मिलेगा, बल्कि ग्रामीण युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार और उद्यमिता के अवसर भी प्राप्त होंगे। यह पहल गांवों को संस्कृति, जीवनशैली और अनुभव आधारित पर्यटन का केंद्र बनाने की दिशा में एक ठोस प्रयास है।

प्रोत्साहन पैकेज भी होगा आकर्षक:
राज्य सरकार ने योजना में निवेश करने वाले उद्यमियों के लिए आकर्षक सब्सिडी एवं रियायतों की घोषणा की है:

* ₹10 लाख से ₹10 करोड़ निवेश पर 25% (अधिकतम ₹2 करोड़)

* ₹50 करोड़ तक 20% (अधिकतम ₹7.5 करोड़)

* ₹200 करोड़ तक 15% (अधिकतम ₹20 करोड़)

* ₹500 करोड़ तक 10% (अधिकतम ₹25 करोड़)

* ₹500 करोड़ से अधिक पर 10% (अधिकतम ₹40 करोड़)

महिला, अनुसूचित जाति/जनजाति, पिछड़ा वर्ग के निवेशकों को अतिरिक्त सब्सिडी, और फोकस टूरिज्म डेस्टिनेशन में बनाए गए प्रोजेक्ट्स को 5% अतिरिक्त सहायता मिलेगी। हालांकि, कुल सब्सिडी 30% से अधिक नहीं होगी।

ब्याज एवं शुल्कों में भी छूट:

* ₹5 करोड़ तक के बैंक ऋण पर 5% ब्याज सब्सिडी (अधिकतम ₹25 लाख प्रति वर्ष, 5 वर्षों तक)

* स्टाम्प ड्यूटी, भूमि रूपांतरण और विकास शुल्क पर 100% छूट

* 50 से अधिक स्थानीय कर्मचारियों को नियुक्त करने पर ईपीएफ योगदान की प्रतिपूर्ति

* दिव्यांग कर्मचारियों को रोजगार देने वाली इकाइयों को ₹1,500 प्रतिमाह प्रति कर्मचारी (अधिकतम 5 कर्मचारियों तक)

प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम ने बताया कि यह योजना केवल पर्यटकों के लिए नहीं, बल्कि ग्रामवासियों को प्रत्यक्ष लाभ पहुंचाने का माध्यम है। सरकार का उद्देश्य ग्रामीण पर्यटन को स्थायी और प्रभावी मॉडल के रूप में विकसित करना है।
प्रदेश में भूकंप आपदा से निपटने की तैयारियों को लेकर महत्वपूर्ण बैठक आयोजित

* आगामी 16 सितम्बर को पश्चिम यूपी एवं 19 सितम्बर को सभी 34 संवेदनशील जनपदों में होगा मॉक एक्सरसाइज़ का प्रशिक्षण

लखनऊ । उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (UPSDMA) द्वारा प्रदेश के 34 भूकंप-संवेदनशील जनपदों में आगामी टेबलटॉप और मॉक एक्सरसाइज की तैयारियों को लेकर मंगलवार को प्राधिकरण सभागार में एक ओरियंटेशन एवं कोऑर्डिनेशन कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। इस बैठक की अध्यक्षता प्राधिकरण के उपाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल योगेंद्र डिमरी (से.नि.), पी.वी.एस.एम, ए.वी.एस.एम, वी.एस.एम. ने की।

बैठक का मुख्य उद्देश्य सभी विभागों व हितधारकों को भूकंप, केमिकल हैज़र्ड और अग्नि दुर्घटनाओं जैसी आपदाओं के प्रति जागरूक कराना और उनके समन्वित प्रबंधन की रणनीति तैयार करना रहा। उपाध्यक्ष ने कहा कि उत्तर प्रदेश का बड़ा भू-भाग भूकंप के जोन 3 और 4 में आता है, जो इसे अधिक संवेदनशील बनाता है। उन्होंने यह भी बताया कि भूकंप की कोई पूर्व चेतावनी नहीं होती, लेकिन पूर्व तैयारी और विभागीय समन्वय के माध्यम से इससे होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है।

सम्मेलन में HVRCA (जोखिम, संवेदनशीलता और क्षमता आकलन) से संबंधित प्रस्तुतीकरण भी किया गया। इसमें बताया गया कि राज्य के 34 जनपदों को भूकंप के प्रति अति संवेदनशील श्रेणी में रखा गया है। आपदा की स्थिति में अग्निकांड, केमिकल रिसाव जैसी घटनाएं भी सामने आती हैं, जिनके लिए पूर्व तैयारी आवश्यक है।

बैठक में टेबलटॉप और मॉक एक्सरसाइज की रूपरेखा, संचालन प्रक्रिया, जिलों की भूमिका और जिम्मेदारियों को स्पष्ट किया गया। आगामी 16 सितम्बर को मेरठ कैंट स्थित पश्चिम उप्र सब एरिया में टेबलटॉप एक्सरसाइज आयोजित की जाएगी, जबकि 19 सितम्बर को सभी 34 जनपदों में स्कूलों, अस्पतालों, फैक्ट्रियों, रेलवे स्टेशनों, शासकीय भवनों और मॉल जैसे स्थानों पर मॉक ड्रिल की जाएगी।

इस बैठक में NDRF, SDRF, अग्निशमन, स्वास्थ्य, श्रम, कारखाना निदेशालय समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे। साथ ही, भारतीय सेना के अधिकारी और 34 जनपदों के अपर जिलाधिकारी एवं अन्य स्टेकहोल्डर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े। बैठक का समन्वय वरिष्ठ सलाहकार कर्नल संदीप मेहरोत्रा ने किया।
उत्तर प्रदेश में डेयरी सेक्टर में निवेश को लेकर राज्य सरकार की बड़ी पहल

* प्रदेश प्रतिवर्ष 387 लाख मीट्रिक टन दूध उत्पादन के साथ देश में अव्वल, डेयरी उद्योग को नई ऊँचाइयों पर ले जाने की योजना

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार राज्य को दुग्ध उत्पादन में देश का अग्रणी बनाए रखने के साथ-साथ डेयरी सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देने के लिए गंभीर प्रयास कर रही है। इसी क्रम में राजधानी लखनऊ स्थित होटल ताज में "उत्तर प्रदेश डेयरी उद्योग विकास एवं संभावनाएं" विषयक निवेशक कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें 60 से अधिक निवेशकों ने भाग लिया।

पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने बतौर मुख्य अतिथि कहा कि प्रदेश सरकार निवेशकों के साथ निरंतर संवाद स्थापित कर रही है और उनकी समस्याओं का समाधान प्राथमिकता से किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश प्रतिवर्ष 387 लाख मीट्रिक टन दूध उत्पादन के साथ देश में पहले स्थान पर है, जो राष्ट्रीय उत्पादन का लगभग 16% है। यहां प्रतिदिन 1062 लाख लीटर दूध का उत्पादन हो रहा है।

श्री सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार की नई दुग्ध क्षेत्र विकास एवं प्रोत्साहन नीति 2022 के तहत निवेश को आकर्षित करने हेतु कई प्रावधान किए गए हैं। नई परियोजनाओं पर 35% तक (अधिकतम 5 करोड़ रु.) अनुदान और पशु हाउसिंग पर 2 करोड़ रु. तक की सहायता दी जा रही है। अब तक इस नीति के अंतर्गत 355 करोड़ रुपये का निवेश प्राप्त हो चुका है।

वर्तमान में प्रदेश में 531 लाख लीटर दूध का संग्रहण और 98 लाख लीटर का प्रसंस्करण हो रहा है। सरकार का लक्ष्य 2027-28 तक दुग्ध प्रसंस्करण स्तर को 25% तक ले जाना है, जिससे रोजगार के अवसरों में भारी वृद्धि होगी।

कार्यशाला में जीएसटी दरों में की गई कटौती पर भी चर्चा हुई। अब यूएचटी मिल्क, पैक्ड पनीर व छेना टैक्स फ्री हैं, जबकि घी, मक्खन, चीज पर टैक्स 12% से घटाकर 5% किया गया है। इससे न केवल उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी बल्कि निवेशकों के लिए भी यह लाभकारी साबित होगा।

प्रमुख सचिव अमित कुमार घोष ने बताया कि विजन 2047 के अंतर्गत प्रदेश को दुग्ध उत्पादन, प्रसंस्करण और निर्यात में देश का अग्रणी राज्य बनाने का लक्ष्य है। कार्यशाला में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड, अमूल, आनन्दा डेयरी, ज्ञान डेयरी, मधुसूदन डेयरी सहित कई प्रमुख कंपनियों के प्रतिनिधियों ने अपने विचार साझा किए और राज्य सरकार की नीतियों की सराहना की।
प्रदेश के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में संचालित पाठ्यक्रमों की मान्यता और प्रवेश प्रक्रिया की होंगी जांच


* प्रत्येक मंडल में जांच टीम गठित होगी और 15 दिनों में रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी : योगेन्द्र उपाध्याय



लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के उच्च शिक्षा क्षेत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों में संचालित पाठ्यक्रमों की मान्यता व प्रवेश प्रक्रिया की गहन जांच के आदेश दिए हैं।

प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने बताया  कि बाराबंकी रामस्वरूप विश्वविद्यालय प्रकरण के बाद कई अनियमितताएँ संज्ञान में आई हैं, जो विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में की जा रही थीं। सरकारी विश्वविद्यालयों को भारत सरकार के ‘समर्थ पोर्टल’ से जोड़ दिया गया है। साथ ही, प्रदेश सरकार अब एक नया पोर्टल विकसित करने जा रही है। जिस प्रकार भारत सरकार का ‘समर्थ पोर्टल’ सभी सरकारी विश्वविद्यालयों को जोड़ता है, उसी प्रकार उत्तर प्रदेश सरकार का यह पोर्टल निजी विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों को जोड़ेगा। इससे भविष्य में इस प्रकार की गड़बड़ियों पर रोक लगेगी और पूरी व्यवस्था पारदर्शी बनेगी।

प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा एम.पी. अग्रवाल ने प्रदेश के समस्त निजी विश्वविद्यालयों, निजी व अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों एवं उच्च शैक्षणिक संस्थानों में मान्यता एवं प्रवेश प्रक्रिया की सघन जाँच के संबंध में शासनादेश जारी कर दिया है। प्रत्येक जनपद में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक विशेष जांच समिति का गठन किया गया है। इस समिति में जिलाधिकारी अध्यक्ष होंगे, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक (या पुलिस कमिश्नरेट की दशा में नामित अधिकारी) तथा शिक्षा विभाग का एक अधिकारी सदस्य के रूप में शामिल होगा।  गठित की गई विशेष समिति  प्रत्येक निजी विश्वविद्यालय और महाविद्यालय से शपथ पत्र लेगी, जिसमें यह स्पष्ट करना होगा कि वे कौन-कौन से कोर्स चला रहे हैं, सभी कोर्स मान्यता प्राप्त हैं या नहीं और उनमें कितने छात्रों ने प्रवेश लिया है। समिति यह भी सुनिश्चित करेगी कि किसी भी छात्र का प्रवेश बिना मान्यता वाले कोर्स में नहीं हुआ है। प्रत्येक जनपद स्तर पर जांच पूरी कर 15 दिनों के भीतर शासन को समेकित रिपोर्ट भेजेगी।  जांच में यदि कोई अनियमितता पाई जाती है तो संस्थान के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। यदि किसी छात्र का दाखिला अवैध रूप से कराया गया है तो संस्थान को उसका पूरा शुल्क ब्याज सहित वापस करना होगा।

संचालित सभी कोर्सों की सूची भी समिति प्राप्त करेगी और उनके साथ विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और अन्य संबंधित सांविधिक संस्थाओं जैसे ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (AICTE), बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI), डिस्टेंस एजुकेशन काउंसिल (DEC), डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया (DCI), इंडियन नर्सिंग काउंसिल (INC), मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (MCI), नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजुकेशन (NCTE), फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया (PCI) इत्यादि की मान्यता का विवरण, सीटों की संख्या सहित अथवा विश्वविद्यालय/बोर्ड/नियामक निकाय की स्वीकृति का स्पष्ट उल्लेख होगा।
अयोध्या में दीपोत्सव-2025: 26 लाख दीयों से बनेगा नया गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड : जयवीर सिंह
लखनऊ । रामनगरी अयोध्या एक बार फिर इतिहास रचने को तैयार है। आगामी 19 अक्टूबर को आयोजित होने वाले दीपोत्सव-2025 में 26 लाख से अधिक दीप प्रज्वलित कर नया गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की योजना है। उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने यह जानकारी देते हुए बताया कि आयोजन की तैयारियाँ युद्धस्तर पर चल रही हैं। यह आयोजन न केवल अपने पूर्ववर्ती रिकॉर्ड को तोड़ेगा, बल्कि भारतीय संस्कृति और अध्यात्म को वैश्विक मंच पर स्थापित करने का कार्य करेगा।

पर्यटन मंत्री ने बताया कि राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद यह दूसरा दीपोत्सव होगा, जिसे भव्यता और दिव्यता के साथ मनाया जाएगा। इस वर्ष राम की पैड़ी, सरयू तट और अन्य घाटों पर दीयों की अद्भुत श्रृंखला से पूरा वातावरण रोशन होगा। साथ ही, 1,100 से अधिक संत-महात्माओं की उपस्थिति में सरयू तट पर अब तक की सबसे बड़ी आरती का आयोजन किया जाएगा।

गिनीज रिकॉर्ड की प्रक्रिया को सफल बनाने के लिए व्यापक व्यवस्थाएं की जा रही हैं। कार्यक्रम से तीन दिन पहले से ही स्थल पर तैयारियाँ शुरू हो जाएंगी। दीप सज्जा, प्रज्वलन और गिनती जैसे महत्वपूर्ण कार्यों के लिए छात्र-स्वयंसेवकों की मदद ली जाएगी, जो गिनीज के मानकों के अनुरूप कार्य करेंगे। पूरी प्रक्रिया तकनीकी और पारदर्शी ढंग से संपन्न होगी ताकि रिकॉर्ड में कोई बाधा न आए।

श्री सिंह ने बताया कि आयोजन की सफलता सुनिश्चित करने के लिए पर्यटन विभाग, अयोध्या जिला प्रशासन, अवध विश्वविद्यालय सहित विभिन्न संस्थाओं के बीच समन्वय स्थापित किया जा रहा है। गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की टीम现场 मौजूद रहेगी और रिकॉर्ड की पुष्टि के पश्चात मुख्यमंत्री को प्रमाण-पत्र प्रदान किया जाएगा।

प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति, मुकेश कुमार मेश्राम ने कहा कि दीपोत्सव केवल एक सांस्कृतिक आयोजन नहीं, बल्कि भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत का भव्य प्रतीक बन चुका है। इस बार की तैयारियाँ इसे देश-विदेश के पर्यटकों के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव बनाने की दिशा में की जा रही हैं।

दीपों की यह श्रृंखला भगवान राम के आदर्शों की याद दिलाती है और विश्वबंधुत्व का संदेश देती है। दीपोत्सव-2025 न केवल प्रदेश की पहचान बनेगा, बल्कि पूरी दुनिया के सामने भारत की सांस्कृतिक शक्ति को प्रदर्शित करेगा।
पितृपक्ष : जड़ों से जुड़ने और संस्कारों को जीने का पर्व: स्वामी चिदानन्द सरस्वती
लखनऊ/ उत्तराखंड । भारतीय संस्कृति में श्रद्धा और विश्वास जीवन के मूल स्तंभ माने गए हैं। इन्हीं पर हमारी परंपराएँ, संस्कार और जीवन पद्धति टिकी है। इन्हीं मूल्यों से जुड़ा है पितृपक्ष—एक ऐसा कालखंड जब हम अपने पूर्वजों, परिवारजनों और राष्ट्र के महान विभूतियों के प्रति कृतज्ञता प्रकट करते हैं।
यह समय केवल श्राद्ध या तर्पण तक सीमित नहीं, बल्कि एक जीवन-दर्शन है। इसमें हम अपने पितरों के दिए संस्कारों को आत्मसात करने और उनके दिखाए मार्ग पर चलने का संकल्प लेते हैं। यही हमें आत्मिक शक्ति और समाज को एकता प्रदान करता है।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती परमाध्यक्ष, परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश ने बताया कि  परिवार भारतीय संस्कृति की सबसे बड़ी धरोहर है। यह केवल रक्त संबंधों का दायरा नहीं, बल्कि संस्कारों और मूल्यों की निरंतरता का प्रतीक है। बच्चे परिवार से ही बोलना, चलना और आचरण सीखते हैं। “मातृदेवो भव, पितृदेवो भव” का आदर्श हमें याद दिलाता है कि माता-पिता और पूर्वज हमारे प्रथम गुरु और देवता हैं।
आज की तेज़ रफ्तार जिंदगी में जब आधुनिकता और तकनीक इंसान को अकेला कर रही है, परिवार ही वह स्थान है जहाँ बिना शर्त प्रेम, सहयोग और सुरक्षा मिलती है। पितृपक्ष हमें याद दिलाता है कि हम केवल वर्तमान नहीं, बल्कि अतीत और भविष्य की एक निरंतर धारा का हिस्सा हैं।
वेद और पुराण कहते हैं—“ऋणानुबन्धरूपेण पश्यन्ति पितरः सुतान्” अर्थात संतानें अपने पितरों का ऋण चुकाने के लिए जन्म लेती हैं। श्राद्ध और तर्पण इसी ऋण की पूर्ति का माध्यम हैं। पितरों का आशीर्वाद हमें जीवन की चुनौतियों से लड़ने का साहस देता है और समाज को एकजुट रखता है।
पितृपक्ष हमें यह संदेश देता है कि जीवन केवल आगे बढ़ने का नाम नहीं, बल्कि अपनी जड़ों को याद करते हुए नई ऊँचाइयों की ओर बढ़ने का अवसर है। यही सनातन संस्कृति की शाश्वत धारा है।
सुशांत गोल्फ सिटी हत्याकांड का खुलासा, मुठभेड़ में एक आरोपी गिरफ्तार , दूसरा फरार
लखनऊ । राजधानी के सुशांत गोल्फ सिटी इलाके में महिला की सनसनीखेज हत्या का खुलासा पुलिस ने मुठभेड़ के बाद कर दिया। शनिवार देर रात किसान पथ पर पुलिस और बदमाशों के बीच हुई मुठभेड़ में मुख्य आरोपी अनुज रावत को गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि उसका साथी देशराज मौके से फरार हो गया। पुलिस ने घायल आरोपी को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया है।

सूचना के आधार पर पुलिस ने किसान पथ पर घेराबंदी की थी

पुलिस अधिकारियों के अनुसार, सीसीटीवी फुटेज और मुखबिर की सूचना के आधार पर पुलिस ने किसान पथ पर घेराबंदी की थी। तभी बाइक सवार दो संदिग्ध वहां पहुंचे। चेकिंग के दौरान उन्होंने पुलिस पर फायरिंग की, जिसके जवाब में की गई कार्रवाई में अनुज के पैर में गोली लग गई। मौके से देशराज अंधेरे का फायदा उठाकर भाग निकला।

दोनों आरोपियों ने महिला को झाड़ियों में फेंककर हो गए थे फरार

पूछताछ में खुलासा हुआ कि अनुज महिला का परिचित था। रविवार को महिला, अनुज और देशराज ने साथ में शराब पी थी। नशे की हालत में दोनों आरोपियों ने महिला से छेड़छाड़ और दुष्कर्म की कोशिश की। विरोध करने पर महिला के साथ बर्बरता की गई और निजी अंगों पर हमला कर दिया गया। जब वह बेसुध हो गई, तो दोनों उसे मृत समझकर झाड़ियों में फेंककर घर लौट गए। अगले दिन महिला का शव बरामद हुआ था।पुलिस ने आरोपी के पास से तमंचा और बाइक बरामद की है। अनुज शटरिंग का काम करता है और माईजी का पुरवा का रहने वाला है। पुलिस अब फरार आरोपी देशराज की तलाश में जुट गई है।
पारा में शुभी फैमिली ढाबा सील, स्थानीय लोगों में आक्रोश

लखनऊ ।पारा थाना क्षेत्र के आगरा एक्सप्रेसवे जीरो प्वॉइंट के पास स्थित शुभी फैमिली ढाबा को शनिवार शाम एलडीए टीम ने पुलिस बल के साथ पहुंचकर सील कर दिया। अचानक हुई इस कार्रवाई से स्थानीय लोगों में गहरी नाराजगी देखने को मिल रही है। ढाबा संचालक का आरोप है कि एलडीए ने बिना किसी नोटिस या पूर्व सूचना के जबरन सीलिंग की कार्रवाई की। उनका कहना है कि यह कदम नियमों के विपरीत है। क्षेत्रीय लोगों ने भी सवाल उठाया कि इलाके में सिर्फ एक ही प्रतिष्ठान को क्यों निशाना बनाया गया?

प्रतिशोध की भावना से एलडीए ने की कार्रवाई

सूत्रों के मुताबिक ढाबा संचालक किसान नेता भी हैं और हाल ही में काकोरी क्षेत्र में एलडीए द्वारा की जा रही कथित मनमानी भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया के खिलाफ किसानों के साथ बड़ा आंदोलन किया था। स्थानीय लोगों का आरोप है कि यही वजह है कि एलडीए ने प्रतिशोध की भावना से कार्रवाई की। शनिवार शाम करीब साढ़े चार बजे एलडीए के एसडीएम, जोनल अधिकारी और मोहन रोड चौकी इंचार्ज सचिन कौशिक पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और ढाबे को सील कर दिया। घटना के बाद से ही क्षेत्र में चर्चा है कि एलडीए के खिलाफ आवाज उठाने वालों को निशाना बनाया जा रहा है।
उच्च शिक्षा मंत्री ने केजीएमयू जाकर घायल छात्रों से की मुलाकात
* छात्रों के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा :
योगेन्द्र उपाध्याय

लखनऊ । प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय शुक्रवार को किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय  लखनऊ पहुंचे, जहाँ उन्होंने रामस्वरूप मेमोरियल विश्वविद्यालय में एलएलवी पाठ्यक्रम की मान्यता नवीनीकरण एवं अवैध वसूली को लेकर प्रदर्शन के दौरान घायल हुए छात्रों से भेंट की। मंत्री ने घायल छात्रों से उनका हालचाल पूछा, उनकी चिकित्सा व्यवस्था की जानकारी ली और उन्हें हर संभव सहयोग देने का आश्वासन दिया।
मुलाकात के दौरान छात्रों ने मंत्री को वीडियो दिखाते हुए विस्तार से बताया  कि किस प्रकार शांतिपूर्ण ढंग से अपनी समस्याएँ उठाने पर भी उनके साथ बर्बरता की गई। मंत्री ने छात्रों की बात ध्यानपूर्वक सुनी और कहा कि योगी सरकार छात्रों की न्यायोचित मांगों के साथ खड़ी है तथा उनके हितों की अनदेखी किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं होगी।

उच्च शिक्षा मंत्री को घायल छात्रों ने अवगत कराया कि विश्वविद्यालय प्रशासन के स्थानीय असामाजिक तत्वों ने छात्रों पर हमला किया तथा मौजूदा पुलिस कर्मियों ने उनके साथ मिलकर पाशविक कृत्य किया। उच्च शिक्षा मंत्री ने बताया कि इस घटना में संलिप्त पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है और मंडलायुक्त को  मामले की जांच के निर्देश दिए गए हैं। जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उनके आधार पर कठोरतम कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में उच्च शिक्षा परिषद के सचिव दिनेश राजपूत की ओर से विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है।

उच्च शिक्षा मंत्री ने विश्वविद्यालय प्रशासन की लापरवाही पर भी गहरी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि एलएलवी पाठ्यक्रम की मान्यता का समय से नवीनीकरण न कराना, बिना अनुमति के प्रवेश लेना, छात्रों से अवैध वसूली करना और उनकी जायज मांगों को दबाने के लिए बाहरी तत्वों की मदद लेना गंभीर अपराध है।

उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि योगी सरकार किसी भी हालत में छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं होने देगी। उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन को सख्त निर्देश दिए कि सभी मान्यता प्राप्त पाठ्यक्रमों का संचालन निर्धारित मानकों के अनुरूप ही हो और छात्रों को अनावश्यक दबाव या अनिश्चितता का सामना न करना पड़े। उन्होंने यह भी कहा कि छात्रों की समस्याओं का समाधान संवाद और संवेदनशीलता से किया जाना चाहिए, न कि बल प्रयोग से।