चाईबासा: मनोहरपुर स्टेशन पर रेल हादसा, इंजन की टक्कर से पांच कोच पलटे; दो कर्मी घायल, सुरक्षा पर उठे सवाल

चाईबासा: चाईबासा जिले के चक्रधरपुर रेल मंडल के मनोहरपुर स्टेशन के पास गुरुवार की अहले सुबह एक बड़ा रेल हादसा हो गया। सुबह करीब 4:15 बजे, यार्ड की लाइन नंबर 7 पर खड़े रेलवे के पांच डिब्बों को एक बैंकिंग डीजल इंजन ने जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि पांच में से एक कोच बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया और सभी कोच पटरी से उतरकर जमीन पर गिर पड़े।

हादसे में दो रेलवे कर्मचारी गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। ट्रैक मेंटेनर अरविंद कुमार को गर्दन में गंभीर चोटें आई हैं, जबकि एक अन्य कर्मचारी सीके बारीक को आंशिक चोटें आईं। दोनों घायलों को तुरंत उत्कल एक्सप्रेस के जरिए चक्रधरपुर रेलवे अस्पताल भेजा गया, जहां उनका इलाज जारी है।

बताया गया है कि यार्ड में खड़े ये कोच रेलवे ट्रैक की मरम्मत करने वाले कर्मचारियों के रहने के लिए इस्तेमाल किए जाते थे, और इनमें पटरी सुधारने की मशीनें व औजार भी रखे हुए थे।

यह हादसा एक बार फिर से चक्रधरपुर रेल मंडल की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है। हाल ही में राउरकेला यार्ड में भी एक मालगाड़ी बैंकिंग के दौरान दुर्घटनाग्रस्त होकर एक बस्ती में घुस गई थी, जिसके बाद कई रेलकर्मियों पर कार्रवाई हुई थी। इसके बावजूद, इस तरह के रेल हादसों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है।

फिलहाल, चक्रधरपुर रेल मंडल के डीआरएम (Divisional Railway Manager) तरुण हुरिया ने इस पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। हालांकि, यह टक्कर कैसे और किन परिस्थितियों में हुई, इसका स्पष्ट कारण अब तक सामने नहीं आया है, लेकिन लगातार हो रहे ये हादसे दर्शाते हैं कि मंडल में ट्रेन परिचालन और सुरक्षा व्यवस्था बेहद खराब दौर से गुजर रही है।

झारखंड में ग्रामीण विकास को मिलेगी गति, 15वें वित्त आयोग के अनुदान जल्द होंगे जारी


:- ग्रामीण विकास मंत्री, झारखंड सरकार , श्रीमती दीपिका पांडे सिंह से आज नई दिल्ली में भारत सरकार के पंचायती राज मंत्रालय के सचिव की मुलाकात हुई । बैठक में मुख्य रूप से 15वें वित्त आयोग के अनुदान को शीघ्र स्वीकृत करने पर बल दिया गया। श्रीमती दीपिका पांडे सिंह ने स्पष्ट किया कि झारखंड सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता ग्राम पंचायतों को सशक्त कर ग्रामीण विकास को नई दिशा देना है। उन्होंने अपेक्षा व्यक्त की कि 15वें वित्त आयोग की अगली किस्त शीघ्र जारी की जाए, ताकि योजनाओं का लाभ सीधे गाँव-गाँव तक पहुँच सके। उन्होंने कहा कि अनुदान जारी होने से ग्राम पंचायतों में विकास कार्यों को गति मिलेगी और आधारभूत संरचनाएँ मजबूत होंगी। इस पर पंचायती राज मंत्रालय के सचिव ने सकारात्मक पहल का आश्वासन दिया।

बैठक के दौरान आरजीएसए के अंतर्गत अतिरिक्त फंड सहायता, पंचायत एडवांसमेंट इंडेक्स 2.0 प्रशिक्षण, सैटेलाइट आधारित दूरस्थ शिक्षा सुविधा, ग्राम पंचायतों का सोलराइजेशन तथा यूनिफाइड पंचायत डिजिटलाइजेशन से संबंधित प्रस्ताव भी रखे गए।

इस अवसर पर उनके साथ विभागीय सचिव श्री मनोज कुमार (आईएएस), निदेशक (पंचायती राज, झारखंड) श्रीमती राजेश्वरी बी. तथा भारत सरकार के पंचायती राज मंत्रालय के Director (Capacity Building) श्री विपुल उज्जवल सहित अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित रहे।

भारत के इतिहास का सबसे महत्वपूर्ण पखवाड़ा 17 सितंबर से 2अक्टूबर, चार महापुरुषों ने लिया जन्म.....डॉ राधामोहन अग्रवाल


भाजपा प्रदेश कार्यालय में आज पार्टी द्वारा प्रदेश अध्यक्ष एवम नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी की अध्यक्षता में आगमी 17 सितंबर से 2अक्टूबर तक आयोजित सेवा पखवाड़ा के निमित्त कार्यशाला का आयोजन किया गया

बैठक में बतौर मुख्य अतिथि राष्ट्रीय महामंत्री एवम सांसद डॉ राधामोहन अग्रवाल शामिल हुए। कार्यक्रम में कार्यकारी अध्यक्ष डॉ रविंद्र कुमार राय, प्रदेश संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह,पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन,निवर्तमान अध्यक्ष एवम सांसद दीपक प्रकाश, कार्यक्रम के संयोजक महामंत्री एवम सांसद आदित्य साहू, डॉ प्रदीप वर्मा ,उपाध्यक्ष राकेश प्रसाद,आरती कुजूर, विकास प्रीतम सिन्हा,सहित प्रदेश पदाधिकारी गण, जिला अध्यक्ष,जिला प्रभारी गण, पखवाड़ा केलिए गठित प्रदेश और जिलों की टोली शामिल हुई।

कार्यक्रम का संचालन प्रदेश उपाध्यक्ष बालमुकुंद सहाय ने विषय प्रवेश आदित्य साहू ने और धन्यवाद ज्ञापन सुनीता सिंह ने किया।

बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय महामंत्री एवम सांसद तथा कार्यक्रम के झारखंड प्रभारी डॉ राधामोहन अग्रवाल ने कहा कि आगामी 17 सितंबर से 2अक्टूबर तक का पखवाड़ा भारत के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण पखवाड़ा है।

कहा कि आगामी 17 सितंबर को विश्व के सर्वाधिक लोकप्रिय नेता भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का 75 वाँ जन्मदिन है साथ ही 25 सितंबर को अंत्योदय के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की जयंती है और फिर 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी और लालबहादुर शास्त्री जी की जयंती है।

कहा कि यह अद्भुत संयोग है कि इस पखवाड़े में जन्म लेने वाले सभी महापुरुष अंत्योदय के पथिक हैं जिन्होंने गांव, गरीब , किसान,जवान की सेवा में अपना जीवन न्यौछावर किया।

कहा कि भाजपा इस पखवाड़ा को सेवा पखवाड़ा के रूप में मनाते हुए अनेक सामाजिक,सांस्कृतिक कार्यक्रमों को जन जन तक पहुंचाने केलिए संकल्पित है।

उन्होंने दूसरी पाली की बैठक में सांसद,विधायकों एवं पूर्व के जन प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए अपने अपने क्षेत्रों में जन भागीदारी के साथ कार्यक्रम को संपन्न कराने का आह्वान किया।

कहा कि गांधी ,शास्त्री और पंडित दीनदयाल उपाध्याय के पद चिन्हों पर चलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद को गांव गरीब किसान की सेवा केलिए समर्पित किया है।

कहा कि अपनी सरकार के पहले दिन से मोदी जी ने सभी निर्णय अंत्योदय को साकार करने की दिशा में लिया है। आज भारत फैजल फाइव से बाहर आकर विश्व की चौथी अर्थव्यवस्था बन चुका है।जल्द ही भारत विश्व की तीसरी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।

कहा कि कांग्रेस के 60 वर्षों के शासन में 70% तक गरीबी थी ।आज पिछले 10 वर्षों ने 25 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर आए हैं।

कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के व्यक्तिव और कृतित्व आज दुनिया को प्रेरित कर रहा है।भारत का जन मन उनसे प्यार करता है। हम सभी को उनके व्यक्तित्व और कृतित्व उनके सेवा कार्यों को जनता के बीच पखवाड़े में ले जाने की जरूरत है।

प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि सेवा पखवाड़े के कार्यक्रम को हम सभी को मिलकर धरातल पर उतरना है।

उन्होंने राज्य के कार्यकर्ताओं से कार्यक्रम में रिकॉर्ड स्तर पर जन भागीदारी बढ़ाने का आह्वान किया।

कहा कि ब्लड डोनेशन कार्यक्रम में पार्टी ने पिछले वर्ष भी रिकॉर्ड तोड़ा था जिसकी पुनरावर्तित इस वर्ष भी करनी है।

डॉ रविंद्र कुमार राय ने कहा कि सेवा पखवाड़ा जनता जनार्दन से सीधा संवाद का अवसर है। हम अपनी नीतियों,कार्यक्रमों विचारों को लेकर जन जन तक जाएं।

प्रदेश संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह ने आगामी कार्यक्रमों पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि आगामी 17 सितंबर को प्रधानमंत्री के जन्मदिन पर रक्तदान शिविर आयोजित होंगे।साथ ही बड़े पैमाने पर स्वच्छता अभियान भी चलाया जाएगा।

कहा कि इसके अतिरिक्त प्रदेश भर में स्वास्थ्य शिविर प्रबुद्ध जन सम्मेलन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के व्यक्तिव एवं कृतित्व पर चित्र प्रदर्शिनी,प्रबुद्ध जन सम्मेलन , मंडल स्तर पर रक्तदान शिविर,वृक्षारोपण, विशिष्ट जन सम्मान कार्यक्रम ,चित्रकला प्रतियोगिता जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

कहा कि सभी संसदीय क्षेत्र में सांसद खेल प्रतियोगिताएं भी आयोजित होंगी।

बैठक में सांसद,विधायक गण,पूर्व सांसद,पूर्व विधायक गण, विधान सभा लोकसभा चुनाव में पार्टी के प्रत्याशी भी उपस्थित थे।

राज्य चलाने की क्षमता नहीं तो गद्दी छोड़ दे हेमंत सरकार.....राधामोहन अग्रवाल

उन्होंने कहा कि एक तरफ 50 हजार करोड़ का घाटा सहकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की जनता को अपने वादों के अनुरूप जीएसटी दरों में भारी कटौती कर राहत दिया है। दूसरी ओर हेमंत सरकार अपने दो हजार करोड़ का घाटा का रोना रोते हुए विरोध दर्ज कर रही।

उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार ने तो कभी पैसे की कमी का रोना नहीं रोया ।आज दुनिया का औसत विकास दर मात्र 3% है तो भारत का विकास दर पिछली तिमाही में 7.8% रहा है।

कहा कि जबकि प्रधानमंत्री ने बजट में 12 लाख तक की आय पर टैक्स जीरो कर दिया है, जिससे भारत सरकार को तीन लाख करोड़ रुपए की आय घटी और अब जीएसटी में स्लैब घटाया तो 50 हजार करोड़ रुपए का घाटा होगा।

कहा कि अगर राज्य सरकार राज्य की जनता को सुविधा से वंचित रखना चाहती है तो ऐसी सरकार को गद्दी छोड़ देना चाहिए।

कहा कि सरकार जनता के हित केलिए बनती है।और यहां तो हेमंत सरकार के बयानों से लगता है कि यह सरकार जनता का हित नहीं देखना चाहती।

कहा कि राज्य सरकार को तो जनता की भलाई केलिए उठाए कदम का स्वागत करना चाहिए था। लेकिन अपनी सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार और नाकामियों को छुपाने केलिए राज्य सरकार पैसे का रोना रोती है।

कहा कि हेमंत सरकार बताए कि वह जनता की सेवा करना चाहती है या टैक्स वसूलने केलिए सरकार बनाए हैं।

उन्होंने देश की 144 करोड़ जनता के हित में मोदी सरकार द्वारा लिए गए ऐतिहासिक फैसले का भारतीय जनता पार्टी स्वागत और अभिनन्दन करती है।

कहा कि देश की जनता को यह मोदी सरकार की ओर से त्योहारों केलिए बड़ा तोहफा है।

कहा कि जीएसटी दरों में आम जनता से जुड़ी दैनिक आवश्यकता की वस्तुओं पर भारी कमी की गई है। अब जीएसटी की दरें दो कर दी गई जिसमें 5%और 18% शामिल है।जबकि विलासिता की वस्तुओं पर 40% का स्लैब किया गया है।

कहा कि खाने पीने की चीजें हों या फिर बच्चों की पढ़ाई लिखाई की वस्तुएं।मेडिकल कीट हों या किसानों केलिए कृषि यंत्र सभी सस्ते किए गए है।

कहा कि आयुष्मान भारत योजना के बाद अब हेल्थ इंश्योरेंस को भी बहुत सस्ता कर दिया गया है।

कहा कि गंभीर बीमारियों की दवाइयां भी अब बहुत सस्ती हो गई हैं।

कहा कि निर्माण क्षेत्र में सीमेंट का दाम घटने से आम आदमी की घर बनाने में बड़ी राहत मिलेगी।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी को जवाब देना चाहिए कि आखिर अमीर गरीब केलिए एक जैसा टैक्स स्लैब लाने की बात कर राहुल गांधी जी जनता को कैसी अर्थ व्यवस्था देने की बात करते हैं। यह तो अमीरों की दलाली और गरीबों को चूसने वाली सोच है। राहुल गांधी सारा धन 22 पसेरी करना चाहते हैं।

प्रेसवार्ता में प्रदेश अध्यक्ष एवम नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी,प्रदेश मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक,सह मीडिया प्रभारी योगेंद्र प्रताप सिंह,प्रवक्ता अजय साह भी शामिल थे।

केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने जीएसटी स्लैब में बदलाव को बताया ‘ऐतिहासिक निर्णय’, कहा - 'इससे विकसित भारत की दिशा होगी मजबूत'

सरायकेला: केंद्रीय मंत्री और कोडरमा से सांसद अन्नपूर्णा देवी ने गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) काउंसिल द्वारा टैक्स स्लैब में किए गए बदलाव के फैसले का जोरदार स्वागत किया है। उन्होंने इस कदम को एक 'ऐतिहासिक निर्णय' बताते हुए कहा कि इससे देश में 'ईज ऑफ लिविंग' को एक नया बल मिलेगा और 'नेक्स्ट-जेन जीएसटी' से 'विकसित भारत' की दिशा और भी मजबूत होगी।

अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के मार्गदर्शन में जीएसटी परिषद ने कर ढांचे को सरल बनाने का निर्णय लिया है। इस फैसले के तहत, अब केवल 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत के जीएसटी स्लैब को ही बरकरार रखा जाएगा, जबकि 12 प्रतिशत और 28 प्रतिशत के स्लैब को समाप्त कर दिया गया है।

उन्होंने बताया कि इस महत्वपूर्ण कदम से आम जनता को सीधी राहत मिलेगी। रोजमर्रा की जरूरत के सामान, किसानों के लिए उपकरण, शिक्षा से जुड़ी सामग्री, स्वास्थ्य सेवाएं और इलेक्ट्रॉनिक्स के सामान अब सस्ते हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह सुधार मध्यमवर्गीय परिवारों के साथ-साथ महिलाओं, किसानों और छोटे उद्यमियों के लिए भी बेहद फायदेमंद साबित होगा।

केंद्रीय मंत्री ने इस फैसले को प्रधानमंत्री मोदी के 'ईज ऑफ लिविंग' और 'आत्मनिर्भर भारत' के विजन की दिशा में एक ठोस पहल बताया। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह कदम देश की अर्थव्यवस्था को नई गति प्रदान करेगा और 'विकसित भारत' के लक्ष्य को और अधिक सशक्त बनाएगा।

रांची के रिनपास ने पूरे किए 100 साल: सीएम हेमंत सोरेन ने किया डिजिटल अकादमी और टेली मेंटल हेल्थ सेवा का शुभारंभ

रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आज रांची इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरो साइकेट्री एंड एलाइड साइंस (RIMS) के 100 साल पूरे होने पर आयोजित शताब्दी समारोह का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने रिनपास की टेली मेंटल हेल्थ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सेवा और डिजिटल अकादमी का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने इस गौरवशाली अवसर पर रिनपास से जुड़े सभी लोगों को बधाई दी और संस्थान को बेहतर बनाने का आश्वासन दिया।

"मानसिक समस्याओं के इलाज में आधुनिक तकनीकों का हो इस्तेमाल"

अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के दौर में मानसिक अवसाद बढ़ रहा है, ऐसे में रिनपास जैसे संस्थानों की भूमिका बेहद अहम हो जाती है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार रिनपास में आधारभूत संरचना और शैक्षणिक व्यवस्था को मजबूत करेगी और मरीजों को अत्याधुनिक इलाज की सभी सुविधाएं उपलब्ध कराएगी। उन्होंने विशेष रूप से मनोरोगियों के इलाज में आधुनिक तकनीकों के इस्तेमाल पर जोर दिया।

मुख्यमंत्री ने इस बात पर चिंता जताई कि कई बार परिजन अपने मानसिक रूप से बीमार सदस्यों को यहां छोड़कर चले जाते हैं और वापस लेने नहीं आते, जबकि कुछ लोग उन्हें घरों में ही "कैद" करके रखते हैं। उन्होंने कहा कि हमें ऐसी व्यवस्था बनानी होगी, जिससे मानसिक रूप से बीमार मरीजों तक हमारी सेवाएं आसानी से पहुंच सकें।

"रिनपास की नींव रखने वाले दूरदर्शी थे"

मुख्यमंत्री ने कहा कि 1925 में जब रिनपास की स्थापना हुई थी, तब मनोचिकित्सा के क्षेत्र में इसकी जरूरत को समझना दूरदर्शिता का प्रमाण था। उन्होंने कहा, "जिसने भी 100 साल पहले इसकी नींव रखी होगी, वे काफी दूरदर्शी होंगे।" उन्होंने यह भी कहा कि इस संस्थान की सेवा भावना को अनवरत जारी रखा जाएगा।

समारोह के मुख्य आकर्षण

रिनपास पर आधारित एक पोस्टल स्टैम्प जारी किया गया।

रिनपास की एक स्मारिका और चार पुस्तकों का विमोचन हुआ।

कई सेवानिवृत्त निदेशकों और फैकल्टी सदस्यों को उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया।

इस मौके पर केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री श्री संजय सेठ, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी, विधायक श्री राजेश कच्छप, श्री सुरेश कुमार बैठा और अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।

सीएम हेमंत सोरेन करम पूजा महोत्सव में हुए शामिल, कहा- "हमारी समृद्ध परंपराओं को आगे बढ़ाना जरूरी"

रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और विधायक श्रीमती कल्पना सोरेन ने आज रांची महिला महाविद्यालय (साइंस ब्लॉक) स्थित आदिवासी छात्रावास परिसर में आयोजित "करम पूजा महोत्सव-2025" में हिस्सा लिया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने अखरा में स्थापित करम डाली की पूजा-अर्चना कर राज्य की सुख, समृद्धि और खुशहाली की कामना की।

'करम पर्व हमारी विशिष्ट संस्कृति का प्रतीक'

अपने संबोधन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि हम सभी लोग अपनी परंपरा और संस्कृति से बंधे हुए हैं। उन्होंने कहा कि करम पर्व हमारी विशिष्ट संस्कृति, सभ्यता और जीवनशैली का प्रतीक है। मुख्यमंत्री ने कहा, "हमारी बहनें हर मौसम की चुनौती को पार करते हुए इस परंपरा का हर्ष और उल्लास के साथ निर्वहन करती हैं, जो प्रकृति के साथ हमारे गहरे संबंध का उदाहरण है।" उन्होंने कहा कि यह पर्व भाई-बहन के अटूट रिश्ते, सामाजिक सौहार्द और प्रकृति के प्रति हमारी आस्था को दर्शाता है।

'आने वाली पीढ़ियों को भी जोड़ना है'

मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि जिस तरह हमारे पूर्वजों ने इन परंपराओं को हम तक पहुंचाया है, उसी तरह हमारी और आने वाली पीढ़ियों की यह जिम्मेदारी है कि वे इन समृद्ध परंपराओं को श्रद्धा और सद्भाव के साथ आगे बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करना हम सबकी जिम्मेदारी है कि हमारी संस्कृति और मजबूत हो।

इस कार्यक्रम में केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री श्री संजय सेठ, झारखंड सरकार में मंत्री श्रीमती शिल्पी नेहा तिर्की और विधायक श्रीमती कल्पना सोरेन सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।

झारखंड में प्रकृति का प्रमुख पर्व 'करमा' आज, जानें पूजा विधि और महत्व

रांची: झारखंड का प्रमुख प्रकृति पर्व करमा आज, 3 सितंबर 2024 को पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। यह पर्व आदिवासी संस्कृति और आस्था का प्रतीक है, जो झारखंड के अलावा बिहार, ओडिशा और मध्य प्रदेश के आदिवासी इलाकों में भी बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्योहार भाई-बहन के अटूट प्रेम और प्रकृति के प्रति सम्मान को दर्शाता है।

पूजा विधि और परंपराएं

करमा पूजा से पहले, घरों और पूजा स्थल की अच्छी तरह से साफ-सफाई की जाती है। पूजा के लिए कर्म वृक्ष की डालियां गाड़कर उनकी पूजा की जाती है। महिलाएं पूजा की थाली सजाकर करम देव का पूजन करती हैं और अपने भाइयों की लंबी उम्र, सुख-समृद्धि और उन्नति की कामना करती हैं। इस दौरान करम और धर्म से जुड़ी लोककथाएं सुनाई जाती हैं, जो अच्छे कर्मों के महत्व को बताती हैं। इस पर्व की एक खास परंपरा यह है कि विवाहित महिलाएं अपने मायके आकर इसे मनाती हैं। पूजा समाप्त होने पर, भाई अपनी बहनों से व्रत का कारण पूछते हैं और खीरे के साथ आशीर्वाद देते हैं।

करमा पर्व का महत्व

आदिवासी समाज में करमा पर्व को बहुत शुभ माना जाता है। यह मान्यता है कि इस दिन अविवाहित कन्याएं उपवास रखकर फसलों की रक्षा और अच्छी उपज की कामना करती हैं। कहा जाता है कि जो कन्याएं सच्ची निष्ठा से यह व्रत करती हैं, उन्हें योग्य पति की प्राप्ति होती है। यह पर्व परिवार की भलाई, समृद्धि और संतान सुख की मंगलकामनाओं से भी जुड़ा हुआ है। यह त्योहार प्रकृति और मानव के बीच के गहरे संबंध को भी दर्शाता है।

दिवंगत रामदास सोरेन के बेटे संभालेंगे पिता की राजनीतिक विरासत, सोमेश सोरेन लड़ेंगे घाटशिला उपचुनाव

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झारखंड के पूर्व शिक्षा एवं निबंधन मंत्री स्व. रामदास सोरेन के निधन के बाद उनकी राजनीतिक विरासत अब उनके बेटे सोमेश सोरेन संभालेंगे। झामुमो के दिवंगत मंत्री रामदास सोरेन के निधन के बाद अब उनके बड़े बेटे सोमेश सोरेन घाटशिला विधानसभा से उपचुनाव लड़ेंगे। घाटशिला विधानसभा कमेटी ने सर्वसम्मति से उनके नाम की घोषणा कर दी है, जिसकी जानकारी प्रदेश आलाकमान को भी दी गई है।

उपचुनाव में अपनी दावेदारी का ऐलान किया

दिवगंत विधायक एवं राज्य सरकार के पूर्व मंत्री रामदास सोरेन के निधन के बाद उनके बड़े पुत्र सोमेश सोरेन मंगलवार को सक्रिय रूप से राजनीति में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए निकले। जमशेदपुर के घोड़ाबांधा स्थित आवास में पिता स्वर्गीय रामदास सोरेन की तस्वीर को नमन और माता का चरण स्पर्श कर पुत्र सोमेश चंद्र सोरेन ने घाटशिला विधानसभा उपचुनाव में अपनी दावेदारी का ऐलान किया।

सोशल मीडिया पर शोयर किया पोस्ट

रामदास सोरेन की तस्वीर पर नमन कर सोमेश ने अपने सोशल मीडिया पेज पर संवाद साझा किया। लिखा- पिताजी का आशीर्वाद लेकर मैं घाटशिला विधानसभा क्षेत्र की ओर प्रस्थान कर रहा हूं। विधानसभा के स्थानीय नेताओं, कार्यकर्ताओं एवं नागरिकों की समस्याओं को समझना और उनके समाधान के लिए ठोस कदम उठाना ही मेरा प्रमुख उद्देश्य है।

पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने का लिया संकल्प

सोमेश चंद्र सोरेन ने कहा कि वे अपने पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ायेंगे और घाटशिला की जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए पूरी मेहनत करेंगे। उन्होंने भरोसा दिलाया कि शिक्षा, विकास और समाज सेवा उनकी प्राथमिकता होगी तथा क्षेत्र की समस्याओं का समाधान करने के लिए वे हर संभव प्रयास करेंगे।

रामदास सोरेन के निधन के बाद खाली हुई सीट

बता दें कि झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ नेता और तीन बार विधायक रहे रामदास सोरेन का 15 अगस्त 2025 को दिल्ली के एक अस्पताल में निधन हो गया था। उनके निधन के बाद घाटशिला विधानसभा की राजनीति में हलचल बढ़ गयी है। घाटशिला विधानसभा सीट के उप चुनाव को लेकर प्रशासन पूरी तरह सक्रिय हो गया है। मंगलवार को निर्वाचक सूची का प्रकाशन भी कर दिया गया।

झारखंड को मिलेगी बड़ी सौगात: 6 जिलों में खुलेंगे मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल

रांची: झारखंड के लिए एक बड़ी खबर है। केंद्र सरकार ने राज्य के 6 जिलों में मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल खोलने की मंजूरी दे दी है। ये नए मेडिकल कॉलेज धनबाद, देवघर, खूंटी, गिरिडीह, जामताड़ा और पूर्वी सिंहभूम (जमशेदपुर) के सदर अस्पतालों को अपग्रेड कर पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मोड में स्थापित किए जाएंगे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने इस संबंध में राज्य सरकार को सहमति पत्र भेजा है।

स्वास्थ्य मंत्री सुदिव्य सोनू ने किया था आग्रह

झारखंड के उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने जुलाई महीने में नई दिल्ली में केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा से मुलाकात कर राज्य में मेडिकल कॉलेज खोलने का आग्रह किया था, जिसके बाद केंद्र की ओर से यह सहमति पत्र भेजा गया है। मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने इस सहयोग के लिए केंद्रीय मंत्री का आभार व्यक्त किया है।

मंत्री सोनू ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में राज्य सरकार झारखंड के स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। उन्होंने कहा कि इन नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना से राज्य की जनता को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मिलेंगी और यह झारखंड में 'यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज' के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।

राष्ट्रीय मानकों से काफी पीछे है झारखंड

मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने केंद्रीय मंत्री को भेजे गए पत्र में बताया था कि झारखंड की करीब 3.92 करोड़ की आबादी के लिए केवल 9 मेडिकल कॉलेज (7 सरकारी और 2 निजी) हैं। यह स्थिति राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) के प्रति 10 लाख की आबादी पर एक मेडिकल कॉलेज के मानक से बहुत कम है। उन्होंने यह भी बताया कि कई जिलों में राष्ट्रीय औसत (1000 की आबादी पर 1.5 बेड) की तुलना में अस्पतालों में बेड की संख्या भी कम है। इन नए मेडिकल कॉलेजों के खुलने से इस कमी को पूरा करने में मदद मिलेगी।