ड्रैगन और हाथी साथ आएं…” पीएम मोदी से बोले शी जिनपिंग, क्या हैं चीनी राष्ट्रपति के बयान के मायने?
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए चीन में हैं। भारत-चीन रिश्तों में बने हालात के बीच ये यात्रा बेहद महत्वपूर्ण है। पीएम मोदी ने एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से महत्वपूर्ण बैठक की। बैठक की शुरुआत में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 2.8 अरब लोगों का कल्याण भारत-चीन सहयोग से जुड़ा हुआ है। वहीं चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि ड्रैगन और हाथी को एक साथ आने की जरूरत है।
सात साल बाद चीन पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी ने आज राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। दोनों के बीच 50 मिनट बातचीत हुई। दोनों नेताओं की मुलाकात तियानजिन में हुई, जहां चीनी राष्ट्रपति शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहे हैं। मोदी ने बातचीत के दौरान कहा, पिछले साल कजान में हमारी बहुत उपयोगी चर्चा हुई थी, जिससे हमारे संबंध बेहतर हुए। सीमा पर सैनिकों की वापसी के बाद, शांति और स्थिरता का माहौल बना है। सीमा मुद्दे पर विशेष प्रतिनिधियों ने समझौता किया है। कैलाश मानसरोवर यात्रा दोबारा शुरू हो गई है और दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानें भी फिर से शुरू हो रही हैं। वहीं, चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि ड्रैगन (चीन) और हाथी (भारत) को साथ आना चाहिए। चीनी राष्ट्रपति ने बैठक के दौरान अपने संबोधन में कहा कि भारत और चीन के लिए सही विकल्प यह है कि दोनों दोस्त और साझेदार बनें।
ड्रैगन और हाथी एक साथ आएं-जिनपिंग
मीटिंग में जिनपिंग ने कहा कि पीएम मोदी से मिलकर खुशी हुई। जिनपिंग ने कहा, प्रधानमंत्री महोदय, आपसे फिर मिलकर मुझे बहुत खुशी हो रही है। मैं शंघाई सहयोग संगठन शिर सम्मेलन के लिए चीन में आपका स्वागत करता हूं। उन्होंने आगे कहा, दोनों देशों के लिए यह सही है कि ऐसे साझेदार बनें जो एक-दूसरे की सफलता में सहायक हों। ड्रैगन और हाथी एक साथ आएं। चीन और भारत दो प्राचीन सभ्यताएं हैं। हम विश्व के दो सबसे अधिक आबादी वाले देश हैं। हम ग्लोबल साउथ के भी अहम सदस्य हैं। हम दोनों अपने लोगों की भलाई के लिए जरूरी सुधार लाने और मानव समाज की प्रगति को बढ़ावा देने की ऐतिहासिक जिम्मेदारी निभाते हैं।
पीएम मोदी ने कही ये बात
इससे पहले पीएम मोदी ने गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए आभार जताते हुए कहा, मैं आपका हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। पिछले वर्ष कजान में हमारी बहुत ही सार्थक चर्चा हुई थी। हमारे संबंधों को एक सकारात्मक दिशा मिली। सीमा पर सैनिकों की वापसी के बाद, शांति और स्थिरता का माहौल बना हुआ है। सीमा मुद्दे पर हमारे विशेष प्रतिनिधियों ने समझौता किया है। कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू हुई है। दोनों देशों के बीच डायरेक्ट फ्लाइट भी फिर से शुरू की जा रही है।
गलवान झड़प के बाद मोदी का पहला चीन दौरा
बता दें कि मोदी शनिवार शाम 2 दिन के जापान दौरे के बाद चीन पहुंचे थे। जून 2020 में हुई गलवान झड़प के बाद भारत-चीन के संबंध खराब हो गए थे। इस यात्रा का मकसद दोनों देशों के बीच सीमा विवाद को कम करना भी है।
Sep 01 2025, 09:53