झारखंड के पूर्व मंत्री एनोस एक्का और पत्नी को 7-7 साल की सजा, जानें क्या है मामला?
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झारखंड के चर्चित जमीन घोटाले के एक पुराने मामले में बड़ा फैसला आया है। पूर्व मंत्री एनोस एक्का और उनकी पत्नी मेनन एक्का को अवैध भूमि अधिग्रहण के मामले में सात-सात साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने दोनों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। यह मामला छोटानागपुर काश्तकारी (सीएनटी) अधिनियम के उल्लंघन से जुड़े अवैध रूप से आदिवासी जमीन अधिग्रहण से संबंधित है।
रांची स्थित सीबीआई की विशेष अदालत ने कुल 10 लोगों को सजा सुनाई है। इस मामले में रांची के पूर्व भूमि सुधार उपायुक्त (एलआरडीसी) कार्तिक प्रभात समेत दो अन्य आरोपी मणिलाल महतो और ब्रजेश्वर महतो को पांच-पांच साल सश्रम कारावास की सजा दी। इसके अलावा पांच अन्य दोषियों- राज किशोर सिंह, फिरोज अख्तर, बृजेश मिश्रा, अनिल कुमार और परशुराम करकेट्टा- को चार-चार साल की सजा सुनाई गई। अदालत ने सभी को दोषी मानते हुए कहा कि जुर्माना अदा न करने की स्थिति में उन्हें अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी।
मंत्री रहते पद का दुरुपयोग
एनोस एक्का वर्ष 2005 से 2008 के बीच अर्जुन मुंडा और बाद में मधु कोड़ा सरकार में मंत्री रहे। आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए फर्जी पते का इस्तेमाल कर आदिवासी जमीनों की बड़े पैमाने पर खरीद-फरोख्त की। इस पूरे खेल में प्रशासनिक अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत रही।
तत्कालीन एलआरडीसी कार्तिक कुमार प्रभात की सौदों का बनाया आसान
जमीन की खरीदारी रांची जिले के कई इलाकों में हुई। इन सभी सौदों पर लगभग 1.18 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। इनमें हिनू में 22 कट्ठा, ओरमांझी में 12 एकड़, नेवरी में 4 एकड़ और चुटिया के सिरम टोली मौजा में 9 डिसमिल भूमि शामिल है। तत्कालीन एलआरडीसी कार्तिक कुमार प्रभात ने इन सौदों को आसान बनाने में मदद की थी।
Aug 31 2025, 20:44