झारखंड सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया कि बांग्लादेशी व रोहिंग्या मुसलमान को बसाने के साथ मतदाता भी बनाएंगे - बाबूलाल मरांडी
रांची : बिहार में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर) चल रहा है। भले ही झारखंड में इसकी शुरुआत नहीं हुई है लेकिन अभी से यहां आंदोलन चरम पर है।
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा विधानसभा में इंडिया गठबंधन जिस तरह के SIR का विरोध कर रही है। इससे स्पष्ट हो गया है कि गठबंधन पार्टी राज्य में बांग्लादेशी घुसपैठ और रोहिंग्या मुसलमानो को बसाना ही नहीं बल्कि मतदाता भी बनाना चाहती है।
उन्होंने यह भी कहा कि संथाल परगना में रोहिंग्या बांग्लादेशी आदिवासी महिलाओं के साथ शादी करते हैं। और फिर उन महिलाओं को मुखिया भी बनाते हैं। सबसे ज्यादा डेमोग्राफी चेंज संथाल में देखने को मिल रहा है। कांग्रेस, राजद, झारखंड मुक्ति मोर्चा वोट बैंक की राजनीति करती है। विधानसभा में स्पष्ट दिखा की ये पार्टियां क्या चाहती है।झारखंड में 2014 से 2019 की तुलना में 2019 से 24 में वोटरों की संख्या में वृद्धि हुई है। इसलिए चुनाव आयोग से मांग है इसकी जांच करे ताकि यह स्पष्ट हो सके वोटर संख्या में वृद्धि हुई है वह सच में इस राज्य के वोटर है या फिर रोहिंग्या और बांग्लादेश ही है।
दरअसल, इसके पीछे की बड़ी वजह यह है कि झारखंड में एक बड़ी आबादी आदिवासी, ओबीसी और मुसलमानों की है, जो इंडिया गठबंधन के दलों के लिए वोटबैंक का काम करती है। बीजेपी भले ही पिछले चुनाव में बांग्लादेशी घुसपैठ और वोटर लिस्ट में अवैध नाम हटाने के मुद्दे पर वोट लाने में सफल नहीं हुई लेकिन चुनाव आयोग के माध्यम से इसे बड़ा हथियार बनाकर बड़ा गेम प्लान करने की तैयारी में है। जिससे इंडिया गठबंधन को हानि हो सकती है।
Aug 27 2025, 17:35