*साहित्य केवल शब्दों का खेल नहीं है, यह समाज की आत्मा है-प्रो निशा सिंह*
(अंग्रेजी विभाग में लिटरेचर एंड कल्चर विषय पर संगोष्ठी का आयोजन)।
सुलतानपुर। राणा प्रताप पी जी कॉलेज के अंग्रेजी विभाग में लिटरेचर एंड कल्चर विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। विभागाध्यक्ष प्रो निशा सिंह ने संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि साहित्य केवल शब्दों का खेल नहीं है,यह समाज की आत्मा है। यह हमें सोचने की शक्ति देता है, हमारी चेतना को जगाता है और हमें बेहतर इंसान बनाता है। जब हम साहित्य पढ़ते हैं तो उसमें अपनी संस्कृति की झलक दिखाई देती है और जब हम संस्कृति का पालन करते हैं तो साहित्य की आत्मा जीवित रहती है।
आज के समय में हमारा दायित्व है कि हम अपनी साहित्यिक परंपराओं और संस्कृतिक मूल्यों को संरक्षित करें। आधुनिकता आवश्यक है, पर अपनी जड़ों को छोड़कर नहीं। यदि हम साहित्य और संस्कृति दोनों को साथ लेकर चलेंगे, तो निश्चित ही हम एक समृद्ध, सशक्त और संस्कारित भारत का निर्माण कर पाएँगे। असिस्टेंट प्रो ज्योति सक्सेना ने कहा कि साहित्य और संस्कृति से प्रेरणा लेकर अपने जीवन को आदर्श बनाएं। आधुनिकता को अपनाते हुए भी हमें अपनी जड़ों से जुड़े रहना होगा। तभी हम एक समृद्ध, शिक्षित और संस्कारित भारत का निर्माण कर पाएंगे।
इस संगोष्ठी में में बी ए प्रथम , तृतीय, पंचम सेमेस्टर की नाजिया अंसारी, ब्यूटी गुप्ता, शशि गुप्ता, शाहीन बानो, खुशी गुप्ता, शफक खान, आयशा बानो, आकृति सिंह, कहकशाँ बोना, सुधा तिवारी, नम्रता, वैष्णवी, भूमिकुमारी, खुशनुमा बानो, अन्तिमा कुमारी, तान्सी सिंह अंजलि तिवारी, मुस्कान पाण्डेय, सुजिका सोनी, शाम्भवी श्रीवास्तव ने विचार व्यक्त किया।संगोष्ठी का संचालन बी ए की हर्षिता शमी ने किया।
Aug 22 2025, 18:17