रांची जिले के सभी अंचलों में अब हर मंगलवार को लगेगा जनता दरबार

रांची: आम जनता की समस्याओं के त्वरित समाधान और सुशासन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से रांची जिला प्रशासन ने एक महत्वपूर्ण पहल शुरू की है। अब जिले के सभी अंचलों में प्रत्येक मंगलवार को 'जनता दरबार' का आयोजन किया जाएगा। यह कदम उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी, श्री मंजूनाथ भजन्त्री के निर्देशन में उठाया गया है।

त्वरित समाधान पर जोर

जनता दरबार का मुख्य उद्देश्य नागरिकों की शिकायतों को सुनना और उनका तुरंत निवारण करना है। इस पहल के तहत आवासीय, जाति, आय प्रमाण पत्र, दाखिल-खारिज, भूमि विवाद, पंजी-2 में सुधार, पारिवारिक सदस्यता प्रमाण पत्र, पेंशन योजनाएं, मनरेगा और कृषि ऋण माफी जैसे विभिन्न मामलों को सुना जा रहा है। कई मामलों का 'ऑन द स्पॉट' निपटारा किया गया, जबकि जटिल मामलों को संबंधित विभागों को भेज दिया गया।

जनता का बढ़ा विश्वास

जनता दरबार में अपनी समस्याओं का समाधान पाने वाले आवेदकों ने जिला प्रशासन की इस पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन से लोगों की समस्याओं का सही मायने में समाधान हो रहा है, जिससे झारखंड सरकार और जिला प्रशासन पर उनका विश्वास काफी बढ़ा है।

कुछ सफल उदाहरण:

अनगड़ा: एक आवेदक का 20 साल से रुका हुआ राजस्व लगान रसीद ऑनलाइन सुधार के बाद तत्काल जारी कर दिया गया।

सोनाहातू: एक विधवा महिला को पारिवारिक सदस्यता प्रमाण पत्र तुरंत उपलब्ध कराया गया, जिससे वह बेहद खुश थी।

अनगड़ा (चीलदाग/महेशपुर/सोसो): कई आवेदकों के प्लॉट और पंजी-II से संबंधित त्रुटियों को मौके पर ही सुधार दिया गया।

नगड़ी: दाखिल-खारिज के बाद रुके हुए लगान रसीद को तुरंत जारी कर दिया गया।

बुढ़मू: एक ग्रामीण का पिछले 3 साल से लंबित ऑनलाइन सुधार का काम उपायुक्त के निर्देश पर तुरंत पूरा किया गया।

उपायुक्त श्री मंजूनाथ भजन्त्री ने बताया कि वृद्धजनों, दिव्यांगजनों और महिलाओं की शिकायतों को प्राथमिकता के आधार पर सुना जा रहा है। उन्होंने नागरिकों से अपील की है कि वे इस मंच का उपयोग कर अपनी समस्याओं को सीधे प्रशासन तक पहुँचाएँ।

RIMS-2 के विवादित जमीन नगड़ी में 24 को हल चलायेंगे चंपाई सोरेन

रांची : रिम्स 2 विवादित जमीन के अधिग्रहण का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। आदिवासियों के साथ उतरे झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा विधायक चपाई सोरेन। जल जंगल जमीन के मुद्दे पर मुखरता से बोलने वाले चपाई सोरेन जमीन के मुद्दे पर आंदोलन करने को तैयार है। रांची के नगड़ी में प्रस्तावित रिम्स-2 का विरोध कर रहे ग्रामीणों के साथ 24 अगस्त को उस जमीन पर हल चलाएंगे।

जमीन की बाड़बंदी से ग्रामीण खासा नाराज हैं और आंदोलन के लिए चंपाई सोरेन का समर्थन मांगा है। चंपाई सोरेन ने भी हामी भरी है और कहा है कि वे ग्रामीणों के समर्थन में प्रस्तावित जमीन पर 24 अगस्त को हल चलायेंगे। उन्होंने कहा कि जब स्मार्ट सिटी में सैकड़ों एकड़ जमीन उपलब्ध है, तो सरकार आदिवासियों की जमीन क्यों छीनना चाहती है? स्मार्ट सिटी में जब निजी अस्पताल खुल सकता है तो रिम्स 2 बनाने में क्या समस्या है? चंपाई सोरेन ने यह भी कहा कि जमीन का अधिग्रहण नहीं हुआ है। न ही उन्हें कोई नोटिस दिया गया है। ऐसे में खेती पर निर्भर किसानों को भूमिहीन नहीं किया जा सकता। देखना यह होगा कि जब चंपाई सोरेन उस विवादित जमीन पर हल चलाएंगे तब सरकार इस पर क्या रुख अपनाती है।

भारत निर्वाचन आयोग (ECI) की पिछले 6 महीनों में 28 नई पहलें

पिछले छह महीनों में निर्वाचन आयोग ने चुनाव प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी, सुव्यवस्थित और सक्षम बनाने के लिए 28 महत्वपूर्ण पहलें की हैं।

A. सभी हितधारकों से संवाद

1. सर्वदलीय बैठकें – पूरे देश में 4,719 सर्वदलीय बैठकें आयोजित की गईं (CEO द्वारा 40, DEO द्वारा 800 और ERO द्वारा 3,879)। इनमें 28,000 से अधिक राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि जुड़े।

2. राजनीतिक दलों के शीर्ष नेतृत्व के साथ बैठकें– आयोग ने राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों के अध्यक्षों/वरिष्ठ नेताओं के साथ अब तक 20 बैठकें कीं।

B. निर्वाचन प्रणाली का सशक्तिकरण व शुद्धिकरण

3. पंजीकृत गैर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (RUPPs) को हटाना– 476 दलों की पहचान की गई; पहले चरण में 334 को हटा दिया गया।

4. 28 हितधारकों की भूमिका स्पष्ट – संविधान, जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 व 1951, एवं निर्वाचन नियमों के अनुरूप भूमिकाएं तय हुईं।

5. BLO का पहचान पत्र – फ़ील्ड में पारदर्शिता सुनिश्चित करने हेतु हर बूथ लेवल अधिकारी को मानक फोटो पहचान पत्र जारी किया गया।

6. EVM माइक्रोकंट्रोलर जांच – परिणाम घोषित होने के बाद 5% EVM की तकनीकी जांच हेतु SOP जारी किया गया।

7. कानूनी परामर्शदाताओं और CEOs का राष्ट्रीय सम्मेलन– आयोग की कानूनी प्रणाली को मजबूत करने के लिए लिया गया यह कदम।

8. विदेशी चुनाव प्रबंधन निकायों से द्विपक्षीय बैठकें – CEC ज्ञानेश कुमार ने जून 2025 में IDEA स्टॉकहोम कॉन्फ्रेंस में भाग लेकर विभिन्न देशों के प्रमुखों से लोकतांत्रिक सहयोग पर चर्चा की।

C. प्रौद्योगिकी का उपयोग बढ़ाना

9. डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म – ECINET – 40+ ऐप/वेबसाइट को मिलाकर एक ही पोर्टल बनाया गया।

10. 100% वेबकास्टिंग– हर मतदान केंद्र पर लाइव निगरानी।

11. रियल-टाइम मतदान प्रतिशत अपडेट – मतदान दिवस पर प्रत्येक 2 घंटे में जानकारी अपलोड करने का निर्देश।

12. डिजिटल इंडेक्स कार्ड व रिपोर्ट– निर्वाचन से जुड़ा डेटा सभी के लिए आसान उपलब्धता हेतु।

13. VVPAT पर्चियों की अनिवार्य गिनती (मिलान न होने पर) – फॉर्म 17C और EVM डेटा में अंतर होने पर हर बार VVPAT गिनती होगी।

D. निर्वाचक नामावली की शुद्धता

14. बिहार में विशेष संशोधित अभियान– नामावली शुद्धिकरण हेतु।

15. उपचुनावों से पूर्व विशेष संक्षिप्त संशोधन– लगभग 20 वर्षों में पहली बार।

16. मृत्यु पंजीकरण डेटा का लिंक – मृत व्यक्तियों के नाम समय पर हटाने हेतु।

17. अद्वितीय EPIC नंबर– एक ही नंबर से कई लोगों के नाम हटाए गए।

18. EPIC शीघ्र वितरण – अब 15 दिन के भीतर नया या संशोधित EPIC उपलब्ध होगा; SMS द्वारा स्थिति की सूचना भी मिलेगी।

E. मतदान की सहजता

19. मोबाइल जमा सुविधा– मतदान केंद्रों के बाहर काउंटर।

20. प्रति केंद्र अधिकतम 1,200 मतदाता– भीड़ कम करने के लिए।

21. अधिक स्पष्ट मतदाता सूचना पर्ची (VIS)– क्रमांक और भाग संख्या बड़े अक्षरों में।

22. उम्मीदवारों के बूथों की अनुमति – मतदान केंद्र के 100 मीटर से बाहर ही बूथ लग सकेंगे।

F. क्षमता निर्माण

23. IIIDEM में विशेष प्रशिक्षण– 7,000 से अधिक BLO और सुपरवाइज़र प्रशिक्षित।

24. प्रतिनियुक्त अधिकारियों का मानदेय बढ़ाया – BLO का भुगतान दोगुना किया गया; ERO/AERO को पहली बार पारिश्रमिक व सभी को अतिरिक्त सुविधा।

25. राजनीतिक दलों द्वारा नामित बूथ लेवल एजेंट (BLA) का प्रशिक्षण– बिहार, तमिलनाडु व पुदुच्चेरी में प्रशिक्षण आयोजित।

26. मीडिया एवं संचार अधिकारियों का प्रशिक्षण – चुनाव संबंधी संवाद को मजबूत करने हेतु।

27. पुलिस अधिकारियों का प्रशिक्षण – बिहार पुलिस के लिए विशेष सत्र।

28. आंतरिक व्यवस्था सुदृढ़ करना– बायोमेट्रिक हाज़िरी, ई-ऑफ़िस व्यवस्था और IIIDEM में स्थानांतरण।

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राज्य सरकार ने जानबूझकर विनय चौबे के खिलाफ़ चार्जशीट दायर नहीं कर जमानत का मार्ग प्रशस्त किया.....बाबूलाल मरांडी

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने शराब घोटाला में जेल में बंद आईएएस अधिकारी विनय चौबे को जमानत मिलने पर कड़ी प्रतिक्रिया दी।

कहा कि इस मामले में राज्य सरकार की कार्रवाई शुरू से शक के घेरे में है।

कहा कि राज्य सरकार तकरीबन 1000 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में हेमंत सोरेन जी के पूर्व सचिव के खिलाफ एसीबी ने जानबूझकर 90 दिनों के भीतर चार्जशीट दाखिल नहीं की, जिससे उनकी जमानत का रास्ता आसान हो गया।

कहा कि दरअसल हेमंत सरकार ने अपने ही पूर्व सचिव की गिरफ्तारी का नाटकीय षडयंत्र इसलिए रचा था, ताकि ईडी की जांच प्रभावित हो सके और सबूतों को मिटाया जा सके।

कहा कि ईडी के निदेशक को जनता के हजारों करोड़ की लूट में शामिल इन भ्रष्टाचारियों पर कठोर और विधिसम्मत कार्रवाई कार्रवाई करनी चाहिए।

एनटीपीसी ने सतर्कता जागरूकता अभियान 2025 की शुरुआत की

नई दिल्ली: एनटीपीसी लिमिटेड ने 18 अगस्त से 17 नवंबर, 2025 तक चलने वाले अपने तीन महीने के सतर्कता जागरूकता अभियान का शुभारंभ किया है। इस अभियान का उद्देश्य संगठन में पारदर्शिता और ईमानदारी को बढ़ावा देना है।

एनटीपीसी की मुख्य सतर्कता अधिकारी (सीवीओ) श्रीमती रश्मिता झा ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से इस अभियान का उद्घाटन किया। उन्होंने "सतर्कता: हमारी साझा जिम्मेदारी" विषय पर जोर दिया और सभी सतर्कता अधिकारियों से केंद्रीय सतर्कता आयोग द्वारा निर्धारित मुख्य क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया।

इन क्षेत्रों में शामिल हैं:

लंबित शिकायतों का समय पर निपटान।

'iGOT कर्मयोगी' जैसे डिजिटल प्लेटफार्मों के माध्यम से कर्मचारियों की क्षमता बढ़ाना।

प्रभावी संपत्ति प्रबंधन सुनिश्चित करना।

बेहतर पारदर्शिता के लिए डिजिटल पहलों को मजबूत करना।

श्रीमती झा ने कहा कि इस अभियान में कर्मचारियों, विक्रेताओं और आम जनता सहित सभी हितधारकों को शामिल किया जाएगा। उन्होंने जागरूकता फैलाने के लिए नाटक, क्विज़, वीडियो और जिंगल जैसे रचनात्मक तरीकों का उपयोग करने पर भी जोर दिया। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह अभियान एनटीपीसी की पारदर्शिता के प्रति प्रतिबद्धता को और मजबूत करेगा।

झारखंड में 20 अगस्त को आंधी-तूफान के साथ भारी बारिश का अलर्ट

रांची: मौसम विभाग ने बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव (लो प्रेशर) के क्षेत्र के कारण 20 अगस्त को झारखंड के कई हिस्सों में आंधी-तूफान और भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, यह मौसमी सिस्टम राज्य में मॉनसून को और सक्रिय करेगा, जिससे अच्छी वर्षा होने की संभावना है।

पूर्वी और मध्य झारखंड में विशेष असर

मौसम विभाग ने विशेष रूप से पूर्वी और मध्य झारखंड के जिलों जैसे रांची, जमशेदपुर, धनबाद, बोकारो और गिरिडीह में तेज हवाओं और गरज के साथ बारिश की चेतावनी दी है। इन क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर वज्रपात (बिजली गिरने) की भी आशंका है, इसलिए लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। किसानों को खेतों में काम करते समय विशेष सावधानी बरतने को कहा गया है।

मौसम विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे खराब मौसम के दौरान सुरक्षित स्थानों पर रहें और पेड़-पौधों तथा बिजली के खंभों से दूर रहें। यह बारिश राज्य में सूखे जैसी स्थिति को कम करने में भी मदद कर सकती है।

झारखंड शराब घोटाला मामले में जेल में बंद निलंबित आईएएस विनय चौबे को बड़ी राहत, एसीबी कोर्ट ने दी जमानत

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शराब घोटाला मामले में आरोपी आइएएस विनय कुमार चौबे को बड़ी राहत मिली है। एसीबी कोर्ट ने विनय कुमार चौबे को डिफॉल्ट बेल की सुविधा प्रदान की है। 91 दिनों बाद विनय चौबे को एसीबी के स्पेशल कोर्ट से सशर्त जमानत मिल गयी है।

चार्जशीट दाखिल नहीं होने पर मिली जमानत

एसीबी के स्पेशल कोर्ट ने विनय चौबे को सशर्त जमानत दे दी है। 90 दिनों की समय सीमा पूरी होने के बाद भी चार्जशीट दाखिल नहीं होने पर जमानत मिली है। विनय चौबे की ओर से अधिवक्ता देवेश आजमानी ने कोर्ट में पैरवी की। कोर्ट ने बीएनएसएस की धारा 187(2) के तहत विनय चौबे को डिफॉल्ट बेल दी है। बता दें किसी भी मामले में आरोपी के जेल में रहते हुए जांच अधिकारी को 60 या 90 दिनों में जांच पूरी कर चार्जशीट दाखिल करनी होती है।

कोर्ट ने रखी ये शर्तें

कोर्ट ने शर्त रखी है कि जमानत पर रहने के दौरान उन्हें राज्य से बाहर जाने से पहले अदालत को सूचना देनी होगी। इसके अलावा वे ट्रायल के दौरान अपना मोबाइल नंबर नहीं बदल सकते हैं। जमानत के लिए अदालत ने 25-25 हजार रुपये के दो निजी मुचलके भरने की शर्त भी लगाई है।

20 मई को हुई थी गिरफ्तारी

बता दें कि एंटी करप्शन ब्यूरो ने 20 मई 2025 को करीब छह घंटे की पूछताछ के बाद विनय चौबे को गिरफ्तार किया था। इस घोटाले से संबंधित प्रारंभिक एफआईआर में चौबे समेत कुल 13 लोगों को नामजद किया गया था। अब तक झारखंड, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र से 10 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।

क्या है मामला?

बता दें कि विनय चौबे झारखंड के उत्पाद विभाग के सचिव, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के सचिव और कई अन्य अहम पदों पर कार्य कर चुके हैं। झारखंड में शराब घोटाले की शुरुआत वर्ष 2022 में हुई थी, जब छत्तीसगढ़ की तर्ज पर नई एक्साइज पॉलिसी लागू की गई थी। इस पॉलिसी को लागू करने के लिए छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड से करार किया गया। जांच में सामने आया कि नीति लागू करने की प्रक्रिया के दौरान बड़े पैमाने पर अनियमितताएं हुईं।

आरोप है कि विशेष सिंडिकेट को लाभ पहुंचाने के लिए टेंडर की शर्तों में मनमाना बदलाव किया गया। इस सिंडिकेट ने छत्तीसगढ़ की एक कंसल्टेंट कंपनी के सहयोग से झारखंड में शराब सप्लाई और होलोग्राम सिस्टम के ठेके हासिल किए। जांच में यह भी पाया गया कि टेंडर प्रक्रिया के दौरान जमा की गई बैंक गारंटियां फर्जी थीं, जिससे राज्य सरकार को भारी आर्थिक नुकसान हुआ।

रांची के अनगड़ा में नर्सिंग छात्रा ने की आत्महत्या

रांची: झारखंड की राजधानी रांची के अनगड़ा थाना क्षेत्र में एक 21 वर्षीय नर्सिंग छात्रा ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। यह घटना अनगड़ा के हेसल मिलन चौक के पास महतो होटल लॉज में हुई, जहां छात्रा रहती थी।

मृतका की पहचान गुमला जिले के डुमरी थाना क्षेत्र की निवासी अनिशा श्वेता के रूप में हुई है। अनिशा ने सोमवार की रात अपने कमरे में पंखे से दुपट्टा बांधकर फांसी लगा ली। घटना की सूचना मिलने पर आज सुबह करीब 9 बजे अनगड़ा थाना पुलिस मौके पर पहुंची।

पुलिस को कमरे से एक सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें छात्रा ने अपनी मौत के लिए खुद को ही जिम्मेदार बताया है। बताया जा रहा है कि अनिशा कुछ समय से डिप्रेशन में थी और अपने कमरे में अकेले रहती थी। उसके पिता केरल में कार्यरत हैं।

अनगड़ा थाना प्रभारी हीरालाल साह ने बताया कि शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए रिम्स भेज दिया गया है। पुलिस फिलहाल मामले की हर पहलू से जांच कर रही है।

शिबू सोरेन और रामदास सोरेन के निधन के बाद खाली हुई सीटों पर मंथन

रांची: झारखंड में पिछले एक महीने के भीतर दो बड़े नेताओं, दिशोम गुरु शिबू सोरेन और शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन के निधन से राज्य की राजनीति में बड़ा बदलाव आया है। इन दोनों नेताओं के निधन से राज्यसभा और कैबिनेट में एक-एक सीट खाली हो गई है, जिन पर अब झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) को जल्द ही फैसला लेना होगा।

रामदास सोरेन की जगह उनके बेटे सोमेश सोरेन को मौका

झामुमो सूत्रों के अनुसार, शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन की खाली हुई कैबिनेट सीट उनके बड़े बेटे सोमेश चंद्र सोरेन को दी जा सकती है। सोमेश अपने पिता के साथ लंबे समय से राजनीति में सक्रिय रहे हैं और विधानसभा क्षेत्र में उनके कामों को संभालते रहे हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को इस पर अंतिम फैसला लेना है, लेकिन सोमेश का नाम सबसे आगे है।

इसके अलावा, रामदास सोरेन के निधन के बाद खाली हुई घाटशिला विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना तय है। नियमों के अनुसार, छह महीने के भीतर चुनाव कराना अनिवार्य है। इस उपचुनाव में 'इंडिया' गठबंधन की ओर से झामुमो का उम्मीदवार होगा, और माना जा रहा है कि पार्टी इस सीट की बागडोर भी रामदास सोरेन के परिवार को ही सौंपेगी। सोमेश चंद्र सोरेन का इस सीट से चुनाव लड़ना लगभग तय माना जा रहा है।

शिबू सोरेन की राज्यसभा सीट पर सबकी नजर

सबसे बड़ा सवाल यह है कि शिबू सोरेन की खाली हुई राज्यसभा सीट किसे मिलती है। उनका कार्यकाल 21 जून 2026 तक था। उनके निधन के बाद होने वाले राज्यसभा चुनाव के लिए झामुमो में कई नेता दौड़ में हैं। पार्टी ऐसे उम्मीदवार का चयन करने की कोशिश करेगी जिससे एक मजबूत राजनीतिक संदेश जाए। संभावना है कि पार्टी कैडर और शिबू सोरेन के करीबी रहे नेताओं को इस पद के लिए मौका मिल सकता है।

रमना में निःशुल्क आयुर्वेदिक स्वास्थ्य शिविर का आयोजन, 200 से अधिक मरीजों का हुआ इलाज

गढ़वा, झारखंड: गढ़वा जिले के रमना प्रखंड मुख्यालय में सोमवार को एक निःशुल्क आयुर्वेदिक स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें करीब 200 से अधिक मरीजों का इलाज किया गया और मुफ्त दवाइयां बांटी गईं। यह शिविर स्वतंत्रता सेनानी स्व. जनारायण प्रसाद की स्मृति में संत जे.पी. स्कूल परिसर में आयोजित किया गया था।

शिविर का शुभारंभ भगवान धन्वंतरि की पूजा के साथ हुआ। इसके बाद पटना राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज अस्पताल के पूर्व प्राचार्य, प्रख्यात आयुर्वेदाचार्य डॉ. दिनेश्वर प्रसाद, ने पूरे दिन शिविर का संचालन किया। उन्होंने मरीजों की जांच की और उन्हें निःशुल्क दवाएं प्रदान कीं।

इस अवसर पर, कस्तूरबा अस्पताल के संचालक डॉ. पारस नाथ ने भी मरीजों को सलाह दी और आयुर्वेदिक जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित किया। शिविर में किडनी, हृदय रोग, शुगर, ब्लड प्रेशर, पेट और श्वास रोग जैसी कई बीमारियों की जांच की गई। डॉ. दिनेश्वर प्रसाद ने मरीजों को उनके खान-पान, दिनचर्या और घरेलू नुस्खों के माध्यम से स्वस्थ रहने के तरीके भी बताए।

ग्रामीणों ने इस तरह के निःशुल्क शिविर को अपने लिए एक बड़ी सौगात बताया। मरीजों ने कहा कि गांव में बड़े डॉक्टरों से इलाज और मुफ्त दवा मिलना किसी वरदान से कम नहीं है। आयोजकों ने आश्वासन दिया कि भविष्य में भी ऐसे शिविरों का आयोजन जारी रहेगा, ताकि स्वास्थ्य सुविधाएं गांव-गांव तक पहुंच सकें और ग्रामीण सीधे तौर पर इसका लाभ उठा सकें।