एक दूसरे के और करीब आए भारत-चीन, चीनी विदेश मंत्री का बड़ा बयान, खतरा नहीं साझेदार बनना होगा

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ धमकी के बीच भारत और चीन एक दूसरे के करीब आ रहे हैं। सीमा विवाद के बीच चीनी विदेश मंत्री वांग यी इस समय भारत की यात्रा पर हैं। भारत दौरे पर आए चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने भारत की तीन बड़ी परेशानियों को दूर करने का आश्वासन दिया है। चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने अपने भारतीय समकक्ष एस जयशंकर को आश्वासन दिया कि चीन भारत की उर्वरकों, रेयर अर्थ मैटिरियल और सुरंग खोदने वाली मशीनों की जरूरतों को पूरा करेगा। सूत्रों के हवाले यह खबर सामने आई है।

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एक-दूसरे को प्रतिद्वंदी के तौर पर देखने वाले भारत-चीन के रिश्तों में नया मोड़ आया है। भारत की यात्रा पर आए चीनी विदेश मंत्री वांग यी भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की। सोमवार को एस. जयशंकर से मुलाकात के दौरान उन्होंने आश्वस्त किया है कि चीन रेयर अर्थ मिनरल, फर्टलाइजर्स और टनल बोरिंग मशीन का समाधान निकालने में भारत की मदद करेगा।सूत्रों के मुताबिक, चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर को आश्वासन दिया कि चीन भारत की उर्वरक, दुर्लभ मृदा और सुरंग खोदने वाली मशीनों की जरूरतों से जुड़ी तीन प्रमुख चिंताओं का समाधान करेगा।

एकजुटता का उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए- वांग यी

वहीं, भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और वांग की मुलाकात पर चीन के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी किए गए बयान में साफ तौर पर कहा गया है कि दुनिया में एकतरफा दबाव और धौंस जमाने की प्रवृत्ति तेजी से बढ़ रही हैं, जबकि मुक्त व्यापार और अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था गंभीर चुनौतियों का सामना कर रही है। ऐसे में चीन और भारत को वैश्विक दृष्टिकोण दिखाने की जरूरत है। उन्होंने कहा है कि बड़े देशों को जिम्मेदारी निभानी चाहिए और व्यापक विकासशील देशों के बीच एकजुटता का उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए।

एक-दूसरे को दुश्मन नहीं, साझेदार के तौर पर देखना होगा- वांग यी

भारत-चीन के बीच रिश्तों को लेकर वांग यी ने कहा है कि निश्चित तौर पर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पीएम मोदी की मुलाकात ने चीन-भारत संबंधों को दोबारा शुरू करने में मदद की। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों ने इसे गंभीरता से लिया है और विभिन्न स्तरों पर संवाद और संपर्क धीरे-धीरे बहाल हो रहे हैं। चीनी विदेश मंत्री ने बड़ा संदेश देते हुए कहा है कि चीन और भारत को एक-दूसरे को दुश्मन नहीं, साझेदार के तौर पर देखना होगा। दोनों पक्ष 75 वर्षों के राजनयिक अनुभव और सबक से गंभीरता से सीखें और रणनीतिक दृष्टिकोण विकसित करें। चीन और भारत आपसी विश्वास बनाए रखें और बाहरी हस्तक्षेपों को दूर करें।

एस जयशंकर ने क्या कहा?

इससे पहले विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने अपने प्रारंभिक वक्तव्य में कहा कि बातचीत में आर्थिक और व्यापारिक मुद्दे, तीर्थयात्रा, लोगों से लोगों के बीच संपर्क, नदी डेटा साझाकरण, सीमा व्यापार, संपर्क और द्विपक्षीय आदान-प्रदान शामिल होंगे। विदेश मंत्री ने इस साल जुलाई में अपनी चीन यात्रा के दौरान उठाई गई चिंताओं पर आगे चर्चा की। विदेश मंत्री ने इस बात पर जोर दिया था कि पड़ोसी देशों और दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के रूप में, भारत-चीन संबंधों के विविध पहलू और आयाम हैं। उन्होंने कहा, इस संदर्भ में यह भी जरूरी है कि प्रतिबंधात्मक व्यापार उपायों और बाधाओं से बचा जाए। भारत और चीन के बीच स्थिर और रचनात्मक संबंध न केवल हमारे बल्कि पूरी दुनिया के लिए फायदेमंद हैं। यह पारस्परिक सम्मान, हित और संवेदनशीलता के आधार पर संबंधों को संभालने से ही संभव है।

पीएम मोदी और शुभांशु शुक्ला की हुई मुलाकात, प्रधानमंत्री ने लगा लिया गले, दिल छू लेगा वीडियो

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इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन से लौटे शुभांशु शुक्‍ला सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। शुभांशु शुक्ला Axiom-4 स्पेस मिशन में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से लौटने के बाद पीएम मोदी से पहली बार मिले। मुलाकात के दौरान पीएम मोदी ने शुभांशु को गले लगाया। शुभांशु ने भी पीएम को अपनी अंतरिक्ष यात्रा से जुड़ी तस्वीरें भी दिखाईं। इस मुलाकात में मिशन और अंतरिक्ष से जुड़े कई मुद्दों पर बात हुई।

ग्रुप कैप्टन शुभान्शु शुक्ला एक पायलट हैं। उन्होंने हाल ही में आईअएसएस का दौरा किया था। यह दौरा Axiom-4 स्पेस मिशन का हिस्सा था। अब उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की है। इस मुलाकात में उन्होंने अपने अनुभव साझा किए। प्रधानमंत्री मोदी ने शुभान्शु शुक्ला से मिलकर इस मिशन के बारे में जानकारी ली। उन्होंने अंतरिक्ष में भारत की तरक्की पर भी बात की।

इस मुलाकात के दौरान शुभान्शु शुक्ला ने अंतरिक्ष में आने वाली कई बड़ी चुनौतियों के बार में भी बताया। उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष स्टेशन पर खाना एक बड़ी चुनौती है, जहां जगह कम होती है और कार्गो बहुत महंगा होता है। सारी चीजें अरेंज करना मुश्किल होता है। आप हमेशा कम से कम जगह में ज्यादा से ज्यादा कैलोरी और पोषक तत्व पैक करने की कोशिश करते हैं, और हर तरह से प्रयोग चल रहे होते हैं।

भारतीयों को लेकर दुनिया के अन्य देशों में क्या है सोच?

वहीं, जब पीएम मोदी ने शुभांशु शुक्ला से पूछा कि भारतीयों को लेकर दुनिया के अन्य देशों के लोगों के मन मे क्या चलता है। इसका जवाब देते हुए शुभांशु शुक्ला ने कहा कि मेरा निजी अनुभव जो है पिछले एक साल में मैं जहां भी गया, जिससे भी मिला सभी लोग बहुत खुश हुए, मुझसे मिलकर, काफी एक्साइटेड थे, बात करने में आ-आकर मुझसे पूछने में कि आपलोग क्या कर रहे हैं, कैसे कर रहे हैं और सबसे बड़ी बात ये थी कि सबको इसके बारे में मालूम था कि भारत स्पेस के क्षेत्र में क्या कर रहा है, सबको इस बारे में जानकारी थी।

पीएम मोदी ने शेयर किया मुलाकात का वीडियो

प्रधानमंत्री मोदी ने इस मुलाकात से जुड़ा करीब 10 मिनट का वीडियो पीएम मोदी ने मंगलवार को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' साझा किया। वीडियो में सबसे पहले कुछ अहम अंश दिखाए गए, जिसमें शुभांशु भारत की संभावनाओं पर बात करते दिखाए गए। पीएम मोदी ने शुभांशु से उस होमवर्क के बारे में भी पूछा, जो उन्होंने पिछली बातचीत के दौरान ग्रुप कैप्टन को सौंपा था

कौन हैं त‍िरुच‍ि श‍िवा, हो सकते हैं इंडिया अलायंस के उपराष्‍ट्रपत‍ि कैंड‍िडेट, एनडीए के सीपी राधाकृष्णन से होगा मुकाबला

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एनडीए ने उपराष्ट्रपति पद के लिए महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को उम्मीदवार बनाया है। एनडीए के बाद विपक्ष भी उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार की जल्द ही घोषणा कर सकता है। विपक्षी ब्लॉक तमिलनाडु के राज्‍यसभा सांसद तिरुची शिवा को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बना सकता है। सूत्रों के अनुसार, साउथ इंडिया की सियासत को देखते हुए विपक्ष यह फैसला ले सकता है। रुचि शिवा भी तमिलनाडु के हैं। जहां के सीपी राधाकृष्णन को एनडीए ने अपना उम्मीदवार घोषित किया है। अगर ऐसा होता है तो यह पक्की बात है कि देश के अगले उपराष्ट्रपति दक्षिण भारत से होंगे।

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डीएमके का महत्‍वपूर्ण रणनीत‍िकार

विपक्ष से उपराष्ट्रपति पद के लिए राज्यसभा सांसद तिरुचि एन शिवा के नाम की चर्चा चल रही है। विपक्ष के कई दलों की इस नाम पर सहमति भी बन गई है, लेकिन अभी नाम की घोषणा नहीं की गई है। राज्‍यसभा सांसद तिरुची शिवा डीएमके के सीनियर लीडर हैं। उन्‍हें डीएमके का महत्‍वपूर्ण रणनीत‍िकार माना जाता है। संसद में पार्टी की रीत‍ि नीत‍ि वही तय करते हैं। वह लंबे समय से राज्य और केंद्र दोनों स्तर पर पार्टी के रणनीतिक चेहरा रहे हैं। केंद्र और राज्य स्तर पर कई महत्वपूर्ण समितियों और विषयों में भूमिका निभाई है। विशेष रूप से सोशल जस्‍ट‍िस, फेडरल स्‍ट्रक्‍चर और स्‍टेट राइट्स इश्यू पर उन्‍होंने बहुत काम क‍िया है।

तिरुचि एन. शिवा का सियासी सफर

तिरुचि इस पार्टी से 1996, 2002, 2007,2014 और 2020 में लोकसभा के सदस्य भी रहे हैं। वे एक वक्ता और लेखक भी हैं। तिरुचि छात्र राजनीति के दौरान 1976 में आपातकाल के दौरान जेल भी गए थे। करीब 1 साल जेल में रहने के बाद वो रिहा हुए थे। इसके बाद वे डीएमके जिला छात्र शाखा के संगठन कर्ता के रूप में कार्य करने लगे। 1982 और 1992 के बीच तिरुचि डीएमके युवा शाखा के उप सचिव के रूप में कार्य किया है। इसके बाद 1992 से 2007 के बीच सचिव के रूप में अपनी जिम्मेदारी निभाई। तिरुचि डीएमके के प्रचार सचिव और उप महासचिव भी रहे हैं।

तमिलनाडु विधानसभा चुनाव के लिहाज से भी जरूरी

तमिलनाडु में अगले साल विधानसभा चुनाव है। एनडीए द्वारा सीपी राधाकृष्णन का नाम आगे बढ़ाने के पीछे भी इस चुनाव को बड़ा कारण बताया जा रहा है। भाजपा सीपी राधाकृष्णन को तमिलनाडु के विधानसभा चुनाव में भुनाएगा। ऐसे में विपक्षी खेमा भी तमिलनाडु के वरीय नेता पर अपना दांव लगा सकती है।

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव की तैयारी, एकजुट हुआ विपक्ष

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कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं। बिहार में वोटर लिस्ट की गहन जांच के बाद चुनाव आयोग पर वोट चोरी के आरोप लग रहे हैं। राहुल गांधी की तरफ से बीते दिनों एक प्रेजेंटेशन भी दी गई थी, जिसके बाद जमकर बवाल देखने को मिला था। कांग्रेस के आरोपों के बाद चुनाव आयोग की तरफ से रविवार को प्रेस कांफ्रेंस की गई थी। इसमें आयोग ने अपना पक्ष रखा था और विपक्षी दलों को चेतावनी दी थी कि उनके कंधे पर बंदूक रखकर राजनीति न करें। अब विपक्ष ने चुनाव आयुक्त के खिलाफ महाभियोग लाने की तैयारी में है।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इंडिया ब्लॉक की बैठक में मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के खिलाफ महाभियोग लोन की बात कही है। संसद में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के दफ्तर में विपक्षी नेताओं की बड़ी बैठक हुई। इस बैठक में मुख्य निर्वाचन आयुक्त के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने का फैसला लिया गया।

इंडिया गठबंधन की नारजगी की वजह

इंडिया गठबंधन की बैठक के दौरान तमाम राजनीतिक दल मुख्य चुनाव आयुक्त से नाखुश नजर आ रहे हैं। इसके पीछे की मुख्य वजह बीते दिन चुनाव आयुक्त की प्रेस कांफ्रेंस को माना जा रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस प्रेस कांफ्रेंस में चुनाव आयुक्त ने कांग्रेस समेत तमाम राजनीतिक दलों को सीधी चेतावनी दी थी कि गड़बड़ियों को लेकर सबूत देना होगा और 1 हफ्ते के भीतर हलफनामा भी दाखिल करना होगा।

संवैधानिक पद की गरिमा को कमजोर किया गया- गौरव गोगोई

कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर कहा, मुख्य चुनाव आयुक्त ने भाजपा से यही अनुरोध क्यों नहीं किया? उन्होंने भी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी, लेकिन मुख्य चुनाव आयुक्त बीजेपी के साथ कांग्रेस जैसा व्यवहार क्यों नहीं कर रहे हैं? मुझे लगता है कि मुख्य चुनाव आयुक्त द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इस संवैधानिक पद की गरिमा को कमजोर किया गया है।

चुनाव आयोग ने क्या कहा?

इससे पहले चुनाव आयोग ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेस कर वोट चोरी के आरोपों पर सफाई दी थी। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार का कहना था कि आयोग सभी राजनीतिक दलों के साथ समान व्यवहार करता है, क्योंकि हर दल का जन्म चुनाव आयोग में रजिस्ट्रेशन से होता है। सीईसी का कहना था कि चुनाव आयोग के लिए, कोई पक्ष या विपक्ष नहीं है, सभी समकक्ष हैं। चाहे किसी भी राजनीतिक दल का कोई भी हो, चुनाव आयोग अपने संवैधानिक कर्तव्य से पीछे नहीं हटेगा।

सीपी राधाकृष्णन को ही NDA ने क्यों बनाया उपराष्ट्रपति उम्मीदवार, विपक्ष के सामने साबित होगा मास्टरस्ट्रोक ?

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बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए ने उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए सीपी राधाकृष्णन को अपना उम्मीदवार घोषित किया है. वे फिलहाल महाराष्ट्र के राज्यपाल है। रविवार को NDA की बैठक में उनके नाम पर मुहर लगी। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में हुई बैठक के बाद इसकी आधिकारिक घोषणा की। राधाकृष्णन चार दशक से अधिक समय से राजनीति और सामाजिक जीवन में सक्रिय रहे हैं और उन्हें तमिलनाडु की राजनीति का सम्मानित चेहरा माना जाता है।

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की राजनीति के सधे हुए खिलाड़ी माने जाते हैं। मोदी की खासियत यह है कि वे चुनावी मुकाबले को सिर्फ आंकड़ों का खेल नहीं मानते। राधाकृष्णन का नाम घोषित कर वे एक तीर से तीन निशाना साधा है। एनडीए ने राधाकृष्णन का नाम घोषित कर उद्धव ठाकरे और तमिलनाडु के मुख्‍यमंत्री एमके स्‍टाल‍िन को अपने पाले में कर ही लिया है। साथ ही राहुल गांधी के सामने आगे भी विकल्प नहीं छोड़ने का काम किया है।

उद्धव ठाकरे के ल‍िए मुश्क‍िल भरा फैसला

दरअसल, एनडीए की ओर से उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन फिलहाल महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं। ऐसे में उद्धव ठाकरे के ल‍िए मुश्क‍िल ये है क‍ि अगर वे राधाकृष्णन को समर्थन नहीं देते हैं, तो यह सीधा मैसेज जाएगा कि उन्होंने अपने ही राज्यपाल के खिलाफ जाकर वोट किया।

द्रमुक के सामने धर्मसंकट जैसी स्थिति

वहीं, सीपी राधाकृष्णन तमिलनाडु के हैं। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन भी असमंजस में हैं। अब स्टालिन अगर उन्हें समर्थन देते हैं तो डीएमके के वोटरों में सवाल उठेगा कि आखिर स्टालिन ने एक आरएसएस विचारधारा वाले नेता का समर्थन क्यों किया. और अगर विरोध करते हैं, तो यह आरोप लगेगा कि उन्होंने तमिलनाडु के सपूत को ही नकार दिया. यानी स्टालिन के लिए भी यह चुनाव ‘हां’ या ‘ना’ दोनों में फंसा हुआ है।

भाजपा की एक सोची-समझी रणनीति

साफ है महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की ओर से उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार घोषित किया जाना भाजपा की एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है। इसमें जटिल चुनावी गणित और गहरी क्षेत्रीय रणनीति समाहित है। सीपी राधाकृष्णन के नाम का एलान सिर्फ व्यक्तिगत रूप से उनकी वफादारी का इनाम नहीं है, बल्कि यह तमिलनाडु और दक्षिणी राज्यों में अपनी पैठ बढ़ाने के लिए भाजपा के नए प्रयास का संकेत है। यहां भाजपा को अपनी पकड़ बनाने के लिए संघर्ष करना पड़ा है।

पहले भी विपक्ष के खेमे में लग चुकी सेंध

पहले भी जब यूपीए ने राष्ट्रपति पद के लिए प्रतिभा पाटिल को अपना उम्मीदवार बनाया था, तब शिवसेना ने एनडीए का हिस्सा होने के बावजूद उनका समर्थन किया था, क्योंकि वह महाराष्ट्र से थीं। इसी तरह जब यूपीए ने प्रणब मुखर्जी को नामित किया, तो एनडीए में होने के बावजूद शिवसेना और जदयू दोनों ने अपना समर्थन दिया। ऐसे ही जब एनडीए ने रामनाथ कोविंद का नाम प्रस्तावित किया तो जदयू ने विपक्ष में होने के बावजूद उनका समर्थन किया, क्योंकि वे बिहार के राज्यपाल थे। उपराष्ट्रपति पद के लिए पिछले चुनाव में जब एनडीए ने जगदीप धनखड़ को चुना था, तो तृणमूल कांग्रेस ने मतदान से परहेज किया था।

100 साल से देश सेवा में लगे स्वयंसेवकों को नमन’, लाल किले से आरएसएस की तारीफ के क्या है मायने

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79वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आज लाल किले से अपने 103 मिनट लंबे भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ यानी आरएसएस की चर्चा की। पीएम ने आरएसएस की जमकर तारीफ की और 100 साल की सेवा गौरवपूर्ण बताया। अपने तीन कार्यकालों में पहले के 11 स्वतंत्रता दिवस के भाषणों में भी पीएम मोदी ने कभी आरएसएस की चर्चा नहीं की थी। हालांकि, जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इस वर्ष 100 साल पूरे करने वाला है। इस मौके पर पीएम मोदी ने संघ के 100 साल के इतिहास को याद किया।

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पीएम ने जमकर की आरएसएस की तारीफ

पीएम मोदी ने कहा, आज मैं बहुत गर्व के साथ एक बात का जिक्र करना चाहता हूं। आज से 100 साल पहले एक संगठन का जन्म हुआ। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की 100 साल की राष्ट्र की सेवा बहुत ही गौरवपूर्ण है। व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण के संकल्प को लेकर 100 साल तक संघ ने काम किया। राष्ट्र निर्माण के लिए संघ काम करता है।

आरएसएस को दुनिया का सबसे बड़ा एनजीओ बताया

पीएम ने संघ की तारीफ करते हुए कहा, सेवा, समर्पण, संगठन और अनुशासन संघ की पहचान रही है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ दुनिया का एक प्रकार से सबसे बड़ा एनजीओ है। उसका समर्पण का 100 साल का इतिहास है. 100 साल की इस यात्रा में योगदान देने वाले सभी स्वयंसेवकों को आदर पूर्वक याद करता हूं और देश राष्ट्रीय स्वयंसेवक की इस 100 साल की भव्य समर्पित यात्रा पर गर्व करता है। हमें संघ प्रेरणा देता रहेगा।

आरएसएस को खुश कर रहे पीएम मोदी?

लाल किले से आरएसएस का जिक्र करना विपक्ष को रास नहीं आ रहा है। कांग्रेस की ओर से कहा जा रहा है कि पीएम मोदी 75 वर्ष की आयु के बाद भी प्रधानमंत्री बने रहना चाहते हैं, इसलिए वह संघ की इस तरह से सराहना में जुटे गए हैं। कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने पीएम मोदी के राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की तारीफ वाले भाषण को रिट्वीट करते हुए एक लंबा-चौड़ा एक्स पोस्ट लिखा है। इसमें बीते 100 वर्षों आरएसएस की देश में भूमिका और इसके सर संघचालकों के रोल की आलोचनात्मक चर्चा की गई है। इसमें, पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता ने लिखा है, '...फिर भी प्रधानमंत्री मोदी-आरएसएस को खुश करने के लिए 17 सितंबर, 2025 को कथित तौर पर अपनी रिटायरमेंट की योजना को रोक रहे हैं।

पीएम थके हुए लगे, जल्द ही वे रिटायर भी होंगे-जयराम रमेश

वहीं काग्रेस नेता जयराम ने कहा कि आज प्रधानमंत्री के भाषण का सबसे चिंताजनक पहलू लाल किले की प्राचीर से आरएसएस का नाम लेना था, जो एक संवैधानिक, धर्मनिरपेक्ष गणराज्य की भावना का खुला उल्लंघन है। यह अगले महीने उनके 75वें जन्मदिन से पहले संगठन को खुश करने की एक हताश कोशिश के अलावा और कुछ नहीं है। 4 जून 2024 की घटनाओं के बाद से निर्णायक रूप से कमजोर पड़ चुके प्रधानमंत्री अब पूरी तरह मोहन भागवत की कृपा पर निर्भर हैं, ताकि सितंबर के बाद उनका कार्यकाल का विस्तार हो सके। स्वतंत्रता दिवस जैसे राष्ट्रीय अवसर का व्यक्तिगत और संगठनात्मक लाभ के लिए राजनीतिकरण हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए बेहद हानिकारक है। आज प्रधानमंत्री थके हुए लगे, जल्द ही वे रिटायर भी होंगे।

किश्तवाड़ में अब तक 60 लोगों की मौत, 160 से अधिक को बचाया गया, सेना ने संभाला मोर्चा

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जम्मू-कश्मीर में किश्तवाड़ के चसोटी गांव में 14 अगस्त की दोपहर 12.30 बजे बादल फटा। कई लोग पहाड़ से आए पानी और मलबे की चपेट में आ गए। हादसे में अब तक 60 लोगों की मौत हो चुकी है। 21 शवों की पहचान की जा चुकी है। अब तक 167 लोगों को बचाया गया है। इनमें से 38 की हालत गंभीर है। वहीं, 100 से ज्यादा अभी भी लापता बताए जा रहे हैं।

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पीएम मोदी ने सीएम और एलजी से बात

प्रधानमंत्री मोदी ने किश्तवाड़ में आई आसामानी आफत के बाद जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से फोन पर बात की। पीएम ने हालातों का जायजा लिया और हर संभव मदद का आश्वासन दिया। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर जम्मू-कश्मीर के सीएम और एलजी के साथ हुई बात को लेकर पोस्ट किया। पीएम ने कहा, किश्तवाड़ में बादल फटने और बाढ़ के बाद के हालातों पर जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से बात की। अधिकारी प्रभावित लोगों की सहायता के लिए जमीनी स्तर पर काम कर रहे हैं.

उमर अब्दुल्ला ने पीएम मोदी को दी हालात की जानकारी

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट करके कहा, मुझे अभी-अभी प्रधानमंत्री मोदी का फोन आया। मैंने उन्हें किश्तवाड़ के हालात और प्रशासन की ओर से उठाए जा रहे कदम के बारे में जानकारी दी। मेरी सरकार और बादल फटने से प्रभावित लोग केंद्र सरकार की तरफ से प्रदान की गई सभी सहायता के लिए आभारी है।

अब वायुसेना चलाएगी रेस्क्यू ऑपरेशन

समाचार एजेंसी एएनआई को सूत्रों ने बताया कि भारतीय वायु सेना जम्मू-कश्मीर में बादल फटने की घटना के पीड़ितों के लिए राहत और बचाव अभियान चलाने के लिए तैयार है। वर्तमान में जम्मू और उधमपुर में दो एमआई-17 हेलीकॉप्टर और एक उन्नत हेलीकॉप्टर (एएलएच) स्टैंडबाय पर हैं।

सैनिक राहत और बचाव कार्यों में लगे

जम्मू में तैनात सेना के जनसंपर्क अधिकारी ने बताया, बादल फटने के बाद व्हाइट नाइट कोर के सैनिक राहत और बचाव कार्यों में के लिए तेजी से मोर्चा संभाला। उन्होंने बताया कि पहली कोशिश लोगों की जान बचाना और जीवित बचे लोगों की सहायता करना एवं लापता लोगों की तलाश करना है। सेना ने कहा कि राहत सामग्री, चिकित्सा दल और बचाव उपकरण घटनास्थल पर पहुंचा दिए गए हैं। जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि 60-60 कर्मियों वाली पांच टुकड़ियां यानी कुल 300 सैनिक, तथा व्हाइट नाइट कोर की मेडिकल टुकड़ियां अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर लोगों को बचाने के लिए काम कर रही हैं

बता दें कि गुरुवार को हादसा उस समय हुआ जब हजारों श्रद्धालु मचैल माता यात्रा के लिए किश्तवाड़ में पड्डर सब-डिवीजन में चसोटी गांव पहुंचे थे। यह यात्रा का पहला पड़ाव है। बादल वहीं फटा है, जहां से यात्रा शुरू होने वाली थी। यहां श्रद्धालुओं की बसें, टेंट, लंगर और कई दुकानें थीं। सभी बाढ़ में बह गए।

मोदी दीवार की तरह खड़ा...', लाल किले से मोदी का ट्रंप को बड़ा संदेश*

#pmmodistandinglikewallstrongmessagetotrump

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देश के 79वें स्‍वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से किसानों, जवानों और युवाओं को साधा। पीएम मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में अमेरिका को सीधा मैसेज दिया है। अमेरिका और डोनाल्ड ट्रंप की ओर दी जा रही टैरिफ की धमकियों और व्यापार समझौते को लेकर दबाव की रणनीति के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत का रुख साफ कर दिया।

पीएम ने कहा किसान हमारी अर्थव्यवस्था में बहुत बड़ा योगदान देते हैं, उन्होंने भारत को कई उत्पादों का शीर्ष उत्पादक बनाया है। भारत किसानों के हितों से समझौता नहीं करेगा, किसी भी हानिकारक नीति को स्वीकार नहीं करेगा। मोदी किसी भी प्रतिकूल नीति से किसानों और मछुआरों के हितों की रक्षा करने के लिए दीवार की तरह खड़ा है। प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए शुल्क के संदर्भ में ये बात कही।

दूसरे की लकीर को छोटी करने में उर्जा नहीं खपानी-पीएम मोदी

पीएम ने कहा हमारी जिम्मेदारी है कि हम किसी की लकीर को छोटी करने में अपनी ताकत बर्बाद न करें। मैं अपने अनुभव से कहता हूं कि किसी दूसरे की लकीर को छोटी करने में हमें अपनी उर्जा नहीं खपानी है। हमें पूरी ऊर्जा के साथ हमारी लकीर को लंबा करना है। हम अपनी लकीर लंबी करते हैं, तो दुनिया भी हमारा लोहा मानेगी।

ट्रंप का नाम लिए बिना दिया सख्त संदेश

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नाम लिए बिना पीएम ने कहा, वैश्विक परिस्थितियों में आर्थिक स्वार्थ दिनोंदिन बढ़ रहा है, मैं 25 साल के अपने शासन के अनुभव से कहता हूं कि यह रास्ता हमने चुन लिया तो कोई स्वार्थ हमने अपने चंगुल में नहीं फंसा सकता है।

जेट इंजन पर भी अमेरिका को सुनाया

लाल किले की प्राचीर से भारत को इंजन देने में आनाकानी करने वाले अमेरिका को संदेश देते हुए पीएम ने कहा- युवा वैज्ञानिकों, इंजीनियर, युवाओं को आह्वान है अपना मेड इन इंडिया फाइटर जेट के लिए जेट इंजन हमारा होना चाहिए। क्या समय की मांग नहीं है कि रिसर्च और डिवेलपमेंट में और ताकत लगाए, हमारे अपने पेटेंट हो, सस्ती से सस्ती और सबसे कारगर नई दवाइयों की खोज हो। देश का भाग्य बदलना है, आपका सहयोग चाहिए। दरअसल, अमेरिका और फ्रांस जैसे देशों ने भारत को अपना जेट इंजन देने में काफी मुश्किलें खड़ी की हैं।

लाल किले से पाक पर खूब बरसे पीएम मोदी, बोले-ऑपरेशन सिंदूर हमारी आक्रोश की अभिव्यक्ति

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आज जब पूरा देश 79वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से तिरंगा फहराकर 12वीं बार राष्ट्र को संबोधित किया। इस अवसर पर देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं देते हुए देश के महान सेनानियों को याद किया। इस अवसर पर उन्होंने संविधान के लिए आहुति देने वाले पहले स्वतंत्रता सेनानी श्यामा प्रकाश मुखर्जी को याद किया। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को याद किया। उन्होंने देश के वीर जवानों धन्यवाद दिया।

ऑपरेशन सिंदूर आक्रोश की अभिव्यक्ति-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर आक्रोश की अभिव्यक्ति है। पीएम मोदी ने कहा कि हमारे वीर जांबाज सैनिकों ने दुश्मनों को उनकी कल्पना से परे सजा दी है। 22 अप्रैल को पहलगाम में सीमा पार से आतंकियों ने आकर जिस प्रकार का कत्लेआम किया है, धर्म पूछ-पूछकर लोगों को मारा गया, पत्नी के सामने पति को गोलियां मारी गईं, बच्चों के सामने पिता को मार दिया गया। पूरा देश आक्रोश से भरा हुआ था, पूरा विश्व भी इस प्रकार के नरसंहार से चौंक गया था। मेरे प्यार देशवासियों ऑपरेशन सिंदूर उसी आक्रोश की अभिव्यक्ति है।

पाकिस्तान की नींद अभी भी उड़ी हुई है-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि 22 तारीख के बाद हमने हमारी सेना को खुली छूट दे दी। रणनीति वो तय करें, लक्ष्य वो तय करें, समय वो चुने और हमारी सेना वो करके दिखाया जो कई दशकों तक कभी हुआ नहीं था। हमने सैकड़ों किलोमीटर दुश्मन की धरती पर घुसकर आतंकियों को मिट्टी में मिला दिया। आतंक की इमारतों को खंडहर बना दिया। पाकिस्तान की नींद अभी भी उड़ी हुई है। पाकिस्तान में हुई तबाही इतनी बड़ी है कि रोज नए नए खुलासे हो रहे हैं, नई नई जानकारियां आ रही हैं।

“न्यूक्लियर ब्लैकमेल” अब सहन नहीं किया जाएगा-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने आगे कहा हमारा देश कई दशकों से आतंकवाद का सामना करता आया है और इसने देश के सीने को छलनी कर दिया है। अब हमने तय कर लिया है कि आतंकवादियों, उनके पनाह देने वालों और उन्हें ताकत देने वालों में कोई अंतर नहीं माना जाएगा वे सभी मानवता के दुश्मन हैं। भारत अब परमाणु हथियारों की धमकियों को बर्दाश्त नहीं करेगा। लंबे समय से चल रहा यह “न्यूक्लियर ब्लैकमेल” अब सहन नहीं किया जाएगा। हमारे वीर सैनिकों ने दुश्मनों को उनकी कल्पना से कहीं ज्यादा कड़ा जवाब दिया है।

शराब घोटाला मामले में गिरफ्तार आईएएस विनय चौबे को झारखंड हाईकोर्ट से झटका, जमानत याचिका खारिज

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झारखंड हाईकोर्ट ने शराब घोटाला मामले में गिरफ्तार वरिष्ठ IAS अधिकारी विनय चौबे को बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी है।गुरुवार को न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी की अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी। अब उनकी मुश्किले और बढ़ने वाली है। इस फैसले के बाद अब विनय चौबे को जेल में ही रहना होगा।

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गिरफ्तारी को निरस्त करने की मांग

विनय चौबे को 20 मई 2025 को कई घंटे की पूछताछ के बाद शराब घोटाला मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। विनय चौबे ने शराब घोटाले में अपनी गिरफ्तारी को गलत बताया था। साथ ही कोर्ट से अपील की थी कि उनकी गिरफ्तारी को निरस्त किया जाये। कोर्ट ने उनकी क्वाशिंग याचिका खारिज कर दी है।

ईडी के पास विनय चौबे की भूमिका के सबूत

शराब घोटाले के तहत सरकारी अधिकारियों, शराब कारोबारी और अन्य लोगों के बीच मिलीभगत के आरोप हैं। विनय चौबे पर आरोप है कि वे राज्य में हुए बड़े शराब घोटाले में शामिल रहे हैं। आरोप है कि इस घोटाले से सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ, जबकि कुछ लोगों ने अवैध तरीके से भारी कमाई की। ईडी का दावा है कि इस मामले में जुटाए गए सबूत विनय चौबे की भूमिका को साबित करते हैं।