किश्तवाड़ में अब तक 60 लोगों की मौत, 160 से अधिक को बचाया गया, सेना ने संभाला मोर्चा
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जम्मू-कश्मीर में किश्तवाड़ के चसोटी गांव में 14 अगस्त की दोपहर 12.30 बजे बादल फटा। कई लोग पहाड़ से आए पानी और मलबे की चपेट में आ गए। हादसे में अब तक 60 लोगों की मौत हो चुकी है। 21 शवों की पहचान की जा चुकी है। अब तक 167 लोगों को बचाया गया है। इनमें से 38 की हालत गंभीर है। वहीं, 100 से ज्यादा अभी भी लापता बताए जा रहे हैं।
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पीएम मोदी ने सीएम और एलजी से बात
प्रधानमंत्री मोदी ने किश्तवाड़ में आई आसामानी आफत के बाद जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से फोन पर बात की। पीएम ने हालातों का जायजा लिया और हर संभव मदद का आश्वासन दिया। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर जम्मू-कश्मीर के सीएम और एलजी के साथ हुई बात को लेकर पोस्ट किया। पीएम ने कहा, किश्तवाड़ में बादल फटने और बाढ़ के बाद के हालातों पर जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से बात की। अधिकारी प्रभावित लोगों की सहायता के लिए जमीनी स्तर पर काम कर रहे हैं.
उमर अब्दुल्ला ने पीएम मोदी को दी हालात की जानकारी
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट करके कहा, मुझे अभी-अभी प्रधानमंत्री मोदी का फोन आया। मैंने उन्हें किश्तवाड़ के हालात और प्रशासन की ओर से उठाए जा रहे कदम के बारे में जानकारी दी। मेरी सरकार और बादल फटने से प्रभावित लोग केंद्र सरकार की तरफ से प्रदान की गई सभी सहायता के लिए आभारी है।
अब वायुसेना चलाएगी रेस्क्यू ऑपरेशन
समाचार एजेंसी एएनआई को सूत्रों ने बताया कि भारतीय वायु सेना जम्मू-कश्मीर में बादल फटने की घटना के पीड़ितों के लिए राहत और बचाव अभियान चलाने के लिए तैयार है। वर्तमान में जम्मू और उधमपुर में दो एमआई-17 हेलीकॉप्टर और एक उन्नत हेलीकॉप्टर (एएलएच) स्टैंडबाय पर हैं।
सैनिक राहत और बचाव कार्यों में लगे
जम्मू में तैनात सेना के जनसंपर्क अधिकारी ने बताया, बादल फटने के बाद व्हाइट नाइट कोर के सैनिक राहत और बचाव कार्यों में के लिए तेजी से मोर्चा संभाला। उन्होंने बताया कि पहली कोशिश लोगों की जान बचाना और जीवित बचे लोगों की सहायता करना एवं लापता लोगों की तलाश करना है। सेना ने कहा कि राहत सामग्री, चिकित्सा दल और बचाव उपकरण घटनास्थल पर पहुंचा दिए गए हैं। जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि 60-60 कर्मियों वाली पांच टुकड़ियां यानी कुल 300 सैनिक, तथा व्हाइट नाइट कोर की मेडिकल टुकड़ियां अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर लोगों को बचाने के लिए काम कर रही हैं
बता दें कि गुरुवार को हादसा उस समय हुआ जब हजारों श्रद्धालु मचैल माता यात्रा के लिए किश्तवाड़ में पड्डर सब-डिवीजन में चसोटी गांव पहुंचे थे। यह यात्रा का पहला पड़ाव है। बादल वहीं फटा है, जहां से यात्रा शुरू होने वाली थी। यहां श्रद्धालुओं की बसें, टेंट, लंगर और कई दुकानें थीं। सभी बाढ़ में बह गए।
3 hours ago