स्वतंत्रता दिवस को लेकर झारखंड में हाई अलर्ट, एटीएस ने जारी की है 285 संदिग्धों की सूची

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स्वतंत्रता दिवस को लेकर झारखंड पुलिस ने पूरे राज्य में हाई अलर्ट घोषित कर दिया है। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आसामाजिक तत्व हो या नक्सली संगठन किसी भी प्रकार की कोई भी बाधा उत्पन्न ना कर कर सके। इसके लिए झारखंड पुलिस पूरी तरह से अलर्ट है। पुलिस मुख्यालय से सभी जिलों में हर तरह की सतर्कता बरतने का निर्देश दिया गया है। इधर एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (एटीएस) की ओर से जारी 285 संदिग्ध व्यक्तियों की सूची भी 14 जिलों के पुलिस अधीक्षकों को सौंप दी है।

झारखंड में स्वतंत्रता दिवस की तैयारी अंतिम चरण में है। दूसरी तरफ पुलिस पूरी तरह से अलर्ट है। खासकर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विशेष नजर रखी जा रही है। पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी आदेश में नक्सलियों की गतिविधियों पर विशेष नजर रखने को कहा गया है। नक्सली संगठन भाकपा माओवादियों पर विशेष नजर रखने की हिदायत दी गई है। भाकपा माओवादी हर साल 15 अगस्त के मौके पर अपने प्रभाव वाले इलाके में काला झंडा फहराने की कोशिश करते हैं।

इधर, हाल ही में एंटी टेररिस्ट स्क्वॉयड (एटीएस) द्वारा एक रिपोर्ट तैयार किया गया है। जिसमें 285 संदिग्ध लोगों की सूची है। इस लिस्ट में वैसे आतंकियों के नाम शामिल हैं, जो पूर्व में किसी आतंकी घटना में शामिल होने के आरोप में जेल जा चुके हैं या उन पर केस दर्ज है या फिर वह वर्तमान में बरी होकर या जमानत पर बाहर आ चुके हैं। एटीएस की पूरी रिपोर्ट विभिन्न आतंकियों की झारखंड या राज्य के बाहर से गिरफ्तारी और उनसे पूछताछ में आये संदिग्ध लोगों के नाम और पते के आधार पर तैयार की है।

पाकुड़ जिले से सबसे अधिक संदिग्ध

राज्यभर के 285 लोगों में से सबसे अधिक पाकुड़ जिले के 113 लोग आतंकी संगठनों से जुड़े हुए हैं। राजधानी रांची की बात करें तो, यहां से कुल 49 लोग आतंकी संगठनों में शामिल हैं। वहीं बोकारो, खूंटी, लातेहार, चतरा और गोड्डा से सबसे कम 1-1 लोग देश-विदेश में सक्रिय आतंकी संगठनों से जुड़े हुए हैं।

200 जवानों के जिम्मे मोरहाबादी मैदान की सुरक्षा

स्वतंत्रता दिवस पर किसी भी प्रकार की कोई बाधा उत्पन्न ना हो, इसके लिए झारखंड पुलिस पूरी तरह से अलर्ट है। राजधानी रांची में भी स्वतंत्रता दिवस को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। स्वतंत्रता दिवस मुख्य समारोह रांची के मोरहाबादी मैदान में आयोजित होना है। स्वतंत्रता दिवस समारोह को लेकर 15 अगस्त को मोरहाबादी मैदान 200 पुलिस बल के हवाले होगा।

रात से शुरू होगा सघन चेकिंग अभियान

स्वतंत्रता दिवस को लेकर 14 अगस्त की शाम से ही पूरे जिले में पीसीआर, पेट्रोलिंग पार्टी समेत थाना गश्ती को लगातार सड़कों पर नजर रखने का निर्देश दिया गया है। एसएसपी चंदन सिन्हा स्वयं पूरी सुरक्षा की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। सुरक्षा को लेकर एसएसपी ने डीएसपी और इंस्पेक्टर स्तर के पदाधिकारी को कई दिशा-निर्देश भी दिए हैं। वही रांची एसएसपी ने यह भी आदेश दिया है कि शहर के होटलों पर विशेष नजर रखी जाए, विशेषकर रेलवे स्टेशन के आसपास के होटलों की तलाशी जरूर ली जाए।

शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन की हालत गंभीर, अमेरिका के डॉक्टरों ने ब्रेन ऑपरेशन के लिए इंतजार करने की सलाह दी

रांची: झारखंड के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन की तबीयत पिछले 11 दिनों से गंभीर बनी हुई है। वह दिल्ली के अपोलो अस्पताल में लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर हैं। मंगलवार को अमेरिका के डॉक्टरों की एक टीम ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपोलो अस्पताल के डॉक्टरों के साथ उनकी स्थिति पर चर्चा की।

ब्रेन ऑपरेशन पर फैसला टला

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान, अमेरिका के डॉक्टरों ने मंत्री रामदास सोरेन के स्वास्थ्य का बारीकी से जायजा लिया और उनके शरीर में हो रही मूवमेंट का अध्ययन किया। इसके बाद उन्होंने दवा संबंधी कुछ जरूरी निर्देश दिए और ब्रेन ऑपरेशन के लिए दो से तीन दिन और इंतजार करने की सलाह दी है।

अपोलो अस्पताल की टीम, जिसका नेतृत्व डॉ. केएन सिंह कर रहे हैं, ने भी अमेरिका की टीम के साथ मिलकर मंत्री के स्वास्थ्य की विस्तृत रिपोर्ट पेश की थी। समीक्षा के बाद फिलहाल ब्रेन का ऑपरेशन टाल दिया गया है।

क्या है पूरा मामला?

मंत्री रामदास सोरेन की तबीयत बीते 2 अगस्त की सुबह उनके घोड़ाबांधा स्थित आवास पर अचानक बिगड़ गई थी। उन्हें तत्काल एयरलिफ्ट कर दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था। तभी से वह लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर हैं।

झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी और मंत्री के पुत्र सोमनाथ सोरेन अस्पताल में डॉक्टरों के साथ लगातार संपर्क में हैं। कुणाल षाड़ंगी ने बताया कि मस्तिष्क में रक्तस्राव के कारण उनकी स्थिति नाजुक बनी हुई है, हालांकि फिलहाल वह स्थिर हैं।

झारखंड की टीम बनी जूनियर राष्ट्रीय महिला हॉकी चैंपियन, हरियाणा को हरा कर लगातार दूसरी बार जीता खिताब

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झारखंड की बेटियों ने एक बार फिर अपना जलवा दिखाया है। झारखंड ने एक रोमांचक मुकाबले में हरियाणा को 2-1 से हराकर 15वीं जूनियर महिला राष्ट्रीय हॉकी चैंपियनशिप डिविजन ‘ए’ का खिताब अपने नाम कर लिया। 1 से 12 अगस्त तक काकीनाड़ा (आंध्रप्रदेश) में आयोजित 15वीं हॉकी इंडिया जूनियर महिला राष्ट्रीय चैंपियनशिप के फाइनल में झारखंड ने मंगलवार को अपने चिर-प्रतिद्वंद्वी हरियाणा को 2-1 से हरा कर लगातार दूसरे वर्ष खिताब जीत लिया।

टूर्नामेंट में सर्वाधिक गोल करने वाली खिलाड़ी बनीं स्वीटी डुंगडुंग

मैच के 10वें मिनट में टीम की स्टार फॉरवर्ड स्वीटी डुंगडुंग ने शानदार गोल करते हुए झारखंड को 1-0 की बढ़त दिलाई। यह टूर्नामेंट में उनका पांचवां गोल था, जिससे वह सर्वाधिक गोल करने वाली खिलाड़ी बनीं। दो मिनट बाद शांति कुमारी ने दूसरा गोल कर टीम की बढ़त 2-0 कर दी। हालांकि 52वें मिनट में हरियाणा की कीर्ति ने पेनाल्टी कॉर्नर से गोल कर वापसी की कोशिश की, लेकिन झारखंड की रक्षापंक्ति ने मजबूत प्रदर्शन करते हुए बढ़त को अंत तक बरकरार रखा।

झारखंड ने रचा इतिहास

झारखंड की टीम इससे पहले 2024, 2019 और 2018 में भी विजेता रह चुकी है। इस वर्ष राज्य की महिला हॉकी टीम ने सीनियर, जूनियर और सब-जूनियर – तीनों वर्गों में चैंपियन बनकर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर हॉकी झारखंड और राज्य खेल विभाग ने खिलाड़ियों को बधाई देते हुए इसे झारखंड के खेल इतिहास का स्वर्णिम अध्याय बताया है।

नेमरा में दिशोम गुरु शिबू सोरेन को श्रद्धांजलि देने उमड़ा जनसैलाब, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलकर लोगों ने व्यक्त की संवेदना

रामगढ़, झारखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री और दिशोम गुरु शिबू सोरेन के श्राद्ध कर्म के आठवें दिन भी उनके पैतृक गांव नेमरा, गोला में श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लगा रहा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवास पर हजारों की संख्या में आम और खास लोग पहुंचे और दिवंगत "गुरुजी" की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी।

'नेमरा की भूमि धन्य है'

श्रद्धांजलि अर्पित करने पहुंचे लोगों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात कर अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त कीं। उन्होंने कहा, "नेमरा की भूमि धन्य है, जहां गुरुजी जैसे महान विभूति का जन्म हुआ।"

लोगों ने कहा कि नेमरा में उमड़ा यह जनसैलाब अपने प्रिय नेता के प्रति लोगों के अपार प्यार और स्नेह को दर्शाता है। अपने जननेता को खोने का दुख लोगों के चेहरे पर साफ दिखाई दे रहा था।

झारखंडी अस्मिता के प्रहरी

लोगों ने शिबू सोरेन को याद करते हुए कहा कि वह झारखंडी चेतना के सच्चे प्रहरी थे। उन्होंने न केवल जल, जंगल और जमीन के लिए, बल्कि पूरे झारखंड वासियों की अस्मिता की रक्षा के लिए लड़ाई लड़ी।

"गुरुजी" ने आदिवासी, दलित, शोषित और वंचित समुदायों को उनके हक-अधिकार के लिए जागरूक किया और अपना पूरा जीवन जनहित के कार्यों में समर्पित कर दिया।

लोगों ने कहा कि शिबू सोरेन का परलोक गमन एक अपूरणीय क्षति है, जिसकी भरपाई कभी नहीं हो सकती। उन्होंने अलग झारखंड राज्य के निर्माता को शत-शत नमन किया।

श्रद्धांजलि देने वालों में मंत्री, सांसद, विधायक, गणमान्य लोग और राज्य के विभिन्न जिलों से आए हजारों की संख्या में महिला-पुरुष उपस्थित थे।

अखिलेश यादव ने नेमरा पहुंचकर शिबू सोरेन को दी श्रद्धांजलि, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और परिजनों से की मुलाकात


रामगढ़: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान सांसद श्री अखिलेश यादव आज झारखंड के दिवंगत दिशोम गुरु शिबू सोरेन को श्रद्धांजलि देने के लिए उनके पैतृक गांव नेमरा, गोला पहुंचे। उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवास पर शिबू सोरेन की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी।

शोकाकुल परिवार से मिलकर व्यक्त की संवेदना

इस दुखद मौके पर अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, विधायक श्रीमती कल्पना सोरेन और विधायक श्री बसंत सोरेन समेत परिवार के अन्य सदस्यों से मुलाकात की और उनका ढांढस बंधाया। उन्होंने मुख्यमंत्री की माता श्रीमती रूपी सोरेन से भी आत्मीय भेंट की और उनसे बात करते हुए भावुक हो गए।

अखिलेश यादव ने श्रीमती रूपी सोरेन से कहा, "दुःख की इस घड़ी में पूरे झारखंड के लोग आपके साथ हैं, और आपका संबल ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को शक्ति प्रदान करेगा।"

'गुरुजी' एक प्रभावशाली जननेता

अखिलेश यादव ने शिबू सोरेन के जीवन और संघर्ष को याद करते हुए कहा, "दिशोम गुरु शिबू सोरेन ने अपना जीवन का एक-एक पल आदिवासी, दलित, शोषित, पीड़ित एवं वंचित समुदायों के कल्याण में लगा दिया।" उन्होंने कहा कि "गुरुजी" का संघर्ष, आदर्श और व्यक्तित्व हमेशा प्रेरणा का स्रोत रहेगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि शिबू सोरेन को एक प्रभावशाली जननेता के रूप में हमेशा याद किया जाएगा, जिन्होंने समाज को एक नई दिशा दी।

स्वर्णरेखा महिला समिति एवं पीवीयूएनएल द्वारा केजीबीवी, पटरातू में नेत्र जांच शिविर

स्वर्णरेखा महिला समिति (एसएमएस) ने पीवीयूएनएल के सहयोग से कसूरबा गांधी बालिका विद्यालय (केजीबीवी), पटरातू में नेत्र जांच शिविर का आयोजन किया। इस शिविर में कक्षा 11 एवं 12 की 113 छात्राओं का नेत्र परीक्षण किया गया।

कार्यक्रम के दौरान स्वर्णरेखा महिला समिति की अध्यक्ष श्रीमती रेनू सेहगल ने छात्राओं से संवाद करते हुए उन्हें कठिन परिश्रम करने के लिए प्रेरित किया और पढ़ाई में सफलता के लिए दृष्टि की महत्ता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि स्वस्थ दृष्टि न केवल पढ़ाई में बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में सफलता की कुंजी है।

विद्यालय की सभी छात्राओं के लिए नेत्र जांच की व्यवस्था की जाएगी, ताकि समय रहते उनकी दृष्टि संबंधी समस्याओं का निदान और उपचार संभव हो सके। इस पहल का उद्देश्य छात्राओं के स्वास्थ्य और शैक्षिक प्रगति को सुदृढ़ करना है।

झारखंड में 15 अगस्त को सीएम हेमंत नहीं राज्यपाल फहराएंगे तिरंगा, जानें क्या है वजह?

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झारखंड में इस साल 15 अगस्त का स्वतंत्रता दिवस समारोह कुछ अलग होगा। परंपरा से हटकर इस बार रांची के मोरहाबादी मैदान में मुख्यमंत्री नहीं, बल्कि राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार तिरंगा फहराएंगे। राजभवन की ओर से सूचना दी गई है कि राज्य सरकार की ओर से स्वतंत्रता दिवस-2025 के अवसर पर मोरहाबादी में ध्वजारोहण करने का प्रस्ताव दिया गया था, जिस पर उन्होंने अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है।

पिता के श्राद्ध के लिए नेमरा में रहेंगे हेमंत

हर साल की तरह रांची के मोरहाबादी मैदान में 15 अगस्त को मुख्यमंत्री तिरंगा फहराते हैं। लेकिन ध्वजारोहण की परंपरा इस बार नहीं निभाई जाएगी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपने पिता एवं वरिष्ठ आदिवासी नेता शिबू सोरेन के श्राद्ध कर्मकांड में शामिल होने के लिए 15 अगस्त को अपने पैतृक गांव नेमरा में रहेंगे।

राज्यपाल ने स्वीकार किया सरकार का प्रस्ताव

शिबू सोरेन का 4 अगस्त को 81 वर्ष की उम्र में दिल्ली के एक अस्पताल में निधन हो गया था। उनके निधन के चलते मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस समारोह में शामिल नहीं होने का निर्णय लिया है। राज्य सरकार की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि राज्य सरकार ने प्रस्ताव दिया था कि इस साल माननीय राज्यपाल मोरहाबादी में ध्वजारोहण करें। राज्यपाल गंगवार ने प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है। सरकार की ओर से जारी बयान के अनुसार, इस बार मोरहाबादी मैदान में राष्ट्रीय ध्वज राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार फहराएंगे।

‘एट होम कार्यक्रम’ भी रद्द किया गया

आमतौर पर राज्यपाल स्वतंत्रता दिवस पर झारखंड की उपराजधानी दुमका में ध्वजारोहण करते हैं, लेकिन इस बार राज्य सरकार के विशेष प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए वे रांची में मुख्य समारोह का नेतृत्व करेंगे। इतना ही नहीं संतोष कुमार गंगवार ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री दिशोम गुरु शिबू सोरेन के सम्मान में राज भवन में प्रति वर्ष स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य पर आयोजित होने वाले ‘एट होम कार्यक्रम’ को इस वर्ष आयोजित नहीं करने का निर्णय लिया है।

रांची में तेजी से बढ़े डॉग बाइट के मामले, नगर निगम की उदासीनता पर सवाल

रांची: झारखंड की राजधानी रांची में पिछले कुछ सालों में डॉग बाइट (कुत्तों के काटने) की घटनाओं में भारी वृद्धि हुई है। महज दो साल में एंटी-रेबीज इंजेक्शन लेने वालों की संख्या में 59 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

बढ़ते आंकड़े और नगर निगम की निष्क्रियता

रांची सदर अस्पताल के आंकड़ों के अनुसार, जहां अगस्त 2023 में 4,715 लोगों ने एंटी-रेबीज इंजेक्शन लिया था, वहीं इस साल अगस्त में यह आंकड़ा बढ़कर 7,503 तक पहुंच गया है। जून में भी 6,815 लोगों ने यह इंजेक्शन लिया था, जो इस समस्या की गंभीरता को दर्शाता है।

इन आंकड़ों के बावजूद, रांची नगर निगम आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या पर अंकुश लगाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है। हालांकि, 'होप एंड एनिमल ट्रस्ट' नामक संस्था 2007 से शहर में स्ट्रीट डॉग की नसबंदी और वैक्सीनेशन का काम कर रही है। संस्था ने अब तक 1.33 लाख से अधिक कुत्तों की नसबंदी की है और रोजाना 18-20 कुत्तों की नसबंदी की जाती है।

सुप्रीम कोर्ट का सख्त आदेश

इस बीच, आवारा कुत्तों के आतंक को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा आदेश दिया है। सोमवार को जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर महादेवन की पीठ ने दिल्ली-एनसीआर के आवासीय इलाकों से आवारा कुत्तों को हटाने का आदेश दिया है। इसके साथ ही, कोर्ट ने ऐसे किसी भी संगठन के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा है जो इस कार्य को रोकने की कोशिश करेगा।

सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश रांची जैसे शहरों के लिए एक महत्वपूर्ण नजीर हो सकता है, जहां डॉग बाइट की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं और लोगों को सुरक्षा की चिंता सता रही है।

दिशोम गुरु शिबू सोरेन का श्राद्ध कर्म: 16 अगस्त को 5 लाख लोगों के लिए होगा श्राद्ध भोज

रामगढ़: झारखंड के दिवंगत दिशोम गुरु शिबू सोरेन का श्राद्ध कर्म उनके पैतृक गांव नेमरा में चल रहा है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सोमवार को अपने परिजनों के साथ पारंपरिक विधि-विधान से सातवां श्राद्ध कर्म पूरा कर चुके हैं। आज मंगलवार को आठवां और बुधवार को नौवां विधि-विधान किया जाएगा। दशकर्म 15 अगस्त को होगा, जबकि 16 अगस्त को 11वां श्राद्ध कर्म और भव्य श्राद्ध भोज का आयोजन किया जाएगा।

5 लाख लोगों के लिए व्यवस्था, गुरुजी का पसंदीदा साग भी मेन्यू में

नेमरा गांव के मुखिया जीतलाल टुडू ने बताया कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन गांव के संताल समाज के लोगों के साथ मिलकर सभी रीति-रिवाजों और श्राद्ध भोज की व्यवस्था पर चर्चा कर रहे हैं। उन्होंने जानकारी दी कि लगभग 5 लाख लोगों के लिए श्राद्ध भोज की व्यवस्था की गई है। इसके लिए चार विशाल पंडाल बनाए गए हैं, जिनके पास ही रसोईघर होंगे। खास मेहमानों के लिए मुख्यमंत्री के पैतृक आवास की बाड़ी में अलग से भोजन की व्यवस्था की गई है।

जीतलाल टुड्डू ने बताया कि मेन्यू में शिबू सोरेन का पसंदीदा साग भी विशेष रूप से शामिल किया गया है।

सुरक्षा और सुविधाओं का इंतजाम

आयोजन में आने वाले लोगों की सुविधा के लिए भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं:

पार्किंग: वाहनों की पार्किंग के लिए लुकैयाटांड और अन्य कई स्थलों को चिह्नित किया गया है।

हेलीपैड: लुकैयाटांड में तीन हेलीपैड और पैतृक आवास के सामने एक और हेलीपैड तैयार किया गया है।

स्वच्छता: सभी मार्गों पर बिजली की व्यवस्था और साफ-सफाई सुनिश्चित की जा रही है।

स्नान: तालाब के पास एक साथ कई लोगों के नहाने के लिए शॉवर भी लगाए गए हैं।

बिरसाइत पंथ के अनुयायियों ने शिबू सोरेन की आत्मा की शांति के लिए की विशेष प्रार्थना

रामगढ़: झारखंड के दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री और दिशोम गुरु शिबू सोरेन की आत्मा की शांति के लिए आज बिरसाइत पंथ के अनुयायियों ने विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन किया। यह प्रार्थना मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पैतृक आवास, नेमरा, रामगढ़ में की गई।

बिरसाइत पंथ के अनुयायियों ने शिबू सोरेन को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उन्होंने अपना पूरा जीवन आदिवासियों और गरीबों के उत्थान के लिए समर्पित किया। उनका संघर्ष और आदर्श हमेशा प्रेरणा का स्रोत रहेगा। अनुयायियों ने पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ प्रार्थना की और दिवंगत आत्मा को शांति मिले, इसके लिए ईश्वर से कामना की।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके परिजन भी मौजूद थे। उन्होंने बिरसाइत पंथ के अनुयायियों का आभार व्यक्त किया और कहा कि इस दुख की घड़ी में उनके द्वारा की गई प्रार्थना उनके परिवार के लिए बहुत मायने रखती है। यह प्रार्थना सभा शिबू सोरेन के निधन के बाद उनके सम्मान में आयोजित की गई थी, जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।