लाल किले पर आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह में यूपी के 178 श्रमिक होंगे शामिल

* प्रधानमंत्री के संबोधन के साक्षी बनेंगे बंधुआ श्रम से मुक्त किए गए श्रमिक

लखनऊ। इस वर्ष 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर लाल किले से प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्र को संबोधित किए जाने वाले ऐतिहासिक समारोह में उत्तर प्रदेश के 178 श्रमिक भी विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल होंगे। ये सभी श्रमिक कभी बंधुआ श्रम की परिस्थितियों में फंसे हुए थे, जिन्हें राज्य सरकार ने मुक्त कर पुनर्वासित किया है। इस विशेष दल में 89 महिला श्रमिक भी शामिल हैं।
उत्तर प्रदेश शासन के श्रम एवं सेवायोजन विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. एम.के. शन्मुगसुंदरम ने बताया कि इन श्रमिकों को भारत सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, गृह मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय के संयुक्त प्रयासों से आमंत्रित किया गया है। सभी श्रमिक 13 अगस्त को अलीगढ़, संभल, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर और बागपत जिलों से दिल्ली के लिए रवाना होंगे। ये सभी 16 अगस्त तक दिल्ली में रहेंगे और दिल्ली भ्रमण सहित कई सांस्कृतिक व शैक्षिक कार्यक्रमों में भाग लेंगे।
श्रम आयुक्त मार्कण्डेय शाही ने बताया कि यह पहला अवसर है जब ये श्रमिक किसी राष्ट्रीय समारोह में भाग ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस आयोजन में शामिल होने को लेकर श्रमिकों में अत्यधिक उत्साह है। बंधुआ श्रमिकों की मुक्ति के बाद इन्हें केंद्र सरकार की "बंधुआ श्रमिक पुनर्वासन योजना" के अंतर्गत प्रत्येक को ₹2,00,000 की आर्थिक सहायता प्रदान की गई है, जिससे वे अपने जीवन को नई दिशा दे सकें और पुनः बंधुआ श्रम की स्थिति में न लौटें। इसके अलावा, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा भी इन श्रमिकों को विभिन्न पुनर्वास योजनाओं और उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड की योजनाओं का लाभ दिलाया गया है। यह पहल न केवल श्रमिकों के जीवन में बदलाव ला रही है, बल्कि समाज में एक सकारात्मक संदेश भी प्रसारित कर रही है।
यह आयोजन न केवल इन श्रमिकों के लिए गौरव का क्षण है, बल्कि यह देश की आज़ादी और सामाजिक न्याय के मूल्यों का प्रतीक भी बन गया है।
नोएडा में आईएएस अधिकारी पर महिला कर्मचारियों ने लगाए गंभीर आरोप, जांच के आदेश

लखनऊ । नोएडा में अपर आयुक्त पद पर तैनात एक आईएएस अधिकारी के खिलाफ महिला अधिकारियों ने शोषण, उत्पीड़न और अमानवीय व्यवहार के गंभीर आरोप लगाए हैं। शासन के उच्च स्तरीय सूत्रों ने इस मामले की पुष्टि करते हुए कहा है कि शिकायत मिलने पर जांच के आदेश दे दिए गए हैं।पिछले ही कुछ दिनों पूर्व राज्य कर विभाग में महिला उत्पीड़न के मामले में सात अधिकारियों के निलंबन का मामला सुर्खियों में था, लेकिन अब एक बार फिर इसी तरह की गंभीर शिकायत सामने आई है, जिसमें महिला अधिकारी अपने वरिष्ठ आईएएस अधिकारी द्वारा मानसिक एवं यौन उत्पीड़न का आरोप लगा रही हैं।

रात में फोन व वीडियो काल करके करता है परेशान

शिकायत में महिला अधिकारियों ने कहा है कि पिछले चार महीनों से उन्हें गुलामों जैसा अपमानजनक व्यवहार सहना पड़ रहा है। शिकायत के अनुसार, आरोपी अधिकारी अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए धमकी देते हैं कि यदि उनकी बात नहीं मानी तो नौकरी छीन ली जाएगी। साथ ही वे महिला अधिकारियों को अपने कार्यालय में घंटों खड़े रहकर घूरते हैं, रात को फोन और वीडियो कॉल कर परेशान करते हैं, और उनकी अनुमति के बिना वीडियो बनाते हैं।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं के बीच हो रहे उत्पीड़न से परेशान

शिकायत में यह भी बताया गया है कि जो अधिकारी इस व्यवहार का विरोध करती हैं, उन्हें झूठे मामले में फंसाकर निलंबित या दोषी ठहराया जाता है। इसके अलावा महिला अधिकारियों पर मनमाने दबाव और डराने-धमकाने की भी बात कही गई है।महिला अधिकारियों ने अपने दर्द को व्यक्त करते हुए कहा है कि वे ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ जैसे अभियान के बीच इस तरह के उत्पीड़न से बेहद आहत हैं और न्याय की गुहार लगाई है।

महिला आयोग से पूरे मामले की जांच कराने की मांग

5 अगस्त को शासन को प्राप्त एक लोक शिकायत में मांग की गई है कि इस मामले की गोपनीय और निष्पक्ष जांच किसी स्वतंत्र जांच एजेंसी या राज्य महिला आयोग से कराई जाए ताकि शोषण, उत्पीड़न और भ्रष्टाचार की सभी परतें खुलकर सामने आ सकें।उच्च अधिकारियों ने इस शिकायत की पुष्टि की है और जांच कर उचित कार्रवाई के निर्देश जारी किए हैं।
मोहल्लालगंज में जमीन धोखाधड़ी का बड़ा खुलासा, आरोपी गिरफ्तार
लखनऊ । राजधानी में थाना मोहनलालगंज पुलिस ने एक ऐसे धोखाधड़ी के मामले में अभियुक्त को गिरफ्तार किया है, जिसमें कूटरचित दस्तावेज बनाकर अवैध तरीके से रजिस्ट्री कराकर जमीन की बेचना शामिल है। आरोपी प्रवीण कुमार श्रीवास्तव ने जेल में बंद अमिताभ कुमार श्रीवास्तव की जमीन को फर्जी दस्तावेज बनाकर दूसरे व्यक्ति को बेच दिया था।

जांच के दौरान हुआ खुलासा

20 जून 2025 को थाना मोहनलालगंज को सूचना मिली कि विक्रय पत्र संख्या-26178/22 को गलत तरीके से कूट रचित कर 24 अगस्त 2022 को ग्राम अमेठी के गाटा संख्या 1020 (रकबा 0.285 हेक्टेयर) की रजिस्ट्री पंकज मिश्रा के नाम पर की गई है। पंकज मिश्रा ने पुलिस को बताया कि उन्होंने उक्त भूमि अमिताभ कुमार श्रीवास्तव से बैनामा कराकर खरीदी थी।

अमिताभ कुमार वाराणसी के जिला कारागार में कैद थे

जांच में पता चला कि जिस दिन यह रजिस्ट्री की गई, अमिताभ कुमार श्रीवास्तव वाराणसी के जिला कारागार में कैद थे। प्राथमिक जांच में यह स्पष्ट हुआ कि विक्रेता अमिताभ, क्रेता पंकज मिश्रा, और रजिस्ट्री के गवाहों विपिन यादव व ज्ञान प्रकाश अवस्थी ने मिलकर फर्जीवाड़ा किया। इसके अतिरिक्त, तत्कालीन उप निबंधक मोहनलालगंज और उनके कार्यालय के कर्मचारियों की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई, जिन्होंने विक्रेता की पहचान गलत तरीके से प्रमाणित की।

अन्य वांछित अभियुक्तों की तलाश जारी

जांच में सामने आया कि प्रवीण कुमार श्रीवास्तव ने जेल में बंद अमिताभ की जमीन का बैनामा किसी फर्जी व्यक्ति के माध्यम से पंकज मिश्रा को करा दिया था और इसके एवज में उसने करीब 6 लाख 90 हजार रुपये हासिल किए। पुलिस ने 11 अगस्त 2025 को मोहनलालगंज तहसील गेट से अभियुक्त प्रवीण कुमार श्रीवास्तव को गिरफ्तार कर लिया। उसे न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया है। अन्य वांछित अभियुक्तों की तलाश जारी है।
15 अगस्त को लखनऊ में बड़े धार्मिक जुलूस के कारण यातायात प्रतिबंध, डायवर्जन जारी
लखनऊ । इस्लामिक माह सफर की 20वीं तारीख यानी 15 अगस्त  को इमाम हुसैन और उनके 72 साथियों के कर्बला के मैदान में शहीद होने के 40वें दिन के अवसर पर चेहल्लुम का विशाल जुलूस निकाला जाएगा। यह जुलूस लगभग 40-50 हजार श्रद्धालुओं के साथ दोपहर 1 बजे इमामबाड़ा नाजिम साहब से प्रारंभ होकर कर्बला तालकटोरा थानाक्षेत्र में समाप्त होगा। जुलूस मार्ग में विक्टोरिया स्ट्रीट, अकबरी गेट, नक्खास तिराहा, बिल्लौचपुरा तिराहा, थाना चौक, सुन्नी इण्टर कालेज हैदरगंज, बुलाकी अड्डा तिराहा, मिल एरिया चौकी, एवरेडी तिराहा होते हुए कर्बला तालकटोरा पहुंचना शामिल है। डायवर्जन की व्यवस्था 15 अगस्त को सुबह 11 बजे से जुलूस समाप्ति तक  लागू रहेगी।

यातायात डायवर्जन व्यवस्था

-टूड़ियागंज तिराहा से कोई भी यातायात नक्खास या लाल माधव तिराहे की ओर नहीं जाएगा, बल्कि गिरधारी सिंह इण्टर कालेज, सआदतगंज के रास्ते अपना गंतव्य तय करेगा।
-कमला नेहरू क्रॉसिंग से नक्खास व टूड़ियागंज तिराहे की ओर यातायात प्रतिबंधित रहेगा, यह मेडिकल कालेज, चौक होकर जाएगा।
-रकाबगंज पुल चौराहा से नक्खास की ओर यातायात नहीं जा सकेगा, बल्कि मेडिकल कालेज या नाका होकर अपना मार्ग तय करेगा।
-नक्खास तिराहा से टूड़ियागंज की ओर कोई यातायात नहीं जाएगा, यह रकाबगंज पुल होकर जाएगा।
-हैदरगंज तिराहा से नक्खास या बुलाकी अड्डा तिराहे की ओर यातायात प्रतिबंधित रहेगा, ऐशबाग होकर जाएगा।
-बुलाकी अड्डा तिराहा से हैदरगंज तिराहा या मिल एरिया तिराहे की ओर यातायात नहीं जाएगा, टिकैत राय तालाब, राजाजीपुरम होकर जाएगा।
-मिल एरिया तिराहा से बुलाकी अड्डा या एवरेडी तिराहे की ओर यातायात नहीं जाएगा, राजाजीपुरम होकर जाएगा।
-एवरेडी तिराहा से मिल एरिया या रणजीत सिंह बिल्डिंग तिराहे की ओर यातायात नहीं जाएगा, बल्कि भूसामण्डी, मवैया, आलमबाग होकर जाएगा।
-रणजीत सिंह बिल्डिंग तिराहा से एवरेडी या विक्रम काटन मिल की ओर यातायात नहीं जाएगा, भरतपुरी रोड, राजाजीपुरम होकर जाएगा।
-आलमबाग की ओर से आने वाला यातायात विक्रम काटन मिल, एवरेडी तिराहे की ओर नहीं जाएगा, सूर्यनगर, राजाजीपुरम या आलमबाग होकर जाएगा।
-विक्रम काटन मिल तिराहा से कर्बला तालकटोरा या एवरेडी तिराहे की ओर यातायात नहीं जाएगा, लगड़ा फाटक रेलवे ओवरब्रिज होकर जाएगा।
-ए ब्लॉक राजाजीपुरम तिराहा से कर्बला तालकटोरा की ओर यातायात नहीं जाएगा, राजाजीपुरम आलमनगर रोड होकर जाएगा।
-भूसामण्डी तिराहा से एवरेडी तिराहे की ओर यातायात प्रतिबंधित, ऐशबाग रोड या मवैया, आलमबाग होकर जाएगा।
-मवैया तिराहा से मवैया ओवरब्रिज की ओर आने वाला यातायात एवरेडी तिराहा नहीं जाएगा, आलमबाग, सूर्यनगर होकर जाएगा।
-जुलूस मार्ग पर किसी भी प्रकार की यातायात का आवागमन पूर्ण रूप से प्रतिबंधित रहेगा।

केवल इन वाहनों को रहेगी छूट

अगर किसी व्यक्ति की चिकित्सा संबंधी आपात स्थिति हो, तो एम्बुलेंस, शव वाहन, फायर सर्विस, स्कूली वाहन आदि को ट्रैफिक पुलिस/स्थानीय पुलिस द्वारा जुलूस मार्ग पर आवागमन की अनुमति दी जाएगी। इसके लिए ट्रैफिक कंट्रोल नंबर 9454405155 पर संपर्क किया जा सकता है। यातायात पुलिस ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे समय से पहले अपने गंतव्य की योजना बना लें और पुलिस द्वारा निर्धारित डायवर्जन मार्ग का पालन करें ताकि जुलूस के दौरान यातायात व्यवस्था सुचारू बनी रहे।
मेटा के अलर्ट से यूपी पुलिस ने समय रहते गाजीपुर में आत्महत्या की कोशिश नाकाम की
लखनऊ । सोशल मीडिया मॉनिटरिंग और पुलिस की तत्परता ने एक युवती की जान बचा ली। मेटा कंपनी से मिले अलर्ट पर लखनऊ पुलिस मुख्यालय ने तुरंत कार्रवाई करते हुए गाज़ीपुर जनपद की सादात थाना पुलिस को सूचना दी। महज़ 19 मिनट के भीतर पुलिस मौके पर पहुंची और अस्पताल में भर्ती कराकर युवती की जिंदगी बचा ली।

इंस्टाग्राम वीडियो से मिला अलर्ट

10 अगस्त को गाज़ीपुर जिले के थाना सादात क्षेत्र की करीब 21 वर्षीय युवती ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट किया। इसमें वह अत्यधिक मात्रा में दवाइयाँ पानी में घोलकर पीते हुए दिख रही थी और टेक्स्ट में लिखा था— “ज़हर खाने के लिए मजबूर कर दिया।” रात 11:34 बजे मेटा कंपनी ने यह वीडियो देख पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश के सोशल मीडिया सेंटर को ईमेल से अलर्ट भेजा।

19 मिनट में मौके पर पहुंची पुलिस

डीजीपी उत्तर प्रदेश,राजीव कृष्ण ने तुरंत गाज़ीपुर पुलिस को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए। सोशल मीडिया सेंटर ने अलर्ट में दिए गए मोबाइल नंबर के आधार पर युवती की लोकेशन ट्रेस कर ली और सादात थाने को सूचना दी।सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष, महिला आरक्षी और पुलिस कर्मी तुरंत मौके पर पहुंचे। मात्र 19 मिनट में वे युवती के घर पहुंचे और परिजनों के साथ उसके कमरे में दाखिल हुए। वहाँ युवती चारपाई पर अचेत पड़ी थी। पुलिस ने परिजनों की मदद से उसे नजदीकी अस्पताल पहुँचाया, जहाँ डॉक्टरों ने तत्काल इलाज शुरू किया।

प्रेम संबंध टूटने से था मानसिक तनाव में

होश में आने पर युवती ने बताया कि वह पहले दिल्ली में पानी सप्लाई का काम करती थी, जहाँ उसकी मुलाकात प्रयागराज के एक युवक से हुई थी। दोनों प्रेम विवाह करना चाहते थे, लेकिन नौकरी छूट जाने के बाद उसे घर लौटना पड़ा। कुछ समय बाद युवक ने उससे संबंध तोड़ दिए, जिससे वह मानसिक रूप से टूट गई और आत्महत्या का प्रयास किया। पुलिस ने काउंसलिंग कर उसे समझाया, जिस पर उसने भविष्य में ऐसा कदम न उठाने का वादा किया।

यूपी पुलिस और मेटा की पहल से 1241 जीवन सुरक्षित

उत्तर प्रदेश पुलिस और मेटा कंपनी के बीच 2022 से विशेष व्यवस्था है। अगर कोई व्यक्ति फेसबुक या इंस्टाग्राम पर आत्महत्या से जुड़ा कंटेंट पोस्ट करता है, तो मेटा तुरंत यूपी पुलिस को ईमेल और फोन से अलर्ट भेजती है। 1 जनवरी 2023 से 10 अगस्त 2025 के बीच मिले ऐसे अलर्ट पर कार्रवाई करते हुए यूपी पुलिस अब तक 1241 लोगों की जान बचा चुकी है।
फतेहपुर में विवादित स्थल पर बवाल: ध्वज फहराने के बाद पथराव, 160 पर मुकदमा

लखनऊ । उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के आबूनगर रेडइया स्थित एक विवादित धार्मिक स्थल पर सोमवार को हिंदू संगठनों और मुस्लिम समुदाय के बीच भारी तनाव फैल गया। हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने इसे ठाकुरजी का मंदिर बताते हुए पुलिस बैरिकेडिंग तोड़कर मकबरे के भीतर प्रवेश किया, भगवा ध्वज फहराया और पूजा-अर्चना की। इस दौरान कथित रूप से मजारों में तोड़फोड़ भी की गई।
दूसरे समुदाय के विरोध और पथराव से माहौल बिगड़ गया, जिसके बाद जिला प्रशासन और पुलिस को भारी बल के साथ मौके पर पहुंचकर स्थिति संभालनी पड़ी।

हिंदू संगठनों का जमावड़ा और बैरिकेडिंग तोड़कर किया प्रवेश

सोमवार सुबह भाजपा जिलाध्यक्ष मुखलाल पाल, विहिप प्रदेश उपाध्यक्ष वीरेंद्र पांडेय और बजरंग दल संयोजक धर्मेंद्र जनसेवक के आह्वान पर बड़ी संख्या में कार्यकर्ता कर्पूरी ठाकुर चौराहे पर जुटे। सुबह करीब 11 बजे भीड़ विवादित स्थल की ओर बढ़ी और तीन किलोमीटर के दायरे में लगी तीन बैरिकेडिंग तोड़ते हुए मकबरे तक पहुंच गई। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, पुलिस बल मौजूद होने के बावजूद कार्यकर्ताओं ने लगभग 20 मिनट तक धार्मिक स्थल पर कब्जा जमाए रखा, मजारों पर डंडे पटके, धूपबत्ती जलाई और भगवा झंडा लहराया।

दूसरे पक्ष का विरोध और पथराव

स्थल से करीब 50 मीटर दूर मौजूद मुस्लिम समुदाय के लोग भगवा ध्वज देख भड़क गए और नारेबाजी शुरू हो गई। देखते ही देखते दोनों पक्षों में कहासुनी, फिर पथराव और मारपीट होने लगी। इस घटना में बजरंग दल संयोजक धर्मेंद्र सिंह जनसेवक, रामप्रताप अनुरागी और सजल समेत कई लोगों को चोटें आईं।
लगभग दो घंटे तक मौके पर नारेबाजी और हंगामा चलता रहा।

प्रशासन का हस्तक्षेप और सुरक्षा बढ़ाई

स्थिति बिगड़ने पर जिलाधिकारी रविंद्र सिंह, पुलिस अधीक्षक अनूप सिंह, एडीएम अविनाश त्रिपाठी, एएसपी महेंद्र पाल सिंह और सीओ गौरव शर्मा भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। दोनों पक्षों से वार्ता कर भीड़ को हटाया गया और स्थल की सुरक्षा बढ़ा दी गई। शांति बनाए रखने के लिए 10 थानों की फोर्स, एक प्लाटून पीएसी और कौशांबी व बांदा से अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया।

विवादित स्थल का रिकॉर्ड और पृष्ठभूमि

राजस्व अभिलेखों के अनुसार, यह स्थल नवाब अब्दुस समद मकबरा (खसरा संख्या 753, मौजा रेडइया, आबूनगर, तहसील सदर) के रूप में दर्ज है, जिसके अधिकृत मुतवल्ली मोहम्मद अनीश हैं।
हालांकि, “मठ मंदिर संरक्षण संघर्ष समिति” के पदाधिकारियों ने इसे ठाकुरद्वारा मंदिर बताते हुए 11 अगस्त को नवीनीकरण और नियमित पूजा शुरू करने का ऐलान किया था।

एफआईआर और कार्रवाई,एडीजी की नाराजगी

पुलिस अधीक्षक अनूप सिंह ने बताया कि 10 नामजद और करीब 150–160 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। नामजदों में भाजपा जिला पंचायत सदस्य अजय सिंह, सभासद रितिक पाल, विनय तिवारी, पुष्पराज पटेल और अन्य शामिल हैं।उन्होंने कहा कि वायरल वीडियो और फुटेज के आधार पर आरोपियों की पहचान की जा रही है, झंडे हटा दिए गए हैं और कानून के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी। एडीजी संजीव गुप्ता भी घटनास्थल पर पहुंचे और पूरे मामले की रिपोर्ट तलब की। उन्होंने सतर्कता में कमी को लेकर पुलिस अधिकारियों से नाराजगी जताई।
‘मुरालेज आर्किटेक्चर स्पेशल नॉरेटिव’ का हुआ भव्य विमोचन
लखनऊ। नियोगी बुक्स प्रकाशन द्वारा प्रकाशित मुरालेज आर्किटेक्चर स्पेशल नॉरेटिव का विमोचन आज एक समारोह में किया गया। वरिष्ठ आर्किटेक्ट सविता अग्रवाल द्वारा लिखित यह पुस्तक मुरली वास्तुकला फॉर्म के पांच दशकों के रचनात्मक और कलात्मक कार्यों को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करती है। इसमें एक दृश्यात्मक और कथात्मक यात्रा के माध्यम से भारतीय वास्तुकला के महत्वपूर्ण पहलुओं को सामने लाया गया है।
इस पुस्तक में 275 से अधिक दुर्लभ फोटोग्राफ और 161 विस्तृत चित्रण शामिल हैं, जो वास्तुकला फॉर्म की विकास यात्रा को जीवंत रूप में प्रस्तुत करते हैं। सविता अग्रवाल ने अपने अनुभव और दृष्टिकोण से न केवल इमारतों के सौंदर्य और संरचना को दर्शाया है, बल्कि बदलते शहरी भारत के सामाजिक-सांस्कृतिक परिदृश्य को भी अपनी लेखनी में समाहित किया है। उनके अनुसार, वास्तुकला केवल स्थान की डिजाइनिंग नहीं है, बल्कि उस स्थान को नई दृष्टि से पुनः कल्पित करने की एक सृजनात्मक प्रक्रिया है।
विमोचन समारोह में उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता देवेंद्र सिंह, कई वरिष्ठ सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी, साहित्यकार और पत्रकार बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। सभी ने पुस्तक की विषयवस्तु और प्रस्तुतिकरण की सराहना करते हुए इसे वास्तुकला और शहरी विकास के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण योगदान बताया।
यह पुस्तक न केवल वास्तुकला के छात्रों और पेशेवरों के लिए, बल्कि कला, संस्कृति और शहरी विकास में रुचि रखने वाले पाठकों के लिए भी प्रेरणादायक संदर्भ सामग्री साबित होगी।
प्रदेश के विकास एवं जनहित के कार्यों में विपक्ष की रुचि नहीं : सुरेश खन्ना
-- संसदीय कार्य मंत्री ने कहा, विपक्ष द्वारा सदन को बेवजह न चलने देना बहुत ही निंदनीय एवं दुर्भाग्यपूर्ण

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने सोमवार को विपक्ष के अराजकतापूर्ण रवैया एवं हंगामें के कारण विधानसभा की कार्यवाही न चलने देने को प्रदेश के लिए बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण माना है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री एवं नेता सदन तथा पूरी सरकार द्वारा विपक्ष के सवालों का लोकहित में तर्कपूर्ण जवाब देने के लिए सदन में उपस्थित थे। परंतु विपक्ष के गैरजिम्मेदाराना एवं अलोकतांत्रिक व्यवहार से सदन की कार्यवाही स्थगित हो गई। प्रदेश की जनता को भी विपक्ष की इस अराजकता एवं गैर-जिम्मेदाराना कार्यशैली को गंभीरता से लेनी चाहिए। विपक्ष की इस प्रकार की कार्यसंस्कृति जनहित एवं प्रदेश के विकास के लिए बाधक है। बेवजह एवं अनुपयोगी मुद्दों को सदन में उठाकर सदन को न चलने देना किसी भी प्रकार से न्यायोचित नहीं ठहराया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश की योगी सरकार विगत 08 वर्षों से लगातार जनहित के कार्यों और राज्य के विकास के लिए तत्पर है। प्रदेशवासियों की खुशहाली एवं उन्नति विपक्ष को रास नहीं आ रही है। विपक्ष द्वारा अपने कार्यकाल के दौरान किए गए जनता का उत्पीड़न और विकास कार्यों की अनदेखी पर मंथन करना चाहिए न कि वर्तमान योगी सरकार की कार्यसंस्कृति व विकास कार्यों पर सवाल उठाने चाहिए। प्रदेश सरकार द्वारा किए जा रहे विकास कार्य कागजों में नहीं बल्कि धरातल पर दिख रहे हैं, जिसका लाभ सीधे जनता को मिल रहा है।
संसदीय कार्य मंत्री श्री खन्ना ने मीडिया प्रतिनिधियों से वार्ता करते हुए कहा कि प्रदेश के विकास और यहां के निवासियों की खुशहाली के लिए विपक्ष द्वारा बेवजह सदन न चलने देना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण एवं निंदनीय है। सदन के इतिहास में यह पहला मौका था कि विपक्ष द्वारा शोक प्रस्ताव के समय परंपरा का भी पालन न करते हुए बहुत ही अशोभनीय कार्य किया गया और अव्यवस्था फैलाई गई। मुख्यमंत्री द्वारा नेता प्रतिपक्ष द्वारा उठाए गए प्रश्नों का जवाब दिया गया। फिर भी विपक्ष अपनी गंदी मानसिकता से बाज नहीं आया। कार्यरोको प्रस्ताव पर भी सदन को चलाने के लिए विपक्ष से सहयोग की अपेक्षा थी। फिर भी विपक्ष ने सदन को नहीं चलने दिया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2047 तक विकसित भारत का संकल्प लिया है। इसी के दृष्टिगत मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन एवं कुशल नेतृत्व में प्रदेश की योगी सरकार वर्ष 2047 तक प्रदेश को विकसित एवं आत्मनिर्भर राज्य बनाने के लिए संकल्पित है जिसके लिए विकास का विजन डाक्यूमेंट भी तैयार किया गया है और हमारा प्रदेश कैसा हो जिस पर सदन में 13 अगस्त से 24 घंटे की चर्चा भी होनी है।
प्रदेश के विकास एवं जनहित के कार्यों में विपक्ष की रुचि नहीं : सुरेश खन्ना
-- संसदीय कार्य मंत्री ने कहा, विपक्ष द्वारा सदन को बेवजह न चलने देना बहुत ही निंदनीय एवं दुर्भाग्यपूर्ण

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने सोमवार को विपक्ष के अराजकतापूर्ण रवैया एवं हंगामें के कारण विधानसभा की कार्यवाही न चलने देने को प्रदेश के लिए बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण माना है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री एवं नेता सदन तथा पूरी सरकार द्वारा विपक्ष के सवालों का लोकहित में तर्कपूर्ण जवाब देने के लिए सदन में उपस्थित थे। परंतु विपक्ष के गैरजिम्मेदाराना एवं अलोकतांत्रिक व्यवहार से सदन की कार्यवाही स्थगित हो गई। प्रदेश की जनता को भी विपक्ष की इस अराजकता एवं गैर-जिम्मेदाराना कार्यशैली को गंभीरता से लेनी चाहिए। विपक्ष की इस प्रकार की कार्यसंस्कृति जनहित एवं प्रदेश के विकास के लिए बाधक है। बेवजह एवं अनुपयोगी मुद्दों को सदन में उठाकर सदन को न चलने देना किसी भी प्रकार से न्यायोचित नहीं ठहराया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश की योगी सरकार विगत 08 वर्षों से लगातार जनहित के कार्यों और राज्य के विकास के लिए तत्पर है। प्रदेशवासियों की खुशहाली एवं उन्नति विपक्ष को रास नहीं आ रही है। विपक्ष द्वारा अपने कार्यकाल के दौरान किए गए जनता का उत्पीड़न और विकास कार्यों की अनदेखी पर मंथन करना चाहिए न कि वर्तमान योगी सरकार की कार्यसंस्कृति व विकास कार्यों पर सवाल उठाने चाहिए। प्रदेश सरकार द्वारा किए जा रहे विकास कार्य कागजों में नहीं बल्कि धरातल पर दिख रहे हैं, जिसका लाभ सीधे जनता को मिल रहा है।
संसदीय कार्य मंत्री श्री खन्ना ने मीडिया प्रतिनिधियों से वार्ता करते हुए कहा कि प्रदेश के विकास और यहां के निवासियों की खुशहाली के लिए विपक्ष द्वारा बेवजह सदन न चलने देना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण एवं निंदनीय है। सदन के इतिहास में यह पहला मौका था कि विपक्ष द्वारा शोक प्रस्ताव के समय परंपरा का भी पालन न करते हुए बहुत ही अशोभनीय कार्य किया गया और अव्यवस्था फैलाई गई। मुख्यमंत्री द्वारा नेता प्रतिपक्ष द्वारा उठाए गए प्रश्नों का जवाब दिया गया। फिर भी विपक्ष अपनी गंदी मानसिकता से बाज नहीं आया। कार्यरोको प्रस्ताव पर भी सदन को चलाने के लिए विपक्ष से सहयोग की अपेक्षा थी। फिर भी विपक्ष ने सदन को नहीं चलने दिया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2047 तक विकसित भारत का संकल्प लिया है। इसी के दृष्टिगत मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन एवं कुशल नेतृत्व में प्रदेश की योगी सरकार वर्ष 2047 तक प्रदेश को विकसित एवं आत्मनिर्भर राज्य बनाने के लिए संकल्पित है जिसके लिए विकास का विजन डाक्यूमेंट भी तैयार किया गया है और हमारा प्रदेश कैसा हो जिस पर सदन में 13 अगस्त से 24 घंटे की चर्चा भी होनी है।
श्रावस्ती में दर्दनाक सड़क हादसा, एक ही परिवार के चार समेत पांच की मौत, सीएम योगी ने जताया शोक
लखनऊ । उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जिले में सोमवार को हुए भीषण सड़क हादसे ने पूरे क्षेत्र को स्तब्ध कर दिया। हरदत्त नगर गिरंट थाना क्षेत्र के हरबंसपुर गांव के पास ट्रैक्टर-ट्रॉली और बाइक की टक्कर में एक ही परिवार के चार लोगों समेत पांच की मौत हो गई, जबकि एक महिला गंभीर रूप से घायल हो गई।

तेज रफ्तार ट्रैक्टर-ट्राली ने बाइक में मारी टक्कर

जानकारी के मुताबिक, मूल रूप से बहराइच के रिसिया थाना क्षेत्र के मंगलपुरवा निवासी विजय कुमार वर्मा (32) सुबह अपनी पत्नी सुनीता देवी (28), रिश्तेदार मंगलवती (40), नीतू (30), नीतू की बहन ज्ञानवती (9) और एक साल की मासूम बच्ची के साथ बाइक से रुपईडीहा थाना क्षेत्र के मधनगरा जा रहे थे। हरबंसपुर पुलिस चौकी के पास अचानक एक तेज रफ्तार ट्रैक्टर-मिक्सर (ट्रैक्टर-ट्रॉली) ने बाइक को जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि विजय, मंगलवती, नीतू और ज्ञानवती की मौके पर ही मौत हो गई। सुनीता देवी और मासूम बच्ची गंभीर रूप से घायल हो गईं।

अस्पताल में भी नहीं बच सकी जान

सूचना पर पहुंची पुलिस ने घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया, जहां इलाज के दौरान मासूम बच्ची ने भी दम तोड़ दिया। हादसे के बाद ट्रैक्टर-ट्रॉली चालक मौके से फरार हो गया, जिसकी तलाश में पुलिस जुटी है।दुर्घटना की सूचना मिलते ही जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक अस्पताल पहुंचे और घायल महिला का हालचाल जाना। पुलिस अधीक्षक घनश्याम चौरसिया ने बताया कि हादसे में कुल पांच लोगों की मौत हुई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और फरार चालक की तलाश जारी है।

सीएम योगी का शोक और निर्देश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस सड़क हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया और मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना जताई। उन्होंने जिला प्रशासन को निर्देश दिए कि घायल का समुचित इलाज कराया जाए और पीड़ित परिवार को हर संभव मदद उपलब्ध कराई जाए।