श्रावस्ती में दर्दनाक सड़क हादसा, एक ही परिवार के चार समेत पांच की मौत, सीएम योगी ने जताया शोक
लखनऊ । उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जिले में सोमवार को हुए भीषण सड़क हादसे ने पूरे क्षेत्र को स्तब्ध कर दिया। हरदत्त नगर गिरंट थाना क्षेत्र के हरबंसपुर गांव के पास ट्रैक्टर-ट्रॉली और बाइक की टक्कर में एक ही परिवार के चार लोगों समेत पांच की मौत हो गई, जबकि एक महिला गंभीर रूप से घायल हो गई।

तेज रफ्तार ट्रैक्टर-ट्राली ने बाइक में मारी टक्कर

जानकारी के मुताबिक, मूल रूप से बहराइच के रिसिया थाना क्षेत्र के मंगलपुरवा निवासी विजय कुमार वर्मा (32) सुबह अपनी पत्नी सुनीता देवी (28), रिश्तेदार मंगलवती (40), नीतू (30), नीतू की बहन ज्ञानवती (9) और एक साल की मासूम बच्ची के साथ बाइक से रुपईडीहा थाना क्षेत्र के मधनगरा जा रहे थे। हरबंसपुर पुलिस चौकी के पास अचानक एक तेज रफ्तार ट्रैक्टर-मिक्सर (ट्रैक्टर-ट्रॉली) ने बाइक को जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि विजय, मंगलवती, नीतू और ज्ञानवती की मौके पर ही मौत हो गई। सुनीता देवी और मासूम बच्ची गंभीर रूप से घायल हो गईं।

अस्पताल में भी नहीं बच सकी जान

सूचना पर पहुंची पुलिस ने घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया, जहां इलाज के दौरान मासूम बच्ची ने भी दम तोड़ दिया। हादसे के बाद ट्रैक्टर-ट्रॉली चालक मौके से फरार हो गया, जिसकी तलाश में पुलिस जुटी है।दुर्घटना की सूचना मिलते ही जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक अस्पताल पहुंचे और घायल महिला का हालचाल जाना। पुलिस अधीक्षक घनश्याम चौरसिया ने बताया कि हादसे में कुल पांच लोगों की मौत हुई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और फरार चालक की तलाश जारी है।

सीएम योगी का शोक और निर्देश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस सड़क हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया और मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना जताई। उन्होंने जिला प्रशासन को निर्देश दिए कि घायल का समुचित इलाज कराया जाए और पीड़ित परिवार को हर संभव मदद उपलब्ध कराई जाए।
नेता विरोधी दल के गोरखपुर विरोध पर सदन में हंगामा, 15 मिनट के लिए कार्यवाही स्थगित
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र की शुरुआत सोमवार सुबह 11 बजे होते ही समाजवादी पार्टी (सपा) ने नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय के गोरखपुर दौरे के दौरान कथित अपमान और विरोध का मुद्दा उठाकर हंगामा शुरू कर दिया। सपा ने पूरे प्रकरण की जांच की मांग की।

सपा विधायक संग्राम सिंह यादव ने यह उठाया मुददा

प्रश्नकाल शुरू होते ही सपा विधायक संग्राम सिंह यादव ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए आरोप लगाया कि गोरखपुर में नेता प्रतिपक्ष को रोका गया और अपमानित किया गया। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने इस पर नेता प्रतिपक्ष से स्वयं घटना बताने को कहा। पांडेय ने सदन में बताया कि गोरखपुर में कुछ व्यापारियों की दुकानें तोड़ी जा रही थीं, जिनकी शिकायत पर वे वहां पहुंचे, लेकिन उनका विरोध हुआ, हमला हुआ और गाड़ी क्षतिग्रस्त कर दी गई।

मुख्यमंत्री का जवाब और सपा का विरोध

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सपा और लोकतंत्र एक-दूसरे के विपरीत हैं। गोरखपुर में भाजपा कार्यकर्ताओं ने नहीं, बल्कि स्थानीय व्यापारियों ने विरोध किया, जो ‘गुंडा टैक्स’ से परेशान थे। सीएम ने तंज कसते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष के कारण व्यापारियों ने “थोड़ा कम” विरोध किया, अन्यथा स्थिति और गंभीर होती। मुख्यमंत्री के जवाब से असंतुष्ट सपा सदस्य वेल में आ गए और नारेबाजी शुरू कर दी, जिसके चलते सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष का कोई अपमान नहीं हुआ, इसलिए जांच की जरूरत नहीं है।

सत्र से पहले सपा का प्रदर्शन

सत्र शुरू होने से पहले सपा विधायकों ने विधान भवन परिसर में चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के सामने धरना दिया और सरकार विरोधी नारे लगाए। विधायक अतुल प्रधान धनुष लेकर पहुंचे, जबकि विधायक इंजीनियर सचिन यादव दीक्षांत समारोह का गाउन पहनकर आए, जिस पर बेरोजगारी और युवाओं की समस्याओं से जुड़े नारे लिखे थे। सपा ने सरकार पर किसानों, युवाओं और बेरोजगारी के मुद्दे पर विफल रहने का आरोप लगाया।
मॉनसून सत्र में जनता से जुड़े सभी प्रश्नों का जवाब देगी सरकार: सीएम योगी

लखनऊ । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को विधानसभा के मानसून सत्र के शुरू होने से पहले स्पष्ट किया कि इस सत्र में जनता से जुड़े सभी प्रश्नों का जवाब सरकार पूरी गंभीरता से देगी। उन्होंने कहा कि पिछले आठ वर्षों में यूपी विधानमंडल ने अनेक उपलब्धियां हासिल की हैं, जहां जनहित के मुद्दों पर सार्थक चर्चा हुई है। इस बार भी 25 करोड़ की आबादी की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए सरकार महत्वपूर्ण एजेंडे के साथ सदन में उपस्थित है।

13 और 14 अगस्त को लगातार 24 घंटे सदन में होगी चर्चा

मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी का विधानमंडल देश का सबसे बड़ा विधानमंडल है, जिसकी चर्चाएं पूरे देश में एक नजीर के रूप में देखी जाती हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से उत्तर प्रदेश सरकार ‘विकसित यूपी’ का विजन लेकर आगे बढ़ रही है। यह विजन नीति आयोग और विशेषज्ञों के सहयोग से तैयार किया गया है, जिसमें समाज के हर वर्ग की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने बताया कि 13 और 14 अगस्त को लगातार 24 घंटे सदन में इस विजन पर चर्चा होगी, जिस पर सर्वदलीय बैठक में सहमति बनी है।

आम जनता की राय भी विजन डॉक्यूमेंट में शामिल की जाएगी

यह चर्चा न केवल विधानसभा और विधान परिषद में होगी, बल्कि आम जनता की राय भी विजन डॉक्यूमेंट में शामिल की जाएगी।योगी आदित्यनाथ ने आत्मविश्वास जताया कि 2047 तक जब भारत एक विकसित राष्ट्र बनेगा, तब उत्तर प्रदेश भी ‘विकसित उत्तर प्रदेश’ के रूप में तैयार होगा। उन्होंने कहा कि युवाओं के हित, प्रदेश के विकास और जनता की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है और जो भी प्रस्ताव सदन में आएंगे, उनका स्वागत किया जाएगा।

बाढ़, स्वास्थ्य और शिक्षा पर विशेष ध्यान

मुख्यमंत्री ने कहा कि मानसून सत्र में बाढ़, जलजमाव जैसे मौसमी मुद्दों के साथ-साथ स्वास्थ्य, शिक्षा, इन्फ्रास्ट्रक्चर, गरीब कल्याण और सभी वर्गों के उत्थान से जुड़े विषयों पर गहन चर्चा होगी। उन्होंने दावा किया कि पिछले साढ़े आठ वर्षों में प्रदेश ने विकास के क्षेत्र में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहना पाई है।

विपक्ष पर हमला

योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष, खासतौर पर समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि उनका एजेंडा विकास के बजाय नकारात्मकता पर केंद्रित रहता है। उन्होंने कहा कि पहले जब 36 घंटे की कार्यवाही का प्रस्ताव रखा गया था, तब भी सपा ने विरोध किया और असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल किया। मुख्यमंत्री ने विपक्ष से इस बार सकारात्मक और विकासोन्मुखी चर्चा में भाग लेने की अपील की।

सदन की कार्यवाही देश के लिए नजीर

मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी विधानमंडल में होने वाली चर्चाएं पूरे देश के लिए मिसाल हैं। उन्होंने सभी विधानसभा और विधानपरिषद सदस्यों का स्वागत करते हुए सत्र की सफलता की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने इसे प्रदेश के विकास और समृद्धि की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
विधानसभा सत्र आज से, सुरक्षा के कड़े इंतजाम, ड्रोन से हो रही निगरानी
लखनऊ । राजधानी में सोमवार से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र के मद्देनज़र पुलिस ने सुरक्षा के अभेद इंतज़ाम कर दिए हैं। विधानसभा भवन और आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा घेरा इतना मजबूत किया गया है कि चिड़िया भी पर नहीं मार सके। पूरे इलाके में ATS कमांडो की तीन टीमें तैनात हैं, जबकि 6 कंपनी PAC, 1 RRF और करीब 1500 पुलिसकर्मी, जिनमें महिला सिपाही भी शामिल हैं, सुरक्षा ड्यूटी पर मुस्तैद हैं।

सत्र की अवधि के लिए रूट डायवर्जन लागू

सत्र के दौरान ड्रोन से आसमान से निगरानी की जा रही है ताकि किसी भी संदिग्ध गतिविधि को तुरंत चिन्हित किया जा सके। खुफिया विभाग और पुलिस की टीमें विधानसभा के हर प्रवेश और निकास बिंदु पर पैनी नज़र रख रही हैं।यातायात पुलिस ने सत्र की अवधि के लिए रूट डायवर्जन लागू कर दिया है ताकि विधायकों और आम नागरिकों की आवाजाही में कोई बाधा न आए। सुरक्षा और सुगम ट्रैफिक प्रबंधन, दोनों पर बराबर फोकस किया जा रहा है।

विरोध-प्रदर्शन पर पूर्ण प्रतिबंध

रविवार को पुलिस कमिश्नर अमरेंद्र कुमार सेंगर ने खुद विधानसभा परिसर और आसपास के सुरक्षा प्रबंधों का बारीकी से निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों को सतर्क रहने और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश दिए।साथ ही, विधानसभा क्षेत्र में किसी भी तरह के विरोध-प्रदर्शन पर पूर्ण प्रतिबंध है। पुलिस ने स्पष्ट किया है कि आदेश का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बंदरियाबाग चौराहा से सामान्य यातायात राजभवन, डीएसओ चौराहा, हजरतगंज चौराहा, जीपीओ मोड़, विधानसभा की ओर नहीं जा सकेंगे, बल्कि यह यातायात लालबत्ती चौराहा, कैण्ट या गोल्फ क्लब चौराहा, 1090 चौराहा होकर अपने गंतव्य को जा सकेगा।
फर्जी डॉक्टर और पत्नी पर ठगी व छेड़छाड़ का आरोप, पांच के खिलाफ केस

लखनऊ । राजधानी में पारा थाना क्षेत्र में एक युवती ने खुद को डॉक्टर बताने वाले नर नारायण उपाध्याय और उसकी पत्नी गिरजा पर सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर 10.30 लाख रुपये ठगने का आरोप लगाया है। युवती का आरोप है कि नौकरी न मिलने पर विरोध करने पर आरोपी और उसके साथियों ने उसके साथ छेड़छाड़ भी की। पुलिस ने आरोपी दंपती सहित पांच लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।पीड़िता के मुताबिक, नवंबर 2020 में बलरामपुर अस्पताल में उनकी मुलाकात नर नारायण से हुई थी। उसने खुद को वहां का डॉक्टर बताते हुए स्वास्थ्य विभाग में बाबू की नौकरी लगवाने का दावा किया और इसके बदले 10 लाख रुपये मांगे।

पूरा पैसा देने के बाद भी नहीं मिली नौकरी

पीड़िता ने तीन लाख रुपये आरोपी की पत्नी के बैंक खाते में ट्रांसफर किए, जबकि 7.10 लाख रुपये नकद दिए। मई 2022 तक पूरा भुगतान होने के बावजूद नौकरी नहीं मिली।पीड़िता का कहना है कि 8 जून 2025 को आरोपी ने मिलने के बहाने बुलाया, जहां वह अपने तीन साथियों के साथ मौजूद था। आरोप है कि वहां युवती से छेड़छाड़ की गई और तमंचा दिखाकर धमकाते हुए सभी मौके से फरार हो गए।इंस्पेक्टर पारा सुरेश सिंह ने बताया कि मामले की विवेचना जारी है, साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी। वहीं बलरामपुर अस्पताल के सीएमएस डॉ. हिमांशु ने स्पष्ट किया कि नर नारायण नाम का कोई व्यक्ति न तो वर्तमान में और न ही पहले कभी अस्पताल में डॉक्टर के पद पर कार्यरत रहा है।
हाईकोर्ट में नौकरी का झांसा देकर 1.07 करोड़ की ठगी, रिपोर्ट दर्ज
लखनऊ । राजधानी में हाईकोर्ट में नौकरी दिलाने का झांसा देकर करोड़ों रुपये ठगने का मामला सामने आया है। गोमतीनगर स्थित एल्डिको ग्रीन सिटी निवासी पृथ्वीराज गोस्वामी ने कानपुर नगर के भटपुरवा निवासी संजय कुमार पर उनसे और उनके परिचितों से कुल 1.07 करोड़ रुपये हड़पने का आरोप लगाया है।

ट्रेन में यात्रा के दौरान हुई थी मुलाकात

पीड़ित की याचिका पर कोर्ट के आदेश के बाद गोमतीनगर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है।पृथ्वीराज के अनुसार, कुछ वर्ष पहले ट्रेन यात्रा के दौरान उनकी मुलाकात संजय से हुई थी। दोस्ती बढ़ने पर संजय ने दावा किया कि वह हाईकोर्ट में नौकरी लगवा सकता है। इस पर पृथ्वीराज ने अपने भाई विश्वजीत के लिए नौकरी की बात की, जिसके बदले आरोपी ने 15 लाख रुपये ले लिए।

हाईकोर्ट पहुंचे तो पता चला कि नियुक्ति पत्र है फर्जी

इसके बाद संजय ने अन्य लोगों की भी भर्ती कराने का लालच दिया। पृथ्वीराज ने अपने परिचित बिहार के नालंदा निवासी मुकेश कुमार, राजीव कुमार, गया के अजय कुमार, वीरेंद्र कुमार और विक्रम से मिलवाया। इन सभी से आरोपी ने कुल 92.49 लाख रुपये वसूल लिए। कुछ समय बाद सभी को नियुक्ति पत्र और परिचय पत्र सौंप दिए गए।लेकिन जब ये लोग हाईकोर्ट पहुंचे, तो पता चला कि सभी दस्तावेज फर्जी हैं।

पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटीं

पुलिस में शिकायत के बावजूद कार्रवाई न होने पर पृथ्वीराज ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। इंस्पेक्टर ब्रजेश चंद तिवारी ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है और ठोस सबूतों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
शारदा नहर में नहाते समय आठ वर्षीय बालक की डूबकर मौत
लखनऊ । राजधानी के पीजीआई क्षेत्र में रविवार शाम एक दर्दनाक हादसा हो गया। वृंदावन कालिंदी पार्क के पास शारदा नहर में नहाते समय आठ वर्षीय शिवम की डूबकर मौत हो गई। ईश्वरी खेड़ा निवासी शिवम के पिता मुकेश गौतम ने बताया कि उनका मूल घर काकोरी के अलीपुर क्षेत्र में है और वह मजदूरी करके परिवार का भरण-पोषण करते हैं।

जानकारी के अनुसार, रविवार की शाम करीब चार बजे शिवम घर के पास स्थित नहर में नहाने गया था। नहाते-नहाते वह गहरे पानी में चला गया और बाहर नहीं निकल पाया। घटना की खबर मिलते ही परिवारजन मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक शिवम पानी में डूब चुका था।

स्थानीय लोगों ने काफी प्रयास के बाद उसका शव नहर से बाहर निकाला।मासूम शिवम ईश्वरी खेड़ा के ज्ञान सरोवर स्कूल में तीसरी कक्षा का छात्र था। उसकी असामयिक मौत से परिवार में मातम पसर गया। मोहल्ले के लोगों ने भी इस दर्दनाक घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया और परिजनों को सांत्वना दी। वहीं, पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
अमौल गांव में संदिग्ध हालात में मिला मजदूर का शव, हत्या की आशंका
लखनऊ राजधानी के पीजीआई थाना क्षेत्र में रविवार शाम एक मजदूर की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत का मामला सामने आया है। किसान पथ सर्विस लाइन किनारे अमौल गांव के पास झाड़ियों में 32 वर्षीय रमेश गौतम का शव मिलने से इलाके में सनसनी फैल गई। घटना करीब शाम छह बजे की बताई जा रही है।

मृतक का शरीर पानी से भीगा हुआ था

परिवार के मुताबिक, रमेश रविवार सुबह करीब नौ बजे रोजाना की तरह घर से काम पर निकले थे। देर शाम तक घर न लौटने पर परिजन उन्हें खोजने लगे। इसी बीच गांव से करीब 500 मीटर दूरी पर ग्रामीणों ने झाड़ियों में उनका शव पड़ा देखा और परिजनों व पुलिस को सूचना दी।मौके पर पहुंचे इंस्पेक्टर पीजीआई धीरेंद्र सिंह ने बताया कि मृतक का शरीर पानी से भीगा हुआ था। प्रथम दृष्टया मौत के कारण स्पष्ट नहीं हैं।

मौत के कारणाों का पता लगाने में जुटीं पुलिस

रमेश चार भाइयों में तीसरे नंबर के थे और मजदूरी कर परिवार का भरण-पोषण करते थे।परिजनों ने आशंका जताई है कि रमेश की हत्या की गई है। हालांकि पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत का कारण स्पष्ट हो पाएगा। फिलहाल पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है ।रमेश की पत्नी करीब 11 साल पहले उसे छोड़कर चली गई थी। उसकी एक बेटी दीपिका है, जो उस समय मात्र एक महीने की थी। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
पत्नी पर ब्लेड से हमला कर पांच दिन तक बंधक बनाने वाला पति गिरफ्तार
लखनऊ । राजधानी में मलिहाबाद क्षेत्र में एक सनसनीखेज घरेलू हिंसा का मामला सामने आया है। ढकवा गांव की रहने वाली चांदनी ने अपने पति पिंकू पर जानलेवा हमला करने और कई दिनों तक बंधक बनाकर रखने का आरोप लगाया है। पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए रविवार को आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। पीड़िता चांदनी के अनुसार, चार अगस्त की रात करीब दस बजे किसी बात को लेकर हुए विवाद में पति पिंकू ने पहले उन्हें बेरहमी से पीटा और फिर गले पर ब्लेड से हमला किया।

पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही

आरोप है कि शोर मचाने पर आरोपी ने उनका मुंह दबा दिया और स्थानीय डॉक्टर को बुलाकर गले के घाव पर टांके लगवाए। घटना के बाद पिंकू ने चांदनी को कमरे में बंद कर दिया और करीब पांच दिन तक बाहर नहीं निकलने दिया। आठ अगस्त की दोपहर किसी तरह मौका पाकर चांदनी कमरे से बाहर निकली और थाने पहुंचकर पूरी घटना की जानकारी पुलिस को दी। इंस्पेक्टर मलिहाबाद सुरेंद्र सिंह भाटी ने बताया कि पीड़िता की तहरीर पर आरोपी पति के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है और जल्द ही आरोपपत्र न्यायालय में दाखिल किया जाएगा।
जन्माष्टमी पर यूपी पुलिस को DGP के सख्त निर्देश, चंदा व वेतन कटौती पर रोक
लखनऊ । उत्तर प्रदेश में इस वर्ष श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व 16 अगस्त को धूमधाम से मनाया जाएगा। इस अवसर पर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्णा ने सभी पुलिस आयुक्तों, जनपद प्रभारियों और सेनानायकों को विशेष निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग में इस पर्व को परंपरा के अनुसार शालीनता और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाए।

आम नागरिक से किसी भी प्रकार का चंदा न लिया जाए

निर्देशों में स्पष्ट किया गया है कि जन्माष्टमी कार्यक्रम के लिए किसी भी आम नागरिक से किसी भी प्रकार का चंदा न लिया जाए। साथ ही, पुलिसकर्मियों के वेतन से अनिवार्य रूप से कोई कटौती भी न की जाए। पुलिस महानिदेशक ने चेतावनी दी है कि ऐसे किसी भी कृत्य को गंभीरता से लिया जाएगा।

कार्यक्रमों में किसी प्रकार की न हो अशोभनीय नृत्य

इसके अलावा, पर्व के दौरान आयोजित कार्यक्रमों में किसी भी प्रकार का अशोभनीय या अश्लील नृत्य, संवाद या प्रस्तुति न हो। संबंधित अधिकारियों को आदेश दिया गया है कि वे कार्यक्रमों की पूर्व समीक्षा करें और सुनिश्चित करें कि सभी आयोजन सांस्कृतिक और पारंपरिक गरिमा के अनुरूप हों।

कानून-व्यवस्था बनाए रखने पर विशेष ध्यान दिया जाए

पुलिस महानिदेशक ने यह भी कहा कि त्योहार के दौरान सुरक्षा और यातायात व्यवस्था के साथ-साथ कानून-व्यवस्था बनाए रखने पर विशेष ध्यान दिया जाए। सभी स्तर पर यह सुनिश्चित किया जाए कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व प्रदेशभर में शांति, सौहार्द और धार्मिक श्रद्धा के साथ संपन्न हो। यह आदेश पुलिस मुख्यालय से जारी किया गया है और इसका पालन प्रदेश के सभी जिलों में अनिवार्य रूप से किया जाएगा।