स्मृति समारोह में अमर साहित्यकारों को दी गई श्रद्धांजलि


* संगोष्ठी में गूंजे तुलसी, प्रेमचंद, गुलेरी और आचार्य परशुराम चतुर्वेदी के विचार

लखनऊ। उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान द्वारा बुधवार को लखनऊ के हिन्दी भवन स्थित निराला सभागार में गोस्वामी तुलसीदास, आचार्य परशुराम चतुर्वेदी, उपन्यास सम्राट प्रेमचंद और कथा सम्राट चंद्रधर शर्मा गुलेरी की स्मृति में एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन, मां सरस्वती की वंदना और वाणी वंदना के साथ हुई।
कार्यक्रम में डॉ. हरिशंकर मिश्र, असित चतुर्वेदी, नरेन्द्र भूषण और डॉ. अलका पाण्डेय मुख्य वक्ता रहे, जिनका स्वागत संस्थान की प्रधान संपादक डॉ. अमिता दुबे ने स्मृति चिह्न भेंट कर किया। डॉ. मिश्र ने तुलसीदास को “प्रेरणा पुरुष” बताते हुए उनके लोकमंगलकारी साहित्य और संतत्व की महिमा को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, “तुलसी का साहित्य गंगा की तरह कल्याणकारी है।”
असित चतुर्वेदी ने आचार्य परशुराम चतुर्वेदी की संत साहित्य पर अमूल्य शोध की चर्चा करते हुए उन्हें “साहित्य साधना में लीन वकील” बताया और उनकी प्रसिद्ध कृति ‘उत्तरी भारत की संत परंपरा’ का उल्लेख किया। प्रेमचंद पर बोलते हुए नरेन्द्र भूषण ने कहा कि उनका साहित्य आज भी उतना ही प्रासंगिक है। उन्होंने गोदान, गबन, सेवासदन, कायाकल्प जैसी कालजयी रचनाओं के माध्यम से सामाजिक बदलाव की नींव रखी।
डॉ. अलका पाण्डेय ने चंद्रधर शर्मा गुलेरी की रचना ‘उसने कहा था’ की विशिष्टता बताते हुए उन्हें हिंदी कहानी विधा का शिल्पी कहा। कार्यक्रम के अंत में डॉ. पूनम श्रीवास्तव और उनकी टीम द्वारा तुलसी रचनाओं पर संगीतमय प्रस्तुति दी गई। डॉ. अमिता दुबे ने सभी वक्ताओं, साहित्यप्रेमियों और मीडिया का आभार व्यक्त करते हुए कार्यक्रम का संचालन किया।
सीएम युवा कॉन्क्लेव एवं एक्सपो-2025 का शुभारंभ: युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ा कदम
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल के तहत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान, गोमतीनगर, लखनऊ में दो दिवसीय सीएम युवा कॉन्क्लेव एवं एक्सपो-2025 का शुभारंभ किया। यह आयोजन मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान (मुख्यमंत्री युवा) के अंतर्गत किया गया, जिसका उद्देश्य है युवाओं को स्वरोजगार के माध्यम से आर्थिक रूप से सशक्त बनाना।
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर ‘यू.पी. मार्ट’ पोर्टल का उद्घाटन किया, जो व्यवसाय प्रारंभ करने के लिए आवश्यक संसाधनों, जानकारी और आपूर्तिकर्ताओं की सीधी पहुँच उपलब्ध कराएगा। उन्होंने एक्सपो में लगे फ्रेंचाइज़ी, बिजनेस ऑन व्हील्स, और मशीनरी ब्रांड्स के स्टॉल्स का अवलोकन किया।
एमएसएमई मंत्री राकेश सचान ने बताया कि योजना के तहत अब तक 67,897 युवाओं को ₹2,751.82 करोड़ का ऋण दिया जा चुका है। चालू वित्तीय वर्ष में अब तक 39,223 युवाओं को ₹1,607.81 करोड़ का ऋण वितरित किया गया है। योजना के तहत 21 से 40 वर्ष की आयु के प्रशिक्षित युवाओं को ₹5 लाख तक का ब्याजमुक्त, गारंटीमुक्त ऋण और 10% तक का अनुदान उपलब्ध कराया जा रहा है।
कॉन्क्लेव में 150 से अधिक फ्रेंचाइज़ी ब्रांड्स, 75 मशीनरी आपूर्तिकर्ता, 50 मोबाइल बिजनेस मॉडल्स, 25 बैंक, और प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों ने भाग लिया। कई एमओयू भी हस्ताक्षरित हुए। कार्यक्रम में योजना के 10 लाभार्थियों को चेक, और 12 को लेटर ऑफ कन्सेंट प्रदान किए गए। कार्यक्रम में सफल उद्यमियों ने प्रेरक कहानियाँ साझा कीं, और विशेषज्ञों ने पैनल चर्चा के माध्यम से व्यवसाय प्रारंभ करने, विपणन, नवाचार और वित्तीय प्रबंधन पर उपयोगी मार्गदर्शन दिया। इस दो दिवसीय आयोजन में प्रदेशभर से आए 5,000 युवाओं ने भाग लिया और स्वरोजगार की संभावनाओं को नज़दीक से देखा व अपनाने की प्रेरणा ली। सरकार ने इसे युवाओं को आत्मनिर्भर भारत की दिशा में मजबूत भागीदारी देने वाला कदम बताया है।
लखनऊ में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की बैठक, प्रदेश में पिछड़ा वर्ग सशक्तिकरण की योजनाओं की समीक्षा
लखनऊ। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष हंसराज गंगाराम अहीर की अध्यक्षता में बुधवार को लखनऊ स्थित वीवीआईपी गेस्ट हाउस में एक महत्त्वपूर्ण प्रदेश स्तरीय बैठक आयोजित की गई। बैठक का उद्देश्य केंद्र और राज्य के बीच समन्वय स्थापित करते हुए पिछड़ा वर्ग कल्याण योजनाओं की समीक्षा और आगे की रणनीति तय करना था।
बैठक में आयोग के सदस्य भुवन भूषण कमल, सचिव मीता राजीव लोचन, उत्तर प्रदेश के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेंद्र कश्यप, यूपी पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष राजेश वर्मा, प्रमुख सचिव सुभाष चंद्र शर्मा और निदेशक डॉ. वंदना वर्मा सहित कई विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक के दौरान आयोग की भूमिका, कार्यप्रणाली, बजट, संसाधनों और अब तक किए गए कार्यों का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया गया। जातीय अनुसूचियों का अद्यतन, सामाजिक-आर्थिक अध्ययन, और केंद्र सरकार को भेजी गई संस्तुतियाँ बैठक के मुख्य बिंदु रहे। साथ ही, उन जातियों और उपजातियों की सूची भी साझा की गई जो अब तक भारत सरकार की केंद्रीय सूची में शामिल नहीं हो पाई हैं।
मंत्री नरेंद्र कश्यप ने कहा कि राज्य सरकार पिछड़ा वर्ग समाज के सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है और आयोग से केंद्र सूची में वंचित जातियों को जल्द शामिल कराने की संस्तुति भेजने का अनुरोध किया। उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष राजेश वर्मा ने राज्य स्तर पर किए गए सर्वेक्षणों, जनसुनवाइयों और अध्ययनों की जानकारी दी और राज्य व केंद्र आयोग के बीच बेहतर समन्वय की आवश्यकता बताई।
अंत में अध्यक्ष हंसराज अहीर ने उत्तर प्रदेश सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि प्रदेश की पहलें अन्य राज्यों के लिए प्रेरणा बन सकती हैं और आयोग राज्य के साथ मिलकर कार्य करने को पूरी तरह तत्पर है।

इंतजार खत्म पीएम किसान योजना की 20वीं किस्त 2 अगस्त को
* प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी काशी से किसानों के खाते में ट्रांसफर करेंगे 2-2 हजार रुपये

लखनऊ /वाराणसी। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM-KISAN) की 20वीं किस्त का इंतजार कर रहे किसानों के लिए खुशखबरी है। 2 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वाराणसी से देशभर के किसानों को 2-2 हजार रुपये की किस्त डिजिटल माध्यम (DBT) से उनके बैंक खातों में ट्रांसफर करेंगे।
यह किस्त पीएम किसान योजना की 20वीं किस्त होगी। अब तक सरकार इस योजना के तहत किसानों को 19 किस्तों में 6 हजार रुपये प्रति वर्ष की दर से आर्थिक सहायता देती आ रही है। इस योजना का लाभ देश के करोड़ों पात्र किसानों को मिल रहा है।
केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि 2 अगस्त को आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री सीधे किसानों से संवाद भी करेंगे। यह कार्यक्रम काशी (वाराणसी) से होगा और देशभर के किसान इसे डिजिटल माध्यम से देख सकेंगे।
सरकार की इस योजना का उद्देश्य छोटे और सीमांत किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान कर उनकी आय को स्थिर और कृषि को सशक्त बनाना है। किसान पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन, ई-केवाईसी और भू-अभिलेख सत्यापन कराने वाले किसानों को ही योजना का लाभ मिलेगा।
बिजनौर की ‘विदुर कुटी’ बनेगी प्रमुख पर्यटन स्थल, 20 करोड़ की विकास योजना को मिली मंजूरी
* पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने दी जानकारी, स्थानीय रोजगार को मिलेगा बढ़ावा

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने बिजनौर जिले में स्थित ऐतिहासिक महाभारतकालीन स्थल विदुर कुटी को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए 20 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी है। यह जानकारी प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी।
महात्मा विदुर की तपोस्थली विदुर कुटी धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मानी जाती है। इसे महाभारत सर्किट के प्रमुख गंतव्य के रूप में विकसित किया जा रहा है। मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि इस परियोजना से न केवल धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय रोजगार और ओडीओपी के तहत लकड़ी नक्काशी उद्योग को भी मजबूती मिलेगी।
परियोजना के अंतर्गत प्रवेश द्वार, सौंदर्यीकरण, प्रकाश व्यवस्था, सूचना केंद्र, शौचालय, पेयजल, विश्राम स्थल आदि सुविधाएं विकसित की जाएंगी। इससे विदुर कुटी को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर एक नई पहचान मिलेगी। इसके साथ ही मंत्री ने बिजनौर जिले में इको टूरिज्म की संभावनाओं का भी ज़िक्र किया। अमानगढ़ टाइगर रिजर्व और हैदरपुर वेटलैंड को उन्होंने प्रकृति प्रेमियों के लिए आकर्षण का केंद्र बताया। उन्होंने कहा कि ये स्थल न केवल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा दे रहे हैं, बल्कि होम स्टे मॉडल के जरिए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी सशक्त बना रहे हैं।
महात्मा विदुर, जो कुरुवंश के महामंत्री थे, ने महाभारत युद्ध रोकने के प्रयास में हस्तिनापुर छोड़ दिया था और गंगा के तट पर निवास करने लगे थे। मान्यता है कि श्रीकृष्ण भी उनसे मिलने विदुर कुटी आए थे। आज भी यहां उनके पदचिन्ह संगमरमर पर सुरक्षित हैं और श्रद्धालु उनके दर्शन के लिए आते हैं।
बाराबंकी में हाईवे किनारे झाड़ियों में मिला महिला आरक्षी का शव, साथी सिपाही पर लगाया था दुष्कर्म का आराेप

लखनऊ । बाराबंकी जनपद में बुधवार सुबह उस समय सनसनी फैल गई जब मसौली थाना क्षेत्र के हाइवे किनारे एक महिला आरक्षी का शव झाड़ियों में पड़ा मिला। वर्दी में मिली आरक्षी की लाश को देख प्रथम दृष्टया हत्या की आशंका जताई जा रही है। मृतका की पहचान सुलतानपुर निवासी विमलेश पाल (24), आरक्षी 2017 बैच के रूप में हुई है, जो इन दिनों रामनगर महादेवा में विशेष ड्यूटी पर तैनात थी। मौके पर पहुंचे आईजी अयोध्या रेंज व एसपी बाराबंकी ने जांच-पड़ताल कर फॉरेंसिक टीम के साथ साक्ष्य संकलित कराए।

विमलेश की ड्यूटी रामनगर महादेवा में लगी थी

पुलिस महानिरीक्षक प्रवीण कुमार ने बताया कि मसौली थाना क्षेत्र स्थित हाइवे के किनारे जिस महिला सिपाही का शव मिला है, उसकी पहचान सुलतानपुर निवासिनी विमलेश पाल (24) के रूप में हुई है। वह 2017 बैच की आरक्षी और उसकी तैनाती सुबेहा थाना में थी। इस समय उसकी विशेष ड्यूटी रामनगर महादेवा में लगी थी। बुधवार की सुबह महिला सिपाही की लाश हाइवे के किनारे वर्दी में मिली है। सूचना पर पहुंची पुलिस ने फाेरेंसिक टीम के साथ घटनास्थल की जांच कर साक्ष्य एकत्र किया है।सिपाही के चेहरे को जलाया गया था। वह 4 दिन से लापता थी।

महिला ने साल 2024 में साथी सिपाही पर दुष्कर्म का लगाया था आरोप

आईजी ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह बात सामने निकलकर आई है कि महिला आरक्षी विमलेश की विभाग के ही एक सिपाही से बोलचाल थी। उसने वर्ष 2024 में बाराबंकी कोतवाली में साथी सिपाही पर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था। मजिस्ट्रेट के समक्ष 164 के बयान में महिला सिपाही ने स्वीकारा कि उसने कोर्ट मैरिज कर ली हैं, लिहाजा इस पर कोई कार्रवाई नहीं चाहती हैं।आईजी ने बताया कि जांच में पुलिस के हाथ जो साक्ष्य लगे हैं उससे यहां आशंका जताई जा रही है कि किसी खास मोटिव से महिला सिपाही की हत्या की गई है। शव को पोस्टमार्ट भेजकर विमलेश के साथ रहने वाले सिपाही की तलाश में पुलिस की टीमें लगाई गई है। शीघ्र ही मामले का खुलासा किया जाएगा।

माल थानाक्षेत्र में अधेड़ की चाकूओं से गोदकर निर्मम हत्या
शहजाद अहमद खान, मलिहाबाद, लखनऊ । राजधानी के मलिहाबाद क्षेत्र में अपराध की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है। आये दिन हत्या, लूट व चोरी की घटनाओं से लोग भयभीत है। रहीमाबाद के बाद अब थाना माल क्षेत्र के मड़वाना गांव में उस वक्त सनसनी फैल गई जब गांव के अधेड़ राजू गौतम (पुत्र चंदी गौतम) की दबंगों ने चाकुओं से गोदकर हत्या कर दी। जबकि अभी इसी क्षेत्र में  दो दिन पहले ही पत्नी की हत्या की वारदात का मामला ठंडा भी नहीं पड़ा था, कि अब फिर से खून-खराबे की घटना ने दहशत फैला दी है।

परिजन गांव के ही कुछ लोगों पर लगा रहे हत्या का आरोप

राजू गौतम अपने पीछे एक बेटा और दो बेटियों का परिवार छोड़ गए हैं, जिनमें से एक बेटी की शादी हो चुकी है। गांव के ही कुछ लोगों पर हत्या का आरोप लगा है। सूत्रों के अनुसार पुरानी रंजिश को लेकर राजू को निशाना बनाया गया।घटना की सूचना पर थाना प्रभारी नवाब अहमद तत्काल पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और संदिग्धों की तलाश जारी है। वहीं क्षेत्र में दो हत्याएं होने से लगातार तनाव का माहौल बना हुआ है। ग्रामीणों में भय व आक्रोश है।

पुलिस तीन को हिरासत में लेकर कर रही पूछताछ

अपर पुलिस उपायुक्त उत्तरी जितेंद्र कुमार दुबे ने बताया कि बुधवार की सुबह आठ बजे के आसपास प्रभारी निरीक्षक को सूचना मिली कि गांव मड़वाना में 55 वर्षीय राजू की हत्या कर दी गई है। इस सूचना प्रभारी निरीक्षक माल व उच्चाधिकारी द्वारा घटना स्थल का निरीक्षण किया गया। फील्ड यूनिट को बुलाकर साक्ष्य एकत्र किए गए। मृतक के शरीर पर जो चोट के निशान मिले उसका परीक्षण भी किया गया। इसके अलावा परिजनों से तहरीर प्राप्त कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। मौके से पुलिस ने तीन को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।

पकरा गांव  में ही रविवार को पति ने पत्नी की ईंट से कूचकर उतार दिया था मौत के घाट

रविवार की सुबह पकरा गांव में आपसी विवाद में पति ने पत्नी की ईंट से कूचकर बेरहमी से हत्या कर दी। इस घटना के वक्त उनकी चार साल की बेटी पलक घर के बाहर खेल रही थी। जैसे ही वह अंदर आई, उसने अपनी मां सीमा (25) को खून से लथपथ हालत में तड़पते देखा। यह दृश्य देख बच्ची जोर-जोर से रोने लगी। शोर सुनकर आस-पास के लोग इकट्ठा हुए और सीमा को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां से गंभीर हालत में ट्रॉमा सेंटर रेफर किया गया। इलाज के दौरान सीमा की मौत हो गई। हालांकि इस मामले में घटना के दूसरे दिन आरोपी पति भी फांसी पर लटकर जान दे दी थी।


बखतौरी गांव में सोमवार को बहन के सामने भाई की कर दी गई थी निर्मम हत्या

रहीमाबाद के ग्राम बखतौरी में सोमवार देर रात एक दिल दहला देने वाली घटना में पुरानी जमीनी रंजिश के चलते 32 वर्षीय युवक अमन दीक्षित की बेरहमी से हत्या कर दी गई। हमलावरों ने घर में घुसकर ईंट और धारदार हथियार से हमला किया। यह निर्मम वारदात मृतक की बहन राधिका की आंखों के सामने अंजाम दी गई, जिसने जान बचाकर किसी तरह पुलिस को सूचना दी। इस दोनों घटनाओं के बाद अब तीसरी वारदात हो गई। इसमें अधेड़ को चाकूओं से गाेदकर हत्या कर दी है। पुलिस एक घटना का खुलासा कर नहीं पा पर रही कि दूसरी हो जा रही है। लगातार क्षेत्र में अपराध की घटना होने से लोग भयभीत है।
वाराणसी में तितली गिरोह का सरगना और साथी मुठभेड़ में गिरफ्तार
लखनऊ । वाराणसी में सक्रिय तितली गैंग के शातिर अपराधियों को पकड़ने में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। लंका थाना क्षेत्र में देर रात हुई मुठभेड़ के दौरान गैंग का सरगना और उसका एक साथी गिरफ्तार कर लिया गया। फायरिंग के जवाब में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए एक बदमाश को घायल कर दबोच लिया। आरोपियों के पास से असलहा, कारतूस, चोरी के उपकरण और बाइक बरामद की गई है।

निकले थे किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने

एडीसीपी काशी जोन सरवणन टी. ने बुधवार पत्रकारों को मुठभेड़ में पकड़े गए बदमाशाें की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बीती देर रात सूचना मिली कि तितली गैंग के दो शातिर चोर किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने के लिए निकले हैं। इस सूचना पर भेलूपुर और लंका पुलिस की संयुक्त टीम ने बदमाशों की लोकेशन के आधार पर लौटूबीर पुलिया के पास चेकिंग करने लगी। इस दौरान दो संदिग्ध युवक बाइक से आते दिखे। पुलिस टीम ने उन्हें रूकने का संकेत किया। इस पर बाइक सवार फायर करते हुए भागने लगे।

गिरफ्तार अभियुक्त के ऊपर कुल 16 मुकदमे

दोनों बदमाशों का पीछा कर पुलिस टीम ने जवाबी कार्रवाई में गोली चलाई। इसमें एक बदमाश के पैर में गोली जा लगी और दोनों बाइक समेत गिर पड़े। पुलिस टीम ने दोनों बदमाशाें काे पकड़ते हुए पूछताछ की। गिरफ्तार बदमाशों में नगवा लंका निवासी सचिन रावत और भगवानपुर लंका निवासी समीर सोनकर हैं।एडीसीपी के अनुसार सचिन रावत 'तितली गैंग' का मुख्य संचालक है, जो चोरी की घटनाओं के साथ-साथ अन्य आपराधिक गतिविधियों में लिप्त है। सचिन के ऊपर 16 मुकदमे और उसके साथी पर नाै मुकदमे पहले से दर्ज हैं।

बंद मकानों को बनाते हैं निशाना

एडीसीपी ने बताया कि तितली गैंग में आठ दस अपराधी शामिल हैं। मुठभेड़ में पकड़े गए दोनों बदमाशों ने अन्य साथियों के साथ मिलकर कुछ दिन पहले भेलूपुर दुर्गाकुंड इलाके में बंद मकान में चोरी की घटना को अंजाम दिया था। दोनों के खिलाफ विधिक कार्रवाई की जा रही है।
फर्जी दस्तावेजों से करोड़ों का घोटाला, गोरखपुर में दो आरोपी गिरफ्तार

लखनऊ । आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन (EOW), उत्तर प्रदेश ने अनुसूचित जाति के लिए जारी करोड़ों रुपये की ऋण अनुदान राशि का गबन करने के मामले में बर्खास्त डाककर्मी शैलेंद्र कुमार और उसके सहयोगी परशुराम को गिरफ्तार किया है। इन दोनों को क्रमशः पटना (बिहार) और गोरखपुर से दबोचा गया।

फर्जी लाभार्थियों के नाम पर निकाल लिए थे 1.12 करोड़

यह मामला वर्ष 2011-16 के बीच गोरखपुर जनपद में संचालित स्वतः रोजगार योजना से जुड़ा है, जिसके तहत 83 फर्जी लाभार्थियों के नाम पर कुल 1.12 करोड़ से अधिक की राशि जारी की गई थी। इनमें से सिर्फ 20,000 ही असली लाभार्थियों तक पहुंचे, जबकि शेष रकम डाकघर बेतियाहाता व सिविल लाइंस शाखा से नकद निकाल कर अभियुक्तों ने आपस में बांट ली।

दोषी पाये जाने के बाद डाक विभाग ने सेवा से कर दिया था बर्खास्त

शैलेंद्र कुमार उस समय कूड़ाघाट डाकघर में कार्यरत था। उसने फर्जी खाता खोलकर सरकारी रकम अपने नाम ट्रांसफर कराई। वर्ष 2022 में इस घोटाले के एक अन्य मामले में भी उसे दोषी पाए जाने पर डाक विभाग ने सेवा से बर्खास्त कर दिया था।इस प्रकरण में पहले ही 3 अभियुक्त गिरफ्तार किए जा चुके हैं, जबकि अन्य के विरुद्ध न्यायिक प्रक्रिया चल रही है। पुलिस महानिदेशक ईओडब्ल्यू के निर्देश पर चलाए गए 'शिंकजा' अभियान के तहत यह गिरफ्तारी की गई।
हत्या के 15 साल पुराने मामले में पांच दोषियों को सजा, मुख्य आरोपी को उम्रकैद ,ऑपरेशन कन्विक्शन के तहत पुलिस को बड़ी सफलता

लखनऊ । राजधानी नगराम थाना क्षेत्र में करीब 15 साल पुराने एक हत्या के प्रयास के मामले में अदालत ने पांच आरोपियों को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई है। इस मामले में मुख्य आरोपी मंशाराम को आजीवन कारावास और 50,000 रुपये जुर्माने की सजा दी गई है, जबकि चार अन्य आरोपियों आशाराम, रामप्रकाश, मायाराम और मेवालाल  को पांच-पांच साल का कठोर कारावास और 5,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है।
यह कार्रवाई उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा चलाए जा रहे ‘ऑपरेशन कन्विक्शन’ अभियान के अंतर्गत की गई, जिसका मकसद गंभीर अपराधों में दोषियों को सजा दिलाना है।

जानिये क्या था पूरा मामला

यह घटना वर्ष 2009 में नगराम थाना क्षेत्र के ग्राम पटवाखेड़ा मजरा समेसी की है। वादी चंद्रशेखर द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर के अनुसार, उनके पिता मक्का पासी खेत की रखवाली कर रहे थे, तभी पुरानी रंजिश के चलते मंशाराम, आशाराम, रामप्रकाश, मायाराम और मेवालाल ने लाठी, डंडों और कुल्हाड़ी से उन पर जानलेवा हमला कर दिया। हमले में मक्का पासी गंभीर रूप से घायल हो गए और इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। पुलिस ने तत्कालीन धारा 147, 148, 149, 302, 307, 323, 504, 506 व 34 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की थी।जांच पूरी होने के बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की थी। मुकदमे की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने मजबूत साक्ष्य और गवाहों के आधार पर आरोपियों को दोषी साबित किया।

दोषियों को क्या सजा मिली

मामले की सुनवाई लखनऊ की अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, कोर्ट नंबर-21 में हुई। लगभग 15 साल की कानूनी प्रक्रिया के बाद कोर्ट ने मंगलवार को निम्न निर्णय सुनाया। मंशाराम पुत्र रघुनाथ पासी  धारा 302 में उम्रकैद और 50,000 जुर्माना। इसके अलावा अन्य धाराओं में अलग-अलग सजाएं भी सुनाई गईं, जो साथ-साथ चलेंगी। आशाराम, रामप्रकाश, मायाराम और मेवालाल (सभी पुत्र रघुनाथ पासी) – धारा 307/34 में 5-5 साल का कठोर कारावास और 5,000 रुपये जुर्माना। अन्य धाराओं में भी सजा दी गई।

पुलिस और अभियोजन की अहम भूमिका

यह फैसला लखनऊ पुलिस और अभियोजन विभाग के समन्वय से लिया गया। पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश के निर्देश पर ‘ऑपरेशन कन्विक्शन’ अभियान के तहत इस केस की गंभीरता से पैरवी की गई।इसमें पुलिस उपायुक्त (दक्षिणी), अपर पुलिस उपायुक्त (दक्षिणी), सहायक पुलिस आयुक्त मोहनलालगंज और थानाध्यक्ष नगराम ने सक्रिय भूमिका निभाई।वहीं, मुकदमे की लगातार पैरवी हेड कांस्टेबल मनीष तिवारी द्वारा की गई, जिससे दोषियों को सजा दिलाई जा सकी।

अपराधियों को जल्दी सजा दिलाने को चलाया जा रहा ऑपरेशन कन्विक्शन

उत्तर प्रदेश पुलिस का ‘ऑपरेशन कन्विक्शन’ पुराने गंभीर अपराधों में दोषियों को सजा दिलाने के लिए चलाया जा रहा अभियान है। इसका मुख्य उद्देश्य न्याय में देरी को समाप्त करना और अपराधियों को सख्त सजा दिलवाना है।लखनऊ पुलिस की इस सफलता को न्याय व्यवस्था में विश्वास बहाल करने वाला कदम माना जा रहा है। साथ ही यह भी दर्शाता है कि वर्षों पुराने मामलों में भी पुलिस और अभियोजन जब संगठित रूप से काम करें, तो अपराधियों को सजा दिलाना संभव है।