हरिद्वार : कांवड़ यात्रा के बाद अब सफाई व्यवस्था की चुनौती
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हरिद्वार, उत्तराखंड। विश्व की सबसे बड़ी धार्मिक यात्रा मानी जाने वाली कांवड़ यात्रा इस वर्ष 11 जुलाई से प्रारंभ होकर श्रावण मास की शिवरात्रि तक शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गई। परंतु करोड़ों श्रद्धालुओं की भागीदारी के बाद अब हरिद्वार प्रशासन के सामने सफाई एक बड़ी चुनौती बनकर उभरी है।
प्रशासनिक आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष साढ़े चार करोड़ से अधिक कांवड़िए गंगा जल भरने के लिए हरिद्वार पहुंचे। इन श्रद्धालुओं द्वारा छोड़े गए कचरे के कारण लगभग 8 से 10 हजार मीट्रिक टन कूड़ा हरिद्वार नगर क्षेत्र में एकत्र हो गया है।
हरिद्वार जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि यात्रा के दौरान अत्यधिक भीड़ और वाहनों की आवाजाही के कारण कूड़ा वाहनों का संचालन संभव नहीं हो पा रहा था, जिससे नियमित सफाई प्रभावित हुई। नगर निगम के मुख्य नगर आयुक्त नन्दन कुमार ने बताया कि सफाई कार्य युद्ध स्तर पर शुरू कर दिया गया है और करीब 1,000 सफाईकर्मी, 15 ट्रैक्टर ट्रालियां, 8 CNG वाहन, लोडर, टिपर और अन्य संसाधन लगाए गए हैं।
विशेष रूप से हरकी पैड़ी, मोती बाजार, अलकनंदा, पंतद्वीप घाट जैसे क्षेत्रों में सफाई अभियान तेज किया गया है। प्लास्टिक पर प्रतिबंध के बावजूद कांवड़ियों द्वारा छोड़ी गई पॉलीथिन, कप, गिलास और चादरें सफाई को कठिन बना रही हैं। श्री गंगा सभा के अध्यक्ष नितिन गौतम ने बताया कि संस्था भी घाटों की सफाई में जुटी है और घाटों की धुलाई का कार्य किया जा रहा है। साथ ही, कीटनाशकों का छिड़काव और निगरानी टीमों की तैनाती की गई है।
Jul 27 2025, 14:23