संसद रत्न पुरस्कार से नवाजे गए रवि किशन समेत 17 सांसद, लोकसभा में बेहतरीन प्रदर्शन करने वालों को सम्मान

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लोकसभा में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए 17 सांसदों को रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इन सांसदों में एनसीपी (एसपी) नेता सुप्रिया सुले, बीजेपी नेता रवि किशन, निशिकांत दुबे और शिवसेना (यूबीटी) नेता अरविंद सावंत आदिर शामिल हैं। इन सांसदों ने लोकसभा में अपना अमूल्य योगदान दिया है। इसके अलावा चार सांसदों को विशेष जूरी पुरस्कार दिया।

तीन कार्यकालों में संसदीय लोकतंत्र में निरंतर योगदान देने वाले चार सांसदों को चार विशेष जूरी पुरस्कार दिए गए। इसमें ओडिशा से भाजपा सांसद भर्तृहरि महताब, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी, केरल के सांसद एनके प्रेमचंद्रन, एनसीपी शरद की सांसद सुप्रिया सुले, शिवसेना सांसद श्रीरंग अप्पा बार्ने शामिल हैं।

इसके अलावा अन्य पुरस्कार विजेता सांसदों में संसद रत्न पुरस्कार पाने वाले सांसदों में स्मिता उदय वाघ (भाजपा), नरेश म्हस्के (शिवसेना), वर्षा गायकवाड़ (कांग्रेस), मेधा कुलकर्णी (भाजपा), प्रवीण पटेल (भाजपा), विद्युत बरन महतो (भाजपा) और दिलीप सैकिया (भाजपा) शामिल हैं।

दो स्थायी समितियों को भी किया गया सम्मानित

इस पुरस्कार के अलावा संसद की प्रभावशाली स्थायी समितियों को भी सम्मानित किया गया। जिसमें भर्तृहरि महताब की अध्यक्षता वाली वित्त संबंधी स्थायी समिति और डॉ. चरणजीत सिंह चन्नी (कांग्रेस) की अध्यक्षता वाली कृषि संबंधी स्थायी समिति शामिल है। इन समितियों को उनकी रिपोर्टों की गुणवत्ता और विधायी निगरानी में योगदान के लिए सम्मानित किया गया।

किन्हें मिलता है संसद रत्न पुरस्कार?

संसद रत्न पुरस्कार की शुरुआत 2010 में हुई थी और यह पुरस्कार उन सांसदों को दिए जाते हैं जो पारदर्शिता, जवाबदेही और लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूती देने के लिए संसद में सक्रिय रहते हैं। इसका उद्देश्य सांसदों को प्रोत्साहित करना और जनता के बीच संसदीय कार्यवाही को लोकप्रिय बनाना है। ये पुरस्कार संसद में सक्रियता, बहस में भागीदारी, प्रश्न पूछने और विधायी कामकाज में योगदान के आधार पर दिए जाते हैं। यह पुरस्कार प्राइम प्वाइंट फाउंडेशन की तरफ से शुरू किया गया है।

'राहुल गांधी साबित होंगे दूसरे आंबेडकर', उदित राज के दावे ने बढ़ाई सियासी हलचल

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राहुल गांधी ने एक बार फिर जाति जनगणना का जिक्र कर देश का सियासी पारा हाई कर दिया है। कांग्रेस नेता डॉ. उदित राज के एक बयान ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है। उन्होंने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की तुलना संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर से कर दी है। उदित राज ने कहा है कि राहुल गांदी देश के दूसरे अंबेडकर साबित होंगे।

दरअसल तेलंगाना में जाति जनगणना को समाज का एक्स-रे बताते हुए, राहुल गांधी इसे पूरे देश में लागू करना चाहते हैं। तेलंगाना में राज्य सरकार एससी और एसटी समुदायों के निवेशकों को कॉर्पोरेट क्षेत्र में प्रोत्साहित करने के लिए कई योजनाएं चला रही है। तेलंगाना की इसी पहल को लेकर कांग्रेस नेता उदित राज का एक बयान सामने आया हैं। उदित राज ने कहा कि जिस तरह तेलंगाना सरकार एससी और एसटी समुदायों के लिए योजना चला रही है। 

राहुल गांधी की सोच में गहरी दूरदर्शिता-उदित राज

दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए उदित राज ने कहा, जो तेलंगाना में डेटा इकट्ठा हुआ है, जो समाज का एक्स-रे वहाँ हुआ है, वही राहुल गांधी पूरे देश में करना चाहते हैं। राहुल गांधी की सोच में गहरी दूरदर्शिता है। अगर पिछड़ों और दलितों को ऊपर लाया गया तो देश की अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा। उदित राज ने यह भी कहा कि जो लोग राहुल गांधी की सोच को समझेंगे, खासकर ओबीसी वर्ग, वे उन्हें भविष्य में सामाजिक क्रांति का नेतृत्व करने वाला मानेंगे। अगर ओबीसी वर्ग राहुल गांधी की बात को समझे और उनके रास्ते पर चल पड़ा, तो वे उनके लिए दूसरे आंबेडकर साबित हो सकते हैं।

जो अब तक नहीं किया, अब करूंगा

राहुल गांधी ने तालकटोरा स्टेडियम में भाषण देते हुए कहा कि मैं 2004 से राजनीति कर रहा हूं। अपने इस करियर में मैंने बहुत से काम अच्छे किए लेकिन कुछ कमी भी रह गई। उन्होंने कहा कि मेरी सबसे बड़ी कमी है कि मैंने ओबीसी वर्ग के लिए कुछ नहीं किया। वह मेरी गलती है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा जो मैं ओबेसी के लिए मैं अब तक नहीं कर पाया उसे अब करूंगा। उन्होंने अपना वीडियो सोशल मीडिया पर साझा करते हुए लिखा कि देश की उत्पादक शक्ति को सम्मान और हिस्सेदारी दिलाकर रहूंगा। जो काम ओबीसी वर्ग के लिए अब तक नहीं कर पाया, उसे दोगुनी स्पीड से करूंगा।

देश में होगा मतदाता सूची गहन पुनरीक्षण, बिहार में जारी विरोध के बावजूद चुनाव आयोग का बड़ा ऐलान

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चुनाव आयोग द्वारा बिहार में किए जा रहे मतदाता सूची गहन पुनरीक्षण का विपक्ष द्वारा संसद से लेकर सड़क तक विरोध किया जा रहा है। इस भारी विरोध के बीच चुनाव आयोग ने बड़ी घोषणा की है। भारत निर्वाचन आयोग ने अब देश भर में मतदाता सूची की व्यापक जांच और सत्यापन के लिए एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। चुनाव आयोग ने कहा है कि देशभर में मतदाता सूची गहन पुनरीक्षण यानी एसआईआर का काम अब शुरू करने का फैसला किया गया है और जल्द ही इसके लिए शेड्यूल जारी कर दिया जाएगा।

अगस्त 2025 से पूरे देश में होगा एसआईआर

चुनाव आयोग ने निर्देश दिया है कि अगस्त 2025 से पूरे देश में मतदाता सत्यापन प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य अवैध मतदाताओं, विशेष रूप से बांग्लादेश, नेपाल और म्यांमार जैसे देशों से आए संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान करना और उनकी फर्जी वोटर आईडी को हटाना है। इसके लिए मतदाताओं को अपनी नागरिकता, पहचान और निवास स्थान साबित करने के लिए दस्तावेज जमा करने होंगे।

क्यों उठाया यह कदम?

चुनाव आयोग का कहना है कि यह कदम स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। मतदाता सूची में गड़बड़ियों को रोकने और फर्जी मतदान को खत्म करने के लिए यह सत्यापन जरूरी है। आयोग ने बायोमेट्रिक सत्यापन और आधार से लिंकेज जैसे उपायों को भी बढ़ावा दिया है, जिससे मतदाता पहचान की प्रामाणिकता बढ़ाई जा सके। चुनाव आयोग ने बीती 24 जून को ही इस संबंध में आदेश जारी कर दिया था और कहा था कि संवैधानिक कर्तव्य के तहत और मतदाता सूची की अखंडता और सुरक्षा के लिए यह मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण का काम किया जाएगा। 

एसआईआर पर बिहार विधानसभा और संसद में हंगामा

पिछले महीने 24 जून को निर्वाचन आयोग ने बिहार में विशेष मतदाता गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का निर्देश दिया था। यह 25 जून से 26 जुलाई 2025 के बीच होना है। बिहार में जून 2024 से शुरू हुए विशेष गहन पुनरीक्षण में अब तक 88% मतदाताओं का सत्यापन पूरा हो चुका है, और लगभग 5% अवैध प्रविष्टियां हटाई गई हैं। हालांकि, इस प्रक्रिया को लेकर विवाद भी सामने आए हैं। विपक्ष द्वारा मतदाता सूची गहन पुनरीक्षण करने का भारी विरोध किया जा रहा है। बिहार विधानसभा और संसद में इस मुद्दे पर हंगामा हुआ।

56 लाख मतदाताओं के नाम काटे जाने का दावा

दावा किया जा रहा है कि पुनरीक्षण में बिहार में कम से कम 56 लाख मतदाताओं के नाम कट सकते हैं। इसमें 20 लाख मतदाताओं का निधन हो चुका है। 28 लाख ऐसे मतदाताओं की पहचान की गई जो अपने पंजीकृत पते से स्थाई रूप से पलायन कर गए हैं। वहीं, एक लाख मतदाता ऐसे हैं जिनका कुछ पता नहीं है। 7 लाख मतदाता एक से अधिक स्थान पर पंजीकृत पाए गए हैं।

पूरी दुनिया पर चला मोदी मैजिक: फिर बने सबसे लोकप्रिय नेता, जानें ट्रंप को मिला कौन सा स्थान

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केवल भारत में ही दुनियाभर के देशों में सबसे पसंदीदा नेता हैं। दुनियाभर में उनकी लोकप्रियता सिर चढ़कर बोल रही है। इस बीच एक बार फिर भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता चुना गया है। पीएम मोदी न सिर्फ सबसे लोकप्रिय नेता चुने गए हैं बल्कि उन्होंने अच्छे खासे अंतर से दूसरे नेताओं को पीछे छोड़ा है। इस सूची में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से लेकर इटली की जॉर्जिया मेलोनी तक शामिल हैं।

75% अप्रूवल रेटिंग के साथ मोदी पहले स्थान पर

अमेरिका की बिजनेस इंटेलिजेंस कंपनी मॉर्निंग कंसल्ट के एक सर्वे के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुनिया के नेताओं में 75% अप्रूवल रेटिंग के साथ सबसे लोकप्रिय लोकतांत्रिक नेता हैं। वहीं 18 प्रतिशत ने इसके विपरीत मत दिया। 7 प्रतिशत लोग ऐसे थे, जिन्होंने कोई मत नहीं दिया। यह डेटा 4 से 10 जुलाई 2025 के बीच सर्वे करके इकट्ठा किया गया। साउथ कोरिया के राष्ट्रपति ली जे म्युंग 59% के साथ दूसरे स्थान पर हैं। ये दिखाता है कि पीएम मोदी न सिर्फ सबसे लोकप्रिय नेता चुने गए हैं बल्कि उन्होंने अच्छे खासे अंतर से दूसरे नेताओं को पीछे छोड़ा है।

ट्रंप 45% से कम अप्रूवल के साथ आठवें स्थान पर

इस सर्वे में तीसरे स्थान पर अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर मिलेई हैं, जिनकी अप्रूवल रेटिंग 57 प्रतिशत है। कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी चौथे स्थान पर हैं, जिन्हें 56 प्रतिशत लोगों का समर्थन मिला है। इसी तरह पांचवें स्थान पर ऑस्ट्रेलियाई पीएम एंथनी एल्बानीस, छठे स्थान पर मेक्सिको की नेता क्लाउडिया शिनबाम का नाम है। चौंकाने वाली बात ये है कि दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस सूची में आठवें स्थान पर हैं और सिर्फ 44 प्रतिशत लोगों ने ही उन्हें स्वीकार्य नेता माना है जबकि 50 प्रतिशत ने इसके खिलाफ मत दिया।

सितंबर 2021 से लगातार पहले स्थान पर बने हुए हैं मोदी

मॉर्निंग कंसल्ट के ग्लोबल लीडर अप्रूवल ट्रैकर में प्रधानमंत्री मोदी सितंबर 2021 से लगातार पहले स्थान पर बने हुए हैं। उस समय उनकी रेटिंग 70% थी। 2022 की शुरुआत में यह बढ़कर 71% हो गई थी और उन्होंने 13 वैश्विक नेताओं की सूची में पहला स्थान पाया था। 2023 के दौरान उन्होंने यह बढ़त बरकरार रखी. अप्रैल, सितंबर और दिसंबर में उनकी अप्रूवल रेटिंग 76% तक पहुंच गई। फरवरी 2024 में यह बढ़कर 78% हो गई थी, जो अब तक की सबसे ऊंची रेटिंग रही है। यह सर्वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वैश्विक स्तर पर लगातार बढ़ती लोकप्रियता और भरोसे को दर्शाता है। इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी भी इस सूची में शीर्ष दस में हैं और उन्हें 10वां स्थान दिया गया है।

कांग्रेस शासनकाल में जाति जनगणना न कराना मेरी गलती…राहुल गांधी ने जताया अफसोस

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कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने जाति जनगणना को लेकर अहम बयान दिया है। राहुल गांधी ने माना कि अपनी पार्टी के शासनकाल में जाति जनगणना न कराना बड़ी गलती थी। इसके लिए उन्होंने खुद को दोषी ठहराया है।

लोकसभा नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि मैं 2004 से राजनीति में हूं और मुझे 21 साल हो गए। जब मैं पीछे देखता हूं और अपना आत्म विश्लेषण करता हूं, मैंने कहां-कहां सही काम किया और कहां कमी रही तो 2-3 बड़े मुद्दे मुझे दिखाई देते हैं। पीछे देखने पर मुझे एक बात बिल्कुल साफ दिखती है कि एक विषय पर मेरी कमी रही। कांग्रेस पार्टी और मैंने एक गलती की। OBC वर्ग का संरक्षण हमें जिस प्रकार से करना चाहिए था, हमने नहीं किया। इसका कारण था, उनके जो मुद्दे थे उस समय मुझे उसकी गहराई से समझ नहीं थी।

इन मुद्दों पर बताया अच्छे नबंर का हकदार

दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में कांग्रेस शुक्रवार को ओबीसी नेतृत्व भागीदारी न्याय सम्मेलन को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा मैंने जमीन अधिग्रहण कानून बनाया, मनरेगा लेकर आया और नियमगिरी की लड़ाई लड़ी। ये काम मैंने ठीक किए...चाहे वह आदिवासियों, दलितों और अल्पसंख्यकों की बात हो तो मुझे अच्छे नंबर मिलने चाहिए, महिलाओं के मुद्दे पर सही नंबर मिले चाहिए।

ओबीसी के मुद्दे आसानी से नहीं दिखते-राहुल गांधी

राहुल गांधी ने आगे कहा कि अगर मैं अपनी कमी की बात करता हूं तो मैंने एक गलती की है, जो ओबीसी वर्ग है उसकी जिस तरह से मुझे रक्षा करनी चाहिए थी, वह मैंने नहीं की। इसका कारण था, आपके जो मुद्दे थे उस समय, मुझे गहराई से समझ नहीं आए। 10-15 साल पहले जो दिक्कतें दलितों के सामने थी वह मुझे समझ आ गई। आदिवासियों के मुद्दे भी आसानी से समझ आ जाते हैं, लेकिन ओबीसी के मुद्दे आसानी से नहीं दिखते हैं, वह छुपे रहते हैं। अगर मुझे आपकी दिक्कतों के बारे में थोड़ा सा भी पता होता तो मैं उसी समय जाति जनगणना करवा देता। राहु गांधी ने आगे कहा कि मैं उस गलती को सुधारना चाहता हूं।

देश की 90 फीसदी आबादी ही प्रोडक्टिव फोर्स है-राहुल गांधी

'भागीदारी न्याय सम्मेलन' में राहुल गांधी ने कहा कि देश में दलित, पिछड़ा, आदिवासी, अल्पसंख्यक वर्ग की आबादी कुल मिलाकर करीब 90 फीसदी हैं। लेकिन जब बजट बनने के बाद हलवा बांटा जा रहा था, तो वहां 90 फीसदी की आबादी का कोई नहीं था। देश की 90 फीसदी आबादी ही प्रोडक्टिव फोर्स है। हलवा बनाने वाले लोग आप हैं, लेकिन हलवा वो खा रहे हैं। हम ये नहीं कह रहे कि वो हलवा न खाएं, लेकिन कम से कम आपको भी तो मिले।

कमल हासन ने की नई सियासी पारी की शुरूआत, भाषा विवाद के बीच तमिल में ली राज्यसभा सांसद की शपथ

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एक्टिंग की दुनिया से राजनीति में आए कमल हासन ने आज राज्यसभा के सदस्य के रूप में शपथ लिया। इस मौके पर डीएमके के भी 3 सांसदों राजाथी, एस.आर. शिवलिंगम और पी. विल्सन ने शपथ ली। सुबह 11 बजे बैठक शुरू होने पर मक्कल निधि मय्यम (एमएनएम) प्रमुख कमल हासन तथा द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) की राजाथी, एस आर शिवलिंगम और पी विल्सन को उच्च सदन की सदस्यता की शपथ दिलाई गई। भाषा विवाद के बीच इन सभी ने तमिल में शपथ ली।

2018 में अपनी पार्टी शुरू करने के बाद यह उनका संसद में पहला आधिकारिक रोल है। कमल हासन की राज्यसभा में एंट्री तमिलनाडु में सियासी समीकरणों का हिस्सा मानी जा रही है। उनकी पार्टी एमएनएम ने 2024 के लोकसभा चुनाव में डीएमके की अगुवाई वाले सेकुलर प्रोग्रेसिव अलायंस का साथ दिया था। इस गठबंधन ने तमिलनाडु की सभी 39 सीटों पर जीत हासिल की थी।

समर्थन के बदले डीएमके ने दिया राज्यसभा का मौका

बता दें कि साल 2024 के लोकसभा चुनाव में कमल हासन की पार्टी ने डीएमके का समर्थन किया था। इसी समर्थन के बदले अब कमल हासन को डीएमके की तरफ से राज्यसभा सीट दी गई है। आधिकारिक तौर पर कमल हासन की पार्टी और डीएमके के बीच गठबंधन हुआ है। उम्मीद जताई जा रही है कि साल 2026 में तमिलनाडु में होने वाले विधानसभा चुनाव में डीएमके और एमएनएम साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे।

69 वर्षीय कमल हासन ने 2017 में अपनी पार्टी की स्थापना की थी। कमल हासन की मक्कल निधि मय्यम पार्टी ने 2019 के लोकसभा चुनावों में लगभग 4 प्रतिशत वोट हासिल किए। वहीं, 2021 में तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में भी उतरे। कमल हासन कोयंबटूर दक्षिण सीट पर बीजेपी की वनाथी श्रीनिवासन से मामूली वोटों से हारे थे, लेकिन तमिलनाडु की सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) और हासन की एमएनएम के बीच लोकसभा चुनाव 2024 के समय हुए समझौते के तहत हासन को डीएमके कोटे से राज्यसभा में 1 सीट दी गई है। डीएमके ने 3 सीटों में एक के लिए हासन का नाम 28 मई को घोषित किया था।

अमेरिका के बाद बीजिंग पहुंचे असीम मुनीर, क्या भारत के लिए है टेंशन वाली बात?

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अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात के बाद अब पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर इन दिनों चीन दौरे पर हैं। पाकिस्तान के फील्ड मार्शल असीम मुनीर ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार चीन पहुंचे हैं। इस दौरान चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने उनसे मुलाकात की। इस दौरान चीन ने पाकिस्तान को हर तरह की मदद देने का वादा किया। लेकिन साथ ही यह भी मांग की है कि पाकिस्तानी सेना चीन के नागरिकों, प्रोजेक्ट्स और संस्थानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में कोई कसर न छोड़े।

चीन ने पाकिस्तान को 'अटूट मित्र' बताया

चीन के विदेश मंत्री ने असीम मुनीर के साथ बैठक के दौरान पाकिस्तान को 'अटूट मित्र' और 'सदाबहार रणनीतिक साझेदार' बताया है। इसके अलावा वांग यी ने जोर देकर कहा है कि पाकिस्तान, चीन के लिए एक कूटनीतिक प्राथमिकता वाला देश बना हुआ है। इसके अलावा दोनों देशों की नेतृत्व के बीच बनी रणनीतिक सहमति को क्रियान्वित करने के लिए चीन पूरी तरह तैयार है। उन्होंने क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता भी दोहराई।

मुनीर ने चीन से क्या कहा?

पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बैठक में जनरल असीम मुनीर ने चीन के दीर्घकालिक समर्थन के लिए आभार जताया है। असीम मुनीर ने कहा कि पाकिस्तान, चीनी नागरिकों और चीनी निवेश की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने आतंकवाद विरोधी सहयोग को और मजबूत करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। मुनीर ने आश्वस्त किया कि पाकिस्तानी सेना अपने क्षेत्र में चीन के नागरिकों, परियोजनाओं और संस्थानों की सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाती रहेगी और दोनों देशों के बीच आतंकवाद विरोधी सहयोग को सक्रिय रूप से मजबूत करने के लिए तैयार है।

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चीन ने की थी मदद

आपको बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चीन ने पाकिस्तान को सैन्य मदद दी थी। हालांकि, पाकिस्तान और चीनी हथियार भारत के सामने फ्लॉप साबित हुए थे। भारतीय सेना ने कहा है कि संघर्ष के दौरान चीन लगातार पाकिस्तान को सैटेलाइट सर्विलांस मदद दे रहा था। चीन की वजह से पाकिस्तान की सेना को लगातार भारत के बारे में जानकारी मिल रही थी।

सीक्रेट रखा गया मुनीर का चीन दौरा

असीम मुनीर ने इसस पहले अमेरिका, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, तुर्की, ईरान और अजरबैजान की यात्राएं की हैं। पाकिस्तान के शीर्ष सैन्य सूत्रों का कहना है कि असीम मुनीर के ये दौरे नियमित कूटनीति नहीं हैं, बल्कि दीर्घकालिक सैन्य सहयोग को बढ़ावा देने, रक्षा सौदों को सुरक्षित करने और बदलते क्षेत्रीय सुरक्षा माहौल में पाकिस्तान को समान विचारधारा वाले देशों के साथ जोड़ने के मकसद से हो रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक चीन के साथ डिफेंस और इंडो-पैसिफिक को लेकर क्या बातचीत की गई है, इसे संवेदनशील होने की वजह से सीक्रेट रखा गया है।

मालदीव पहुंचे पीएम मोदी, हवाई अड्डे पर राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने किया स्वागत

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूनाइटेड किंगडम की सफल राजनयिक यात्रा के बाद मालदीव पहुंच चुके हैं। प्रधानमंत्री मोदी अपने दो दिवसीय दौरे पर राजधानी माले पहुंचे। हवाई अड्डे पर खुद मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने पीएम मोदी का स्वागत किया। इस दौरान मालदीव के रक्षा मंत्री, विदेश मंत्री और वित्त मंत्री के साथ ही आंतरिक सुरक्षा मंत्री भी पीएम मोदी की आगवानी के लिए मौजूद रहे। पीएम मोदी की यह यात्रा भारत और इस द्वीपीय देश के बीच एक महत्वपूर्ण नई राजनयिक शुरुआत का संकेत मानी जा रही है।

60वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के मुख्य अतिथि हैं पीएम मोदी

पीएम मोदी 25 से 26 जुलाई तक मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के निमंत्रण पर मालदीव की यात्रा पर हैं। इस दौरान पीएम मोदी मालदीव की स्वतंत्रता की 60वीं वर्षगांठ के समारोह में शामिल होंगे। वे मालदीव की राजधानी माले में आयोजित 60वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भी शामिल होंगे। पीएम ने कहा है कि इस वर्ष दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 60वीं वर्षगांठ भी है। मैं राष्ट्रपति मुइज्जू और अन्य राजनीतिक नेतृत्व के साथ अपनी बैठकों के लिए उत्सुक हूं, ताकि व्यापक आर्थिक और समुद्री सुरक्षा साझेदारी के हमारे संयुक्त दृष्टिकोण को आगे बढ़ाया जा सके तथा हिंद महासागर क्षेत्र में शांति, समृद्धि और स्थिरता के लिए हमारा सहयोग मजबूत हो।

क्यों अहम है पीएम मोदी का दौरा

प्रधानमंत्री की यह मालदीव की तीसरी यात्रा है। पीएम मोदी की यह मालदीव यात्रा, मालदीव में राष्ट्रपति मुइज्जू के सत्ता संभालने के बाद पहली बार किसी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष का दौरा है। मोहम्मद मुइज्जू सरकार के कार्यकाल में यह यात्रा इसलिए भी अहम है, क्योंकि यह दोनों देशों के संबंधों में आए तनाव के बाद पहली बार हो रही है। 2023 में मोहम्मद मुइज्जू के चुनाव के बाद भारत और मालदीव के बीच पहली उच्च स्तरीय द्विपक्षीय बैठक है। मुइज्जू के सत्ता में आने के बाद माले की विदेश नीति में एक स्पष्ट बदलाव देखा गया था। उनकी नीति चीन की ओर झुकाव वाली थी।

पीएम मोदी ने इंदिरा को पीछे छोड़ा, समय तक लगातार प्रधानमंत्री रहने वाले दूसरे नेता बने

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम एक और उपलब्धि जुड़ गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबसे ज्यादा लंबे समय तक लगातार पीएम रहने वाले दूसरे नेता बनने वाले हैं। पीएम मोदी, इंदिरा गांधी को पीछे छोड़कर लगातार सबसे लंबे समय तक भारत के प्रधानमंत्री पद पर रहने वाले दूसरे नेता बन गए हैं।उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय में 4 हजार 78 दिन पूरे कर लिए हैं। जिसके बाद उन्होंने देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को भी पीछे छोड़ दिया है।

इंदिरा गांधी 4,077 दिन रही पीएम पद पर

प्रधानमंत्री मोदी शुक्रवार यानी आज को अपने कार्यकाल के 4078 दिन पूरे कर लेंगे। इंदिरा गांधी ने प्रधानमंत्री रहते हुए 4,077 दिन पूरे किए थे। वो 24 जनवरी, 1966 से लेकर 24 मार्च 1977 तक लगातार 4,077 दिनों तक प्रधानमंत्री पद रही थीं।

लगातार तीसरी बार स्थिर सरकार

नरेन्द्र मोदी ने लगातार तीन लोकसभा चुनावों (2014, 2019 और 2024) में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को जीत दिलाकर प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के रिकॉर्ड की बराबरी की है। प्रधानमंत्री के रूप में जवाहरलाल नेहरू ने 6,130 दिनों तक देश की सेवा की। वो 15 अगस्त 1947 से 27 मई 1964 तक प्रधानमंत्री के पद पर रहे। जिनका कार्यकाल 16 वर्ष 9 महीने और 12 दिन तक रहा, लेकिन नरेंद्र मोदी ने जवाहरलाल नेहरू की बराबरी कर ली है। उन्होंने भी अपनी पार्टी को लगातार 3 लोकसभा के चुनावों में जीत दिलवाई है।

गैर-कांग्रेसी नेताओं में सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले

आजादी के बाद जन्मे पहले प्रधानमंत्री के रूप में पीएम मोदी ने गैर-कांग्रेसी नेताओं में सबसे लंबे समय तक सेवा देने का गौरव भी हासिल किया है। वह दो पूर्ण कार्यकाल पूरा करने वाले एकमात्र गैर-कांग्रेसी नेता हैं, जो उनकी राजनीतिक स्थिरता का प्रमाण है। अगर राज्य और केंद्र में सरकार का नेतृत्व करने की बात करें तो नरेंद्र मोदी का सभी प्रधानमंत्रियों के बीच एक रिकॉर्ड है। वह गुजरात के मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के रूप में 24 वर्षों तक सरकार का नेतृत्व कर चुके हैं।

पीएम मोदी ने जीते 6 चुनाव

पीएम मोदी का राजनीतिक सफर साल 2001 में गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में शुरू हुआ, जहां उन्होंने 2002, 2007 और 2012 के विधानसभा चुनावों में जीत हासिल की। इसके बाद साल 2014 में केंद्र की सत्ता संभालने के बाद उन्होंने लगातार तीन आम चुनावों में भाजपा को विजय दिलाई। एक अधिकारी ने बताया कि मोदी एकमात्र ऐसे नेता हैं, जिन्होंने एक ही पार्टी के तहत छह विधानसभा और लोकसभा चुनावों में लगातार जीत दर्ज की है। यह उपलब्धि उनकी रणनीतिक कुशलता और जनता के बीच उनकी व्यापक स्वीकार्यता को दर्शाती है।

भारत और ब्रिटेन ने मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए, जानें क्या होगा लाभ

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भारत और ब्रिटेन ने आखिरकार मुक्त व्यापार समझौते यानी एफटीए पर हस्ताक्षर कर दिए। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिटेन दौरे पर हैं। अपने दो दिवसीय दौरे पर पीएम भारत-ब्रिटेन के रिश्तों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने वाले कुछ समझौते करेंगे। इनमें सबसे पहले जिस डील पर उन्होंने ब्रिटिश प्रधानमंत्री किएर स्टार्मर के साथ हस्ताक्षर किए हैं, वह है एफटीए।

यह सिर्फ व्यापार समझौता नहीं साझा समृद्धि की योजना है

पीएम मोदी ने फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) पर कहा कि ये समझौता सिर्फ आर्थिक नहीं, बल्कि साझा समृद्धि की योजना है। उन्होंने बताया कि इससे भारतीय टेक्सटाइल, फुटवियर, रत्न और आभूषण, समुद्री उत्पाद और इंजीनियरिंग सामान को ब्रिटेन में बेहतर बाजार मिलेगा। इसके साथ ही कृषि उत्पाद और प्रोसेस्ड फूड इंडस्ट्री के लिए नए अवसर खुलेंगे। यह समझौता खासकर युवाओं, किसानों, मछुआरों और एमएसएमई सेक्टर के लिए फायदेमंद होगा। वहीं भारत में ब्रिटिश मेड मेडिकल डिवाइसेज जैसी चीजें अब सस्ती और सुलभ होंगी।

कीर स्टारमर ने भी ऐतिहासिक बताया

ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने कहा कि यह एक ऐसा समझौता है जिससे दोनों देशों को बहुत लाभ होगा, वेतन में वृद्धि होगी, जीवन स्तर में सुधार होगा और कामकाजी लोगों की जेब में अधिक पैसा आएगा। यह नौकरियों के लिए अच्छा है, यह व्यापार के लिए अच्छा है, टैरिफ कम करने और व्यापार को सस्ता, तेज़ और आसान बनाने के लिए अच्छा है। इससे पहले ब्रिटिश सरकार ने गुरुवार को कहा कि भारत-यूके मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) बाजार पहुंच को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएगा। यह करार द्विपक्षीय व्यापार को सालाना लगभग 34 अरब अमेरिकी डॉलर तक बढ़ावा देगा।

क्या होगा पायदा?

भारत- ब्रिटेन एफटीए लागू होने के बाद भारत के फुटवियर, टेक्सटाइल और लेदर उत्पादों को ब्रिटेन में बांग्लादेश, पाकिस्तान और कंबोडिया की तुलना में वरीयता (प्रेफरेंशियल एक्सेस) मिलेगी. इससे भारत के निर्यात को और बढ़ावा मिलेगा। भारत की जनरल दवाओं को ब्रिटेन में शून्य शुल्क के साथ एंट्री मिलेगी, जिससे फार्मा सेक्टर को बड़ी राहत मिलेगी। इसके अलावा, मसाल, रेडी टू ईट फूड्स, प्रोसेस्ड फूड्स, और फल, सब्जियां, अनाज व अचार जैसे उत्पादों पर भी अब कोई शुल्क नहीं लगेगा।