अध्यात्म और नैतिकता का अद्भुत संगम परमधामपीठ
ओमप्रकाश वर्मा नगरा बलिया! ड्हा बिहरा ग्रामान्तर्गत अद्वैत शिवशक्ति परमधामपीठ के यशस्वी संस्थापक द्वादश वर्षीय भूतपूर्व मौनव्रती शिवलीन स्वामी ईश्वरदास ब्रह्मचारी जी महाराज अपने आध्यात्मिक चिन्तन व दर्शन के लिए प्रसिद्ध रहे। अध्यात्म के अनन्ताकाश में स्वच्छन्द विचरण करने वाले पूज्य गुरुदेव के न रहने से शिष्य संघ व भक्तवृन्द की अपूरणीय क्षति हुई है। गुरु पर्वोत्सव के पावन अवसर पर परमधाम परिसर में 6 जुलाई 2025 ई० से 10 जुलाई 2025 ई० तक आयोजित कार्यक्रमों में गुरुदेव के नव निर्मित समाधि-मन्दिर का लोकार्पण और गुरु-विग्रह का अनावरण होना है। दिव्य भव्य नव्य समाधि मन्दिर व मूर्ति, राजस्थानी कीमती पत्थरों से चतुर कारीगरों द्वारा समय से पूर्व ही बना दिया जायेगा।
नैसर्गिक सुषमा सम्पन्न शान्त सुरम्य वातावरण में पूज्य गुरुवर (श्री मौनी बाबा) द्वारा स्थापित श्री वनखण्डी नाथ इण्टर कालेज शिक्षा परीक्षा की शुचिता में अग्रणी है। आश्रम का आध्यात्मिक वातावरण विद्यालय की चारुतामें चार चाँद लगा देता है, तभी तो छात्र-छात्राएँ तथा शिक्षक -शिक्षिकाएँ परस्पर शालीनता का व्यवहार करते हैं। पुण्य-सलिला भगवती सरयू का पावन पुलिन गुरुदेव की कृपा से अति सुन्दर तीर्थ बन गया है। कहा भी गया है-तीर्थी कुर्वन्ति तीर्थानि । ऐसे महिमावान महापुरुष के कमलवत् श्री चरणों में कोटिशः नमन !
Jul 20 2025, 19:06