*महर्षि विद्या मंदिर में धूमधाम से मनाया गया गुरु पूर्णिमा का पावन पर्व*
सुल्तानपुर,महर्षि विद्या मंदिर में धूमधाम से मनाया गया गुरु पूर्णिमा का पावन पर्व महर्षि विद्या मंदिर सुल्तानपुर में गुरु पूर्णिमा का पावन पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ साहित्यकार, लेखक विचारक कमल नयन पाण्डेय तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता रामचंद्र मिश्र उपस्थित रहें।
विद्यालय की छात्रा अनामिक वर्मा व अंशिका तिवारी ने मुख्य अतिथियों को बैज लगाकर तथा प्रधानाचार्य जे एन उपाध्याय ने बुके भेंट कर स्वागत किया। तत्पश्चात ध्यान एवं सिद्धि प्रशासक शैलेंद्र पाण्डेय के नेतृत्व में सभी ने परंपरागत गुरु पूजा की, तदोपरांत प्राणायाम व भावातीत ध्यान का सामूहिक अभ्यास किया। इसके पश्चात प्रधानाचार्य के साथ मुख्य अतिथि व विशिष्ठ अतिथि ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत की।
इसी कड़ी में विद्यालय की छात्रा पल्लवी वर्मा, नैन्सी, रिद्धिमा, वंशिका के द्वारा सरस्वती वंदना व स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया,स्वागत गीत से अतिथियों के साथ-साथ सभी उपस्थित जन भाव विभोर हो उठें। प्रधानाचार्य ने अतिथियों का स्वागत करते हुए सभी को गुरु पूर्णिमा की बधाई दी और भावातीत ध्यान पर प्रकाश डालते हुए आपने कहा कि मानव अपने जीवन में प्रतिदिन इसका अभ्यास करके अपनी चेतना में सकारात्मकता का विकास कर सकता है जिससे वह अपने लक्ष्य को आसानी से प्राप्त कर सकता है। प्रधानाचार्य जे एन उपाध्याय ने महर्षि आध्यात्मिक जन जागरण अभियान के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए बताया कि सभी लोग योग, भावातीत ध्यान एवं सिद्ध का अभ्यास करते हुए अपने दिनचर्या में रामचरितमानस, श्रीमद् भागवत गीता, हनुमान चालीसा, श्री राम स्त्रोत आदि का समयानुसार वाचन करें, इससे उनके जीवन में सकारात्मकता का विकास होगा और इस प्रकार समाज में समरसता आएगी और विश्व शांति की स्थापना होगी।
प्रधानाचार्य ने महर्षि संस्थान के अध्यक्ष वेद विद्या मार्तण्ड ब्रह्मचारी गिरीश के आशीर्वचन को पढ़कर सुनाया। तत्पश्चात विद्यालय की छात्राओं के द्वारा समूह गान "गुरुवर तेरे चरणों की", मनुस्मृति ,कशिश एवं उनकी सहयोगी छात्रा बहनों ने समूह गान "देश छोड़कर जाऊं कहीं ना" बड़े ही सुंदर भाव से प्रस्तुत किए, सभी उपस्थित लोगों ने समूह गान की भूरि भूरि प्रशंसा की। मुख्य अतिथि कमलनयन पाण्डेय ने बच्चों को अनुशासन का पाठ पढ़ाते हुए अपने उद्बोधन में कहा कि छात्र जीवन में अनुशासन ही प्रगति का मार्ग प्रशस्त करता है ,साथ ही साथ आपने मनोवृत्ति को स्पष्ट करते हुए कहा कि अपने मन को चंचल होने से बचाना चाहिए क्योंकि मन की चंचलता लक्ष्य प्राप्ति में बाधक होती है। महर्षि के सिद्धांतों को स्पष्ट करते हुए आपने कहा कि मन की चंचलता को शांत करने का सबसे बड़ा साधन भावातीत ध्यान है। विशिष्ट अतिथि रामचंद्र मिश्र ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि गुरु की महत्ता अद्वितीय होती है बिना गुरु के ज्ञान संभव नहीं है और ज्ञान नहीं तो सब कुछ बेकार है। इसी कड़ी में समूह नृत्य "ये गुरुवर तो ज्ञान का सागर है" तथा "गुरु ब्रह्मा ,गुरु विष्णु" विद्यालय की छात्राओं के द्वारा बहुत ही सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया गया। जिससे सभी आनंदित हुए। इसी क्रम में विद्यालय के छात्र वरुण द्विवेदी, छात्रा प्रगति पाल, रम्या पाण्डेय,रिया तिवारी, ने गुरु की महत्व पर अपने विचार व्यक्त किए।
अंत में प्रधानाचार्य जे एन उपाध्याय ने स्मृति चिन्ह भेंट कर अतिथियों व सभी उपस्थित जनों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम के समापन के अवसर पर सभी ने सामूहिक भावातीत ध्यान का अभ्यास किया। तत्पश्चात मिष्ठान वितरण के साथ कार्यक्रम के समापन की घोषणा हुई। इस अवसर पर विद्यालय के समस्त शिक्षक शिक्षिकाओं सहित शिक्षणेत्तर कर्मचारी उपस्थित रहें।
Jul 10 2025, 15:24