नगरा में मोहर्रम का मातमी जुलूस ! इमाम हुसैन की शहादत पर निकला जंजीरी मातम, गूंजे नौहे, उमड़ा अकीदतमंदों का हुजूम
ओमप्रकाश वर्मा
नगरा(बलिया) । नगर पंचायत नगरा में मोहर्रम के मौके पर कर्बला की याद में मातमी माहौल छाया रहा। इमाम हुसैन और उनके परिजनों की शहादत की याद में अकीदतमंदों ने मातम मनाया। सुबह से ही लोगों ने हाथों में अलम और दिलों में ग़म लेकर मातमी जुलूस की शुरुआत की। नगर के गांव से होते हुए जुलूस सायं 6:30 बजे तक कुजड़ मुहल्ले में पहुंचा, जहां ताजियों का मिलन हुआ। करीब 7 बजे ताजियों को सुपुर्द-ए-खाक किया गया। इस दौरान माहौल गमगीन हो गया। मातमी धुन पर गूंजते नौहे सुनकर हर आंख नम हो गई। जंजीरों और ब्लेड से खुद को लहूलुहान करते नौजवानों ने जब 'हुसैन-हुसैन' के नारे लगाए तो पूरा इलाका मातमी रंग में रंग गया। जुलूस में शामिल नासिर हुसैन, जावेद, पुलकेमार राईन, शादिक, इम्तियाज सिद्दीकी समेत अन्य अकीदतमंदों ने गमगीन स्वर में नौहे पढ़े। लोगों ने 'हाय हुसैन' की सदाएं बुलंद करते हुए करबला की यादें ताजा कर दीं। इस मौके पर बड़ी संख्या में अकीदतमंदों ने हिस्सा लिया। जंजीरों से मातम करने वाले युवाओं के जज्बे को देखकर हर कोई उनकी अकीदत को सलाम करता नजर आया। कार्यक्रम में कानून व्यवस्था को लेकर प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद रहा। पुलिस और प्रशासन ने सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए थे। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए ड्रोन कैमरे और एक-एक केस (सीसीटीवी मोबाइल टीम) का भी इस्तेमाल किया गया। शान्ति व सुरक्षा हेतु धानाध्यक्ष कौशल कुमार पाठक, उपजिलाधिकारी संजय कुमार कुशवाहा के नेतृत्व में पीएसी बटालियन मौजूद रहे। इस अवसर पर अधिवक्ता शफीक अहमद, सटीक अहमद एडवोकेट, प्रहलाद सिंह, पूर्व प्रमुख अनिल सिंह, श्रीप्रकाश सिंह, काशी नाथ जायसवाल, याहिया भाई, रिजवान भाई, यूनिवर्सिटी जी. इश्तियाक अहमद सहित कई गणमान्य लोग मौके पर मौजूद रहे। मोहल्लों में लगे इमाम चौक पर भी सजावट की गई थी। छोटे बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक, सभी सिर झुकाकर इमाम हुसैन की कुर्बानी को याद कर रहे थे। नगर में अमन-चैन और सौहार्द का अद्भुत नज़ारा देखने को मिला। मोहर्रम का यह जुलूस जहां एक ओर ग़म की मिसाल बना, वहीं दूसरी ओर भाईचारे और इंसानियत का संदेश देता रहा। नगर पंचायत नगरा में इस बार का मोहर्रम कार्यक्रम पूरी गरिमा और श्रद्धा के साथ संपन्न हुआ।
Jul 07 2025, 22:55