*दस रोजा शोहदा ए इस्लाम जलसा का आयोजन प्रतिवर्ष किया जाता है*
सुल्तानपुर अंजुमन खुद्दाम ए सहाबा व मदरसा जामिया इस्लामिया के वैनर तले मदरसा जामिया इस्लामिया खैराबाद के प्रांगण में दस रोजा शोहदा ए इस्लाम जलसा का आयोजन प्रतिवर्ष किया जाता है। आठवीं मुहर्रम की देर रात मौलाना मुहम्मद उस्मान कासमी अध्यक्ष मदरसा जामिया इस्लामिया खैराबाद के संयोजन में शानदार तरीके से चल रहा है। शुक्रवार को ईशा की नमाज विशाल जनसमूह को संबोधित करते हुए वक्ता मुफ्ती मुहम्मदुल्लाह ने कहा कि मुसलमानों के लिए पैगम्बर और उनके साथियों की जीवनी और जीवन को जानना बहुत जरूरी है। साथियों का दर्जा और मर्तबा बहुत ऊंचा है क्योंकि उनके गुरु और संरक्षक पैगम्बर मुहम्मद (सल्लल्लाहू अलैहि वसल्लम) हैं! मुफ्ती साहब ने कहा कि पैगंबर के मिशन के दो महत्वपूर्ण उद्देश्य हैं, जैसा कि पैगंबर ने स्वयं कहा है: मुझे एक शिक्षक के रूप में भेजा गया है और मुझे उच्च नैतिकता और चरित्र को परिपूर्ण करने के लिए भेजा गया है। उन्होंने सहाबा का अच्छे शब्दों में जिक्र करते हुए कहा कि अल्लाह तआला ने सहाबा के दिलों, उनकी तकवा और अल्लाह के डर का इम्तिहान लिया है और यह ज्ञान इतिहास से नहीं बल्कि कुरान से प्राप्त हुआ है (इतिहास से प्राप्त ज्ञान को अनुमानात्मक ज्ञान कहा जाता है और कुरान से प्राप्त ज्ञान निश्चित ज्ञान है)। इसलिए, उनके बारे में किसी भी तरह का शक करना और उन्हें कोसना और बदनाम करना कुरान में अविश्वास का एक रूप है। *जलसे के मुख्य अतिथि अमरोहा के शेख मुफ्ती मुहम्मद अफ्फान* ने अपने भाषण में कहा कि ये बच्चे, उनके माता-पिता, उनके शिक्षक, वह धार्मिक स्कूल जिसकी उपस्थिति में उन्होंने अपना कंठस्थ पाठ पूरा किया और उसके जिम्मेदार व्यक्ति बधाई के पात्र हैं! मुफ्ती साहब ने कहा कि बच्चों की शिक्षा और प्रशिक्षण की चिंता करना उनके लिए आजीविका कमाने की चिंता से कहीं बड़ी जिम्मेदारी और महत्वपूर्ण कर्तव्य है। धन्य हैं वे माता-पिता जिन्होंने इस काम के लिए अपने दिल और दिमाग को मुक्त कर दिया और अपने मन और दिल को इस माहौल के लिए तैयार कर लिया। आखिर अगर हम और हमारे बच्चे कुरान नहीं सीखेंगे और कुरान की आयतों, निर्देशों और शिक्षाओं पर अमल नहीं करेंगे तो हम कौन होंगे???? मुसलमानों को अल्लाह की किताब और अल्लाह के रसूल की सुन्नत से मार्गदर्शन प्राप्त करना चाहिए, तभी वे गुमराही और भूल से बच सकते हैं। कुरान इसलिए उतारा गया ताकि हम कुरान को समझ सकें और उसकी शर्तों पर अमल कर सकें!!! मुहर्रम महीने की फजीलत बताते हुए उन्होंने कहा कि इस महीने की महानता और पवित्रता धरती और आसमान की रचना के दिन से है, क्योंकि यह महीना कुरान में अल्लाह द्वारा वर्णित चार पवित्र महीनों में से एक है। हमें इस महीने की कद्र करनी चाहिए, अनिवार्य रोज़े रखने चाहिए, खासकर आशूरा के दिन के साथ-साथ नौवें या ग्यारहवें दिन, और अन्य सभी रीति-रिवाजों, नवाचारों और अंधविश्वासों से पूरी तरह बचना चाहिए। इस महीने को गम का महीना मानना बेहद मूर्खतापूर्ण और नासमझी है, यहां तक कि तर्कसंगत दृष्टिकोण से भी, क्योंकि साल का कोई ऐसा दिन नहीं है जिस दिन अल्लाह के किसी नबी, साथी या संत का निधन न हुआ हो। धर्म के नाम पर धर्म का मजाक उड़ाना अनुचित कार्य है...! मुफ्ती साहब ने कहा कि नमाज़ अदा नहीं हो रही, कुरान की तिलावत का प्रबंध नहीं हो रहा, रिश्तेदारों और हक वालों के हक का सम्मान नहीं हो रहा, फिर भी वे सोचते हैं कि या हुसैन का नारा लगाकर उन्होंने अपना फर्ज पूरा कर लिया। ओह, यह कितनी अजीब बात है! हज़रत अली का तीनों खलीफ़ाओं से गहरा रिश्ता है। यह बात हज़रत अली के खुद के कई जगहों पर कहे गए शब्दों से पता चलती है। फिर भी हज़रत अली से मुहब्बत करने वाला तबका शेखों को गाली देता है और हज़रत उस्मान (अल्लाह उन पर प्रसन्न हो) के बारे में बुरा-भला कहता है। हज़रत अली से यह कैसी मुहब्बत है???? हर साथी को सम्मान और आदर दिया जाना चाहिए। साथियों के बीच पैदा हुए मतभेदों के बारे में चुप रहना हमारी जिम्मेदारी है। अगर हम शक के शिकार हुए तो हमारा अंत बुरे से भी बुरा होगा। मुफ़्ती साहब ने अपने बयान में कहा कि हज़रत आयशा (अल्लाह उनसे प्रसन्न हो) को किसी ने नहीं बताया कि कुछ लोग साथियों का अपमान करते हैं, यहाँ तक कि शेखों को भी नहीं बख्शते! हज़रत आयशा ने कहा कि यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है क्योंकि जब नबी के साथी इस दुनिया से चले जाते हैं तो आमाल का सिलसिला भी कट जाता है, लेकिन अपमान करने वाले लोगों की वजह से सवाब का सिलसिला उनके साथ रहता है। सूरज पर थूकने से सूरज को कोई नुकसान नहीं होता, बल्कि थूक खुद थूकने वालों पर पड़ता है!! अपने भाषण के अंत में मुफ़्ती साहब ने कहा कि यह अवधारणा शरीयत और नबी-ए-करम की इस मंशा के खिलाफ है कि छोटे कामों का बहुत कम सवाब मिलता है। हर नेक काम पूरी लगन, प्यार और लगन से करना चाहिए। कौन जानता है कि कब कोई काम मोक्ष का साधन बन जाए? अपने भाइयों से मिलने के कार्य को कम नहीं आँका जाना चाहिए, लेकिन प्रसन्न चेहरे और मुस्कुराते चेहरों के साथ उनसे मिलना भी बहुत महत्वपूर्ण और लाभकारी है!! अंत में मुफ्ती साहब ने अपनी मनमोहक और मधुर आवाज में पूरी सूरह रहमान का पाठ किया, जिससे श्रोताओं में कुरान के प्रति प्रेम, भक्ति और समर्पण की भावना पैदा हो गई !! तत्पश्चात मुफ्ती साहब की दुआ के साथ बैठक समाप्त हुई तथा जामिया के नाजिम-ए-आला हजरत नाजिम साहब ने आए हुए मेहमानों का शुक्रिया अदा किया। शोहदा ए इस्लाम जलसे का संचालन मौलाना मुहम्मद उसामा साहब ने किया !!
*गोसेवा आयोग सदस्य रमाकांत उपाध्याय ने अस्थाई गोवंश आश्रय स्थल का औचक निरीक्षण कर सम्बन्धित को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये*
सुलतानपुर,सदस्य गोसेवा आयोग,यूपी लखनऊ रमाकान्त उपाध्याय द्वारा वि.ख. दूबेपुर क्षेत्र के ग्राम पंचायत सौरमऊ देहात, घासीपुर में अस्थाई गोवंश आश्रय स्थल व गोराबारिक अमहट गोवंश आश्रय स्थल का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान गोसेवा सदस्य द्वारा गोवंश आश्रय स्थल में संरक्षित गोवंशों हेतु साफ-सफाई,खान-पान,भूषा,हरा चारा,दैनिक सत्यापन आदि का जायजा लिया गया। सदस्य गोसेवा आयोग, उ0प्र0 लखनऊ द्वारा सम्बन्धित को निर्देशित किया गया कि संरक्षित गोवंशों को पर्याप्त मात्रा में पशु आहार,हराचारा व दाना दिये जायें। उन्होंने सम्बन्धित को निर्देशित किया कि गोवंश आश्रय स्थल की नियमित साफ-सफाई,चूना आदि का छिड़काव किया जाय तथा गोवंशों को संक्रामक बीमारी से बचाव हेतु सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाये। वही मुख्य विकास अधिकारी द्वारा पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया गया। सदस्य उत्तर प्रदेश गोसेवा आयोग द्वारा गोवंश संरक्षण हेतु किसानों को सीधे गोपालन से जोड़ने की बात कहीं,सभी बीडीओ को निर्देशित किया जाए कि ब्लाकों पर बैठक कर किसानों को गोवंश को गोद लेने हेतु प्रोत्साहित किया जाए। उन्होंने कहां मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश द्वारा गोवंशो के खानपान हेतु उपलब्ध कराई जाने वाली धनराशि का पूर्ण सदुपयोग किया जाए! रिपोर्ट:लालजी/सुल्तानपुर
*NHAI विभाग की बड़ी लापरवाही हुई उजागर,अयोध्या-प्रयागराज नेशनल हाईवे का फ्लाईओवर हुआ जर्जर,NHAI को बड़े हादसे का इतज़ार*
सुल्तानपुर,शहर के भुलकी-लोहरामऊ के पास अयोध्या-प्रयागराज नेशनल हाईवे पर बने फ्लाईओवर की हालत बेहद खराब हो चुकी है। फ्लाईओवर के गाटर पर जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं और लोहे की सरिया तक बाहर निकल आई है,जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) अंकुर कौशिक ने संज्ञान लिया है।

उन्होंने बताया कि फ्लाईओवर की मरम्मत के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) को निर्देश दे दिए गए हैं और जल्द ही मरम्मत का कार्य शुरू कराया जाएगा। वहीं,भुलकी गांव के निवासी और अधिवक्ता सज्जाद ने आरोप लगाया कि फ्लाईओवर की हालत शुरुआत से ही खराब रही है। उन्होंने कहा,“जब से पुल बना है, तब से इसमें गुणवत्ता की कमी दिखाई देती है।मीडिया में मामला उठने पर केवल गड्ढे भरने का काम होता है,लेकिन कभी स्थायी मरम्मत या तकनीकी जांच नहीं कराई जाती।”
अधिवक्ता सज्जाद का आरोप है कि फ्लाईओवर के निर्माण में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है और इसकी उच्चस्तरीय जांच कराई जानी चाहिए। स्थानीय लोगों की भी मांग है कि फ्लाईओवर की जल्द से जल्द मरम्मत हो और निर्माण में हुई अनियमितताओं की निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए,ताकि भविष्य में किसी दुर्घटना को टाला जा सके।
*शिक्षक संघ ने सौंपा ज्ञापन,पेयरिंग नीति के विरोध में शुरू हुआ आंदोलन*
सुल्तानपुर,प्रदेश सरकार की पेयरिंग नीति के तहत 50 से कम छात्र संख्या वाले विद्यालयों को समीपवर्ती स्कूलों में समायोजित करने के विरोध में उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा द्वारा घोषित तीन चरणों के आंदोलन के पहले चरण में शुक्रवार को जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन सौंपने की कार्यवाही की गई। सुल्तानपुर में जिलाध्यक्ष व मंडल मंत्री (अयोध्या) दिलीप कुमार पांडेय के नेतृत्व में शिक्षक प्रतिनिधिमंडल ने विधायक लंभुआ सीताराम वर्मा, विधायक राजबाबू उपाध्याय के प्रतिनिधि रत्नेश तिवारी, तथा इसौली विधायक ताहिर खान और सांसद राम भुआल निषाद के बाहर रहने के कारण प्रतिनिधिमंडल ने सुपर मार्केट स्थित समाजवादी पार्टी कार्यालय पहुंचकर जिलाध्यक्ष रघुवीर यादव को ज्ञापन दिया। उन्होंने आश्वस्त किया कि यह ज्ञापन समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव तक पहुंचाया जाएगा। जनपदीय प्रवक्ता निजाम खान ने बताया कि आंदोलन के दूसरे चरण के अंतर्गत 6 जुलाई को ट्विटर अभियान चलाया जाएगा, जिसके लिए समस्त शिक्षक तैयार रहें। ज्ञापन देने वाले प्रतिनिधिमंडल में जिला मंत्री डॉ. हृषिकेश भानु सिंह, संयुक्त मंत्री प्रशांत पांडेय, जिला उपाध्यक्ष विनोद यादव, दूबेपुर अध्यक्ष रामबहादुर मिश्र, कुड़वार अध्यक्ष निजाम खान, लंभुआ अध्यक्ष केदारनाथ दूबे, तहसील प्रभारी बिमलेश कुमार, लंभुआ तहसील प्रभारी चंद्रशेखर, कृष्ण कुमार चौरसिया, जय कुमार, भदैया अध्यक्ष अंजनी शर्मा, अरुण द्विवेदी, सुभाष तिवारी, हरीओम द्विवेदी, हेमंत यादव, प्रदीप मिश्रा, कमलेश कुमार आदि शिक्षक शामिल रहे।
*रक्तदान महादान,रोटरी नववर्ष 2025-26 की शुरुआत रक्तदान के साथ*
सुलतानपुर,रोटरी क्लब परिवार ने परंपरा को निभाते हुए इस वर्ष भी रोटरी नववर्ष 2025-26 का शुभारंभ रक्तदान जैसे पुनीत कार्य से किया। यह रक्तदान शिविर स्थानीय मेडिकल कॉलेज के ब्लड बैंक में आयोजित किया गया! जिसमें क्लब के सदस्यों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। शिविर का उद्घाटन मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. सलिल श्रीवास्तव, CMS डॉ. आर. के. मिश्रा, सहमंडलाध्यक्ष रोटेरियन नीरव पांडेय, अध्यक्ष रोटेरियन अखिल अग्रवाल, तथा सचिव रोटेरियन डॉ. अभिषेक पांडेय द्वारा किया गया। इस अवसर पर अनेक विशिष्ट रोटेरियन सदस्य उपस्थित रहे, जिनमें शामिल हैं: जोनल सेक्रेटरी संजय केसरवानी, रक्तदान शिविर चेयरमैन निमेन्द्र गोयल, डॉ. रवि त्रिपाठी,डॉ.अमित पांडेय, मनमोहित सिंह,वेद प्रकाश जायसवाल, अलंकार टंडन,श्वेता अग्रवाल,डॉ.मीनू पांडेय,प्रतिमा सिंह,तथा सागर तिवारी। शिविर के दौरान कुल 11 यूनिट रक्त एकत्र किया गया,जिसमें रोटेरियन दिल से केशव अग्रवाल द्वारा भी एक यूनिट रक्तदान किया गया। रोटरी परिवार के इस प्रयास से न केवल समाज में रक्तदान के प्रति जागरूकता फैली है, बल्कि यह भी सिद्ध हुआ है कि रोटरी सेवा के माध्यम से समाज के लिए संकल्पित है।
*गनपत सहाय महाविद्यालय में तैनात रहे प्रोफेसर डॉ प्रभाकर मिश्रा का दिल्ली में ईलाज के दौरान हुई मौत*
सुल्तानपुर,गनपत सहाय महाविद्यालय में तैनात रहे प्रोफेसर डॉ प्रभाकर मिश्रा का दिल्ली में ईलाज के दौरान हुई मौत,
एक वर्ष पूर्व बिहार के गया में दर्शन शास्त्र के असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर हुई थी तैनाती!

लिवर संक्रमण से पीड़ित थे प्रभाकर मिश्र,उनकी पत्नी ने उन्हें डोनेट किया था अपना लीवर,ट्रांसप्लांट करने के बाद चिकित्सकों के कई घंटों तक ऑपरेशन के बाद भी नहीं मिल पाई सफलता!

कोतवाली देहात क्षेत्र के नौवस्ता /महानपुर गांव निवासी प्रभाकर मिश्रा के आसामायिक निधन पर परिजनों मे मचा कोहराम,गांव मे पसरा संन्नाटा, क्षेत्र वासियो मे शोक की लहर!
*जलसा शोहदा ए इस्लाम मदरसा के सदर मौलाना मुहम्मद उस्मान कासमी की अध्यक्षता में पहली मुहर्रम*
सुल्तानपुर अंजुमन खुद्दाम ए सहाबा व मदरसा जामिया इस्लामिया के वैनर तले दस दिवसीय कार्यक्रम जलसा शोहदा ए इस्लाम मदरसा के सदर मौलाना मुहम्मद उस्मान कासमी की अध्यक्षता में पहली मुहर्रम से लगातार चल रहा है। जिसमें इस्लामिक शिक्षाविद और उलेमा दूर - दूर से आते है इस्लाम के बारे तथ्यात्मक जानकारी साझा करते है। जलसे में इस्लाम दीन के लिए जद्दोजहद करने और जंग में शहादत पाने वाले शहीदों का जिक्र होता है।छठवीं मुहर्रम को देर रात मौलाना मुहम्मद मकबूल कासमी ने कहा कि मुसलमानों के सबसे बड़े दुश्मन मुशरिक और यहूदी है।यह बात अल्लाह ने कुरआन में फरमाया है।मौलाना ने खिलाफत के हुक्म की व्याख्या करते हुए पैगम्बर के उत्तराधिकारियों के बारे विस्तार से आगंतुकों को बताया। जौनपुर से आए मुख्य अतिथि मौलाना मुहम्मद आसिफ ने जलसा शुहादा-ए-इस्लाम के बारे में कहा कि यह जलसा आम जलसा जैसा नहीं है, बल्कि दस दिन का पाठ है जिसमें अलग-अलग पाठ होते हैं। इसलिए हमें अपने व्यस्त कार्यक्रमों को एक तरफ रखकर इन जलसों में शामिल होने की कोशिश करनी चाहिए और अपने दिलों को शुद्ध और शांत करना जारी रखना चाहिए। मौलाना ने कहा कि शहादत एक प्रशंसनीय और वांछनीय चीज है। अगर ऐसा न होता तो पैगंबर साहब इसकी इच्छा क्यों करते? मौलाना ने अपना भाषण जारी रखते हुए कहा कि जो राष्ट्र शहादत पर रोता और शोक मनाता है, वह कभी शहीद पैदा नहीं कर सकता और कयामत के दिन तक इसी तरह रोता और शोक मनाता रहेगा!!! मौलाना ने सैय्यद अल-शुहादा हज़रत हमज़ा (रजी अल्लाहु अन्हों) की जीवनी का वर्णन करते हुए कहा कि वह बहुत ही सुंदर और आकर्षक व्यक्ति थे, एक महान तीरंदाज, शिकार के शौकीन, बहादुर, साहसी और दयालु व्यक्ति थे। पैगंबर (PBUH) को कभी इतना दुख नहीं हुआ जितना उन्हें उनकी शहादत पर हुआ। हज़रत हम्ज़ा; अल्लाह के पैगंबर (PBUH) के चाचा होने के अलावा, वह पैगंबर (PBUH) की मां हज़रत अमीना की चचेरी बहन के बेटे भी थे। इसी तरह मौलाना ने हज़रत हमज़ा (र.अ.) के ईमान स्वीकार करने की घटना का भी ज़िक्र किया! मौलाना ने पैगंबर मोहम्मद (स.अ.व.) के प्रिय नवासे हजरत हुसैन (र.अ.) के हालात पर व्यापक प्रकाश डाला। मौलाना ने कहा कि हजरत हुसैन रजी अल्लाहु अन्हों शक्ल, सूरत और चरित्र में पैगंबर (स.अ.व.) के बिल्कुल मुफीद थे। जब अल्लाह के पैगंबर इस दुनिया से चले गए तो उनकी उम्र चार या पांच साल थी। सहाबा उन्हें अपने बच्चों से भी ज्यादा प्यार करते थे, इस संबंध में मौलाना ने कुछ हदीसों का भी जिक्र किया। अंत में मौलाना ने हज़रत हुसैन (र.अ.) की शहादत का वाकया भी बयान किया कि कूफ़ा के लोगों ने उन्हें कूफ़ा आने के लिए लगभग 12,000 पत्र भेजे, जिसमें कहा गया कि "आप कूफ़ा आ जाइए क्योंकि हम अपने ख़लीफ़ा को ख़लीफ़ा नहीं मानते, लेकिन हम आपको ख़लीफ़ा मानेंगे।" कई प्रमुख साथियों ने उन्हें मना किया। रास्ते में उनकी मुलाक़ात फरज़ादक नामक एक मशहूर शायर से भी हुई, जो कूफ़ा से आ रहा था। जब हज़रत हुसैन ने फरज़ादक से वहाँ के हालात के बारे में पूछा तो फरज़ादक ने कहा, "तलवारें तुम्हारे खिलाफ़ हैं और उनके दिल तुम्हारे साथ हैं, इसलिए तुम्हें मदीना लौट जाना चाहिए।" हालाँकि, हज़रत मुस्लिम बिन अक़ील के परिवार के आग्रह पर उन्होंने आगे बढ़ने का फ़ैसला किया। आख़िरकार मुहर्रम की 10 तारीख़ को वह त्रासदी घटी, जिसके कारण आशूरा का दिन ख़ास तौर पर जाना जाता है। मौलाना ने समय की कमी के कारण कर्बला की घटनाओं का संक्षेप में उल्लेख किया तथा प्रार्थना के साथ सत्र का समापन किया। जलसे का संचालन मौलाना मुहम्मद ओसामा कासमी ने किया।जलसे तमाम उलेमा और सैकड़ों श्रोता दर्शक मौजूद रहे।
*गरीबों की शिक्षा पर कुठाराघात,शराब को बढ़ावा दे रही योगी सरकार: कांग्रेस*भाजपा नेता चन्दन नारायन नें किया पलटवार*
*कांग्रेसियों ने किया जोरदार प्रदर्शन राज्यपाल को सौंपा मांग पत्र*

सुलतानपुर,उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्राथमिक विद्यालयों के एकीकरण की पेयरिंग नीति के विरोध में कांग्रेस पार्टी ने जोरदार प्रदर्शन कर सरकार पर तीखा हमला बोला। कांग्रेस जिला अध्यक्ष अभिषेक सिंह राणा के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने जुलूस निकाला और कलेक्ट्रेट पहुंचकर राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी प्रतिनिधि को सौंपा। राणा ने कहा भाजपा सरकार गरीब दलित पिछड़े और वंचित समाज के बच्चों को अनपढ़ रखने की साजिश रच रही है।

शिक्षा का अधिकार कानून खत्म कर गरीबों को शिक्षा से वंचित करने का अभियान चलाया जा रहा है। वहीं शराब की दुकानों में बेतहाशा वृद्धि कर समाज को नशाखोर बनाने की साजिश की जा रही है। शहर अध्यक्ष शकील अंसारी ने कहा कि शिक्षा हर नागरिक का मौलिक अधिकार है और उसे संरक्षित करना सरकार की जिम्मेदारी है। कांग्रेस पार्टी ने शिक्षा का अधिकार कानून लाकर कमजोर वर्गों को शिक्षित करने का रास्ता खोला था जिसे भाजपा खत्म करने पर तुली है।

*भाजपा का पलटवार*

यूपी में अवैध शराब कारोबार का जाल ध्वस्त-चंदन नारायण सिंह उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार ने शराब की अवैध भट्ठियों और अवैध कारोबार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। सरकार ने पूर्ववर्ती सरकारों के समय से चल रहे इस अवैध धंधे को पूरी तरह से समाप्त कर दिया है। आबकारी विभाग प्रदेश सरकार के प्रमुख राजस्व स्रोतों में से एक है। सरकार आबकारी नीति को पारदर्शी बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी बीच, सुल्तानपुर में भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष चंदन नारायण सिंह ने शिक्षा व्यवस्था में सुधार पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि कम छात्र संख्या वाले विद्यालयों को नजदीकी विद्यालयों में विलय करने से शिक्षण व्यवस्था अधिक प्रभावी होगी। यह कदम शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने और संसाधनों के अपव्यय को रोकने में मददगार होगा। सिंह ने बताया कि कम छात्र संख्या वाले विद्यालयों में सरकारी प्रयासों के बावजूद बच्चों और अभिभावकों की रुचि कम होती जा रही है। इसी कारण विद्यालयों के विलय की आवश्यकता महसूस की गई है।
*सैफई महोत्सव के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री का निजी सपा कार्यकर्त्ता डाटा आपरेटर को करंट लगने से हालत हुई थी ख़राब,पीड़ित को अभी तक नहीं मिला न्याय*
सुल्तानपुर के रहने वाले एक सपा कार्यकर्ता ने सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव पर गंभीर आरोप लगाए हैं। आरोप है कि मुलायम सिंह के मुख्यमंत्री रहते सैफई महोत्सव के दौरान होर्डिंग लगाते समय करंट को चपेट में आया युवक को मुवाबजे के रूप में फूटी कौड़ी तक नहीं मिली। 2004 से लेकर अब तक वो कभी मुख्यमंत्री कार्यालय तो कभी सपा कार्यालय के चक्कर लगा रहा है, लेकिन आज तक मिला तो केवल आश्वासन। कहानी पूरी बताएंगे और इत्मीनान से बताएंगे और दिखाएंगे कि जो अखिलेश यादव अपने कार्यकर्ताओं के हर सुख दुख में साथ खड़े रहने का वायदा करते हैं,आखिर सुल्तानपुर का ये सपा कार्यकर्ता क्यों उन्हीं पर आरोप लगा रहा है। दरअसल सुल्तानपुर जिले के गोसाईगंज थानाक्षेत्र के सुरौली गांव का रहने वाला मोहम्मद अली 90 के ही दशक में किशोरावस्था में लखनऊ चला गया था। वहां मोटर मैकेनिक का कार्य करने के साथ साथ गाना भी गाया करता था। इसी दरम्यान सपा के वरिष्ठ नेता बेनी प्रसाद वर्मा की निगाह मोहम्मद अली पर पड़ी और उन्होंने इसे तत्कालीन सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह से मिलवा दिया। मुलायम सिंह ने अली को अपने आवास पर रखवा लिया और छोटा मोटा कार्य करवाने लगे। वहीं 2003 में तीसरी बार मुलायम सिंह यादव मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने मोहम्मद अली को 2004 में सचिवालय में अस्थाई रूप से इंट्री ऑपरेटर की नौकरी दिलवा दी। तब से वहां वो कार्य करने लगा। उसी के कुछ दिनों बाद दिसंबर माह में सैफई महोत्सव का आयोजन होना था, लिहाजा अधिकारियों ने सभी अस्थाई नौकरी करने वालों की मौखिक रूप से ड्यूटी सैफई में लगा दी गई। मोहम्मद अली की माने तो तैयारियों के दौरान वो और उसके साथी होर्डिंग लगा रहे थे, इसी दौरान इनकी होर्डिंग का लोहा ऊपर जा रहे बिजली की तार की चपेट में आ गया,जिसमें दो युवकों की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि इसे गंभीरावस्था में इलाज के लिए लखनऊ लाया गया। यहां भी तबियत बिगड़ी तो दिल्ली एम्स भेजा गया और वहां के बाद इसे बेहतर इलाज के लिए मुंबई के हिंदुजा हॉस्पिटल शिफ्ट कर दिया गया। तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने भी बड़े नेता का फर्ज निभाते हुए तत्काल मुख्यमंत्री राहत कोष से मोहम्मद अली के खाते में 15 लाख 5 हजार रूपये इलाज के लिए भेजे, लेकिन मौके पर न मिलने पर चेक वापस कर दिया गया और आज तक वो पैसा मोहम्मद अली के खाते में नहीं पहुंचा। बीच बीच में कुछ सपा के वरिष्ठ ने नेता मिलने आते तो सपा सुप्रीमो से मदद के लिए सहानभूति पत्र जरूर थमा देते। वहीं इलाज के लिए हिंदुजा हॉस्पिटल में अली करीब एक दशक तक वेंटिलेटर पर ही रहा, जिसके बाद इनकी पत्नी ने अपने गहने और पिता ने इलाज के लिए अपनी जमीन तक बेच डाली। सन 2016 में जब मोहम्मद अली हिंदुजा हॉस्पिटल से डिस्चार्ज हुआ तो उसकी माली हालत बेहद खराब हो चुकी थी, लिहाजा वो पुनः मुलायम सिंह के पास पहुंचा,उस समय सूबे के अखिलेश यादव मुख्यमंत्री थे। मुलायम सिंह यादव ने तत्काल अखिलेश को निर्देशित किया और इलाज में लगे 15 लाख 5 हजार रूपये देने को कहा। अखिलेश ने आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री कार्यालय से आए अखिलेश यादव के पत्रानुसार 19 मई 2016 को निदेशक लखनऊ को प्रेषित भी की गई लेकिन उसके बाद भी उसे पैसे नहीं मिले। अली ने इसको लेकर कई बार अखिलेश यादव से मुलाकात भी की लेकिन आश्वासन के अलावा आज तक कोई धनराशि नहीं मिली। लगातार अली पार्टी कार्यालय जाता और तमाम नेताओं और सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव से मुलाकात भी करता लेकिन कुछ हासिल न हुआ। पैसे देने के बजाय 2021 में मोहम्मद अली को सुल्तानपुर कार्यकारिणी में जिला सचिव का पद दे दिया गया। वहीं 16 जनवरी 2022 को अखिलेश यादव ने मोहम्मद अली को आश्वासन भी दिया कि 2022 के विधानसभा चुनाव उपरांत पार्टी फंड से देने का आश्वासन दिया था। लेकिन चुनाव हारने के बाद अखिलेश अपना वायदा भूल गए। *20 वर्षों से केवल मिलता रहा मो अली को आश्वासन* इधर अली के माता पिता भी गुजर गए। करंट लगने के चलते वो कुछ काम भी नहीं कर पाता,तीन बेटियों में से एक का निकाह हो गया है जबकि दो बेटियों की इसपर जिम्मेदारी भी है। पत्नी ही इधर उधर कुछ काम करके किसी तरह जीवन यापन कर रही है। वही पीड़ित मो अली को अब केवल बाबा से उम्मीदें है!
*आज अयोध्या मंडल की पहली मिनी इंडोर स्टेडियम की रखी गई आधारशिला*
सुल्तानपुर में आज अयोध्या मंडल के पहले मिली इंडोर स्टेडियम की आधारशिला रखी गई। इस दौरान सुल्तानपुर विधायक एवं पूर्व मंत्री विनोद सिंह ने पूजा पाठ कर निर्माण कार्य का शुभारंभ किया गया। इस स्टेडियम के बन जाने से सुल्तानपुर के साथ साथ आस पास के युवाओं को इसका लाभ मिलेगा और वे अपनी प्रतिभा निखार सकेंगे। दरअसल पिछले काफी दिनों से सुल्तानपुर में मिनी इंडोर स्टेडियम की मांग की जा रही थी, जिसपर विधायक सुल्तानपुर एवं पूर्व मंत्री विनोद सिंह ने जिले से लेकर शासन तक पैरवी की। उसी का परिणाम रहा कि आज ये सपना साकार हो रहा है। नगर के राजकीय इंटर कालेज मैदान पर आज इसकी आधारशिला रखी गई। विधायक विनोद सिंह सहित तमाम शिक्षा विभाग के आलाधिकारियों कर्मचारियों के साथ साथ कई नेता और कार्यकर्ता इसके साक्षी बने। करीब 4 करोड़ 51 लाख की लागत से बनने वाले इस मिनी इंडोर स्टेडियम को बनाने का जिम्मा यूपी प्रोजेक्ट कारपोरेशन लिमिटेड कार्यदाई संस्था को दिया गया है। विधायक विनोद सिंह की माने तो अयोध्या मंडल का ये पहला मिनी इंडोर स्टेडियम है और इसके बन जाने से सुल्तानपुर सहित आस पास के युवाओं को इसका लाभ मिलेगा और अपने खेल प्रतिभा को निखार सकेंगे। बाइट -विनोद सिंह विधायक सुल्तानपुर एवं पूर्व मंत्री