रेखा आर्य ने हल्द्वानी शहर में तीन नवनिर्मित आंगनबाड़ी भवनों का किया लोकार्पण , रेखा आर्य ने कहा भविष्य निर्माण का केंद्र बनें

डेस्क :– उत्तराखंड की महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने गुरुवार को हल्द्वानी शहर में तीन नवनिर्मित आंगनबाड़ी भवनों का लोकार्पण किया। कहा कि आंगनबाड़ी केंद्र आने वाले समय में भविष्य निर्माण का केंद्र बनें।

कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्र कोई सामान्य भवन नहीं हैं। बल्कि बच्चों को स्वस्थ, शिक्षित और संस्कारी बनाकर उत्तराखंड के भविष्य को संवारने का माध्यम हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों को उचित पोषण और शिक्षा देने की शुरुआती जिम्मेदारी आंगनबाड़ी केंद्रों पर ही है। अगर बच्चों का बचपन स्वस्थ रहेगा तो प्रदेश को ज्यादा कुशल मानव संसाधन उपलब्ध होगा। मंत्री ने कहा कि हाल ही में 7000 से ज्यादा आंगनबाड़ी कर्मियों और सहायिकाओं की नियुक्ति होने के बाद निश्चित रूप से आंगनबाड़ी केंद्रों की कार्य कुशलता में बढ़ोतरी होगी।

मंत्री आर्य ने आंगनबाड़ी कर्मियों और सहायिकाओं से एकल महिला स्वरोजगार योजना के प्रचार पर फोकस करने को कहा। मंत्री ने कहा कि इस योजना के बारे में अपने क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा पात्र महिलाओं तक इसकी जानकारी पहुंचाएं। जिससे वह सरकारी सहायता प्राप्त करके अपना रोजगार शुरू कर सकें।

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव मामले में उत्तराखंड सरकार को राहत नहीं, आज फिर होगी सुनवाई

डेस्क:–त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव मामले में उत्तराखंड सरकार को राहत मिलती नजर नहीं आ रही है। गुरुवार को लंबी सुनवाई के बाद उच्च न्यायालय ने इस मामले में सुनवाई के लिए शुक्रवार की तिथि निर्धारित की है। मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र की अगुवाई वाली खंडपीठ में पंचायत चुनाव में आरक्षण निर्धारण के खिलाफ दायर विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई चल रही है। खंडपीठ पिछले तीन दिन से इस मामले में लगातार सुनवाई कर रही है। गुरुवार को भी इस मामले में सुनवाई हुई।

सरकार की ओर से महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर और मुख्य स्थायी अधिवक्ता सीएससी चंद्रशेखर रावत की ओर से आरक्षण रोस्टर के पक्ष में जोरदार बहस की गई और कई दलील दी गई। सरकार की ओर से सीटों का आरक्षण चार्ट भी खंडपीठ के समक्ष पेश किया गया। आरक्षण रोस्टर पर एक बजे से सुनवाई शुरू हुई, लेकिन याचिकाकर्ताओं ने अध्ययन के लिए एक दिन का समय मांगा। जिसे खंडपीठ ने स्वीकार कर लिया और सुनवाई के लिए 27 जून की तिथि निर्धारित कर दी।

दूसरी ओर अधिवक्ता योगेश पचोलिया की ओर से कहा गया कि राज्य सरकार ने आरक्षण को लेकर गठित एकल आयोग की रिपोर्ट अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई है। उच्च न्यायालय में पंचायत चुनाव में आरक्षण तय करने के खिलाफ छह याचिकाएं दायर हैं। अधिकांश याचिकाओं में सरकार की आरक्षण प्रक्रिया को चुनौती दी गई है।

उल्लेखनीय है कि प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की प्रक्रिया 21 जून को चुनाव आयोग की अधिसूचना के साथ शुरू हो गई थी। राज्य चुनाव आयोग की ओर से प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव तय कार्यक्रम के अनुसार 10 और 15 जुलाई को दो चरणों में मतदान तथा 19 जून को मतगणना का कार्य होना था, लेकिन अदालत ने आरक्षण नियमावली का हवाला देते हुए गत 23 जून को अंतरिम आदेश पारित कर चुनावी प्रक्रिया पर रोक लगा दी । इसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने उच्च न्यायालय के आदेश का हवाला देते हुए एक दिन बाद 24 जून को चुनाव स्थगित करने की घोषणा कर दी थी।

उत्तराखंड : बद्रीनाथ हाईवे पर मिनी बस अलकनंदा में गिरी, 2 की मौत, 10 लापता

उत्तराखंड। उत्तराखंड में एक बार फिर प्रकृति की कठिन राहों पर श्रद्धालुओं की बेबसी उजागर हुई है। बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर घोलतीर के पास एक दर्दनाक हादसा सामने आया, जहां श्रद्धालुओं से भरी एक मिनी बस अनियंत्रित होकर अलकनंदा नदी में जा गिरी।

बस में कुल 19 यात्री सवार थे। अब तक मिली जानकारी के अनुसार 2 लोगों की मौत हो चुकी है, 7 लोग घायल हुए हैं और 10 लोग अब भी लापता हैं। घायलों को जिला चिकित्सालय रुद्रप्रयाग में भर्ती कराया गया है।

हादसे के बाद चीख-पुकार मच गई। इसी दौरान एक मासूम बच्चे की पुकार-‘बद्री विशाल… ये क्या करा?’ ने सभी की आंखें नम कर दीं। यह भावुक क्षण अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है और लोगों का कहना है, “जब श्रद्धा के रास्ते भी हादसों से भरे हों, तो दुआओं का ही सहारा बचता है।” घटना की सूचना मिलते ही पुलिस व एसडीआरएफ की टीमों ने मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया है। नदी का तेज बहाव और दुर्गम स्थल बचाव में बड़ी चुनौती बना हुआ है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भी हादसे की जानकारी दे दी गई है। सरकार की ओर से लगातार राहत व बचाव कार्यों की निगरानी की जा रही है। ईश्वर से प्रार्थना है कि लापता लोग सुरक्षित मिलें और इस हादसे में घायल सभी लोग जल्द स्वस्थ हों। श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर अब सवाल फिर से उठने लगे हैं।

उत्तराखंड पंचायत चुनाव पर हाईकोर्ट की रोक, आरक्षण नीति पर उठे सवाल

नैनीताल। उत्तराखंड में प्रस्तावित त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों पर नैनीताल हाईकोर्ट ने फिलहाल रोक लगा दी है। यह फैसला राज्य सरकार की आरक्षण नीति को लेकर दायर याचिकाओं के आधार पर लिया गया है। उल्लेखनीय है कि राज्य निर्वाचन आयोग ने 25 जून से नामांकन प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा के साथ ही चुनाव की अधिसूचना जारी कर दी थी और आचार संहिता भी लागू कर दी गई थी।

हाईकोर्ट ने यह रोक आरक्षण रोटेशन में पारदर्शिता की कमी और अस्पष्टता को आधार बनाते हुए लगाई है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जब तक आरक्षण की स्थिति स्पष्ट नहीं होती, तब तक चुनाव प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ाई जा सकती। यह याचिकाएं बागेश्वर निवासी गणेश दत्त कांडपाल और अन्य द्वारा दाखिल की गई थीं। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि सरकार ने 9 जून को नई पंचायत चुनाव नियमावली लागू की और 11 जून को आरक्षण रोटेशन को शून्य घोषित कर नया रोटेशन लागू करने का आदेश जारी किया। इसके चलते कई सीटें लगातार चौथी बार भी आरक्षित वर्ग के लिए रखी गई हैं, जिससे सामान्य वर्ग के लोगों को चुनाव लड़ने का मौका नहीं मिल रहा।

वहीं, राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि इस विषय में कुछ याचिकाएं हाईकोर्ट की एकलपीठ में भी लंबित हैं। सरकार ने यह भी कहा कि एकलपीठ के समक्ष केवल 11 जून के आदेश को चुनौती दी गई है, जबकि याचिकाकर्ताओं ने 9 जून की नियमावली को भी चुनौती दी है। कोर्ट के इस आदेश से पंचायत चुनाव की समय-सीमा और प्रक्रिया पर अनिश्चितता छा गई है। अब अगली सुनवाई के बाद ही यह तय हो सकेगा कि चुनाव कब और किन नियमों के तहत होंगे।