स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत प्राथमिक स्कूलों का मंडलायुक्त ने किया औचक निरीक्षण

* विद्यालय के सामने कूड़ा डम्प मिलने पर जेडएसओ पंकज शुक्ला के खिलाफ तत्काल आरोप पत्र जारी करने के निर्देश

लखनऊ। मंडलायुक्त डॉ. रोशन जैकब ने गुरुवार को स्मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत विकसित किए जा रहे प्राथमिक स्मार्ट स्कूलों का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने सबसे पहले प्राथमिक विद्यालय कमता प्रथम का जायजा लिया, जहां यूपी राजकीय निर्माण निगम व रूरल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट द्वारा किए गए कार्यों की समीक्षा की गई।

निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने अवगत कराया कि विद्यालय में फर्नीचर, टाइल्स, किचन शेड, शौचालय, बाउंड्री वॉल, प्लास्टर, पेंटिंग और इंटरलॉकिंग जैसी सुविधाओं का निर्माण कराया गया है। हालांकि, डॉ. जैकब ने विद्यालय की रेम्प की ऊंचाई को अनावश्यक रूप से अधिक पाते हुए नाराज़गी जताई और निर्देश दिया कि रेम्प को तत्काल संशोधित कर मानक के अनुरूप बनाया जाए।

इसके पश्चात मंडलायुक्त ने प्राथमिक विद्यालय चिनहट-1 और चिनहट-2 का निरीक्षण किया। इस दौरान प्राथमिक विद्यालय चिनहट-1 के सामने कूड़ा डंप पाया गया, जिस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए उन्होंने ज़ोनल सैनिटेशन ऑफिसर (ZSO) पंकज शुक्ला के खिलाफ तत्काल आरोप पत्र जारी करने के निर्देश दिए। डॉ. जैकब ने कहा कि स्मार्ट स्कूल केवल इमारत नहीं, बल्कि बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए एक समर्पित वातावरण होना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि साफ-सफाई, निर्माण की गुणवत्ता और बच्चों के लिए सुविधाजनक वातावरण सुनिश्चित किया जाए।

निरीक्षण के दौरान संबंधित विभागों को स्मार्ट सुविधाओं के बेहतर उपयोग व रखरखाव के लिए लगातार मॉनिटरिंग करने का भी निर्देश दिया गया।

समरसता और एकजुटता ही हमारी पहचान: अमित राज

लखनऊ। भाजपा के वरिष्ठ नेता संजय सिंह व प्रधान संघ के अध्यक्ष अमित राज यादव ने अनौराकला, चिनहट(लखनऊ) स्थित प्राचीन इमली बांध बाबा मंदिर पर बुधवार को अनुसूचित जाति के 11 सदस्यों का पैर धोकर उन्हें अंग वस्त्र प्रदान कर उनका स्वागत किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों के बीच समरसता का संदेश देना है। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से मंदिर के मुख्य पुजारी ललित रावत ,सहित मनोहर यादव ग्राम प्रधान जुग्गौर, अर्जुन प्रधान मेहौरा, आर. एन. त्रिपाठी अध्यक्ष देवस्थान अनूप सिंह, राका बीडीसी, रामराज नेता, विक्रम यादव, सरवन यादव, राकेश रावत, प्रवेश पाल सहित सैकडों गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री योगी ने पर्व-त्योहारों के मद्देनज़र कसी कानून-व्यवस्था की कमान, दिए कड़े निर्देश

लखनऊ। आगामी श्रावण मास, कांवड़ यात्रा, रथ यात्रा, मोहर्रम, रक्षाबंधन जैसे प्रमुख पर्वों को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार देर शाम वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। उन्होंने प्रदेशभर के पुलिस आयुक्तों, मंडलायुक्तों, जिलाधिकारियों और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को कानून-व्यवस्था और जनसुविधाओं के प्रभावी प्रबंधन के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी आयोजन श्रद्धा, सुरक्षा और समरसता के साथ सम्पन्न हों, इसके लिए प्रशासन को सतर्कता और संवेदनशीलता से कार्य करना होगा।

श्रावण मास (11 जुलाई से 09 अगस्त) और कांवड़ यात्रा के दौरान लाखों श्रद्धालुओं की आवाजाही को देखते हुए विशेष सतर्कता बरतने को कहा गया है। यात्रा मार्गों पर साफ-सफाई, रोशनी, पेयजल, शौचालय, प्राथमिक चिकित्सा जैसी सुविधाओं की व्यवस्था के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही, खुले में मांस बिक्री पर रोक, डीजे की ध्वनि सीमा, और धार्मिक आयोजनों में अस्त्र-शस्त्र के प्रदर्शन पर सख्ती बरतने को कहा गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यात्रा मार्गों पर भड़काऊ नारे, कानफोड़ू संगीत और परंपरा से हटकर रूट परिवर्तन की अनुमति नहीं होगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी शोभायात्रा के लिए पेड़ काटना या गरीबों को विस्थापित करना अस्वीकार्य है। डीजे की ऊंचाई और ध्वनि स्तर निर्धारित मानकों के अनुरूप होनी चाहिए।

मोहर्रम के आयोजन को लेकर उन्होंने पीस कमेटियों से संवाद की बात कही और पूर्व घटनाओं से सबक लेते हुए सुरक्षा उपाय पुख्ता करने के निर्देश दिए। सोशल मीडिया की कड़ी निगरानी, ड्रोन से निगरानी और अफवाहों पर त्वरित खंडन की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने जातीय संघर्ष की साजिशों पर सख्त रुख अपनाते हुए अधिकारियों से षड्यंत्रों का तुरंत भंडाफोड़ करने और दोषियों पर कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने जनशिकायतों के निस्तारण में लापरवाही बरतने वाले जिलों को चेतावनी भी दी।

बैठक के अंत में सीएम ने 'स्कूल पेयरिंग नीति' पर भी चर्चा की और जिलाधिकारियों से पारदर्शी तरीके से इसे लागू करने को कहा।

प्रदेश में उच्च तकनीकी क्षमताओं के विकास का माध्यम बन रहा ‘एआई प्रज्ञा’

* कौशल विकास मिशन मुख्यालय में अधिकारियों व कर्मचारियों को दिया गया प्रशिक्षण

लखनऊ। उत्तर प्रदेश को कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) का प्रमुख केंद्र बनाने की दिशा में एक और महत्त्वपूर्ण पहल करते हुए, लखनऊ स्थित उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के मुख्यालय में "एआई प्रज्ञा" परियोजना के अंतर्गत एक दिवसीय क्षमता विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम उत्पादक कृत्रिम बुद्धिमत्ता (जनरेटिव एआई) तथा साइबर सुरक्षा जैसे समसामयिक विषयों पर केंद्रित रहा, जिसमें मिशन के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को नवीनतम तकनीकी ज्ञान प्रदान किया गया।

यह विशेष पहल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उस दूरदृष्टिपूर्ण सोच का हिस्सा है, जिसके अंतर्गत प्रदेश को डिजिटल भारत मिशन के अनुरूप आधुनिक तकनीकों से युक्त किया जा रहा है। कार्यक्रम में प्रतिभागियों को कृत्रिम बुद्धिमत्ता की बुनियादी अवधारणाओं के साथ-साथ उन्नत तकनीकी टूल्स तथा साइबर सुरक्षा तकनीकों की कार्यप्रणाली की विस्तृत जानकारी दी गई। साथ ही इन तकनीकों का प्रत्यक्ष प्रदर्शन (डेमॉन्स्ट्रेशन) भी प्रस्तुत किया गया, जिससे प्रतिभागियों को व्यवहारिक समझ विकसित करने में सहायता मिली।

उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के निदेशक पुलकित खरे ने प्रशिक्षण सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि "एआई प्रज्ञा" परियोजना हम सभी के लिए एक अत्यंत उपयोगी अवसर है। इससे प्रदेश में उच्च तकनीकी क्षमताओं का विकास होगा और हमारे अधिकारी व प्रशिक्षणार्थी भविष्य की कार्य आवश्यकताओं के लिए और अधिक सक्षम बन सकेंगे। उन्होंने यह भी अवगत कराया कि विभाग की योजना है कि भविष्य में इसी प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदेश के सभी प्रशिक्षण केंद्रों में भी संचालित किए जाएं, जिससे युवाओं की दक्षता में व्यापक वृद्धि हो सके।

इस अवसर पर अपर मिशन निदेशक प्रिया सिंह, मिशन के वरिष्ठ अधिकारी, तकनीकी विशेषज्ञ, सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग के प्रतिनिधि, माइक्रोसॉफ्ट टीम के सदस्य एवं बड़ी संख्या में विभागीय कार्मिक उपस्थित रहे।

भाषा विश्वविद्यालय में तकनीकी शिक्षा को नई उड़ान, स्थापित हुई अत्याधुनिक प्रयोगशालाएं

-- छात्रों को मिलेगा रियल-टाइम प्रोजेक्ट्स और स्मार्ट टेक्नोलॉजी पर काम करने का अवसर

लखनऊ। ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय, लखनऊ ने तकनीकी शिक्षा को नया आयाम देते हुए कंप्यूटर विज्ञान एवं अभियान्त्रिकी विभाग में अत्याधुनिक प्रयोगशालाएं स्थापित की हैं। इन प्रयोगशालाओं का उद्देश्य छात्रों को व्यावहारिक ज्ञान, अनुसंधान और नवाचार के समन्वय से वैश्विक स्तर की तकनीकी दक्षता प्रदान करना है।

अब छात्र ‘श्रीनिवास रामानुजन नेटवर्किंग लैब’ में नेटवर्किंग, डेटा ट्रांसमिशन, क्लाउड नेटवर्क और साइबर सुरक्षा जैसे आधुनिक तकनीकों पर कार्य कर रहे हैं। वहीं ‘आर्यभट्ट पायथन लैब’ में कोडिंग और एडवांस प्रोग्रामिंग की शिक्षा रियल-टाइम प्रोजेक्ट्स के माध्यम से दी जा रही है। तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देने के लिए ‘डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस लैब’ की स्थापना की गई है, जहां छात्र एआई मॉडलिंग, मशीन लर्निंग और स्मार्ट टेक्नोलॉजी आधारित समाधान विकसित कर रहे हैं।

इसके अतिरिक्त, ‘विक्रम साराभाई प्रोग्रामिंग लैब’ छात्रों को सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट की गहराई से समझ प्रदान कर रही है, जबकि ‘रंगास्वामी नरसिम्हन ऑपरेटिंग सिस्टम लैब’ ऑपरेटिंग सिस्टम के जटिल सिद्धांतों को सरल और व्यावहारिक रूप में सिखा रही है। इन सभी प्रयोगशालाओं की संकल्पना और नामकरण की अनुशंसा विभागाध्यक्ष डॉ. सुमन कुमार मिश्र द्वारा की गई, जिसे विश्वविद्यालय की विद्या परिषद ने सर्वसम्मति से अनुमोदित किया।

यह पहल विश्वविद्यालय को तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में एक अलग पहचान दिलाने के साथ-साथ छात्रों को नवाचार, शोध और भविष्य की तकनीकी चुनौतियों के लिए तैयार कर रही है। यह कदम तकनीकी सशक्तिकरण की दिशा में एक अनुकरणीय उदाहरण बनकर उभरेगा।

अंतर्राष्ट्रीय आलू केंद्र को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी

* कृषि नवाचार और किसान कल्याण के लिए ऐतिहासिक पहल: दिनेश प्रताप सिंह

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार तथा कृषि निर्यात राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा उत्तर प्रदेश के आगरा स्थित सिंगना में अंतर्राष्ट्रीय आलू केंद्र के दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र की स्थापना को मंजूरी दे दी गई है।

मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने इस महत्वपूर्ण निर्णय के लिए केंद्र सरकार का आभार व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री श्री मोदी के प्रति विशेष धन्यवाद ज्ञापित किया। मंत्री ने कहा कि यह केंद्र कृषि उत्पादकता बढ़ाने, मूल्य संवर्धन एवं रोजगार सृजन के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने बताया कि आलू और शकरकंद जैसी जड़वाली फसलों में अपार संभावनाएं हैं और इस नवाचार केंद्र की स्थापना से खाद्य व पोषण सुरक्षा, किसानों की आय में वृद्धि, तथा सतत कृषि विकास को बल मिलेगा।

उन्होंने बताया कि यह केंद्र न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे दक्षिण एशिया क्षेत्र में वैज्ञानिक अनुसंधान, प्रसंस्करण, विपणन और निर्यात को गति देगा। विशेष रूप से उच्च उपज, पोषणयुक्त और जलवायु अनुकूल किस्मों का विकास किसानों के लिए वरदान साबित होगा। इसके माध्यम से खेती के क्षेत्र में वैश्विक स्तर की तकनीक और नवाचार प्रदेश में सुलभ होंगे।

तकनीक आधारित शिक्षा से ही युवा बनेंगे आत्मनिर्भर : कपिल देव

-- कौशल विकास मंत्री ने राजकीय आईटीआई सुलतानपुर में प्रशिक्षार्थियों से संवाद, रोबोटिक्स प्रशिक्षण का लिया जायजा

सुलतानपुर/लखनऊ। प्रदेश के व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) एवं प्रभारी मंत्री हापुड़/बिजनौर कपिल देव अग्रवाल ने बुधवार को राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, सुलतानपुर का दौरा कर संस्थान की गतिविधियों का निरीक्षण किया। इस अवसर पर उन्होंने प्रशिक्षार्थियों को तकनीक और परिश्रम को जीवन का आधार बनाकर आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में भागीदारी निभाने का आह्वान किया।

निरीक्षण के दौरान कौशल विकास मंत्री ने टी.टी.एल. योजना के अन्तर्गत संचालित "इण्डस्ट्रियल रोबोटिक्स एवं डिजिटल मैन्युफैक्चरिंग टेक्नीशियन" व्यवसाय के प्रशिक्षुओं द्वारा तैयार रोबोटिक आर्म का प्रदर्शन देखा और छात्रों के नवाचार की सराहना की। उन्होंने कहा कि आज का युग तकनीक आधारित ज्ञान का है। हमारे युवा अगर हुनर और तकनीकी दक्षता से लैस होंगे तो देश को आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

संस्थान में संचालित टीटीएल, जीआईटीआई, कौशल विकास मिशन एवं आईटीओटी से जुड़े प्रशिक्षार्थियों को एक साथ संबोधित करते हुए मंत्री अग्रवाल ने निर्देशित किया कि प्रशिक्षण के साथ ही उद्योगों से जुड़ाव की प्रक्रिया और तेज की जाए ताकि युवा सीधे रोजगार से जुड़ सकें। हर संस्थान में टेक्नोलॉजी आधारित व्यवसायों को प्राथमिकता दी जाए। प्रशिक्षकों की क्षमता वृद्धि हेतु समय-समय पर कार्यशालाओं का आयोजन किया जाए। उद्योग-शिक्षा समन्वय मंच के माध्यम से स्थानीय उद्योगों की मांग के अनुसार कोर्स संरचना में संशोधन किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि योगी सरकार युवाओं को हुनरमंद बनाने के लिए हर संभव संसाधन और प्रशिक्षण व्यवस्था उपलब्ध करा रही है। संस्थान के प्रशिक्षार्थियों को चाहिए कि वे न केवल नौकरी पाने बल्कि स्वरोजगार के माध्यम से औरों को रोजगार देने की दिशा में भी सोचें।

राज्य संग्रहालय में ‘जूनियर कंजर्वेशनिस्ट नेचर कैम्प’ का आयोजन

- बच्चों ने सीखी मछलियों की अनोखी दुनिया की बारीकियां

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार के संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह की प्रेरणा और प्रमुख सचिव संस्कृति एवं पर्यटन के मार्गदर्शन में बुधवार को राज्य संग्रहालय, लखनऊ में ‘जूनियर कंजर्वेशनिस्ट नेचर कैम्प’ का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम संस्कृति विभाग, उत्तर प्रदेश और टर्टिल सर्वाइवल एलाइन्स फाउंडेशन, इंडिया के संयुक्त तत्वावधान में संपन्न हुआ।

कैम्प में प्रतिभागी बच्चों को मत्स्य विविधता, मछलियों के पारिस्थितिकी तंत्र और उनके संरक्षण के महत्व पर जागरूक किया गया। टर्टिल सर्वाइवल फाउंडेशन की वैज्ञानिक टीम, डॉ. अनुराग और सुश्री शिवांगी ने बच्चों को राष्ट्रीय मत्स्य संग्रहालय का विस्तृत भ्रमण कराया। यहां उन्हें उत्तर प्रदेश की राजकीय मछली 'चीतल' समेत भारत के विभिन्न राज्यों की राजकीय मछलियों के मॉडल और उनके विशेष लक्षणों की जानकारी दी गई। इसके साथ ही विभिन्न नदियों में पाई जाने वाली मछलियों, उनके आवास एवं पारिस्थितिकी संबंधों को वीडियो और ऑडियो माध्यम से प्रस्तुत किया गया। संग्रहालय की जंतुओं की प्रयोगशाला में बच्चों को मछलियों के गिल्स के जरिए उनके शरीर रचना विज्ञान की जानकारी दी गई। कैम्प के दौरान गंगा एक्वेरियम में बच्चों ने जीवित कछुए, रंग-बिरंगी मछलियां और कोरल्स का भी अवलोकन किया। राष्ट्रीय मछली संग्रहालय के वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी अमित सिंह बिष्ट ने प्रवास, प्रजनन और जैव विविधता पर आधारित व्याख्यान दिया।

कार्यक्रम के अंत में बच्चों को एक वर्कशीट दी गई जिसमें भ्रमण के दौरान प्राप्त जानकारी से संबंधित प्रश्नों के उत्तर चित्रों सहित देने थे। बच्चों ने इस गतिविधि में उत्साहपूर्वक भाग लिया। आयोजन में अनुराग द्विवेदी, सुरेश कुमार रावत और सत्यपाल शर्मा का विशेष योगदान रहा।

किसानों को मिलेगा मक्का का उचित मूल्य, सरकार ने शुरू की सरकारी खरीद

-- खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 के तहत 23 जिलों में खरीदी जा रही उपज

लखनऊ। किसानों को उनकी मेहनत का उचित मूल्य दिलाने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश सरकार ने खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में पहली बार मक्का की सरकारी खरीद प्रक्रिया शुरू की है। यह खरीद 15 जून से 31 जुलाई 2025 तक की जाएगी, जिसमें राज्य के 23 जिलों को शामिल किया गया है।

इन जिलों में फिरोजाबाद, मैनपुरी, आगरा, अलीगढ़, एटा, कासगंज, हाथरस, बुलंदशहर, रामपुर, सम्भल, बदायूं, कानपुर नगर, औरैया, इटावा, कन्नौज, फर्रुखाबाद, हरदोई, उन्नाव, अयोध्या, बहराइच, गोंडा, बस्ती और मिर्जापुर शामिल हैं

खाद्य एवं रसद विभाग के आयुक्त भूपेन्द्र एस. चौधरी ने जानकारी दी कि सरकार ने मक्का का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2225 रुपए प्रति क्विंटल तय किया है। किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए खाद्य विभाग के ई-उपार्जन पोर्टल https://fcs.up.gov.in पर पंजीकरण कराना अनिवार्य है।

प्रदेश के 22 जिलों में अब तक 131 क्रय केंद्र स्थापित किए जा चुके हैं, जहां पेयजल, बैठने और तिरपाल आदि की सुविधाएं मौजूद हैं। किसानों को फोन कॉल के माध्यम से जानकारी दी जा रही है और बिक्री के लिए प्रेरित किया जा रहा है। एटा, हाथरस और सम्भल में 23 जून से खरीद प्रारंभ हो चुकी है, जहां अब तक 17 किसानों से कुल 930 क्विंटल मक्का की खरीद हो चुकी है। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि किसानों को भुगतान 48 घंटे के भीतर पीएफएमएस प्रणाली के तहत उनके आधार से लिंक बैंक खातों में भेजा जाएगा। यह कदम किसानों की आर्थिक सुरक्षा और कृषि उत्पादों के लिए स्थायी बाजार उपलब्ध कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

हाईकोर्ट ने आजम खान की याचिका को सह-आरोपियों से जोड़ा, 3 जुलाई को निर्णायक सुनवाई

* वीडियो साक्ष्य और गवाहों की पुनः गवाही पर जोर, निष्पक्षता पर उठे सवाल

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री और पूर्व सांसद मोहम्मद आजम खान को 2016 के चर्चित बलपूर्वक बेदखली प्रकरण में इलाहाबाद हाईकोर्ट से अहम राहत मिली है। न्यायालय ने उनकी याचिका को सह-आरोपियों की पहले से लंबित याचिका से टैग करते हुए 3 जुलाई 2025 को निर्णायक सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है।

आजम खान की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एनआई जाफरी, अधिवक्ता शाश्वत आनंद और शशांक तिवारी ने याचिका में पूरे मुकदमे पर रोक लगाने की मांग की। उन्होंने तर्क दिया कि मुख्य अभियोजन गवाहों की दोबारा गवाही और घटनास्थल से जुड़ी महत्वपूर्ण वीडियो फुटेज रिकॉर्ड पर लाए बिना निष्पक्ष सुनवाई संभव नहीं है।

हालांकि, न्यायमूर्ति समीत गोपाल की एकल पीठ ने यह कहते हुए अलग से कोई अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया कि सह-आरोपियों की याचिका पर पहले ही ट्रायल पर रोक लगाई जा चुकी है। कोर्ट ने निर्देश दिया कि आजम खान व सह-आरोपी वीरेंद्र गोयल की याचिका को उन्हीं लंबित मामलों से जोड़ा जाए, जिससे समग्र रूप से सुनवाई संभव हो सके।

आजम खान की याचिका, ट्रायल कोर्ट द्वारा 30 मई को पारित उस आदेश को चुनौती देती है जिसमें 12 एफआईआर से जुड़े मुख्य गवाहों— विशेषकर सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन जफर अहमद फारूकी— को पुनः बुलाने की मांग खारिज की गई थी। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि फारूकी द्वारा उल्लेखित वीडियोग्राफी से यह सिद्ध हो सकता है कि याचिकाकर्ता घटनास्थल पर मौजूद नहीं थे, जिससे अभियोजन की पूरी नींव ही कमजोर हो जाती है।

यह मामला रामपुर के कोतवाली थाना क्षेत्र में 2019-20 में दर्ज एफआईआर संख्या 528/2019 से 539/2019 और 556/2019 पर आधारित है, जिन्हें बाद में विशेष न्यायाधीश (एमपी/एमएलए) द्वारा एकल वाद में समाहित कर 8 अगस्त 2024 को चलाया गया।

याचिकाकर्ताओं ने इसे संविधान के अनुच्छेद 14, 19, 20 और 21 का उल्लंघन बताते हुए मुकदमा रद्द करने की भी मांग की है। इससे पहले, 11 जून को सह-आरोपी इस्लाम ठेकेदार की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को 3 जुलाई तक कोई अंतिम फैसला सुनाने से रोक दिया था।