चुनाव से पहले बिहार में बहार, आज फिर आ रहे पीएम मोदी, देंगे 5736 करोड़ की सौगात

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज बिहार के दौरे पर रहेंगे। अपने इस दौरे के दौरान पीएम 5 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की विकास योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण करेंगे। वे एक नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को भी हरी झंडी दिखाएंगे। कुछ ही महीनों में बिहार में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में पीएम मोदी का दौरा काफी अहम माना जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा केवल 20 दिन में दूसरा और इस साल का 51वां बिहार प्रवास होगा। पीएम मोदी ने इससे पहले 29-30 मई को बिहार का दौरा किया था।

22 परियोजनाओं का करेंगे उद्घाटन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज महागठबंधन के गढ़ सिवान में एक बड़ी चुनावी रैली को संबोधित करेंगे। दोपहर 12 बजे वह सिवान पहुंचेंगे। पीएम मोदी का ये कार्यक्रम 1 बजकर 15 मिनट तक चलेगा। सिवान की धरती पर 5,736 करोड़ रुपये की कुल 22 परियोजनाओं का तब उद्घाटन किया जाएगा। प्रधानमंत्री 53,666 बेघर लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना की पहली किस्त के तौर पर 51,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि वितरित करेंगे। इसके अलावा, 6,684 शहरी गरीब परिवारों को उनके नए घरों की चाबी मिलेगी।

कई योजनाओं का होगा शिलान्यास

प्रधानमंत्री एक नई वंदे भारत ट्रेन को भी हरी झंडी दिखाएंगे, जो पटना के पास पाटलिपुत्र जंक्शन और उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के बीच चलेगी। मोदी अमृत भारत योजना की 11 परियोजनाओं और नमामि गंगे परियोजना के तहत चार अन्य परियोजनाओं की आधारशिला रखने के अलावा नई वैशाली-देवरिया रेलवे लाइन का भी उद्घाटन करेंगे।

सिवान में पीएम की रैली के सियासी मायने

बिहार में इस साल अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। महागठबंधन का गढ़ माने जाने वाले सीवान और आसपास की 24 विधानसभा सीटों पर एनडीए ने जीत का लक्ष्य रखा है। रैली के जरिए पीएम मोदी सिवान के साथ ही सारण और गोपालगंज की 24 विधानसभा सीटों पर अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश करेंगे। महागठबंधन का ये इलाका एनडीए के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है पीएम मोदी की ये रैली यहां एनडीए की राह आसान कर सकती है।

बता दें कि सिवान जिले में 8 विधानसभा क्षेत्र में मुस्लिम वोटर्स का दबदबा है। यहां 25% से ज्यादा मुस्लिम हैं और यादव वोट भी अच्छी तादात में है। MY समीकरण की वजह से यहां आरजेडी का दबदबा है। लेकिन खास बात यह है कि सवर्ण और अति पिछड़ा वोट बैंक नीतीश और बीजेपी के साथ है।

राहुल गांधी का नया पता- लुटियंस जोन का 5 सुनहरी बाग, जन्मदिन पर नए घर में गृह प्रवेश

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कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी आज अपने सरकारी आवास 5 सुनहरी बाग में शिफ्ट हो गए हैं। उन्होंने आज सुबह अपने जन्मदिन पर इस घर में गृह प्रवेश किया। यह बंगला उन्हें लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष होने के नाते आवंटित किया गया है। इससे पहले वो अपनी मां के साथ 10 जनपथ स्थित आवास में रह रहे थे। साल 2023 में राहुल ने 12, तुगलक लेन बंगला खाली कर दिया था, जहां वे 12 साल से रह रहे थे। सांसदी जाने के बाद बंगला खाली करना पड़ा।

राहुल टाइप-8 बंगले के हकदार थे

संसदीय आवास समिति ने उन्हें 5 सुनहरी बाग रोड, 7 मोतीलाल नेहरू मार्ग और 3 कृष्णा मेनन मार्ग बंगले का ऑप्शन दिया था। इसमें से राहुल ने सुनहरी बाग को चुना। लोकसभा में विपक्ष के नेता बनने के बाद राहुल टाइप-8 बंगले के हकदार थे, क्योंकि उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त है।

इस बंगले में क्या है खास?

राहुल को जो बंगला मिला है वह लुटियंस जोन में है। यहां देश के कई बड़े राजनेताओं, मंत्रियों और जजों के बंगले होते हैं। यह बंगला पहले सीनियर कैबिनेट मंत्रियों या आयोग के प्रमुखों को आवंटित होता रहा है। यह हाई सिक्योरिटी एरिया है। बंगले का क्षेत्रफल 2000 से 3000 वर्ग मीटर के करीब है। बंगले में 4 से 5 बड़े बेडरूम और ऑफिस शामिल हैं। मीटिंग हॉल, प्राइवेट लॉन, सुरक्षा कर्मी कक्ष, स्टाफ क्वार्टर और कार पार्किंग भी है। इसमें बड़ी बैठकें, मीडिया कॉन्फ्रेंस और राजनीतिक गतिविधियों के लिए पर्याप्त जगह है, जो विपक्ष के नेता होने के नाते राहुल गांधी की जरूरतों के मुताबिक है।

लोकसभा सदस्यता जाने पर छोड़ा था तुगलक रोड वाला बंगला

23 मार्च 2023 को सूरत कोर्ट ने मानहानि केस में उन्हें 2 साल कैद की सजा सुनाई थी। हालांकि, कुछ ही देर में उन्हें जमानत भी मिल गई थी। इसके अगले दिन राहुल की लोकसभा सदस्यता रद्द कर दी गई। 27 मार्च 2023 को उन्हें बंगला खाली करने का नोटिस दिया गया।

जस्टिस यशवंत वर्मा नकदी कांड की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा, जांच पैनल रिपोर्ट में हुई जले नोटों की पुष्टि

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जस्टिस यशवंत वर्मा कैश कांड में जांच पैनल की रिपोर्ट आ गई है। जांच में यह बात सामने आई है कि जस्टिस वर्मा के घर कैश मिलने का सबूत है। तीन जजों की कमेटी की रिपोर्ट में जले हुए नोटों की पुष्टि हुई है। तीन सीनियर जजों के पैनल ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के मौजूदा जज जस्टिस यशवंत वर्मा को हटाने की कार्यवाही शुरू करने की सिफारिश की है।

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट की पैनल रिपोर्ट में जस्टिस वर्मा पर लगे आरोपों की पुष्टि हुई है। खबरों के मुताबिक न्यायाधिश यशवंत वर्मा के स्टोर रुम में नोट रखी हुई थी जिसकी पहुंच केवल न्यायाधीश और परिवार तक ही थी। वहां किसी और की एंट्री नहीं थी।

जस्टिस वर्मा को हटाने के लिए पर्याप्त सबूत का दावा

जजों के पैनल की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि जस्टिस यशवंत वर्मा को हटाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा को हटाने की कार्यवाही शुरू करने की आवश्यकता है। तत्कालीन सीजेआई ने तीन जजों की कमेटी गठित की थी। गठित तीन जजों की समिति ने 10 दिन में 55 गवाहों के बयान दर्ज किए थे। 

10 गवाहों ने जले या अधजले नोट देखने की बात मानी

समिति की ओर से जांचे गए कम से कम 10 गवाहों ने जले हुए या आधे जले हुए नोट देखने की बात स्वीकार की है। वहीं, एक गवाह ने कहा, उन्होंने देखा था कि कमरे में फर्श पर नोट बिखरे पड़े थे। जले हुए या आधे जले हुए 500 के नोट फर्श पर पड़े हुए थे।

 

सबूतों को नष्ट करने और सफाई करने की जांच

समिति ने जस्टिस वर्मा के निजी सचिव राजिंदर सिंह कार्की और उनकी बेटी दीया वर्मा द्वारा कथित तौर पर सबूतों को नष्ट करने या आग लगने की जगह की सफाई करने में संदिग्ध भूमिका की भी जांच की। उदाहरण के लिए, कार्की ने कथित तौर पर आग बुझाने वाले फायरमैन को निर्देश दिया कि वे अपनी रिपोर्ट में नोटों के जलने और अगले दिन कमरे की सफाई करने का उल्लेख न करें, जिसका उन्होंने खंडन किया। हालांकि, अन्य गवाहों के बयानों और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों से इसके उलट साबित हुआ।

क्या है मामला?

दरअसल, जस्टिस वर्मा के घर 14 मार्च को आग लगी थी। यह आग 14 मार्च की रात लगभग 11:35 बजे 30 तुगलक क्रिसेंट, नई दिल्ली में लगी थी। जहां पर कथित तौर पर उनके घर से बड़ी मात्रा में कैश मिला था। यह उस समय जस्टिस वर्मा का आधिकारिक निवास था। उस वक्त वह दिल्ली हाईकोर्ट के जज थे। कैश कांड सामने आने के बाद उच्च स्तरीय जांच शुरू की गई थी। वहीं, जस्टिस यशवंत वर्मा का दावा है कि स्टोर रूम में उन्होंने या उनके परिवार वालों ने कभी कैश नहीं रखा और उनके खिलाफ साजिश रची जा रही है।

पाकिस्तान आर्मी चीफ ने ट्रंप के लिए मांगा नोबेल पुरस्कार, व्हाइट हाउस में लंच से पहले सीजफायर पर भी की बात

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक उच्च-स्तरीय कूटनीतिक कदम के तहत बुधवार को व्हाइट हाउस में पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असिम मुनीर के साथ एक बंद दरवाजे के लंच का आयोजन किया। मुनीर और ट्रंप के लंच पर भारत समेत पूरी दुनिया की नजर थी। भारत में सवाल उठ रहे थे कि ट्रंप जिनका हमारे साथ अच्छा संबंध है, आखिर वह दुश्मन देश के सेना प्रमुख को इतनी तवज्जो क्यों दे रहे हैं। इसके पीछे की वजह पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार देने की मांग की है। उन्होंने यह पुरस्कार भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम कराने में ट्रंप की भूमिका के लिए मांगा।

व्हाइट हाउस की प्रवक्ता एना केली ने कहा कि ट्रंप, मुनीर की मेजबानी करेंगे क्योंकि मुनीर ने ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार देने की मांग की है। केली ने कहा कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु युद्ध को रोकने के लिए राष्ट्रपति को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित करने का आह्वान किया है।

ट्रंप ने मुनीर को कहा शुक्रिया

वहीं, ट्रंप ने मुनीर को इसके लिए शुक्रिया कहा। उन्होंने कहा- मुझे पाकिस्तान से प्यार है। ट्रंप ने कहा- मुनीर से मिलकर सम्मानित महसूस हुआ। उन्होंने भारत के साथ युद्ध रोकने में अहम भूमिका निभाई।

ट्रंप ने अपने दावे को फिर दोहराया

यही नहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को एक बार फिर दावा किया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध रुकवाया है। ट्रंप ने पत्रकारों से बातचीत में मोदी को एक शानदार व्यक्ति' बताया और कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापार समझौता होगा। अमेरिकी राष्ट्रपति ने बुधवार को कहा, 'मैंने युद्ध रुकवाया है... मैं पाकिस्तान को पसंद करता हूं। मुझे लगता है कि मोदी एक शानदार इंसान हैं। मैंने कल रात उनसे बात की। हम भारत के मोदी के साथ व्यापार समझौता करने जा रहे हैं, लेकिन मैंने पाकिस्तान और भारत के बीच युद्ध रुकवा दिया है।

पीएम मोदी की ट्रंप दो टूक

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से फोन पर बातचीत करने के कुछ घंटे बाद ही ट्रंप ने अपने दावे को दोहराया। इससे पहले पीएम मोदी ने फोन पर बातचीत के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप से स्पष्ट शब्दों में कहा कि भारतीय सेना के 'ऑपरेशन सिंदूर' को पाकिस्तान के अनुरोध के बाद रोका गया था। इसमें अमेरिकी मध्यस्थता या व्यापार सौदे की पेशकश जैसी कोई वजह नहीं थी। यही नहीं पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति के निमंत्रण को भी ठुकरा दिया और कहा कि कनाडा से लौटते समय उनका वाशिंगटन में रुकना संभव नहीं है।

ऑपरेशन सिंधु के तहत ईरान से भारत पहुंचे 110 भारतीय छात्र, इजराइल के साथ जंग के बीच सरकार की बड़ी पहल

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ईरान और इजरायल के बीच में जारी जंग लगातार भीषण होती जा रही है। इजराइल जहां ईरान में राजधानी तेहरान, न्यूक्लियर साइट और सैन्य ठिकानों को टारगेट कर रहा है। वहीं ईरान भी इजरायल में सैन्य ठिकानों को तबाह करने में लगा है। जंग के बीच हजारों भारतीय ईरान और इजरायल में फंसे हुए हैं। अकेले ईरान में ही 10 हजार से ज्यादा भारतीय फंसे हैं जिनमें आधे से ज्यादा स्टूडेंट्स हैं। भारत सरकार ने युद्ध के बीच से भारतीयों को निकालने के लिए ऑपरेशन सिंधु लॉन्च किया है।

110 भारतीय छात्रों का पहला बैच ईरान से लौट

ऑपरेशन सिंधु के तहत 110 भारतीय छात्रों का पहला बैच ईरान से लौट आया है। 110 से छात्रों को युद्धग्रस्त ईरान से आर्मेनिया ले जाया गया था। इसके बाद उनकी फ्लाइट गुरुवार तड़के दिल्ली में उतरी। भारतीय स्टूडेंट्स को लेकर ईरान से आया विमान आज तड़के दिल्ली लैंड किया। 110 छात्रों ने मंगलवार को भारतीय दूतावास की ओर से की गई व्यवस्था के तहत ‘ऑपरेशन सिंधु’ के अंतर्गत आर्मेनिया की सीमा पार की थी।

वापस लौटे छात्रों में 54 लड़कियां भी शामिल

ऑपरेशन सिंधु के तहत ईरान से लौटे 110 छात्रों को लेकर इंडिगो एयरलाइंस की फ्लाइट देर रात 3 बजकर 43 मिनट पर दिल्ली लैंड हुई। इन 110 छात्रों में 94 जम्मू-कश्मीर से हैं जबकि 16 लोग अन्य 6 राज्यों से है। ईरान से लौटने वाले छात्रों में 54 लड़कियां भी शामिल हैं। सकुशल देश वापस आने के बाद इन छात्रों के चेहरे पर खुशी का साफ झलक रही थी

जंग के बीच लौट रहे छात्र

इजरायल और ईरान के बीच जारी युद्ध ने मिडिल ईस्ट में तनाव को चरम पर पहुंचा दिया है। हालिया हमलों और जवाबी कार्रवाई से क्षेत्र में बड़े पैमाने पर तबाही हुई है, जिसमें आम नागरिकों और विदेशी नागरिकों की जान खतरे में पड़ गई है। ईरान की राजधानी तेहरान समेत कई इलाकों में मिसाइल और ड्रोन हमले हो रहे हैं। इसी संघर्ष के चलते भारत सहित कई देशों ने अपने नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकालने का अभियान शुरू किया है।

ईरान से लौटे भारतीय छात्रों ने ईरान के हालात बयां किए। ये सभी छात्र ईरान के उर्मिया से लौटे हैं। सभी छात्र उर्मिया यूनिवर्सिटी में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं। छात्रों ने बताया कि हालत बेहद खराब है और उम्मीद जताई कि हालत ठीक होंगे और उनकी पढ़ाई फिर से जारी हो सकेगी।

पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल मुनीर के साथ लंच करेंगे ट्रंप, मोदी ने ठुकराया न्योता

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप आज पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर से मुलाकात करने वाले हैं। व्हाइट हाउस की ओर से बुधवार के लिए जारी राष्ट्रपति ट्रंप के शेड्यूल में लिखा है कि वो कैबिनेट रूम में पाकिस्तानी जनरल के साथ लंच करेंगे।

लंच से पहले पीएम मोदी की दो टूक

अमेरिका में दोपहर के इस भोज से पहले भारत ने अमेरिका को दो टूक संदेश दिया है। पीएम मोदी ने फोन पर बातचीत के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप से स्पष्ट शब्दों में कहा कि भारतीय सेना के 'ऑपरेशन सिंदूर' को पाकिस्तान के अनुरोध के बाद रोका गया था। इसमें अमेरिकी मध्यस्थता या व्यापार सौदे की पेशकश जैसी कोई वजह नहीं थी। यही नहीं पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति के निमंत्रण को भी ठुकरा दिया और कहा कि कनाडा से लौटते समय उनका वाशिंगटन में रुकना संभव नहीं है।

अमेरिका में भारत के खिलाफ मुनीर के जहरीले बोल

वहीं, ट्रंप के साथ लंच के एक दिन पहले पाकिस्तानी सेना प्रमुख ने वॉशिंगटन में पाकिस्तानी-अमेरिकी समुदाय को संबोधित करते हुए भारत के खिलाफ फिर से जहर उगला। मुनीर ने क्षेत्रीय वर्चस्व स्थापित करने की कोशिश का आरोप लगाते हुए भारत से 'सभ्य राष्ट्र की तरह' संवाद करने की अपील भी की। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में पाकिस्तान की संलिप्तता से इनकार किया। आतंकियों के जनाजे पर श्रद्धांजलि देने वाले सैन्य अधिकारियों के मुखिया ने भारत पर अंतरराष्ट्रीय सीमाओं का उल्लंघन करने का आरोप लगाया। भारत ने पाकिस्तान के इन आरोपों को “दृढ़ता से खारिज” कर दिया है।

आतंकवाद पर ना हो डबल स्टैंडर्ड, पीएम मोदी ने कनाडा से दुनिया को दिया बड़ा संदेश

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ऑपरेशन सिंदूर के बाद प्रधानमंत्री

नरेंद्र मोदी ने कनाडा में जी 7 में भाग लिया। जहां उन्होंने आतंकवाद पर दुनिया को बड़ा संदेश दिया है।उन्होंने पहलगाम हमले का जिक्र करते हुए कहा कि आतंकवाद पर दोहरे मानदंडों के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए।

पाकिस्तान पर प्रहार

पीएम मोदी ने कनाडा के कनानास्किस में जी 7 में भाग लिया। कनाडा में जी 7 की बैठक के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान पर तीखे प्रहार किए।उन्होंने कहा कि 22 अप्रैल को हुआ आतंकवादी हमला केवल पहलगाम पर हमला नहीं था, बल्कि प्रत्येक भारतीय की आत्मा, पहचान और सम्मान पर भी हमला था। इसके आगे उन्होंने कहा कि यह पूरी मानवता पर हमला था।

कोई भी देश आतंकवाद को पालने से पहले सौ बार सोचें-पीएम मोदी

जी 7 में पीएम मोदी ने कहा कि आतंकवाद मानवता का दुश्मन है। यह उन सभी देशों के खिलाफ है जो लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखते हैं। उन्होंने कहा कि वैश्विक शांति और समृद्धि के लिए, हमारी सोच और नीतियां स्पष्ट होनी चाहिए। ताकि कोई भी देश आतंकवाद को पालने से पहले सौ बार सोचें। उन्होंने कहा कि अगर कोई देश आतंकवाद का समर्थन करता है, तो उसे इसकी कीमत चुकानी होगी। उन्होंने कहा कि एक तरफ हम हर तरह के प्रतिबंध लगाने के लिए तैयार रहते हैं लेकिन दूसरी ओर आतंकवाद का खुलेआम समर्थन करने वाले देशों को पुरस्कृत किया जाता है।

भारत-पाक के बीच सीजफायर में अमेरिकी ने मध्यस्थता नहीं थी', पीएम मोदी ने ट्रंप को कर दिया साफ

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कनाडा में आयोजित जी7 शिखर सम्मलेन को बीच में ही छोड़कर अमेरिका लौटे डोनाल्ड ट्रंप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बात की है। पीएम मोदी और ट्रंप के बीच फोन पर बातचीत हुई। दोनों के बीच 35 मिनट तक वार्ता हुई। इस बातचीत के दौरान ट्रंप के दावे पर पीएम मोदी ने दो टूक जवाब दिया है। पीएम मोदी ने ट्रंप को बताया कि भारत ने ना कभी मध्यस्थता स्वीकार की थी, न करता है और न ही कभी करेगा। दरअसल, ट्रंप कई बार ये दावा कर चुके हैं कि उन्होंने पिछले महीने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के दौरान मध्यस्थता की थी।

ट्रंप ने यूएस आने का दिया न्योता

ट्रंप ने पीएम मोदी से पूछा कि क्या वह कनाडा से लौटने पर अमेरिका आ सकते हैं? प्रधानमंत्री ने पूर्व कार्यक्रमों का हवाला देते हुए ऐसा करने में असमर्थता जताई।

‘भारत-पाक संघर्ष में किसी की भी मध्यस्थता नहीं थी’

इस दौरान आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई और 'ऑपरेशन सिंदूर' पर बात हुई। इस दौरान पीएम मोदी ने साफ किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम पड़ोसी मुल्क के आह्वान के बाद दोनों देशों की आपसी सहमति से ही हुआ। इसमें किसी की भी मध्यस्थता नहीं थी और न ही किसी ट्रेड डील पर बात हुई थी।

कनाडा में दोनों नेताओं में होनी थी मुलाकात

भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के बीच फोन पर हुई करीब 35 मिनट तक हुई इस बातचीत के बारे में विस्तार से बताया है। मिसरी ने बताया कि G7 समिट से इतर प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप की मुलाकात होनी तय थी। हालांकि राष्ट्रपति ट्रंप को जल्दी वापस अमेरिका लौटना पड़ा, जिस कारण यह मुलाकात नहीं हो पाई। इसके बाद राष्ट्रपति ट्रंप के आग्रह पर आज दोनों लीडर्स की फोन पर बात हुई। उन्होंने बताया कि यह बातचीत लगभग 35 मिनट चली, जिसमें पहलगाम आतंकी हमले, ऑपरेशन सिंदूर और उसके बाद भारत-पाकिस्तान तनाव पर विस्तार से चर्चा हुई।

G7 समिट में पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी ने मार्क कार्नी से की मुलाकात,जानें भारत-कनाडा संबंधों पर क्या कहा?

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी G7 समिट में शामिल होने लेने के लिए कनाडा के पहुंचे हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने जी7 शिखर सम्मेलन के इतर कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के साथ द्विपक्षीय बैठक की। इस दौरान उन्होंने भारत कनाडा संबंधों को महत्वपूर्ण बताया। बता दें कि बीते 10 सालों में पीएम मोदी की यह पहली कनाडा यात्रा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कनाडा के कानानास्किस शहर में चल रहे 51वें जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान पीएम ने कहा कि मैं भारत को G-7 समिट में इनवाइट करने के लिए आपका (कनाडाई पीएम) बहुत आभारी हूं। मैं भाग्यशाली भी हूं कि मुझे 2015 के बाद एक बार फिर कनाडा आने और कनाडा के लोगों से जुड़ने का अवसर मिला है।

इन मुद्दों पर चर्चा

इस मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं ने भारत-कनाडा संबंधों को बेहतर बनाने, व्यापार, निवेश, स्वच्छ ऊर्जा और तकनीकी सहयोग जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा की। इसके अलावा वैश्विक और क्षेत्रीय विषयों पर भी विचार-विमर्श किया गया। इस दौरान पीएम ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। पिछले दिनों जी-20 समिट की अध्यक्षता के रूप में भारत ने दुनिया के लिए कई इनिशेटिव लिए थे। G-7 में उस पर काम करने की दिशा में हम आगे बढ़े हैं।

कार्नी को चुनाव में शानदार जीत की दी बधाई

मुलाकात के दौरान पीएम मोदी ने मार्क कार्नी को चुनाव में शानदार जीत के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि उन्हें भरोसा है कि दोनों नेता मिलकर भारत-कनाडा संबंधों को और आगे बढ़ा सकते हैं। उन्होंने कहा, भारत-कनाडा के बीच संबंध बहुत अहम हैं, और हमें कई क्षेत्रों में मिलकर ऐसे कदम उठाने चाहिए जिनसे दोनों देशों को लाभ हो।

भारत कनाडा संबंधों पर क्या बोले पीएम मोदी?

पीएम मोदी दोनों देशों के संबंधों को लेकर कहा कि भारत और कनाडा के संबंध काफी महत्वपूर्ण हैं. कनाडा की कई कंपनियों को भारत में निवेश है। दोनों देशों को मिलकर लोकतंत्र, मानवता को मजबूत करना होगा। आगे आने वाले समय में भारत और कनाडा एक साथ प्रगति करेंगे।

मुलाकात के बाद पीएम मोदी का पोस्ट

पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट में कहा, 'प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के साथ शानदार बैठक हुई। जी7 शिखर सम्मेलन की सफल मेजबानी के लिए उन्हें और कनाडाई सरकार को बधाई दी।' पीएम मोदी ने यह भी कहा कि भारत और कनाडा लोकतंत्र, स्वतंत्रता और कानून के शासन में विश्वास रखते हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि व्यापार, ऊर्जा, अंतरिक्ष, स्वच्छ ऊर्जा, खनिज, उर्वरक और दूसरे कई क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच अपार संभावनाएं हैं।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने G-7 समिट बीच में ही छोड़ा, खुद ही बताई वजह

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जी-7 समिट को बीच में ही छोड़कर चले गए। इसके बाद कयास लगाए जा रहे थे कि वह इजरायल ईरान के बीच संघर्ष विराम की बातचीत को लेकर वापस वॉशिंगटन लौट गए हैं। लेकिन उन्होंने ऐसे किसी भी कयास को अफवाह बताया है। ट्रंप ने कहा कि कनाडा में जी7 शिखर सम्मेलन से उनके जल्दी जाने के पीछे इजरायल और ईरान के बीच संभावित युद्ध विराम वजह नहीं है, बल्कि वास्तव में "इससे कहीं ज्यादा बड़ा" है।

मैक्रों के बयान पर भड़के अमेरिकी राष्ट्रपति

दरअसल, ट्रंप के जाने के बाद फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने ट्रंप पर तंज कसते हुए कहा था कि वे इजरायल और ईरान के बीच सीजफायर पर काम करने के लिए गए हैं। फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने कहा था कि उन्हें नहीं लगता कि अगले कुछ घंटों में चीजें बदल जाएंगी, लेकिन "चूंकि अमेरिका ने आश्वासन दिया है कि वे युद्धविराम करेंगे और चूंकि वे इजरायल पर दबाव डाल सकते हैं, इसलिए चीजें बदल सकती हैं।" इमैनुएल मैक्रों के इसी बयान के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति भड़क गये।

इमैनुएल हमेशा गलत ही होते हैं-ट्रंप

डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रूथ सोशल पर अपनी भड़ास निकालते हुए लिखा है कि "गलत... इमैनुएल मैक्रों को कोई आइडिया नहीं है कि मैं वॉशिंगटन क्यों जा रहा हूं। लेकिन ये निश्चित तौर पर युद्धविराम से नहीं जुड़ा हुआ है। उससे भी ज्यादा कोई बड़ी बात है। चाहे जानबूझकर हो या अनजाने में, इमैनुएल हमेशा गलत ही होते हैं। बने रहिए!"

ईरान को दी चेतावनी

ट्रम्प ने ईरान के लोगों से तेहरान को खाली करने के लिए भी कहा है। ट्रंप ने कहा है कि अगर ईरान अमेरिका के साथ परमाणु समझौते पर सहमत होता है, तो मौजूदा संकट से बचा जा सकता था। उन्होंने कहा कि यह समझौता गतिरोध पर पहुंच गया है। ट्रंप का कहना है कि जब तक तनाव कम करने की दिशा में कदम नहीं उठाया जाता तब तक संघर्ष और ज्यादा बढ़ने का खतरा बना रहेगा।

आपको बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप ने कनाडा में जी7 शिखर सम्मेलन को नाटकीय ढंग से एक दिन पहले ही छोड़ दिया और वाशिंगटन वापस चले गए।