रांची में फ्लाईओवर के नामकरण पर सियासी दंगल, शिबू सोरेन औऱ विनोद बिहारी महतो के नाम भी चर्चा में*

रांची, (झा. डेस्क): झारखंड की राजधानी रांची में बन रहे फ्लाईओवर सिर्फ यातायात को सुगम बनाने का काम नहीं कर रहे, बल्कि राजनीतिक सरगर्मी का केंद्र भी बन गए हैं। सिरमटोली फ्लाईओवर के नामकरण को लेकर उठा विवाद अभी शांत भी नहीं हुआ था कि अब रातू रोड फ्लाईओवर के उद्घाटन से पहले सत्तारूढ़ गठबंधन की ओर से शिबू सोरेन के नाम पर इसके नामकरण की मांग ने सियासी तकरार को और तेज कर दिया है। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के 19 जून को प्रस्तावित उद्घाटन से पहले यह मुद्दा झारखंड की राजनीति में नया रंग ला रहा है।

सिरमटोली चौक से मेकॉन गोलचक्कर तक बने 2.34 किलोमीटर लंबे चार लेन फ्लाईओवर का उद्घाटन बीते 6 जून को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किया था। 356 करोड़ रुपये की लागत से बने इस फ्लाईओवर का नाम स्वतंत्रता सेनानी और पूर्व केंद्रीय मंत्री कार्तिक उरांव के नाम पर किया गया, लेकिन इस पर तुरंत विवाद खड़ा हो गया। पूर्व मंत्री गीताश्री उरांव, जो स्वर्गीय कार्तिक उरांव की पुत्री हैं, ने सिरमटोली सरना स्थल के पास फ्लाईओवर के रैंप निर्माण को आदिवासियों की आस्था के खिलाफ बताते हुए इसे हटाने की मांग की थी।

आदिवासी संगठनों ने भी इस रैंप को लेकर व्यापक विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें 4 जून को झारखंड बंद और पुतला दहन जैसे कदम शामिल थे। सत्तारूढ़ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने भी रैंप निर्माण का विरोध किया, जिससे असहज स्थिति बन गई। गीताश्री उरांव ने फ्लाईओवर का नाम उनके पिता के नाम पर रखे जाने को एक राजनीतिक चाल करार देते हुए कहा कि इससे आदिवासी समुदाय की पीड़ा कम नहीं होगी।

अब रातू रोड पर चार किलोमीटर लंबे एलिवेटेड फ्लाईओवर के उद्घाटन से पहले सत्तारूढ़ झामुमो-कांग्रेस गठबंधन ने नया दांव खेला है। 291 करोड़ रुपये की लागत से बने इस फ्लाईओवर का उद्घाटन 19 जून को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी करने वाले हैं। लेकिन उद्घाटन से पहले झामुमो के केंद्रीय महासचिव सह प्रवक्ता विनोद पांडेय और कांग्रेस विधायक दल के उपनेता राजेश कच्छप ने फ्लाईओवर का नाम झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक संरक्षक शिबू सोरेन के नाम पर करने की मांग उठाई है।

झामुमो और कांग्रेस का तर्क है कि शिबू सोरेन ने झारखंड राज्य के निर्माण में ऐतिहासिक योगदान दिया, और उनके नाम पर फ्लाईओवर का नामकरण राज्य की जनता के लिए सम्मान की बात होगी। इस मांग को लेकर सत्तारूढ़ गठबंधन ने भाजपा को घेरने की रणनीति अपनाई है, जिसका अभी तक कोई आधिकारिक जवाब नहीं आया है।

इसी बीच, लंबे अरसे तक झारखंड आंदोलन से जुड़े रहे हिमांशु कुमार ने रातू फ्लाईओवर का नामकरण झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक नेताओं में से एक विनोद बिहारी महतो के नाम पर करने की वकालत की है। हिमांशु कुमार ने कहा कि 1973 में विनोद बिहारी महतो ने झारखंड मुक्ति मोर्चा की स्थापना की, जिसमें उनका साथ शिबू सोरेन और एके राय जैसे नेताओं ने दिया। उन्होंने विनोद बिहारी महतो को एक सफल रणनीतिकार, कलमकार और अधिवक्ता बताते हुए कहा कि उन्होंने अलग झारखंड राज्य की मांग को समग्रता दी और वे झारखंड की राजनीति के 'भीष्म पितामह' थे। फ्लाईओवर का नामकरण उनके नाम पर करना उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

इन घटनाक्रमों से स्पष्ट है कि रांची के फ्लाईओवर निर्माण का मुद्दा केवल विकास से जुड़ा नहीं रहा, बल्कि यह राज्य की जटिल राजनीतिक और सामाजिक समीकरणों को भी दर्शाता है। आगामी उद्घाटन से पहले यह नामकरण विवाद झारखंड की राजनीति में और गरमाहट लाएगा।

रेलवे की नई पहल: AI-आधारित हाथी घुसपैठ पहचान प्रणाली (EIDS) का सफल परीक्षण, अनमोल हाथियों का जीवन बचाने की उम्मीद

चक्रधरपुर,( झा. डेस्क )चक्रधरपुर रेल मंडल मुख्यालय में रविवार को रेलवे ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित एलिफेंट इंट्रूशन डिटेक्शन सिस्टम (EIDS) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। यह प्रणाली भविष्य में ट्रेनों की चपेट में आकर हाथियों की होने वाली मौतों को रोकने में सहायक सिद्ध होगी। इस परीक्षण में गुजरात से लाए गए दो हाथियों, चंपाकली और अनारकली, ने अहम भूमिका निभाई।

चंपाकली और अनारकली, जो उद्योगपति अनंत अंबानी के गुजरात के जामनगर स्थित वनतारा से लाई गई थीं, ने भीषण गर्मी के बावजूद चक्रधरपुर के मिनी ग्रिड के पास रेलवे के इस अभिनव प्रयास में पूरा सहयोग दिया। रविवार सुबह 11 बजे से शाम 6 बजे तक चले इस परीक्षण के पहले दिन, चक्रधरपुर रेल मंडल के डीआरएम तरुण हुरिया स्वयं परीक्षण स्थल पर मौजूद रहे और चंपाकली तथा अनारकली के कार्य को देखा। उन्होंने इस प्रयास में शामिल सभी रेल अधिकारियों, रेलकर्मियों, वन विभाग के अधिकारियों, और हाथियों के साथ आई टीम का आभार व्यक्त किया। डीआरएम ने जोर देकर कहा, "हाथी हमारी धरोहर हैं और हमें उन्हें बचाने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए।"

EIDS का विस्तृत परीक्षण

EIDS का परीक्षण चक्रधरपुर के रेलवे मिनी ग्रिड के पास दांतीबेगुना गांव की ओर जाने वाली सड़क के किनारे किया गया, जिसके ठीक बगल से हावड़ा-मुंबई मुख्य रेल मार्ग की तीन रेलवे लाइनें गुजरती हैं। सुबह 11 बजे परीक्षण शुरू होने से पहले, रेल मंडल के सिग्नल एंड टेलीकॉम विभाग ने AI-आधारित एलिफेंट इंट्रूशन डिटेक्शन सिस्टम के तीन डिवाइसों को चक्रधरपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक स्थित इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल रूम में स्थापित किया था।

इन डिवाइसों को ऑप्टिकल-फाइबर केबल से जोड़ा गया था।

ऑप्टिकल-फाइबर केबल को रेल लाइन से लगभग 40 मीटर दूर गड्ढे खोदकर बिछाया गया। इसके बाद, हाथियों को ऑप्टिकल-फाइबर केबल के आसपास से गुजारा गया। जैसे ही हाथी केबल के ऊपर से गुजरे, AI सिस्टम ने उनके पैरों के कंपन और दबाव तरंगों को महसूस किया। इसके बाद, एल्गोरिथम ने हाथी की पहचान की और ऑप्टिकल फाइबर केबल की मदद से इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल रूम में स्थापित EIDS डिवाइसों को क्षेत्र में हाथी की मौजूदगी की जानकारी भेजी। जानकारी मिलते ही डिवाइस में ग्राफ डेटा तैयार होता रहा, जो परीक्षण की सफलता का प्रमाण था। दोनों हाथियों ने इस प्रक्रिया में अथक परिश्रम किया और पहले दिन का परीक्षण पूरी तरह सफल रहा। सोमवार को भी इन डिवाइसों का परीक्षण जारी रहेगा।

विशेष मेहमानों का शाही सत्कार

बड़े उद्योगपति मुकेश अंबानी के बेटे अनंत अंबानी के गुजरात स्थित वनतारा से आई चंपाकली और अनारकली को एनिमल एम्बुलेंस से चक्रधरपुर लाया गया था। इन दो हाथियों की देखभाल के लिए उनके साथ डॉक्टर, महावत, फोटोग्राफर, चालक, और अन्य मजदूर सहित एक दर्जन से अधिक स्टाफ भी आया है। छह दिनों की लंबी यात्रा के बाद चक्रधरपुर पहुंचे ये हाथी अब रेलवे को अपनी बहुमूल्य सेवाएं दे रहे हैं।

चक्रधरपुर में उन्हें पीने के लिए मिनरल वाटर और खाने के लिए केला, तरबूज, केले के पत्ते और पुआल जैसी चीजें दी जा रही हैं, जो उनकी विशेष देखभाल को दर्शाती हैं।

भविष्य की योजना: एलीफेंट जोन में लगेंगे सर्वश्रेष्ठ डिवाइस

रेलवे दो हाथियों के सहयोग से जिन तीन EIDS डिवाइसों का परीक्षण कर रही है, उनमें से जिस डिवाइस का परिणाम सर्वश्रेष्ठ होगा, उसे रेल प्रशासन द्वारा अनुमोदित किया जाएगा। इस सर्वश्रेष्ठ डिवाइस को बाद में चक्रधरपुर रेल मंडल के मानीकुई-चांडिल रेल खंड, धुतरा-बागडीह रेल खंड, कुनकी-चांडिल रेल खंड, और जराईकेला-महादेव शाल रेल खंड जैसे चिह्नित एलीफेंट जोन में स्थापित किया जाएगा। यह पहल न केवल हाथियों के जीवन को सुरक्षित रखेगी, बल्कि रेल यातायात की सुरक्षा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी, जिससे मानव-हाथी संघर्ष को कम करने में मदद मिलेगी। यह भारतीय रेलवे की पर्यावरण संरक्षण और वन्यजीव सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

मनोज कुमार से ACB की पूछताछ: झारखंड शराब घोटाले की खुलेंगी परतें, करोड़ों के नुकसान का आरोप

रांची (झा. डेस्क) झारखंड: झारखंड में चल रहे बहुचर्चित शराब घोटाले में परतें अब तेजी से खुलने लगी हैं। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने सोमवार को उत्पाद एवं मद्यनिषेध विभाग के वर्तमान सचिव मनोज कुमार को पूछताछ के लिए बुलाया है। उन पर फर्जी बैंक गारंटी छिपाने, अवैध वसूली को संरक्षण देने और एक विशेष बीयर कंपनी को अनुचित लाभ पहुंचाने जैसे गंभीर आरोप लगे हैं, जिससे राज्य सरकार को 38 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व नुकसान होने का अनुमान है।

एसीबी की प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ है कि मैनपावर आपूर्ति करने वाली मेसर्स मार्शन इनोवेटिव सिक्यूरिटी सर्विस प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स विजन हॉस्पिटैलिटी सर्विसेज जैसी कंपनियों को 2023 से फर्जी बैंक गारंटी के आधार पर ठेके दिए गए। इन अनियमितताओं के कारण सरकार को भारी वित्तीय क्षति हुई।

इसके अतिरिक्त, नवंबर 2024 में छत्तीसगढ़ की दो कंपनियों, मेसर्स दीशिता वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स ओम साईं विबरेजेज प्राइवेट लिमिटेड को मंत्री की जानकारी के बिना 11 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया गया, जबकि इन कंपनियों पर पहले से ही 450 करोड़ रुपये का बकाया था। मनोज कुमार पर इन वित्तीय अनियमितताओं को छुपाने का आरोप है।

अवैध वसूली और एक बीयर कंपनी को लाभ:

जांच में यह भी सामने आया है कि शराब की एमआरपी से अधिक कीमत पर बिक्री के जरिए बड़े पैमाने पर अवैध वसूली की गई। बताया जा रहा है कि प्रति बोतल बीयर पर 10 रुपये अतिरिक्त वसूले जाते थे, जिससे प्रतिमाह करीब 48 लाख रुपये और सालाना 57 करोड़ रुपये की अवैध कमाई होती थी। यह पैसा नीरज कुमार सिंह और मनोज कुमार के करीबी रिश्तेदार अंशु के माध्यम से पहुंचाया जाता था, जिसमें अंशु को हर महीने 50 लाख रुपये मिलने का आरोप है।

इसके अलावा, एक खास बीयर कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए अन्य ब्रांडों की आपूर्ति रोकी गई और दुकानदारों को इसी कंपनी की बीयर बेचने के लिए मजबूर किया गया। इस पूरी साजिश में मनोज कुमार की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है।

एसीबी की कार्रवाई और गिरफ्तारियां:

इस मामले में एसीबी ने अब तक 27 लोगों को पूछताछ के लिए समन जारी किया है। पूर्व उत्पाद सचिव विनय कुमार चौबे, संयुक्त आयुक्त गजेंद्र सिंह, और झारखंड स्टेट बिवरेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (जेएसबीसीएल) के पूर्व महाप्रबंधक सुधीर कुमार और सुधीर कुमार दास को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। अवैध वसूली के मुख्य किरदार नीरज कुमार सिंह भी जेल में हैं। छत्तीसगढ़ के कारोबारी सिद्धार्थ सिंघानिया के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है, क्योंकि वह पूछताछ में शामिल नहीं हुए। पूर्व आयुक्त अमित प्रकाश से भी पूछताछ हुई है, लेकिन उनके जवाब संतोषजनक नहीं पाए गए।

दो आईएएस अधिकारी, करण सत्यार्थी और फैज अक अहमद, जिन्होंने इस घोटाले को उजागर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, को एसीबी ने गवाह के तौर पर बुलाया है। उनसे पूछताछ के दौरान कई नए तथ्यों के सामने आने की उम्मीद है।

जानकारी के अनुसार, राज्य सरकार मनोज कुमार को उनके पद से हटाने की कार्रवाई शुरू कर सकती है। जांच में यह भी सामने आया है कि मनोज कुमार ने नौ महीनों में 200 करोड़ रुपये से अधिक का घाटा होने के बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाया। एसीबी का मानना है कि इतने बड़े पैमाने पर चल रहे इस घोटाले की जानकारी मनोज कुमार को थी और उनसे अब सख्त पूछताछ की जाएगी, जिससे इस पूरे मामले की सच्चाई सामने आ सके।

रजरप्पा मंदिर में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, गर्मी के कारण कई भक्त हुए बेहोश

झारखंड के रामगढ़ में स्थित मां छिन्नमस्तिका के पवित्र धाम रजरप्पा मंदिर में रविवार को श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. यहां चिलचिलाती धूप के बाद भी लगभग 25 हजार से अधिक भक्तों ने मां छिन्नमस्तिका देवी की पूजा-अर्चना की. इस मौके पर भीषण गर्मी के कारण लाइन में खड़ी कई महिलायें और बच्चे बेहोश होकर गिर पड़े. साथ ही कई श्रद्धालुओं को मुख्य मंदिर के बाहर से ही मां छिन्नमस्तिका की पूजा-अर्चना कर लौटना पड़ा.

छुट्टी का दिन होने के कारण बढ़ी भीड़

बताया जा रहा है कि 15 जून को रविवार यानी छुट्टी का दिन था. ऐसे में झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल सहित कई राज्यों से भक्त मां छिन्नमस्तिका के दर्शन करने रजरप्पा मंदिर पहुंचने लगे. अहले सुबह तीन बजे से ही मंदिर में भक्तों की भीड़ होने लगी.

थकान और धूप के कारण कई भक्त बेहोश

मालूम हो कि रजरप्पा मंदिर झारखंड में स्थित एक प्रसिद्ध सिद्धपीठ है, जिसके प्रति लोगों के मन में अपार श्रद्धा और आस्था है. इसी कारण चिलचिलाती धूप और भीषण गर्मी होने के बाद हजारों की संख्या में भक्त कतारबद्ध होकर मां छिन्नमस्तिका के दर्शन का इंतजार कर रहे थे. हालांकि, धूप में खड़े रहने से थकान और डिहाईड्रेशन (शरीर में पानी की कमी) के कारण कई महिलायें और बच्चे बेहोश हो गये.

भक्तों की मनोकामना पूरी करती हैं मां

लगभग 6000 साल पुराने रजरप्पा मंदिर को दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सिद्धपीठ भी कहा जाता है. यहां स्थापित मां छिन्नमस्तिका की मूर्ति अनोखी और रहस्यमय है. ऐसी मान्यता है कि रजरप्पा मंदिर आकर मां छिन्नमस्तिका के दर्शन कर लेने मात्र से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी हो जाती है. कहते हैं कि रजरप्पा मंदिर तंत्र साधना के लिए काफी प्रसिद्ध है. इस मंदिर में आने वाले भक्त कभी खाली हाथ घर नहीं लौटते हैं. सभी पर मां छिन्नमस्तिका अपनी कृपा बरसाती हैं. ऐसे में श्रद्धालुओं ने मां के दर्शन के लिए तपती धूप में खड़े रहने का कष्ट उठाया.

JOHAR परियोजना: झारखंड में ग्रामीण आजीविका को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल

झारखंड अवसर ग्रामीण विकास (JOHAR) परियोजना झारखंड सरकार की एक एकीकृत आजीविका परियोजना थी, जिसे विश्व बैंक (अंतर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण और विकास बैंक - IBRD) से 70% ऋण सहायता के साथ लागू किया गया था। झारखंड सरकार ने परियोजना लागत में अपने प्रत्यक्ष योगदान के रूप में अतिरिक्त 30% प्रदान किया। ग्रामीण विकास विभाग के तहत JSLPS द्वारा कार्यान्वित, परियोजना ने 17 जिलों के 68 ब्लॉकों में लगभग 2.25 लाख ग्रामीण महिला उत्पादक परिवारों को कवर किया।

उद्देश्य:

- लक्ष्य घरों की वास्तविक औसत वार्षिक घरेलू आय में 30% की वृद्धि करना

- चयनित आजीविका स्रोतों से वास्तविक आय के अनुपात में 30% की वृद्धि करना

- 1 लाख अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लाभार्थी

- 70,000 महिला लाभार्थी

- 2 लाख किसानों को कृषि संपत्ति या सेवाओं के साथ पहुंचाना

रणनीतियाँ:

1. ग्रामीण उत्पादकों को उत्पादक समूह (PG) और किसान उत्पादक संगठनों (FPOs) में मज़बूत करना

2. जलवायु-प्रतिरोधी उत्पादन तकनीकों, मूल्य संवर्धन और प्रभावी बाजार लिंकेज के माध्यम से लक्षित ग्रामीण उत्पादकों की प्रतिस्पर्धी लाभ को मजबूत करना

3. समुदाय संस्थानों और औपचारिक वित्तीय संस्थानों के माध्यम से वित्तपोषण तक पहुंच में सुधार करना

4. निजी क्षेत्र के साथ प्रभावी आगे और पीछे की लिंकेज के लिए साझेदारी स्थापित करना

5. मूल्य शृंखला और कृषि व्यवसाय में कौशल विकास और उद्यमिता को समर्थन देना

परिणाम:

परियोजना ने अपने कुल बजट का लगभग 98% खर्च किया और अपने उद्देश्यों की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति हासिल की, झारखंड में ग्रामीण घरेलू आय और आजीविका में वृद्धि की।

हेमंत सरकार का बड़ा फैसला: अब राज्यकर्मियों की प्रोन्नति में नहीं आएगी देर, ऑनलाइन मिलेगा निगरानी स्वच्छता प्रमाण पत्र

राज्य सरकार के पदाधिकारियों की प्रोन्नति अब निगरानी स्वच्छता प्रमाणपत्र के अभाव में लंबित नहीं रहेगी।

अब पदाधिकारियों की प्रोन्नति के लिए संबंधित विभाग को यह प्रमाणपत्र ऑनलाइन समय पर मिलेगा। राज्य सरकार ने मानव संसाधन प्रबंधन प्रणाली (एचआरएमएस) के तहत विजिलेंस क्लीयरेंस इन्फॉरमेशन सिस्टम लागू करने का निर्णय लिया है, जिसके तहत इसकी सभी प्रक्रियाएं ऑनलाइन होंगी।

राज्य सरकार के पदाधिकारियों एवं कर्मियों की प्रोन्नति के लिए वार्षिक गोपनीय अभियुक्ति, विभागीय परीक्षा में उत्तीर्णता, विभागीय आरोप, संपत्ति विवरणी देने की स्थिति के साथ-साथ निगरानी स्वच्छता प्रमाणपत्र देखा जाता है।

पदाधिकारियों के मामले में निगरानी स्वच्छता प्रमाणपत्र मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग द्वारा दिया जाता है। इससे पूर्व संबंधित विभाग को प्रोन्नति के लिए योग्य पदाधिकारियों के पदस्थापन की विवरणी निर्धारित प्रारुप में तैयार करनी पड़ती है। इसमें अनावश्यक देरी होती है।

अब विजिलेंस क्लीयरेंस इन्फॉरमेशन सिस्टम के तहत पदाधिकारी अपने पदस्थापन की विवरणी एचआरएमएस पोर्टल पर ऑनलाइन अपडेट रखेंगे।

विभाग का यह दायित्व होगा कि वह अपने पदाधिकारियों का पदस्थापन अपडेट रखवाएं। इस सिस्टम के तहत किसी पदाधिकारी के विरुद्ध दर्ज मामलों के संबंध में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी), तकनीकी मूल्यांकन कोषांग तथा मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग द्वारा ऑनलाइन सूचना अंकित की जाएगी।

इस सूचना के आलोक में संबंधित पदाधिकारियों की सूची तैयार करते हुए ऑनलाइन निगरानी स्वच्छता प्रमाणपत्र जेनरेट किया जाएगा।

एसीबी तथा तकनीकी मूल्यांकन कोषांग द्वारा किसी पदाधिकारी के विरुद्ध दर्ज मामले या निष्पादित मामलों को प्रत्येक माह को पांचवीं तारीख तक अपडेट किया जाएगा, जिसके आधार पर मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग 15वीं तारीख तक अपडेट करेगा। ऑनलाइन जेनरेट निगरानी स्वच्छता प्रमाणपत्र की वैधता अगले माह की 15वीं तारीख तक रहेगी।

मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना: मई माह की राशि के लिए लाभुकों को करना होगा इंतजार, जाने

मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना (Maiya Samman Yojana) के तहत लाभुकों को अप्रैल माह की राशि तो मिल गई, लेकिन मई माह की राशि के लिए उन्हें कुछ और इंतजार करना पड़ सकता है।

अभी तक मई माह की राशि महिलाओं के खाते में हस्तांतरित नहीं हुई है। 15 जून के बाद जून माह का भी बकाया हो जाएगा।

दरअसल, महिला एवं बाल विकास विभाग ने इस योजना के चालू वित्तीय वर्ष के लिए राशि सभी जिलों को भेज तो दी है, लेकिन जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग द्वारा मई माह की राशि खाते में हस्तांतरण के लिए सामाजिक सुरक्षा निदेशालय की अनुमति का इंतजार किया जा रहा है।

प्रत्येक माह यहां से ग्रीन सिग्नल मिलने के बाद ही जिलों द्वारा राशि हस्तांतरित की जाती है। इधर, समीरा एस के स्थानांतरण होने से सामाजिक सुरक्षा निदेशक का पद रिक्त हो गया है।

समीरा को पलामू उपायुक्त की जिम्मेदारी दी गई है। दूसरी तरफ, उनकी जगह किसी अन्य पदाधिकारी का पदस्थापन नहीं किया गया है। उम्मीद की जा रही है कि पदस्थापन के साथ ही राशि हस्तांतरण की अनुमति दे दी जाएगी।

हालांकि, यह अनुमति विभाग की ओर से भी दी जा सकती है।

अभी तक यह भी तय नहीं हो पाया है कि लाभुकों को सिर्फ मई माह की राशि हस्तांतरित होगी या मई तथा जून माह दोनों की।

22 जून को आजसू पार्टी मनाएगी बलिदान दिवस, सुदेश महतो ने दिए ये बड़े निर्देश

आजसू पार्टी ने 22 जून को "बलिदान दिवस" के रूप में मनाने का निर्णय लिया है, जो पार्टी के ऐतिहासिक योगदान और झारखंड आंदोलन के शहीदों को समर्पित होगा। पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश महतो ने कहा कि यह दिन पार्टी की विरासत को याद करने और आत्ममंथन का अवसर होगा कि झारखंड गठन के बाद राज्य की स्थिति क्या है और क्या यह वास्तव में जनता की आकांक्षाओं पर खरा उतरा है।

बैठक में लिए गए निर्णय:

- बलिदान दिवस के अवसर पर केंद्रीय स्तर पर समारोह आयोजित करने का निर्णय लिया गया है।

- सभी जिलाध्यक्षों और केंद्रीय नेताओं को निर्देश दिया गया है कि वे बलिदान दिवस को लेकर अपने-अपने क्षेत्रों में व्यापक प्रचार-प्रसार करें और अधिकतम संख्या में कार्यकर्ताओं को 22 जून के आयोजन में शामिल करना सुनिश्चित करें।

- पार्टी ने राज्य की मौजूदा वित्तीय स्थिति को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की और सरकार को सुझाव दिया कि वित्तीय प्रबंधन में सुधार करे और राज्य के संसाधनों का सही तरीके से उपयोग करे।

- पेसा कानून के क्रियान्वयन में राज्य सरकार की सुस्ती पर सवाल उठाया गया और कहा गया कि मूलवासी और आदिवासी जनता के अधिकारों के प्रति सरकार गंभीर नहीं है।

- झारखंड में हुए शराब घोटाले पर भी सरकार को घेरा गया और कहा गया कि इस घोटाले में सरकार की संलिप्तता बहुत अंदर तक है, जिसकी गहराई से जांच होनी चाहिए।

बैठक में उपस्थित नेता:

- सुदेश महतो, केंद्रीय अध्यक्ष

- सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी

- विधायक निर्मल महतो

- पूर्व विधायक लंबोदर महतो

- डॉ देवशरण भगत, मुख्य प्रवक्ता

- प्रवीण प्रभाकर

- हसन अंसारी

- डोमन सिंह मुंडा, अध्यक्ष बुद्धिजीवी मंच

- मुकुंद चंद्र मेहता

अहमदाबाद एयर इंडिया विमान हादसा: सुदेश महतो ने जताई संवेदना, उठाए सुधार के कदम

रांची। अहमदाबाद में एयर इंडिया के विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने और यात्रियों तथा आम लोगों के हताहत होने पर आजसू प्रमुख सुदेश महतो ने गहरी संवेदना जाहिर की है और कहा है कि लंदन जा रहे एयर इंडिया के विमान का अहमदाबाद हवाई अड्डे पर दुर्घटनाग्रस्त होना अत्यंत पीड़ादायक और मन को विचलित करने वाली घटना है।

श्री महतो ने कहा कि इस कठिन घड़ी में उनकी संवेदनाएं सभी पीड़ितों और उनके परिजनों के साथ हैं। भविष्य में ऐसे हादसे न हों, इसके लिए विशेष कदम उठाए जाने चाहिए तथा सुरक्षित प्रणाली विकसित की जाए।

पार्टी के अन्य नेताओं सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी, विधायक निर्मल महतो, पूर्व विधायक लंबोदर महतो, डॉ देवशरण भगत, प्रवीण प्रभाकर, हसन अंसारी, डोमन सिंह मुंडा आदि ने भी हादसे पर दुःख जताया है।

झारखंड: मतदान केंद्रों के जियो फेंसिंग के लिए पदाधिकारियों का प्रशिक्षण जारी, जानें विस्तार से

रांची। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री के. रवि कुमार के नेतृत्व में राज्य के सभी मतदान केंद्रों का जियो फेंसिंग कराने के लिए विभिन्न जिलों से आए पदाधिकारियों का दूसरे दिन भी प्रशिक्षण जारी रहा। 11 से 13 जून तक चलने वाले तीन दिवसीय प्रशिक्षण के दूसरे दिन मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया गया। साथ ही इस अवसर पर उप मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री देव दास दत्ता ने भी पीपीटी के माध्यम से प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया। प्रशिक्षण में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को पीपीटी, फील्ड विजिट एवं प्रैक्टिकल के माध्यम से प्रशिक्षित किये जाने का कार्य किया जा रहा है।

इस अवसर पर संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री सुबोध कुमार, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के पदाधिकारी एवं कर्मी, विभिन्न जिलों से आए उप निर्वाचन पदाधिकारी एवं संबंधित जिलों के कर्मी उपस्थित रहे।