प्रभावती अस्पताल में प्रसूता माताओं के बीच जच्चा बच्चा पौष्टिक किट का जिलाधिकारी ने किया वितरण, जच्चा बच्चा किट में प्रसूता माताओं के लिए ग्यारह
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गया जी: स्वस्थ मां ही स्वस्थ शिशु की जननी होती है व एक स्वस्थ शिशु ही समाज की सशक्त नींव रखता है। इसी मूल मंत्र को आधार बनाते हुए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जच्चा-बच्चा किट वितरण योजना की शुरुआत की गयी है। इसे लेकर जिला में भी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में संस्थागत प्रसव कराने वाली माताओं के लिए जच्चा—बच्चा किट का वितरण प्रारंभ कर दिया गया है। जच्चा बच्चा किट में प्रसूता माताओं के लिए ग्यारह प्रकार के सामान और नवजात शिशु के लिए चार तरह की दवा होती है। सोमवार को इस राज्यस्तरीय योजना की शुरुआत शहर के प्रभावती अस्पताल से की गयी। जिला पदाधिकारी गया शशांक शुंभकर द्वारा जच्चा—बच्चा किट का वितरण प्रसूता माताओं के बीच किया गया। इस मौके पर उनके साथ सिविल सर्जन डॉ राजाराम प्रसाद, डीपीएम नीलेश कुमार तथा अस्पताल के वरीय पदाधिकारी मौजूद थे।
जिला पदाधिकारी ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से यह किट प्रसूता माताओं को मुहैया कराया जा रहा है। जननी बाल सुरक्षा योजना के तहत महिलाओं को 1400 रुपये की राशि भी दी जा रही है। आशा दीदी घर—घर जाकर जच्चा—बच्चा किट तथा संस्थागत प्रसव के लाभ के बारे में लोगों को जानकारी दें। कहा कि यह नई पहल सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में प्रसव को बढ़ावा देने के लिए की गयी है। प्रसव के उपरांत महिला को डिस्चार्ज के समय जच्चा—बच्चा किट उपलब्ध कराया जायेगा।
संस्थागत प्रसव को बढ़ावा उद्देश्य:
सिविल सर्जन ने कहा कि जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के तहत जच्चा बच्चा किट वितरण का उद्देश्य मातृत्व को सुरक्षित बनाना, संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देना, प्रसवोत्तर जटिलताओं में कमी लाना तथा नवजातों को जीवन के आरंभ से ही उचित पोषण और चिकित्सा सुविधा देना है। ग्रामीण और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की महिलाएं पोषण की कमी, संक्रमण और आवश्यक औषधियों के अभाव में प्रसवोत्तर समस्याओं से जूझती हैं। दूसरी ओर नवजात शिशुओं की मृत्यु दर भी तब बढ़ जाती है जब जन्म के बाद उन्हें समय पर आवश्यक दवाएं और स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिलती. इन्हीं परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए जच्चा-बच्चा किट का वितरण एक सशक्त पहल है। यह योजना सुनिश्चित करती है कि हर प्रसव के बाद मां और शिशु को पोषणयुक्त आहार एवं आवश्यक दवाएं तत्काल और निःशुल्क मिलें, जिससे उनकी प्रारंभिक रिकवरी और स्वास्थ्य बेहतर हो सके।
कई प्रकार के आहार है मौजूद:
डीपीएम नीलेश कुमार ने बताया कि प्रसव के बाद महिला का शरीर बेहद कमजोर होता है और उसे तुरंत ऊर्जा, प्रोटीन, और पोषक तत्वों की जरूरत होती है। इसी को ध्यान में रखते हुए किट में मां के लिए घी, खिचड़ी प्रीमिक्स, नमकीन दलिया प्रीमिक्स, राइस-खीर प्रीमिक्स, प्रोटीन बार व बेसन बर्फी शामिल है। इन पोषण वस्तुओं के नियमित सेवन से प्रसवोत्तर कमजोरी दूर होती है और स्तनपान में सहायता मिलती है। साथ ही मां की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। बताया कि सभी प्रखंडों में पौष्टिक आहार किट का वितरण होना है।
इसके पश्चात डीएम ने सभी प्रसूता माताओं से स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिए जा रहे व्यवस्थाओ संबंधित फीडबैक भी लिया, सभी मरीज ने व्यवस्थाओ को सराहा है। कोई चीज की कमी नही, डॉक्टर समय समय पर आकर मरीजो का जांच भी करते हैं। सिविल सर्ज ने बताया कि हर दिन यहां 100 से ऊपर मरीजो का ओपीडी भी किया जाता है।








Jun 10 2025, 11:24
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