चिलचिलाती धूप में प्यास बुझाने के लिए इंसानों को छोड़िए, पशु-पक्षी भी हलकान
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विश्वनाथ प्रताप सिंह
प्रयागराज ।तहसील क्षेत्र के विकासखंड शंकरगढ़ एवं जसरा क्षेत्र स्थित कई गांवों में पेयजल समस्या सबसे बड़ी समस्या के रूप में उभरकर सामने आई है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, लोग पिछले दो-तीन महीने से पानी का संकट झेलते आ रहे हैं। दिन निकलने से लेकर शाम को अंधेरा होने तक लोग पानी की तलाश में इधर उधर भटकते रहते हैं। जिन लोगों के पास साइकिल,मोटरसाइकिल,स्कूटी या अन्य कोई साधन हैं, वे लोग किसी तरह 2-3 किमी दूर से पानी ले सकते हैं, लेकिन जिनके पास कोई साधन नहीं है, या जिनके बच्चे बाहर रहकर कमाई करते हैं और घर में केवल बूढ़े मां-बाप ही रह रहे हैं, सबसे बड़ी मुश्किल ऐसे बुजुर्गों के लिए है। गांवों में कुएं व तालाबों में पानी नहीं है,तथा हैंडपंपों ने भी पानी देना बन्द कर दिया है। कुछ ऐसी ही स्थिति पशु पक्षियों के लिए है, जहां इंसान तो किसी तरह पानी का जुगाड़ बना लेता है, लेकिन इन निरीह जीवों को पानी नहीं मिल पा रहा है। बारा क्षेत्र के कुछ इलाके में आजादी से लेकर आज तक जलसंकट बना हुआ है। बहुगुणा जी को छोड़कर कितने विधायक, सांसद आए और चले गए, पर पानी की समस्या कम होने के बजाय बढ़ती ही गई।












Jun 08 2025, 15:28
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